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भारतीय ज्ञान परपंरा का उपयोग कर बढ़ाएं बच्चों की बौद्धिक क्षमता : राज्यपाल बागडे

जयपुर,  राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने कहा कि भारत ज्ञान की दृष्टि से सर्वाधिक समृद्ध है। वैज्ञानिकों, प्रोफेसर्स को चाहिए कि वे भारतीय ज्ञान परंपरा का शोध-अनुसंधानों में उपयोग करते हुए बच्चों की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दें।     राज्यपाल बागडे उदयपुर में शुक्रवार को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के अधिकारियों, विभागाध्यक्षों, संबद्ध महाविद्यालयों के अधिष्ठाताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के अकादमिक ढांचे, नामांकन की स्थिति, छात्रवृत्ति योजनाओं से लाभान्वित विद्यार्थियों, परीक्षा व्यवस्था, वित्तीय स्थिति, स्वीकृत एवं रिक्त पदों की स्थिति, रॉस्टर प्रणाली, विश्वविद्यालय की उपलब्ध एवं बिल्टअप भूमि आदि के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।     उन्होंने कहा कि भारत आदिकाल से ज्ञान का कोष रहा है। उन्होंने भारद्वाज ऋषि सहित अन्य का उदाहरण देते हुए उनके लिखे ग्रंथों का उल्लेख किया। उन्होंने ऐसी पुस्तकों को विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में रखने तथा उनका अध्ययन करने तथा अनुसंधान करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे युवा पीढ़ी में देश के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव बढ़ेगा। राज्यपाल ने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। अमेरिका सहित पूरा विश्व भारतीय टेलेन्ट पर निर्भर है। यही वजह है कि 1998 के परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद भारत पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा और वर्तमान में चल रहे हालातों में भी भारत मजबूती से खड़ा है।     श्री बागडे ने विश्वविद्यालय की ओर से गोद लिए गए गांवों में संचालित गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गोद लिए गांवों में स्वच्छता आदि गतिविधियां चलाना ही पर्याप्त नहीं हैं। वहां का समूचा वातावरण बदलना चाहिए। इन गांवों में महाविद्यालयों के विद्यार्थियों, सेवानिवृत्त अधिकारियों-शिक्षकों, कार्मिकों आदि को जोड़ते हुए प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को कहानी-प्रेरक किस्सों आदि के माध्यम से शिक्षित-दीक्षित करने की दिशा में काम किया जाना चाहिए, ताकि उनकी नींव मजबूत हो और वे जिम्मेदार नागरिक बन सकें। इसी से गांव का परिदृश्य बदलेगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भी पूर्व प्राथमिक एवं प्राथमिक स्तर पर बच्चों को अपने लोकल परिवेश के साथ जोड़ते हुए पढ़ाने की पक्षधर है।

बीजेपी को बड़ा झटका, मिर्धा परिवार के तेजपाल ने थामा कांग्रेस का हाथ

नागौर राजस्थान की राजनीति में मिर्धा परिवार का नाम हमेशा ही एक सियासी तूफान के पर्याय के रूप में लिया जाता रहा है। मारवाड़ के इस जाट बहुल इलाके में मिर्धा वंश की जड़ें इतनी गहरी हैं कि कभी कांग्रेस को मजबूत करने वाले नाथूराम मिर्धा के वारिस आज भाजपा की ओर झुकते नजर आ रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में कुचेरा नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष तेजपाल मिर्धा ने अपने 500 से अधिक समर्थकों के साथ कांग्रेस को अलविदा कह दिया और भाजपा में शामिल हो गए। देर रात प्रगतिशील संगठन (कांग्रेस समर्थित) का दामन थाम लिया। यह कदम 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुए दृश्यों की याद दिला रहा है, जब तेजपाल ने गठबंधन प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के खिलाफ खुला विद्रोह किया था। लेकिन अब, ज्योति मिर्धा के खिलाफ पार्टी के संगठन की गुटबाजी के चलते उन्होंने फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया। यह घटना नागौर की सियासत को एक नया आयाम दे रही है। तेजपाल मिर्धा, जो खींवसर विधानसभा क्षेत्र से 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे, ने उस समय राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के हनुमान बेनीवाल के खिलाफ मैदान संभाला था। बेनीवाल, जो आरएलपी के संस्थापक हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव में नागौर से जीते थे, ने ज्योति मिर्धा को हराया था। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-आरएलपी गठबंधन के तहत बेनीवाल को ही टिकट मिला, जिससे मिर्धा परिवार में खलबली मच गई। तेजपाल ने तब खुलेआम बेनीवाल के खिलाफ प्रचार किया और ज्योति मिर्धा का समर्थन किया। परिणामस्वरूप, अप्रैल 2024 में कांग्रेस ने तेजपाल सहित तीन नेताओं—सुखराम डोडवाडिया और भंवराराम सूबका—को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। निष्कासन के ठीक बाद, 12 अप्रैल 2024 को तेजपाल मिर्धा के आह्वान पर कुचेरा नगरपालिका के 21 पार्षदों, 8 पूर्व पार्षदों और 7 पंचायत समिति सदस्यों ने सामूहिक रूप से कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। लगभग 400 से अधिक कार्यकर्ताओं ने त्यागपत्र सौंपे, जिससे नागौर में कांग्रेस की नींव हिल गई। तेजपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, "नागौर में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 8 में से 4 सीटें जीतीं। लोकसभा में भी हमारी स्थिति मजबूत थी, फिर आरएलपी से गठबंधन क्यों? हनुमान बेनीवाल कांग्रेस को तोड़ने का हथियार मात्र हैं।" एक साल बाद, तेजपाल ने फिर वही रास्ता चुना है। देर रात राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कांग्रेस पार्टी से निष्कासित तेजपाल को दुबारा पार्टी में शामिल कर लिया। डोटासरा ने उन्हें पार्टी में शामिल करते हुए धन्यवाद दिया। तेजपाल ने कहा कि दिन का भटका रात को घर वापिस आ जाना कोई बड़ी बात नहीं है। उनका मकसद परिवार की एकजुटता और ज्योति मिर्धा के प्रति वफादारी था। तेजपाल के साथ उनके 500 समर्थक भी भाजपा से वापिस कांग्रेस में शामिल हो गए, जो कुचेरा और आसपास के इलाकों में मिर्धा परिवार की मजबूत पकड़ को दर्शाता है। तेजपाल खुद कुचेरा नगरपालिका के दो बार निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं, और खींवसर में उनका प्रभाव निर्विवाद है। यह घटना मिर्धा परिवार की जटिल सियासी यात्रा का एक और अध्याय जोड़ती है। स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा, जिन्हें राजस्थान में 'बाबा' के नाम से जाना जाता है, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और किसान नेता थे। वे कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, जिन्होंने 1977 के लोकसभा चुनाव में इमरजेंसी के बाद कांग्रेस की एकमात्र सीट नागौर से जीती थी। नाथूराम की विरासत पर चलते हुए उनकी पोती डॉ. ज्योति मिर्धा 2009 में नागौर से कांग्रेस सांसद बनीं। लेकिन 2023 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा का दामन थाम लिया। दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में शामिल होते हुए ज्योति ने कहा था कि "कांग्रेस गलत दिशा में जा रही है, राष्ट्र निर्माण में अवसर कम हैं।" भाजपा ने उन्हें तुरंत प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया और 2023 विधानसभा तथा 2024 लोकसभा में नागौर से टिकट दिया। ज्योति के इस कदम के बाद मिर्धा परिवार के अन्य सदस्यों ने भी भाजपा की ओर कदम बढ़ाए। मार्च 2024 में ज्योति के चाचा रिछपाल मिर्धा और उनके बेटे विजयपाल मिर्धा (डेगाना विधायक) ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली। ज्योति ने इसे अपनी सफलता बताया, यह कदम भाजपा को और मजबूत करेगा। लेकिन परिवार में सब कुछ सुगम नहीं चला। अप्रैल 2024 में रिछपाल के भाजपा जॉइन करने के बावजूद तेजपाल ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर परिवार के साथ में डटे रहने का फैसला किया था। अब तेजपाल का वापिस कांग्रेस में आना परिवार की एकजुटता को मजबूत करने का संकेत नहीं दे रहा हैं। हालांकि, नागौर के भाजपा संगठन में मिर्धा परिवार और स्थानीय नेताओं के बीच गुटबाजी चरम पर है। ज्योति मिर्धा को टिकट मिलने के बाद से ही संगठन के पुराने नेताओं में असंतोष पनप रहा है। मिर्धा परिवार की प्रभुत्व की कोशिशों से स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता नाराज हैं। सूत्र बताते हैं कि ज्योति और संगठन के बीच खींचतान तेज हो गई है। हाल ही में नवंबर 2024 के विधानसभा उपचुनावों से पहले नागौर और सवाई माधोपुर से 14 कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने पर भी ज्योति की भूमिका प्रमुख रही, लेकिन संगठन ने इसे अपनी जीत बताया। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा, "भाजपा डर दिखाकर तोड़ रही है।" स्थानीय लोग कयास लगा रहे हैं कि यह अंत नहीं है। ज्योति मिर्धा और भाजपा संगठन के बीच जारी तनाव के चलते रिछपाल मिर्धा समेत अन्य परिवारजन फिर से कांग्रेस की ओर कभी लौट सकते हैं। एक स्थानीय किसान नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मिर्धा परिवार की राजनीति हमेशा उतार-चढ़ाव वाली रही है। नाथूराम बाबा की विरासत किसानों की आवाज है, लेकिन आज सत्ता की होड़ में बंट गई है। नागौर जिले के 9 विधानसभा क्षेत्रों में से 3 पर मिर्धा परिवार का कब्जा रहा है—खींवसर, डेगाना और नागौर। 2023 चुनावों में ही चार मिर्धाओं ने मैदान संभाला था: तेजपाल (कांग्रेस, खींवसर), विजयपाल (कांग्रेस, डेगाना), हरेंद्र (कांग्रेस, नागौर) और ज्योति (भाजपा, नागौर)। यह घटना न केवल कांग्रेस को मजबूत कर रही है, बल्कि आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में भी भाजपा पर असर डालेगी। कुचेरा जैसे छोटे शहरों में तेजपाल का प्रभाव विकास कार्यों से जुड़ा है—सड़कें, पानी की आपूर्ति और किसान योजनाओं … Read more

‘जलसेतु एप’: पानी की जानकारी और शिकायत निवारण के लिए टीना डाबी का अभिनव कदम

बाड़मेर बाड़मेर जिले में पानी संबंधित जानकारी और समस्याओं के समाधान के लिए जिला कलेक्टर टीना डाबी ने एक अभिनव पहल करते हुए जिला प्रशासन द्वारा ‘जलसेतु एप’ तैयार करवाया। यह एप जनता और प्रशासन के बीच मजबूत सेतु का काम करेगा और उपयोगकर्ताओं को पानी की आपूर्ति की स्थिति के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करेगा। इससे लोगों को पानी की उपलब्धता और वितरण की सटीक जानकारी मिल सकेगी। जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बताया कि यह जलसेतु एप एक अभिनव पहल है, जो नागरिकों को जल सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करेगा। उनका कहना है कि हमारा लक्ष्य पारदर्शिता, दक्षता और स्थिरता के साथ जल प्रबंधन को बदलना है। उन्होंने कहा कि जिले में जनसुनवाई और रात्रि चौपालों में अधिकांश शिकायतें पानी से संबंधित आती हैं, जैसे गांव या शहर में पानी नहीं आना। एप तैयार करते समय सभी समस्याओं के समाधान पर ध्यान दिया गया, जिन्हें आमजन और उपभोक्ताओं द्वारा समय-समय पर बताया जाता रहा है। जलसेतु एप के माध्यम से उपभोक्ता अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे और उन्हें सभी उपयोगी सूचनाएं मोबाइल पर मिलेंगी। जिला कलेक्टर ने बताया कि कोई भी एंड्रॉइड यूजर इसे अपने फोन में डाउनलोड कर सकता है और एपल स्टोर पर भी जल्द ही उपलब्ध होगा। एप डाउनलोड करने के बाद उपयोगकर्ता अपनी आवश्यक सूचनाएं भरकर लोकेशन संबंधित जानकारी फीड कर सकता है। इसके बाद उसे हर रोज पानी सप्लाई का रियल टाइम शेड्यूल मिलेगा। यदि किसी कारण से पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है, तो पांच किलोमीटर के दायरे में निकटतम जल स्रोत की जानकारी गूगल मैप लोकेशन के साथ मिलेगी। साथ ही, उस जल स्रोत पर पानी की उपलब्धता और गुणवत्ता की जानकारी भी एप पर उपलब्ध होगी। टीना डाबी ने बताया कि कई बार पीएचईडी की पानी आपूर्ति लाइन पर मेंटेनेंस वर्क की वजह से जल आपूर्ति बाधित हो जाती है। इस स्थिति में एप पर अलर्ट दिया जाएगा कि लोकेशन पर मेंटेनेंस वर्क चल रहा है और जलापूर्ति बाधित रहेगी। साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था की जानकारी भी तुरंत उपभोक्ता को मिलेगी। यदि कोई उपभोक्ता लीकेज या अवैध कनेक्शन की शिकायत करता है, तो वह एप पर फोटो सहित संबंधित अधिकारी को टैग करके अपलोड कर सकता है। विभाग निर्धारित समय में शिकायत का निस्तारण करेगा। इसके अलावा, जलजीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यों और पानी कनेक्शन से संबंधित सूचनाएं भी एप पर उपलब्ध कराई जाएंगी। जिला कलेक्टर ने बताया कि पहले बाड़मेर शहर में एक सप्ताह ट्रायल के रूप में एप चलाया जाएगा। ट्रायल के दौरान आने वाली समस्याओं और सुधारों की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद इसे बाड़मेर ग्रामीण क्षेत्र में लॉन्च किया जाएगा और तीन से चार सप्ताह में पूरे जिले में लागू कर दिया जाएगा। प्रभारी मंत्री और पशुपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत, साथ ही बाड़मेर विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी और जिला कलेक्टर टीना डाबी ने गुरुवार शाम को कलेक्ट्रेट कॉन्फ्रेंस हॉल में ‘जलसेतु एप’ का लॉन्च किया। प्रभारी मंत्री ने कहा कि यह एप जिले की जल आवश्यकताओं की पूर्ति और जल समस्या समाधान के लिए मील का पत्थर साबित होगा।  

राजस्थान को विकास की रफ्तार, पीएम मोदी ने दी 1.22 लाख करोड़ की परियोजनाएं, युवाओं को बांटे नियुक्ति पत्र

बांसवाड़ा राजस्थान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी सौगात दी है. पीएम मोदी ने बांसवाड़ा में केंद्र और राज्य सरकार की 1,22,100 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. साथ ही 15000 से अधिक नियुक्ति पत्र भी बांटा.  प्रधानमंत्री मोदी ने तीन ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाया.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में 1,22,100 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. साथ ही उन्होंने राजस्थान के सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त युवाओं को 15,000 से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए. इनमें 5770 से अधिक पशु परिचारक, 4190 कनिष्ठ सहायक, 1800 कनिष्ठ प्रशिक्षक, 1460 कनिष्ठ अभियंता, 1200 तृतीय श्रेणी लेवल-2 शिक्षक आदि शामिल हैं. पीएम मोदी ने तीन ट्रेनों को भी दिखाई हरी झंडी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान दौरे में तीन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई. जिसमें बीकानेर और दिल्ली कैंट के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, जोधपुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन और दिल्ली कैंट और उदयपुर सिटी-चंडीगढ़ एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं. 90,000 करोड़ रुपये की बिजली परियोजनाओं का शुभारंभ किया : पीएम मोदी बांसवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “नवरात्रि के दौरान शक्ति के नौ रूपों की पूजा की जाती है. और आज ‘ऊर्जा शक्ति’, यानी बिजली उत्पादन से जुड़ा एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. भारत की बिजली उत्पादन क्षमताओं का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है… आज 90,000 करोड़ रुपये की बिजली परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया… हर राज्य को महत्व दिया जा रहा है.” कांग्रेस के समय बिजली गई ,खबर नहीं थी, आई वो खबर थी : पीएम मोदी प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. कहा, “कांग्रेस ने कभी बिजली के महत्व पर ध्यान नहीं दिया. 2014 में जब मुझे सेवा करने का मौका मिला, तब देश में 2.5 करोड़ घर ऐसे थे जिनमें बिजली का कनेक्शन नहीं था. आजादी के 70 साल बाद भी 18,000 गांवों में बिजली के खंभे नहीं थे. बड़े शहरों में घंटों बिजली कटौती होती थी. गांवों में 4-5 घंटे बिजली आने पर जश्न मनाया जाता था. लोग मजाक करते थे, “हमारे यहां बिजली गई वो खबर नहीं है. बिजली आई, वो खबर है…” लोग एक-दूसरे को बधाई देते थे जब उनके यहां एक घंटे के लिए बिजली आती थी… 2014 में हमारी सरकार ने इस स्थिति को बदलने का फैसला किया… हमने भारत के हर गांव में बिजली पहुंचाई. हमने 2.5 करोड़ घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए.” हमारी सरकार कांग्रेस के भ्रष्टाचार से मिले घावों पर मरहम लगा रही : पीएम मोदी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारी सरकार कांग्रेस के भ्रष्टाचार से मिले घावों पर मरहम लगा रही है. कांग्रेस सरकार में राजस्थान पेपर लीक का अड्डा बन गया था. जल जीवन मिशन भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. महिलाओं के खिलाफ अपराध चरम पर थे. बलात्कारियों को संरक्षण दिया जा रहा था. बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जैसे क्षेत्रों में अपराध और अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा था. लेकिन जब भाजपा को मौका मिला, तो हमने कानून-व्यवस्था को मजबूत किया. नई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं.”

वंदे भारत ट्रेन जोधपुर से दिल्ली के सफर पर, रेलमंत्री ने किया उद्घाटन

जोधपुर  जोधपुर से दिल्ली कैंट तक चलने वाली बहुप्रतीक्षित वन्दे भारत सेमी हाई स्पीड एक्सप्रेस ट्रेन गुरुवार को पटरी पर आ गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांसवाड़ा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेन का उद्घाटन किया। वहीं जोधपुर रेलवे स्टेशन पर आयोजित समारोह में केन्द्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर उद्घाटन फेरे के लिए रवाना किया। बता दें कि वंदे भारत को 2.30 बजे रवाना किया जाना था, लेकिन जोधपुर स्टेशन से ट्रेन करीब 3.30 बजे निकली। केन्द्रीय पर्यटन मंत्री भी उपस्थित रहे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आप सभी के लिए पुणे, चेन्नई और हैदराबाद के लिए रोजाना की गाड़ी चालू हो गई है। आप लोगों की तरफ से सालों से आ रही डिमांड को पूरा कर दिया गया है। हमने हर वादे को पूरा किया है। अब आप वंदे भारत का आनंद उठाएं।  इस दौरान केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी उपस्थित रहे। जोधपुर के सीनियर डीसीएम विकास खेड़ा के अनुसार गुरुवार को गाड़ी संख्या 04861 जोधपुर-दिल्ली कैंट वन्दे भारत उद्घाटन स्पेशल ट्रेन जोधपुर से रवाना होकर जयपुर स्टेशन पर शाम 7.05 बजे आगमन व 7.10 बजे प्रस्थान करेगी। रात 11.10 बजे दिल्ली कैंट पहुंचेगी। यह ट्रेन मार्ग में मेड़ता रोड, डेगाना, मकराना, फुलेरा, जयपुर, अलवर, रेवाडी व गुड़गांव स्टेशनों पर ठहराव करेगी। ट्रेन का नियमित संचालन 27 सितंबर से होगा। बता दें कि उद्घाटन फेरे 200 से ज्यादा यात्रियों ने सफर किया। दो साल बाद मिली दूसरी वन्दे भारत सीनियर डीसीएम विकास खेड़ा के अनुसार नई वन्दे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में सात वातानुकूलित कुर्सीयान व एक एग्जीक्यूटिव वातानुकूलित कुर्सीयान श्रेणी के डिब्बे हैं। इस ट्रेन का रंग सफेद की बजाए केसरिया है। जोधपुर मंडल से चलने वाली नई वन्दे भारत एक्सप्रेस ट्रेन जोधपुर मंडल की दूसरी सेमी हाई स्पीड ट्रेन होगी। इससे पहले जोधपुर से साबरमती स्टेशनों के बीच पहली वन्दे भारत ट्रेन 7 जुलाई 2023 से चलना प्रारंभ हुई थी।

अदालत का सख्त फरमान: दरगाहों में CCTV कैमरे का विरोध पड़ेगा भारी

अजमेर अजमेर की विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का विरोध करने वालों पर अब कानूनी शिकंजा कसेगा। सिविल न्यायाधीश कनिष्ठ खंड एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम वर्ग (अजमेर पश्चिम) मनमोहन चंदेल ने दरगाह नाजिम को आदेश जारी करते हुए कहा कि परिसर में हर संभावित जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति या समूह इसका विरोध करता है तो उनके खिलाफ कलेक्टर और एसपी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें। दरअसल, दरगाह के आस्ताना में खिदमत की बारी को लेकर खादिमों के बीच हुए विवाद के मामले में अदालत ने नाजिम से संबंधित जगह की सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन नाजिम ने अदालत को बताया कि उस क्षेत्र में कैमरे नहीं लगे हैं, इसलिए फुटेज उपलब्ध नहीं है। अदालत ने इस तथ्य को गंभीरता से लेते हुए दरगाह में तत्काल कैमरे लगाने के निर्देश जारी किए। अदालत ने नाजिम को यह भी विकल्प दिया कि यदि वे दरगाह कमेटी के खर्चे पर कैमरे लगाना चाहते हैं तो पांच दिन के भीतर कलेक्टर और एसपी को लिखित याचिका देकर उनसे सहयोग मांग सकते हैं। अदालत ने यह भी कहा कि कैमरों का संचालन दरगाह कमेटी को नियमानुसार करना होगा। फैसले में अदालत ने कहा कि दरगाह परिसर में कैमरे लगाने का विरोध स्वार्थवश किया जाता है, जबकि भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थलों पर सुविधा और सुरक्षा की दृष्टि से कैमरे जरूरी हैं। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के रूप में सीसीटीवी फुटेज विवादों के समाधान में बेहद मददगार साबित होते हैं। इसलिए कलेक्टर और एसपी से अपेक्षा की जाती है कि वे दरगाह कमेटी की मदद करें और विरोध करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करें। गौरतलब है कि अजमेर दरगाह में 2007 से सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। फिलहाल परिसर के करीब 75 प्रतिशत हिस्से को 57 कैमरों से कवर किया गया है। लेकिन आस्ताना सहित 25 प्रतिशत एरिया अब भी कैमरों की पहुंच से बाहर हैं। केंद्र सरकार ने सुरक्षा कारणों से आस्ताना में भी कैमरे लगाने की कवायद शुरू की थी, मगर दरगाह के एक बड़े पक्ष द्वारा इसका विरोध किया गया। अब अदालत के सख्त रुख के बाद दरगाह परिसर में शेष हिस्सों, विशेषकर आस्ताना में, सीसीटीवी लगाने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार भी आगामी 814वें उर्स से पहले दरगाह में सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता करने की दिशा में कदम उठा रही है। अदालत के इस आदेश से स्पष्ट है कि दरगाह परिसर में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना अब टाली नहीं जा सकेगी और विरोध करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एसीबी ने ग्राम विकास अधिकारी सोनाक्षी यादव को 1000 रुपये रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अजमेर इकाई ने बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) सोनाक्षी यादव को एक हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवादी की मकान राशि पास करने के नाम पर रिश्वत मांग रही थी। एसीबी मुख्यालय को प्राप्त शिकायत में परिवादी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उसके मकान निर्माण की स्वीकृत राशि जारी कराने के लिए ग्राम विकास अधिकारी ने कुल 2500 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इसमें से 500 रुपये वह सत्यापन के दौरान पहले ही ले चुकी थी और शेष 2000 रुपये बाद में देने को कहा गया था। सत्यापन के समय 500 रुपये प्राप्त करने के बाद, आरोपी ने परिवादी से स्पष्ट रूप से कहा कि राशि पास कराने के लिए शेष रकम चुकानी होगी। शिकायत की पुष्टि और सत्यापन के बाद एसीबी ने योजना बनाते हुए आज ट्रेप कार्रवाई की। उप महानिरीक्षक पुलिस अनिल कयाल के सुपरवीजन में, निरीक्षक कंचन भाटी के नेतृत्व में एसीबी टीम ने सोनाक्षी यादव को 1000 रुपये की रिश्वत लेते ही रंगे हाथों पकड़ लिया। टीम ने मौके पर ही रिश्वत की राशि बरामद कर ली। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की महानिदेशक पुलिस, स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपिता से पूछताछ की जा रही है और मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा। एसीबी की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हुआ है कि सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए भ्रष्टाचार पर सख्त निगरानी जारी है। एसीबी ने आमजन से अपील की है कि यदि किसी भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है, तो तुरंत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संपर्क करें। ब्यूरो शिकायतकर्ताओं की पहचान को गोपनीय रखकर कार्रवाई करता है। यह गिरफ्तारी राजस्थान में चल रहे एसीबी के विशेष अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत कई विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है।

राजस्थान के आधा दर्जन शहरों में 3 वंदेभारत की शुरुआत, दिल्ली का सफर अब और आसान

जयपुर राजस्थान और दिल्ली के बीच रेल कनेक्टिविटी अब और बेहतर होगी। बीकानेर, जोधपुर जैसे बड़े शहरों से 3 वंदेभारत ट्रेन  शुरू होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। इनमें जोधपुर-दिल्ली कैंट-जयपुर वंदेभारत सप्ताह में 6 दिन चलेगी। यह ट्रेन वाया जयपुर होकर जोधपुर पहुंचेगी। ट्रेन दोपहर 3 बजे दिल्ली से रवाना होगी और शाम 7 बजे जयपुर पहुंचेगी। यह ट्रेन मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में 6 दिन चलेगी। वहीं बीकानेर-दिल्ली कैंट-बीकानेर वंदे भारत एक्सप्रेस सप्ताह में 06 दिन (बुधवार को छोडकर) नई रेलसेवा का संचालन किया जा रहा है। बीकानेर से दिल्ली गाडी संख्या 26471, बीकानेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस सप्ताह में 06 दिन (बुधवार को छोडकर) नई रेलसेवा दिनांक 28 सितंबर से बीकानेर से प्रत्येक सोमवार, मंगलवार, गुरूवार, शुक्रवार, शनिवार व रविवार सुबह 5.40 बजे रवाना होकर  11.55 बजे दिल्ली कैंट पहुंचेगी। इसी प्रकार गाडी संख्या 26472, दिल्ली कैंट-बीकानेर वंदे भारत एक्सप्रेस सप्ताह में 06 दिन (बुधवार को छोडकर) नई रेलसेवा  28 सितंबर को दिल्ली कैंट से प्रत्येक सोमवार, मंगलवार, गुरूवार, शुक्रवार, शनिवार व रविवार को 16.45 बजे रवाना होकर 23.05 बजे बीकानेर पहुंचेगी। यह रेलसेवा मार्ग में श्री डूंगरगढ़, रतनगढ़, चुरु ,सादुलपुर, लोहारू, महेंद्रगढ़ एवं गुड़गांव स्टेशनों पर ठहराव करेगी। इस गाडी में 07 वातानुकुलित कुर्सीयान व 01 एक्जिक्यूूटिव वातानुकुलित कुर्सीयान श्रेणी के डिब्बें होगें। उदयपुर से चंडीगढ़ वाया जयपुर इसी तरह 27 सितंबर से उदयपुर से चंडीगढ़ के लिए नई रेल सेवा शुरू होने जा रही है। यह रेल उदयपुर से बुधवार और शनिवार शाम 4 बजे चलेगी और रात 11 बजे जयपुर पहुंचेगी और अगले दिन 11 बजे चंडीगढ़ पहुंचेगी।

राजस्थान के विकास को नई उड़ान: पीएम मोदी 1 लाख करोड़ की परियोजनाओं का करेंगे ऐलान

जयपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (25 सितंबर) को बांसवाड़ा में कार्यक्रम के दौरान राजस्थान को 1 लाख 8 हजार 468 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। इसमें विभिन्न क्षेत्रों की 18 से अधिक प्रमुख योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण शामिल है। पीएम के दौरे को लेकर राजस्थान में जबरदस्त तैयारियां की जा रही है। राजस्थान बीजेपी प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल भी आज उदयपुर पहुंच रहे हैं। यहां से वे प्रधानमंत्री के बांसवाड़ा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाएंगे। शिलान्यास के मुख्य प्रोजेक्ट्स:     2,800 मेगावाट माही-बांसवाड़ा परमाणु विद्युत परियोजना (₹42,000 करोड़)     बीकानेर में 590 मेगावाट अक्षय ऊर्जा परियोजना (₹8,500 करोड़)     15.5 गीगावाट विद्युत प्रसारण लाइनें (₹13,183 करोड़)     12 जिलों में 15 पेयजल परियोजनाएं (₹5,884 करोड़)     भरतपुर में फ्लाईओवर, पुल व अटल प्रगति पथ (₹878 करोड़)     बीकानेर-जैसलमेर में 220 केवी के जीएसएस व लाइनें (₹348 करोड़) लोकार्पण के प्रमुख कार्य:     1,400 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना व 925 मेगावाट नोख सोलर पार्क (₹10,710 करोड़)     पीएम कुसुम-C के तहत 895 मेगावाट सौर संयंत्र (₹3,132 करोड़)     सिंचाई परियोजनाएं जैसे ईसरदा बांध, बत्तीसानाला (₹2,365 करोड़)     7 सड़क परियोजनाएं (₹1,758 करोड़)     बाड़मेर में 220 केवी जीएसएस (₹142 करोड़)     डीडवाना-कुचामन व झुंझुनूं में सीवरेज व जल परियोजनाएं (₹226 करोड़)     IT व ई-गवर्नेन्स सेंटर (₹140 करोड़), भरतपुर में 250 बेडेड अस्पताल (₹128 करोड़) विशेष घोषणाएं:     जल संसाधन विभाग की ₹20,833 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण     15,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे     इसके अलावा बीकानेर एवं देहली  कैंट के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन जोधपुर एंव  देहली कैंट बंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन उदयपुर से चंडीगढ़ एक्सप्रेस को भी प्रधानमंत्री मोदी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।  वहीं  राजस्थान को जल संसाधन ,PWD पी एच ई जी,शहरी विकास एवं आवास ,चिकित्सा शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों के  विकास प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी होगा। कुल मिलाकर लगभग 1,22,000 करोड़ से अधिक के कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण होगा जिसमें से राजस्थान को 1,08,468करोड के शिलान्यास और लोकार्पण शामिल है।

माता चामुंडा की आस्था में डूबा नवरात्रि का पर्व, उमड़ा भक्तों का सैलाब

अजमेर अजमेर के वरुण रोड स्थित बोराज गांव की पहाड़ी पर विराजमान चामुंडा माता के मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। यह लाखों लोगों का आस्था का केंद्र है। बता दें कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने इस मंदिर की स्थापना की थी और वे स्वयं यहां पूजा-अर्चना किया करते थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर चामुंडा माता ने पृथ्वीराज चौहान को इस स्थान पर दर्शन भी दिए थे । 1160 वर्ष पूर्व हुई थी स्थापना मंदिर के पुजारी मदन सिंह रावत ने  बताया कि मंदिर की स्थापना 1160 से अधिक वर्ष पूर्व हुई थी, तब से लेकर आज तक चामुंडा माता की पूजा-अर्चना नित्य होती है। मंदिर प्रांगण में गंगा मैया, भगवान भोलेनाथ, हनुमान जी और भैरव बाबा का भी मन्दिर है। गंगा मैया के मंदिर में जल का एक छोटा सा कुंड है, जिसका पानी कभी भी समाप्त नहीं होता । इस कुंड के जल को गंगा के समान पवित्र माना जाता है। पृथ्वीराज चौहान की कुलदेवी बताया जाता है कि चामुंडा माता सम्राट पृथ्वीराज चौहान की कुलदेवी हैं। स्थानीय लोग चामुंडा माता को चामुंडा माई कह कर पुकारते हैं। कहा जाता है कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान माता के अनन्य भक्त थे। यहीं वह स्थान है जहां माता ने उन्हें दर्शन दिये थे। बोराज गांव से मंदिर के सेवादार यहां पूजा-अर्चना करते हैं। युद्ध में जाने से पहले सम्राट पृथ्वीराज चौहान माता का आशीर्वाद लेने इसी चामुंडा माता मंदिर में जाते थे । यह ऐतिहासिक मंदिर अजमेर के एक झील वरुण सागर के पास में पहाड़ी के ऊपर स्थित है। कुंड का पानी नहीं होता खत्म मंदिर में माता गंगा का एक ऐसा कुंड है, जिसमें पानी कभी समाप्त नहीं होता। मंदिर के बारे में कहा जाता है यहां पर सिर्फ माता का मुख ही बाहर की तरफ है, बाकी शरीर धरती के अंदर है। नवरात्रि के दिनों में यहां बहुत ही धूमधाम से आरती की जाती है और विशेष तौर से मेला लगता है। हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र जिले का सबसे प्राचीनतम मंदिर होने के चलते वहीं नवरात्रों के नौ दिनों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्रों में मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और माता का विशेष शृंगार किया जाता है।