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6 नवंबर से बदलेंगे इंदौर के चेकिंग पॉइंट, पुलिस एक्शन में पेश करेगी बॉडी कैमरा और POS मशीन

इंदौर प्रदेश भर में इस सप्ताह से हेलमेट जागरूकता और यातायात नियमों के पालन को लेकर 15 दिवसीय विशेष अभियान शुरू कर दिया गया है। इसी कड़ी में, इंदौर यातायात पुलिस ने हेलमेट के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक बाइक रैली का आयोजन किया। 5 नवंबर तक चलने वाले इस जागरूकता अभियान के बाद, 6 नवंबर से नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त रुख अपनाएगी। पुलिस अधिकारियों ने खुद संभाली कमान अभियान के तहत इंदौर में एक हेलमेट बाइक रैली निकाली गई, जो पलासिया से शुरू होकर रीगल होते हुए राजबाड़ा पहुंची और फिर पलासिया लौट आई। इस रैली में प्रभारी डीसीपी यातायात आनंद कलादगी, एडिशनल डीसीपी पश्चिम संतोषकुमार कौल, एडिशनल डीसीपी पूर्व नरेश अन्नोटिया, एसीपी जोन 2 मनोजकुमार खत्री समेत कई थाना प्रभारी, निरीक्षक, सूबेदार और आरक्षक शामिल हुए। अधिकारियों ने खुद बाइक चलाकर और बैनर-पोस्टर दिखाकर दोपहिया और चार पहिया वाहन चालकों से नियम पालन की अपील की। 5 नवंबर तक जागरूकता, फिर सख्ती सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट (PTRI) ने यह अभियान शुरू किया है। 5 नवंबर तक शैक्षणिक संस्थानों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और बाजार जैसे सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस दौरान सीएसआर एक्टिविटी के जरिए मुफ्त हेलमेट वितरण भी किया जा सकता है। 6 नवंबर से नई व्यवस्था: पुलिसकर्मी भी होंगे जिम्मेदार जागरूकता अभियान खत्म होने के बाद 6 नवंबर से सख्त चेकिंग की जाएगी और इसके लिए नए निर्देश जारी किए गए हैं: * चेकिंग पॉइंट पर पर्याप्त स्टॉपर रखे जाएंगे। * पारदर्शिता के लिए चेकिंग टीम बॉडी वॉर्न और वेब कैमरों से लैस होगी। * सभी चालान पीओएस (POS) मशीन के जरिए बनाए जाएंगे। * नियमित रूप से नियम तोड़ने वाले चालकों का लाइसेंस अमान्य करने के लिए परिवहन विभाग को प्रस्ताव भेजे जाएंगे। * यदि चेकिंग के दौरान कोई पुलिसकर्मी बिना हेलमेट वाले वाहन चालक को बिना कार्रवाई के छोड़ता है, तो इसके लिए उक्त पुलिसकर्मी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। * हर दिन की कार्रवाई की रिपोर्ट गूगल शीट के जरिए पीटीआरआई को भेजनी होगी। 

दिल्ली में बदलेंगे स्कूल एडमिशन के नियम, 2026 से 6 साल पर होगा कक्षा 1 में प्रवेश

नई दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने राजधानी के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में पहली में दाखिले की उम्र को एक समान करने का फैसला लिया है। इसके तहत शैक्षणिक सत्र 2026-27 से पहली कक्षा में प्रवेश केवल उन्हीं बच्चों को मिलेगा जिनकी उम्र 31 मार्च तक छह वर्ष या उससे अधिक होगी। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप किया गया है। दाखिले की अधिकतम और न्यूनतम आयु तय नई नीति के तहत प्रारंभिक शिक्षा को और व्यवस्थित करने के लिए फाउंडेशनल स्टेज की पूरी संरचना को फिर से तय किया गया है। अब नर्सरी, लोअर केजी और अपर केजी को बालवाटिका-1, बालवाटिका-2 और बालवाटिका-3 कहा जाएगा। नई व्यवस्था के अनुसार, नर्सरी में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम चार वर्ष होनी चाहिए।   मौजूदा सत्र के विद्यार्थी रहें अप्रभावित लोअर केजी के लिए चार से पांच वर्ष, अपर केजी के लिए पांच से छह वर्ष और पहली कक्षा के लिए छह से सात वर्ष की आयु तय की गई है। विद्यालय प्रमुख विशेष परिस्थितियों में एक माह तक की उम्र में छूट दे सकेंगे। नई आयु संरचना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा ताकि मौजूदा सत्र के विद्यार्थियों पर इस बदलाव का कोई असर न पड़े। उम्र मानदंड से छूट दी जाएगी परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई बच्चा किसी स्कूल से कोई पिछली कक्षा पास कर चुका है और उसके पास स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र या अंकपत्र है तो उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश के लिए उम्र मानदंड से छूट दी जाएगी। यानी वह बच्चा अपनी पिछली कक्षा के अनुरूप अगली कक्षा में प्रवेश पा सकेगा। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि तीन से आठ वर्ष की उम्र के बच्चे खेल और गतिविधियों के माध्यम से बुनियादी सीख विकसित करें, ताकि आगे की पढ़ाई के लिए मजबूत नींव रखी जा सके।

UP में बिजली कनेक्शन अभियान तेज, हर गांव में लगेंगे 11 हजार वोल्टेज के ट्रांसफार्मर

अंबेडकरनगर नव वर्ष 2026 विद्युतीकरण से वंचित घर और 500 आबादी से अधिक वाले मजरे जनवरी तक रोशन हो जाएंगे। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (नेफ्ट ओवर हाउसहोल्ड) योजना के अंतर्गत यह कार्य किया जाएगा। अवर अभियंता ग्राम प्रधान एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य से संपर्क करके विद्युतीकरण से वंचित घरों को एवं मजरे चिन्हित करेंगे और रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता को सौंपेंगे। इसके बाद लखनऊ निदेशालय टीम सत्यापन शुरू करेगी। अकबरपुर, जलालपुर, टांडा, आलापुर चारों सबडिवीजन के 41 विद्युत उपकेंद्र के अधीन विद्युतीकरण से वंचित गांवों में 11 हजार वोल्टेज एवं एलटी लाइन एवं नया ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा। परियोजना के पूरा होने के बाद शत-प्रतिशत मजरे घर बिजली से जुड़ जाएंगे। बांस-बल्ली के सहारे चल रहे आपूर्ति से छुटकारा मिलेगा। हर गांव-गली व प्रत्येक घर को रोशन करने की योजना को धरातल पर दिखने लगा है। तीन चरण में यह कार्य पूरा होगा पहले चरण में खंभे लगाए जाएंगे दूसरे में केबल व तीसरे में बिजली आपूर्ति एवं कनेक्शन दिया जाएगा। काम पूरा होने के बाद कोई भी गांव या मजरा बिजली से वंचित नहीं रह जाएगा। शत प्रतिशत घर बिजली कनेक्शन से जुड़ जाएंगे। संतोष, दीपक वर्मा ने बताया कि गांव में विद्युतीकरण न होने से ई-रिक्शा, मोबाइल, चार्जिंग के लिए दूसरे गांव में जाना पड़ता है। लो-वोल्टेज,बिजली कटौती व ओवरलोड समस्या खत्म के साथ निर्वाध बिजली आपूर्ति मिलेगी।  

प्रतापगढ़ में पुलिस का शिकंजा! 11 फर्जी जमानतदार गिरफ्तार, खुलासा हुआ अपराधियों के पूरे नेटवर्क का

प्रतापगढ़ मुल्जिम ने क्या किया है, कौन है, कितना बड़ा अपराधी है, किस जुर्म में पकड़ा गया है…। इन सवालों का जवाब खोजे बगैर पैसे की खातिर जमानतदार बनने वाले पेशेवरों के खिलाफ कार्रवाई की पहल हुई है। पुलिस ने 33 पर केस दर्ज करके शनिवार को 11 पेशेवरों को पकड़ा है। पेशेवर जमानतदारों की मदद से जेल से छूट रहे बदमाश पुलिस मुठभेड़ व अन्य तरीकों से बदमाशों को पकड़ती है, लेकिन बदमाश पेशेवर जमानतदारों की मदद से कुछ ही दिन में जेल की सलाखों से आजाद हो जाते हैं। ऐसे में जिले में पुलिस द्वारा पेशेवर व फर्जी जमानतदारों के विरुद्ध विशेष अभियान शुरू किया गया है।   इन जमानतदारों ने पुलिस के समक्ष खोले कई राज शनिवार को एसपी दीपक भूकर ने पत्रकारों को बताया कि अभियान के तहत पकड़े गए पेशेवर जमानतदारों से पूछताछ में कई बातों का पता चला है। एसपी ने कहा कि कुछ वकील भी इसमें शामिल बताए गए हैं। पकड़े गए पेशेवर जमानतदारों ने बताया कि वह अपनी जमीन के कागजात, परिचय पत्र आदि अधिवक्ताओं को दे देते थे। अधिवक्ता उनका प्रयोग करते रहते थे। मुल्जिमो को छुड़ाने में दो से तीन हजार रुपये मिलते थे पकड़े गए अधिकांश जमानतदारों ने पांच से अधिक मुल्जिमों की जमानत ली है। हर बार इनको दो से तीन हजार रुपये मिलते थे। साथ ही न्यायालय में जो शपथ पत्र दिया है, उसमें फर्जी तरीके से बताया कि हमारे द्वारा अन्य किसी की जमानत नही ली गई है। शामिल लोगों पर भी होगी कड़ी कार्रवाई  एसपी ने कहा कि इसमें शामिल वकील या अन्य जो भी लोग पाए जाएंगे उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दर्ज कराए गए केस की जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी गई है। इसमें दाे इंस्पेक्टर व चार सब इंस्पेक्टर रखे गए हैं।  

सीडी कांड में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पर बढ़ा दबाव, इनेलो के आरोपों के बाद चार्जशीट पेश

चंडीगढ़ हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो गुरुग्राम ने नारनौल अदालत में चार्जशीट दाखिल की है।  टीम ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हर्षाली चौधरी की अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। मामला वर्ष 2014 का है जब राव कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। उस समय आरोप लगा था कि पलवल क्षेत्र में 30 एकड़ जमीन की सीएलयू (चेंज ऑफ लैंड यूज) मंजूरी के लिए 30 से 50 करोड़ रुपये की डिमांड की गई थी। इस मामले में रुपये की डिमांड का एक स्टिंग ऑपरेशन धर्मेंद्र नामक व्यक्ति ने किया था, जिसकी सीडी बाद में जांच का हिस्सा बनी।  मामले की शिकायत लोकायुक्त हरियाणा को दी गई थी। लोकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव ने मामले को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंप दिया था। इसके बाद 29 जनवरी 2016 को एसीबी गुरुग्राम थाना में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 13(1)(डी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच पूरी होने के बाद अब 23 अक्तूबर 2025 को एसीबी ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। बता दें कि राव नरेंद्र सिंह को हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। अब जिला के साथ साथ प्रदेश की राजनीति में भी चर्चा शुरू हो गई है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- विकास के हर क्षेत्र आगे बढ़ रहा जनजातीय समुदाय

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार जनजातीय समुदाय की समृद्धि के लिए संकल्पित है। सरकार के रणनीतिक प्रयासों से विकास के हर क्षेत्र में जनजातीय समुदाय आगे बढ़ रहा है। जनजातीय कल्याण की योजनाओं के लिए बजट बढ़ाकर 47 हजार 295 करोड़ किया गया है जो पिछले वर्ष से 6,491 करोड़ रूपये ज्यादा है। सरकार के सतत् प्रयासों से मध्यप्रदेश आज जनजातीय कल्याण के क्षेत्र में देश का अग्रणी प्रदेश बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय समुदायों को आर्थिक विकास के भरपूर अवसर दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'सबका साथ-सबका विकास' दर्शन अपनाते हुए जनजातीय समुदायों योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विशेष रूप से पिछ़डी और कमजोर जनजातियों (पीवीटीजी) के समग्र विकास और कल्याण के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कई ऐतिहासिक प्रयास और नवाचार किए हैं। जनजातीय समुदाय के जीवन स्तर को गुणवत्तापूर्ण बनाने और देशज संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए समर्पित प्रयास किए गए हैं। परिणामस्वरूप जनजातीय समुदाय को न केवल अपने अधिकार मिले हैं, बल्कि संस्कृति की भी रक्षा हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा के लोकव्यापीकरण के जरिए जनजातीय युवाओं को चयन प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के अवसर दिए जा रहे हैं। उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए आजीविका के नए-नए विकल्प और जरूरी साधन भी दिए जा रहे हैं। आदि संस्कृति को आजीविका से जोड़ने की पहल की गई है। जनजातीय समुदायों के जन, जल, जंगल, जमीन और वन्यप्राणियों की नैसर्गिक सुरक्षा के अधिकार से लेकर वन अधिकार पत्र और इनकी आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक संरक्षण के लिए भी सरकार ने व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है। पेसा नियमों से सशक्त हुई ग्राम सभाएं मध्यप्रदेश में पेसा नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन से जनजातीय ग्राम सभाओं को अपने जैविक संसाधनों, भूमि, जल, वन और पारम्परिक व्यवस्थाओं पर अधिकार प्राप्त हुए हैं। अब ग्राम सभाएं विकास योजनाओं में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं, जिससे जनजातीय अंचलों में स्वशासन की दिशा में एक सशक्त आधार स्थापित हुआ है। वे अपने गांवों की विकास योजनाएं खुद बना रही हैं। तेंदूपत्ता संग्राहकों का बढ़ा पारिश्रमिक जनजातीय समुदाय की आजीविका से जुड़े लाखों तेंदूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक बढ़ाकर अब 4,000 रुपये प्रति मानक बोरी कर दिया गया है। इस निर्णय से संग्राहकों की आय बढ़ी है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। तेंदू पत्ता व्यापार बढ़ने से उन्हें लाभ हुआ है। ‘पीएम जनमन’ और ‘धरती आबा’ योजनाओं से विकास को गति प्रदेश में प्रधानमंत्री जन-मन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष जैसी योजनाओं के अंतर्गत 68 करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। साथ ही, जनजातीय अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ कराने के लिये 21 जिलों में 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) प्रारंभ की गई हैं। सिकलसेल उन्मूलन मिशन का विस्तार मध्यप्रदेश में सिकलसेल हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन सभी 89 जनजातीय विकासखंडों में लागू किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कर-कमलों से प्रदेश में हाल ही में एक करोड़वां सिकल सेल स्क्रीनिंग एवं काउंसिलिंग कार्ड वितरण का ऐतिहासिक क्षण भी दर्ज हुआ है। शिक्षा एवं छात्रवृत्ति में उल्लेखनीय कार्य जनजातीय वर्ग के सभी विद्यार्थियों की शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए इन्हें छात्रवृत्ति देने की अवधि साल में 10 माह से बढ़ाकर अब पूरे 12 माह कर दी गई है। उनके छात्रावासों को सुविधा संपन्न बनाया गया है।जनजातीय वीर नायकों की शौर्य कथाएं और गौरवगाथाएं स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल की गई हैं। भगवान बिरसा मुंडा जी की जीवनी अब विद्यालयीन शिक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगी। प्रदेश के सभी जनजातीय कन्या आवासीय शिक्षा परिसरों को अब ‘माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर’ नाम दिया गया है। यह जनजातियों को सम्मान देने का एक अनूठा उदाहरण है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण में म.प्र. अव्वल ‘पीएम जन-मन कार्यक्रम’ अंतर्गत आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर रहा है। इस योजना से विशेष पिछड़ी जनजातियों (बैगा, भारिया, सहरिया) को अत्यधिक लाभ मिला है। इससे पीवीटीजी परिवारों, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, पोषण और प्रारंभिक शिक्षा में उत्तरोत्तर सुधार देखा जा रहा है। सांस्कृतिक गौरव की पुनर्स्थापना राज्य सरकार द्वारा जनजातीय गौरव और पहचान को सम्मान देने के लिए अलीराजपुर जिले का नाम परिवर्तित कर अब ‘आलीराजपुर’ कर दिया गया है। यह निर्णय जनजातीय वर्ग की अस्मिता के सम्मान और इनके सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है।  

दिल्ली एयरपोर्ट T2 का भव्य उद्घाटन: अब सफर होगा और आरामदायक, जानें क्या हैं नई सुविधाएं

नई दिल्ली राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) के टर्मिनल 2 (T2) को आधुनिक तरीके से तैयार किया गया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने एक भव्य समारोह में टर्मिनल 2 का उद्घाटन किया। यह टर्मिनल 2 25-26 अक्टूबर की रात से संचालित होगा। जीएमआर एयरो के नेतृत्व वाले दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने इस टर्मिनल को यात्री सुविधा और अत्याधुनिक तकनीक के साथ अपग्रेड किया है। इस अवसर पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, CISF और DIAL के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मंत्री नायडू ने समारोह में कहा, “माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विश्वसनीय और राष्ट्रव्यापी सम्मानित नेतृत्व में, हम अपने हवाई अड्डों को अभूतपूर्व गति से विश्वस्तरीय ट्रांजिट हब में बदल रहे हैं। दिल्ली हवाई अड्डा, जो उत्तरी क्षेत्र के लगभग 50% यात्री यातायात को संभालता है और प्रतिदिन करीब 50,000 ट्रांसफर प्रबंधित करता है, एक पसंदीदा ट्रांसफर हब के रूप में उभर रहा है। यह DIAL की निरंतर बुनियादी ढांचा उन्नयन और यात्री सुविधा बढ़ाने की कोशिशों के कारण ही संभव हुआ है।”   उन्होंने आगे कहा, “40 साल पुराने टर्मिनल 2 को आधुनिक आकांक्षाओं और बढ़ती मांगों के अनुरूप नया रूप दिया गया है। मैं DIAL और GMR को कुशल, स्मार्ट और यात्री-केंद्रित आधुनिकीकरण कार्य के लिए हार्दिक बधाई और गहरी सराहना देता हूं। यहां से गुजरने वाला प्रत्येक यात्री एक जुड़े, प्रतिस्पर्धी और देखभाल करने वाले भारत का अनुभव करेगा।” टर्मिनल 2 में इन अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं को शामिल किया गया: सेल्फ-बैगेज ड्रॉप (SBD): पहली बार T2 में शुरू की गई इस सुविधा से यात्री स्वयं अपना सामान चेक-इन कर सकते हैं, जिससे कतार में लगने का समय बचेगा। छह नए पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज (PBB): ये तेज और सुरक्षित विमान हैंडलिंग के लिए समायोज्य प्लेटफॉर्म के साथ हैं, जिनमें फ्लश डोर और साइड-कवरिंग कुशन डिजाइन सुरक्षा और सुंदरता को बढ़ाते हैं। वर्चुअल इन्फॉर्मेशन डेस्क: यह अत्याधुनिक सुविधा यात्रियों को लाइव उड़ान जानकारी, बोर्डिंग गेट्स तक नेविगेशन, हवाई अड्डे की दुकानों और सेवाओं की जानकारी, वर्चुअल सहायक से चैट और वाई-फाई कूपन जनरेशन की सुविधा प्रदान करती है। आधुनिक डिजाइन और सुविधाएं: टर्मिनल में आधुनिक छतें, स्काईलाइट डिजाइन, बेहतर फर्श और वेफाइंडिंग साइनेज यात्रियों को एक उज्ज्वल, खुला और स्वागत योग्य माहौल प्रदान करते हैं। विशेष रूप से कम गतिशीलता वाले यात्रियों (PRM) के लिए सुविधाओं पर ध्यान दिया गया है, ताकि यात्रा सभी के लिए समावेशी हो। एयरलाइन संचालन का नया स्वरूप     इंडिगो: तीनों टर्मिनलों पर संचालन विस्तारित करेगा।     टर्मिनल 1: मौजूदा घरेलू उड़ानें     टर्मिनल 2: उड़ानें नंबर 6E 2000 – 6E 2999     टर्मिनल 3: घरेलू उड़ानें 6E 5000 – 6E 5999 और सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें     एयर इंडिया: टर्मिनल 3 से लगभग 60 घरेलू उड़ानों को टर्मिनल 2 में स्थानांतरित करेगा।     एयर इंडिया एक्सप्रेस: सभी घरेलू उड़ानें टर्मिनल 1 से संचालित होंगी।     स्पाइसजेट और अकासा एयर: टर्मिनल 1 से संचालन जारी रखेंगे। एयर इंडिया और इंडिगो मिलकर टर्मिनल 2 से प्रतिदिन लगभग 120 घरेलू उड़ानें संचालित करेंगे। DIAL के CEO विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा, “नवीनीकृत टर्मिनल 2 दिल्ली हवाई अड्डे की परिवर्तन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आधुनिक तकनीक, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर और बेहतर पहुंच के साथ डिजाइन किया गया T2 यात्रियों को एक सहज अनुभव प्रदान करेगा। यह पुन: उद्घाटन टर्मिनलों में एयरलाइन संचालन को संतुलित करने और लाखों यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ाने में मदद करेगा। हमें विश्वास है कि ये अपग्रेड दिल्ली हवाई अड्डे को संचालन उत्कृष्टता और यात्री संतुष्टि में नए मानक स्थापित करने में सक्षम बनाएंगे।  

प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना: ऊर्जा सशक्तिकरण की नई दिशा

रायपुर, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना लोकहित में कारगर साबित हो रही है। सौर ऊर्जा का उपयोग कर बिजली उत्पादन करने की यह योजना ऊर्जा सशक्तिकरण की दिशा में मील पत्थर साबित हो रही है। राजनांदगांव शहर के बसंतपुर वार्ड नंबर 43 के निवासी श्री रामलाल पालीवाल ने बताया कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के संबंध में जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने विद्युत विभाग एवं वेंडर से संपर्क किया एवं अपने घर में 3 किलोवाट का सोलर प्लांट लगवाया है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन लगभग 12 से 15 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन लगभग 10 यूनिट बिजली का उपयोग होता है। रामलाल पालीवाल ने बताया कि अब बिजली बिल से राहत मिली है और बिजली की बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना बहुत उपयोगी है। इसका लाभ सभी को लेना चाहिए। ऊर्जा के संरक्षण की दिशा में उपयोगी राजनांदगावं शहर के बसंतपुर वार्ड नंबर 43 के निवासी रामलाल पालीवाल रूफ टॉप सोलर प्लांट की लागत 1 लाख 75 हजार रूपए है। शासन की ओर से 78 हजार रूपए अनुदान राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि पहले बिजली के बिल से परेशान थे। 1200 से 1500 रूपए तक बिजली बिल आता था। वही गर्मियों में बढ़कर 2000 रूपए से अधिक बिजली का बिल देना पड़ता था। उन्होंने कहा कि अब बिजली के बिल से मुक्ति मिल गई है और अतिरिक्त बिजली 446 यूनिट जमा है। रूफ टॉप सोलर प्लांट पर्यावरण मित्र होने के साथ ही ऊर्जा के संरक्षण की दिशा में उपयोगी है। उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत अपने घर की छत पर ही ऊर्जा का उत्पादन करने की यह पहल बिजली के बिल से मुक्ति दिलाने तथा ऊर्जा संरक्षण की दिशा में लाभदायक साबित हो रही है। प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत स्थापित प्लांट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से संयोजित होगा, जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है। शासन द्वारा दोहरी सब्सिडी ऑनलाईन जारी की जाती है शासन द्वारा प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत 3 किलोवॉट तक राज्य सरकार द्वारा 30 हजार रूपए ओर केन्द्र सरकार द्वारा 78 हजार रूपए तक की सब्सिडी प्रति प्लांट दिए जाने का प्रावधान है। रूफटॉप सोलर संयंत्र की क्षमता अनुसार लागत राशि एवं सब्सिडी अलग-अलग है। उपभोक्ता द्वारा सोलर प्लांट के ब्रांड चयन कर सकते है। 3 किलोवाट से अधिक क्षमता का प्लांट लगाने पर अधिकतम 78 हजार रूपए तक सब्सिडी का प्रावधान है। प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को वेबसाईट या पीएम सूर्यघर मोबाईल एप पर पंजीयन कर लॉग इन आईडी प्राप्त करना होगा। इसके बाद वेब पोर्टल पर उपलब्ध वेंडर का चुनाव कर बिजली कर्मचारी की मदद से वेब पोर्टल पर पूर्ण आवेदन करना होगा। निर्धारित अनुबंध हस्ताक्षरित होने के पश्चात वेंडर द्वारा छत पर प्लांट की स्थापना एवं डिस्कॉम द्वारा नेट मीटर स्थापित किया जाता है। स्थापित प्लांट के सत्यापन पश्चात शासन द्वारा सब्सिडी ऑनलाईन जारी कर दी जाती है। बैंक से ऋण लेने में कोई दिक्कत नहीं पालीवाल ने बताया कि बैंक से ऋण लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई 1 लाख 75 हजार रूपए बैंक से तत्काल ऋण मिल गया। ईएमआईके माध्यम से आसान किस्तों में ऋण का भुगतान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत उपभोक्ता नोन लेने का इच्छुक हो तो प्रकरण पर 7 प्रतिशत ब्याज दर पर बैंक ऋण हेतु बैंकों को जनसमर्थन पोर्टल द्वारा ऑनलाईन प्रेषित किया जाता है।

उप मुख्यमंत्री ने आचार्य आश्रम नयागांव में किया छात्रावास भवन का शिलान्यास

भोपाल उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने चित्रकूट में नयागांव आचार्य आश्रम में श्री बलराम दैसिक संस्कृत विद्यालय द्वारा संचालित छात्रावास के नवीन भवन का शिलान्यास किया। प्रियंबदा बिरला वैदिक एवं संस्कृत विद्यापीठ द्वारा संचालित छात्रावास के निर्माण के लिए लगभग 1 करोड रूपये से अधिक राशि का सहयोग बिरला कार्पोरेशन और विंध्या टेली लिमिटेड द्वारा किया गया है। इस अवसर पर चित्रकूट आचार्य आश्रम के श्री बद्री प्रपन्नाचार्य महाराज, प्रयागराज के श्रीराम सुमनदास जी महाराज, पूर्व विधायक सेमरिया केपी त्रिपाठी, डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन, बालेन्द्र गौतम, प्रबल राव श्रीवास्तव, बीटीएल के रमेश सिंह, प्रधानाचार्य वेद विद्यालय सुनील शास्त्री भी उपस्थित रहे। उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने आचार्य आश्रम परिसर में स्थापित प्रियबंदा बिरला वैदिक एवं संस्कृत विद्यापीठ के छात्रावास का विधि-विधान से भूमिपूजन कर शिलान्यास किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में मानव जीवन के पावन कर्तव्यों को पूरा करने में मार्गदर्शन देने के लिए संत और ऋषि परंपरा प्राचीन काल से रही है। उन्होंने कहा कि रीवा में रामानुज संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रयास किये गये हैं। ताकि विंध्य क्षेत्र के संस्कृत विद्यालयों से निकलने वाले 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय की शिक्षा ग्रहण कर सके। उन्होंने बिडला और बीटीएल को क्षेत्र में औद्योगिक क्रान्ति के साथ आध्यात्मिक और धर्म के कार्यो में सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया। आचार्य आश्रम श्रीबद्री प्रपन्नाचार्य ने अपने आर्शीवचनों में कहा कि पूर्व काल से ही चित्रकूट अत्रि मुनि की तपस्या स्थली रही है। जहां भगवान श्रीराम ने अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण आयु अवधि चित्रकूट में बिताई। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया से चरित्र का पाठ सीखने की लालसा लेकर लोग चित्रकूट आते हैं।  

कोर्ट का कड़ा फैसला: राममंदिर केस में वकील को चुकाने पड़े 6 लाख रुपए

नई दिल्ली  पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के बयान को आधार बनाते हुए राममंदिर फैसले को रद्द कराने की मांग करने वाले एक वकील को अदालत से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की एक अदालत ने वकील महमूद प्राचा पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। दिल्ली की एक जिला अदालत से प्राचा ने 2019 के फैसले को अमान्य घोषित करने की मांग की थी, जिसे हाल ही में खारिज कर दिया गया। प्राचा ने जिला अदालत में उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की, जिसमें अदालत ने उनके दीवानी मुकदमे को नामंजूर कर दिया था। प्राचा ने दावा किया पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (राममंदिर पर फैसला देने वाले पांच जजों में से एक) ने पिछले साल स्वीकार किया कि अयोध्या का निर्णय में उन्होंने वह समाधान दिया जो भगवान श्री राम लला विराजमान ने उन्हें सुझाया, देवता खुद इस मुकदमें में एक पक्षकार बनाए गए थे। पटियाला हाउस कोर्ट में जिला जज धर्मेंद्र राणा ने कहा कि प्राचा की याचिका का कोई ठोस आधार नहीं। यह भ्रमित और अदालत का समय बर्बाद करने के लिए दायर की गई थी। अदालत ने प्राचा पर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। जिला अदालत ने ट्रायल कोर्ट की ओर से लगाए गए एक लाख के जुर्माने में 5 लाख का इजाफा करते हुए 6 लाख भरने को कहा। अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की ओर से लगाया गया जुर्माना अपने उद्देश्य को प्राप्त नहीं कर सका। इसलिए इस तरह के फिजूल मुकदमों को रोकने के लिए जुर्माने की राशि बढ़ाई जानी चाहिए। गौरतलब है कि अपने भाषण में (जिसका अंग्रेजी अनुवाद आदेश में शामिल किया गया), पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने 'रामलला' का उल्लेख नहीं किया, बल्कि केवल यह कहा था कि उन्होंने अयोध्या मामले में समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की थी। मशहूर वकील प्राचा ने एक दीवानी वाद दायर कर यह घोषित करने की मांग की थी कि 2019 का अयोध्या फैसला शून्य है। उन्होंने मामले की फिर से सुनवाई की मांग की थी और अपने मुकदमे में श्री रामलला विराजमान को भी प्रतिवादी बनाया था और उनके अभिभावक प्रतिनिधि के रूप में पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ का नाम डाला था। ट्रायल कोर्ट ने अप्रैल 2025 में प्राचा की याचिका खारिज कर दी और न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए उन पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया। प्राचा ने इस आदेश को जिला न्यायालय में चुनौती दी। 18 अक्टूबर 2025 को जिला न्यायाधीश राणा ने फैसला सुनाया। उन्होंने अयोध्या के फैसले और पूर्व सीजेआई के भाषण दोनों के अंश का उल्लेख करते हुए कहा, 'चंद्रचूड़ का ‘भगवान से प्रार्थना’ करने का उल्लेख एक आध्यात्मिक भावना का प्रतीक था, न कि पक्षपात या बाहरी दखल का प्रमाण।' न्यायाधीश राणा ने यह भी साफ किया कि आस्था के स्तर पर ईश्वर से मार्गदर्शन मांगना ‘धोखाधड़ी’ नहीं कहा जा सकता।