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38 लाख महिला किसान बदल रहीं बिहार की तस्वीर, खेत से बाजार तक संभाली कमान

अब खेत से बाजार तक महिलाओं का कमाल! सीएम नीतीश ने बदली बिहार की तस्वीर  38 लाख महिला किसान बदल रहीं बिहार की तस्वीर, खेत से बाजार तक संभाली कमान  बिहार की महिलाएं बनीं खेती में ताकत की मिसाल! नीतीश सरकार ने दी आधुनिक तकनीक की उड़ान  अब घर से लेकर खेत तक, महिलाओं के हाथ में कमान! हाथों में ड्रोन और अपने नाम पर कारोबार   61 महिला कंपनियों ने खेती को बनाया व्यापार, किसानों को मिल रहा सही दाम पटना बिहार की मिट्टी अब महिलाओं के हाथों से नई कहानी लिख रही है। कभी अपने घर की चौखट तक सीमित रहने वाली महिलाएं आज खेत, खलिहान और कारोबार का नेतृत्व संभाल रहीं हैं। इसका श्रेय जाता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच और उनकी सरकार की उन योजनाओं को, जिन्होंने महिलाओं को खेती-बाड़ी से लेकर कारोबार तक के लिए सशक्त और जिम्‍मेदार बनाया है। 38 लाख महिलाएं बनीं आधुनिक किसान राज्यभर में अब तक 38 लाख से अधिक महिला किसान आधुनिक खेती के तौर-तरीके सीख चुकी हैं। यह बदलाव जीविका योजना और कृषि विभाग की साझेदारी का नतीजा है। अब बिहार के गांव-गांव में खुले 519 कस्टम हायरिंग सेंटर हैं। जहां से महिलाएं ट्रैक्टर, सीड ड्रिल, थ्रेशर और पावर टिलर जैसी मशीनें किराए पर ले रही हैं। इससे न सिर्फ खेती की लागत घटी है, बल्कि मानव श्रम में कमी आई है और उत्पादन भी दोगुने रफ्तार से बढ़ा है। पशुपालन और नीरा उत्पादन में भी महिलाएं आगे खेती ही नहीं, महिलाएं अब बकरी पालन, दुग्ध उत्पादन और छोटे डेयरी कारोबार से भी कमाई कर रही हैं। आज 10 लाख से ज्यादा परिवार इनसे जुड़े हैं। बीते साल महिला स्वयं सहायता समूहों ने 1.9 करोड़ लीटर नीरा का उत्पादन और बिक्री की। इससे न सिर्फ गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई बल्कि महिलाओं के लिए स्थायी आमदनी का नया जरिया भी बना। अररिया में तो सीमांचल बकरी उत्पादक कंपनी के तहत करीब 20 हजार परिवार जुड़ भी चुके हैं। बाजार तक महिलाओं की पकड़ खेती में व्यापारिक सोच लाने के लिए अब 61 किसान उत्पादक कंपनियां (FPCs) पूरी तरह महिलाओं के हाथों में हैं। ये कंपनियां खेत से उपज खरीदती हैं, उसका प्रोसेसिंग और पैकेजिंग करती हैं और फिर बाजार ले जाकर बेचती भी हैं। इसका सीधा फायदा महिला किसानों को मिल रहा है। उनकी मेहनत को सही दाम मिल रहा है और घर में भी सम्‍मान मिल रहा है।  शहद से लेकर ड्रोन तक आज बिहार में कुल 11,855 महिलाएं मधुमक्खी पालन कर रही हैं। इनकी मेहनत ने अब तक 3,550 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन किया है।  इसके अलावा, सरकार की ‘ड्रोन दीदी योजना’ ने महिलाओं के हाथों में टेक्नोलॉजी थमा दी है। इस योजना में महिलाओं को ड्रोन खरीदने पर 80 फीसद यानी 8 लाख रुपये अनुदान मिल रहा है और बाकी राशि जीविका समूह उपलब्ध करा रहे हैं। आने वाले दो साल में देशभर के 14,500 महिला समूहों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। खेत-खलिहान की नई इबारत जैविक खेती, बीज संरक्षण, सब्जी-फल प्रसंस्करण और कृषि उत्पादों में विविधता, इन सबमें महिलाएं अब बराबर की भागीदार हैं। गांव की चौखट से निकलकर खेतों में ड्रोन उड़ाती महिलाएं इस बदलाव का सबसे बड़ा सबूत हैं। बिहार की बदलती तस्वीर साफ कह रही है।

अनुकंपा के आधार पर नौकरी: नीतीश कुमार ने 5353 अभ्यर्थियों को सौंपे नियुक्ति पत्र

पटना  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में अनुकंपा के आधार पर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 4835 विद्यालय लिपिक एवं 518 विद्यालय परिचारी के पदों पर चयनित कुल 5353 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से मणि कुमारी,अमित गौरव, दिव्या राज, किरण कुमारी गुप्ता एवं तूबा अशरफ को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नवनियुक्त कर्मियों को मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं है। मुझे विश्वास है कि सभी नवनियुक्त कर्मी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2006 से शिक्षा विभाग के अन्तर्गत मृत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नियोजन ईकाई के माध्यम से शिक्षक के पद पर नियोजन हेतु प्रावधान किया गया। मृत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के आश्रितों की योग्यता शिक्षक के पद हेतु नहीं रहने के कारण वर्ष 2020 में नियोजन ईकाई के माध्यम से विद्यालय लिपिक एवं विद्यालय परिचारी के नियत वेतन पर अनुकम्पा के आधार पर नियोजन इकाई के माध्यम से वर्ष 2024 तक नियोजन किया गया। वर्तमान में राज्य सरकार ने शिक्षकों की तरह अनुकम्पा पर नियुक्ति हेतु विद्यालय लिपिक एवं विद्यालय परिचारी का पद जो राज्य कर्मी के श्रेणी में आते हैं, नियुक्ति हेतु प्रावधान किया गया है। अनुकम्पा पर नियुक्त होने वाले विद्यालय लिपिक एवं विद्यालय परिचारी का वेतन एवं सेवाशर्त बेहतर हुआ है। आज पूरे राज्य में 4835 विद्यालय लिपिक एवं 518 विद्यालय परिचारी अर्थात् कुल 5353 आश्रितों की नियुक्ति की गई है। पटना जिले में 212 विद्यालय लिपिक एवं 28 विद्यालय परिचारी की नियुक्ति की गई है। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ ने मुख्यमंत्री को पुस्तक भेंटकर स्वागत किया।

ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने को MGNREGA-जीविका दीदी हाट बैठक आयोजित

MGNREGA एवं जीविका दीदी हाट कन्वर्जेन्स विषय पर बैठक आयोजित  ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने को MGNREGA-जीविका दीदी हाट बैठक आयोजित MGNREGA व जीविका दीदी हाट कन्वर्जेन्स पर बैठक, ग्रामीण आजीविका बढ़ाने पर जोर पटना बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में  “MGNREGA एवं जीविका दीदी हाट कन्वर्जेन्स” विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता MGNREGA कमिश्नर सह अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका, आई.ए.एस. श्रीमती अभिलाषा कुमारी शर्मा ने की। बैठक में INFUSION (Microsave Consulting, ISB) के प्रतिनिधियों, जीविका  तथा MGNREGA विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण, आजीविका संवर्धन एवं पोषण-सुरक्षित बाजार तंत्र के विकास हेतु ‘जीविका दिदी हाट’ मॉडल को बढ़ावा देना था। इसमें यह विचार किया गया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के अंतर्गत विभिन्न जिलों में निर्मित ग्रामीण हाटों को किस प्रकार ‘जीविका दीदी हाट’ के अनुरूप विकसित किया जा सकता है। साथ ही इन हाटों को SHG (स्वयं सहायता समूह) आधारित महिला उद्यमिता केंद्र के रूप में पुनःस्थापित करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई। बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका), ग्रामीण विकास विभाग की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाकर उन्हें आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। जीविका के अंतर्गत अब तक लाखों महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा जा चुका है। ये महिलाएं विभिन्न उद्यमों जैसे कि कृषि, पशुपालन, बुनाई-कढ़ाई, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, और सेवा क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। ‘जीविका दीदी हाट’ इसी श्रृंखला में एक अभिनव पहल है, जिसमें SHG की महिलाओं द्वारा संचालित ग्रामीण बाजारों को एक मंच प्रदान किया जाता है। इस पहल का उद्देश्य न केवल महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना है, बल्कि ग्रामीण समुदाय को पौष्टिक, सुरक्षित और स्थानीय रूप से उत्पादित खाद्य सामग्री सुलभ कराना भी है। यह मॉडल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने, स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने तथा पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैठक के दौरान यह तय किया गया कि राज्य के विभिन्न जिलों में MGNREGA के तहत निर्मित हाट स्थलों की पहचान कर उन्हें आवश्यक ढांचागत सुविधाओं जैसे शेड, जल एवं स्वच्छता व्यवस्था, स्टॉल्स, बैठने की व्यवस्था आदि से सुसज्जित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जीविका की महिलाएं इन हाटों का संचालन करेंगी, जिनके लिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण, कौशल विकास, उद्यम प्रबंधन और ब्रांडिंग से संबंधित सहयोग भी प्रदान किया जाएगा। INFUSION की विशेषज्ञ टीम तकनीकी मार्गदर्शन के रूप में सहयोग करेगी। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि 'दीदी हाट कन्वर्जेन्स’ के तहत न केवल हाटों का स्वरूप बदलेगा बल्कि यह एक सतत जीविकोपार्जन मॉडल के रूप में भी कार्य करेगा। यह पहल महिलाओं को अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुँचाने का अवसर प्रदान करेगी, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। साथ ही, यह ग्रामीण उपभोक्ताओं को ताजे, जैविक और स्थानीय उत्पाद खरीदने का एक सुरक्षित और सुलभ प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा। श्रीमती अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कहा कि, “इस पहल के माध्यम से हम दो प्रमुख सरकारी कार्यक्रमों – MGNREGA और जीविका – के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित कर रहे हैं। इससे न केवल हाटों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में भी यह एक मील का पत्थर साबित होगा।” बैठक में संभावित स्थलों की प्राथमिक सूची तैयार करने, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ जिलों में कार्य आरंभ करने, और एक व्यापक कार्ययोजना निर्माण के लिए एक समन्वय समिति के गठन का निर्णय लिया गया। यह समिति संबंधित विभागों के साथ मिलकर समयबद्ध ढंग से पहल को धरातल पर उतारने के लिए जिम्मेदार होगी। यह पहल ‘सशक्त महिला, समृद्ध गांव’ की भावना को साकार करती है और बिहार को आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की दिशा में अग्रसर करने के लिए एक सशक्त माध्यम बनेगी। ग्रामीण विकास के इस नवाचार में महिला सहभागिता, स्थानीय संसाधनों का उपयोग और सामुदायिक स्वामित्व जैसे मूल्यों का समावेश है, जो सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति की दिशा में भी सहायक सिद्ध होंगे।

ED की रेड से हड़कंप, झारखंड में कबाड़ी के घर हुई लंबी जांच

साहिबगंज झारखंड के साहिबगंज शहर के बंगाली टोला स्थित संतोष कुमार गुप्ता उर्फ बबलू के यहां मंगलवार की सुबह ईडी का छापा पड़ा। ईडी की चार सदस्यीय टीम करीब आठ घंटे तक उसके घर में रूककर जांच की। ईडी की जांच के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर सीआरपीएफ के कई जवान घर के बाहर मुस्तैद थे। जानकारी के मुताबिक संतोष कुमार गुप्ता उर्फ बबल दो भाई है। दोनों भाई यहां एक ही मकान में रहते हैं। मुहल्ले के लोगों ने बताया कि संतोष कबाड़ के सामान खरीदने व बेचने का काम करता है। उसके घर के बाहर कबाड़ में खरीदे गए सामानों के बोरियों रखीं हैं। उधर, सफदे इनोवा गाड़ी से सुबह करीब 7.10 बजे ईडी के अधिकारी छापेमारी के लिए इनके घर पहुंचे। ईडी के छापे की खबर थोड़ी ही देर में शहर में तेजी से फैल गई। धीरे-धीरे लोगों की भीड़ उनके घर के बाहर जमा होने लगी। ईडी के अधिकारी यहां पहुंचने के बाद सीधे मकान के अंदर जाकर जांच शुरू कर दी। जांच के क्रम में घर के एक लड़के को लेकर ईडी के अधिकारी गाड़ी से कहीं गए और फिर थोड़ी देर में लौट आए। सुबह करीब 9.50 और 10.20 बजे ईडी के दो अलग-अलग अधिकारी किसी काम से मकान से बाहर निकले। एक अधिकारी बाहर खड़ी इनोवा कार के ड्राइवर से बातचीत कर तुरंत वापस अंदर चले गए। दूसरे अधिकारी ने ड्राइवर से गाड़ी में रखे अपना लैपटॉप मंगवाए। सूत्रों से पता चल रहा है कि झारखंड में हुए 750 करोड़ के जीएसटी घोटाले की जांच के क्रम में ईडी की टीम यहां पहुंची है। हालांकि आधिकारिक तौर पर ईडी के कोई भी अधिकारी मीडिया को छापेमारी की वजह के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है।  

तीसरे दिन गया में तनाव, मंदिर में राहुल गांधी का इंतजार बेकार

गया  बिहार के गया में 'वोटर अधिकार यात्रा' के तीसरे दिन हंगामा हो गया. बताया जाता है कि यहां वजीरगंज के पुनावा हनुमान मंदिर पर लोग राहुल गांधी इंतजार करते रह गए, लेकिन वह नहीं पहुंचे. राहुल गांधी को पूजा अर्चना के बाद इसी मंदिर से यात्रा की शुरुआत करनी थी. लेकिन राहुल और तेजस्वी का काफिला सीधे आगे निकल गया. मंदिर में पूजा अर्चना नहीं करने से नाराज हुए स्थानीय लोग राहुल गांधी के मंदिर में पूजा नहीं करने से स्थानीय लोग नाराज हो गए. पूजा के लिए तैयार की गई थाली रखी रह गई. वहीं, राहुल गांधी का काफिला जब मंदिर के पास से गुजर गया और नहीं रुका तो स्थानीय युवा बीजेपी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. सिर्फ वोट के लिए आते हैं नेता राहुल गांधी द्वारा मंदिर में पूजा-अर्चना नहीं किए जाने से वजीरगंज के युवाओं में गुस्सा है. युवाओं ने आज तक से बातचीत में कहा कि  नेता यहां केवल वोट लेने के लिए आते हैं. हमारे लिए यह प्राचीन मंदिर बहुत महत्व रखता है.  आपको बता दें कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की तरफ से वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत की गई है. यह यात्रा रविवार को सासाराम से शुरू हुई और फिर सोमवार को गया जी पहुंचने से पहले औरंगाबाद तक गई. SIR पर राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर बोला हमला यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और दोनों चुनाव आयुक्तों को चेतावनी दी कि जब गठबंधन सरकार बनेगी तो "वोट चोरी" पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. गांधी ने यह भी कहा कि पूरा देश चुनाव आयोग से हलफनामा मांगेगा और अगर समय मिला तो उनकी पार्टी हर विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र में "वोट चोरी" का पर्दाफाश करेगी. राहुल गांधी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष पैकेज की बात करते हैं, उसी तरह चुनाव आयोग भी बिहार के लिए एक "नया विशेष पैकेज" लेकर आया है. जिसका नाम SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) है, जो "वोट चोरी का एक नया रूप" है.

6 महीने का कोर्स: बिहार के इंजीनियर्स अब IIT दिल्ली से सीखेंगे पुल बनाना

पटना एक के बाद एक पुल टूटने के हादसों के बाद अब बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। नीतीश कुमार की सरकार अपने इंजीनियर्स को खास ट्रेनिंग दिलवाने जा रही है। कोशिश है बिहार सड़क निर्माण विभाग (BRCD) के इंजीनियर्स को तकनीकी रूप से और बेहतर बनाने की। इसके लिए रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट बिहार ने देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक IIT Delhi के साथ टाय-अप किया है। 6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स इस पार्टनरशिप के तहत आईआईटी दिल्ली 6 महीने का एक सर्टिफिकेट प्रोग्राम लॉन्च कर रहा है। इस कोर्स के अंतर्गत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से पुल का डिजाइन तैयार करना, उसके निर्माण की देखरेख करना और बनने के बाद उसका मेंटेनेंस करना सिखाया जाएगा। बताया जा रहा है कि 100 से ज्यादा सरकारी इंजीनियर ये ट्रेनिंग करेंगे। उन्हें ड्रोन्स यूज करने, सेंसर्स और एआई टूल्स के इस्तेमाल से पुलों की हालत समझने की ट्रेनिंग दी जाएगी। सितंबर 2025 से शुरुआत आईआईटी दिल्ली द्वारा तैयार किया गया ये सर्टिफिकेट प्रोग्राम बिहार राज्य पुल प्रबंधन एवं रखरखाव नीति 2025 के तहत है, जिसे नीतीश सरकार ने हाल ही में मंजूरी दी थी। इस नीति का उद्देश्य है प्राइवेट कंसल्टेंट्स पर निर्भरता कम करना। अपने खुद के इंजीनियरों को ज्यादा काबिल बनाना। साथ ही साथ राज्य में पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना। IAHE भी कराएगा एक ट्रेनिंग प्रोग्राम? बताया जा रहा है कि ऐसे ही एक और ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए इंडियन एकेडेमी ऑफ हाईवे इंजीनियर्स (IAHE) के साथ चर्चा चल रही है। ताकि रोड एंड ब्रिज स्ट्रक्चर्स के डिजाइन के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम्स तैयार किए जा सकें। इस तरह से पुल निर्माण के लिए स्पेशलाइज्ड इंजीनियर्स की पूरी टीम रेडी की जा सके। सरकार का कहना है कि इस ट्रेनिंग के अलावा राज्य में एक ब्रिज डिजाइन सेल भी बनाया जाएगा। ये बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड (BRPNNL) के अंतर्गत होगा। इसका काम होगा ब्रिज के डिजाइन, कल्वर्ट और रिटेनिंग वॉल्स के डिजाइन तैयार करना। सरकार के अनुसार इससे राज्य सालाना 65 करोड़ रुपये बचेंगे, पुल बनाने में लगने वाला लंबा समय कम हो सकेगा।

पटना मेट्रो को मिली रफ्तार: डिपो तैयार, तय हो गई ट्रायल रन की तारीख

पटना  राजधानी पटना के लोगों का इंतजार खत्म होने वाला है। मेट्रो परियोजना से जुड़े ताजा अपडेट सामने आ रहे हैं। अपडेट के मुताबिक पटना मेट्रो का ट्रायल रन 20 अगस्त के बाद कभी भी शुरू होने की संभावना है, जबकि संचालनकारी एजेंसी PMRCL का लक्ष्य सितंबर के अंत तक सेवाएं जनता के लिए चालू करने का है। पहले 15 अगस्त से ट्रायल का शेड्यूल था, लेकिन डिपो और अन्य जरूरी कार्य पूरे न होने के कारण इसे टाला गया। मगर अब तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। कहां होगा पहला ट्रायल रन पहला ट्रायल प्रायोरिटी कॉरिडोर पर होगा, जो मलाही पकड़ी से न्यू ISBT (पटलिपुत्र बस टर्मिनल) के बीच है। इस 6–6.5km के एलीवेटेड सेक्शन में पांच स्टेशन शामिल हैं। न्यू ISBT, मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ रोड और जीरो माइल/बाईपास, जहां सिविल वर्क 90 फीसद से अधिक हो गया है। बाकि काम प्रगति पर है। क्या-क्या होगी जांच ट्रायल के दौरान मेट्रो की सिग्नलिंग, स्पीड, ट्रैक की सुरक्षा और प्रणालियों की विश्वसनीयता की व्यापक जांच होगी। ट्रायल सफल होने के बाद ही मेट्रो को यात्री सेवाओं के लिए  शुरू किया जाएगा। क्यों हुई देरी, अब स्थिति क्या है PMRCL के अधिकारियों के अनुसार डिपो के कुछ अहम कार्य लंबित थे, जिन्हें पूरा करने में समय लगा। अब इन कार्यों को अंतिम रूप दिया जा चुका है और रेक को पटरी पर उतारने की तैयारी पूरी बताई गई है। शहरी विकास मंत्री ने भी जुलाई में प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा था कि सभी सुविधाओं और सुरक्षा मानकों की बारीकी से जांच की जा रही है। कब मिलेगी सवारी की सौगात लक्ष्य है कि सितंबर के अंत राजधानी पटना के लोगों के लिए मेट्रो की सेवा शुरू कर दी जाए। लेकिन ऐसा ट्रायल की सफलता और नियामकीय अनुमतियों पर ही निर्भर करेगा। शुरुआती संचालन प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ही होगा, जबकि ब्लू लाइन के शेष हिस्से चरणबद्ध तरीके से खुलेगा। किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा मलाही पकड़ी से न्यू ISBT के बीच रोजाना सफर करने वालों को सबसे ज्‍यादा फायदा मिलने वाला है। मेट्रो से यात्रा करने वालों का न केवल समय बचत बचेगा बल्कि ट्रैफिक और प्रदूषण में सांस लेने की मजबूरी से आजादी मिलेगी। बताते चलें कि, मेट्रो आने से शहर में सड़क जाम और प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है। ब्लू लाइन और आगे की राह पटना मेट्रो की ब्लू लाइन कुल 14.56km है। ये पटना जंक्शन से न्यू ISBT तक जाएगी। इसका लगभग 6.6km हिस्सा एलीवेटेड है। जबकि बाकी भूमिगत है। प्रायोरिटी कॉरिडोर के बाद बाकी सेक्शन चरणों में खोले जाने की योजना है। मलाही पकड़ी स्टेशन प्रायोरिटी कॉरिडोर का प्रमुख प्‍वाइंट है। बताते चलें कि 15 अगस्त 2025 के आसपास परिचालन लक्ष्यित किया गया था, जिसे अब ट्रायल समय-सारिणी के अनुरूप समायोजित किया जा रहा है।

राजद में इस्तीफों का दौर शुरू, चुनाव से पहले जिलाध्यक्ष और प्रधान महासचिव ने छोड़ा पद

मुंगेर बिहार में विधानसभा चुनाव की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे पार्टियों में उलटफेर भी शुरू हो गया है। इस क्रम में राजद को मुंगेर में बड़ा झटका लगा है। राजद के जिलाध्यक्ष त्रिलोकी नारायण शर्मा तथा प्रधान महासचिव संतोष कुमार यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पत्र जारी कर इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को भेजा है। इसे लेकर यह कयास लगाया जा रहा है कि वे इन दिनों राजद में अपनी पूछ को घटता देख खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे तथा इसके कारण पार्टी नेतृत्व से खफा चल रहे थे। बताते चलें कि पिछले दो बार से राजद ने मुंगेर जिले में केवल एक समुदाय की पार्टी होने का दाग मिटाने के खयाल से पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाया था। इसके तहत पहले बरियारपुर प्रखंड निवासी देवकीनंदन सिंह को तथा इस बार सदर प्रखंड निवासी त्रिलोकी नारायण शर्मा को जिलाध्यक्ष बनाया था, पर त्रिलोकी नारायण शर्मा के साथ ही पार्टी के प्रधान महासचिव संतोष कुमार यादव ने भी एक साथ इस्तीफा दिया है। इससे कहीं न कहीं यह जरूर लग रहा है कि शायद पार्टी में उन्हें वह सम्मान नहीं मिल रहा था, जो एक जिलाध्यक्ष तथा प्रधान महासचिव को मिलना चाहिए। हालांकि, अंदरखाने से यह बात सामने आ रही है कि 21 अगस्त को कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव वोट अधिकार यात्रा के तहत मुंगेर आने वाले हैं, तथा इस कार्यक्रम को लेकर दोनों ही नेताओं को इसमें उचित स्थान नहीं दिया गया अथवा उन्हें इस कार्यक्रम से दूर रखा गया है।  

राज्य में IPS अफसरों का बड़ा फेरबदल, 6 अधिकारियों के स्थानांतरण के आदेश

पटना  विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में प्रशासनिक फेरबदल का सिलसिला जारी है। अगस्त में दूसरी बार भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है। एक साथ 6 आईपीएस अधिकारियों को नए पद का प्रभार सौंपा गया है। इसके अलावा 26 बिहार पुलिस सेवा अफसरों को भी नई जिम्मेदारी मिली है। ट्रांसफर और नियुक्ति को लेकर 7 अगस्त गुरुवार गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। आदेश के तहत बैच 2022 की आईपीएस अधिकारी शैलजा को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-1 हिलसा नालंदा के पद पर भेजा गया है। इससे पहले वह सहायक पुलिस अधीक्षक, वैशाली पद पर कार्यरत थी। मोहिबुल्लाह अंसारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-1 नगर पटना को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-2 विधि व्यवस्था पटना के पद पर भेजा गया है। बता दें कि इससे पहले 2 अगस्त को भी बिहार सरकार ने 10 आईपीएस और एक बीपीएस अधिकारी का तबादला किया था।  कई जिलों के एसपी बदले गए थे।   इन आईपीएस अधिकारियों को भी मिली नई जिम्मेदारी  संकेत कुमार, सहायक पुलिस अधीक्षक सारण को स्थानांतरित कर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बिक्रमगंज रोहतास पद की जिम्मेदारी सौंप गई है। गरिमा, सहायक पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरपुर को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सरैया मुजफ्फरपुर के पद पर नियुक्त किया गया है। साक्षी कुमारी सहायक पुलिस अधीक्षक, बेगूसराय को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, बलिया बेगूसराय पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कमल मीणा, सहायक पुलिस अधीक्षक दरभंगा को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मसौढ़ी पटना के पद पर भेजा गया है। 25 से अधिक BPS अफसर इधर से उधर  सुनीता कुमारी, अपर पुलिस अधीक्षक, अपराध अनुसंधान विभाग को स्थानांतरित करके अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पुपरी सीतामढ़ी के पद की जिम्मेदारी सौंप गई है। सुमित कुमार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-1 हिलसा नालंदा को स्थानांतरित करके वरीय पुलिस उपाधीक्षक बिहार पुलिस अकादेमी राजगीर के पद पर भेजा गया है। राजेश कुमार पुलिस उपाधीक्षक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को स्थानांतरित कर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी झाझा, जमुई के पद की जिम्मेदारी दी गई है। ज्योति शंकर पुलिस उपाधीक्षक (साइबर क्राइम) नालंदा को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी-1 सदर पूर्णियां के पद पर नियुक्त किया गया है। गोपाल कृष्ण को पुलिस उपाधीक्षक (साइबर क्राइम) जहानाबाद के पद पर भेजा गया है। नवल किशोर को पुलिस उपाधीक्षक (साइबर क्राइम) पटना की जिम्मेदारी मिली है। कुमार संजय को पुलिस उपाधीक्षक विधि व्यवस्था शाखा बिहार पुलिस मुख्यालय पटना के पद पर नियुक्त किया गया है। अतनु दत्ता, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पुपरी सीतामढ़ी को स्थानांतरित कर पुलिस उपाधीक्षक यातायात बेतिया के पद पर नियुक्त किया गया है। शैलेश प्रीतम पुलिस उपाधीक्षक यातायात सिवान को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बनमनखी पूर्णियां के पद पर नियुक्त किया गया है। सुशील कुमार को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अररिया पद पर भेजा गया है। नरेंद्र कुमार पुलिस उपाधीक्षक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। सुनील कुमार सिंह को पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय शिवहर पद पर नियुक्त किया गया है।

31 सितंबर से 14 अगस्त तक राज्य में चलाया गया ऑपरेशन नया सवेरा

इस अभियान में 28 पुरुष और 22 महिला यानी 50 मानव तस्करों को किया गया गिरफ्तार पटना पूरे राज्य में मानव तस्करी, अनैतिक देह व्यापार, ऑर्केस्ट्रा या थियेटर ग्रुप समेत ऐसे अन्य स्थानों में फंसे 112 नाबालिग लड़के या लड़कियों को मुक्त कराया गया है। इसके लिए पूरे राज्य में 31 जुलाई से 14 अगस्त तक विशेष अभियान ऑपरेशन नया सवेरा चलाया गया। इस दौरान मुक्त कराए गए 112 पीड़ितों में 41 नाबालिग लड़कियों, 7 महिलाओं और 64 नाबालिग लड़कें शामिल हैं। इस दौरान 28 पुरुष और 22 महिला समेत 50 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी एडीजी (कमजोर वर्ग) अमित कुमार जैन ने दी। पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के सभागार में आयोजित इस प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि इस दौरान 24 एफआईआर दर्ज की गई है।        एडीजी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानव व्यापार निरोध दिवस (30 जुलाई) के अवसर पर यह विशेष अभियान शुरू करके मानव व्यापार, बाल श्रम, अनैतिक देह व्यापार और ऑर्केस्ट्रा या थियेटर से पीड़ितों को मुक्त कराया गया है। इनके पुनर्वास के लिए यह अभियान चलाया गया है। इसके तहत पटना जिले से 2, किशनगंज से 7, पूर्णिया से 3, रोहतास से 3, मधुबनी से 1 और अररिया से 3 समेत कुल 19 ऑर्केस्ट्रा या थियेटर ग्रुप तथा मानव व्यापार के मामले में सारण जिला से 29 और बेतिया से 1 यानी कुल 30 को मुक्त कराया गया है। इसके साथ ही बाल श्रम मामले में पटना से 23, सीतामढ़ी से 21, वैशाली से 4, कटिहार से 3, बगहा से 1, मधुबनी से 3, नरकटियागंज रेलवे स्टेशन से 2 और सासाराम रेलवे स्टेशन से 6 यानी कुल 63 को बाल श्रम के चंगुल से मुक्त कराया गया है। मुक्त कराए गए पीड़ितों में नेपाल के 3, पश्चिम बंगाल के 13, उत्तरप्रदेश के 4, उड़ीसा एवं झारखंड के 1-1 पीड़ित शामिल हैं।         एडीजी अमित कुमार जैन ने बताया कि इस वर्ष जनवरी से अब तक सभी जिलों में मानव व्यापार से संबंधित विभिन्न मामलों में छापेमारी की गई। इसमें पुलिस के स्तर से 329 एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें 217 नाबालिग लड़कियों, 77 महिलाओं और 722 नाबालिग लड़कों समेत कुल 1016 पीड़ितों को शोषण से मुक्त कराया गया है। इस दौरान 250 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 197 पुरुष और 53 महिलाएं शामिल हैं। इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत मामले दर्ज कराकर जेल भेजा गया है।  सारण को पहला और पटना को दूसरा स्थान मिला ऑपरेशन नया सवेरा के अंतर्गत बेहतरीन कार्य करने के लिए सारण जिला को पहला और पटना को दूसरा पुरस्कार मिला है। वर्ष 2021 में सीआईडी के कमजोर वर्ग में परामर्श प्रकोष्ठ की स्थापना की गई। तब से 17 अगस्त 2025 तक पारिवारिक विवाद से संबंधित 157 आवेदन इस प्रकोष्ठ को प्राप्त हुए हैं। इसमें 142 मामलों का निपटारा कर दिया गया है। इनमें 56 मामलों में आपसी समझौते के जरिए पारिवारिक विवाद का निपटारा कराया गया है। ट्रांस वुमेन हेल्पडेस्क कमजोर वर्ग के स्तर से उभयलिंगी महिलाओं (ट्रांस वुमेन) के साथ होने वाले भेदभाव के समाधान के लिए हेल्पडेस्क बनाया गया है। इनके मामलों का निपटारा कर उनकी थाना स्तर तक पहुंच को सुगम बनाने के लिए 855 थानों में पहले से स्थापित महिला हेल्पलाइन को ट्रांस वुमेन हेल्पडेस्क का कार्य करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनके मामलों का निपटारा करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है।