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सीएम योगी के मिशन शक्ति 5.0 के तहत एक बार फिर तेज की गई अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

मिशन शक्ति 5.0 :योगी सरकार की पुलिस ने अब तक 256 दुर्दांत अपराधियों को किया ढेर, मेरठ जोन अव्वल  सीएम योगी के मिशन शक्ति 5.0 के तहत एक बार फिर तेज की गई अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई  पिछले बीस दिनों में अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए एक दर्जन से अधिक एनकाउंटर की कार्रवाई हुई  – योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जारी है एनकाउंटर की कार्रवाई – सबसे अधिक मेरठ में 85 अपराधी किए गए ढेर, अपराधियों को ढेर करने में मेरठ जोन पहले स्थान पर    – एनकाउंटर की कार्रवाई में दूसरे नंबर पर है वाराणसी जोन और तीसरे नंबर पर है आगरा जोन  लखनऊ योगी सरकार की यूपी पुलिस ने मिशन शक्ति 5.0 के तहत एक बार फिर अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पिछले बीस दिनों में एक दर्जन से अधिक एनकाउंटर की कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान कई अपराधियों को यमलोक का रास्ता दिखाया जबकि कई को हॉफ एनकाउंटर में दबोचा। यूपी पुलिस ने बीते सोमवार को मेरठ में एक बच्ची के साथ दरिंदगी के मामले में 25 हजार के इनामी बदमाश शहजाद उर्फ निक्की को ढेर किया जबकि कुछ दिन पहले बरेली में अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग करने वाले बदमाशों को करारा जवाब दिया।       एनकाउंटर में मेरठ जोन ने मारी बाजी, पूरे प्रदेश में एनकाउंटर में पहले स्थान पर योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रदेश में पिछले साढ़े आठ वर्षों में अपराध और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर में 256 दुर्दांत अपरधियों को मुठभेड़ में ढेर कर यमलोक पहुंचाया है। इस दौरान पुलिस ने कुल 15,726 मुठभेड़ की कार्रवाइयां कीं, जिनमें 31,960 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। एनकाउंटर की कार्रवाई में 10,324 अपराधी घायल हुए। वहीं अपराधियों से लोहा लेते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हो गये जबकि 1,754 पुलिसकर्मी घायल हुए। प्रदेश में सबसे अधिक मुठभेड़ मेरठ ज़ोन में दर्ज की गईं, जहां पुलिस ने 4,453 कार्रवाई की। इस कार्रवाई में 8,312 अपराधी दबोचे गये जबकि 3,131 अपराधी घायल हुए। वहीं, 85 कुख्यात अपराधियों को मौके पर ही मार गिराया गया। इस दौरान 461 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए दो पुलिसकर्मी शहीद हो गये। एनकाउंटर कार्रवाई ने पूरे प्रदेश में मेरठ जोन पहले स्थान पर रहा है। इसी तरह, वाराणसी ज़ोन में 1,108 मुठभेड़ हुईं, जिनमें 2,128 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 27 अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया गया। इस दौरान 688 अपराधी और 99 पुलिसकर्मी घायल हुए। पूरे प्रदेश में वाराणसी जोन एनकाउंटर कार्रवाई में दूसरे स्थान पर है। वहीं, एनकाउंटर कार्रवाई में पूरे प्रदेश में आगरा जोन तीसरे स्थान पर है। यहां 2,374 एनकाउंटर की कार्रवाई की गईं, जिनमें 5,631 अपराधियों को दबोचा गया। इस दौरान 816 अपराधी घायल हुए जबकि 22 अपराधी मार गिराए गए। मुठभेड़ के दौरान 59 पुलिसकर्मी घायल हुए।  कमिश्नरेट में सबसे अधिक गाजियाबाद कमिश्नरी ने मारी बाजी, 13 अपराधी किये ढेर एनकाउंटर आंकड़ों पर नजर डालें तो लखनऊ ज़ोन में 846 मुठभेड़ के दौरान 17 दुर्दांत अपराधियों को मारा गया। वहीं प्रयागराज ज़ोन में 572 मुठभेड़ के दौरान 10 अपराधी मारे गए। बरेली ज़ोन में 2,059 मुठभेड़ में 17, कानपुर जोन में 717 मुठभेड़ में 12 और गोरखपुर जोन में 642 मुठभेड़ में 8 अपराधियों को मारा गया। इसी तरह, लखनऊ कमिश्नरी में 138 मुठभेड़ में 12, गौतमबुद्ध नगर में 1,117 मुठभेड़ में 9, वाराणसी कमिश्नरी में 131 मुठभेड़ में 7, कानपुर कमिश्नरी में 234 मुठभेड़ में 4, आगरा कमिश्नरी में 458 मुठभेड़ में 7, गाजियाबाद कमिश्नरी में 736 मुठभेड़ में 13 और प्रयागराज कमिश्नरी में 141 मुठभेड़ में 6 अपराधियों को ढेर किया गया। पुलिसिया एक्शन ने अपराधियों को प्रदेश छोड़ने पर किया मजबूर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े आठ वर्षों में यूपी पुलिस ने अपराधी या तो जेल में होगा या प्रदेश से बाहर के मंत्र को धरातल पर उतारा। इससे अपराधियों में भय और आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। यही वजह है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। योगी सरकार की नीति के तहत पुलिस ने संगठित अपराध, माफियागीरी और अवैध वसूली पर सख्त प्रहार किया है। मुठभेड़ के साथ ही संपत्ति कुर्की, गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई और एनएसए जैसे कानूनों के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अपराधियों के खिलाफ चला यह साढ़े आठ वर्षीय अभियान न सिर्फ आंकड़ों में बल्कि जमीनी हकीकत में भी कानून का राज स्थापित करने में सफल रहा है। पुलिस की त्वरित, कठोर और साहसिक कार्रवाई ने अपराधियों को प्रदेश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है और उत्तर प्रदेश अब भयमुक्त और सुरक्षित राज्य के रूप में अपनी पहचान को सशक्त कर रहा है।  

सीएम योगी के मिशन शक्ति अभियान के तहत शुरू हुआ संवाद महिलाओं और बेटियों को आ रहा काफी पसंद

लखनऊ, योगी सरकार के मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत देवीपाटन मंडल में “मां पाटेश्वरी शक्ति संवाद” की पहल महिलाओं और बेटियों को काफी पसंद आ रही है। यही वजह है कि देवीपाटन मंडल मुख्यालय में हर सोमवार को बेटियों और महिलाओं के समग्र विकास के लिए होने वाले “मां पाटेश्वरी शक्ति संवाद” में श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा और बहराइच से अपनी समस्याओं को लेकर बड़ी संख्या में महिलाएं-बेटियां पहुंच रहीं हैं। मिशन शक्ति के तहत आयोजित “मां पाटेश्वरी शक्ति संवाद” में सोमवार को 21 महिलाओं ने विस्तार से मंडलायुक्त को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। मंडलायुक्त ने सभी को जल्द से जल्द शिकायत के निस्तारण का आवश्वासन दिया। बता दें कि पिछले सोमवार को कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी, जिसमें 45 महिलाओं ने समस्याएं बताईं थीं। इनमें से एक हफ्ते के अंदर 40 महिलाओं की समस्याओं का निस्तारण किया गया। इनमें से 36 महिलाओं ने शिकायत के निस्तारण पर संतोषजनक फीडबैक भी दिया। यही वजह है कि कार्यक्रम मंडल की महिलाओं को काफी पसंद आ रहा है।    शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता का रखा जाए विशेष ध्यान देवीपाटन के मंडलायुक्त शशिभूषण लाल सुशील ने बताया कि सोमवार को मंडल मुख्यालय में विशेष रूप से महिलाओं और बेटियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए “मां पाटेश्वरी शक्ति संवाद” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मंडल के चारों जिलों से 21 महिलाअों ने भाग लिया। संवाद कार्यक्रम में मंडलायुक्त ने सभी शिकायतों को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रत्येक शिकायत का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाए। शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए। कार्रवाई निष्पक्ष होनी चाहिए। शिकायतकर्ता की शिकायत का निस्तारण मेरिट के आधार किया जाये। समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जायेगी। प्रत्येक शिकायत का समाधान निश्चित समयावधि में किया जाए, ताकि शिकायतकर्ताओं को समय पर राहत मिल सके। समस्या के निस्तारण में मिली लापरवाही तो होगी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि निस्तारण की प्रक्रिया केवल औपचारिक न हो, यह गुणवत्तापूर्ण एवं प्रभावी भी होनी चाहिए, जिससे शिकायतकर्ता संतुष्ट हों। सभी शिकायतों की जांच पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की जाए। किसी भी प्रकार की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई न हो। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उसके विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। संवाद कार्यक्रम में रंजना पाण्डेय, श्यामकली, शबनम, रिचा, मंजू, रूचि तिवारी, अनारकली, मीना, अनीता, रामवती, कांति देवी सहित 21 महिलाओं ने अपनी समस्याएं बताईं। आयुक्त ने इसे गंभीरता से लेते हुए भरोसा दिलाया कि प्राथमिकता के आधार पर सभी मामलों का समाधान कराया जाएगा। 45 में से 40 शिकायतों का हुआ निस्तारण अपर आयुक्त (प्रशासन) कमलेश चंद्र ने बताया कि पिछले सोमवार को महिला जनसुनवाई के दौरान आये 45 में से 40 शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया है। इसमें से 36 महिलाओं ने निस्तारण के लिए संतोषजनक फीडबैक भी दिया है, जबकि चार शिकायतों में रिमाइंडर भेज कर संतोषजनक कार्रवाई करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए गए हैं। इस दौरान महिला अधिकारी के रूप में अपर आयुक्त (न्यायिक) देवीपाटन मीनू राणा तथा उपायुक्त (खाद्य) विजय प्रभा भी उपस्थित रहीं। उन्होंने भी जनसुनवाई के दौरान महिलाओं की समस्याओं को गंभीरता से सुना और निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देश दिए। इस विशेष जनसुनवाई ने महिलाओं में यह भरोसा जगाया कि प्रशासन उनकी समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर है। महिलाओं ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अब उन्हें अपनी बात रखने के लिए सशक्त मंच मिल गया है।

मिशन शक्ति 5.0 : शक्ति संवाद कार्यक्रम से बालिकाओं और महिलाओं की आवाज़ को मंच दे रही योगी सरकार

 संवाद के माध्यम से विभिन्न योजनाओं की लाभार्थी महिलाओं और बालिकाओं ने रखी अपनी बातें  विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से 14.70 लाख से अधिक लोगों तक पहुंचा मिशन शक्ति का संदेश लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रहे मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत शनिवार को पूरे प्रदेश में एक विशेष पहल “शक्ति संवाद – बालिकाओं और महिलाओं की आवाज़ को मंच” के रूप में आयोजित की गई। यह कार्यक्रम अन्तर्राष्ट्रीय बालिका सप्ताह की थीम पर आधारित रहा। सप्ताह के समापन के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेशभर में 2,000 से अधिक लाभार्थियों से सीधा संवाद किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से योगी सरकार यह साबित करने में कामयाब रही कि यदि शासन और समाज एक साथ काम करें, तो हर महिला और बालिका के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन संभव है। मिशन शक्ति की इस नई पहल ने उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। महिला एंव बाल विकास विभाग ने महिलाओं और बालिकाओं की वास्तविक जरूरतें, चुनौतियां और अनुभव सीधे प्रशासन तक पहुंचाने और शासन योजनाओं का लाभ अधिक पारदर्शिता और प्रभावशीलता के साथ उपलब्ध कराने के लिए इस कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में आयोजित किया। इस मौके पर जनपदों में जिलाधिकारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और विभागीय प्रतिनिधि स्वयं लाभार्थियों से जुड़े। संवाद श्रृंखला में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड एवं सामान्य), पति की मृत्यु उपरांत महिला पेंशन योजना सहित कई प्रमुख योजनाओं की लाभार्थी महिलाओं और बालिकाओं ने अपनी बातें रखीं। बालिकाओं ने बताया कि योजनाओं के माध्यम से उन्हें न केवल आर्थिक सहयोग मिला, बल्कि आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना भी विकसित हुई। वहीं अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि लाभार्थियों की समस्याओं का समयबद्ध और संवेदनशील समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान “शक्ति संवाद” ने शासन और समाज के बीच एक मजबूत साझेदारी के पुल के रूप में काम किया। लाभार्थियों ने कहा कि मिशन शक्ति के अंतर्गत मिले अवसरों ने उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अब वे स्वयं और अपने परिवारों के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर रही हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा कि शक्ति संवाद केवल योजनाओं की जानकारी या समीक्षा का मंच नहीं है, बल्कि यह उन बालिकाओं और महिलाओं की आवाज़ को सम्मान देने का प्रयास है, जो चुनौतियों के बावजूद आत्मनिर्भर बनने की राह पर अग्रसर हैं। मिशन शक्ति के अंतर्गत हमारी प्राथमिकता है कि हर लाभार्थी तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ-साथ उनकी समस्याओं का समाधान भी सुनिश्चित किया जाए।” 14.70 लाख से अधिक लोगों तक पहुंचा मिशन शक्ति का संदेश विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 22 सितम्बर से 11 अक्टूबर 2025 के बीच मिशन शक्ति के पांचवें चरण में कुल 14.70 लाख से अधिक लोगों को जागरूक किया गया, जिसमें महिलाएं, पुरुष, बालक और बालिकाएं सभी शामिल रहे। इस दौरान विभिन्न जनपदों में शक्ति संवाद, कार्यशालाएं, संवाद श्रृंखलाएं और जागरूकता अभियान के माध्यम से समाज में महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का संदेश दिया गया।

बाल विवाह को ना कार्यक्रम के जरिए योगी सरकार का 2030 तक प्रदेश को बाल विवाह मुक्त बनाने का संकल्प

मिशन शक्ति 5.0: बेटियों ने ठुकराया बाल विवाह, चुना शिक्षा और आत्मनिर्भरता का रास्ता  बाल विवाह को ना कार्यक्रम के जरिए योगी सरकार का 2030 तक प्रदेश को बाल विवाह मुक्त बनाने का संकल्प योगी सरकार ने किया साहसी बेटियों का सम्मान, समाज में गूँजा संदेश हर बालिका को मिले जीवन का अधिकार  योगी सरकार ने पेश की मिसाल, राष्ट्रीय औसत से नीचे यूपी में बाल विवाह  नाटक, गोष्ठी और संवाद के जरिए योगी सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ चलाया सामूहिक चेतना का अभियान  कानून और सामाजिक जागरूकता के साथ आगे बढ़ा मिशन शक्ति, बदल रही है समाज की सोच लखनऊ  मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत योगी सरकार ने बाल विवाह की कुप्रथा के खिलाफ ऐतिहासिक अभियान छेड़ दिया है। अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर) के थीम पर "बाल विवाह को ना" कार्यक्रम के माध्यम से सभी जिलों में एक साथ आयोजित कार्यक्रमों ने बालिकाओं और महिलाओं ने कुप्रथाओं के बंधनों से मुक्त करने का संकल्प दोहराया।  इस अभियान ने न केवल बाल विवाह के दुष्परिणामों पर जन-जागरूकता फैलाई, बल्कि उन साहसी बालिकाओं को सम्मानित कर समाज को नई दिशा भी दिखाई, जिन्होंने दबावों के बावजूद विवाह ठुकराकर शिक्षा और आत्मनिर्भरता का मार्ग चुना। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के आंकड़ों के दृष्टिकोण से यह प्रयास प्रदेश को 2030 तक बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस अभियान में प्रदेशभर के सामुदायिक केंद्रों, स्कूलों और पंचायतों में सामुदायिक संवाद, गोष्ठियां, नाटक, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं और व्याख्यान आयोजित किए गए। विशेषज्ञों, अध्यापकों, समाजसेवियों और बालिकाओं ने खुलकर बाल विवाह के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक दुष्प्रभावों पर चर्चा की। बाल विवाह से बालिकाओं की शिक्षा बाधित होती है, करियर की संभावनाएं सीमित हो जाती हैं। नाबालिग आयु में गर्भधारण मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर बढ़ाता है, जबकि किशोरावस्था में मातृत्व शारीरिक-मानसिक समस्याएं पैदा करता है। घरेलू हिंसा और शोषण का खतरा भी बढ़ जाता है। यह कुप्रथा समाज की आर्थिक-सामाजिक प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है। कार्यक्रम का सबसे प्रेरणादायक पहलू रहा उन साहसी बालिकाओं का सम्मान, जिन्होंने सामाजिक दबावों का डटकर मुकाबला किया। इन बालिकाओं ने परिवार और समाज की अपेक्षाओं को तोड़कर किताबों का दामन थामा, स्वाभिमान को चुना। हर बालिका को अपने भविष्य का निर्णय खुद लेने का हक है।  उत्तर प्रदेश में बाल विवाह के खिलाफ अभियान का दिख रहा सकारात्मक परिणाम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5, 2019-21) के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बाल विवाह का औसत 15.8 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 23.3 से काफी नीचे है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या अधिक गंभीर है, लेकिन विगत पांच वर्षों में योगी सरकार के प्रयासों से इसमें उल्लेखनीय कमी आई है। विभाग ने अब तक 2000 से अधिक संभावित बाल विवाह रोककर सैकड़ों बालिकाओं को बचाया है। मिशन शक्ति 5.0 के तहत यह अभियान सरकार की 2030 तक प्रदेश को बाल विवाह मुक्त बनाने की संकल्पना को साकार कर रहा है। समाज को आईना दिखा रहा योगी सरकार का अभियान भारत सरकार के बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत विवाह कराना या उसमें शामिल होना दंडनीय अपराध है। प्रदेश में जिला प्रोबेशन अधिकारियों को प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त कर कानूनी क्रियान्वयन मजबूत किया गया है। लेकिन कानून के साथ-साथ परिवार स्तर पर मानसिकता परिवर्तन जरूरी है। मिशन शक्ति 5.0 ने इसी दिशा में काम किया, जहां पिता-भाइयों को भी बालिकाओं के अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाया गया। योगी सरकार का यह अभियान नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इस कार्यक्रम ने बालिकाओं को न केवल संकल्प दिलाया, बल्कि समाज को आईना भी दिखाया।  महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा, "बाल विवाह केवल सामाजिक कुरीति नहीं, बल्कि बालिकाओं के अधिकारों का घोर उल्लंघन है। सरकार शिक्षा, आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण से बालिकाओं को मजबूत बना रही है। आज बालिकाओं का साहस ही नया उत्तर प्रदेश गढ़ेगा। सामूहिक प्रयास से ही इस कुप्रथा का अंत संभव है।"

350 से अधिक बालिकाओं ने प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाकर दिखाया आत्मविश्वास और परिपक्वता

मिशन शक्ति 5.0: बेटियों ने थामा प्रशासन का जिम्मा, कन्याओं के जन्म से अस्पतालों में गूंजे स्वागत गीत 350 से अधिक बालिकाओं ने प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाकर दिखाया आत्मविश्वास और परिपक्वता अस्पतालों में मनाया गया कन्या जन्मोत्सव, 500 से अधिक  नवजात बालिकाओं का पूजन कर माताओं को किया गया सम्मानित – नवजात के स्वागत के साथ ही कन्या सुमंगला योजना से जोड़कल जन्म से उच्च शिक्षा तक उनके भविष्य को किया गया सुरक्षित – नवजात बालिकाओं के नाम पर हुआ पौधारोपण, कन्या जन्मोत्सव बना जन-आंदोलन – मिशन शक्ति 5.0 के तहत अब तक 14.08 लाख लोगों को किया गया जागरूक लखनऊ मिशन शक्ति 5.0 के तहत अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह में बुधवार को पूरे प्रदेश में अनूठे आयोजन हुए। कहीं बेटियाँ ‘एक दिन की जिलाधिकारी’ बनकर जिम्मेदारी निभाती दिखीं, तो कहीं अस्पतालों में ‘कन्या जन्मोत्सव’ के जरिए नवजात बालिकाओं का हर्षोल्लास से स्वागत किया गया। इन आयोजनों ने न केवल बेटियों के प्रति समाज की सोच को बदला है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और सपनों को नया आयाम भी प्रदान किया है। जहाँ-जहाँ बालिकाओं ने अधिकारी बनकर का पद संभाला, वहाँ उनकी गंभीरता, परिपक्वता और नेतृत्व क्षमता देखकर सभी प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी भी हैरान रहे। महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों में प्रदेश भर की 350 से अधिक बालिकाओं को जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, पुलिस अधीक्षक जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस पहल का उद्देश्य बालिकाओं को नेतृत्व और प्रशासनिक कार्यों का प्रत्यक्ष अनुभव कराना था, ताकि वे भविष्य में उच्च पदों पर निर्णयकारी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित हों।  सुबह औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण करने के बाद इन बालिकाओं ने विभागीय बैठकों में हिस्सा लिया, योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। कई जिलों में बालिकाओं ने महिला सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल संरक्षण और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर अधिकारियों से संवाद किया और अपने सुझाव प्रस्तुत किए। उनकी गंभीरता और परिपक्वता ने सभी को प्रभावित किया। विधिवत पूजन के साथ हुआ नवजात बेटियों का स्वागत वहीं दूसरी ओर, कन्या जन्मोत्सव ने पूरे प्रदेश में बेटियों के स्वागत को एक जन-आंदोलन का रूप दे दिया। एक ही दिन में जन्मी 500 से अधिक नवजात बालिकाओं का सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में विधिवत पूजन के साथ स्वागत किया गया। नवजात बेटियों और उनकी माताओं को उपहार स्वरूप वस्त्र, फल, पौष्टिक आहार और शुभकामना कार्ड भेंट किए गए।  नवजात कन्याओं को मिला मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ कन्या जन्मोत्सव को योगी सरकार की महत्वाकांक्षी "मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना" से जोड़ा गया। इस योजना के तहत नवजात बालिकाओं को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक छह चरणों में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। कार्यक्रम में उपस्थित परिवारों को इस योजना की पात्रता और लाभों की जानकारी दी गई, ताकि हर बेटी का भविष्य सुरक्षित हो सके। प्रदेश के विभिन्न जिलों में जिलाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने स्वयं अस्पतालों में पहुँचकर माताओं और नवजात बेटियों का सम्मान किया। साथ ही, बेटियों के जन्म की संख्या के अनुरूप पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और बेटी बचाओ के संदेश को एक साथ आगे बढ़ाया गया। बता दें कि मिशन शक्ति के पांचवें चरण में 22 सितंबर से अब तक 14.08 लाख लोगों को जागरूक किया गया, जिसमें महिलाएं, पुरुष, बालक और बालिकाएं शामिल हैं। यह अभियान नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए एक नई क्रांति का प्रतीक बन रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा कि मिशन शक्ति का यही उद्देश्य है कि हर बेटी को यह विश्वास मिले कि वह केवल अपने सपनों तक सीमित न रहे, बल्कि उन्हें साकार करने की शक्ति भी उसके भीतर है। यह अनुभव उनके जीवन में प्रेरणा का स्रोत बनेगा और आने वाले समय में उन्हें समाज की दिशा बदलने की ताकत प्रदान करेगा।"

मिशन शक्ति 5.0 : 22 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 71,473 स्थानों की 24,457 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने वाहनों की चेकिंग की

योगी सरकार की यूपी पुलिस ने साढ़े आठ लाख वाहनों को किया चेक, 9 हजार से अधिक वाहनों से हटाई काली फिल्म 22 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 71,473 स्थानों की 24,457 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने वाहनों की चेकिंग की 18,215 वाहनों का चालान किया गया, अपर पुलिस महानिदेशक से लेकर थाना प्रभारियों ने की फुट पैट्रोलिंग  लखनऊ योगी सरकार के मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत महिलाओं और बेटियों को सुरक्षित माहौल देने के लिए गाड़ियों की काली फिल्म हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। यह अभियान 22 सितंबर से प्रदेशभर में चलाया गया, जो वर्तमान में भी चल रहा है। वहीं 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक साढ़े आठ लाख से अधिक वाहनों की चेकिंग की गयी। इसके साथ ही उच्च अधिकारियों अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिदेशक, उप महानिरीक्षक, पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी और थाना प्रभारी द्वारा अपनी टीम के साथ फुट पैट्रोलिंग की गयी।  2,817 हूटर और 1,087 बत्तियां वाहनों से हटाई गईं मिशन शक्ति 5.0 अभियान की नोडल अधिकारी एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि अभियान के तहत पुलिस अधिकारियों द्वारा सड़क पर गाड़ियों की जांच की गयी। इस दौरान गाड़ियों की काली फिल्म को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। इस दौरान 71,473 स्थानों की 24,457 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा 8,50,182 वाहनों की चेकिंग की गयी। अब तक 9,488 काली फिल्में हटाई जा चुकी हैं। इसके अलावा 2,817 हूटर और 1,087 बत्तियां भी हटाई गई हैं। यह कदम सड़क पर अपराधों को रोकने और महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इसके साथ ही, गलत स्थान पर पार्क किए गए वाहनों के खिलाफ 18,215 चालान भी किए गए हैं, ताकि ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके और सड़क पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचा जा सके। महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से वाहन पर शासकीय और जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल पर भी कड़ी कार्रवाई की गई है और 14,504 ऐसे मामले सामने आए हैं। अभियान के दौरान 3,38,305 व्यक्तियों को चेतावनी दी गयी।  263 स्टंटबाजों को किया गया गिरफ्तार एडीजी ने बताया कि वाहन नियमों का उल्लंघन करने पर 1,93,829 वाहनों का चालान किया गया है, जबकि 3,654 वाहनों को सीज भी किया गया है। कुल 251 पंजीकृत अभियोगों के साथ-साथ 450 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है, जो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। इसके अलावा स्टंटबाजों के लिखाफ भी कड़ी कार्रवाई की गयी। इस दौरान 55,832 स्थानों की 21,324 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा 5,26,184 वाहनों की चेकिंग की गयी। अभियान के दौरान 770 स्टंटबाजी के मुकदमे दर्ज किये गये जबकि 263 स्टंटबाजों को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही 31,609 वाहनों का चालान और 1,388 वाहनों को सीज किया गया। वहीं, मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत पुलिस विभाग द्वारा फुट पैट्रोलिंग भी की गयी ताकि सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जा सके। इस पहल से पुलिस विभाग ने महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के लिए अपनी तैनाती सुनिश्चित की है। प्रदेश के 57,265 स्थानों पर फुट पैट्रोलिंग की गयी। इसमें अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिदेशक, उप महानिरीक्षक द्वारा 239 स्थानों, पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक द्वारा 1,670 स्थानों, अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी द्वारा 9,616 और थाना प्रभारी द्वारा अपनी टीम के साथ 45,837 स्थानों पर फुट पैट्रोलिंग की गयी। फुट पैट्रोलिंग के दौरान 7,44,482 व्यक्तियों की चेकिंग की गयी जबकि पीआरवी द्वारा 52,039 स्थानों की पैट्रोलिंग की गयी।   

सीएम योगी के मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत देवीपाटन मंडल में हर सोमवार को विशेष रूप से महिलाओं और बेटियों के लिए अायोजित किया जा रहा कार्यक्रम

मिशन शक्ति 5.0  मां पाटेश्वरी शक्ति संवाद के पहले दिन 45 से अधिक महिलाओं ने साझा की समस्याएं, त्वरित निस्तारण के निर्देश से खिले चेहरे  सीएम योगी के मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत देवीपाटन मंडल में हर सोमवार को विशेष रूप से महिलाओं और बेटियों के लिए अायोजित किया जा रहा कार्यक्रम जनसुनवाई कार्यक्रम का मंडल मुख्यालय में 6 अक्टूबर को किया गया शुभारंभ, महिला अधिकारियों ने भी सुनीं समस्याएं – मौके पर ही चार महिलाओं की समस्या का किया गया निस्तारण, तुरंत समस्या के निस्तारण से गदगद नजर आईं शिकायतकर्ता  – मंडलायुक्त ने कई अधिकारियों को जनसुनवाई के दौरान किया तलब, तत्काल समस्या के निस्तारण के दिये निर्देश  – विभिन्न विभागों के अधिकारियों को समस्या के निस्तारण के लिए व्हाट्सएप पर भेजा गया प्रार्थना पत्र  – मंडलायुक्त बोले, व्हाट्सएप पर भेजे गये सभी प्रार्थना पत्र को अधिकारी गंभीरता से लेते हुए निस्तारित करें  लखनऊ/गोंडा  योगी सरकार के मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत देवीपाटन मंडल मुख्यालय में साेमवार को महिलाओं और बेटियों के लिए “मां पाटेश्वरी शक्ति संवाद”, संवाद से सशक्तिकरण की ओर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस दौरान मंडल के चार जिलों (गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती) से आईं 45 से अधिक महिलाओं ने अपनी समस्या साझा की। मंडलायुक्त ने महिलाओं की समस्या सुनने के साथ कई मामले के तत्काल निस्तारण के निर्देश दिये। इतना ही नहीं अधिकारी महिलाओं की समस्या के निस्तारण के लिए खुद उनके द्वार पर जाएंगे क्योंकि कार्यक्रम में कई महिलाएं ऐसी आईं, जो अपनी समस्या की बेसिक चीजें बताने में असमर्थ थीं। संवाद कार्यक्रम में चार महिलाओं की समस्या का मौके पर ही निस्तारण किया गया। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मिशन शक्ति अभियान के तहत देवीपाटन मंडल मुख्यालय में हर सोमवार को महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इतना ही नहीं महिलाओं की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, जिसमें अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी महिलाएं हैं।  मंडलायुक्त ने संवाद कार्यक्रम में डिप्टी कमिश्नर फूड को किया तलब देवीपाटन मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत मंडल की विशेष रूप से महिलाओं और बेटियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर सोमवार को “मां पाटेश्वरी शक्ति संवाद” संवाद से सशक्तिकरण की ओर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत 6 अक्टूबर सोमवार को कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, जिसमें मंडल के चार जिलों क्रमश: गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती से 45 से अधिक महिलाओं ने प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में सभी महिलाओं ने विस्तार से अपनी समस्याओं को बताया। इसमें भूमि विवाद, चकरोड मार्ग, राशन कार्ड, आवास समेत अन्य विभागीय मामलों से संबंधित विषय प्रमुख रूप से सामने आए। मंडलायुक्त ने सभी शिकायतों को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रत्येक शिकायत का निस्तारण प्राथमिकता के अाधार पर जल्द से जल्द किया जाए। मंडलायुक्त ने राशन कार्ड से संबंधित समस्याओं काे देखते हुए डिप्टी कमिश्नर फूड विजय प्रभा को तत्काल आफिस बुलाया। उन्होंने डिप्टी कमिश्नर फूड को निर्देशित किया कि राशन कार्ड से संबधित समस्याओं को दो से तीन दिन के अंदर निस्तारित करें और उन्हे सूचित करें।  महिला अधिकारियों को अपने बीच पा गदगद नजर आईं महिलाएं  महिला जनसुनवाई के दौरान महिलाओं की सुविधा के लिए महिला हेल्प डेस्क की स्थापना भी की गई थी। यह डेस्क उन महिलाओं के लिए सहायक साबित हुई जो स्वयं प्रार्थना पत्र लिखने में असमर्थ थीं। हेल्प डेस्क के कर्मचारियों ने उनकी समस्याओं को सुनकर उचित प्रारूप में आवेदन तैयार कराया और अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया। इस पहल से महिलाओं को बड़ी राहत मिली और वे आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करा सकीं। जनसुनवाई में नाजरीन, लक्ष्मी देवी, पूनम, सीमा, चंदा देवी, काजल, विनीता, राजकुमारी, मोनिका और उमा सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। सभी ने अपनी समस्याओं को सीधे आयुक्त के समक्ष रखकर त्वरित निस्तारण की उम्मीद जताई। महिला अधिकारी अपर आयुक्त न्यायिक देवीपाटन मीनू राणा तथा उपायुक्त खाद्य देवीपाटन विजय प्रभा भी उपस्थित रहीं। उन्होंने भी जनसुनवाई के दौरान कई महिलाओं की समस्याओं को गंभीरता से सुना और निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देश दिए। महिला अधिकारियों की मौजूदगी ने जनसुनवाई को और अधिक संवेदनशील एवं भरोसेमंद बनाया। मंडलायुक्त के आदेश पर समस्या के निस्तारण को व्हाट्सएप पर भेजा गया प्रार्थना पत्र जनसुनवाई के दौरान मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने कई अधिकारियों को फोन पर ही शिकायतकर्ताओं की समस्याओं से अवगत कराया और जल्द से जल्द निस्तारण कर आख्या उपलब्ध कराने के स्पष्ट निर्देश दिए। इससे महिलाओं में प्रशासन के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत हुआ।  विशेष जनसुनवाई ने महिलाओं में यह भरोसा जगाया कि प्रशासन उनकी समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर और प्रतिबद्ध है। महिलाओं ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अब उन्हें अपनी आवाज उठाने के लिए एक सशक्त मंच मिल गया है। इसके साथ ही मंडल के जिलों के अधिकारियों के व्हाट्सएप पर प्रार्थना पत्र भेजे गये ताकि मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जा सके। इतना ही नहीं महिलाओं को विकसित उत्तर प्रदेश @2047 के बारे में विस्तार से बताया गया। इस दौरान कई महिलाओं ने विकसित उत्तर प्रदेश @2047 को लेकर अपने सुझाव भी दिये।    

सीएम योगी के मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत देवीपाटन मंडल में हर सोमवार को विशेष रूप से महिलाओं और बेटियों के लिए आयोजित किया जा रहा कार्यक्रम

– मंडलायुक्त ने कई अधिकारियों को जनसुनवाई के दौरान किया तलब, तत्काल समस्या के निस्तारण के दिये निर्देश – विभिन्न विभागों के अधिकारियों को समस्या के निस्तारण के लिए व्हाट्सएप पर भेजा गया प्रार्थना पत्र – मंडलायुक्त बोले, व्हाट्सएप पर भेजे गये सभी प्रार्थना पत्र को अधिकारी गंभीरता से लेते हुए निस्तारित करें लखनऊ/गोंडा, योगी सरकार के मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत देवीपाटन मंडल मुख्यालय में साेमवार को महिलाओं और बेटियों के लिए “मां पाटेश्वरी शक्ति संवाद”, संवाद से सशक्तिकरण की ओर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस दौरान मंडल के चार जिलों (गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती) से आईं 45 से अधिक महिलाओं ने अपनी समस्या साझा की। मंडलायुक्त ने महिलाओं की समस्या सुनने के साथ कई मामले के तत्काल निस्तारण के निर्देश दिये। इतना ही नहीं अधिकारी महिलाओं की समस्या के निस्तारण के लिए खुद उनके द्वार पर जाएंगे क्योंकि कार्यक्रम में कई महिलाएं ऐसी आईं, जो अपनी समस्या की बेसिक चीजें बताने में असमर्थ थीं। संवाद कार्यक्रम में चार महिलाओं की समस्या का मौके पर ही निस्तारण किया गया। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मिशन शक्ति अभियान के तहत देवीपाटन मंडल मुख्यालय में हर सोमवार को महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इतना ही नहीं महिलाओं की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, जिसमें अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी महिलाएं हैं। मंडलायुक्त ने संवाद कार्यक्रम में डिप्टी कमिश्नर फूड को किया तलब देवीपाटन मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत मंडल की विशेष रूप से महिलाओं और बेटियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर सोमवार को “मां पाटेश्वरी शक्ति संवाद” संवाद से सशक्तिकरण की ओर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत 6 अक्टूबर सोमवार को कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, जिसमें मंडल के चार जिलों क्रमश: गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती से 45 से अधिक महिलाओं ने प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में सभी महिलाओं ने विस्तार से अपनी समस्याओं को बताया। इसमें भूमि विवाद, चकरोड मार्ग, राशन कार्ड, आवास समेत अन्य विभागीय मामलों से संबंधित विषय प्रमुख रूप से सामने आए। मंडलायुक्त ने सभी शिकायतों को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रत्येक शिकायत का निस्तारण प्राथमिकता के अाधार पर जल्द से जल्द किया जाए। मंडलायुक्त ने राशन कार्ड से संबंधित समस्याओं काे देखते हुए डिप्टी कमिश्नर फूड विजय प्रभा को तत्काल आफिस बुलाया। उन्होंने डिप्टी कमिश्नर फूड को निर्देशित किया कि राशन कार्ड से संबधित समस्याओं को दो से तीन दिन के अंदर निस्तारित करें और उन्हे सूचित करें। महिला अधिकारियों को अपने बीच पा गदगद नजर आईं महिलाएं महिला जनसुनवाई के दौरान महिलाओं की सुविधा के लिए महिला हेल्प डेस्क की स्थापना भी की गई थी। यह डेस्क उन महिलाओं के लिए सहायक साबित हुई जो स्वयं प्रार्थना पत्र लिखने में असमर्थ थीं। हेल्प डेस्क के कर्मचारियों ने उनकी समस्याओं को सुनकर उचित प्रारूप में आवेदन तैयार कराया और अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया। इस पहल से महिलाओं को बड़ी राहत मिली और वे आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करा सकीं। जनसुनवाई में नाजरीन, लक्ष्मी देवी, पूनम, सीमा, चंदा देवी, काजल, विनीता, राजकुमारी, मोनिका और उमा सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। सभी ने अपनी समस्याओं को सीधे आयुक्त के समक्ष रखकर त्वरित निस्तारण की उम्मीद जताई। महिला अधिकारी अपर आयुक्त न्यायिक देवीपाटन मीनू राणा तथा उपायुक्त खाद्य देवीपाटन विजय प्रभा भी उपस्थित रहीं। उन्होंने भी जनसुनवाई के दौरान कई महिलाओं की समस्याओं को गंभीरता से सुना और निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देश दिए। महिला अधिकारियों की मौजूदगी ने जनसुनवाई को और अधिक संवेदनशील एवं भरोसेमंद बनाया। मंडलायुक्त के आदेश पर समस्या के निस्तारण को व्हाट्सएप पर भेजा गया प्रार्थना पत्र जनसुनवाई के दौरान मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने कई अधिकारियों को फोन पर ही शिकायतकर्ताओं की समस्याओं से अवगत कराया और जल्द से जल्द निस्तारण कर आख्या उपलब्ध कराने के स्पष्ट निर्देश दिए। इससे महिलाओं में प्रशासन के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत हुआ।  विशेष जनसुनवाई ने महिलाओं में यह भरोसा जगाया कि प्रशासन उनकी समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर और प्रतिबद्ध है। महिलाओं ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अब उन्हें अपनी आवाज उठाने के लिए एक सशक्त मंच मिल गया है। इसके साथ ही मंडल के जिलों के अधिकारियों के व्हाट्सएप पर प्रार्थना पत्र भेजे गये ताकि मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जा सके। इतना ही नहीं महिलाओं को विकसित उत्तर प्रदेश @2047 के बारे में विस्तार से बताया गया। इस दौरान कई महिलाओं ने विकसित उत्तर प्रदेश @2047 को लेकर अपने सुझाव भी दिये।

मिशन शक्ति 5.0: सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश भर में मिशन शक्ति 5.0 के तहत यूपी पुलिस ने चलाया विशेष अभियान

एंटी रोमिया स्क्वायड ने 1 लाख से अधिक मंदिर, बाजार, मॉल, पार्कों और भीड़ भाड़ वाले स्थानों की गहन जांच की 37 हजार से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने संभाला मोर्चा, सकुशल संपन्न हुआ नवरात्रि पर्व    लखनऊ, प्रदेश की बेटियों और महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने के साथ सुरक्षा का माहौल उपलब्ध कराने के लिए मिशन शक्ति 5.0 अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवरात्र के पहले दिन मिशन शक्ति 5.0 अभियान की शुरुआत की, जो अभी भी पूरे प्रदेश में चल रहा है। इसी के तहत यूपी पुलिस प्रशासन ने अभूतपूर्व अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था और जनसहभागिता दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली। एंटी रोमियो स्क्वायड ने करीब 10 लोग लोगों की जांच, ढाई हजार अभियोग किये गये पंजीकृत मिशन शक्ति अभियान की नोडल ऑफिसर एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में एन्टी रोमियो स्क्वायड ने सार्वजनिक स्थलों, मंदिरों, बाजारों, मॉल, पार्क और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सतर्कता बढ़ाई। इस दौरान 1,08,292  मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों की गहन जांच की गई। अभियान में 9,77,269 व्यक्तियों की जांच की गई, जिनमें संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी गई। कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और महिलाओं के प्रति अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए कुल 2,542 अभियोग  पंजीकृत किए गए। वहीं, असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई करते हुए 3,972 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा 3,13,924 लोगों को चेतावनी दी गई और उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर अनुशासन बनाए रखने के लिए जागरूक किया गया। प्रदेश भर में 53,237 निरोधात्मक कार्रवाइयां  की गयीं। ऐसे में एन्टी रोमियो स्क्वायड द्वारा यह अभियान न केवल नवरात्रि के दौरान सुरक्षा का प्रतीक बना, बल्कि समाज में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के प्रति सकारात्मक संदेश देने में भी सफल रहा। 37 हजार से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने संभाला मोर्चा प्रदेश भर में नवरात्रि पर्व के अवसर पर 55,377 पंडालों की स्थापना की गई। सभी पंडालों का पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने निरीक्षण किया, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा में कोई कमी न रहे। इस दौरान 4,947 रामलीला व मेला स्थलों का भी भ्रमण किया गया और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया। योगी सरकार की सख्त निगरानी के चलते सभी धार्मिक कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुए। एन्टी रोमियो स्क्वाड, पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त मुस्तैदी ने सुनिश्चित किया कि महिलाओं और बालिकाओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। नवरात्रि के दौरान मंदिरों, धार्मिक स्थलों, मेलों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कुल 37,337 अधिकारी एवं कर्मचारी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहे। इनमें 411 राजपत्रित अधिकारी, 7,999 निरीक्षक/उपनिरीक्षक, 22,547 मुख्य आरक्षी /आरक्षी और 6,380 होमगार्ड/पीआरडी/ एसपीओ आदि शामिल थे, जिन्होंने निरंतर गश्त और निगरानी कर सुरक्षा का वातावरण बनाए रखा। इस सघन तैनाती से पूरे प्रदेश में नवरात्रि और रामलीला पर्व शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुए। श्रद्धालु परिवारों ने न केवल त्योहार का आनंद लिया, बल्कि महिलाओं ने भी निर्भीक होकर मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर अपनी सहभागिता दर्ज कराई। पूरे प्रदेश में डेढ़ करोड़ से अधिक वितरित किये गये फोल्डर, पंफलेट और पेस्टिंग स्टीकर अभियान की नोडल ऑफिसर ने बताया कि नवरात्र में 39,911 मंदिरों, धार्मिक स्थलों, मेलों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर महिला चौपाल का आयोजन किया गया, जिसमें 20,54,308 लोगों ने प्रतिभाग किया। इसमें 13,53,903 महिला और 7,00,405 पुरुष शामिल हैं। वहीं महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन मुख्यालय द्वारा योगी सरकार की योजनाओं और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किये जा रहे सराहनीय कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 1,56,91,080 फोल्डर, पंफलेट और पेस्टिंग स्टीकर वितरित किये गये।

मिशन शक्ति-5.0 के तहत अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह में बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा के लिए शुरू हुआ विशेष अभियान

मिशन शक्ति- 5.0: खतरनाक स्थिति में चुप न रहें, उठाएँ सुरक्षा के ठोस कदम मिशन शक्ति-5.0 के तहत अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह में बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा के लिए शुरू हुआ विशेष अभियान मिशन शक्ति- 5.0: स्कूल से गांव तक पहुंचा सुरक्षा संदेश, आत्मरक्षा से मिली आत्मविश्वास की सीख  योगी सरकार ने बालिकाओं को बताया, कैसे करें सरकारी और सामाजिक सहायता का सही इस्तेमाल  योगी सरकार का संकल्प, नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन से ही बनेगा सुरक्षित समाज – मिशन शक्ति से मजबूत हुई महिलाओं की आवाज, सुरक्षा और स्वाभिमान बना जनआंदोलन लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मिशन शक्ति 5.0 अभियान नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को नई दिशा दे रही है। 90 दिवसीय विशेष अभियान के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग ने अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3-11 अक्टूबर 2025) के अवसर पर प्रदेश के सभी जिलों में "सेल्फ डिफेंस वर्कशॉप" का भव्य आयोजन किया। इसमें बताया गया कि यदि कोई बालिका या महिला किसी प्रतिकूल स्थिति का सामना करे, तो उसे चुप नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए और सरकारी व सामाजिक सहायता तंत्र का उपयोग करना चाहिए। प्रदेश के सभी जिला, ब्लॉक और गांव स्तर पर आयोजित कार्यशालाओं और समूह सत्रों में बालिकाओं और महिलाओं को उनकी सुरक्षा से जुड़े अधिकारों और तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी गई। स्कूलों में आयोजित विशेष सत्रों में विशेषज्ञों ने छात्राओं को सिखाया कि विभिन्न सामाजिक और व्यक्तिगत परिस्थितियों में अपनी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करें। इसके माध्यम से योगी सरकार का उद्देश्य बालिकाओं और महिलाओं को उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा, अधिकारों और कानूनी प्रावधानों से जोड़ना है, ताकि वे आत्मनिर्भर और सुरक्षित जीवन जी सकें। योगी सरकार की इस पहल ने नारी सशक्तिकरण को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इन सत्रों में आत्मरक्षा के व्यावहारिक प्रशिक्षण, संकट की स्थिति में त्वरित कार्रवाई के तरीके, हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आयोजित इन कार्यक्रमों में बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी जिज्ञासाएं साझा की। अपने अधिकारों और आत्मरक्षा की जानकारी पाकर उत्साहित छात्राओं ने कहा कि यह प्रशिक्षण उन्हें आत्मविश्वास दिया है और परिवार व समाज में सुरक्षा के प्रति सकारात्मक सोच विकसित किया है।  योगी सरकार इन कार्यक्रमों का संचालन विषय विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रशिक्षकों की मौजूदगी में कर रही है। इसमें बताया गया कि यदि कोई बालिका या महिला किसी प्रतिकूल स्थिति का सामना करे, तो उसे चुप नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए और सरकारी व सामाजिक सहायता तंत्र का उपयोग करना चाहिए। यह अभियान नारी सम्मान को मजबूत करते हुए महिलाओं को आत्मरक्षा और जागरूकता की ताकत दे रहा है, जो योगी सरकार के मिशन शक्ति 5.0 का मूल आधार है। महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने कहा कि  अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह के तहत यह अभियान बालिकाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। सेल्फ डिफेंस वर्कशॉप से जुड़ी जानकारी हर लड़की के लिए उतनी ही जरूरी है, जितनी शिक्षा। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल बालिकाओं की व्यक्तिगत सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि पूरे प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित और समावेशी माहौल के निर्माण को गति देगी।