samacharsecretary.com

उफनती नदियों ने मचाया हाहाकार, पंजाब के 1300 गांव डूबे

पठानकोट पंजाब पिछले एक महीने से भीषण बाढ़ संकट से जूझ रहा है. 1 अगस्त से अब तक बाढ़ के कारण राज्य में 30 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 2.56 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार ने इसे दशकों की सबसे गंभीर प्राकृतिक आपदा करार दिया है. सूबे में सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान के साथ मौसमी नालों में बढ़े जलस्तर से कई जिलों में भारी तबाही मची है. बाढ़ से सबसे ज्यादा असर अमृतसर में देखा गया है, जहां 35,000 लोग प्रभावित हुए हैं. इसके बाद फिरोजपुर में 24,015, फाजिल्का में 21,562, पठानकोट में 15,053, गुरदासपुर में 14,500, होशियारपुर में 1,152, एसएएस नगर में 7,000, कपूरथला में 5,650, मोगा में 800, जालंधर में 653, मानसा में 163 और बरनाला में 59 लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार के बुलेटिन के मुताबिक, सबसे ज्यादा 6 मौतें पठानकोट में दर्ज की गई हैं. अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर, लुधियाना, मानसा और रूपनगर में 3-3 लोगों की मौत हुई. बठिंडा, गुरदासपुर, पटियाला, मोहाली और संगरूर में 1-1 मौत दर्ज की गई. पठानकोट में तीन लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. सबसे ज्यादा 5,549 लोगों को गुरदासपुर में बचाया गया, जबकि फिरोजपुर में 3,321, फाजिल्का में 2,049, अमृतसर में 1,700 और पठानकोट में 1,139 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला गया है. हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद उफनती सतलुज, ब्यास और रावी नदियों तथा मौसमी नालों के कारण पंजाब के बड़े हिस्से में बाढ़ आई है. 1300 से ज्यादा गांवों में ढाई लाख से ज्यादा लोग प्रभावित पंजाब में बाढ़ की चपेट में अब तक कमोबेश गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें गुरदासपुर में 321, अमृतसर में 88, बरनाला में 24, फाजिल्का में 72, फिरोजपुर में 76, होशियारपुर में 94, जालंधर 55, कपूरथला में 115, मानसा में 77, मोगा में 39 और पठानकोट में 82 गांव शामिल हैं. मसलन, 12 जिलों के कमोबेश 1300 गांवों में कुल 2,56,107 लोग बाढ़ की चपेट में हैं. स्वास्थ्य सेवाएं और मेडिकल कैंप फिरोजपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 400 मेडिकल कैंप लगाए गए, जिनमें अब तक 8,700 मरीजों का इलाज किया गया. मोबाइल मेडिकल टीमें गांव-गांव जाकर लोगों को दवाइयां और ORS मुहैया करा रही हैं. गर्भवती महिलाओं और बच्चों की विशेष देखभाल पर जोर दिया जा रहा है. चंडीगढ़ और पंजाब में स्कूल-कॉलेज बंद चंडीगढ़ में भारी बारिश के चलते मंगलवार को सभी स्कूल बंद करने का ऐलान किया गया है. प्रशासन ने पाटियाला की राव नदी पर भी नजर रखने और निचले इलाकों में समय रहते अलर्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं. इसी तरह पंजाब सरकार ने राज्यभर में कॉलेज, यूनिवर्सिटी और पॉलीटेक्निक इंस्टिट्यूट्स को 3 सितंबर तक बंद करने का आदेश दिया है.  यूरोपीय स्पेस एजेंसी के Copernicus Sentinel-1 के डेटा का इस्तेमाल करके 25 से 31 अगस्त तक बाढ़ग्रस्त इलाकों का विश्लेषण किया. इसमें पता चला कि रावी नदी अपनी सामान्य चौड़ाई से 10 गुना तक फैल गई और हजारों घर, गांव और खेत जलमग्न हो गए. राज्यपाल करेंगे बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा, सीएम की केंद्र से ये अपील पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया 2 से 4 सितंबर तक राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे. इस संबंध में सोमवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी की गई. सोमवार को राज्यपाल सड़क मार्ग से सीमावर्ती जिला फिरोज़पुर के लिए रवाना हुए. प्रेस रिलीज के मुताबिक राज्यपाल 2 सितंबर को फिरोज़पुर और तरनतारन, 3 सितंबर को अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट तथा 4 सितंबर को होशियारपुर और श्री आनंदपुर साहिब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. राज्य के कई हिस्से भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. ऐसे हालात में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को कहा कि इस संकट की घड़ी में लोगों को राहत देने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा. उन्होंने इसे "हाल के इतिहास की सबसे भीषण बाढ़" करार दिया. सीएम मान ने यह भी बताया कि वह पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं और सरकार के पास फंसे राज्य के 60,000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह खुद भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. लगातार हो रही भारी बारिश के चलते होशियारपुर जिले में हालात और बिगड़ रहे हैं. गढ़शंकर और होशियारपुर सब-डिवीजन सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. हकूमतपुर, अलीवालपुर, भाना, ठक्करवाल और खानपुर गांवों में पानी घरों तक घुस गया. अधिकारियों के अनुसार, पंजाब में अगस्त महीने में 253.7 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 74 प्रतिशत ज्यादा है और पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक दर्ज की गई है. गढ़शंकर SDM संजीव कुमार ने बताया कि प्रभावित परिवारों को गुरुद्वारों की मदद से पका हुआ खाना मुहैया कराया जा रहा है. वहीं, होशियारपुर SDM ने बताया कि कुकरां बंध टूटने से कई गांवों में पानी भर गया. जिले में अब तक 100 गांवों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है और 5,971 हेक्टेयर खेत डूब चुके हैं. यहां 10 राहत कैंप चल रहे हैं, जिनमें 1,041 लोग रह रहे हैं. खेतीबाड़ी और बुनियादी ढांचे का नुकसान पंजाब में 96,061 हेक्टेयर खेतीबाड़ी की जमीन बाढ़ की चपेट में आई हैं. पशुधन का भी बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन सही आंकड़े पानी उतरने के बाद ही सामने आएंगे. बुनियादी ढांचे की क्षति का भी आकलन जलस्तर घटने के बाद किया जाएगा. पूरे राज्य में NDRF, SDRF, आर्मी और पंजाब पुलिस राहत कार्यों में जुटी हैं. NDRF की 20 टीमें पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का और बठिंडा में तैनात की गई हैं. अब तक 14,936 लोगों को सेना, BSF और प्रशासन ने मिलकर सुरक्षित निकाला है. मसलन, पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. राहत-बचाव कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन अभी भी लाखों लोग प्रभावित हैं. प्रशासन ने साफ कहा है कि पानी उतरने के बाद ही वास्तविक नुकसान का पूरा आकलन किया जा सकेगा.

बाढ़ से तबाही जारी: पंजाब में लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन, जानें हालात

जालंधर/चंडीगढ़  पंजाब के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक कुल 14936 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पूरी मशीनरी, एन.डी.आर.एफ, एस.डी.आर.एफ, सेना और पंजाब पुलिस के जवान बाढ़ में लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए दिन-रात डटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिला अमृतसर से 1700, बरनाला से 25, फाजिल्का से 1599, फिरोजपुर से 3265, गुरदासपुर से 5456, होशियारपुर से 1052, कपूरथला से 362, मानसा से 163, मोगा से 115, पठानकोट से 1139 और जिला तरन तारन से अब तक 60 व्यक्तियों को बाढ़ के पानी से सुरक्षित निकाला गया है। मुंडियां ने कहा कि जैसे-जैसे निकाले गए लोगों की संख्या बढ़ रही है, उसी अनुसार राहत शिविरों की संख्या भी बढ़ाई गई है। इस समय राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 122 राहत शिविर चल रहे हैं, जिनमें 6582 व्यक्तियों को ठहराया गया है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अमृतसर में 16, बरनाला में 1, फाजिल्का में 7, फिरोजपुर में 8, गुरदासपुर में 25, होशियारपुर में 20, कपूरथला में 4, मानसा में 1, मोगा में 5, पठानकोट में 14, संगरूर में 1 और पटियाला में 20 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए गए हैं कि इन शिविरों में आवश्यक सुविधाओं की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बताया कि अमृतसर के शिविरों में 170, बरनाला में 25, फाजिल्का में 652, फिरोज़पुर में 3987, गुरदासपुर में 411, होशियारपुर में 478, कपूरथला में 110, मानसा में 163, मोगा में 115, पठानकोट में 411 और जिला संगरूर के राहत शिविरों में 60 व्यक्ति ठहरे हुए हैं।   हरदीप सिंह मुंडियां ने बाढ़ में जान माल की रक्षा के लिए दिन रात डटे एन.डी.आर.एफ, एस.डी.आर.एफ, सेना, पंजाब पुलिस और समाजसेवी संस्थाओं का इस कठिन समय में सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस समय गुरदासपुर में एन.डी.आर.एफ की 6 टीमें और फाजिल्का, फिरोजपुर, पठानकोट तथा अमृतसर में 1-1 टीम तैनात है। इसी तरह कपूरथला में एस.डी.आर.एफ. की 2 टीमें सक्रिय हैं। कपूरथला, गुरदासपुर, फिरोजपुर और पठानकोट में सेना, नौसेना और वायुसेना भी मोर्चा संभाले हुए हैं, जबकि बी.एस.एफ. की 1-1 टीम गुरदासपुर और फिरोजपुर में राहत कार्यों में लगी हुई है। पंजाब पुलिस और फायर ब्रिगेड भी कपूरथला और फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की मदद कर रही है। उन्होंने बताया कि इस समय कपूरथला में 15 नावें, फिरोजपुर में 12 नावें और पठानकोट में 4 नावें लगाई गई हैं, जबकि जहां कहीं भी एयरलिफ्ट की आवश्यकता होती है, वहां तत्काल कार्रवाई की जा रही है। राजस्व मंत्री ने बताया कि बाढ़ के कारण अब तक पंजाब के कुल 1312 गांव प्रभावित हुए हैं। इनमें अमृतसर के 93, बरनाला के 26, बठिंडा के 21, फतेहगढ़ साहिब का 1, फाजिल्का के 92, फिरोजपुर के 107, गुरदासपुर के 324, होशियारपुर के 86, जालंधर के 55, कपूरथला के 123, लुधियाना के 26, मालेरकोटला के 4, मानसा के 77, मोगा के 35, पठानकोट के 81, पटियाला के 14, रूपनगर के 2, संगरूर के 22, एस.ए.एस. नगर का 1, एस.बी.एस. नगर के 3, श्री मुक्तसर साहिब के 74 और तरनतारन के 45 गांव शामिल हैं।

रेड अलर्ट के बीच हिमाचल में शिक्षा संस्थान बंद, लैंडस्लाइड में फंसी गाड़ियां

शिमला  हिमाचल प्रदेश में आज भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी है. मौसम विभाग ने प्रदेश में आज भारी से बहुत भारी बारिश होने पूर्वानुमान लगाया है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक प्रदेश में 3 सितंबर तक भारी बारिश का दौर जारी रहेगा. वहीं, 2 सितंबर तक रेड अलर्ट है. जबकि 3 सितंबर को प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा आज भारी बारिश के अलर्ट के चलते 9 जिलों में स्कूल बंद हैं. इन जिलों में रेड अलर्ट जारी हिमाचल के 6 जिलों में आज भारी से बहुत भारी बारिश होने को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. जबकि चंबा, कुल्लू, शिमला, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में ऑरेंज अलर्ट है. वहीं, सोलन में बारिश का येलो अलर्ट जारी है. वहीं, 2 सितंबर को मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट किया है. जबकि ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला, सिरमौर, किन्नौर, लाहौल-स्पीति में भारी बारिश का ऑरेंज है. वहीं, सोलन में येलो अलर्ट जारी है. 9 जिलों में स्कूल बंद हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के अलर्ट के बीच 9 जिलों में सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं. ये आदेश जिला प्रशासन द्वारा छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं. आज सिरमौर, बिलासपुर, कांगड़ा, शिमला, सोलन, हमीरपुर, मंडी, ऊना और कुल्लू जिले में स्कूल-कॉलेज समेत सभी निजी और सरकारी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे. ये फैसला भारी बारिश के दौरान लैंडस्लाइड और बाढ़ जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. शिमला में घर पर लैंडस्लाइड शिमला के जुन्गा में सोमवार को बुरी खबर आई और यहां पर भूस्खलन के चलते मकान जमीदोंज हो गया औऱ बाप-बेटी समेत पालतू मवेशियों की मौत हो गई. मृतक की पहचान वीरेंद्र कुमार (35)  निवासी डूब्लू और उनकी 10 साल की बेटी के तौर पर हुई है. पत्नी के घर से बाहर होने की वजह से वह बच गई. वहीं, शिमला के कोटखाई में भूस्खलन से एक घर ढहने के बाद वृद्ध महिला कलावती की मलबे में दबने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि रोहडू के दयार मोली गांव में रात में भूस्खलन से कई घरों को खतरा पैदा होने के बाद 4 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया. मणिमहेश गए में श्रद्धालु भरमौर में फंसे चंबा जिले में बीते सप्ताह हुई भारी बारिश के चलते अब भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भरमौर में फंसे हैं. यहां पर मणिमहेश यात्रा में गए लोग चंबा भरमौर नेशनल हाईवे बंद होने से फंस गए हैं. उप-मुख्यमंत्री और जलशक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताय़ा कि चंबा जिले में जल शक्ति विभाग को इस आपदा में लगभग 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और ज़िले की कुल 487 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 394 योजनाओं को आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है. शेष योजनाओं को शीघ्र बहाल करने के लिए तत्परता से कार्य किया जा रहा है. विशेषकर चंबा और भरमौर क्षेत्र में स्थानीय स्रोतों से अस्थायी जल आपूर्ति व्यवस्था की जा रही है. विभागीय अनुमान के अनुसार इन योजनाओं को पूरी तरह बहाल करने में चार से पांच दिन और लग सकते हैं. मणिमहेश यात्रा के दौरान ड्यूटी पर तैनात किए गए सभी 41 कर्मचारी सुरक्षित हैं. अब तक कितने लोगों को निकाला मणिमहेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालु फंसे थे. अब तक करीब 15 हजार श्रद्धालु वहां से निकल गए हैं. भरमौर से चंबा के लिए पैदल ये श्रद्धालु पहुंचे हैं और फिर एचआरटीसी की बसों के जरिये पठानकोट भेजा गया है. अब भी कुछ श्रद्धालु भरमौर में फंसे हुए हैं. फिलहाल, चम्बा से भरमौर के बीच धारवाला तक सड़क खुल गई और आगे की बहाली की कोशिश जारी है. 12 घंटे में कहां कहां बारिश हुई हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में बीते 24 घंटों के दौरान भारी बारिश दर्ज की गई. सबसे अधिक बारिश बिलासपुर के नंगल डैम एवं आरएल बीबीएमबी क्षेत्र में 220 एमएम दर्ज की गई. इसके अलावा रायपुर मैदान में 215, नैना देवी में 192, सोलन में 187 और नाहन में 177.8 एमएम  वर्षा हुई. वहीं सिरमौर के जैतों बैराज में 170 एमएम, कसौली में 135, ददाहू में 134, मलरौं में 132 और रोहड़ू में 130 बारिश रेकॉर्ड की गई. धर्मपुर में 124.6 एमएम, ऊना 117.4, शिमला 115.8, पांवटा साहिब 109.6, कंडाघाट 108.2 और जुब्बड़हट्टी 108.0 और अन्य क्षेत्रों में बरठीं 102, ब्रह्मणी 94.6, कुफरी 89.6, करसोग 81.2, बिलासपुर 80.8, नारकंडा 75, अघाड़ 72.4, काहू 69, कोटखाई एवं शिलारू 68.4, बग्गी 62.6 और नेरी 61 एमएम वर्षा दर्ज की गई. कुल्लू में 2 दिन तक शिक्षण संस्थान बंद डीसी कुल्लू एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष तोरुल एस रवीश ने बताया, "भारी बारिश को देखते हुए और मौसम विभाग की चेतावनी के मध्यनजर जिले के विभिन्न उपमंडलों में शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग, शिमला ने कुल्लू में 1 सितंबर के लिए ऑरेंज अलर्ट और 2 सितंबर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है." ये संस्थान नहीं होंगे बंद वहीं, मंडी में आईआईटी व स्वास्थ्य संस्थानों को छोड़कर सभी शिक्षण संस्थान आज बंद रहेंगे. मौसम विभाग ने मंडी में 1 और दो सितंबर को भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं, बिलासपुर जिले में रेजिडेंट कॉलेज और स्वास्थ्य संबंधी मेडिकल संस्थानों को छोड़कर सभी सरकारी व निजी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे. बिलासपुर के लिए मौसम विभाग ने 1 सितंबर को रेड अलर्ट और 2 सितंबर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. 

पंजाब में बाढ़ का कहर: फ्लड गेट टूटा, आर्मी तैनात, हरियाणा रोडवेज ने बसें रोकी

पठानकोट  पंजाब में बारिश और डैमों से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण 7 जिले बाढ़ की मार झेल रहे हैं। बुधवार शाम रावी नदी में आए उफान के कारण पठानकोट में माधोपुर हेडवर्क्स का फ्लड गेट टूट गया। यहां 50 लोग फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए आर्मी के हेलिकॉप्टर बुलाना पड़ा।  मंगलवार-बुधवार दरम्यानी रात अचानक पानी बढ़ने से गुरदासपुर के नवोदय स्कूल में 451 स्टूडेंट्स और टीचर फंस गए थे, जिनका रेस्क्यू कर लिया गया है। पठानकोट-जम्मू हाईवे के पास नहर टूटने से पानी हाईवे के ऊपर बहने लगा। संगरूर में मुख्यमंत्री भगवंत मान का पैतृक गांव सतौज भी पानी की चपेट में है। CM भगवंत मान ने बुधवार को पठानकोट और गुरदासपुर के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। CM ने अपना हेलिकॉप्टर यहीं छोड़ दिया ताकि लोगों को बचाने में उसे इस्तेमाल किया जा सके। सीएम कार से वापस लौटे। पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में कर्मचारियों -अधिकारियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी हैं। प्रदेश के सभी 23 जिलों में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। 30 अगस्त तक सभी स्कूल पहले ही बंद किए जा चुके हैं। रावी-ब्यास और सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का जिले के 150 से अधिक गांव डूब गए हैं। यहां NDRF, SDRF और सेना को रेस्क्यू में लगाया गया है। करतारपुर साहिब कॉरिडोर के साथ-साथ पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा परिसर में पानी भर गया है। जम्मू रीजन में भारी बारिश के बाद बिगड़े हालात को देखते हुए उत्तर रेलवे ने 45 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। वहीं 25 से अधिक ट्रेनों को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है। जम्मू-तवी, वैष्णो देवी कटरा, पठानकोट और दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हेल्प डेस्क बनाने के अलावा हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र चंडीगढ़ ने कल प्रदेश में बारिश का कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। लेकिन 5 जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, रूपनगर और मोहाली में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 29, 30 और 31 अगस्त को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अटारी बॉर्डर जलमग्न, पाकिस्तानी पंजाब में 2 लाख लोग बेघर बॉर्डर के इस पार भी बाढ़ है और उस पार भी. पंजाब से लेकर पाकिस्तानी पंजाब तक मानसून की बारिश ने हालात बेहाल कर दिए हैं. अटारी-वाघा बॉर्डर पूरी तरह जलमग्न हो गया है, जिससे आवाजाही थम गई है और सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं. भारत के गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन जैसे जिलों से लेकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत तक नदियां उफान पर हैं. धूसी बांध टूटने और करतारपुर कॉरिडोर के आसपास पानी भरने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं, वहीं दोनों तरफ हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं. मानसून की बारिश ने भारत और पाकिस्तान, दोनों तरफ हालात बेहद खराब कर दिए हैं. वाघा बॉर्डर से आई तस्वीरों में पूरा इलाका पानी में डूबा नजर आ रहा है, जिससे सीमा पर आवाजाही ठप हो गई है और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता भी बढ़ गई है. डेरा बाबा नानक में कई गांव जलमग्न पंजाब में गुरदासपुर जिले के सीमावर्ती इलाकों में रावी नदी का बहाव तेज हो जाने से डेरा बाबा नानक में श्री करतारपुर कॉरिडोर दर्शन स्थल पर बना धूसी बांध टूट गया. इसके बाद पूरे इलाके में पानी घुस गया और कई गांव जलमग्न हो गए. धूसी बांध टूटने से हजारों एकड़ कृषि भूमि भी पानी में डूब गई है. डेरा बाबा नानक शहर में घरों में पानी भर गया है और लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. वहीं संगरूर के तोलावाल गांव में भारी बारिश से कई घरों की छतें गिर गईं और तबाही का आलम साफ दिख रहा है. पाकिस्तानी पंजाब में 2 लाख से अधिक लोग बेघर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भी हालात कमोबेश ऐसे ही हैं. न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, 210,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं. वहां बाढ़ और बारिश से गांव डूब रहे हैं और तेज बहाव का पानी भारतीय सीमा की ओर भी आ रहा है, जिससे सीमा से सटे इलाकों की स्थिति और खराब हो गई है. करतारपुर कॉरिडोर के पुल के नीचे तेज धारा में बहता पानी दोनों तरफ के लोगों के लिए खतरा बना हुआ है. बाढ़ से निपटने के लिए सेना तैनात पंजाब प्रांत में बाढ़ से पैदा हुई तबाही से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को औपचारिक तौर पर सेना को बुला लिया है. इसके लिए गृह मंत्रालय ने आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया. मुल्क का सबसे बड़ा प्रांत पंजाब इस वक्त भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है. इस साल अब तक पाकिस्तान में मानसूनी बारिश और बाढ़ से 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सेना के जवानों को सरगोधा, लाहौर, ओकारा, फैसलाबाद, सियालकोट, नारोवाल और कसूर जिलों में भी तैनात किया जाएगा.  मौसमी बारिश 26 जून से शुरू हुई थी और अब तक देश के अलग-अलग हिस्सों में कम से कम आठ बार मानसूनी बारिश हो चुकी है. इनसे आई बाढ़ और लगातार बारिश के चलते अब तक 809 लोगों की मौत और 1,100 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं.

बाढ़ की आशंका पर प्रशासन अलर्ट, प्रिंसिपल और हेडमास्टर्स को मिले नए दिशा-निर्देश

लुधियाना  पिछले कुछ दिनों से लगातार कहर बरसा रहा रावी दरिया अपनी हदें पार कर गया है। पंजाब के गुरदासपुर, पठानकोट जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन हालातों से जूझने के लिए डी.ई.ओ. गुरदासपुर ने जिले के डी.एम.ओ., प्रिंसिपल, हेडमास्टर्स, मिडल स्कूल इंचार्ज को एक संदेश जारी किया है। उन्होंने अपील की है जिन स्कूलों में राहत केंद्र बने हैं वहां शिक्षा विभाग की ओर से डटकर मदद करनी चाहिए।   उन्होंने कहा कि उक्त सभी इंचार्जों को अपने स्टाफ की दो घंटे की ड्यूटी लगाई जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि परमात्मा ने हमें जीवन दिया है तो इंसान होने के नाते किसी के काम आना चाहिए। अगर स्कूल में किसी को रात रहना या किसी के गांव में पानी भर गया है तो उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी प्रिंसिपल, हेडमास्टर्स यानी शिक्षा विभाग से संबंधित सभी को डटकर सामने आना चाहिए। दीनानगर साइड बहुत पानी है। डी.ई.ओ. गुरदासपुर ने कहा कि उन्हें प्रशासन की चिट्ठी के इंतजार में नहीं रहना चाहिए। बिना कहे इंसान होने के नाते मदद कर सकते हैं। शिक्षा विभाग से निवेदन है कि बच्चों को ऑनलाइन काम देना है तो उनके व्हाट्स ग्रुप बने हुए हैं उनके व्हाट्स ग्रुप से जुड़े। गौरतलब है कि पंजाब में हालात यह बन गए हैं कि धुस्सी बांध कई जगहों से टूट गया है और कई जगह रावी दरिया का पानी धुस्सी के ऊपर से होकर गांवों तक पहुंच गया है।  सीमा के पास के गांवों में हालात बद से बदतर हो गए हैं और लोगों के घरों में पानी भर गया है। गुरदासपुर और पठानकोट जिले में माधोपुर से शुरू होता यह कहर आगे रावी के पास के गांवों में बड़ा नुकसान कर रहा है। 

मणिमहेश यात्रा संकट में, हिमाचल में बारिश और सिग्नल कटने से परिजन परेशान

शिमला हिमाचल प्रदेश में बीते 72 घंटे में मौसम ने जमकर कहर ढाया है. हालांकि, गनीमत रही कि फ्लेश फ्लड और लैंडस्लाइड (Himachal Landslide) में कहीं किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन संपति का काफी नुकसान हुआ है. चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे एक बार फिर से 2023 में आई आपदा की तरह टूट गया है और कुल्लू से मनाली के बीच में जगह जगह ब्यास नदी हाईवे को बहा ले गई है. ऐसे में इसे बनाने में लंबा वक्त लग सकता है. हालांकि राहत की बात है कि प्रदेश में बुधवार को धूप खिली है और कुल्लू मनाली में भी बारिश थम गई है. अब ब्यास नदी का जलस्तर धीरे धीरे कम होने लगा है. जानकारी के अनुसार, बीते 24 घंटे में कुल्लू और मनाली में ब्यास नदी की वजह से रेस्टोरेंट, दुकान और कई पुल बह गए. कुल्लू के अखाड़ा बाजार के पास एक दुकान नदी में समा गई. वहीं, ओल्ड मनाली को जोड़ने वाला पुल टूट गया. लेफ्ट बैंक में ट्रक और जीप नदी में बह गई. बुधवार को कुल्लू के मनाली, बंजार और सदर में स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे. चंबा में हजारों लोग फंस चंबा के भरमौर में मणिमहेश यात्रा पर गए हजारों लोग वहां फसें हैं. यहां पर मोबाइल नेटवर्क उड़ गए हैं. हिमाचल प्रदेश लाइसेंस सेवा क्षेत्र (HP LSA), दूरसंचार विभाग के अपर महानिदेशक टेलीकॉम ने सूचित किया है कि चंबा शहर और भरमौर उप मंडल , जिला चंबा में इंट्रा-सर्कल रोमिंग (ICR) सुविधा7 दिनों के लिए, अर्थात 01 सितम्बर 2025 तक के लिए सक्रिय कर दी गई है/ यह पहल प्रभावित क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी को बनाए रखने के उद्देश्य से की गई है. इस क्षेत्र के मोबाइल उपभोक्ता अपने डिवाइस की सेटिंग्स में जाकर किसी भी उपलब्ध मोबाइल नेटवर्क का मैन्युअल रूप से चयन कर सकते हैं, चाहे वह उनके मूल सेवा प्रदाता का नेटवर्क न हो. ICR सुविधा की अवधि के दौरान उपभोक्ता किसी भी ऐसे टेलीकॉम ऑपरेटर के नेटवर्क से जुड़कर सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे जिसकी उस क्षेत्र में कवरेज उपलब्ध है. इस अस्थायी व्यवस्था का उद्देश्य बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के कारण उत्पन्न व्यवधान के दौरान निर्बाध मोबाइल संचार सुनिश्चित करके सहायता प्रदान करना है. 4 नेशनल हाइवे और 677 सड़कें बंद हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं. राज्य भर में सड़क और मोबाइल नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, प्रदेश में 4 नेशनल हाइवे और 677 सड़कें बंद हो गई हैं. कुल्लू–मनाली मार्ग पूरी तरह कट गया है. चंडीगढ़–मनाली नेशनल हाईवे–21 मंडी में कई स्थानों पर अवरुद्ध है. मंडी–पठानकोट एनएच–154 भी बंद पड़ा है. एनएच–305 कुल्लू के बंजार क्षेत्र में और एनएच–03 किन्नौर के बिगुलसरी में बाधित है. जिला वार स्थिति देखें तो बिलासपुर में 13, हमीरपुर में 5, कांगड़ा में 67, किन्नौर में 1, कुल्लू में 131, मंडी में 342, शिमला में 45, सिरमौर में 36, सोलन में 19 और ऊना में 18 सड़कें बंद हैं. वहीं चंबा और लाहौल–स्पीति से नेटवर्क बाधित होने के कारण रिपोर्ट नहीं मिल पाई है. भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और प्रशासन लगातार हालात पर नज़र बनाए हुए है. मंगलवार शाम को आपदा प्रबंधन ने यह जानकारी सांझा की है.

पंजाब बाढ़ अपडेट: हेलिकॉप्टर रेस्क्यू, 90 ट्रेनें प्रभावित, स्कूल 30 अगस्त तक बंद

अमृतसर  पंजाब में हो रही मूसलाधार बारिश और उसके कारण उत्पन्न बाढ़ जैसे हालात के चलते राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घोषणा की है कि राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 27 से 30 अगस्त तक बंद रखा जाएगा. यह निर्णय छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. राज्य में बाढ़ प्रभावित सात जिलों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इन जिलों के करीब 130 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और यहां तीन से दस फीट तक पानी भर गया है। ऐसे हालात राज्य के सभी तीन बांधों रणजीत सागर, पौंग और नंगल से लगातार पानी छोड़े जाने और लगातार हो रही वर्षा के कारण बने हैं। मौसम विभाग की और से राज्य के कई जिलों में आगामी दिनों में भारी वर्षा का रेड तो कही येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग विज्ञान चंडीगढ़ ने कल सुबह 8:30 बजे तक 5 जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, बरनाला, संगरूर और मनसा में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। उधर, 7 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। रणजीत सागर डैम और भाखड़ा डैम से लगातार पानी छोड़े जाने से रावी, सतलुज और ब्यास नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। तरनतारन और फिरोजपुर में हरिके हेडवर्क्स से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। ब्यास नदी पर बने चक्की रेलवे पुल के नीचे से मिट्‌टी धंसने से पठानकोट-जालंधर रेलवे रूट बंद कर दिया गया है। इससे 90 ट्रेनें प्रभावित हुईं। कुछ को पठानकोट-अमृतसर-जालंधर रूट से रवाना किया जा रहा है। पठानकोट के कजला गांव से 6 लोग ध्रुव हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किए गए। रावी नदी में आई बाढ़ के कारण लोग फंस गए थे, जिन्हें NDRF लगातार बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी। बाद में सेना बुलानी पड़ी।     मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “राज्य में पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है और मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी है. ऐसे में सभी प्राथमिक, माध्यमिक और सीनियर सेकेंडरी स्कूल 27 अगस्त से 30 अगस्त तक बंद रहेंगे.” कई ज़िलों में जलभराव, जीवन अस्त-व्यस्त भारी बारिश के कारण पंजाब के प्रमुख बांधों — भाखड़ा, पौंग और रंजीत सागर — में जलस्तर खतरे के निशान तक पहुँच गया है. नतीजतन, सतलुज, व्यास और रावी नदियों में हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे पठानकोट, कपूरथला, मोगा, तरनतारन, फाजिल्का, फिरोज़पुर, अमृतसर और होशियारपुर जैसे ज़िले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट (X (पूर्व में ट्विटर)) सैकड़ों गांवों में पानी भर चुका है, फसलें डूब गई हैं और सड़कों पर आवाजाही ठप हो गई है. कई जगहों पर स्कूल भवनों में भी पानी भर गया है, जिससे विद्यार्थियों के लिए स्कूल पहुँचना मुश्किल हो गया है. सरकार ने गिरदावरी और मुआवज़े की प्रक्रिया शुरू की मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों में विशेष गिरदावरी कराई जाएगी, जिसके अंतर्गत किसानों और आम नागरिकों को हुई फसल और संपत्ति की क्षति का आकलन कर मुआवज़ा दिया जाएगा. प्रशासन हाई अलर्ट पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA), एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. भारी बारिश ने पंजाब में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. ऐसे में स्कूल बंद करने का निर्णय आवश्यक और समयानुकूल प्रतीत होता है, ताकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. बारिश से जुड़े बड़े अपडेट्स..     सतलुज का जलस्तर बढ़ गया है। फिरोजपुर के कई गांवों से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है।     रणजीत सागर डैम से छोड़े गए पानी की वजह से रावी उफान पर है, जिससे पठानकोट व गुरदासपुर में हालात बिगड़ गए।     गुरदासपुर में मकोड़ा पत्तन के 7 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया। प्रशासन ने गुरदासपुर के लिए स्पेशल हेल्पलाइन नंबर जारी किए।     सुल्तानपुर लोधी में धुसी बांध टूट गया। पिछले 11 घंटों से किसान उस बांध को टूटने से बचाने में लगे थे।     बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने मोगा में 31 अगस्त को होने वाली रैली को स्थगित कर दिया है।     अमृतसर में तीन मंजिला तीन इमारतें एक साथ गिर गईं। बिल्डिंग लंबे समय से खाली थी। जिसके चलते जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है।     होशियारपुर के भंगी चो में पानी चढ़ गया है। लोगों को हिदायत है कि उसे पार करने की कोशिश ना करें।     बरनाला धनौली में नाले का किनारा टूटने से खेतों में पानी आ गया है। इससे आस-पास के गांवों में खतरा मंडराने लगा है।

हाहाकार: राजस्थान की नदियों में बह गए 15 लोग, बचाव कार्य चल रहा, 10 लोग डूबने की आशंका

जयपुर  राजस्थान में चितौड़गढ़ और जालोर जिले में एक साथ दो बड़े हादसे हो गए हैं. यहां बनास और सूकड़ी नदी में 15 लोग बह गए हैं. इनमें से पांच लोगों को बच गए हैं. लेकिन 10 लोग अभी लापता हैं. उनके नदियों डूब जाने की आशंका है. नदियों में समाए इन लोगों की तलाश के लिए दोनों ही जगह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. लेकिन लापता लोगों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है. पुलिस प्रशासन रेस्क्यू टीमों के साथ वहां डेरा जमाए हुए बैठा है. दोनों ही घटनास्थलों पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा है. लापता हुए लोगों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रखा है. जानकारी के अनुसार पहला हादसा मंगलवार देर शाम को जालोर के सायला थाना इलाके में हुआ. हाल ही में हुई जोरदार बारिश के कारण इलाके के आसाणा गांव के पास से गुजर रही सुकड़ी नदी में पानी का बहाव जोरों पर था. उस समय कुछ लोगों को नदी किनारे एक बोलेरो खड़ी दिखाई दी. इस गाड़ी के पास छह जोड़ी चप्पल और जूते पड़े हुए थे. इस पर लोगों को आशंका हुई तो उन्होंने पुलिस प्रशासन को सूचना दी. सूचना पर वह एसडीएम, तहसीलदार और थाना पुलिस मौके पर पहुंची. ग्रामीणों ने आशंका जताई कि जीप सवार लोग संभवतया नहाने के लिए नदी में उतरे थे लेकिन वापस नहीं निकल पाए. 5-6 लोगों को नदी में उतरते हुए दिखे थे जीप काफी समय से खड़ी हुई और कोई इसे लेने नहीं आया. प्रशासन ने जब इसकी जांच पड़ताल की तो पता चला कि एक ग्रामीण ने 5-6 लोगों को नदी में उतरते हुए भी देखा था. जांच में सामने आया कि आसाणा गांव के 6 लोग लापता हैं. इस पर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया. उसके बाद रात साढ़े आठ बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. यह ऑपरेशन मंगलवार को रातभर चला. लेकिन किसी का कोई भी सुराग नहीं लग पाया है. ऑपरेशन अभी चल रहा है. बनास नदी में बह गई कार दूसरा हादसा मंगलवार आधी रात को चित्तौड़गढ़ जिले के राशमी इलाके में बनास नदी में हुआ. वहां एक वेगन आर कार बनास नदी में बह गई. इस कार में 9 लोग सवार थे. उनमें से पांच लोग तो जैसे-तैसे करके बाहर आ गए लेकिन चार लोग नदी में बह गए. नदी में बहने वालो में दो बच्चे और दो महिला शामिल बताई जा रही है. यह हादसा उपरेड़ा सेमी मार्ग पर बहने वाली पुलिया पर हुआ. यहां भी हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा. उसने गोताखोरों की मदद से लापता हुए चार लोगों को ढूंढ़ने का प्रयास किया. लेकिन उनका बुधवार को सुबह तक कोई सुराग नहीं लग पाया है. सवाई भोज कार्यक्रम में शामिल होकर लौट रहे थे लोग बताया जा रहा है कि भारी बारिश के कारण मातृकुण्डिया बांध के गेट खोले जाने से बनास नदी में उफान आया हुआ था. उसकी उफान में यह कार बह गई. कार सवार लोग भीलवाड़ा से भूपाल सागर के काना खेड़ी जा रहे थे. काना खेड़ा गांव का यह भीलवाड़ा के सवाई भोज में धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने गया हुआ था. वहां से आधी रात को वापस अपने गांव लौट रहे थे. उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं लग पाया कि पुलिया पर पानी कितना है और उन्होंने उस पर कार को चढ़ा दिया. बहरहाल यहां भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है.

उफान पर यमुना: खतरे का निशान पार, दिल्ली में चारों ओर पानी ही पानी

नई दिल्ली दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। लोहा पुल से लिए गए ड्रोन वीडियो में नदी का सैलाब साफ नजर आ रहा है, मानो पूरा शहर समुद्र में डूबने को तैयार हो। बारिश और हरियाणा के वजीराबाद और हथनीकुंड बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अधिकारियों ने निचले इलाकों को खाली करा लिया है, जहां जलभराव की स्थिति बन गई है। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है, लेकिन अगर जलस्तर और बढ़ा तो बाढ़ का खतरा और गहरा सकता है। नोएडा-गाजियाबाद में भी यमुना का कहर नोएडा और गाजियाबाद के कई गांवों में भी यमुना का पानी पहुंच गया है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। यमुना के किनारे स्थित गाजियाबाद के कुछ गांव जलमग्न हो गए हैं, जबकि नोएडा के डूब क्षेत्र में बने कई फार्म हाउस तक यमुना का पानी पहुंच चुका है। स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। बचाव टीमें अलर्ट पर हैं और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान (205.33 मीटर) को पार कर 205.50 मीटर तक पहुंच गया है। पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में भी बारिश जारी रहने की संभावना है, जिससे यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है। हालांकि सरकार का कहना है कि वो हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। 2023 की बाढ़ की याद यमुना नदी का यह उफान दिल्ली के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। 2023 में नदी का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जो अब तक का अधिकतम स्तर था। इस बार भी अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

उत्तराखंड में प्राकृतिक कहर: धराली गांव में बादल फटा, कई घर सैलाब में बहे

 उत्तरकाशी उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से बड़ा हादसा हुआ है. गंगोत्री धाम और मुखवा के पास स्थित धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से एक नाला उफान पर आ गया. नाले का पानी बहुत तेज़ी से पहाड़ी से निचले इलाकों की तरफ बहकर आया, जिससे कई घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं. यह घटना बेहद गंभीर है और इसने स्थानीय लोगों को चिंता में डाल दिया है. नाले के पानी के साथ मलबा भी आया है, जिसमें कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. गंगोत्री धाम के पास है प्रभावित इलाका बादल फटने के बाद नाले में पानी के उफान से पूरे इलाके में दहशत फैल गई, अब इलाके में राहत और बचाव का काम चल रहा है. जिला आपदा प्रबंधन ने हादसे की पुष्टि की है और कहा कि हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भेजा जा रहा है, साथ ही जिला प्रशासन भी रेस्क्यू में लगा हुआ है. हालात इतने विकट हैं कि सेना भी राहत और बचाव कार्य के लिए रवाना हुई है. भटवाड़ी से एसडीआरएफ की टीम भी धराली की ओर रवाना हो गई है. आज सुबह ही उत्तरकाशी जिले की बड़कोट तहसील क्षेत्र के बनाल पट्टी में भारी अतिवृष्टि हुई है. बादल फटते ही पहाड़ से आया सैलाब उत्तरकाशी के धराली गांव में दोपहर बादल फटने के बाद पहाड़ से ढेर सारा मलबा सैलाब बनकर नीचे आ गया। इसके चलते कई लोगों के दबे होने की आशंका भी है। वीडियो में देखने पर पता चलता है कि यह जलजला कितना भयावह था। लोगों ने यह दृश्य देखते चीख-पुकार मचाना शुरू कर दी। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसांई ने बताया रेस्क्यू टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। लोग वीडियो बनाते वक्त चीख रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गंगोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव धराली में खीर गंगा नदी में बादल फटने से तबाही आई है। यहां पर विनाशकारी बाढ़ की वजह से करीब 20 होटल और होमस्टे को नुकसान पहुंचा है। कई स्थानीय लोग और मजदूरों के दबे होने की आशंका भी है। गंगोत्री विधायक सुरेश सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया- धराली में खीर गाढ़ के ऊपर बादल फटने से पलय का मंजर है। सूचना पर तत्काल मुख्यमंत्री को सूचना दे दी गई है। जिलाधिकारी को सूचना के साथ ही सेना, पुलिस, एसडीआरएफ की टीम पहुंच गई है। यह बहुत बड़ी दुघटना है। मैं भी देहरादून से घटनास्थल के लिए निकल चुका हूं। भगवान से पाथना है कि इस आपदा की घड़ी से सबको सुरक्षित बचाएं। उत्तराखंड पुलिस ने दी अपडेट उत्तराखंड पुलिस ने अपने एक्स हैंडल से बताया कि उत्तरकाशी,हर्षिल क्षेत्र में खीर गाड़ का जलस्तर बढने से धराली में नुकसान होने की सूचना पर पुलिस,SDRF,आर्मी आदि आपदा दल मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। उक्त घटना को देखते हुए सभी नदी से उचित दूरी बनाएं। पुलिस ने सचेत करते हुए स्वयं,बच्चों व मवेशियों को नदी से उचित दूरी पर ले जाने को कहा है। प्रभावित गांव गंगोत्री धाम और गंगाजी के शीतकालीन प्रवास मुखवा के बहुत करीब है. इस इलाके में बादल फटने से लोग घबराए हुए हैं. प्रशासन की तरफ से सभी लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है और एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं ताकि कोई अनहोनी न हो. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं लगातार हो रही हैं. इन हादसों में कई लोगों की जान भी जा चुकी है और घरों को काफी नुकसान पहुंचा है. UP के 17 जिलों में बाढ़, 300+ मकान ढहे, 16 मौतें UP-बिहार में मानसून की बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं। बिहार के मुंगेर, बक्सर, पूर्णिया, भोजपुर, पटना समेत कई जिलों में सैकड़ों गांव डूब गए हैं। बिहार के पूर्णिया में 38 साल बाद रिकॉर्ड बारिश हुई। यहां रविवार से सोमवार तक 270.6mm बारिश हुई। इससे पहले 1987 में 294.9mm बारिश हुई थी। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज, वाराणसी समेत 17 जिलों के 402 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। अब तक 343 मकान बारिश के चलते ढह चुके हैं। पिछले 24 घंटे में बाढ़-बारिश से जुड़े हादसों में 16 लोगों की मौत हो गई है। जौनपुर, चंदौली, सुल्तानपुर, कानपुर, पीलीभीत और सोनभद्र में 5 अगस्त, वाराणसी, हमीरपुर और लखीमपुर में 6 अगस्त तक, जबकि प्रयागराज और मिर्जापुर में 7 अगस्त तक स्कूलों में छुट्टी बढ़ा दी गई है। हिमाचल प्रदेश में तेज बारिश से 310 सड़कें बंद हैं। शिमला में सोमवार को बारिश के बाद 3 घरों पर लैंडस्लाइड हो गया। लोगों ने एक दिन पहले ही घर छोड़ा था। कल रात में तेज बारिश के बाद चंडीगढ़-मनाली फोरलेन भी बंद है। उत्तराखंड के हल्द्वानी में नदी में बहने से 3 लोगों की मौत हो गई। केरल में भारी बारिश का रेड अलर्ट मौसम विभाग ने मंगलवार को केरल में भारी बारिश का रेड अलर्ट और हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, पुडुचेरी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनके अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब समेत 19 राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।