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9 या 22 जुलाई या फिर अगस्त की 5 तारीख को सामान्य दिन से 1.66 मिलीसेकंड से ज्यादा छोटा होगा

वॉशिंगटन  दुनिया आने वाले कुछ दिनों में पृथ्वी के इतिहास के सबसे छोटे दिन का अनुभव कर सकती है। खगोल भौतिकीविदों ने अपनी एक रिसर्च के आधार पर पाया है कि पृथ्वी की घूर्णन गति बीते पांच साल से बढ़ रही है। साल 2020 से पृथ्वी अपनी धुरी पर सामान्य से अधिक तेजी से घूम रही है, इसकी वजह से हम इतिहास के सबसे छोटा दिन अनुभव कर सकते हैं। यानी ये दिन 24 घंटे से कम का होगा। ये सबसे छोटा दिन इसी महीने यानी जुलाई या फिर अगस्त में देखने को मिल सकती है। खगोल भौतिकीविद् ग्राहम जोन्स ने सबसे छोटे दिन के लिए तीन तारीख बताई हैं। यह इस साल 9 जुलाई या 22 जुलाई या फिर अगले महीने अगस्त की 5 तारीख को हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी पर प्रभाव की वजह से ऐसा होगा। यह दिन सामान्य दिन से 1.66 मिलीसेकंड से ज्यादा छोटा होगा। दिन छोटा क्यों हो रहा है? एक सौर दिन ठीक 86,400 सेकंड यानी 24 घंटे तक चलना चाहिए लेकिन पृथ्वी का घूर्णन कभी भी पूरी तरह से स्थिर नहीं रहा है। रिसर्च बताती हैं कि 2020 में किसी अज्ञात कारण से हमारा ग्रह तेजी से घूमने लगा। इससे दिन का समय घट गया है। 2021 में एक दिन दर्ज किया गया जो सामान्य से 1.47 मिलीसेकंड कम था। 2022 में यह 1.59 मिलीसेकंड कम हो गया और फिर 5 जुलाई, 2024 को रेकॉर्ड बना, जब दिन सामान्य 24 घंटों से 1.66 मिलीसेकंड कम रहा। वैज्ञानिकों का कहना है कि 2025 में 9 और 22 जलाई या 5 अगस्त, वह अनुमानित तारीख हैं, जब चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के भूमध्य रेखा से सबसे दूर रखती है। यह पृथ्वी प्रभावित करती है और दिन 24 घंटे से कम का हो जाता है। रिसर्च कहती है कि चंद्रमा अरबों वर्षों से पृथ्वी के घूमने की गति को धीमा कर रहा है। 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी पर एक दिन तीन से छह घंटे तक चल सकता था लेकिन चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव ने पृथ्वी पर दिन की लंबाई 24 घंटे की है। दिन का घटना कितनी बड़ी चिंता दिन के कुछ मिलीसेकंड कम होने का सामान्य जनजीवन पर कोई फर्क नहीं होता है लेकिन तकनीक और दूरसंचार की दुनिया में यह मायने रखता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह प्रवृत्ति जारी रही तो करीब 50 अरब वर्षों में पृथ्वी का घूर्णन चंद्रमा की कक्षा के साथ तालमेल बिठा लेगा। तब हमेशा चंद्रमा का एक ही पक्ष दिखाई देगा यानी यह ग्रह के केवल आधे हिस्से पर दिखाई देगा। हालांकि तब तक धरती पर और भी कई बदलाव आ चुके होंगे।  

ट्रंप ने दी चेतावनी उधर मस्क को 12 अरब डॉलर से अधिक का लगा झटका

वाशिंगटन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। मस्क ने वन बिग ब्यूटीफुल बिल की आलोचना की थी। इसके बाद ट्रंप ने मस्क पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अगर सरकारी सब्सिडी बंद हो जाए तो मस्क को अपनी दुकान बंद करके दक्षिण अफ्रीका लौटना होगा। वह न सैटेलाइट बना पाएंगे और न ही ईवी बना पाएंगे। ट्रंप के इस बयान के बाद मंगलवार को टेस्ला के शेयरों में भारी गिरावट आई। इस गिरावट से मस्क की नेटवर्थ 12.1 अरब डॉलर घट गई। दुनिया की सबसे वैल्यूएबल ऑटो कंपनी टेस्ला के शेयर  5.34% गिर गया। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक मस्क की नेटवर्थ में  12.1 अरब डॉलर की गिरावट आई। उनकी नेटवर्थ अब 351 अरब डॉलर रह गई है। इस साल उनकी नेटवर्थ में 81.9 अरब डॉलर की गिरावट आई है। कुछ महीने पहले तक ट्रंप के खासमखास रहे मस्क अब उनके विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने यहां तक धमकी दी है कि अगर वन बिग ब्यूटीफुल बिल पारित हुआ तो वह अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे।  टेस्ला के शेयर 5.5% तक गिरे मस्क ने चेतावनी दी कि यदि ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ पारित हो गया तो वह एक नई राजनीतिक पार्टी शुरू कर सकते हैं और उन सांसदों के खिलाफ पैसा खर्च करेंगे जो इस बिल का समर्थन करते हैं. रिपब्लिकन ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की है कि मस्क का ट्रंप के साथ बार-बार झगड़ा 2026 के मध्यावधि कांग्रेस चुनावों में उनके अवसरों को नुकसान पहुंचा सकता है. ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने मस्क की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा, “देश के वित्त की मैं देखभाल कर लूंगा.” ट्रंप और मस्क के विवाद का असर यह रहा कि  टेस्ला के शेयरों में 5.5% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. लंबे समय से टेस्ला के निवेशक और फ्यूचर फंड एलएलसी के लिए पैसे का प्रबंधन करने वाले गैरी ब्लैक ने हाल ही में टेस्ला कार की बिक्री में गिरावट के कारण अपने शेयर बेच दिए. उन्होंने बताया कि वे इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कब फिर से निवेश करना है. ब्लैक मानते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहन क्रेडिट को खत्म करने से टेस्ला को नुकसान होगा. एक्स पर एक अलग पोस्ट में, ब्लैक ने कहा: "पता नहीं एलॉन मस्क को क्यों नहीं दिख रहा है कि राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा लाए गए बिल की खिलाफत करने का उनको कितना नुकसान हो सकता है." ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मस्क को अब तक जितनी सब्सिडी मिली है, उतनी शायद किसी इंसान को इतिहास में नहीं मिली… अब कोई रॉकेट लॉन्च नहीं, कोई सैटेलाइट नहीं, न इलेक्ट्रिक कारें – देश की बहुत बचत होगी.” टेस्ला के लिए चुनौतियां ट्रंप और मस्क की इस जंग से टेस्ला के व्यापार पर असर पड़ सकता है, खासकर तब जब कंपनी ऑटोनॉमस रोबोटैक्सी को लेकर दांव लगा रही है. यह प्रोजेक्ट राज्य और संघीय स्तर की मंजूरी पर निर्भर है. विश्लेषकों का मानना है कि ईवी टैक्स क्रेडिट हटने से टेस्ला की कमाई में 1.2 बिलियन डॉलर तक की गिरावट आ सकती है. स्पेसX के पास करीब 22 बिलियन डॉलर के संघीय अनुबंध हैं, वहीं टेस्ला ने पिछले कुछ वर्षों में करीब 11 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू सिर्फ ग्रीन क्रेडिट बेचकर कमाया है. ये क्रेडिट वह कंपनियां खरीदती हैं जो उत्सर्जन नियमों का पालन नहीं कर पातीं. ट्रंप ने पहले भी संकेत दिया था कि वे मस्क की नागरिकता पर सवाल उठा सकते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे मस्क को देश से निकाल देंगे, तो उन्होंने जवाब दिया, “देखेंगे.” दूसरे अमीरों का हाल  दुनिया के टॉप 10 रईसों में से 8 की नेटवर्थ में गिरावट आई। केवल ऐमजॉन के फाउंडर जेफ बेजोस और फ्रांसीसी बिजनसमैन बर्नार्ड अरनॉल्ट फायदे में रहे। अरनॉल्ट की नेटवर्थ में 7.15 अरब डॉलर की उछाल आई जबकि बेजोस की नेटवर्थ 1.1 अरब डॉलर बढ़ गई। मस्क के बाद सबसे ज्यादा नुकसान में मार्क जकरबर्ग रहे। उनकी नेटवर्थ में 6.44 अरब डॉलर की गिरावट आई। वह 254 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं। इस बीच भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी की नेटवर्थ में 2.24 अरब डॉलर की तेजी आई। इसके साथ ही उनकी नेटवर्थ 112 अरब डॉलर पहुंच गई। इस साल उनकी नेटवर्थ में 20.9 अरब डॉलर की तेजी आई है। वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 16वें नंबर पर हैं। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ 16.7 करोड़ डॉलर की तेजी के साथ 85.3 अरब डॉलर पहुंच गई। इस साल उनकी नेटवर्थ 6.57 अरब डॉलर बढ़ी है और वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 20वें नंबर पर बने हुए हैं।

ग्वालियर में जल्द शुरू होगा साइबर कमांडों प्रशिक्षण सेंटर, साइबर अपराधियों पर कसेंगे शिकंजा

ग्वालियर  साइबर अपराध से निपटने के लिए सरकार विशेष कदम उठा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर(I4C) द्वारा साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। ग्वालियर में प्रदेश का पहला साइबर कमांडो ट्रेनिंग सेंटर तैयार हो रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान (ABV-IIITM Gwalior) में ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाएगा। इसका कोर्स तैयार किया जा चुका है। एबीपी ट्रिपल आईटीएम प्रबंधन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। 30 साइबर कमांडो होंगे तैयार प्रबंधन के मुताबिक गृह मंत्रालय से जल्द ही इसकी अनुमति मिल सकती है। पूरे प्रदेश से पहले चरण में 30 पुलिस कर्मियों को साइबर कमांडो के रूप में तैयार किया जाएगा। ट्रेनिंग की अवधि 6 माह की होगी। साइबर कमांडो की ट्रेनिंग के लिए कोर्स IIT कानपुर द्वारा तैयार किया गया है। प्रबंधन के मुताबिक सितंबर से अक्टूबर के बीच पहले चरण की ट्रेनिंग शुरू हो सकती है। इसी हिसाब से यहां तैयारी की जा रही है। ट्रेनिंग में साइबर हमलों से बचने के तरीके सिखाए जाएंगे। इसमें प्रमुख शासकीय संस्थानों, पुलिस और जांच एजेंसियों के गोपनीय डेटा को सुरक्षित रखने के तरीके शामिल रहेंगे। साइबर हमले जैसी स्थिति में निपटने के गुर सिखाए जाएंगे। साइबर क्राइम की विवेचना में नए साफ्टवेयर, टूल्स का इस्तेमाल। फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में काम करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ऐसे काम करेंगे साइबर कमांडो     साइबर कमांडो जांच एजेंसियों और पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे।     देश, प्रदेश के बड़े संस्थानों, जांच एजेंसियों के डेटा, सिस्टम को सुरक्षित रखना।     बड़े साइबर हमलों या साइबर अपराध की पड़ताल में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।     साइबर अपराध नियंत्रण के लिए आई4सी के साथ मिलकर गाइडलाइन, एडवाइजरी तैयार करना।     साइबर अपराध होने पर फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका में भी यह रहेंगे। 6 साइबर कमांडो, 39 पुलिसकर्मी हुए चयनित अभी प्रदेश में 6 साइबर कमांडो तैयार हो चुके हैं। इन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग मिली है। 39 पुलिस कर्मियों का चयन साइबर कमांडो ट्रेनिंग के लिए हुआ है। इसमें ग्वालियर के भी चार पुलिसकर्मी हैं। दीपा सिंह (जनसंपर्क अधिकारी, एबीपी ट्रिपल आईटीएम) के अनुसार, साइबर कमांडो की ट्रेनिंग के लिए संस्थान में पूरी तैयारी है। पहले चरण में 30 साइबर कमांडो को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसकी अवधि 6 महीने की होगी। जल्द ही अनुमति मिल सकती है। सितंबर या अक्टूबर से पहले बैच की ट्रेनिंग संस्थान में शुरू हो सकती है। यह होगा फायदा प्रदेश स्तर पर कमांडो प्रशिक्षण की शुरुआत होने से इसमें प्रशिक्षित होने से साइबर कमांडो की गिनती में तेजी से इजाफा होगा। यह कमांडो बडे औद्योगिक संस्थान, सरकारी संस्थानों के साथ साइबर अपराधों की रोकथाम और साइबर क्रिमनल्स पर कसावट मेंं मददगार साबित होंगे। दूसरे बैच में 39 पुलिसकर्मियों को भेजा जाएगा पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि दूसरे बैच में प्रदेश के 39 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। परीक्षा के बाद इनका चयन भी हो चुका है। जल्द ही यह तय हो जाएगा कितने पुलिसकर्मियों को कहां प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। प्रशिक्षण लिए जाने वालों में आरक्षक से लेकर उप पुलिस अधीक्षक स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं। यह काम करेंगे साइबर कमांडो     साइबर सुरक्षा : साइबर खतरों से नेटवर्क और डाटा को सुरक्षित रखना।       साइबर हमले से सुरक्षा : कमांडो साइबर नेटवर्क या सिस्टम में हैकिंग और वायरस के हमलों से निपटने के लिए काम करेंगे। हमले की स्थिति में त्वरित निराकरण के लिए काम करेंगे। खतरों से आगाह भी करेंगे।     नेटवर्क की निगरानी : साइबर कमांडो की जिम्मेदारी नेटवर्क की निगरानी करने की रहेगी।     डेटा सुरक्षित रखने का काम : महत्वपूर्ण संस्थानों का डेटा लीक नहीं होने पाए, इसके लिए भी सुझाव देंगे।     अपराधों की जांच : बड़े साइबर अपराधों की जांच और डाटा के विश्लेषण में सहयोग करेंगे। साथ ही साइबर सुरक्षा की नीतियां बनाने में सहयोग करेंगे। दूसरे बैच के लिए भी चयन किया गया     हमारे छह पुलिसकर्मी साइबर कमांडो का प्रशिक्षण ले रहे हैं, जो शीघ्र आ जाएंगे। इसके अतिरिक्त दूसरे बैच के लिए भी चयन कर लिया गया है। – ए साई मनोहर, एडीजी साइबर

पारदर्शिता, ईमानदारी और नवाचार के जरिए सहकारी आंदोलन को मजबूत किया जा सकता है: मंत्री सारंग

भोपाल  सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि पारदर्शिता, ईमानदारी और नवाचार के जरिए सहकारी आंदोलन को मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए पूरी सहकारिता की टीम कृत-संकल्पित होकर काम करें। मंत्री श्री सारंग बुधवार को समन्वय भवन में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के उपलक्ष्य में सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के विभिन्न पहलुओं पर राज्य स्तरीय सहकारी कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए पैक्स का सुदृढ़ीकरण करना आवश्यक है। इसके लिए संभागीय और जिला अधिकारी अधीनस्थ पैक्स का निरीक्षण करें। मुख्यालय के अधिकारियों को भी संभागवार जिम्मेदारी दी जाए, जो उनके अधीनस्थों की समस्या एवं सुझावों पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने में पैक्स की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि सेल्फ हेल्प ग्रुप सहकारिता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि केडिट मूवमेंट के साथ सहकारिता के विभिन्न आयामों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता का क्लेवर बदल रहा है। सहकारी आंदोलन को पुन: मजबूत करने के लिए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है। मंत्री श्री सारंग ने बताया कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि सहकारिता के माध्यम से ही गरीबों के घर में खुशी लायी जा सकती हैं। सहकारिता ही ऐसा नेटवर्क है, जिसके माध्यम से हर घर में रोजगार के नए अवसर पैदा किये जा सकते हैं। सहकारिता की साख के लिए काम करें। लोगों को अच्छे कामों के लिए याद रखा जाता है। ईमानदारी से किया गया कार्य आत्मसंतुष्टि देता है, इसलिए जॉब सेटिस्फेक्शन जरूरी है। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि हाल ही में केन्द्र सरकार को दिए गए प्रेजेंटेशन में सबसे अच्छा प्रेजेंटेशन मध्यप्रदेश का रहा। इसके लिए उन्होंने पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की नवाचार विंग और सीपीपीपी मॉडल को भूरी-भूरी प्रशंसा मिली है। यही नहीं कंप्यूटराइजेशन की दिशा में भी मध्यप्रदेश देश में नंबर एक पर रहा है, जो सराहनीय है। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि कमिटमेंट दक्षता को सिद्ध करता है। सभी टीमवर्क के साथ काम करें। यूनिफार्मलिटी जरूरी है। साफ सुथरा ईमानदारी से किया गया कार्य ही आपकी पहचान बनेगा जिससे आपका नाम होगा। जॉब के लिए ईमानदार रहेंगे, तो सफल होंगे। मंत्री श्री सारंग ने शुरूआत में संभाग और जिलों के आए अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया और बिना बताए अनुपस्थित अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए। पैक्स सुदृढ़ हो, यही लक्ष्य : एसीएस श्री वर्णबाल अपर मुख्य सचिव श्री अशोक वर्णबाल ने कहा कि हर पैक्स को केडिट के अलावा तीन एक्टीविटी करना जरूरी है। स्थानीय पृष्ठभूमि में अवसरों को तलाश कर बिजनेस बढ़ाना होगा। संभागीय और जिला अधिकारी को एक-एक पैक्स की समयबद्ध तरीके से समीक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा कि पैक्स सुदृढ़ हो यह लक्ष्य होना चाहिये। बिजनेस सोसायटियों के सदस्यों के खाते हमारे यहां होना चाहिये। साथ ही उनके लिये माइक्रो एटीएम की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। सहकारिता आयुक्त एवं पंजीयक श्री मनोज पुष्प ने कहा कि सहाकारिता के सकारात्मक बदलाव के दौर में अधिकारी अपनी अहम भूमिका को पहचानकर दायित्वों का निर्वहन करें। सहकारिता के मॉडलाइजेशन को धरातल पर क्रियान्वित करें। अधिकारी अपनी लीडरशिप में प्रगति का फॉलोअप लें और पैक्स को बिजनेस यूनिट बनाने में सक्रिय भूमिका निभाए। अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक श्री मनोज कुमार गुप्ता ने स्वागत भाषण में कार्यशाला में हुई गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उप सचिव श्री मनोज सिन्हा ने केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों से अवगत करवाया। इस अवसर पर सहकारिता विभाग के संयुक्त आयुक्त, उप आयुक्त, जिला सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और समिति प्रबंधकों सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के घने वनों और वन्यजीव पर्यटन को राजस्व वृद्धि का एक प्रमुख माध्यम बताया

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य में ‘जियो और जीने दो’ की भावना को केंद्र में रखकर सह-अस्तित्व आधारित ईको-सिस्टम विकसित किया जा रहा है, जिससे न केवल जैव विविधता का संरक्षण हो रहा है, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है और वनवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में कई नवाचार किए जा रहे हैं इनमें वन्यजीव अभयारण्यों के संरक्षण और प्रबंधन में उच्च तकनीक का अनुप्रयोग, गुजरात के ‘वनतारा’ से प्रेरित रैस्क्यू सेंटर, दुर्लभ जीवों जैसे चीते, घड़ियाल एवं कछुओं के एक अभयारण्य से दूसरे में पुनर्स्थापन और संरक्षित क्षेत्रों की फेंसिंग शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन विभाग के अधिकारियों को गुजरात के ‘वनतारा’ वन्यजीव पुनर्वास केंद्र का अध्ययन कर प्रदेश में भी ऐसा ही रेस्क्यू और एनिमल वेलफेयर प्रोजेक्ट स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल वन्यजीवों के संरक्षण और पुनर्वास में एक नई मिसाल पेश करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के घने वनों और वन्यजीव पर्यटन को राजस्व वृद्धि का एक प्रमुख माध्यम बताया। उन्होंने वन अधिकारी-कर्मचारियों के लिए विशेष सुविधाओं और उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रोत्साहन की घोषणा की। उन्होंने यह भी बताया कि वन विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों से प्रदेश में वन क्षेत्र और राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रदेश में वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया जारी है। जैव-विविधता को बढ़ावा देने के लिए कई स्थलों को जैव-विविधता विरासत घोषित किया गया है। वन-अग्नि की घटनाओं पर विभाग की प्रतिक्रिया अब पहले से अधिक त्वरित हुई है, जो प्रभावी वन प्रबंधन को दर्शाता है। वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में उठाए गए प्रमुख कदम मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, जिससे प्रदेश की छवि 'टाइगर स्टेट' के रूप में और मजबूत हो रही है। प्रदेश में अब 9 टाइगर रिजर्व हो गये हैं। बाघ संरक्षण के साथ-साथ ये रिजर्व पर्यटन उद्योग को बढ़ावा दे रहे हैं, साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रहे हैं। टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए ‘बफर-सफर’ योजना के अंतर्गत अनेक नई गतिविधियाँ प्रारंभ की गई हैं। अब पर्यटक प्राकृतिक स्थलों, वन और वन्य-प्राणी दर्शन के साथ ईको-पर्यटन गतिविधियों का आनंद ले रहे हैं। इससे प्रदेश में पर्यटन को नया आयाम मिलेगा और कोर क्षेत्रों पर दबाव भी कम होगा। प्रदेश में 15,000 से अधिक वन समितियाँ गठित की जा चुकी हैं, जिनकी कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं सक्रिय बनाया जा रहा है। प्रदेश में आधुनिक चिड़ियाघर और रेस्क्यू सेंटर्स विकसित किये जा रहे हैं। उज्जैन और जबलपुर में उन्नत सुविधाओं से युक्त नये चिड़ियाघर और रेस्क्यू सेंटर शीघ्र ही स्थापित किए जा रहे हैं। ओंकारेश्वर, ताप्ती और बालाघाट के सोनेवानी क्षेत्र में नए कंजर्वेशन रिजर्व बनाए जा रहे हैं, जो वन्यजीव आवासों की रक्षा करेंगे। अफ्रीका से लाए गए चीतों की कूनो में सफल पुनर्स्थापना के बाद इन चीतों को प्रदेश एंव देश के दूसरे अभयारण्यों में बसाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है। प्रदेश के बुंदेलखंड वन क्षेत्रों में फैले हुए वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में चीता पुनर्स्थापना की तैयारियाँ चल रही हैं, जिससे जैव विविधता में वृद्धि होगी। जलीय जीव संरक्षण के रूप में नर्मदा में महाशीर मछली जैसे जलजीवों के लिए प्रजनन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। चंबल में कछुए, मगरमच्छ एवं घड़ियाल एवं गंगा डॉल्फिन के संरक्षण के लिए केंद्र पहले से ही स्थापित हैं। इनमें जलीय जीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है औऱ इन्हें प्रदेश के साथ ही देश भर में भेजा जा रहा है। मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए संरक्षित क्षेत्रों के लगभग 160 किलोमीटर क्षेत्र में फेंसिंग की जा रही है। इससे वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। हाथियों की सुरक्षा हेतु विशेष योजना प्रदेश सरकार द्वारा हाथियों की सुरक्षा और अनुश्रवण के लिए वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कुल ₹1 करोड़ 52 लाख 54 हजार खर्च किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹20 करोड़ और 2026-27 के लिए ₹25 करोड़ 59 लाख 15 हजार का प्रावधान किया गया है। इस तरह वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक योजना का कुल आकार ₹47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रहेगा। हाथियों के आवागमन की मॉनिटरिंग के कॉलर आईडी लगाये जा रहे हैं। इन योजनाओं से हाथियों की सुरक्षा को नई मजबूती मिलेगी। वनवासियों के अधिकारों का सम्मान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्पष्ट किया कि टाइगर रिजर्व की घोषणा से जनजातीय समुदायों और वनवासियों के अधिकारों को प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा और उनका पूर्ण सम्मान किया जाएगा। सह-अस्तित्व के लिए सह-प्रबंधन की नीति अपनाई जाएगी और जहाँ आवश्यक होगा वहाँ पुनर्वास की समुचित व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के विजन के अनुरूप उनके निर्देशन में मध्यप्रदेश वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में देश के लिये एक अग्रणी मॉडल के रूप में उभर रहा है। यहां जैव विविधता, पर्यटन, वन्यजीव संरक्षण और जनजातीय आजीविका का संतुलित एवं वन्य-जीवों के साथ सह-अस्तित्व का इको सिस्टम विकसित हो रहा है।  

ट्रायल कोर्ट की 1 साल की सजा पर हाई कोर्ट की रोक, 18 साल बाद मिला इंसाफ

जबलपुर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए 18 साल आरोपी के पक्ष में फैसला सुनाया है और उसे बरी किया है। अपने इस फैसले में न्यायमूर्ति देवनारायण मिश्रा की एकलपीठ ने ग्राम पोंडी, पाटन, जबलपुर निवासी लोक सिंह को 18 वर्ष बाद दोषमुक्त करार दे दिया। उसके विरुद्ध ट्रायल कोर्ट की ओर से पारित आदेश अनुचित पाकर निरस्त कर दिया गया। ट्रायल कोर्ट ने उसे 18 साल पहले 1 वर्ष के कारावास और 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई थी। जुर्माना राशि जमा न करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की व्यवस्था दी गई थी। इस सजा के विरुद्ध पहले सेशल कोर्ट में अपील की गई, जहां ट्रायल कोर्ट का आदेश यथावत रखा गया। इसीलिए हाई कोर्ट में रिवीजन दायर की गई।   यह था मामला हाई कोर्ट में लोक सिंह का पक्ष अधिवक्ता प्रमेंद्र सेन व प्रवीण सेन ने रखा। उन्होंने दलील दी कि 16 फरवरी, 2004 को बेलखेड़ा पुलिस ने 54 लीटर देसी शराब जब्त करने का अपराध पंजीबद्ध कर लिया था। उसके विरुद्ध आबकारी अधिनियम अंतर्गत मामला बनाया गया था। 28 अगस्त, 2006 को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी, पाटन की कोर्ट ने सजा सुना दी। जिसके विरुद्ध 2007 में हाई कोर्ट की शरण ले ली गई थी।   दरअसल, यह मामला दुर्भावनावश फंसाए जाने से संबंधित था। अवैध शराब से लोक सिंह का कोई सरोकार नहीं था। इसीलिए वह अपनी बेगुनाही साबित करने जमानत हासिल करने के बाद से लंबे समय तक इंसाफ की लड़ाई लड़ता रहा। हालांकि अंत में हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और 18 साल बाद लोक सिंह को दोष मुक्त कर दिया गया है।

ऋषभ पंत ने ICC रैंकिंग में रच दिया इतिहास, बुमराह, जडेजा का जलवा भी कायम

नई दिल्ली ICC (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंस‍िल) की ताजा जारी रैकिंग में टेस्ट बल्लेबाजों के टॉप 10 में फिर बदलाव हुआ है. इंग्लैंड के लीड्स (हेडिंग्ले) टेस्ट में दो शतकों की वजह से दो खिलाड़ियों ने करियर की सबसे अच्छी रैंकिंग हासिल की है.  ऑस्ट्रेलिया के एक फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज और श्रीलंका के दो बल्लेबाजों को भी रैंकिंग में फायदा मिला है.  भारत के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत को भी बड़ी कामयाबी मिली है. इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में दो शतक लगाने के बाद पंत ने टेस्ट बल्लेबाज रैंकिंग में करियर की सबसे ऊंची रेटिंग हासिल की है.  27 साल के ऋषभ पंत ने अपनी शानदार बल्लेबाजी का जलवा दिखाया है. उन्होंने पहली पारी में 134 और दूसरी पारी में 118 रन बनाए. हालांकि भारत यह मैच पांच विकेट से हार गया.  इसके बावजूद पंत को टेस्ट बल्लेबाजों की ताजा रैंकिंग में एक स्थान का फायदा हुआ और अब वो छठे नंबर पर पहुंच गए हैं.  यह उनकी करियर की सबसे अच्छी रैंकिंग (पांचवें नंबर) से सिर्फ एक पायदान नीचे है, जो उन्होंने 2022 में हासिल की थी. लेकिन इस बार उनका कुल रेटिंग प्वाइंट (801) अब तक का सबसे ज्यादा है. पंत अब नंबर 1 बल्लेबाज जो रूट से सिर्फ 88 रेटिंग अंक पीछे हैं.  इंग्लैंड के जो रूट टेस्ट बल्लेबाज रैंकिंग में पहले नंबर पर बने हुए हैं. हेडिंग्ले टेस्ट में उन्होंने 28 और नाबाद 53 रन बनाए. उनके साथी और नंबर 2 पर मौजूद हैरी ब्रूक उनसे सिर्फ 15 रेटिंग अंक पीछे हैं. इंग्लैंड के ओपनर बेन डकेट को भी बड़ा फायदा हुआ है. लीड्स टेस्ट की दूसरी पारी में 149 रन की मैच विनिंग पारी के बाद वो करियर की सबसे अच्छी रैंकिंग (8वें नंबर) पर पहुंच गए हैं. ट्रेव‍िस हेड को ICC रैकिंग में फायदा  बारबाडोस में वेस्टइंडीज को 159 रन से हराने के बाद ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड को भी फायदा मिला है. दो अर्धशतक की वजह से वो तीन स्थान ऊपर चढ़कर 10वें नंबर पर पहुंच गए हैं. कोलंबो में बांग्लादेश के खिलाफ जीत के हीरो पथुम निसांका को 14 पायदान की बड़ी छलांग मिली और अब वो 17वें नंबर पर आ गए हैं. उनके साथी कुसल मेंडिस भी चार स्थान ऊपर चढ़कर 30वें नंबर पर पहुंच गए हैं. साउथ अफ्रीकी   लुआन-ड्रे प्रिटोरियस ने जिम्बाब्वे के खिलाफ शतक जड़कर पहली बार टेस्ट बल्लेबाज रैंकिंग में एंट्री की है और अब वो 68वें नंबर पर हैं. गेंदबाजों की रैंकिंग में बुमराह का जलवा  भारत के जसप्रीत बुमराह टेस्ट गेंदबाजों में पहले नंबर पर कायम हैं. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट में पांच विकेट लिए थे.ऑस्ट्रेलिया के जोश हेजलवुड एक स्थान ऊपर चढ़कर चौथे नंबर पर आ गए हैं. वेस्टइंडीज के जेयडन सील्स नौवें नंबर पर पहुंच गए हैं. श्रीलंका के स्पिनर प्रभात जयसूर्या एक पायदान ऊपर चढ़कर 14वें नंबर पर पहुंच गए हैं. जडेजा नंबर 1 ऑलराउंडर  भारत के रवींद्र जडेजा अब भी टेस्ट ऑलराउंडर्स में नंबर 1 पर हैं, भले ही इंग्लैंड के खिलाफ उनका प्रदर्शन औसत रहा. साउथ अफ्रीका के वियान मुल्डर सात स्थान ऊपर आकर 15वें नंबर पर पहुंचे हैं. उनके साथी कॉर्बिन बॉश ने 42 स्थान की बड़ी छलांग लगाकर 19वें नंबर पर जगह बना ली है.  

अधीनस्थ पैक्स तक संभागीय और जिला अधिकारी करें दौरा

भोपाल सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि पारदर्शिता, ईमानदारी और नवाचार के जरिए सहकारी आंदोलन को मजबूत किया जा सकता है। इसके लिए पूरी सहकारिता की टीम कृत-संकल्पित होकर काम करें। मंत्री सारंग बुधवार को समन्वय भवन में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के उपलक्ष्य में सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के विभिन्न पहलुओं पर राज्य स्तरीय सहकारी कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। मंत्री सारंग ने कहा कि सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए पैक्स का सुदृढ़ीकरण करना आवश्यक है। इसके लिए संभागीय और जिला अधिकारी अधीनस्थ पैक्स का निरीक्षण करें। मुख्यालय के अधिकारियों को भी संभागवार जिम्मेदारी दी जाए, जो उनके अधीनस्थों की समस्या एवं सुझावों पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने में पैक्स की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। मंत्री सारंग ने कहा कि सेल्फ हेल्प ग्रुप सहकारिता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि केडिट मूवमेंट के साथ सहकारिता के विभिन्न आयामों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता का क्लेवर बदल रहा है। सहकारी आंदोलन को पुन: मजबूत करने के लिए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है। मंत्री सारंग ने बताया कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सहकारिता के माध्यम से ही गरीबों के घर में खुशी लायी जा सकती हैं। सहकारिता ही ऐसा नेटवर्क है, जिसके माध्यम से हर घर में रोजगार के नए अवसर पैदा किये जा सकते हैं। सहकारिता की साख के लिए काम करें। लोगों को अच्छे कामों के लिए याद रखा जाता है। ईमानदारी से किया गया कार्य आत्मसंतुष्टि देता है, इसलिए जॉब सेटिस्फेक्शन जरूरी है। मंत्री सारंग ने कहा कि हाल ही में केन्द्र सरकार को दिए गए प्रेजेंटेशन में सबसे अच्छा प्रेजेंटेशन मध्यप्रदेश का रहा। इसके लिए उन्होंने पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की नवाचार विंग और सीपीपीपी मॉडल को भूरी-भूरी प्रशंसा मिली है। यही नहीं कंप्यूटराइजेशन की दिशा में भी मध्यप्रदेश देश में नंबर एक पर रहा है, जो सराहनीय है। मंत्री सारंग ने कहा कि कमिटमेंट दक्षता को सिद्ध करता है। सभी टीमवर्क के साथ काम करें। यूनिफार्मलिटी जरूरी है। साफ सुथरा ईमानदारी से किया गया कार्य ही आपकी पहचान बनेगा जिससे आपका नाम होगा। जॉब के लिए ईमानदार रहेंगे, तो सफल होंगे। मंत्री सारंग ने शुरूआत में संभाग और जिलों के आए अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया और बिना बताए अनुपस्थित अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए। पैक्स सुदृढ़ हो, यही लक्ष्य : एसीएस वर्णबाल अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णबाल ने कहा कि हर पैक्स को केडिट के अलावा तीन एक्टीविटी करना जरूरी है। स्थानीय पृष्ठभूमि में अवसरों को तलाश कर बिजनेस बढ़ाना होगा। संभागीय और जिला अधिकारी को एक-एक पैक्स की समयबद्ध तरीके से समीक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा कि पैक्स सुदृढ़ हो यह लक्ष्य होना चाहिये। बिजनेस सोसायटियों के सदस्यों के खाते हमारे यहां होना चाहिये। साथ ही उनके लिये माइक्रो एटीएम की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। सहकारिता आयुक्त एवं पंजीयक मनोज पुष्प ने कहा कि सहाकारिता के सकारात्मक बदलाव के दौर में अधिकारी अपनी अहम भूमिका को पहचानकर दायित्वों का निर्वहन करें। सहकारिता के मॉडलाइजेशन को धरातल पर क्रियान्वित करें। अधिकारी अपनी लीडरशिप में प्रगति का फॉलोअप लें और पैक्स को बिजनेस यूनिट बनाने में सक्रिय भूमिका निभाए। अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक मनोज कुमार गुप्ता ने स्वागत भाषण में कार्यशाला में हुई गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उप सचिव मनोज सिन्हा ने केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों से अवगत करवाया। इस अवसर पर सहकारिता विभाग के संयुक्त आयुक्त, उप आयुक्त, जिला सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और समिति प्रबंधकों सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  

सोनिया और राहुल गांधी की बढ़ेंगी मुश्किलें,2000 करोड़ की संपत्ति हड़पने की थी रची साजिश…ED का दावा

एजेएल पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता था। राजू ने कहा कि यंग इंडियन बनाने की साजिश रची गई थी, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 76% शेयर थे, ताकि कांग्रेस से लिए गए 90 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पी जा सके। नई दिल्ली दिल्ली की एक विशेष अदालत ने अब बंद हो चुके नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को दैनिक सुनवाई शुरू की। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से जुड़े इस हाई-प्रोफाइल मामले की सुनवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वी राजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को हड़पना चाहती थी, जिसकी संपत्ति 2,000 करोड़ रुपये की थी। एएसजी ने कहा कि यह साजिश कांग्रेस पार्टी के इशारे पर सोनिया और राहुल गांधी ने रची थी। एजेएल पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता था। राजू ने कहा कि यंग इंडियन बनाने की साजिश रची गई थी, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 76% शेयर थे, ताकि कांग्रेस से लिए गए 90 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पी जा सके। एसजी एस वी राजू ने कहा, "यंग इंडियन ने घोषणा की थी कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी लाभकारी मालिक थे। एएसजी ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा यंग इंडियन में प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी थे।" कोर्ट के इस सवाल पर ईडी के वकील एएसजी वीएस राजू ने जवाब द‍िया. उन्‍होंने कहा, बैंकों के पास खुद संपत्ति नहीं होती, इसलिए उन्हें कर्ज देना ही होता है. ऐसी स्थिति में बैंक उधारकर्ता से समझौता करते हैं. लेकिन इस केस में तो 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति उपलब्ध थी. फिर सिर्फ 50 लाख रुपये में 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति क्यों दी गई? संपत्ति की पूरी वैल्यू इस पर कोर्ट ने फ‍िर सवाल क‍िया, क्या यह मामला एनपीए (Non Performing Asset) जैसा था? इस पर ED की ओर से पेश वकील राजू ने कहा, नहीं, इस केस में तो संपत्ति की पूरी वैल्यू थी. ईडी की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट के सामने दलील देते हुए एक बड़ा संकेत दिया. कांग्रेस पार्टी भी ईडी की जांच के दायरे में आ सकती है, इस संभावना से इनकार नहीं किया गया है. कांग्रेस भी बनेगी आरोपी? ईडी का कहना है कि अभी कांग्रेस को आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन भविष्य में ऐसा किया जा सकता है. ईडी ने कोर्ट से कहा, अगर AICC यानी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को आरोपी बनाया जाता है, तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी की भूमिका उनके खिलाफ पीएमएलए की धारा 70 के तहत मामला मजबूत करने में सहायक हो सकती है. हालांकि, ईडी द्वारा ये स्पष्टीकरण दिया गया कि बिना पुख्ता सबूत के ऐसा कदम नहीं उठाएंगे. एएसजी एसवी राजू ने दलील दी कि 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति वाली कंपनी एजेएल को 90 करोड़ रुपये के लोन के लिए अधिग्रहित किया गया। यह एक धोखाधड़ी है। यह वास्तविक लेनदेन नहीं था। एजेएल का अधिग्रहण कांग्रेस ने नहीं, बल्कि यंग इंडियन ने किया था। उन्होंने कहा कि यह एक साजिश थी। एएसजी ने कहा कि कांग्रेस ने न तो ब्याज लिया और न ही जमानत ली। 90 करोड़ रुपये का लोन 50 लाख रुपये में बेचा गया। ईडी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर एजेएल को विज्ञापन के पैसे भी दिए गए। इस फर्जी कंपनी से जो भी आय हुई, वह अपराध की कमाई है। 21 मई को पिछली सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कथित नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े 142 करोड़ रुपये के "अपराध की आय" का आनंद लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक एजेंसी ने नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की है। आरोप पत्र में कांग्रेस के ओवरसीज प्रमुख पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के नाम शामिल हैं। एएसजी राजू ने क्या कहा? एएसजी राजू ने कहा कि, ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नाम की एक कंपनी थी, जो मुनाफा नहीं कमा रही थी, लेकिन उसके पास करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियां थीं. उसे अपने दिन-प्रतिदिन के खर्च चलाने में कठिनाई हो रही थी.’ उन्होंने आरोप लगाया कि एजेएल ने कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसे बाद में वापस करने से इनकार कर दिया गया. उन्होंने कहा, ‘अगर किसी के पास इतनी बड़ी संपत्ति हो और वो कर्ज न चुका सके, तो यह सवाल खड़े करता है. आम परिस्थितियों में कोई भी समझदार व्यक्ति अपनी संपत्ति बेचकर कर्ज चुका देता. लेकिन यहां उद्देश्य अलग था.’ एएसजी ने तर्क दिया कि कांग्रेस पार्टी की मंशा एजेएल की संपत्ति को हथियाने की थी और इसके लिए ‘यंग इंडिया’ नाम की कंपनी के जरिये 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को मात्र 90 करोड़ के कर्ज के बहाने ट्रांसफर करने की साजिश रची गई. सोनिया-राहुल पर क्या आरोप एएसजी राजू ने सीधे तौर पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘वे दोनों इस 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति वाली कंपनी को अपने नियंत्रण में लेना चाहते थे.’ उन्होंने सवाल उठाया कि, ‘कोई भी समझदार व्यक्ति किसी कंपनी को इतना कर्ज क्यों देगा, जो पहले ही डिफॉल्ट कर चुकी हो?’ इस पर कोर्ट ने एएसजी से पूछा कि, ‘क्या आप यह कह रहे हैं कि इस स्तर पर केवल अपराध के संज्ञान (cognisance) का मुद्दा ही प्रासंगिक है, और समन जारी करने का अधिकार बाद में आता है?’ इस पर एएसजी राजू ने उत्तर दिया, ‘जी हां, इस चरण पर केवल संज्ञान का मुद्दा देखा जाना चाहिए. समन की प्रक्रिया डिस्चार्ज एप्लिकेशन के समय प्रासंगिक होगी.’ एएसजी राजू ने फिर कोर्ट को सूचित किया कि वे आज या कल तक अपनी बहस पूरी कर लेंगे. इसके बाद कोर्ट में इस मामले को लेकर अगली प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. किराये और चंदे के नाम पर गड़बड़ी? ED के … Read more

एयर इंडिया क्रैश की जांच में हो गया बड़ा खुलासा, टेकऑफ करते ही फेल हो गए दोनों इंजन!

अहमदाबाद  12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हुई एयर इंडिया की लंदन फ्लाइट को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस भयावह दुर्घटना के पीछे डुअल इंजन फेलियर यानी दोनों इंजन का फेल होना, एक बड़ी वजह हो सकती है। यही तकनीकी गड़बड़ी विमान को हवा में टिके रहने से रोक सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) इस हफ्ते के आखिर या अगले सप्ताह की शुरुआत में अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर सकता है। इस रिपोर्ट में कई अहम तकनीकी पहलुओं की ओर इशारा किया गया है। ब्लूमबर्ग ने हादसे से जुड़ी जांच से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया कि एयर इंडिया के पायलटों ने फ्लाइट सिमुलेटर में उस दुर्घटनाग्रस्त विमान की उड़ान की परिस्थितियों को दोहराने की कोशिश की। इसमें लैंडिंग गियर नीचे और विंग फ्लैप्स पीछे की ओर समेटे गए थे। हालांकि, सिर्फ इन्हीं वजहों से विमान के गिरने की संभावना कम मानी जा रही है, जिससे ध्यान अब तकनीकी खराबी की ओर मुड़ गया है। जांच में क्या मिला? जांचकर्ताओं और एयर इंडिया के पायलटों ने सिम्युलेटर में उस हादसे की परिस्थितियों को दोहराया. इसमें उन्होंने देखा कि क्या लैंडिंग गियर खुले होने और फ्लैप्स बंद होने से विमान गिर सकता है, लेकिन सिम्युलेटर टेस्ट में पाया गया कि सिर्फ इन कारणों से विमान नहीं गिरता. इमरजेंसी पावर सिस्टम ने दी चेतावनी हादसे से ठीक पहले विमान में इमरजेंसी पावर टरबाइन (RAT) अपने आप एक्टिव हो गया था. यह सिस्टम तभी ऑन होता है जब विमान के दोनों इंजन काम करना बंद कर देते हैं. इससे यह शक और गहरा गया है कि हादसे के वक्त विमान में बिजली की पूरी सप्लाई बंद हो गई थी. विमान के मलबे की जांच में क्या आया सामने? विमान के मलबे की जांच से पता चला है कि टेकऑफ के समय विंग फ्लैप्स और स्लैट्स पूरी तरह सही ढंग से फैले हुए थे, जिससे यह साफ होता है कि टेकऑफ की प्रक्रिया में कोई चूक नहीं हुई थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि क्रैश से ठीक पहले पायलट्स ने मेडे (Mayday) सिग्नल भेजा था, जो कि इमरजेंसी का संकेत होता है। इस चेतावनी कॉल और विमान के जमीन से टकराने के बीच सिर्फ 15 सेकंड का समय था। इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए टाटा संस ने एयर इंडिया क्रैश के बाद अपनी पहली बोर्ड मीटिंग बुलाई, जिसमें चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने राहत कोशिशों और अब तक किए गए कामों की जानकारी ग्रुप की लीडरशिप को दी। उन्होंने बताया कि टाटा ग्रुप और टाटा ट्रस्ट्स मिलकर प्रभावित परिवारों के लिए राहत कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। 270 लोगों की मौत 12 जून को हुए इस भीषण हादसे में बोइंग ड्रीमलाइनर विमान में सवार 242 में से 241 यात्रियों और क्रू सदस्यों समेत कुल कम से कम 270 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। टाटा ग्रुप, जो एयर इंडिया का मालिक है, उसने इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रति व्यक्ति 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इस हादसे ने एक बार फिर विमान सुरक्षा मानकों और तकनीकी जांच के महत्व को गहराई से सामने ला दिया है। अब सभी की निगाहें AAIB की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस दिल दहला देने वाले रहस्य से पर्दा उठा सकती है। जांचकर्ताओं ने क्या कहा? अभी तक AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) और एयर इंडिया ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक हादसे की वजह अब तकनीकी फेलियर की ओर मुड़ गई है. ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट रिकॉर्डर) के डेटा की जांच अभी जारी है. सिमुलेशन में क्या मिला? बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के मलबे की तस्वीरों से पता चला कि फ्लैप्स एक्सटेंड हुए थे और पीछे नहीं हटे थे, जैसा कि अनुमान लगाया गया था. जब प्लेन की स्पीड धीमी होती है, तब फ्लैप्स टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान विमान को जरूरी एक्स्ट्रा लिफ्ट देते हैं. लंदन जाने वाली फ्लाइट अहमदाबाद में उड़ान भरने के कुछ सेकंड के अंदर एक मेडिकल कॉलेज कैंपस के पास हादसे का शिकार हो गई, जिससे प्लेन में सवार 242 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई और जमीन पर मौजूद 34 अन्य लोग मारे गए. कई एक्सपर्ट्स ने इस बात की पुष्टि की है कि टेक्निकल फेलियर ही हादसे के पीछे की एक वजह हो सकता है.  दोनों इंजन फेल होने की वजह से हुआ हादसा? एविएशन एक्सपर्ट और पूर्व अमेरिकी नौसेना पायलट कैप्टन स्टीव शेबनर ने कहा कि इस हादसे के पीछे की वजह डुअल इंजन फेलियर हो सकती है. इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उड़ान भरने के तुरंत बाद रैम एयर टर्बाइन (RAT) का खुलना डुअल इंजन फेलियर की तरफ इशारा करता है. यह सिमुलेशन विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही आधिकारिक जांच से अलग आयोजित किया गया था. सूत्रों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि यह संभावित कारणों का पता लगाने के लिए किया गया था. एअर इंडिया के पायलटों द्वारा किए गए क्रैश फुटेज के एनालिसिस से पता चला कि लैंडिंग गियर आगे की ओर झुका हुआ था, जिससे पता चलता है कि पहियों का पीछे हटना शुरू हो गया था. उस वक्त, लैंडिंग-गियर के दरवाज़े नहीं खुले थे, जिसके बारे में पायलटों ने कहा कि यह इशारा करता है कि प्लेन में बिजली की कमी या हाइड्रोलिक फेलियर हुआ था, जो इंजन में समस्या की ओर इशारा करता है. हादसे का शिकार हुए एअर इंडिया प्लेन के ब्लैक बॉक्स से डेटा का एनालिसिस मौजूदा वक्त में दिल्ली में AAIB की लैब में चल रहा है. इससे यह पता चलेगा कि हादसे का क्या क्रम था यानी स्टेप बाय स्टेप क्या-क्या हुआ. इसके साथ ही यह भी बताएगा कि दोनों इंजनों की पॉवर एक साथ क्यों खत्म हो गई. फ्लाइट सिमुलेटर एक डिवाइस या सॉफ्टवेयर है, जिसमें विमान की उड़ान जैसी स्थिति बनाई जाती है। फ्लाइट सिमुलेटर का इस्तेमाल पायलटों की ट्रेनिंग, विमान के डिजाइन और रिसर्च आदि में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एयरक्राफ्ट कंट्रोल सिस्टम, फ्लाइट डायनामिक्स और … Read more