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खतरे में युद्धविराम! गाजा में हमले की तैयारी में हमास, अमेरिका ने दी सख्त चेतावनी

वाशिंगटन  अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसके पास ‘‘विश्वसनीय रिपोर्ट'' है कि हमास गाजा में फिलीस्तीनी आम नागरिकों पर हमला करके युद्धविराम का उल्लंघन कर सकता है। बयान में कहा गया है कि अगर हमला होता है तो यह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इजराइल और हमास के बीच दो साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए किए गए समझौते का ‘‘प्रत्यक्ष और गंभीर उल्लंघन'' होगा। संभावित हमले के बारे में और कोई जानकारी नहीं दी गई। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘अगर हमास यह हमला करता है तो गाजा के लोगों की सुरक्षा और संघर्षविराम को बनाए रखने के लिए कदम उठाए जाएंगे।'' ट्रंप ने इससे पहले सोशल मीडिया पर चेतावनी दी थी कि ‘‘अगर हमास समझौते के विपरीत, गाजा में हिंसा जारी रखता है तो हमारे पास वहां जाकर उन्हें मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।'' अमेरिका के राष्ट्रपति ने बाद में स्पष्ट किया कि वह गाजा में अमेरिकी सेना नहीं भेजेंगे। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह हम नहीं करेंगे। हमें ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनके नजदीक बहुत लोग हैं जो अंदर जाएंगे और वे आसानी से काम कर देंगे, लेकिन हमारी छत्रछाया में।''   

आसमान में भड़की आग: उड़ते विमान में धुआं भर गया, 160 जानें खतरे में!

बीजिंग  चीन के हांगझोउ से दक्षिण कोरिया के सियोल के लिए उड़ान भर रही एयर चाइना फ्लाइट CA139 शनिवार को डरावनी घटना का सामना कर रही थी। उड़ान के लगभग 40 मिनट बाद, ओवरहेड केबिन (सीट के ऊपर कैरी-ऑन बैग रखने वाली जगह) में रखी लिथियम बैटरी में विस्फोट हो गया, जिससे आग लग गई और यात्रियों में दहशत फैल गई। फ्लाइट सुबह 9:47 बजे (स्थानीय समय) हांगझोउ एयरपोर्ट से रवाना हुई थी और दोपहर 12:20 बजे इंचियोन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचने वाली थी। घटना के तुरंत बाद क्रू ने आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू की। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि केबिन क्रू आग बुझाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं और यात्री डर के मारे सीटों पर बैठकर स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे थे। वी   डियो में कोरियाई भाषा में ‘जल्दी करो’ जैसी आवाजें भी सुनाई दे रही हैं। एयर चाइना ने चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि क्रू ने तुरंत कार्रवाई कर आग पर नियंत्रण पाया। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विमान को शंघाई पुडोंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। फ्लाइटराडार24 के अनुसार विमान ने समुद्र के ऊपर एक पूरा चक्कर लगाया और सुबह 11 बजे के करीब शंघाई में सुरक्षित उतरा। विमान में 160 यात्री और क्रू मेंबर्स सवार थे और सभी सुरक्षित हैं।   यह घटना लिथियम बैटरियों से जुड़े जोखिमों को फिर से उजागर करती है। हाल के वर्षों में कई एयरलाइन फ्लाइटों में ऐसी घटनाएं हुई हैं।मई 2025 में हांगझोउ से शेनझेन जा रही चाइना सदर्न एयरलाइंस की फ्लाइट टेकऑफ के 15 मिनट बाद लिथियम कैमरा बैटरी और पावर बैंक से धुएं के कारण वापस एयरपोर्ट पर लौट गई। इससे पहले जनवरी 2025 में एयर बुसान की फ्लाइट में स्पेयर पावर बैंक में विस्फोट हुआ, जिसमें 169 यात्री और 7 क्रू मेंबर्स सवार थे। 7 लोग मामूली रूप से घायल हुए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि लिथियम बैटरियों में गर्मी या शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना रहती है। एयरलाइन कंपनियां यात्री बैटरियों को सही तरीके से पैक करने और सुरक्षित रखने के निर्देश देती हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं कभी-कभी नियंत्रित नहीं हो पातीं। घटना के बाद कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की। कुछ ने विमान क्रू की तत्परता और आपातकालीन प्रशिक्षण की तारीफ की। वहीं, कुछ यात्रियों ने लिथियम बैटरियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। वीडियो में यात्री केबिन से उठती आग और क्रू की सक्रियता को देख सकते हैं, जिससे घटना की गंभीरता स्पष्ट होती है।

अपनी ही पार्टी पर बरसे BJP नेता, बोले – कश्मीरी पंडितों के नाम पर हुई सियासत

जम्मू अपनी ही पार्टी पर विस्थापित कश्मीरी पंडितों का पॉलिटिकल फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए, नाराज बीजेपी नेता जहांजैब सिरवाल ने रविवार को पार्टी लीडरशिप से समुदाय के साथ लंबे समय से हो रहे अन्याय को दूर करने के लिए सही कदम उठाने की अपील की। पिछले साल अप्रैल में कांग्रेस छोड़ने के बाद बीजेपी में शामिल हुए सिरवाल ने कहा, “यह समुदाय BJP के लिए सबसे मजबूत, फिर भी बिना पैसे वाले, बिना पहचाने और बिना पहचाने कैंपेन करने वालों में से रहा है। बीजेपी लीडरशिप ने पॉलिटिकल फायदे के लिए पार्लियामेंट में उनकी तकलीफ का 500 से ज्यादा बार जिक्र किया है और हर पॉलिटिकल दुश्मन के खिलाफ एक टूल के तौर पर इस्तेमाल किया है।” उन्होंने कहा, “मैं पार्टी लीडरशिप से (कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ) लंबे समय से हो रहे अन्याय को दूर करने के लिए पक्के और सही कदम उठाने की अपील करता हूं। वे सिर्फ दिखावे या पार्लियामेंट्री बहसों में बार-बार जिक्र से ज्यादा के हकदार हैं।” इससे पहले, 3 अक्टूबर को, सिरवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुसलमानों के खिलाफ पुलिस के बदले वाले रवैये का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफा देने की धमकी दी थी। बीजेपी नेता ने कहा कि लीडरशिप को ऐसी पॉलिसी को प्राथमिकता देनी चाहिए जो कश्मीरी पंडितों की उनके वतन सुरक्षित वापसी पक्की करें, उनके अधिकार वापस दिलाएं, और उन्हें वह सुरक्षा और मौके दें जिनसे उन्हें बहुत लंबे समय से वंचित रखा गया है। सिरवाल ने यहां एक बयान में कहा, "वे ठोस कार्रवाई के हकदार हैं, जिसकी शुरुआत सीनियर नेताओं द्वारा उनके कैंपों का दौरा करके उनके संघर्षों को खुद देखने से हो, उसके बाद समुदाय के प्रतिनिधियों, जिनमें पार्टी के कुछ सदस्य भी शामिल हैं, के साथ मिलकर बातचीत हो, ताकि उनके सम्मानजनक पुनर्वास के लिए एक पूरा रोडमैप बनाया जा सके।" सिरवाल ने कहा कि उनके कैंपों के हालात, जिनमें सही घर, हेल्थकेयर और आर्थिक और सामाजिक तौर पर फिर से जुड़ने के मौके नहीं हैं, यह तीन दशकों से ज्यादा समय से चले आ रहे मानवीय संकट को सुलझाने में नाकामी को दिखाता है। कश्मीरी पंडितों के जाने को गहरी मानवीय त्रासदी बताते हुए, उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सिर्फ एक आर्थिक मुद्दा नहीं था। सिरवाल ने बयान में कहा, “परिवारों को उनके घरों से निकाल दिया गया, उनकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को उखाड़ फेंका गया, और उन्हें अपने ही देश में देश निकाला में रहने के लिए मजबूर किया गया, और अपर्याप्त सुविधाओं और अनदेखी वाले कैंपों में दशकों तक मुश्किलें झेलनी पड़ीं।” उन्होंने समुदाय की शिकायतों को दूर करने या उनके पुनर्वास की दिशा में काम करने के लिए उनके साथ सार्थक बातचीत की कमी की निंदा की।

केंद्र का तोहफा: दिवाली से पहले कर्मचारियों के खाते में 60 दिन का बोनस

नई दिल्ली  दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए बड़ा तोहफा दिया है। संचार मंत्रालय के डाक विभाग ने एक आधिकारिक आदेश जारी करते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए उत्पादकता-लिंक्ड बोनस का ऐलान किया है। आदेश के अनुसार, डाक विभाग के कर्मचारियों को 60 दिनों के वेतन के बराबर बोनस दिया जाएगा। बता दें कि सरकार का यह कदम कर्मचारियों की मेहनत को मान्यता देने के साथ-साथ त्योहारी सीजन में उन्हें वित्तीय राहत भी प्रदान करता है। किन कर्मचारियों को मिलेगा यह बोनस? डाक विभाग के आदेश के अनुसार, यह बोनस निम्नलिखित श्रेणी के कर्मचारियों को दिया जाएगा- 1. नियमित कर्मचारी — ग्रुप C, मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) और गैर-राजपत्रित ग्रुप B के कर्मचारी। 2. ग्रामीण डाक सेवक — जो नियमित रूप से कार्यरत हैं। 3. अस्थायी और पूर्णकालिक अनौपचारिक (कैजुअल) कर्मचारी इसके अलावा, जो कर्मचारी 31 मार्च 2025 के बाद सेवानिवृत्त, इस्तीफा दे चुके हैं या प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं, वे भी इस बोनस के पात्र होंगे। आदेश में कहा गया है कि ऐसे सभी कर्मचारियों के लिए उत्पादकता-लिंक्ड बोनस, संबंधित प्रावधानों के अनुसार देय होगा। बोनस की गणना कैसे होगी? डाक विभाग ने बोनस की गणना का स्पष्ट फार्मूला भी बताया है। नियमित कर्मचारियों के लिए – बोनस = (औसत वेतन × 60 दिन ÷ 30.4) हालांकि, बोनस की गणना के लिए वेतन की अधिकतम सीमा ₹7,000 प्रति माह निर्धारित की गई है। ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) के लिए- बोनस उनकी टाइम रिलेटेड कंटिन्युटी अलाउंस (TRCA) और महंगाई भत्ता के आधार पर तय किया जाएगा। अस्थायी या पूर्णकालिक कैजुअल श्रमिकों के लिए- उन्हें ₹1,200 के अनुमानित वेतन के आधार पर एड-हॉक बोनस दिया जाएगा। सेवा छोड़ने वाले कर्मचारी भी होंगे लाभान्वित आदेश में यह भी कहा गया है कि जो कर्मचारी 31 मार्च 2025 के बाद विभाग से सेवानिवृत्त, इस्तीफा देने वाले या स्थानांतरित हो गए हैं, उन्हें भी प्रो-राटा आधार पर बोनस दिया जाएगा।  

तालिबान ने दी धमकी: पाकिस्तान को सबक सिखाने का वक्त आ गया!

काबुल अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर हैं। पाकिस्तान ने हाल ही में अफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक करके सीजफायर का उल्लंघन किया, जिससे तालिबान भड़क गया। इस हमले में दस लोगों की जान चली गई, जिसमें उभरते हुए क्रिकेटर्स भी शामिल थे। पाकिस्तान के इस हमले के बाद तालिबान ने उसे सख्त चेतावनी दी है। शहबाज शरीफ के देश को धमकी देते हुए अफगानिस्तान की इंटीरियर मिनिस्ट्री में डिप्टी मंत्री और तालिबान नेता मौलवी मुहम्मद नबी ओमारी ने कहा कि हमले की कोशिश हुई तो पाकिस्तानी सैनिकों को भारत के बॉर्डर तक खदेड़ दिया जाएगा। पाकिस्तानी सेना को चेतावनी देते ओमारी ने कहा, ''अगर अफगानिस्तान और लोगों ने धार्मिक आदेश से हमलावर घोषित कर दिया तो मैं कसम खाता हूं कि तुम्हें भारतीय बॉर्डर तक भी सुरक्षा नहीं मिलेगी।'' पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर और शहबाज शरीफ की मुलाकात पर भी उन्होंने निशाना साधा। तालिबानी मंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी सेना सबकुछ दूसरों की इच्छा के हिसाब से ही करती है और हाल ही में सबने शहबाज शरीफ को ट्रंप की चापलूसी करते हुए भी देखा ही होगा।'' इस बीच, पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोहा में बातचीत में तुरंत सीजफाययर पर राजी हो गए। हालांकि, यह वक्त ही बताएगा कि पाकिस्तान अपने इस समझौते को कितना मानता है, क्योंकि पिछले दिनों सीजफायर होने के बाद भी उसने अफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक की थी। एक हफ्ते से ज्यादा समय से, दक्षिण एशियाई पड़ोसी बॉर्डर पर खूनी झड़पों में लगे हुए हैं, जोकि साल 2021 में तालिबान सरकार की वापसी के बाद से यह उनकी सबसे बुरी लड़ाई है। दोहा में शांति बातचीत के बाद, कतर के विदेश मंत्रालय ने रविवार सुबह कहा कि दोनों पक्ष तुरंत सीजफायर और दोनों देशों के बीच पक्की शांति और स्थिरता को मजबूत करने के लिए सिस्टम बनाने पर राजी हो गए हैं। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि वे सीजफायर पक्का करने के लिए आने वाले दिनों में फॉलो-अप मीटिंग करने पर भी राजी हुए। पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने कन्फर्म किया कि सीजफायर एग्रीमेंट हो गया है और कहा कि दोनों पक्ष 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में फिर मिलेंगे।

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल: मुस्लिम युवाओं ने प्रेमानंद जी महाराज के लिए दरगाह में मांगी दुआ

हरिद्वार  वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य को लेकर दुआ का दौर जारी है। जहां एक तरफ हिंदू समुदाय के लोग मंदिरों में उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कलियर में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी उनके चित्र को हाथों में लेकर दरगाह साबिर पाक में चादर व फूल पेश कर प्रेमानंद महाराज की लंबी आयु और उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआ मांगी है। वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज की कई दिन से स्वास्थ्य ठीक न होने से देशभर में भक्त काफी मायूस और परेशान हैं। उनकी सेहत के लिए दुआएं मांगी जा रही हैं। दुआओं का असर है कि संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। इसी को लेकर कलियर में भी मुस्लिम समाज के लोग ने भी प्रेमानंद महाराज के दीर्घायु और जल्द स्वस्थ होने की दुआ मांग रहे है। इस दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने हाथों में संत प्रेमानंद महाराज की तस्वीर लकर दरगाह साबिर पाक ने चादर और फूल पेश कर हुए उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआ मांगी। इस दौरान सिंगर राजा तुर्क, शफीक साबरी, इस्तेखार साबरी आदि शामिल रहे। संत प्रेमानंद की सेहत पर चिंता में भक्त प्रेमानंद महाराज की सेहत पिछले कई दिनों से कमजोर चल रही है। उन्हें पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज नामक गंभीर किडनी की बीमारी है, जिसके कारण उन्हें नियमित डायलिसिस करानी पड़ती है। 2006 में पेट दर्द के बाद यह बीमारी सामने आई थी। हाल ही में उनकी तबीयत खराब होने के कारण उनकी तीर्थयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। वे अब वृंदावन में भक्तों से मिलने लगे हैं और स्वास्थ्य सुधार की दिशा में हैं।

दिवाली-छठ के दौरान नासिक में हादसा, भीड़ में ट्रेन से कटकर तीन गंभीर घायल

 नासिक  महाराष्ट्र के नासिक रेलवे स्टेशन पर दर्दनाक हादसा सामने आया है. मुंबई से बिहार जाने वाली कर्मभूमि एक्सप्रेस को पकड़ने की कोशिश में तीन यात्री ट्रेन की चपेट में आ गए. इस हादसे में दो लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है. जानकारी के अनुसार, त्योहारों के मौसम में मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य शहरों से बड़ी संख्या में लोग अपने गांव लौट रहे हैं. इसी दौरान नासिक स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी ने दो यात्रियों की जान ले ली. कैसे हुआ हादसा? बताया जा रहा है कि कर्मभूमि एक्सप्रेस नासिक स्टेशन पर नहीं रुकती है, लेकिन ट्रेन की रफ्तार यहां थोड़ी धीमी थी. इसी दौरान तीन यात्रियों ने चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश की और तभी वे ट्रेन की चपेट में आ गए. रेलवे अधिकारियों और स्थानीय पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया. गंभीर रूप से घायल यात्री को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मृतकों की पहचान की जा रही है. ये सभी बिहार जाने वाले यात्री बताए जा रहे हैं. रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ यह हादसा एक बार फिर से रेलवे सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करता है. त्योहारी सीजन में ट्रेनों में बढ़ती भीड़ और जल्दबाजी में लिए गए फैसले अक्सर जानलेवा साबित होते हैं. रेलवे को चाहिए कि वह ऐसे स्टेशनों पर सुरक्षा उपायों को और बेहतर करे, जहां ट्रेनें नहीं रुकतीं, लेकिन यात्रियों की भीड़ ज्यादा होती है. उधर दीपावली और छठ पर्व करीब आते ही राजधानी दिल्ली सहित देशभर के कई रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. खासतौर से उत्तर प्रदेश और बिहार के हजारों प्रवासी अपने घर लौटने के लिए रेलवे स्टेशन पर डटे हुए हैं. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हालात ऐसे हैं कि पैर रखने की भी जगह नहीं दिख रही.  

चांडलर लैंगविन के बयान से बवाल, भारतीयों पर की गई टिप्पणी से भड़की प्रतिक्रियाएं

वाशिंगटन अमेरिकी लीडर चांडलर लैंगविन ने भारतीयों के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई आपत्तिजनक पोस्ट किए हैं। इसे लेकर उन पर जमकर निशाना साधा जा रहा है। फ्लोरिडा के इस राजनेता की टिप्पणियों के खिलाफ सिटी काउंसिल ने निंदा प्रस्ताव पारित किया। रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम के बाद लैंगविन को अब कोई भी एजेंडा तय करने से पहले सहमति लेनी होगी। साथ ही, उन्हें आधिकारिक बयान से रोक दिया गया है और समितियों से भी हटा दिए गए हैं। लैंगविन ने भारतीयों की सामूहिक रूप से निर्वासन की मांग की थी। उसने कहा कि कोई भी भारतीय यूएस की परवाह नहीं करता और वे केवल आर्थिक शोषण के लिए यहां हैं। चांडलर लैंगविन ने अपनी पोस्ट में भारतीयों पर अमेरिका का शोषण करने का आरोप लगाया। उन्होंने स्टॉकटन हादसे का जिक्र किया, जहां भारतीय मूल के हरजिंदर सिंह पर गैरकानूनी यूटर्न के कारण तीन लोगों की मौत का आरोप है। 2 अक्टूबर को अपनी जन्मदिन की पोस्ट में लैंगविन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सभी भारतीयों के वीजा रद्द करने और उन्हें तत्काल निर्वासित करने की मांग की थी। उसने लिखा, 'आज मेरा जन्मदिन है और मैं चाहता हूं कि ट्रंप सभी भारतीय वीजा रद्द करें और उन्हें तुरंत निर्वासित करें। अमेरिका अमेरिकियों के लिए है।' अमेरिकी नेता के बयान की कड़ी निंदा लैंगविन ने कहा कि भारतीय अमेरिकियों की जेब खाली करने के लिए यहां हैं। वे अमेरिका की संस्कृति में घुलमिल नहीं सकते। 18 अक्टूबर की पोस्ट में उन्होंने रूढ़िवादी हिंदुओं और भारतीयों का जिक्र किया जो उनकी निर्वासन की मांग का समर्थन करते हैं। हालांकि, बाद में लैंगविन ने साफ किया कि उनकी टिप्पणियां केवल अस्थायी वीजा धारकों के लिए थीं, न कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए। इन टिप्पणियों के बाद अमेरिका भर में भारतीय-अमेरिकी समूहों ने लैंगविन की कड़ी निंदा की है। उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है। इस विवाद ने यूएस में नस्लीय और आप्रवासी मुद्दों पर चल रही बहस को और तेज कर दिया है।

RSS कार्यक्रम को नहीं मिली मंजूरी, कर्नाटक सरकार के निर्णय पर गरमाई सियासत

चित्तपुर  कर्नाटक के चित्तपुर में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पथ संचलन कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी गई। राज्य सरकार में मंत्री प्रियंक खरगे का गृह निर्वाचन क्षेत्र चित्तपुर है, जहां अधिकारियों ने शांति और कानून-व्यवस्था भंग होने की आशंका का हवाला दिया। नगर पालिका परिषद ने मुख्य सड़क पर आरएसएस की ओर से लगाए गए कट-आउट और बैनर पुलिस सुरक्षा के बीच हटा दिए थे। उसने कहा था कि इन्हें मार्च की इजाजत देने से पहले लगाया गया थे। चित्तपुर के तहसीलदार ने अपने आदेश में कहा, ‘चित्तपुर में शांति व कानून-व्यवस्था भंग होने से रोकने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए 19 अक्टूबर को होने वाले आरएसएस के पथ संचलन कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार किया जाता है। इसके साथ ही आवेदन खारिज किया जाता है।’ कर्नाटक सरकार ने भी आदेश जारी कर निजी संगठनों, संघों या समूहों के लिए किसी भी सरकारी संपत्ति या परिसर का उपयोग कार्यक्रमों, आयोजनों या जुलूसों के लिए करने के वास्ते पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया। राज्य सरकार ने क्यों लिया यह फैसला राज्य मंत्रिमंडल की ओर से लिए गए उस निर्णय के दो दिन बाद यह कदम उठाया गया है, जिसमें कहा गया था कि किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के लिए सरकारी विद्यालयों, कॉलेज परिसरों और सार्वजनिक स्थलों के उपयोग से पहले इजाजत लेना जरूरी होगा। कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखा थी। इसमें उन्होंने सरकारी विद्यालयों, कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग रखी थी। संगठन के शताब्दी समारोह के अवसर पर और विजयादशमी के तहत RSS ने 19 रविवार को दोपहर तीन बजे कार्यक्रम रखा था। कलबुर्गी जिले के चित्तपुर शहर में पथ संचलन और विजयादशमी कार्यक्रम की इजाजत के लिए एक आवेदन दिया था। भीम आर्मी संगठन ने भी मांगी थी इजाजत भीम आर्मी संगठन ने भी पत्र के माध्यम से सूचित किया कि वह 19 अक्टूबर को उसी मार्ग पर एक रूट मार्च निकालेगा। इसके अलावा पुलिस थाने के खुफिया अधिकारी को इन जुलूसों के बारे में जानकारी एकत्र करने का काम दिया गया था। इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपी गई थी जिसमें कहा गया कि 16 अक्टूबर को RSS कार्यकर्ता दानेश नारोन ने स्थानीय विधायक और जिला प्रभारी मंत्री प्रियंक खरगे को अपशब्द कहे थे। उन्हें जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में बेंगलुरु के सदाशिवनगर थाने में मामला दर्ज किया गया है। इस घटना के विरोध में चित्तपुर सहित पूरे कर्नाटक में प्रदर्शन हुए हैं।

गोला-बारूद से नहीं, फुलझड़ियों से खतरा! कुमार विश्वास ने किया पटाखा नीति पर व्यंग्य

मुंबई  हिंदी के जाने-माने कवि डॉ. कुमार विश्वास ने दिवाली से पहले आतिशबाजी को लेकर बड़ा बयान दिया है. मुंबई में आयोजित एक कवि सम्मेलन में डॉ. कुमार विश्वास ने तीन साल से चल रहे यूक्रेन-रूस युद्ध के बहाने दिवाली पर आतिशबाजी का विरोध करने वालों को करारा जवाब दिया है. मुंबई के षणमुखानंद हॉल में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. कुमार विश्वास ने कहा, ‘तीन साल से यूक्रेन और रूस आपस में भिड़े हुए हैं. इतना गोला-बारूद बर्बाद कर दिया. गाजा में भी गोला-बारूद चल रहा है.’ उन्होंने भारत के ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद पाकिस्तान के साथ हुए तनाव को भारत का वॉर्मअप बताते हुए कहा कि इतने गोले-बारूद से ओजोन परत बिलकुल सुरक्षित रही, लेकिन दिवाली पर चार फुलझड़ी से ओजोन में बड़ा छेद हो जाएगा. डॉ. कुमार विश्वास ने तंज कसते हुए कहा, ‘ओजोन में चार फुलझड़ियों से इतना बड़ा छेद हो जाएगा कि उसमें से बहुत सारे बुद्धिजीवी ऊपर जाएंगे और नीचे आएंगे.’ हर दिवाली छिड़ती है आतिशबाजी को लेकर बहस दरअसल, हर दिवाली पर इस बात को लेकर बहस छिड़ती है कि इसदिन होने वाली आतिशबाजी से पर्यावरण को कितना नुकसान होता है. इसे लेकर एक पक्ष का कहना होता है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत हिंदू त्योहारों को निशाना बनाने की कोशिश के चलते पर्यावरण का बहाना बनाया जाता है. इस पक्ष का तर्क यह भी होता है कि न्यू ईयर से लेकर दुनियाभर में होने वाले विभिन्न आयोजनों में जमकर आतिशबाजी की जाती है, लेकिन उनपर कोई सवाल नहीं उठाया जाता. वहीं दूसरे पक्ष का कहना होता है कि दिवाली पर होने वाली आतिशबाजी से प्रदूषण फैलता है और पर्यावरण को नुकसान होता है.