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फंदे पर लटकी मिली युवक लाश, फांसी लगाकर की आत्महत्या

बलरामपुर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से युवक के आत्महत्या का मामला सामने आया है. युवक ने अपने किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मामला रामानुजगंज थाना क्षेत्र का है. जानकारी के मुताबिक, रोहित गुप्ता अपनी पत्नी के साथ वार्ड क्रमांक 13 में रहता था. गुरुवार दोपहर 2 बजे करीब पत्नी घर के बाहर में कुछ काम कर रही थी. इसी दौरान रोहित ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया.सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है. मृतक के परिजन और दोस्त सदमें में हैं. फिलहाल आत्महत्या की कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

लग्जरी कार से नशीले इंजेक्शन सहित एक आरोपी को गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार

सरगुजा  नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आबकारी विभाग ने बड़ी सफलता हासिल की है. सरगुजा में विभागीय उड़नदस्ता टीम ने एक लग्जरी कार से नशीली दवाओं की तस्करी का भंडाफोड़ किया है. इस कार्रवाई में 4 लाख 35 हजार रुपए मूल्य की नशीली दवाओं के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य आरोपी फरार हो गया. मिली जानकारी के अनुसार, आबकारी उड़नदस्ता टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि थाना मणिपुर क्षेत्र अंतर्गत सुंदरपुर वेयरहाउस के पास सफेद रंग की हुंडई वरना कार में दो व्यक्ति भारी मात्रा में नशीले इंजेक्शन लेकर ग्राहकों को सप्लाई कर रहे हैं. इनमें से एक की पहचान मुख्य आरोपी देवेंद्र सिंह और दूसरे की गंगाराम मुंडा के रूप में हुई. सूचना के आधार पर टीम ने मौके पर दबिश दी. टीम को देखकर मुख्य आरोपी देवेंद्र सिंह मौके से फरार हो गया, लेकिन उसका साथी गंगाराम मुंडा पुलिस के हत्थे चढ़ गया. गाड़ी की तलाशी लेने पर 2,413 नग नशीले इंजेक्शन बरामद किए गए, जिनकी कीमत लगभग 4 लाख 35 हजार रुपये आंकी गई है. फिलहाल आबकारी विभाग ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है. फरार मुख्य आरोपी की तलाश जारी है.

मुख्यमंत्री साय बोले – हमारा उद्देश्य जनता को पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार प्रशासन देना

22 आबकारी अधिकारियों का तत्काल निलंबन भ्रष्टाचार पर कड़ी चोट आईएएस, आईएफएस से लेकर राज्य सेवा के अधिकारियों पर भी कार्रवाई रायपुर, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर आगे बढ़ रही है। साथ ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। पूर्व शासनकाल के दौरान हुए 3200 करोड़ रूपए के बहुचर्चित शराब घोटाले में साय सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 29 में से 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबन की इस कार्रवाई को किसी भी राज्य द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। इन अधिकारियों पर वर्ष 2019 से 2023 के बीच भ्रष्टाचार कर करीब 88 करोड़ रुपये की अवैध कमाई से चल-अचल संपत्तियां भी बनाने का आरोप है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा की गई विस्तृत जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह पूरा घोटाला एक संगठित सिंडिकेट के जरिये संचालित हो रहा था, जिसमें आरोपी आबकारी अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसका खुलासा होते ही छत्तीसगढ़ सरकार ने बिना देर के 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। जिनमें आबकारी उपायुक्त अनिमेष नेताम, अरविन्द कुमार पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर, विजय सेन शर्मा शामिल हैं। इसी प्रकार सहायक आयुक्त आबकारी प्रमोद कुमार नेताम, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, राजेश जायसवाल, मंजुश्री कसेर, दिनकर वासनिक, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलख राम कसेर, सोनल नेताम और जिला आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, नितिन कुमार खंडूजा शामिल हैं। गौरतलब है कि पूर्व सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान कई बड़े घोटाले हुए हैं, जिनकी जांच केंद्रीय और राज्य एजेंसियां कर रही हैं और एक-एक कर सभी दोषी जेल भेजे जा रहे हैं। केवल शराब घोटाला ही नहीं, राज्य सरकार डीएमएफ घोटाला, महादेव सट्टा एप घोटाला और तेंदूपत्ता घोटाले जैसे मामलों की भी गहराई से जांच करवा रही है, जिनमें किसी भी तरह की संलिप्तता सामने आने पर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है। बीते दो वर्षों में ACB ने 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ा है, जो राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का बड़ा उदाहरण है। मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के साथ-साथ राज्य में सुशासन और पारदर्शी प्रशासन को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसके तहत जेम पोर्टल से खरीददारी को अनिवार्य किया गया है, ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत हुई है, 350 से अधिक सुधारों के जरिये निवेश की राह भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और आसान बनाई गई है, इसी क्रम में सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के माध्यम से एनओसी की प्रक्रिया बेहद सरल कर दी गई है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आबकारी विभाग में FL-10 नीति को समाप्त कर पारदर्शी व्यवस्था लागू की गई है और देशी-विदेशी मदिरा की बोतलों पर अब नासिक मुद्रणालय से छपने वाले होलोग्राम अनिवार्य किए गए हैं ताकि नकली शराब की बिक्री पर रोक लगाई जा सके। इसी तरह खनिज ट्रांजिट पास की प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है, लकड़ियों की ई-नीलामी प्रणाली लागू की गई है और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने PSC-2021 परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच CBI को सौंप दी है, जिसमें आयोग के तत्कालीन चेयरमैन को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, भारतमाला योजना और सीजीएमएससी घोटालों की जांच भी EOW को सौंपी गई है, जिनमें दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस पारदर्शी कार्रवाई में आईएएस, आईएफएस से लेकर राज्य सेवा के विभिन्न स्तर के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट कहा है कि यह घोटाला पिछली सरकार के कार्यकाल में हुआ था, घोटाले में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अब राज्य में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है, हमारी सरकार का उद्देश्य जनता को पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार प्रशासन देना है।  

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक शुरू, हो सकते है कई बड़े फैसले

रायपुर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक शुरू हो गई है. विधानसभा के मानसून सत्र से पहले हो रही यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है. इस बैठक में कई मुद्दों पर मुहर लग सकती है. साथ ही मानसून सत्र में पेश होने वाले नए विधेयकों को लेकर चर्चा की जा सकती है. यह बैठक मंत्रालय (महानदी भवन) में हो रही है.

फसल बीमा कराने की आखिरी तारीख का हुआ ऐलान

रायपुर कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने वर्ष 2025 के खरीफ फसलों के लिए बीमा अवधि 15 से 31 जुलाई निर्धारित की गई है. वहीं किसान अब मात्र 2 प्रतिशत प्रीमियम दर पर करा फसलों का बीमा सकेंगे. शासन ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के किसान मुख्य फसल धान सिंचित, धान असिंचित एवं अन्य फसल मक्का, मूंगफली, मूंग, उड़द, सोयाबीन, अरहर, कोदो, कुटकी, रागी का बीमा करा सकते हैं. किसानों के फसल को प्रतिकूल मौसम, सूखा, बाढ़, जलप्लावन, ओलावृष्टि सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को होने वाले नुकसान से राहत दिलाने के लिए बीमा में शामिल किए जाने वाले किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत ऋणी एवं अऋणी किसान जो भू-धारक व बटाईदार हो सम्मिलित हो सकते हैं, जो किसान अधिसूचित ग्राम व राजस्व निरीक्षक मंडल में अधिसूचित फसल के लिए वित्तीय संस्थानों से मौसमी कृषि ऋण स्वीकृत, नवीनीकृत की गई है. अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी गैर ऋणी किसान जो योजना में सम्मिलित होने इच्छुक हो वे बुआई प्रमाण पत्र क्षेत्रीय पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित कराकर एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर लाभ ले सकते हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत फसलवार जिले में बीमित राशि (रुपए प्रति हेक्टेयर) एवं किसान के देय प्रीमियम राशि (रुपए प्रति हेक्टेयर) निर्धारित की गई है. जिसके तहत खरीफ 2025-26 में उड़द के लिए बीमांकित राशि 30 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 600 रुपए प्रति हेक्टेयर, मूंग के लिए बीमांकित राशि 29 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 580 रुपए प्रति हेक्टेयर, मूंगफली के लिए बीमांकित राशि 42 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 840 रुपए प्रति हेक्टेयर, कोदो के लिए बीमांकित राशि 22 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 440 रूपए प्रति हेक्टेयर, कुटकी के लिए बीमांकित राशि 22 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 440 रुपए प्रति हेक्टेयर, मक्का के लिए बीमांकित राशि 48 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 960 रुपए प्रति हेक्टेयर, तुअर (अरहर) के लिए बीमांकित राशि 40 हजार रुपए एवं किसान देय प्रीमियम 800 रुपए प्रति हेक्टेयर, रागी के लिए बीमांकित राशि 25 हजार रुपए है.

लखनऊ में नकली कफ सिरप की 5,000 से अधिक बोतलें बरामद, एक व्यक्ति गिरफ्तार

लखनऊ केंद्रीय स्वापक ब्यूरो (सीबीएन) ने लखनऊ में एक मकान से नकली कफ सिरप की 5,300 से अधिक बोतलें बरामद होने के बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस सिरप में प्रतिबंधित नशीले पदार्थ का मिश्रण पाया गया है और प्रतिष्ठित दवा कंपनियों के असली उत्पादों जैसा दिखाने के लिए बोतलों पर नकली लेबल लगाया गया है। नारकोटिक्स उपायुक्त प्रवीण बाली ने कहा, "मुखबिर से सूचना मिलने के बाद बृहस्पतिवार को एक मकान पर छापा मारा गया और कफ सिरप की 5,353 बोतलें बरामद की गईं। इस सिरप में 'अल्प्राजोलम' और 'क्लोनाजेपाम' जैसी नशीली दवाएं मिलाई गई थीं और प्रतिष्ठित कंपनियों के नकली लेबल लगाए गए थे।" उन्होंने बताया, "आरोपी के पास इस तरह की दवाएं रखने या बेचने के लिए कोई वैधानिक दस्तावेज या लाइसेंस नहीं था। एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत पूरी खेप जब्त कर ली गई और व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया।" अवैध दवा के इस व्यापार में संलिप्त नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है।  

छात्रा से बदसलूकी का मामला: रतलाम में टीचर पर बड़ी कार्रवाई, कलेक्टर ने लिया संज्ञान

रतलाम  रतलाम में एक शिक्षक को उसकी हरकतों की सजा मिली है। वीरसिंह मईड़ा नाम के इस शिक्षक ने नशे में एक बच्ची की चोटी काट दी थी। पूरी घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था। यह घटना पिछले साल हुई थी। अब, करीब एक साल बाद, रतलाम के कलेक्टर ने उसे नौकरी से निकाल दिया है। कलेक्टर राजेश बाथम ने यह फैसला लिया। वीरसिंह मईड़ा रावटी के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाता था। स्कूल का नाम सेमलखेड़ी-2 है। मईड़ा वहां सहायक शिक्षक था। उसने 4 सितंबर 2024 को यह हरकत की थी। उस दिन वह स्कूल में नशे की हालत में पहुंचा था। उन्होंने कक्षा 5वीं की एक छात्रा की चोटी काट दी। बच्ची इस दौरान सिसक सिसक कर रोती दिख रही थी। जांच में हुआ खुलासा इस घटना के बाद 5 सितंबर 2024 को शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया था। मामले की जांच हुई। जांच में पता चला कि शिक्षक ने यह कारनामा किया है। इसके बाद कलेक्टर राजेश बाथम ने उसे नौकरी से निकालने का आदेश दिया। यह आदेश गुरुवार की शाम को दिया गया। अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी टीचर ने जब बच्ची की चोटी काटी, तो किसी ने उसका वीडियो बना लिया। वीडियो में टीचर कह रहा था कि जो करना है कर लेना। यह वीडियो इंटरनेट पर बहुत वायरल हुआ था। शुरुआती जांच में ही टीचर को सस्पेंड कर दिया गया था। अब 10 महीने बाद कलेक्टर ने उस पर कार्रवाई की है। उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है।

HC की कड़ी टिप्पणी: चयनित नायब तहसीलदार को नियुक्ति न देना अनुचित

ग्वालियर ग्वालियर हाईकोर्ट(MP High Court) की एकल पीठ ने नायब तहसीलदार के पद पर चयनित होने के बाद भी नियुक्ति नहीं देने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 30 दिन में नायब तहसीलदार के पद पर पोस्टिंग देने का आदेश देते हुए कहा कि यह एक ऐसा ज्वलंत मामला है, जहां राज्य शासन के अधिकारियों ने मनमाना, दुर्भावनापूर्ण, निरंकुश रवैया दिखाया। 2016 में नायब तहसीलदार के पद पर चयन के बाद वह अपनी सफलता का पूरा आनंद नहीं ले सका। उसके जीवन के सात साल बर्बाद कर दिए। न अभ्यावेदन का निराकरण किया, न नियुक्ति दी। इसलिए याचिकाकर्ता 7 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति (हर्जाना) पाने अधिकार रखता है। हर्जाने की राशि उस अधिकारी से वसूली जाएगी, जिसने मनमाना रवैया अपनाया। विभाग की मनमानी कांच मिल रोड ग्वालियर निवासी अतिराज सेंगर पीएससी द्वारा वर्ष 2013 में तहसीलदार पद पर भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में शामिल हुए थे। 2016 में रिजल्ट घोषित किया गया। अतिराज सेंगर को सामान्य श्रेणी की प्रतिक्षा सूची (श्रवण बाधित) में 16 नंबर पर रखा गया। इस श्रेणी में चयनित एक मात्र व्यक्ति अमित कुमार तिवारी थे, लेकिन उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया। इस कारण एमपी पीएससी ने अतिराज के नाम की अनुशंसा की। विभाग को 2018 में अनुशंसा प्राप्त हो गई। नियुक्ति के लिए राजस्व विभाग में पत्राचार किया, लेकिन राजस्व विभाग ने उनके अभ्यावेदन पर ध्यान नहीं दिया, उन्हें नियुक्ति नहीं दी। इसके चलते हाईकोर्ट में याचिका दायर की। एक साल बाद दी थी सूची राज्य शासन ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि चयन सूची एक साल के लिए थी। 2016 में शुरू होकर 2017 में समाप्त हो गई। इसलिए नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। पीएससी ने परिणाम घोषित होने के एक साल बाद नाम की सिफारिश की थी। जब वह सूची अस्तित्व में नहीं थी, तो याचिकाकर्ता को नियुक्ति का सवाल ही नहीं होता है, इसलिए याचिका खारिज किए जाने योग्य है।

जनता की पुकार पर मुख्यमंत्री योगी का भरोसा, बोले- कोई भी असहाय नहीं रहेगा अकेला

गोरखपुर  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर परिसर में 'जनता दर्शन' किया। इस दौरान उन्होंने करीब 200 लोगों की समस्याएं सुनीं और कहा कि परेशान मत हों, आपकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को संबंधित मामलों के निस्तारण के निर्देश दिए। जनता दर्शन में एक महिला इलाज के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई तो उन्होंने कहा कि इलाज का इस्टीमेट मंगा लीजिए, सरकार भरपूर मदद करेगी। मुख्यमंत्री शुक्रवार सुबह जनता दर्शन में गोरखनाथ मंदिर परिसर में कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक पहुंचे और एक-एक करके सबकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने करीब 200 लोगों से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जनता की हर पीड़ा का निवारण सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी भी तरह की शिथिलता नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री के समक्ष जनता दर्शन में एक महिला समेत कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे। सीएम योगी ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को हस्तगत करते हुए निर्देश दिया कि इलाज से जुड़ी इस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करा कर शासन में उपलब्ध कराया जाए।  

वित्तीय साक्षरता शिविर मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक बमनौरा कला द्वारा

 बमनौरा कलां आज मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक बमनौरा कलां के ब्रांच मैनेजर द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों मैं जाकर वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया इसमें वित्तीय साक्षरता शिविर का मुख्य उद्देश्य लोगो को वित्तीय रूप से साक्षर बनाना है ताकि वे अपने पैसे का प्रबंधन बेहतर ढंग से कर सके सही वित्तीय निर्णय ले सके और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन सके वित्तीय साक्षरता शिविर मैं वित्तीय जागरूकता बढ़ाना लोगो को विभिन्न वित्तीय उत्पादों सेवाओं योजनाओं के बारे मैं जानकारी देना इसमें वित्तीय साक्षरता शिविर मैं बचत खाते , ऋण,बीमा और बैंकिंग सेवाओं के बारे मैं विस्तृत जानकारी तथा बैंकिंग सुविधाओ का सही ढंग से लाभ लेना एवं बैंकिंग लोन ऋण समय पर चुकाना इत्यादि शिविर मैं मौजूद मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक से ब्रांच मैनेजर श्री राजेश कुमार जैन, कियोस्क संचालक राकेश अहिरवार , अखलेश रायकवार रक्षपाल सिंह यादव इत्यादि।