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ब्रहमोस मिसाइल और राफेल के साथ ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया

नई दिल्ली ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और बाद में जवाबी कार्रवाई के दौरान वहां के सैन्य प्रतिष्ठानों पर सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के जरिये ब्रह्मोस मिसाइलें दागी गई थीं। ये मिसाइलें अचूक साबित हुईं। इसने बहावलपुर में लश्कर-ए-तैयबा और मुरीदके में जैश-ए-मोहम्मद समेत नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। हाल में सामने आए एक सरकारी दस्तावेज से स्पष्ट तौर पर ऐसे संकेत मिलते हैं। इसके अनुसार वायुसेना और थल सेना द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की सीमा के निकटवर्ती क्षेत्रों में राफेल और सुखोई की स्क्वाड्रन तैनात की गई थी। ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के दिन ही कच्छ से लेकर कश्मीर तक सीमावर्ती क्षेत्र में बाकायदा वायुसेना ने अभ्यास का ऐलान भी किया था, जो छह मई की रात किए गए ऑपरेशन सिंदूर की तैयारी थी। हाल में ऑपरेशन सिंदूर के लिए वायुसेना के पायलटों को वीर चक्र से सम्मानित करने के उपलक्ष्य में एक विस्तृत गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसमें ऑपरेशन सिंदूर के नाम लिए बगैर पायलटों की बहादुरी का वर्णन किया गया है। यह विवरण दर्शाता है कि किस प्रकार एयरफोर्स की राफेल और सुखोई की स्क्वाड्रनों ने बहादुरी के साथ इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। वीर चक्र से सम्मानित पायलट राफेल और सुखोई दोनों स्क्वाड्रनों से हैं। राफेल ने कई पाकिस्तानी विमानों को गिराया विवरण से संकेत मिलते हैं कि सुखोई से ब्रह्मोस के जरिये जमीनी लक्ष्यों को निशाना बनाया गया, जबकि राफेल का इस्तेमाल उस क्षेत्र में एयर डिफेंस के लिए किया गया। राफेल ने पाकिस्तान के कई हमलों को नाकाम किया और उसके कई विमानों को मार गिराया। दोनों लड़ाकू विमानों के पायलटों ने अपने-अपने कार्य को बाखूबी अंजाम दिया, जिसके लिए उन्हें युद्धकाल का तीसरा बड़ा पुरस्कार वीर चक्र प्रदान किए गए।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप को दिखाई हरी झंडी

रक्षा मंत्री की घोषणा, आगामी वित्तीय वर्ष में 3,000 करोड़ टर्नओवर और 500 करोड़ जीएसटी राजस्व देगी यूनिट राजनाथ सिंह ने सीएम योगी को सराहा, बोले- गुंडाराज से डिफेंस हब तक योगी सरकार में निवेशकों का बढ़ा भरोसा रक्षा मंत्री बोले- भारत की वैश्विक पहचान में हुआ इजाफा, अब ‘टेकर’ नहीं, ‘गिवर’की भूमिका में लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शनिवार को एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस की स्थानीय इकाई से निर्मित सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रथम बैच को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि धनतेरस के शुभ अवसर पर चार मिसाइलों की डिलीवरी के साथ भारत की रक्षा क्षमता और आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाला यह कदम न केवल सैन्य सफलता का, बल्कि आर्थिक समृद्धि और रोजगार सृजन का भी प्रतीक है। उन्होंने ब्रह्मोस को 'भारत की बढ़ती स्वदेशी ताकत का प्रतीक' बताते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अब उसकी एक-एक इंच जमीन ब्रह्मोस की पहुंच में है। लोकार्पण से डिलीवरी तक पांच महीनों की तेज रफ्तार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह मेरे लिए अत्यंत गौरव और हर्ष का विषय है कि आज लखनऊ में ब्रह्मोस की स्टेट-ऑफ-द-आर्ट बूस्टर बिल्डिंग का लोकार्पण हो रहा है। अभी थोड़ी ही देर पहले इसी प्रांगण में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण करने का भी मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। रुद्राक्ष को तो हम रूद्र, यानी भगवान महादेव का अंश मानते हैं। मेरी महादेव से यही प्रार्थना है कि उनका आशीर्वाद इस अत्याधुनिक सुविधा पर और हम सभी देशवासियों पर सदा बना रहे। उन्होंने लखनऊ की जनता को बधाई देते हुए कहा कि लखनऊ मेरे लिए केवल संसदीय क्षेत्र नहीं, बल्कि मेरी आत्मा में बसने वाला शहर है। राज्य और राजधानी के तीव्र विकास को देखकर जो संतोष और गर्व की अनुभूति होती है, वह आज इस रक्षा क्षेत्र से जुड़ी उपलब्धि के कारण और भी गहरी हो गई है। पांच महीनों की तेज रफ्तार राजनाथ सिंह ने कहा कि 11 मई 2025 को इस आधुनिक सुविधा का उद्घाटन हुआ था और मात्र पांच महीनों में ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप तैयार होकर डिलीवर हो रही है। मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि जिस गति और दक्षता से यह कार्य पूरा हुआ है, वह केवल रिकॉर्ड ही नहीं, बल्कि लखनऊ और उत्तर प्रदेश की विश्वसनीयता का भी प्रमाण है। आज ब्रह्मोस की विश्वसनीयता के साथ-साथ लखनऊ की पहचान भी और अधिक मजबूत हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने इस परियोजना के लिए हर संभव सहयोग और समर्थन दिया। पीक टाइम में सैकड़ों रोजगार देगी यूनिट उन्होंने कहा कि यह सुविधा करीब 200 एकड़ में फैली हुई है और लगभग 380 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई है। पीक टाइम पर सैकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि अनुमान है कि यहां से प्रतिवर्ष लगभग 100 मिसाइल सिस्टम थलसेना, वायुसेना और नौसेना को उपलब्ध कराए जाएंगे। अगले वित्तीय वर्ष में इस इकाई का टर्नओवर 3,000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा, जो 500 करोड़ रुपए का जीएसटी राजस्व उत्पन्न करेगा। ब्रह्मोस स्वदेशी शक्ति का प्रतीक रक्षा मंत्री ने ब्रह्मोस की क्षमताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्रह्मोस सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती स्वदेशी ताकत का प्रतीक है। यह परंपरागत वॉरहेड, उन्नत गाइडेड सिस्टम और सुपरसोनिक गति के साथ लंबी दूरी तक सटीक प्रहार करने में सक्षम है। गति, सटीकता और शक्ति का यह अनूठा संयोजन ब्रह्मोस को विश्व की सर्वश्रेष्ठ मिसाइल प्रणालियों में शुमार करता है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि ब्रह्मोस आज भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना—तीनों की रीढ़ बन चुका है। ऑपरेशन सिंदूर ने ब्रह्मोस के प्रति पैदा किया विश्वास उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि आज का अवसर केवल एक लॉन्चिंग इवेंट नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देने वाला क्षण है कि भारत अपने सपनों को हकीकत में बदलने की ताकत रखता है। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस ने न केवल अपनी तकनीकी श्रेष्ठता साबित की, बल्कि यह भी दिखाया कि यह भारत की सुरक्षा का सबसे बड़ा व्यावहारिक प्रमाण है। इस ऑपरेशन ने सिद्ध किया कि जीत अब हमारे लिए कोई घटना नहीं, बल्कि हमारी आदत बन चुकी है। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस का जो प्रैक्टिकल प्रदर्शन हुआ है, उसने न केवल देशवासियों बल्कि पूरी दुनिया में ब्रह्मोस के प्रति एक गहरा विश्वास और आत्मविश्वास पैदा किया है। ट्रेलर था ऑपरेशन सिंदूर, पिक्चर अभी बाकी है संबोधन का सबसे कड़ा हिस्सा पाकिस्तान को संबोधित करते हुए आया, जहां रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की एक-एक इंच जमीन ब्रह्मोस की पहुंच में है। ऑपरेशन सिंदूर इसका ट्रेलर था, जिसने पाकिस्तान को अहसास दिला दिया कि अगर भारत पाकिस्तान को जन्म दे सकता है तो समय आने पर वह…इसके आगे मुझे बोलने की जरूरत नहीं…आप सब समझदार हैं। उन्होंने कहा कि इस सफलता ने ब्रह्मोस को वैश्विक स्तर पर साबित कर दिया। देश को यह विश्वास हो गया है कि हमारे विरोधी अब ब्रह्मोस की मारक क्षमता से नहीं बच सकते। हमें संकल्प लेना होगा कि इस आदत को न केवल बनाए रखना है, बल्कि इसे और मजबूत करना है।" गुंडाराज से डिफेंस हब तक बदला उत्तर प्रदेश रक्षा मंत्री ने उत्तर प्रदेश के बदलते स्वरूप पर जोर देते हुए कहा कि मैं यहां सिर्फ रक्षा सेक्टर की ही बात नहीं कर रहा। मैं उस बड़े परिवर्तन की भी बात करना चाहता हूं जो उत्तर प्रदेश में हो रहा है। हम सब जानते हैं कि कभी उत्तर प्रदेश की पहचान गुंडाराज और बिगड़े हुए लॉ एंड ऑर्डर से की जाती थी। लोग डर के माहौल में रहते थे और निवेशक यहां आने से कतराते थे। पर आज, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह स्थिति बदल चुकी है। उनके दृढ़ नेतृत्व और नीतिगत निर्णयों ने प्रदेश में विश्वास लौटाया है। लखनऊ सिर्फ तहजीब नहीं, अब तकनीक का भी शहर उन्होंने लखनऊ को तहजीब का शहर बताते हुए कहा कि लखनऊ अब केवल तहजीब का शहर नहीं रहा, बल्कि टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रीज का केंद्र बन चुका … Read more

लखनऊ इकाई में उत्पादित सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रथम बैच का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं सीएम योगी ने किया फ्लैग ऑफ

– एयरफ्रेम और एवियोनिक्स, वारहेड भवन में पीडीआई तथा ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिसर में ही रुद्राक्ष के पौधे का वृक्षारोपण भी किया – स्टोरेज ट्रॉली प्रदर्शन और मोबाइल ऑटोनमस लॉन्चर का भी हुआ प्रदर्शन – डीजी (ब्रह्मोस) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जीएसटी का 40 करोड़ रुपये का बिल का सौंपा लखनऊ, राजधानी लखनऊ में शनिवार को आत्मनिर्भर भारत का एक नया अध्याय लिखा गया, जब ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड की लखनऊ इकाई में उत्पादित सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले बैच का फ्लैग ऑफ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। भारत माता की जय’ के जयघोष के बीच जब मिसाइलों का पहला जत्था रवाना हुआ तो समारोह गर्व, गौरव और देशभक्ति से गूंज उठा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यना ने कहा कि ब्रह्मोस केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपने मित्र देशों की रक्षा करने का सबसे सक्षम हथियार है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रयास से ब्रह्मोस लखनऊ में विकसित हुआ है, जो देश की खुशहाली का माध्यम बना है। जब व्यक्ति सुरक्षित रहता है, तभी चैन की नींद सोता है। लखनऊ में बनी मिसाइल पूरे देशवासियों की सुरक्षा और समृद्धि की गारंटी है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' संकल्प को साकार करने का यह क्षण प्रफुल्लित करने वाला है। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल न केवल भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि दुनिया में अपने मित्र देशों की रक्षा करने का सबसे सक्षम हथियार भी है। ब्रह्मोस के माध्यम से भारत अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ मित्र राष्ट्रों की सुरक्षा जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम हो गया है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। सीएम योगी ने 2018 के पहले इन्वेस्टर्स समिट का जिक्र करते हुए कहा कि लखनऊ में ही प्रधानमंत्री ने दो डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर की घोषणा की थी, जिसमें से एक उत्तर प्रदेश को मिला। उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी और चित्रकूट के 6 नोड्स में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के कार्य सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। लखनऊ में ब्रह्मोस, झांसी में भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और अमेठी में एके-203 जैसे प्रोजेक्ट चल रहे हैं। अब तक 2,500 एकड़ से अधिक लैंड इन 6 नोड्स में उपलब्ध कराई गई है, जिससे 15,000 से अधिक नौजवानों को नौकरियां मिली हैं। देश की सुरक्षा और रोजगार दोनों की पूर्ति कर रहा है उत्तर प्रदेश- सीएम उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस केंद्र में आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग डिग्रीधारक युवा काम कर रहे हैं, जो देश की सुरक्षा और रोजगार दोनों की पूर्ति कर रहे हैं। यह आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला है। सीएम योगी ने बताया कि राज्य सरकार आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू के साथ मिलकर दो ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित कर रही है, जिससे डिफेंस टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह लखनऊ की भूमि अब राष्ट्र रक्षा, उद्योग, रोजगार और विकास के चारों आयामों को एक साथ साध रही है। यही उत्तर प्रदेश के बदलते चेहरे और आत्मनिर्भर भारत की पहचान है।” लखनऊ की लैंड अब सोना उगल रही है- मुख्यमंत्री सीएम योगी ने कहा कि आज डीजी ब्रह्मोस ने 40 करोड़ का जीएसटी चेक सौंपा है। हर वर्ष 100 ब्रह्मोस मिसाइल बनेंगी, जो बढ़कर 150 तक पहुंचेंगी, तो 150-200 करोड़ जीएसटी मिलेगा। यह 'आम के आम और गुठली के दाम' जैसा है। लखनऊ की लैंड अब सोना उगल रही है। यह देश की सुरक्षा की पूर्ति कर रही है और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रही है। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर डीआरडीओ को और लैंड उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया। आईआईटी कानपुर और बीएचयू के साथ दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पर काम प्रगति पर है- सीएम सीएम योगी ने झांसी में 56,000 एकड़ के नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का जिक्र किया और कहा कि चित्रकूट में एक्सप्रेस-वे पर नोड विकसित हो रहा है। आईआईटी कानपुर और बीएचयू के साथ दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पर काम चल रहा है। उन्होंने मेक इन इंडिया को मेक फॉर द वर्ल्ड बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रयास से ब्रह्मोस लखनऊ में विकसित हुआ है, जो देश की खुशहाली को वितरित करने का माध्यम बना है। जब व्यक्ति सुरक्षित रहता है, तभी चैन की नींद सोता है। लखनऊ में बनी मिसाइल पूरे देशवासियों की सुरक्षा और समृद्धि की गारंटी है। फ्लैग ऑफ सेरेमनी के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का हुआ आयोजन कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने बूस्टर भवन का उद्घाटन भी किया, जो ब्रह्मोस प्रोजेक्ट की क्षमता विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही दोनों ने बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का प्रदर्शन भी देखा। इसी क्रम में एयरफ्रेम और एवियोनिक्स, वारहेड भवन में पीडीआई (प्री डिस्पैच इंस्पेक्शन) तथा ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिसर में ही रुद्राक्ष के पौधे का वृक्षारोपण भी किया। इस दौरान स्टोरेज ट्रॉली प्रदर्शन और मोबाइल ऑटोनमस लॉन्चर का प्रदर्शन भी हुआ। कार्यक्रम के दौरान डीजी (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चेक और जीएसटी बिल सौंपा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यसभा सांसद बृजलाल, डॉ. दिनेश शर्मा, संजय सेठ, कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक राजेश्वर सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि व रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अधिकारीगण मौजूद रहे।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने बढ़ाया ब्रह्मोस पर भरोसा, मिसाइलों के लिए बड़ा ऑर्डर जारी

नई दिल्ली ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया। भारतीय सेना अब भारत-रूस के ज्वाइंट वेंचर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए बड़ा ऑर्डर दे रही है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जल्द ही हाई लेवल मीटिंग में भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए बड़ी संख्या में ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दी जा सकती है। साथ ही, भारतीय वायु सेना के लिए भी इन मिसाइलों के जमीनी और हवाई वैरिएंट खरीदे जाएंगे। पाकिस्तान के वायु ठिकानों और सेना के कैंपों पर हमले के लिए इन मिसाइलों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया गया। नौसेना इन मिसाइलों को अपने वीर-कैटेगरी के युद्धपोतों पर तैनात करने वाली है, जबकि वायु सेना इन्हें अपने रूसी मूल के सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमानों पर लगाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों स्वदेशी हथियारों की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने हमारे स्वदेशी हथियारों की ताकत देखी। हमारे एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइलें और ड्रोन ने आत्मनिर्भर भारत की शक्ति दिखाई, खासकर ब्रह्मोस मिसाइलों ने। आतंकी मुख्यालयों पर किया हमला भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के पंजाब प्रांत में स्थित मुख्यालयों पर हमला किया। भारतीय वायु सेना ने इसके लिए ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया। इसने टारगेट को बहुत सटीकता से तबाह कर दिया। ब्रह्मोस ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को भी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों और उनके ठिकानों को बचाने की कोशिश में जवाबी कार्रवाई की थी।