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हमास को मनाने के लिए ट्रंप तुर्की की शरण में, गाजा शांति योजना पर बढ़ा दबाव

न्यूयॉर्क अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी भी कीमत पर इजरायल और हमास के बीच शांति लाना चाहते हैं. इसके लिए उनका महत्वाकांक्षी गाजा पीस प्लान तैयार है. लेकिन इस प्लान पर हमास की हां-ना, हां-ना के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में ट्रंप ने अब तुर्की की मदद मांगी है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगन का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने गाजा पीस प्लान को लेकर उनसे मदद मांगी है. ट्रांप चाहते हैं कि हम हमास को रजामंद करें कि वह इस पीस प्लान को बिना किसी शर्त के स्वीकार कर ले. हमास को किसी भी तरह यह प्लान मानने के लिए तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान हम हमास के संपर्क में हैं. हम सभी पक्षों के संपर्क में हैं. हम उन्हें समझा रहे हैं कि सबसे सही तरीका कौन सा है और फिलिस्तीन के लोगों के लिए क्या सही है. अमेरिकी दौरे और ट्रंप के साथ फोन वार्ता में हमने उन्हें समझाया कि किस तरह उद्देश्य को हासिल किया जा सकता है. एर्दोगन ने कहा कि इस दौरान ट्रंप ने अनुरोध किया कि हम हमास से बातचीत करें और उन्हें इस पीस प्लान को मानने के लिए तैयार करें. इसके बाद हम तत्काल इसमें जुट गए. बता दें कि मिस्र में इजरायल और हमास वार्ता के दौरान तुर्की के इंटेलिजेंस चीफ इब्राहिम कालिन भी मौजूद थे. इससे पहले हमास ने कहा कि वह ट्रंप के प्लान को लेकर मिस्र में हो रही बातचीत को लेकर आशान्वित हैं. हमास ने इस दौरान उन इजरायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की सूची भी सौंपी, जिन्हें इस स्वैप डील के तहत छोड़ा जाना है. लेकिन हमास ने इसके लिए कुछ शर्तें रखी हैं. संगठन ने स्पष्ट किया है कि कुछ शर्तें पूरी किए बिना सौदा संभव नहीं है. मिस्र के शर्म अल-शेख में इजरायल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता हो रही है. यह वार्ता ट्रंप के 20 प्वॉइंट प्लान पर आधारित है, जिसका मकसद गाजा में स्थायी शांति लाना है.  इजरायल और हमास के बीच दो साल से जंग चल रही है. गाजा से शुरू हुई जंग की आंच मध्यपूर्व के बाकी देशों तक भी पहुंची है. इजरायल की बमबारी से गाजा खंडहर में तब्दील हो चुका है. इस दो साल की जंग में गाजा में 67 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है. संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि इस जंग ने गाजा को 69 साल पीछे धकेल दिया है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गाजा से मलबा हटाने में ही 21 साल का समय लग जाएगा.

चार्ली कर्क पर जानलेवा हमला: गर्दन पर वार, कैमरे में कैद हुई वारदात

न्यूयॉर्क अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जिगरी दोस्त चार्ली कर्क (Charlie Kirk) की हत्या ने गन वायलेंस और सिक्योरिटी को लेकर नए सिरे से बहस छेड़ दी है. कर्क की यूटा यूनिवर्सिटी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अब शूटर का मौके से फरार होते एक वीडियो वायरल हो रहा है. कर्क की हत्या की जांच कर रही एफबीआई की टीम ने एक नया वीडिया जारी किया है, जिसमें कर्क की हत्या के कुछ सेकंड बाद ही एक एक संदिग्ध को यूटा यूनिवर्सिटी की छत से भागते देखा जा सकता है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि संदिग्ध पहले तो भागता है और फिर कैंपस से छत से छलांग लगा देता है. कंजरवेटिव चार्ली कर्क की यूटा वैली यूनिवर्सिटी में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह छात्रों के सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्हें सुनने के लिए कैंपस में लगभग तीन हजार लोग जुटे थे. यह कार्यक्रम कैंपस में खुले में हो रहा था.  एफबीआई का कहना है कि यह काम किसी स्किल्ड शूटर का है, जो काले कपड़ों में छत पर छिपा था. FBI ने इसे प्रोफेशनल हिट बताया, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं है. एफबीआई ने एक लाख डॉलर का इनाम घोषित किया है.  चार्ली कर्क टर्निंग पॉइंट यूएसए (TPUSA) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे. यह एक छात्र संगठन है जिसका मकसद लिबरल अमेरिकी कॉलेजों में कंजर्वेटिव विचारधारा का प्रचार-प्रसार करना है. वह 32 साल के थे और ट्रंप के करीबियों में से एक थे. वह अमेरिका के सबसे हाई प्रोफाइल कंजर्वेटिव एक्टिविस्ट और मीडिया पर्सनैलिटीज में से एक थे।. कर्क के पिता आर्किटेक्ट थे. उन्होंने शिकागो के एक कॉलेज से पढ़ाई की लेकिन राजनीति में आने के लिए पढ़ाई छोड़ दी. कर्क ने 2020 में 'The Maga Doctrine' किताब लिखी थी, जिसमें ट्रंप के 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का भी जिक्र था. चार्ली और उनकी टीम ने पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप और रिपब्लिकन उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने में भी अहम भूमिका निभाई थी.  कर्क अपने विवादित बयानबाजी के लिए हमेशा चर्चा में रहते थे. उनके धुर दक्षिणपंथी विचारों की वजह से वह हमेशा लिबरल्स के निशाने पर रहते थे. वह स्लेवरी से लेकर गर्भपात, महिला विरोधी बयानों और रंगभेद पर की गई अपनी टिप्पणियों की वजह से विवादित थे. कैसे दिया हत्या को अंजाम घटनास्थल के वीडियो में दिख रहा है कि चार्ली एक बड़ी भीड़ को संबोधित कर रहे हैं, तभी एक गोली चलने की आवाज आई. कैमरे के तेजी से हिलने से पहले चार्ली अपनी कुर्सी पर गिरता हुआ दिखे और दर्शकों में घबराहट की आवाजें आने लगीं. जांचकर्ताओं ने कहा कि उनका मानना ​​है कि गोली कैंपस की छत से चली थी, जो काले कपड़े पहने किसी व्यक्ति द्वारा चलाई गई थी. यह एक टारगेट बनाकर हत्या करने का मामला प्रतीत होता है. इस इवेंट में मौजूद यूटाह के पूर्व कांग्रेसी जेसन चाफेट्ज ने फॉक्स न्यूज को बताया कि गोली तब चली जब चार्ली कर्क भीड़ के साथ सवाल-जवाब सेशन कर रहे थे. बुरी तरह से सहमे हुए चाफेट्ज ने नेटवर्क को बताया, "पहला सवाल धर्म के बारे में था. वह लगभग 15-20 मिनट तक बोलते रहे. दिलचस्प बात यह है कि दूसरा सवाल ट्रांसजेंडर शूटर्स, सामूहिक शूटर्स के बारे में था और उसी के बीच में गोली चल गई… जैसे ही वह गोली चली, वह पीछे गिर गया. हर कोई डेक से टकराया… बहुत सारे लोग चिल्लाने लगे और फिर सभी लोग भागने लगे."

वेनेजुएला जहाज पर अमेरिकी हमला, ड्रग तस्करी के आरोप में 11 की हुई जान

कैरेकस अमेरिका ने वेनेजुएला के जहाज पोत पर सैन्य हमला कर दिया है. इस हमले में 11 की मौत हो गई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट कर खुद इसकी जानकारी दी. ट्रंप ने कहा कि आज सुबह मेरे आदेश पर अमेरिकी सैन्यबलों ने SOUTHCOM क्षेत्र में Tren de Aragua नार्को गैंग पर सैन्य कार्रवाई की. टीडीए एक विदेशी आतंकी संगठन है, जो निकोलस मादुरो के नियंत्रण में काम करता है और जिसने सामूहिक हत्याओं, नशीले पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और अमेरिका एवं पूरे पश्चिमी गोलार्ध में हिंसा व आतंक की घटनाओं को अंजाम दिया है. ट्रंप ने बताया कि ये सैन्य कार्रवाई उस समय की गई, जब आतंकी अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में नशीले पदार्थों की खेप लेकर अमेरिका की ओर जा रहे थे. इस हमले में 11 आतंकियों को मार गिराया गया है. इस कार्रवाई में अमेरिकी सेना को किसी तरह की क्षति नहीं पहुंची. यह संदेश हर उस व्यक्ति के लिए चेतावनी है, जो अमेरिका में ड्रग्स लाने के बारे में सोच भी रहा है. सावधान हो जाइए! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद. बता दें कि मौजूदा समय में अमेरिकी नौसेना की एक बड़ी टुकड़ी कैरीबिया में तैनात है, जो उस जगह के पास है, जहां से वेनेजुएला के जहाज पर स्ट्राइक की गई. 4500 नौसैनिकों के साथ चार विध्वंसक और टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों को तैनात किया गया है. मादुरो पर अमेरिका सरकार पर आरोप वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अमेरिका पर उनकी सरकार के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. उन्होंने एक सितंबर को कहा था कि ट्रंप सरकार सैन्य धमकियों के जरिए वेनेजुएला में सरकार बदलना चाहती है. मादुरो ने कहा था कि हम अमेरिका के किसी भी तरह के हमले का मुकाबा करने के लिए तैयार हैं.

ट्रंप की योजना: गाजा के 20 लाख लोग हटेंगे, लौटने पर मिलेगा फ्लैट

गाजा  डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और इजरायल ने मिलकर गाजा को लेकर प्लान तैयार किया है। इस प्लान की काफी चर्चा है और वॉशिंगटन पोस्ट ने ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के पास मौजूद दस्तावेजों के हवाले से एक रिपोर्ट छापी है। इसके मुताबिक फिलिस्तीन के बड़े हिस्से गाजा से 20 लाख लोगों को अस्थायी तौर पर हटाया जाएगा। इन लोगों को मिस्र, कतर जैसे देशों में रखा जाएगा या फिर फिलिस्तीन के ही किसी एक क्षेत्र में रखा जाएगा। इन लोगों को तब तक गाजा से बाहर रहना होगा, जब तक इलाके का पुनर्विकास नहीं हो जाता। इस दौरान गाजा छोड़ने वाले फिलिस्तीनियों को डिजिटल टोकन दिए जाएंगे। इसके अलावा कैश पेमेंट किया जाएगा। गाजा से अस्थायी तौर पर हटाए लोग जहां रहेंगे, वहां खानपान की व्यवस्था होगी। इसके अलावा रेंट सब्सिडी भी दी जाएगी। गाजा के लोगों को हटाने के प्लान को वॉलेंट्री डिपार्टर कहा जा रहा है, जिसके तहत वे दूसरे देश में जाएंगे या फिर तय स्थान पर उन्हें रखा जाएगा। गाजा के लोगों को कुल 4 साल तक बाहर रखने के प्लान पर काम चल रहा है। इसके तहत उन्हें 4 साल की रेंट सब्सिडी मिलेगी और एक साल तक खाने की व्यवस्था की जाएगी। अमेरिका और इजरायल के रणनीतिकारों ने इस प्लान का नाम भी बेहद दिलचस्प रखा है– GREAT। यहां ग्रेट से अर्थ है, Gaza Reconstitution, Economic Acceleration, and Transformation। अमेरिकी प्लान के मुताबिक गाजा को टूरिस्ट डेस्टिनेशन में तब्दील करने का प्लान है। यहां Gaza Trump Riviera विकसित किया जाएगा। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस स्मार्ट सिटी बनाए जाएंगे। स्कूल, अस्पताल, इंडस्ट्री, ग्रीन स्पेस जैसी व्यवस्था रहेगी। यहां बड़े पैमाने पर अपार्टमेंट्स बनाने की तैयारी है, जिनके फ्लैट गाजा के उन लोगों को दिए जाएंगे, जिन्हें बाहर भेजा जाएगा। वे अपनी जमीन के बदले मिले डिजिटल टोकन का इस्तेमाल करते हुए फ्लैट हासिल कर सकेंगे। अब तक इस मामले पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है। अखबार ने लिखा है कि गाजा को लेकर बने इस प्लान में अमेरिकी फंड की जरूरत नहीं होगी बल्कि इससे लाभ ही होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत दुनिया भर से निवेश को आमंत्रित किया जाएगा। यहां इलेक्ट्रिक वीकल प्लांट्स से लेकर डेटा सेंटर्स तक तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा हाईराइज इमारतों की भरमार होगी। इस प्रोजेक्ट में कुल 100 अरब डॉलर के शुरुआती निवेश की तैयारी है। इसके बाद यह प्रोजेक्ट खुद ही फंड जनरेट करेगा।

गाजा पर हमले पर ट्रंप ने तोड़ी चुप्पी, कहा- नरसंहार नहीं, असली क्रूरता 7 अक्टूबर को हुई

वॉशिंगटन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में इजरायल के हमलों का बचाव किया है। उनका कहना है कि गाजा में इजरायल के हमले नरसंहार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 7 अक्तूबर को इजरायल में बहुत बुरा हुआ था। हमास के आतंकियों ने वहां तबाही मचा दी थी और उसी के नतीजे में गाजा में जंग हो रही है। इस तरह उन्होंने गाजा में जारी इजरायल के हमलों का बचाव किया। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से पूछा था कि क्या आप भी मानते हैं कि गाजा में जो हो रहा है, वह नरसंहार है। इस पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं ऐसा नहीं मानता। वे जंग में हैं। उन्होंने एक बात यह भी कही कि अमेरिका की ओर से फिलिस्तीन के लोगों को भुखे नहीं मरने दिया जाएगा। हम उन्हें राशन मुहैया करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'हम चाहते हैं कि लोगों को खाना मिले। इजरायल वहां सहायता मुहैया कराए। हम नहीं चाहते कि वहां कोई भुखमरी से मर जाए।' इस तरह डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल का बचाव किया है तो वहीं सहायता भी मुहैया कराने की बात कही है। गौरतलब है कि यूरोपीय देश फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी की ओर से इजरायल से अपील की गई है कि वह सीजफायर कर दे। यही नहीं फिलिस्तीन को मान्यता देने की बात भी इन देशों ने कही है। इस बीच फिलिस्तीन में 92 लोग फिर से एक ही दिन में मारे गए हैं। इन लोगों की मौत रविवार को हुई, जिनमें से 56 लोग तो सहायता का इंतजार कर रहे थे। दरअसल गाजा में हालात ऐसे हैं कि भुखमरी से मौतों का भी डर है। गाजा पट्टी में राशन तक की किल्लत है और दवाओं के लिए भी लोग परेशान हैं। अरब मीडिया के अनुसार इन मौतों में 6 लोग ऐसे हैं, जिनकी भूख के चलते मौत हुई है। अरब न्यूज के अनुसार गाजा में अब तक 175 लोग खाने की कमी से मर गए हैं। इनमें 93 मासूम बच्चे शामिल हैं। बता दें कि गाजा में भुखमरी के हालात के बाद भी हमास सीजफायर के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। उसने अब तक हथियार डालने के संकेत भी नहीं दिए हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप के टैक्स कटौती पैकेज ने अमेरिकी कांग्रेस में अपनी अंतिम बाधा पार कर ली, ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ हुआ पास

वाशिंगटन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैक्स कटौती पैकेज ने गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेस में अपनी अंतिम बाधा पार कर ली। रिपब्लिकन बहुमत वाली प्रतिनिधि सभा ने टैक्स कटौती और व्यय विधेयक को मामूली अंतर से मंजूरी दे दी तथा इसे हस्ताक्षर करने के लिए ट्रंप के पास भेज दिया। ट्रंप द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। यह विधेयक पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में रहा बिग ब्यूटीफुल बिल के नाम से चर्चित यह विधेयक पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में रहा है। 218-214 वोट के मामूली बहुमत से पारित यह विधेयक रिपब्लिकन राष्ट्रपति के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चर्चित 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' गुरुवार देर रात हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स से 218-214 के अंतर से पास हो गया है जो उनके दूसरे कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धि बताई जा रही है. इस विधेयक को सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स से पारित होने के बाद अब राष्ट्रपति के साइन के लिए भेजा दिया गया है. वहीं, विधेयक पर मतदान के दौरान दो रिपब्लिकन सांसदों ने पार्टी लाइन से हटकर डेमोक्रेटिक पक्ष में मतदान किया. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने इस बिल के दोनों सदनों से पास होने पर खुशी जताई है और कहा कि मैंने लाखों परिवारों को 'डेथ टैक्स' से आजादी दिलाई है. साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस बिल से बेहतर तोहफा नहीं हो सकता.  विधेयक के पारित होने के बाद व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार शाम 5 बजे अपने बड़े कर छूट और व्यय कटौती विधेयक पर साइन करने की योजना बना रहे हैं. 4 जुलाई को हस्ताक्षर समारोह ऐसे वक्त में होगा, जब इस अवकाश के अवसर पर व्हाइट हाउस में पिकनिक का आयोजन किया जाएगा. 800 से ज्यादा पेज वाले इस विधेयक को पारित कराने के लिए ट्रंप को काफी मशक्कत करनी पड़ी. इस विधेयक के लिए जीओपी नेताओं को रात भर काम करना पड़ा और ट्रंप ने व्यक्तिगत रूप से पर्याप्त वोट हासिल करने के लिए होल्डआउट पर दबाव भी डाला. इस विधेयक में टैक्स कटौती, सेना का बजट, रक्षा और ऊर्जा उत्पादन के लिए बढ़े हुए खर्च, साथ ही स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रमों में कटौती जैसे प्रमुख प्रावधान शामिल हैं. ये बिल अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर डिपोर्टेशन के लिए खर्च बढ़ाने से भी जुड़ा है.  जबकि अन्य विपक्षी का मानना है कि इस खर्च का असर देश के स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर पड़ने की संभावनाएं हैं. इसी वजह से उद्योगपति एलॉन मस्क समेत एक बड़ा वर्ग इस बिल के खिलाफ है और आलोचना कर रहा है. ट्रंप प्रशासन के अनुसार, ये बिल 2017 के टैक्स कट्स एंड जॉब्स एक्ट को स्थायी रूप से लागू करने के साथ-साथ उनके चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हालांकि, बिल के पारिस होने से कांग्रेस के अंदर मतभेद पैदा हो गया है. क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप ट्रंप ने इस बिल के दोनों सदनों से पास होने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि जैसा कि मैंने वादा किया था, हम ट्रंप कर कटौती को स्थायी बना रहे हैं. अब टिप्स, ओवरटाइम और सामाजिक सुरक्षा पर कोई टैक्स नहीं होगा… आयोवा के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये विधेयक 2 मिलियन से अधिक पारिवारिक फार्मों को तथाकथित एस्टेट टैक्स, या डेथ टैक्स से आजादी दिलाता है. ट्रंप ने ये भी कहा कि अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वन बिग ब्यूटीफुल बिल से बेहतर तोहफा नहीं हो सकता. इस बिल के साथ 2024 में आयोवा के लोगों से किया गया मेरा हर बड़ा वादा पूरा हो गया.   जेडी वेंस ने जताई खुशी विधेयक के पारित होने पर उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने खुशी जताई है और सभी को बधाई दी. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'सभी को बधाई. कभी-कभी मुझे शक होता था कि 4 जुलाई तक हम इसे पूरा कर लेगें!' उन्होंने आगे लिखा, 'लेकिन अब हमने सीमा का सुरक्षित करने के लिए बड़े-बड़े टैक्स कट और जरूरी संसाधन दिए हैं.' 'निराशाजनक है बिल का पारित होना' यूनाइटेड फूड एंड कमर्शियल वर्कर्स इंटरनेशनल यूनियन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मिल्टन जोन्स ने कहा कि यह निराशाजनक है कि कांग्रेस ने इस नुकसानदायक, बदसूरत विधेयक को पारित कर दिया है जो कामकाजी परिवारों की जरूरतों को नजरअंदाज करता है और ऐसी कटौतियां करता है जो न केवल क्रूर हैं, बल्कि आर्थिक रूप से लापरवाहीपूर्ण हैं.