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नीना गुप्ता पर्व की खुशियाँ पहाड़ों में मनाएंगी, सुनीता बोलीं– ‘पटाखे नहीं जलाएंगी’

मुंबई दिवाली का त्योहार बस कुछ दिनों में दस्तक देने वाला है। इस त्योहार की तैयारियों में पूरा भारत व्यस्त है। इस कड़ी बॉलीवुड के सितारे भी बिल्कुल पीछे नहीं हैं। अभिनेत्री नीना गुप्ता ने बताया कि वह इसबार पहाड़ों में जाएंगी। वहीं सुनीता आहूजा ने परिवार के साथ दिवाली मनाने की बात कही है। पढ़िए पूरी खबर। पहाड़ों में मनाएंगी दिवाली एएनआई से बात करते हुए नीना गुप्ता ने अपने दिवाली योजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘मैं दिवाली बहुत खास तरीके से मना रही हूं, क्योंकि मैं पहाड़ों में मुक्तेश्वर स्थित अपने घर जा रही हूं। वहां हमारे पांच-छह पड़ोसी एक छोटी सी पार्टी में होंगे। हम साथ में खाएंगे, पिएंगे और खूब मस्ती करेंगे।" बिना पटाखों के दिवाली मनाएंगी गोविंदा की पत्नी बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा की पत्नी ने कहा, ‘हम घर पर दीये जलाएंगे और देवी लक्ष्मी की पूजा करेंगे। हम परिवार के साथ खुशी से जश्न मनाएंगे। हम आतिशबाजी नहीं जलाएंगे क्योंकि मुझे कुत्ते बहुत पसंद हैं।’ गोविंदा की बेटी ने भी बताया दिवाली का प्लान सुनीता आहूजा की बेटी टीना आहूज ने परिवार की दिवाली की परंपराओं के बारे में बात करते हुए कहा कि आहूजा परिवार हमेशा देवी लक्ष्मी की पूजा करके त्योहार की शुरुआत करता है। इस साल वह रंग-बिरंगी रंगोली बनाने वाली हैं। यह बताते हुए उन्होंने कहा, "हमारे परिवार की परंपरा है कि घर पर देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और हम ढेर सारी मिठाइयां लाते हैं। कई दोस्त आते हैं। पटाखे नहीं जलाएँगे, इस साल मैं रंगोली और दीयों के डिजाइन बनाऊंगी।" नीना गुप्ता का वर्कफ्रंट नीना गुप्ता की फिल्मों की बात करें, तो उन्हें आखिरी बार अनुराग बसु द्वारा निर्देशित फिल्म 'मेट्रो इन दिनों' में देखा गया था। यह फिल्म 4 जुलाई को रिलीज हुई थी। यह फिल्म एक मेट्रो शहर में रहने वाले युवा, वृद्ध और मध्यम आयु वर्ग के जोड़ों की प्रेम कहानियों पर आधारित है। इसमें कोंकणा सेन शर्मा, पंकज त्रिपाठी, अली फजल, फातिमा सना शेख और अनुपम खेर भी हैं।

दिवाली से पहले बड़ा फैसला: पटाखों की बिक्री पर लगा सख्त प्रतिबंध

फिरोजपुर  लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर भारती नागरिक एक्ट 2023 की धारा 163 के तहत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अमित सरीन ने फिरोजपुर जिले के बाजारों में किसी भी प्रकार के तेज आवाज वाले पटाखों, आतिशबाजी आदि के (अनधिकृत) निर्माण, भंडारण, खरीद-बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने जिले में पटाखों की बिक्री/खरीद के लिए स्थान निर्धारित किए हैं। पटाखा विक्रेताओं द्वारा फिरोजपुर शहर में ओपन ग्राउंड आईटीआई (लड़के), फिरोजपुर कैंट में ओपन ग्राउंड मनोहर लाल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, ममदोट में स्टेशन बीएसएफ ग्राउंड ममदोट के पास, तलवंडी भाई में ओपन ग्राउंड सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़के), जीरा में ओपन ग्राउंड श्री गुरदास राम मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल और जीरा में ओपन ग्राउंड श्री जीवन मल्ल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मल्लांवाला में ओपन ग्राउंड श्री सुखविंदर सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मक्खू में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़के), गुरुहरसहाय में गुरु रामदास स्टेडियम, मक्खू में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़के) में पटाखे बेचे जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि पटाखे बेचने का समय सुबह 10.00 बजे से शाम 7.30 बजे तक रहेगा। इसके अलावा फिरोजपुर के भीतर किसी अन्य स्थान का उपयोग पटाखों और आतिशबाजी की खरीद/बिक्री के लिए नहीं किया जा सकता है और केवल हरित पटाखों (जिनमें बोरॉन लवण या एंटीमनी, लिथियम, पारा, आर्सेनिक, सीसा या स्ट्रोंटियम क्रोमेट का मिश्रण इस्तेमाल नहीं किया जाता है) के इस्तेमाल की अनुमति है। उपरोक्त स्थानों को धूम्रपान निषेध क्षेत्र घोषित किया गया है। पंजाब सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण विभाग के निर्देशानुसार, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने फिरोजपुर जिले में पटाखे फोड़ने का समय निर्धारित किया है: 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) दिवाली पर रात्रि 8.00 बजे से 10.00 बजे तक, 5 नवंबर 2025 गुरुपर्व (बुधवार) के अवसर पर प्रात: 4 बजे से 5 बजे तक (एक घंटा) और रात्रि 9 बजे से 10 बजे तक (एक घंटा), 25-26 दिसंबर 2025 (गुरुवार, शुक्रवार) क्रिसमस पर रात्रि 11.55 बजे से 12.30 बजे तक, तथा 31 दिसंबर 2025-01 जनवरी 2026 (बुधवार, गुरुवार) को रात्रि 11.55 बजे से 12.30 बजे तक। शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, न्यायालयों, धार्मिक स्थलों आदि जैसे शांत क्षेत्रों के आस-पास पटाखे फोड़ने और आतिशबाजी करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

पटाखों के लिए नए जिले आदेश: किसे मिलेगा अनुमति, क्या है सख्ती

मोगा त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में पटाखे फोड़ना आम बात हो गई है। इसलिए जिला मजिस्ट्रेट एवं उपायुक्त सागर सेतिया ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं पंजाब सरकार द्वारा जारी निर्देशों के आलोक में भारतीय नागरिकता अधिनियम 2023 की धारा 163 के अंतर्गत आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में दिवाली के अवसर पर केवल हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी। आदेश के अनुसार दिवाली के दिन, 20 अक्टूबर को रात 8 बजे से 10 बजे तक, गुरुपर्व, 5 नवंबर को सुबह 4 बजे से 5 बजे तक और रात 9 बजे से 10 बजे तक, क्रिसमस के दिन, 25 और 26 दिसंबर, 2025 को रात 11.55 बजे से 12.30 बजे तक और नए साल के दिन, 31 दिसंबर, 2025 को रात 11.55 बजे से 1 जनवरी, 2026 को रात 12.30 बजे तक हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी। आदेश में कहा गया है कि निर्धारित समय से पहले या बाद में पटाखे फोड़ना और हरित पटाखों के अलावा अन्य पटाखे फोड़ना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। 

दिल्ली में पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, तय किए इतने दिन का समय

नई दिल्ली दिवाली के त्योहार से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट  ने दिल्ली-एनसीआर  के निवासियों को एक बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने क्षेत्र में ग्रीन पटाखों की बिक्री पर लगी रोक को 25 अक्टूबर तक के लिए हटा दिया है। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के सुझावों पर विचार करने के बाद लिया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से सिफारिश की थी कि पटाखों के उत्पादकों और त्योहार के मद्देनजर लोगों को यह अस्थायी राहत दी जानी चाहिए। कोर्ट ने उनकी सिफारिश को मानते हुए यह आदेश जारी किया है। यह छूट विशेष रूप से ग्रीन पटाखों के लिए दी गई है जो पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं। यह आदेश 25 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा जिससे दिवाली के दौरान लोग ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल कर सकेंगे। यह फैसला दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण की चिंताओं और त्योहार के मौके पर लोगों की भावनाओं के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।  

सुप्रीम कोर्ट का दिवाली से पहले अहम फैसला, दिल्ली-NCR में चल सकेंगे ग्रीन पटाखे

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले पटाखों को लेकर शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने दिल्ली-एनसीआर में उन निर्माताओं को ग्रीन पटाखे बनाने की इजाजत दे दी, जिनके पास नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (PESO) से प्रमाणित सर्टिफिकेट हैं। हालांकि, कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि ये निर्माता दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अगले आदेश तक किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री नहीं कर सकेंगे। निर्माताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए हलफनामा देना होगा कि वे दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री नहीं करेंगे। यह फैसला वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के मकसद से लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह हितधारकों के साथ मिलकर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध से संबंधित समाधान तैयार करे और इसे 8 अक्टूबर तक कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे। इससे पहले, एससी ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध को चुनिंदा तरीके से लागू करने पर सवाल उठाया था। इसने कहा था कि अगर स्वच्छ हवा राष्ट्रीय राजधानी के कुलीन निवासियों का अधिकार है, तो यह पूरे देश के नागरिकों को भी मिलना चाहिए। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जज विनोद चंद्रन की पीठ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों के विनियमन से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट का तर्क और संतुलन सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बिहार में खनन पर प्रतिबंध लगाने से अवैध माफिया पैदा हो गए। ऐसे में दिल्ली-NCR में भी पटाखों पर पूर्ण पाबंदी से अवैध बाजार बढ़ रहा है। कोर्ट का कहना है कि इस मसले पर संतुलित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। बिक्री पर अभी भी संशय हालांकि राहत सिर्फ निर्माण तक सीमित है। कोर्ट ने अभी साफ नहीं किया है कि दिल्ली-NCR में पटाखों की बिक्री और दागने की इजाजत होगी या नहीं। इस पर अंतिम फैसला 8 अक्टूबर की सुनवाई में हो सकता है। केंद्र सरकार को आदेश सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि सभी हितधारकों के साथ मिलकर पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने की स्पष्ट नीति बनाई जाए। कोर्ट ने माना कि अब तक दिल्ली-NCR में पूरी तरह बैन लागू नहीं हो सका है। अब सभी की निगाहें 8 अक्टूबर पर दिल्ली-NCR की जनता में उत्सुकता है कि क्या दिवाली पर सालों बाद पटाखों की आवाज गूंजेगी। अब देखना होगा कि 8 अक्टूबर की सुनवाई में कोर्ट बिक्री और आतिशबाज़ी पर क्या फैसला सुनाता है। इससे कई सवाल खड़े हुए हैं कि क्या यह कदम प्रदूषण संकट को और बढ़ाएगा या फिर “ग्रीन पटाखे” सच में समाधान साबित होंगे। पटाखा बनाने वालों को देना होगा लिखित वचन बता दें कि पटाखा निर्माताओं को यह भी लिखित वचन देना होगा कि वे दिल्ली-एनसीआर में कोई पटाखा नहीं बेचेंगे। यह आदेश इसलिए दिया गया है क्योंकि इस क्षेत्र में दिवाली के समय प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाता है। इस मामले पर अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि आगे बिक्री पर क्या कदम उठाए जाएं। पूरे देश में नहीं लगा सकते रोक- बीआर गवई  बता दें कि, मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने साफ कहा कि वह पूरे देश में पटाखों की बिक्री और निर्माण पर पूरी तरह से रोक नहीं लगा सकता, क्योंकि केंद्र सरकार ने इस बारे में कोई राष्ट्रीय स्तर का प्रतिबंध प्रस्तावित नहीं किया है। राजधानी में 494 तक पहुंच गया था एक्यूआई शीर्ष अदालत का यह कदम दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए उठाया गया है। नवंबर 2024 में राजधानी का औसत एक्यूआई 494 तक पहुंच गया था, जिससे शहर घने स्मॉग की चादर में लिपट गया था और लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया था। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दिवाली से ठीक पहले आया है, जब पटाखों की बिक्री और जलाने से प्रदूषण का स्तर और ज्यादा बढ़ सकता था। अब दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।  क्या NCR के शहर ही साफ हवा के हकदार? चीफ जस्टिस ने कहा, ‘अगर एनसीआर के शहर स्वच्छ हवा के हकदार हैं, तो दूसरे शहरों के लोग क्यों नहीं? जो भी नीति होनी चाहिए, वह अखिल भारतीय स्तर पर होनी चाहिए। हम केवल इसलिए दिल्ली के लिए नीति नहीं बना सकते कि वे देश के कुलीन नागरिक हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं पिछली सर्दियों में अमृतसर में था और वहां प्रदूषण दिल्ली से भी बदतर था। अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है, तो उन्हें पूरे देश में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।’ सीनियर वकील अपराजिता सिंह ने कहा कि कुलीन वर्ग अपना ख्याल खुद रखता है। प्रदूषण होने पर वे दिल्ली से बाहर चले जाते हैं। पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से इस मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करने को कहा।