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CM सैनी बोले—कांग्रेस और नेताओं से अच्छी भाषा की उम्मीद कैसे करें

हिसार  हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी  जोधपुर पहुंचे. एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कांग्रेस और विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है और उसके नेता निराशा व हताशा की स्थिति में हैं. जानकारी के अनुसार, सैनी ने कांग्रेस पर तीखा वार करते हुए कहा कि “कांग्रेस नेताओं का जन्म भ्रष्टाचार की दलदल में हुआ है और राहुल गांधी व तेजस्वी यादव जैसे नेता उसी दलदल में पनपे हैं. इसलिए उनकी भाषा और सोच कभी भी सकारात्मक नहीं हो सकती.” कांग्रेस नेताओं का जन्म भ्रष्टाचार की दलदल में हुआ- CM सैनी  इस मामले में उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना कांग्रेस शासन से करते हुए कहा कि आज मोदी जी के नेतृत्व में पूरी दुनिया भारत को सम्मान की दृष्टि से देख रही है, जबकि कांग्रेस के कार्यकाल में देश को भ्रष्टाचार की नजर से देखा जाता था. इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि “राहुल गांधी वोट चोरी की बात करते हैं, लेकिन वोट चोरी तो कांग्रेस के डीएनए में है. जब सरदार वल्लभभाई पटेल को प्रधानमंत्री बनने के लिए 14 वोट मिले और नेहरू जी को मात्र एक वोट, तब भी कांग्रेस ने वोट चोरी कर नेहरू जी को प्रधानमंत्री बना दिया था.”उन्होंने कहा कि गरीब का बेटा बार-बार प्रधानमंत्री बन रहा है, यही कांग्रेस को बर्दाश्त नहीं होता. इसी कारण वे मोदी जी की माता जी तक का अपमान करने वाले बयान देते हैं. हमारी पवित्र धरती को कांग्रेस ने कलंकित किया- CM सैनी  इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस बार-बार संविधान खतरे में होने की बात करती है, लेकिन देश ने हर बार उनके इस झूठ को नकारा है और आगे भी नकारेगा. उन्होंने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि “जिस पवित्र धरती से महात्मा बुद्ध और चाणक्य जैसे महान संत हुए, जहां गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व हुआ और जहां मां सीता का जन्म हुआ, उस धरती को कांग्रेस ने कलंकित किया है.” जोधपुर में नायब सिंह का यह दौरा भाजपा कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने और कांग्रेस पर सीधा हमला बोलने के रूप में देखा जा रहा है.

अब नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर, महिलाओं को 2100 रुपये की सुविधा ऑनलाइन

हरियाणा  हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने बीते दिन 25 सितंबर से ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ लागू करने की घोषणा की, जिसके तहत पात्र महिलाओं को 2,100 रुपये दिए जाएंगें। इस योजना का लाभ 23 साल या उससे अधिक आयु की महिलाओं को मिलेगा। विवाहित और अविवाहित दोनों तरह की महिलाएं होंगी।  बता दें कि पहले चरण में वो परिवार शामिल होंगे, जिनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से कम है। पहले चरण में 19 से 20 लाख महिलाओं को योजना का लाभ मिलेगा। ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ लागू करना हरियाणा में बीजेपी के चुनावी वादों में शामिल था। नायब सैनी ने कहा है कि आने वाले छह-सात दिनों में योजना को लेकर एक ऐप भी लॉन्च किया जाएगा। इसकी मदद से पात्र महिलाएं अपने घर पर बैठकर मोबाइल से ही फॉर्म अप्लाई कर पाएंगी।   

भारत की पहली प्रदूषण-रहित ट्रेन का आगाज, हरियाणा से होगी शुरुआत

हरियाणा  भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन हरियाणा के जींद और सोनीपत के बीच 89 किलोमीटर के रूट पर सितंबर 2025 में ट्रायल रन के लिए तैयार है। इसका निर्माण चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया गया है, और यह ट्रेन हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक पर आधारित है।  इसे भारतीय रेलवे की अभूतपूर्व पहल माना जा रहा है। यह पर्यावरण के अनुकूल कदम है। ट्रेन हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक में ऑक्सीजन के साथ मिलकर बिजली उत्पन्न की जाती है, जिसमें पानी और भाप खर्च होती है। इसका कार्बन उत्सर्जन शून्य रहता है। यह डीजल ट्रेनों की तुलना में प्रदूषण-मुक्त है।    यह ट्रेन 1,200 हॉर्सपावर की क्षमता वाली होगी जो इसे दुनिया की सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेनों में से एक बनाती है. अन्य देशों (जैसे जर्मनी) की हाइड्रोजन ट्रेनें आमतौर पर 500-600 हॉर्सपावर की होती हैं। ट्रेन में 8 यात्री कोच और 2 हाइड्रोजन स्टोरेज कोच हैं जो एक बार में 2,638 यात्रियों को ले जा सकती है. 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम है। किलो हाइड्रोजन इस ट्रेन को 4.5 लीटर डीजल के बराबर माइलेज देता है. 8-10 कोच खींचने के लिए 2.4 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है, जिसके लिए ट्रेन में दो पावर प्लांट लगाए गए हैं।    ट्रेन का निर्माण चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया गया है, जो 1955 में स्थापित भारत की पहली कोच उत्पादन इकाई है. ट्रेन का डिजाइन लखनऊ के अनुसंधान, अभिकल्प एवं मानक संगठन (RDSO) द्वारा तैयार किया गया है. यह पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। इस ट्रेन की अनुमानित लागत 82 करोड़ रुपये है. भारतीय रेलवे ने ‘हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज’ पहल के तहत 35 ऐसी ट्रेनों के लिए 2,800 करोड़ रुपये और बुनियादी ढांचे के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।   

एसआरएस ग्रुप घोटाला: भगोड़े प्रमोटरों पर गुरुग्राम कोर्ट की बड़ी कार्रवाई

गुरुग्राम गुरुग्राम की विशेष अदालत (पीएमएलए) ने एसआरएस ग्रुप की विभिन्न कंपनियों के प्रमोटरों और निदेशकों (जितेंद्र कुमार गर्ग, सुनील जिंदल और प्रवीण कुमार कपूर) को नोटिस जारी किया है। विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए), 2018 के तहत एसआरएस ग्रुप की कंपनियों के प्रमोटरों और निदेशकों को यह नोटिस जारी किया है। ईडी के अनुसार, यह नोटिस धारा 4, एफईओए, 2018 के तहत दायर एक आवेदन के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें इन आरोपियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों, सहयोगियों और उनकी 212.73 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने की मांग की गई है। एसआरएस ग्रुप रियल एस्टेट और वित्तीय व्यवसाय में सक्रिय था। इन प्रमोटरों पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, संपत्ति का आपराधिक दुरुपयोग और आपराधिक साजिश जैसे अपराधों का आरोप है, जिसमें उन्होंने होमबायर्स, प्लॉट खरीदारों, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को ठगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा पुलिस, दिल्ली ईओडब्ल्यू और सीबीआई, नई दिल्ली द्वारा दर्ज लगभग 81 एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। इन एफआईआर में भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत अनिल जिंदल, जितेंद्र कुमार गर्ग, सुनील जिंदल, प्रवीण कुमार कपूर और एसआरएस ग्रुप के अन्य निदेशकों तथा प्रमुख कर्मचारियों के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। इन लोगों ने निवेश के नाम पर जनता और बैंकों से लगभग 2200 करोड़ रुपए की भारी राशि इकट्ठा की और हाई रिटर्न का वादा करके निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की। ईडी की जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल व्यक्तियों और कंपनियों की पहचान की गई। जांच में पाया गया कि जितेंद्र कुमार गर्ग, सुनील जिंदल और प्रवीण कुमार कपूर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे, जिसके बाद 2022 में इस मामले में अभियोजन शिकायत दर्ज की गई। ईडी ने अपराध से प्राप्त संपत्तियों की पहचान की और अब तक इस मामले में 2215.98 करोड़ रुपए की संपत्तियों को कुर्क किया गया है। ईडी की जांच से पता चला है कि तीनों आरोपी (जितेंद्र कुमार गर्ग, सुनील जिंदल और प्रवीण कुमार) भारत छोड़ चुके हैं, जो जॉर्जिया, दुबई और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रह रहे हैं। ये आरोपी आपराधिक मुकदमे का सामना न करने के लिए भारतीय न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से बाहर रहकर कानूनी प्रक्रिया से बच रहे हैं। सभी भगोड़ों के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट, लुकआउट सर्कुलर और रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया है। इससे पहले, 6 जून 2025 को विशेष अदालत ने उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित किया था। वर्तमान में जितेंद्र कुमार गर्ग, सुनील जिंदल और प्रवीण कुमार कपूर को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया गुरुग्राम की विशेष अदालत में चल रही है।

हरियाणा में महंगी स्कूली पढ़ाई पर सुरजेवाला का तंज– ‘ये है सैनी का शिक्षा मॉडल’

चंडीगढ़ कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसी 'राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण' (NSS) की रिपोर्ट- 2025 के मुताबिक ही हरियाणा में स्कूली शिक्षा, देशभर के मुकाबले दोगुनी से भी ज्यादा महंगी है। इस संबध में सुरजेवाला ने अपने x पर पोस्ट शेयर करते हुए सरकार पर कटाक्ष किया ।  राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के 80वें दौर के व्यापक मॉड्यूलर सर्वेक्षण: शिक्षा, 2025 के अनुसार, हरियाणा में एक शैक्षणिक वर्ष के दौरान स्कूली शिक्षा पर प्रति छात्र औसत खर्च 25,720 रुपये है, जो चंडीगढ़ के बाद दूसरे स्थान पर है और राष्ट्रीय औसत से दोगुना से भी ज़्यादा है। चंडीगढ़ में स्कूली शिक्षा पर प्रति शैक्षणिक वर्ष 49,711 रुपये खर्च होते हैं। पंजाब (22,692 रुपये) और हिमाचल प्रदेश (18,305 रुपये) के मामलों में, यह राशि काफी कम है। राष्ट्रीय औसत 12,616 रुपये प्रति शैक्षणिक वर्ष है।  हरियाणा में स्कूली शिक्षा पर लड़कों पर होने वाला खर्च लड़कियों की तुलना में अधिक है। लड़कों के लिए वार्षिक खर्च 27,697 रुपये और लड़कियों के लिए 23,465 रुपये है।राज्य के सरकारी स्कूलों में, बच्चों की स्कूली शिक्षा पर होने वाला खर्च काफी कम यानी 4,479 रुपये प्रति शैक्षणिक वर्ष है। हालाँकि, निजी सहायता प्राप्त स्कूलों में यह खर्च बढ़कर 48,636 रुपये हो जाता है, और निजी-गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए यह 39,015 रुपये है।   हरियाणा में निजी संस्थानों में पढ़ने वाले स्कूली छात्रों की संख्या ज़्यादा है। यहाँ 41.2 प्रतिशत छात्र सरकारी स्कूलों में, 11.9 प्रतिशत निजी सहायता प्राप्त स्कूलों में और 45.7 प्रतिशत निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों (मान्यता प्राप्त) में नामांकित हैं। हरियाणा में प्रति छात्र औसत व्यय की मदवार जाँच करने पर पता चला कि पाठ्यक्रम शुल्क पर 16,405 रुपये (63.8 प्रतिशत) खर्च किए गए। इसकी तुलना में, परिवहन पर 3,633 रुपये (14.2 प्रतिशत) खर्च किए गए; यूनिफ़ॉर्म पर 1,966 रुपये (7.6 प्रतिशत), पाठ्यपुस्तकों और स्टेशनरी पर 2,852 रुपये (11.1 प्रतिशत) और अन्य खर्चों पर 865 रुपये (3.4 प्रतिशत) खर्च किए गए। हरियाणा में निजी कोचिंग का चलन राष्ट्रीय औसत से कम है। हरियाणा में विभिन्न स्तरों पर, चालू शैक्षणिक वर्ष के दौरान केवल 11 प्रतिशत छात्र निजी कोचिंग ले रहे थे या ले चुके थे। पूरे भारत में यह आँकड़ा 27 प्रतिशत था, जबकि चंडीगढ़ में यह 32.9 प्रतिशत और पंजाब में 26.8 प्रतिशत था। हिमाचल प्रदेश में यह दर हरियाणा से कम यानी 7.7 प्रतिशत दर्ज की गई। इस सर्वेक्षण में कौशल विकास, कला, नृत्य, संगीत कक्षाओं जैसी पाठ्येतर गतिविधियों और खेलों के लिए कोचिंग को शामिल नहीं किया गया। हरियाणा में एक शैक्षणिक वर्ष के दौरान प्रति छात्र निजी कोचिंग पर औसत खर्च 1,366 रुपये है, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह और भी कम यानी 437 रुपये है। चंडीगढ़ में यह 5,650 रुपये और पंजाब में 1,732 रुपये है। अखिल भारतीय औसत 2,409 रुपये है। उच्चतर माध्यमिक स्तर पर, हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में निजी कोचिंग पर औसत खर्च 7,857 रुपये था, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह आँकड़ा 9,950 रुपये था। चंडीगढ़ में कोचिंग के लिए यहश में एक शैक्षणिक वर्ष के लिए मात्र 1,135 रुपये थी।  20,688 रुपये, पंजाब में 2,307 रुपये और हिमाचल प्रदे

स्वच्छ भारत मिशन की मीटिंग में गूंजा फरमान, कैथल के वाइस चेयरमैन बोले- लापरवाह अधिकारियों का दो वीडियो

कैथल  कैथल में आज एक स्वच्छता अभियान को लेकर अहम बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी भारत भूषण भारती और स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने अधिकारियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया।  इस बैठक का उद्देश्य था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराना। लेकिन, इस महत्वपूर्ण वर्कशॉप में मौजूद अधिकारियों की उदासीनता ने सबको हैरान कर दिया। ज्यादातर अधिकारी स्वच्छता पर चर्चा के बजाय अपने मोबाइल फोनों में व्यस्त दिखे। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो उन्हें इस अभियान से कोई सरोकार ही नहीं है।  पत्रकारों से बातचीत में सुभाष चंद्र ने जोश के साथ कहा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना के पूरे भारत को स्वच्छ बनाना है इसी तरह हरियाणा के मुख्यमंत्री भी पूरे हरियाणा को स्वच्छ बनाने पर जोर दे रहे हैं और हम उनके प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं, "हमें पूरे भारत को स्वच्छ बनाना है। स्वच्छ भारत ही रोगमुक्त भारत की नींव है। इसके लिए हम अधिकारियों को जागरूक कर रहे हैं।" लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे अधिकारियों की लापरवाही और मोबाइल में व्यस्त रहने का सवाल उठाया, तो सुभाष चंद्र ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "अगर आपके पास ऐसा कोई तथ्य या वीडियो है, तो हमें उपलब्ध कराएं। हम ऐसे गैर-जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। "यह घटना न केवल स्वच्छ भारत मिशन के प्रति अधिकारियों की गंभीरता पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि क्या इस तरह की उदासीनता के साथ स्वच्छ भारत का सपना सचमुच पूरा हो पाएगा?

हरियाणा से रामदेवरा तक सीधी बस कनेक्टिविटी, भक्तों की होगी बड़ी सुविधा

हरियाणा  तेहाबादवासियों के लिए राहत की खबर आई है। फतेहाबाद डिपो से राजस्थान के रामदेवरा के लिए सीधी बस शुरू हो गई है। इस बस की शुरुआत से रामदेवसरा मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के चेहरे खुशी से खिल गए। अब वह बस से सीधा बाबा रामदेव जी के मंदिर में पहुंच सकेंगे। यह बस धांगड़, खाराखेड़ी, भट्टू, चौपटा, बीकानेर होते हुए रामदेवरा पहुंचेगी।  जानें क्या है बस की टाइमिंग      यह बस फतेहाबाद से रामदेवरा के लिए सुबह 8:10 बजे रवाना होगी।      खाराखेड़ी से रामदेवरा के लिए सुबह 8:35 बजे रवाना होगी।      भट्टू से रामदेवरा के लिए  सुबह 9:30 बजे रवाना होगी।      चौपटा से रामदेवरा के लिए  सुबह 10:00 बजे रवाना होगी।      बीकानेर से रामदेवरा के लिए शाम 5:30 बजे रवाना होगी।      रामदेवरा पहुंचने का समय: रात 10:00 है।  वहीं वापसी के समय बस सुबह 8:10 बजे रामदेवरा से फतेहाबाद के लिए रवाना होगी। बीकानेर से दोपहर 1:00 बजे चलेगी। फिर फतेहाबाद में रात 10:00 बजे पहुंचेगी। 

AAP-कांग्रेस पर हरियाणा का वार, महिलाओं को मासिक ₹2100 देकर खड़ा किया सवाल

चंडीगढ़  हरियाणा में नायब सैनी सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों से जहां प्रदेश में विपक्षी दल सकते में आ गए हैं वहीं पंजाब की राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है। पंजाब में वर्ष 2027 की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक दल अभी से चुनावी मोड पर आ गए हैं। भारतीय जनता पार्टी पंजाब में अभी तक शिरोमणि अकाली दल के सहारे सत्ता में आती रही है लेकिन वर्तमान में अकाली दल व भाजपा अलग-अलग राह पर चल रहे हैं।  दूसरी तरफ हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है। पहले दो चुनावों के मुकाबले भाजपा को तीसरे चुनाव में अधिक सीटों पर जीत हासिल हुई है। पंजाब के फिरोजपुर, मुक्तसर, मानसा, भटिंडा, संगरूर, पटियाला, मोहाली जिले हरियाणा से सटे हुए हैं। हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला और पंचकूला जिले पंजाब के जिलों के साथ अपनी सीमाएं साझा करते हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा पिछले दिनों लिए गए फैसलों से इन दिनों पंजाब की राजनीति गरमाई हुई है। पंजाब की राजनीति पर वर्ष 1984 में हुए दंगों का असर आज भी दिखाई देता है। वर्ष 1984 में हुए दंगों में हरियाणा के 121 लोगों की मृत्यु हुई थी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बड़ा राजनीतिक फैसला लेते हुए  सभी 121 परिवारों के वर्तमान सदस्य को उनकी सहमति से प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने का फैसला किया है। इसके अलावा गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर शहीदी वर्ष को गरिमापूर्ण ढंग से मनाने का फैसला किया है। अपनी यात्राओं के दौरान गुरु साहिब ने कुरुक्षेत्र, पिहोवा, कैथल, जींद, अंबाला, चीका और रोहतक में आकर इस भूमि को पवित्र किया है। सरकार इन कार्यक्रमों की रूपरेखा को जल्द जारी करेगी। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले महिलाओं को हर माह 1100 रुपये देने का ऐलान किया था, वहीं पड़ोसी राज्य हिमाचल में कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपये महीना देने का ऐलान किया था। दोनों सरकारों का आधा-आधा कार्यकाल बीत चुका है लेकिन अभी तक इस योजना को लागू करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं हुआ है। दूसरी तरफ हरियाणा में भाजपा सकरार ने अपने पहले ही साल में इस योजना को लागू करके आम आदमी पार्टी तथा कांग्रेस को मुद्दा विहीन करते हुए सवाल खड़ा कर दिया है। हरियाणा के इन फैसलों का सीधा असर पंजाब की राजनीति पर हो रहा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा लिए गए फैसलों से भारतीय जनता पार्टी को पंजाब में मजबूत मैदान मिल गया है। पंजाब भाजपा के नेता पड़ोसी राज्य की सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों को भुनाकर जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं। हरियाणा द्वारा पंजाब के संबंध में लिए गए फैसलों के बल पर पंजाब में भाजपा की राह आसान बना दी है।  सदस्यता अभियान की निगरानी से हुई थी पंजाब में एंट्री हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की पंजाब में एंट्री उस समय हुई जब पंजाब में भाजपा द्वारा सदस्यता अभियान चलाया जा रहा था। नायब सैनी ने पंजाब भाजपा कार्यालय जाकर अभियान का जायजा लिया और भाजपा के साथ जुड़े लुधियाना व अमृतसर के लोगों से बातचीत की। इसके बाद चंडीगढ़ से सटे जीरकपुर व डेराबस्सी में कार्यक्रमों के दौरान कई जनप्रतिनिधियों को भाजपा में शामिल करवाया। मुख्यमंत्री नायब सैनी पिछले समय के दौरान बैसाखी के अवसर पर आनंदपुर साहिब गए तो उन्होंने जालंधर के निकट राधा स्वामी सत्संग ब्यास का दौरा किया। नायब सैनी जालंधर में हुए धार्मिक कार्यक्रम का हिस्सा बने वहीं शहीद उधम सिंह की जयंती के अवसर पर सुनाम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके अलावा पंजाब में भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर पर हुए ग्रेनेड हमले के बाद भी नायब सैनी जालंधर पहुंचे। पंजाब के सीमावर्ती जिलों के जनप्रतिनिध नियमित रूप से चंडीगढ़ मुख्यमंत्री आवास पर आकर पंजाब के कार्यक्रमों मुख्यमंत्री को शामिल कर रहे हैं। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद वर्ष 2014, 2019 तथा 2024 के संकल्प पत्रों को ध्यान में रखकर काम किया है। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। वादा करके भूलना दोनों राजनीतिक दलों की पुरानी आदत रही है। हरियाणा में इस समय कोई चुनाव नहीं है। फिर भी हरियाणा सरकार द्वारा पिछले दस दिन में लिए गए फैसलों ने यह साबित कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी भी सभी वर्गों के हित की सोचते हैं।  

अंबाला के रिहायशी इलाकों में बाढ़ का खतरा, अनिल विज ने लिया जायजा, NDRF जुटाई राहत टीम

अंबाला बरसाती दिनों में अक्सर परेशानी खड़ी करने वाली टांगरी नदी बृहस्पतिवार सुबह अचानक उफान पर आ गई। सुबह करीब 30 हजार क्यूसिक से अधिक पानी नदी में पहुंचा, जो सामान्य से कई गुना ज्यादा था। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला जाने पर आसपास की कॉलोनियों में चिंता फैल गई। हालात का जायजा लेने ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज खुद मौके पर पहुंचे और प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। मंत्री अनिल विज ने सुबह सबसे पहले टांगरी नदी पुल पर खड़े होकर बहाव की स्थिति देखी। इसके बाद उन्होंने टांगरी बांध रोड, मतिदास नगर, गोल्डन पार्क, बब्याल, रामपुर, सरसेहड़ी, प्रभु प्रेम पुरम, करधान और नग्गल तक का दौरा किया। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को बार-बार अनाउंसमेंट कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए। मौके पर भाजपा नेता कपिल विज, संजीव वालिया, अजय बवेजा और विशाल टांगरी सहित अन्य लोग मौजूद रहे। विज ने कहा कि बरसात से पहले टांगरी नदी की खुदाई कर इसे गहरा किया गया था, जिससे पानी का बहाव सुरक्षित निकल सके। हालांकि अवरोधों के कारण केवल 25 फीसदी काम ही हो पाया है। “इसके बावजूद हमें उम्मीद है कि पानी सुरक्षित निकल जाएगा, लेकिन खतरे को देखते हुए सभी विभागों को सतर्क रहने को कहा गया है।” स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अंबाला छावनी में एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने कश्तियां भी मंगवाई हैं। मंत्री विज ने कहा कि जिनके घर टांगरी नदी के किनारे या कैचमेंट एरिया में हैं, उन्हें अपना जरूरी सामान लेकर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।   मंत्री ने मौके पर सिंचाई विभाग, पुलिस, नगर परिषद और अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक भी की और सभी को मिलकर काम करने के आदेश दिए। उन्होंने सिंचाई विभाग से जानकारी ली कि दोपहर तक नदी में और कितना पानी आ सकता है।

कर्मठता को सलाम! हरियाणा के पांच कर्मचारियों को मिला HSSC चेयरमैन का सम्मान

हरियाणा  हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी)-2025 के सफल आयोजन में असाधारण योगदान देने वाले पांच कर्मचारियों को बुधवार को विशेष प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। यह आयोजन पंचकूला स्थित आयोग मुख्यालय में हुआ। एचएसएससी के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने सम्मानित कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि सीईटी जैसी बड़ी परीक्षा का सफल आयोजन केवल टीम भावना, मेहनत और ईमानदारी से ही संभव है। उन्होंने बताया कि सम्मानित कर्मचारियों ने परीक्षा प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में उत्कृष्ट निष्ठा और समर्पण दिखाया, जो सभी के लिए प्रेरणास्पद है। सम्मानित कर्मचारियों में सोनीपत के स्पेशल पुलिस अधिकारी देवेंद्र कुमार और पवन कुमार, ईएसआई पद पर कार्यरत ऋषिपाल, पंचकूला में क्लर्क पद पर कार्यरत अमित कुमारी और रोहतक रोडवेज में क्लर्क पद पर कार्यरत सतीश कुमार शामिल हैं। इन सभी ने परीक्षा के दौरान अनुकरणीय कार्यशैली और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया। चेयरमैन हिम्मत सिंह ने बताया कि उन्होंने स्वयं निरीक्षण दौरे के दौरान इन कर्मचारियों के कार्य को देखा और उनकी मेहनत को देखते हुए उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, आयोग ने प्रत्येक जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को भी प्रशंसा पत्र जारी किया है और सुझाव दिया कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को भी प्रेरित करें।   हिम्मत सिंह ने आगे कहा कि जल्द ही एचएसएससी स्टाफ के अन्य कर्मचारियों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे, जिन्होंने सीईटी परीक्षा की प्रक्रिया को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उल्लेखनीय है कि 26 और 27 जुलाई को सीईटी परीक्षा का सफल आयोजन किया गया। इसमें कुल 13 लाख 48 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड जारी किए गए थे। इस बड़ी परीक्षा को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए सभी कर्मचारियों की मेहनत और प्रतिबद्धता सराहनीय रही।