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वोटर बनने की प्रक्रिया में हुए अजीब बदलाव, साजन और सजनी की कहानी

पूर्णिया एसआईआर की समीक्षा में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इसके अलावा, बीएलओ द्वारा आंख बंदकर दस्तावेज अपलोड करने का भी मामला सामने आ रहा है। मतदाता बनने की जुगाड़ में कहीं किसी का साजन बदल गया है तो कहीं किसी की सजनी बदल गई है। पूर्णिया के प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार ने गुरुवार को पूर्णिया के विधानसभा क्षेत्रों के एसआईआर की समीक्षा में इस तरह के कई खामियां पकड़ी है। आयुक्त ने इस मामले में संबंधित मतदान केन्द्र के बीएलओ को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए गलत कागजात प्रस्तुत करने वाले मतदाता सहित उसे अपलोड करने वाले बीएलओ के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का निर्देश पूर्णिया के जिलाधिकारी अंशुल कुमार को दिया है। अमौर विधान सभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या-85 के सभी अभिलेखों गणना प्रपत्र पंजी, गणना प्रपत्र आदि की जांच में कई कॉलम खाली पाए गए। बीएलओ के स्तर से गणना प्रपत्र पंजी तथा गणना प्रपत्र एवं कागजात प्रमाण पत्र का सही-सही संधारण नहीं किया हुआ पाया गया। जांच के क्रम में इस मतदान केन्द्र के तीन गणना प्रपत्र संदेहास्पद पाए गए। एक गणना प्रपत्र में निर्वाचक का नाम-सुखफजा, इपिक नंबर- जेडओएल .2718922 जन्म तिथि-01.1.1949, पिता का नाम-ईसा फली, माता का नाम-जैनफ एवं पति का नाम-मो मुस्लिम गणना प्रपत्र प्रारूप में अंकित है। गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-51 क्रमांक 744 अंकित किया गया है। जबकि गणना प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 मतदाता सूची में इस क्रमांक पर नाम सुरब्जा अंकित है। इस प्रकार गलत कागजात गणना प्रपत्र के साथ पाया गया। उक्त निर्वाचक 2003 के मतदाता सूची में नाम अंकित नहीं पाया गया। दूसरे मामले में निर्वाचक का नाम-आसमीन इपिक-जेडओएल 1955384 जन्म तिथि-01.1.1980, पिता-मो अफाक, माता-नूर दाना, पति-आजाद गणना प्रपत्र प्रारूप में अंकित है। गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-51 क्रमांक 137 अंकित किया गया है, जबकि उक्त गणना प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 के मतदाता सूची में क्रमांक-137 पर नाम आसमीन, पति-सरीफ अंकित है। जांच में यह कागजात भी गलत पाया गया। तीसरे मामले में निर्वाचक का नाम-रुकसाना बेगम, इपिक जीक्यूबी 5273362, पिता-हनीफ, माता-मुरनपा, पति-मोहम्मद फैयाज गणना प्रपत्र में अंकित है। गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-51 क्रमांक-865 अंकित किया गया है, जबकि उक्त प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 के मतदाता सूची के क्रमांक-865 पर निर्वाचक का नाम फकरीन, पति-फैयाज अंकित है। यह भी जांच में गलत पाया गया। समीक्षा के बाद आयुक्त ने माना कि अमौर विधान सभा के मतदान केन्द्र संख्या 85 के बीएलओ ने गणना प्रपत्र को बिना जांच पड़ताल किये कागजात संलग्न कर दिया है जो उनके लापरवाही का परिचायक है। इस संबंध में पृच्छा करने पर बीएलओ द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। इस मामले में इआरओ को आदेश दिया गया कि तत्काल इस मामले की जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। इस मामले में बीएलओ सहित गलत कागज देने वाले दोषी लोगों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें। बायसी विधानसभा में भी पकड़ी गई कई गड़बड़ी आयुक्त ने 57-बायसी विधान सभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या-115 एवं 205 के सभी अभिलेखों यथा-गणना प्रपत्र पंजी, गणना प्रपत्र आदि के जांच में भी अनियमितताएं पायी। यहां जांच के क्रम में पाया गया कि गणना प्रपत्र प्रारूप में निर्वाचक का नाम जीरानी बेगम, जन्म तिथि-01.1.1960, पिता-महमुद आलम, माता-तहमीना खातून, पति-मो० अकबर हुसैन अंकित है। गणना प्रपत्र पर बीएलओ द्वारा 2003 मतदाता सूची का पार्ट-172 क्रमांक-352 अंकित किया गया है, जबकि उक्त प्रपत्र के साथ संलग्न 2003 के मतदाता सूची के क्रमांक-352 में निर्वाचक का नाम सैदा खातून, पति-अकबर अंकित है। इससे बीएलओ की कार्य के प्रति लापरवाही पाई गई। इस संबंध में संबंधित इआरओ को इसकी जांच कर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा गया। इसके अलावा इस मतदान केन्द्र के बीएलओ को बदलते हुए उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया गया। बनमनखी विधानसभा की जांच में मिली कई खामियां 59-बनमनखी विधान सभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या-45 एवं 115 के सभी अभिलेखों यथा-गणना प्रपत्र पंजी, गणना प्रपत्र आदि के जांच की गई। जांच के क्रम में गणना प्रपत्र पंजी के कई कॉलम खाली पाया गया। कई गणना प्रपत्र प्रारूप में लगे फोटो अस्पष्ट एवं संलग्न कागजात सही नहीं पाए गए तथा कुछ गणना प्रपत्र में निर्वाचकों का हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान नहीं पाया गया। इस संबंध में संबंधित इआरओ को अभियान चलाकर उक्त त्रुटियों के सुधार के लिए निर्देश दिया गया। समीक्षा बाद आयुक्त ने जिला पदाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी को वरीय पदाधिकारी के माध्यम से समय-समय पर इनके कार्यों की औचक जांच कराने तथा कार्य में लापरवाही पाये जाने की स्थिति में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।  

बिहार और बंगाल के लिए PM मोदी की बड़ी घोषणाएँ, पुल और मेट्रो परियोजनाएँ शामिल

औंटा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 22 अगस्त को बिहार और पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे. वह सुबह गया में लगभग 13,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री दो नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर जनता को संबोधित करेंगे. इसके बाद, मोदी गंगा नदी पर बने औंटा–सिमरिया पुल परियोजना का उद्घाटन करेंगे. लगभग 1,870 करोड़ रुपये की लागत से बने इस 6 लेन पुल की लंबाई 1.86 किलोमीटर है, जबकि एप्रोच रोड सहित कुल लंबाई 8.15 किलोमीटर है. यह पुल मोकामा और बेगूसराय को जोड़ेगा और उत्तर व दक्षिण बिहार के बीच आवागमन को तेज़ और सुगम बनाएगा. कई जिलों के बीच दूरी 100 किलोमीटर तक घट जाएगी और सफर का समय लगभग डेढ़ घंटे तक कम होगा. 34 मीटर चौड़ा यह एशिया का सबसे चौड़ा पुल है, जिसे 18 मज़बूत पिलरों पर बनाया गया है. गेमचेंजर साबित होगा पुल पुल के दोनों छोर पर आधुनिक रोटरी और हरियाली से युक्त पार्क विकसित किए गए हैं. निर्माण के दौरान Push Box Method, Gabbion Wall और PVD जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे पुल की मजबूती और लोडिंग कैपेसिटी बढ़ाई जा सके. यह पुल न केवल बिहार बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों के उद्योग और व्यापार के लिए भी गेमचेंजर साबित होगा. प्रधानमंत्री द्वारा 2015 में घोषित विशेष पैकेज के तहत यह पुल तैयार किया गया है. 2017 में मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी और अब इसका उद्घाटन होने जा रहा है. प्रधानमंत्री बिहार में बक्सर थर्मल पावर प्लांट (6,880 करोड़ रुपये), मुजफ्फरपुर कैंसर अस्पताल, मुंगेर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (520 करोड़ रुपये) और 1,260 करोड़ रुपये की शहरी परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हज़ारों लाभार्थियों को घर सौंपे जाएंगे. कोलकाता में करोड़ों की परियोनाओं का उद्घाटन शाम को प्रधानमंत्री कोलकाता पहुंचेंगे और लगभग 5,200 करोड़ रुपये की मेट्रो और अन्य विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. वे खुद मेट्रो की सवारी भी करेंगे. नई मेट्रो सेवाएं कोलकाता में यात्रा समय घटाएंगी और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को मज़बूती देंगी. साथ ही, वे 1,200 करोड़ रुपये की लागत वाले 7.2 किमी लंबे कोना एक्सप्रेसवे की आधारशिला भी रखेंगे. यह हावड़ा और कोलकाता के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा.

नई पहल: बच्चों को पढ़ाई जाएगी शिबू सोरेन की जीवनगाथा, स्कूली पाठ्यक्रम में होगा समावेश

रांची झारखंड के स्कूलों में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की जीवनी पढ़ाई जाएगी। जी हां, झारखंड सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने ये घोषणा की है। स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की घोषणा के अनुसार, वर्ष 2026 से राज्य के सभी विद्यालयों में दिशोम गुरु शिबू सोरेन के जीवन और योगदान से जुड़ी सामग्री को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। पहली से बारहवीं कक्षा तक की कुल 8 किताबों में शिबू सोरेन के जीवन पर आधारित अध्याय जोड़े जाएंगे। छोटे बच्चों (कक्षा 1 से 5) के लिए शिबू सोरेन का परिचय सरल भाषा और कहानियों के माध्यम से कराया जाएगा, जबकि बड़ी कक्षाओं में उनके सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष, आदिवासी पहचान की रक्षा में उनकी भूमिका, और संसदीय जीवन जैसे पहलुओं को विस्तार से पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट वर्क और शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से भी इस विषय से जोड़ा जाएगा। बता दें कि शिबू सोरेन का निधन 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगा अस्पताल में हुआ था। उनका 5 अगस्त को उनके पैतृक गांव नेमरा में अंतिम संसकार हुआ था। बेशक शिबू सोरेन दुनिया छोड़ कर चले गए, लेकिन वह हमेशा सभी के दिलों में रहेंगे।  

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने किया प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 की समीक्षा

कृषि रोड मैप से सिंचाई क्षमता और फसल आच्छादन में हुई उल्लेखनीय वृद्धि: विजय कुमार सिन्हा बिहार   माननीय मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भारत सरकार श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 योजना की समीक्षा की गई। इस अवसर पर माननीय उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।  माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 योजना वर्षा आधारित क्षेत्र के लिए वरदान है, जो इस क्षेत्र की तस्वीर को बदल सकती है। अगले 05 वर्षों के लिए नई योजना जलछाजन विकास 3.0 की तैयारी हमे अभी से शुरू करनी चाहिए तथा चालू योजना में शत्-प्रतिशत व्यय प्राप्त किया जाये, जिससे आगामी योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। नदियों का जीर्णोद्धार, झीलों का जीर्णोद्धर तथा पहाड़ी क्षेत्र में टपकन तकनीक से इस योजना का लाभ किसानों तक पहुँचाया जाये।  माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार श्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना-जलछाजन विकास 2.0 योजना के अंतर्गत हमारे राज्य के 18 जिलों में 35 परियोजनाएँ चल रही है, इस योजना के तहत कुल 171600 हे० भूमि का उपचार किया जा रहा है। इस योजना से वर्षा सिंचित क्षेत्रों में मृदा एवं जल संरक्षण कार्य करने से हमारे किसानों को अत्याधिक लाभ हो रहा है। माननीय उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप, जो बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है। जिसके अंतर्गत मृदा एवं जल संरक्षण के लिए राज्य सरकार के स्तर से भी कई योजनाओं यथा पक्का चेक डैम निर्माण, तालाब निर्माण, कुआँ निर्माण एवं आहर जीर्णाेद्धार इत्यादि का कार्यान्वयन कर रहे है। इन सभी योजनाओं के कार्यान्वयन से भी राज्य में सिंचाई क्षमता का विस्तार हुआ है। श्री सिन्हा ने कहा कि केन्द्र सरकार के सम्मिलित प्रयास से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के उपरांत यह ज्ञात हुआ है कि फसल आच्छादन का रकवा 52 लाख हे० से बढ़कर 62 लाख हे० हो गया है। साथ ही फसल सघनता भी 144 से बढ़कर 180 हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत राज्य में जल संरक्षण हेतु विभिन्न संरचना निर्माण यथा पक्का चेक डैम निर्माण, तालाब निर्माण, कुआँ निर्माण, साद अवरोधक बाँध, आहर जीर्णाेद्धार इत्यादि के साथ-साथ पौधा रोपन, जीविकोपार्जन तथा उत्पादन प्रणाली घटक के अंतर्गत भी बड़े पैमाने पर कार्य कराये जा रहे है, जिससे की सिंचाई क्षमता में विस्तार के साथ-साथ फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता तथा हरित क्षेत्र में वृद्धि हुई है।  इस अवसर पर कृषि निदेशक श्री नितिन कुमार सिंह, निदेशक, भूमि संरक्षण श्री राधा रमण सहित विभाग के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।

नारकोटिक, साइबर, सोशल मीडिया, फेक करेंसी और कैश जब्ती के लिए खास सेल गठित

पटना इस वर्ष अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव में सशक्त मॉनीटरिंग करने के लिए पांच अलग-अलग सेल का गठन किया गया है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर इन सेल का गठित आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अंतर्गत किया गया है। इसकी जानकारी डीआईजी (आर्थिक अपराध) मानवजीत सिंह ढिल्लो ने संवाददाताओं से बात करने के दौरान दी। उन्होंने कहा कि जिन पांच विशेष सेल का गठन किया गया है, उसमें मादक पदार्थ (नारकोटिक्स) तस्करी की रोकथाम, साइबर अपराध, सोशल मीडिया पर निगरानी, फर्जी मुद्रा (फेक करेंसी) और कैश के अवैध लेनदेन पर निगरानी रखने से संबंधित सेल शामिल हैं। चुनाव के दौरान इन तमाम अवैध गतिविधियों पर समुचित नजर रखने का दायित्व इन विशिष्ट सेल को सौंपा गया है। चुनाव के दौरान सभी तरह की अनैतिक गतिविधि पर नजर रखना पुलिस की प्राथमिकता होगी। इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय ने सभी संबंधित सेल और पुलिस के अन्य महकमों को खासतौर से निर्देश जारी किया है। डीआईजी ने बताया कि हाल में इसे लेकर केंद्रीय और राज्य सरकार की विशेष एजेंसियों के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक हुई थी। इसमें इनके रोकथाम से संबंधित गहन चर्चा की गई थी और गठित सभी विशिष्ट पांच सेलों को पूरी तरह से सक्रिय रहने के लिए कहा गया है। इन पांच सेल में अलग-अलग स्तर के पदाधिकारियों की तैनाती भी कर दी गई है। इन सभी सेल के कामकाज की सतत मॉनीटरिंग ईओयू के माध्यम से पुलिस मुख्यालय करेगा। इन विशिष्ट सेल के स्तर पर सभी थानों से समन्वय स्थापित कर रोजाना के कामकाज की पड़ताल की जाएगी और इनके स्तर से किए गए कार्यों की निगरानी की जाएगी।  गौरतलब है कि चुनाव के दौरान कैश का अवैध तरीके से फ्लो बढ़ने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसका ध्यान रखते हुए सेल हर छोटी-बड़ी गतिविधि और लेनदेन पर नजर रखने के साथ ही इससे संबंधित खूफिया जानकारी एकत्र करने पर खासतौर से फोकस करेगी, ताकि ससमय उचित कार्रवाई की जा सके। विधानसभा चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने और किसी तरह के कदाचार की संभावना पर अंकुश लगाने में इन पांच सेल की भूमिका अधिक बढ़ जाती है।

पीएम बिहार को छह लेन पुल, बुद्ध सर्किट से जुड़ी ट्रेन की सौगात देंगे

– गंगा नदी पर बिहार में 2005 के पहले थे 4 पुल, 2005 के बाद से अब तक बने 14 पुल पटना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अगस्त को बिहार के गया में जनसभा को संबोधित करने आ रहे हैं। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बिहार को कई प्रमुख सौगातें देने जा रहे हैं। इसमें दो बेहद खास हैं, पहला, देश का सबसे चौड़ा पहला छह लेन पुल शामिल है। यह पुल औटा (मोकामा) से सिमरिया (बेगूसराय) के बीच बना एक्सपैंशन केबल तकनीक से बना हुआ है। दूसरा, बुद्ध सर्किट से जुड़ स्थलों को जोड़ता हुए एक ट्रेन शामिल है। यह ट्रेन वैशाली से शुरू होकर नालंदा, राजगीर, गयाजी होते हुए कोडरमा (झारखंड) तक जाएगी। बिहार और झारखंड में मौजूद बुद्ध से जुड़े सभी स्थलों को यह ट्रेन एक साथ जोड़ेगी।       बेगूसराय जिला का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सिमरिया धाम से शुरू होने वाला यह पुल पुराने दो लेन रेल सह सड़क पुल राजेंद्र सेतू के समानांतर बनाया गया है। सिमरिया धाम प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्मस्थान भी है। देश के अन्य छह लेन पुलों से इसकी चौड़ाई अधिक छह लेन के इस पुल की चौड़ाई 34 मीटर है। आमतौर पर छह लेन के पुल की चौड़ाई 29.5 मीटर होती है, लेकिन सिमरिया पुल की चौड़ाई (डेक) 34 मीटर है। देश में मौजूद अन्य छह लेन पुलों की तुलना में यह साढ़े चार मीटर अधिक चौड़ा है। इससे अधिक संख्या में वाहनों की आवाजाही बेहद सुगमता से हो सकेगी। इसके निर्माण पर 1871 करोड़ रुपये का खर्च आया है। एप्रोच समेत इस पुल की कुल लंबाई 8.150 किमी है। गंगा नदी पर इसकी लंबाई 1.86 किमी है। उत्तर-दक्षिण बिहार की दूरी 100 किमी हो जाएगी कम पुल पर आवागमन शुरू होते ही उत्तर से दक्षिण बिहार के बीच 100 किमी की दूरी कम हो जाएगी। साथ ही पश्चिम बंगाल, झारखंड और असम से भी आवागमन की दूरी कम हो जाएगी और आना-जाना आसान हो जाएगा। बिहार में यह पुल है, जिसे हैम (हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल) मोड में बनाया गया है। इस मोड में निर्माण एजेंसी को 60 फीसदी राशि खर्च करनी पड़ती है। जबकि सरकार सिर्फ 40 फीसदी राशि खर्च करती है। टोल टैक्स के माध्यम से एजेंसी अपनी लागत वसूल करती है। इस मोड पर इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद राज्य के सड़क एवं पुल के अन्य प्रोजेक्ट भी इसी मोड पर बनाने का रास्ता खुल गया है। 2005 के बाद बिहार में गंगा पर बने 14 पुल बिहार में गंगा नदी पर 2005 के पहले चार प्रमुख पुल मौजूद थे। इसमें बक्सर में दो लेन का वीर कुंवर सिंह सेतु, पटना में चार लेन का महात्मा गांधी सेतु, बेगूसराय में दो लेन का राजेंद्र सेतु और 2 लेन का विक्रमशीला सेतु शामिल है।       परंतु 2005 के बाद से अब तक 14 पुल तैयार किए गए। इसमें बक्सर में वीर कुंवर सिंह सेतु के समानांतर 2 लेन पुल, पटना में दो लेन रेल सह सड़क पुल जेपी सेतु, आरा-छपरा 4 लेन पुल, बेगूसराय में राजेंद्र सेतु के समानांतर 6 लेन पुल और मुंगेर घाट में 2 लेन रेल सह सड़क पुल शामिल है। गंगा पर ये पुल जल्द होने जा रहे तैयार इसके अतिरिक्त गंगा नदी पर बने अभी 9 ऐसे पुल हैं, जिनकी कार्य अभी प्रगति पर है। जल्द ही इनका निर्माण पूरा हो जाएगा। बक्सर में वीर कुंवर सिंह सेतु के समानांतर अतिरिक्त 3 लेन पुल, पटना में जेपी सेतु के समानांतर 6 लेन पुल, सारण जिला में दीघवारा-शेरपुर 6 लेन पुल, पटना में महात्मा गांधी सेतु के समानांतर 4 लेन पुल, पटना सिटी में 6 लेन कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल, बख्तियारपुर-ताजपुर पर 4 लेन पुल, विक्रमशीला के समानांतर 4 लेन पुल, अगुवानी घाट-सुल्तानगंज 4 लेन पुल तथा मनिहारी घाट से साहेबगंज के बीच 4 लेन पुल शामिल है।         इसके अलावा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे पर मटिहानी से शाम्हो पुल भी गंगा नदी पर बन रहे पुलों की फेहरिस्त में 15वें नंबर पर है। इसकी विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन कार्य की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है।   बिहार-झारखंड में बुद्ध सर्किट के सभी स्थान जुड़ेंगे ट्रेन से पीएम नरेंद्र मोदी बिहार-झारखंड के बुद्ध सर्किट में शामिल सभी स्थानों को जोड़ने वाली एक जोड़ी ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह ट्रेन वैशाली रेलवे स्टेशन से शुरू होगी और झारखंड के कोडरमा तक जाएगी। यह ट्रेन हाजीपुर, सोनपुर, पटना, फतुहा, बख्तियारपुर, बिहारशरीफ, नालंदा, राजगीर, तिलैया, गया, गुरपा और कोडरमा जंक्शन तक जाएगी। वैशाली स्टेशन से यह ट्रेन सुबह सवा 5 बजे खुलेगी और दोपहर सवा तीन बजे कोडरमा पहुंचेगी। इसी कोडरमा से यह ट्रेन शाम पौने 5 बजे खुलेगी और देर रात पौने 3 बजे वैशाली पहुंचेगी।

नशामुक्त समाज की राह दिखा रही हैं जीविका दीदी

कोशी मलवरी परियोजना के तहत 4,500 दीदियों को मलबरी की खेती और रेशम कीट पालन से जोड़ा गया जीविका दीदियों द्वारा अब तक 987 पौधशालाएं तैयार की गई हैं पटना, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ग्रामीण विकास विभाग की महत्वाकांक्षी योजना ‘जीविका’ अब केवल महिलाओं की आर्थिक मजबूती का जरिया नहीं रह गई है, बल्कि सामाजिक बदलाव की एक सशक्त ताकत बन चुकी है। गांव–गांव में सक्रिय 60,000 से अधिक ग्राम संगठन आज नशामुक्ति और बाल विवाह रोकथाम के लिए संगठित अभियान चला रहे हैं। महिलाओं की अगुवाई में निकल रही जागरूकता रैलियां, नुक्कड़ नाटक और चौपाल बैठकें गांव की तस्वीर बदल रही हैं। शराबबंदी नियमों के अनुपालन में भी जीविका दीदियों की भूमिका निर्णायक साबित हो रही है। जहां कभी शराब और तंबाकू का सेवन आम था, वहां अब सामूहिक चेतना और सामाजिक दबाव से सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगा है। सिर्फ सामाजिक सुधार ही नहीं बल्कि जीविका दीदियां पर्यावरण और आजीविका सृजन में भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और मनरेगा के समन्वय से जीविका दीदियों द्वारा अब तक 987 पौधशालाएं तैयार की गई हैं और 4.25 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री कोशी मलवरी परियोजना के तहत 4,500 दीदियों को मलबरी की खेती और रेशम कीट पालन से जोड़ा गया है। वहीं, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की साझेदारी से 372 महिलाएं सोलर लैंप निर्माण कर अपने उद्यम चला रही हैं। गया जिले में स्थापित जे-डब्लूआईआरईएस कंपनी इस कार्य को गति दे रही है। गौरतलब है कि महिलाओं की पहल शिक्षा और कैरियर निर्माण तक भी पहुंच रही है। जीविका के तहत 33 जिलों के 110 प्रखंडों में सामुदायिक पुस्तकालय सह कैरियर विकास केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण बच्चों को पढ़ाई में सहयोग और करियर मार्गदर्शन मिल रहा है।

बच्चों को रोचक तरीके से मिलेगी विज्ञान की शिक्षा

–    तारामंडल में बन रहा एस्ट्रो पार्क –    मनोरंजन और विज्ञान का होगा संगम पटना, बिहार की राजधानी पटना में एक अनोखा विज्ञान का पार्क तैयार किया जा रहा है। तारामंडल परिसर में एस्ट्रो पार्क का निर्माण किया जा रहा है। पार्क की खास बात यह है कि इसमें साइंस को सरल और इंटरेक्टिव तरीके से समझने के लिए कई  साइंटिफिक मॉडल और प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसका उद्देश्य बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाना और मॉडल के माध्यम से जानकारी प्रदान करना है। इसमें बच्चे विज्ञान की बारीकियों को आसानी से समझेंगे।   पार्क का सिविल कार्य पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।   यह एस्ट्रो पार्क बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ विज्ञान को सरल तरीके से समझने में मदद करेगा। पार्क में ब्रह्मांड से जुड़ी गतिविधियों को रोचक तरीके से दर्शाया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार एस्ट्रो पार्क को विकसित करने और आकर्षक बनाने के लिए कोलकाता से आधुनिक उपकरण मंगाए जा रहे हैं। यहां पर10- 11 प्रकार के इंटरेटेक्टिव साइंस माडल को प्रदर्शित किया जाएगा। इन मॉडलों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि बच्चे खेल खेल में विज्ञान को सीख सकें। उदाहरण के लिए, पार्क में एक मॉडल यह दिखाएगा कि पुराने समय में लोग सूर्य की छाया देखकर समय का पता लगाते थे। ऐसे कई और प्रयोग यहां प्रदर्शित होंगे, जिसका अनुभव बच्चे प्रत्यक्ष रूप से कर पाएंगे। यह पार्क विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा देगा ।

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने अगस्त माह के अपने पशुपालक कैलेंडर में दी जरूरी सलाह

अगस्त माह में पशुओं को खुरहा-मुंहपका रोग का रहता है खतरा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने अगस्त माह के अपने पशुपालक कैलेंडर में दी जरूरी सलाह इन उपायों से पशुओं को खुरहा-मुंहपका और गलाघोंटू रोग से बचा सकते हैं इस महीने पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए खनिज मिश्रण 30-50 ग्राम प्रतिदिन दें पशुओं में रोगों के लक्षण दिखते ही पशु चिकित्सक से संपर्क करें पशुपालक पटना, बिहार सरकार का पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग पशुओं के स्वास्थ्य का खास ध्यान रख रहा है। इन दिनों यानी अगस्त माह में पशुओं का ध्यान कैसे रखा जाए इसके लिए विभाग ने पशुपालक कैलेंडर जारी किया है, जिसमें एफएमडी रोग अर्थात खुरहा-मुंहपका रोग से बचाव के उपायों पर जोर दिया गया है। कैलेंडर में विभाग ने कहा है कि पशुओं के खुरहा-मुंहपका रोग से ग्रसित होने पर रोगग्रस्त पशुओं को अलग रखें एवं ग्रसित पशुओं की खान-पान की व्यवस्था भी अलग से करें। साथ ही, खुरहा-मुंहपका रोग से ग्रसित पशुओं के दूध को उसके बछड़ों को न पीने दें। ऐसा करने से बछड़े संक्रमित होने से बचेंगे एवं स्वस्थ रहेंगे। आपके पशुओं में मुंहपका-खुरपका (Foot and Mouth Disease) रोग का प्रकोप है, तो इसे स्वस्थ पशुओं से अलग रखें। यदि आस-पास के पशुओं से यह रोग फैल रहा है तो अपने पशुओं का सीधा संपर्क रोगी पशुओं से नहीं होने दें। वहीं गलाघोंटू (Haemorrhagic Septicaemia), जहरवात एवं अन्य रोग के लक्षण दिखते ही तुरंत पशु चिकित्सक से सम्पर्क करें। भेड़, बकरियों में पी.पी.आर., भेड़ चेचक रोग होने की संभावना रहती है। अतः बचाव के लिए टीके निश्चित रूप से लगवा लें। पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए खनिज मिश्रण 30-50 ग्राम प्रतिदिन दें, जिससे पशुओं में दूध उत्पादन के साथ ही शारीरिक तंदुरुस्ती बनी रहे। पशुओं को अत्यधिक तापमान एवं तेज धूप से बचाने के लिए उपाय करें। अत्यधिक संक्रामक रोग है एफएमडी फुट-एंड-माउथ डिजीज (एफएमडी), जिसे खुरपका-मुंहपका रोग भी कहा जाता है। यह पशुओं विशेषकर गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सुअर में होने वाला एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है। यह रोग पिकोर्नावायरस परिवार के एफ्थोवायरस के कारण होता है। इसके लक्षणों में बुखार, मुंह और पैरों में छाले, लार बहना और लंगड़ापन शामिल हैं। यह रोग पशुओं की उत्पादकता को प्रभावित करता है, जिससे दूध उत्पादन और वजन में कमी होती है। एफएमडी का प्रसार संक्रमित पशुओं, दूषित उपकरणों या हवा के माध्यम से होता है। रोकथाम के लिए टीकाकरण, स्वच्छता और जैव-सुरक्षा उपाय आवश्यक हैं। यह मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक नहीं है।

गयाजी में बिहार को 12,992 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे प्रधानमंत्री मोदी : सम्राट चौधरी

* गयाजी में प्रधानमंत्री मोदी छह परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन और आठ परियोजनाओं का शिलान्यास * अमृत भारत एक्सप्रेस और बुद्ध सर्किट ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे पीएम। * करीब 13 हजार की परियोजनाओं से विकास के पथ पर तेजी से बढ़ेगा बिहार पटना, बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी ने बताया कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी 22 अगस्त को गयाजी से बिहार की जनता को 12,992 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। इन परियोजनाओं के माध्यम से बिहार के बुनियादी ढांचा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शहरी एवं ग्रामीण विकास और पर्यटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति होगी। श्री चौधरी ने कहा कि इस अवसर पर 11,735 करोड़ रुपये की लागत वाली छह परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। इसमें-बक्सर में 660 मेगावाट क्षमता वाला थर्मल पावर प्लांट है, जिसकी लागत 6,878 करोड़ रुपये, मुंगेर में सीवरेज नेटवर्क और एसटीपी परियोजना 523 करोड़, मुजफ्फरपुर के होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र का 385 करोड़ की लागत से निर्माण, 1,871 करोड़ रुपये से मोखामा-सिमरिया के बीच एनएच-31 पर 4/6 लेन और गंगा ब्रिज का निर्माण, बख्तियारपुर से मोखामा एनएच-31 सड़क का सुधार 1,899 करोड़ रुपये से और 179 करोड़ रुपये से बिक्रमगंज-दवथ-नवांगर-दुमरांव सड़क का 2 लेन में उन्नयन शामिल है। उपमुख्यमंत्री ने कहा- प्रधानमंत्री जी 1,257 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे। इन परियोजनाओं में दाउदनगर और औरंगाबाद में एसटीपी और सीवरेज नेटवर्क, बरहिया (लखीसराय) और जमुई में एसटीपी और आईएंडडी, वहीं अमृत 2.0 के तहत औरंगाबाद, बोधगया और जहानाबाद में जल आपूर्ति एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की परियोजनाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 4,260 और ग्रामीण क्षेत्रों में 12,000 लाभार्थियों को गृह प्रवेश कराएंगे। इस अवसर पर पांच प्रमुख लाभार्थियों को प्रतीकात्मक रूप से अपने घरों की चाबी भी वो सौपेंगे। इनमें तीन ग्रामीण और दो शहरी परिवार शामिल हैं। इसके साथ ही मोदीजी गयाजी और दिल्ली के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन और बुद्ध सर्किट की वैशाली से कोडरमा ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इन रेलों के परिचालन से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उपमुख्यमंत्री श्री चौधरी ने कहा- गयाजी में माननीय प्रधानमंत्री के कर कमलों से बिहार को मिल रही 13 हजार की परियोजनाओं से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छ जल, बेहतर सड़क और परिवहन की सुविधा तथा आवास जैसी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी होने से बिहार विकास के पथ पर और तेजी से बढ़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को आर्थिक और सामाजिक रूप से गतिशील बनाकर एक विकसित प्रदेश के रूप में स्थापित किया जा रहा है