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मोदी-ट्रंप रिश्तों में आएगा नया मोड़? जल्द हो सकती है अहम मुलाकात

नई दिल्ली पीएम नरेंद्र मोदी मलयेशिया के दौरे पर आसियान समिट में जा सकते हैं। यदि वह ASEAN समिट में गए तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात हो सकती है और इस पर दुनिया भर की नजरें होंगी। वह आसियान समिट से इतर डोनाल्ड ट्रंप से मिल सकते हैं। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर इस दौरान बात हो सकती है। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बीते कुछ महीनों में करीबी बढ़ती दिखी है और ऐसी स्थिति में नरेंद्र मोदी और ट्रंप की मुलाकात के मायने क्या होंगे, यह देखने वाली बात होगी। अमेरिका ने जिस तरह पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को तवज्जो दी है और उन्हें वाइट हाउस तक बुलाया था, उससे कयास लग रहे हैं कि एक बार फिर से शीत युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं। तब भारत गुटनिरपेक्षता की राजनीति करते हुए एक तरह से रूस के ब्लॉक में था। वहीं अमेरिका की गोद में पाकिस्तान बैठा था। एक बार फिर से रूस और भारत का विरोध करते हुए अमेरिका उसी रणनीति पर आगे बढ़ता दिखता है। ऐसे हालात में पीएम नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मीटिंग में क्या निकलता है, यह चर्चा का विषय है। अब तक सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट नहीं किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी का ASEAN समिट में जाना तय है या नहीं। लेकिन दौरे से इनकार भी नहीं है। बता दें कि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि वह 26 अक्तूबर से होने वाले ASEAN समिट में जाएंगे और पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की उम्मीद है। इससे पहले दोनों नेताओं की आखिरी मुलाकात इस साल फरवरी में हुई थी, जब पीएम नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय वार्ता के लिए अमेरिका गए थे। लेकिन रिश्तों के बिगड़ने की शुरुआत तब हुई, जब अमेरिका की ओर से भारत पर मोटा टैरिफ लगाया गया। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप की ओर से बार-बार दावे हुए कि उन्होंने जंग रुकवाई है। इस बात ने भी भारत को असहज किया है और दोनों देशों के रिश्ते निचले स्तर पर पहुंचे हैं।

दिवाली की बधाई पर ट्रंप को मोदी का जवाब –दो लोकतंत्र कर रहे हैं दुनिया का नेतृत्व

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए दिवाली पर बधाई संदेश देने के लिए शुक्रिया अदा किया है. पिछले दिनों दिवाली के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को फोन करके बधाई दी थी. नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप, आपके फ़ोन कॉल और दिवाली की हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद. प्रकाश के इस पर्व पर, हमारे दो महान लोकतंत्र दुनिया को उम्मीद की रोशनी दिखाते रहें और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट रहें." ट्रंप ने दिवाली पर दी थी बधाई… व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रोशनी के त्योहार दिवाली मनाने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएं दीं. इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "आज, मैं दिवाली, 'रोशनी का त्योहार' मनाने वाले हर अमेरिकी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं." ट्रंप ने आगे कहा, "कई अमेरिकियों के लिए, दिवाली अंधकार पर प्रकाश की विजय का एक शाश्वत स्मरण है. यह परिवारों और दोस्तों को एक साथ लाकर समुदाय का जश्न मनाने, उम्मीद से ताकत हासिल करने और नवीनीकरण की स्थायी भावना को अपनाने का भी वक्त है." उन्होंने आगे कहा, "लाखों नागरिक दीये और लालटेन जलाते हैं, और हम इस शाश्वत सत्य पर प्रसन्न होते हैं कि अच्छाई की हमेशा बुराई पर विजय होती है. दिवाली मनाने वाले प्रत्येक अमेरिकी के लिए, ईश्वर करे कि यह त्यौहार स्थायी शांति, समृद्धि, आशा और शांति लाए."

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचे PM मोदी, चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण ने दिया साथ

नंद्याल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आंध्र प्रदेश दौरे पर हैं, जहां वह कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. आंध्र प्रदेश पहुंचते ही सीएम चंद्रबाबू नायडू ने उनका स्वागत किया. इस दौरान पीएम मोदी ने नंद्याल जिले के श्रीशैलम में स्थित श्री भ्रामराम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आंध्र प्रदेश दौरे पर हैं, जहां वह कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. आंध्र प्रदेश पहुंचते ही सीएम चंद्रबाबू नायडू ने उनका स्वागत किया. इस दौरान पीएम मोदी ने नंद्याल जिले के श्रीशैलम में स्थित श्री भ्रामराम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने बिहार की मशहूर मधुबनी पेंटिंग से सजा हुआ अंगवस्त्र पहना. यह अंगवस्त्र बिहार की कला, संस्कृति और परंपरा के प्रति उनके गहरे लगाव और गर्व का प्रतीक है. मधुबनी पेंटिंग, जो बिहार के मिथिला इलाके की बेहद मशहूर लोक कला है, अपने नेचुरल रंगों, मोटी लाइनों और ज्योमेट्रिक पैटर्न के लिए जानी जाती है. प्रधानमंत्री मोदी की मंदिर से जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें वह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के साथ बैठे नज़र आ रहे हैं. तीनों नेताओं का साथ आना केवल धार्मिक भाव-प्रदर्शन नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति में कई स्तरों पर बड़े संकेत देती है.  तीनों नेता साथ आकर दक्षिण भारत में बीजेपी-टीडीपी-जनसेना एकता का सार्वजनिक प्रदर्शन है. साथ आकर मतदाताओं को यह संदेश भी दे रहे हैं कि वे पारंपरिक मूल्यों और धार्मिक भावनाओं के संरक्षक हैं. इसके साथ ही राज्य-केंद्र संबंधों की मजबूत छवि को पेश किया जा रहा है.  मल्लिकार्जुन मंदिर में पूजा-अर्चना प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक तरीके से पूजा करते हुए पंचामृत से रुद्राभिषेक किया. पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण होता है, जो भगवान शिव को समर्पित खास अभिषेक में इस्तेमाल किया जाता है. पूजा के दौरान मंदिर के पुजारियों ने उन्हें मंदिर के इतिहास और महत्व के बारे में विस्तार से बताया. मंदिर दर्शन के बाद प्रधानमंत्री ने कुरनूल में 13,430 करोड़ रुपये से ज्यादा की कई विकास प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और उद्घाटन किया, जिनमें एनर्जी, डिफेंस, रेलवे और पेट्रोलियम जैसे अहम सेक्टर शामिल थे. बिहार की संस्कृति और कला का प्रेम मधुबनी कला को पीएम मोदी ने न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी बढ़ावा दिया है. वे कई देशों के नेताओं को मधुबनी पेंटिंग गिफ्ट करके इस कला को ग्लोबल पहचान दिलाने में मदद करते रहे हैं. साथ ही, बिहार की इस सांस्कृतिक परंपरा के प्रति उनका प्यार और सपोर्ट बिहार की जनता के बीच गहरा सम्मान और जुड़ाव बनाता है. पीएम मोदी का यह कदम न सिर्फ बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान और आस्था को दिखाता है, बल्कि बिहार के लोगों के साथ उनकी मजबूत पहचान और विकास की प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है. 

शहबाज शरीफ के सामने ट्रंप ने की पीएम मोदी की खुलकर तारीफ

मिस्र अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि भारत एक महान देश है और मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त वहीं शीर्ष पर हैं। उन्होंने शानदार काम किया है। ट्रंप ने यह बयान मिस्र के शहर शर्म अल-शेख में हुए विश्व नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान दिया, जो गाजा में युद्धविराम समझौते के बाद आयोजित किया गया था। गाजा समझौते के बीच ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ  गाजा में युद्धविराम समझौते के बाद मिस्त्र में आयोजित  वैश्विक नेताओं के शिखर सम्मेलन में ट्रंप ने पीएम मोदी को अपना बहुत अच्छा मित्र करार दिया और भारत की तारीफ की। ट्रंप ने कहा कि भारत एक महान देश है और उसके शीर्ष पर मेरा एक बहुत अच्छा मित्र है, जिसने शानदार काम किया है। मुझे लगता है कि भारत और पाकिस्तान अब बहुत अच्छे से साथ रहेंगे। बता दें कि इस दौरान खास बात यह रही कि जब ट्रंप पीएम मोदी की तारीफ कर रहे थे तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ उनके पीछे ही खड़े थे। मोदी की तारीफ करते समय ट्रंप ने शहबाज की ओर भी देखा। इस पर शरीफ ने मुस्कुराते हुए ट्रंप की बात का स्वागत किया।  बंधकों का पुनर्मिलन हो रहा है… अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वर्षों की पीड़ा और रक्तपात के बाद, गाजा में युद्ध समाप्त हो गया है। अब मानवीय सहायता पहुंच रही है, जिसमें सैकड़ों ट्रक भरकर भोजन, चिकित्सा उपकरण और अन्य सामग्री शामिल है, जिसका अधिकांश भुगतान इस कमरे में बैठे लोगों द्वारा किया जा रहा है। नागरिक अपने घरों को लौट रहे हैं। बंधकों का पुनर्मिलन हो रहा है… एक नए और खूबसूरत दिन को उगते देखना बहुत ही सुंदर है और अब पुनर्निर्माण शुरू हो रहा है। मध्य पूर्व से परे दुनिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण इस दौरान ट्रंप ने गाजा शांति शिखर सम्मेलन में कहा कि यह मध्य पूर्व से परे दुनिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि गाजा का समर्थन लोगों के उत्थान के लिए ही किया जाना चाहिए। लेकिन हम अतीत में हुए रक्तपात, घृणा या आतंक से जुड़ी किसी भी चीज को वित्तपोषित नहीं करना चाहते। हम इस बात पर भी सहमत हैं कि गाजा के पुनर्निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इसे विसैन्यीकृत किया जाए और गाजा में लोगों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए एक नए ईमानदार नागरिक पुलिस बल की स्थापना की जाए। मैं एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में भागीदार बनने का इरादा रखता हूं। उम्मीद है कि तीसरा विश्व युद्ध नहीं होगा, लेकिन यह मध्य पूर्व में शुरू नहीं होने वाला है। हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने की ट्रंप से मुलाकात इससे पहले विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने मध्य पूर्व शांति समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प से मुलाकात की। इस शिखर सम्मेलन की संयुक्त रूप से मेजबानी संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने की और इसमें कई विश्व नेताओं ने भाग लिया।  भारत ने गाजा शांति समझौते का स्वागत किया, स्थायी शांति की उम्मीद जताई  भारत ने इस्राइल और हमास के बीच युद्ध विराम और गाजा में शांति के लिए समझौते का स्वागत किया है। भारत ने उम्मीद जताई कि इससे पश्चिम एशिया में स्थायी शांति स्थापित होगी।   विदेश मंत्रालय ने देर रात जारी बयान में बातचीत द्वारा दो राष्ट्र समाधान के प्रति भारत के दीर्घकालिक समर्थन को दोहराया तथा कहा कि वह क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए सभी प्रयासों का समर्थन करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर का स्वागत करता है और आशा करता है कि इससे क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित होगी। मंत्रालय ने कहा कि हम राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना का समर्थन करते हैं और इसे प्राप्त करने और शांति के मार्ग को आगे बढ़ाने में मिस्र और कतर की बहुमूल्य भूमिका की सराहना करते हैं। मंत्रालय ने कहा कि शांति शिखर सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के प्रयासों को मजबूत करना था, जो क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह बातचीत के जरिये द्विराष्ट्र समाधान के लिए भारत के दीर्घकालिक समर्थन के अनुरूप भी है। भारत क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए सभी प्रयासों का समर्थन करेगा। शहबाज शरीफ ने ट्रंप को बताया ‘शांति दूत’ शिखर सम्मेलन में बोलते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि मध्य पूर्व में शांति स्थापित होने का श्रेय राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम को जाता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पहले भी ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था और अब वे उन्हें दोबारा नामित करना चाहते हैं।  

PM मोदी का किसानों को तोहफा, ₹35,000 करोड़ की योजनाओं का शुभारंभ, खेती में आत्मनिर्भरता पर ज़ोर

नई दिल्ली  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित एक भव्य कृषि कार्यक्रम में देश भर के किसानों के साथ सीधा संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने किसान कल्याण और कृषि आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 35,440 करोड़ रुपए की दो महत्वाकांक्षी योजनाओं का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व सफलता हासिल करने वाले किसानों ने अपने अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए दो प्रमुख योजनाओं, प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और दलहन में आत्मनिर्भर मिशन की घोषणा की। प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना में 24,000 करोड़ रुपए का परिव्यय रखा गया है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और कृषि पद्धतियों में सुधार करना है। वहीं, दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन में 11,440 करोड़ रुपए के बजट के साथ यह मिशन देश को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित है। इन योजनाओं के अलावा, प्रधानमंत्री ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी 5,450 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। हरियाणा के हिसार जिले के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट किसान ने बताया कि वे काबुली चने की खेती के साथ-साथ मूल्य संवर्धन पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने 'दुगारी वाले' ब्रांड के नाम से चना, लहसुन और पापड़ जैसे उत्पाद बनाने के लिए 20 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है। उनके उत्पाद जीएएम पोर्टल के माध्यम से सेना को भी बेचे जा रहे हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने छोटे किसानों को समूह बनाकर खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसका एक सफल उदाहरण साझा करते हुए एक किसान ने बताया कि लगभग 1200 एकड़ भूमि पर अवशेष-मुक्त काबुली चने की खेती की जा रही है, जिससे बेहतर बाजार पहुंच और आय सुनिश्चित हुई है। गुजरात के अमरेली जिले के एक एफपीओ ने बताया कि कैसे 2 करोड़ रुपए के जमानत-मुक्त सरकारी ऋण ने उनके 1,700 किसानों के संगठन को सशक्त बनाया।एक किसान ने होटल में रूम बॉय के रूप में काम करने से लेकर 250 से अधिक गिर गायों की गौशाला के मालिक बनने तक की अपनी यात्रा साझा की, जिसमें पशुपालन मंत्रालय की 50 प्रतिशत सब्सिडी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के लाभार्थियों ने बताया कि कैसे इस योजना ने उन्हें नौकरी खोजने वाले से नौकरी देने वाला बना दिया है। कश्मीर के एक युवक ने मात्र दो वर्षों में 15 लाख रुपए का वार्षिक मुनाफा कमाया और 14 लोगों को रोजगार दिया। मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक युवा उद्यमी ने एरोपोनिक तकनीक से बिना मिट्टी के आलू के बीज उगाने की अपनी विधि का प्रदर्शन किया, जिसे प्रधानमंत्री ने मजाकिया अंदाज में "जैन आलू" कहा। कश्मीरी सेब उत्पादकों ने बताया कि कैसे रेल कनेक्टिविटी ने उनके उत्पादों को दिल्ली तक पहुंचाना आसान और सस्ता बना दिया है। किसानों ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जैसी योजनाओं से उन्हें बीज खरीदने और समय पर बुवाई करने में बहुत मदद मिली है। 6000 रुपए की वार्षिक सहायता हमारे लिए एक वरदान साबित हुई है। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने बाजरा जैसे मोटे अनाजों (श्री अन्न) को पानी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए जीवन रेखा बताया और प्राकृतिक खेती को धीरे-धीरे अपनाने का सुझाव दिया। सत्र का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने देश भर के किसानों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि उनकी सफलता की कहानियां दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। किसानों ने भी प्रधानमंत्री से सीधे बात करने का अवसर मिलने पर भावुक कृतज्ञता व्यक्त की।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से बदलेगी किसानी की तस्वीर: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रधानमंत्री  मोदी ने इंदौर में 30 लाख टन क्षमता के अत्याधुनिक दुग्ध चूर्ण संयंत्र का शुभारंभ किया प्रधानमंत्री  मोदी का मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माना आभार इंदौर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पी एम कृषि धन-धान्य कृषि योजना कृषि विकास के क्षेत्र में नया अध्याय लिखेगी। मुख्यमंत्री डॉ यादव शनिवार को इंदौर से केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा दिल्ली में आयोजित 'अन्नदाताओं का सम्मान, समृद्ध राष्ट्र का निर्माण" कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। कार्यक्रम को प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया और इंदौर में 30 लाख टन क्षमता के अत्याधुनिक दुग्ध चूर्ण संयंत्र का वर्चुअली शुभारंभ भी किया। प्रधानमंत्री  मोदी ने इंदौर, ग्वालियर सहित अन्य सहकारी संघों को पैक्स से जोड़े जाने को भी ऐतिहासिक बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश को दी गई इन सौगातों के लिए प्रधानमंत्री  मोदी का आभार माना। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री  मोदी के संबोधन का ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर इंदौर से वर्चुअली श्रवण किया। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री  तुलसीराम सिलावट, पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री  लखन पटेल, विधायकगण  मधु वर्मा,  रमेश मेंदोला,  मनोज पटेल, संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, कलेक्टर  शिवम वर्मा, मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ के एमडी डॉ. संजय गोवानी सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने देशभर के किसानों के लिए दो बड़ी योजना – प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्म-निर्भरता मिशन की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि पीएम धन-धान्य कृषि योजना देश के कृषि विकास और इससे जुड़े सेक्टर्स में आमूल-चूल परिवर्तन लाने की दिशा में एक नया अध्याय लिखेगी। उन्होंने कहा कि देश में अब तक 10 हजार एफपीओ के अंतर्गत 50 लाख किसान सदस्यता ले चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण कृषि मिशन में एक लाख किसानों का प्रमाणन, 4275 मैत्रीय का प्रमाणन, कंप्युटराइजेशन में 10 हजार से अधिक बहुउद्देशीय पैक्स को मंजूरी, डेयरी, मत्यपालन, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण जैसे कई प्रकार के कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया गया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री  मोदी ने मध्यप्रदेश के इंदौर में 30लाख टन की क्षमता और 79 करोड़ रुपये की लागत वाले आत्याधुनिक दुग्ध चूर्ण सयंत्र का वर्चुअली शुभारंभ भी किया है। साथ ही प्रदेश के इंदौर और ग्वालियर सहकारी संघों को पैक्स से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश को दी गई इन सौगातों के लिए प्रधानमंत्री  मोदी का आभार माना। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन से जहां कम उपज वाले देश के 100 जिलों में पैदावार बढ़ाने के प्रयासों को बल मिलेगा, वहीं दालों के उत्पादन में भी तेजी आएगी। इस विशेष कार्यक्रम में कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स की करीब 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाएं शामिल हैं। इनसे न केवल देश के किसान भाई-बहनों के जीवन में नई खुशहाली आएगी, बल्कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प भी और मजबूत होगा। वर्चुअल कार्यक्रम की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव का इंदौर जिले के किसानों द्वारा आत्मीय स्वागत-अभिनंदन किया गया।  

भारत-अर्कटिक कनेक्शन: पुतिन की पहल से चीन को टक्कर, बर्फीले मार्ग की अहमियत

मॉस्को/ नईदिल्ली  वैश्विक भू-राजनीति के बदलते परिदृश्य में, रूस और भारत के बीच सदियों पुरानी दोस्ती एक बार फिर नई ऊंचाइयों को छूने वाली है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दिसंबर में प्रस्तावित भारत यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि आर्कटिक क्षेत्र में एक ऐतिहासिक समझौते की नींव भी रखेगी। यह समझौता नॉर्दर्न सी रूट (NSR) और संसाधन विकास पर केंद्रित होगा जो भारत को आर्कटिक परिषद में बड़ी भूमिका दिलाने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। यह कदम न केवल आर्थिक अवसरों के द्वार खोलेगा, बल्कि चीन की बढ़ती आर्कटिक महत्वाकांक्षाओं के बीच रूस के लिए एक रणनीतिक संतुलन भी साबित होगा। पारंपरिक दक्षिणी समुद्री मार्गों की तुलना में छोटा यह मार्ग ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली की नॉर्दर्न सी रूट के विकास में संभावित भागीदारी को लेकर बातचीत चल रही है और संभावना है कि इस साल होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में इस दिशा में ठोस परिणाम सामने आ सकते हैं। नॉर्दर्न सी रूट रूस के उत्तरी तट के साथ आर्कटिक महासागर से होकर गुजरता है और पारंपरिक दक्षिणी समुद्री मार्गों की तुलना में करीब 40% छोटा है। इस मार्ग से यूरोप और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के बीच तेज, सुरक्षित और किफायती कार्गो परिवहन संभव हो सकेगा। जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा के दौरान दोनों देशों ने आर्कटिक शिपिंग में सहयोग की संभावनाओं को लेकर एक संयुक्त कार्य समूह बनाने पर सहमति जताई थी। यह समूह रूस के विशेष आर्कटिक विकास प्रतिनिधि व्लादिमीर पानोव (Rosatom) और भारत के नौवहन मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश कुमार सिन्हा की संयुक्त अध्यक्षता में काम कर रहा है। इस कार्य समूह की पहली बैठक अक्टूबर 2024 में नई दिल्ली में हुई, जिसमें आर्कटिक जहाज निर्माण परियोजनाओं में साझेदारी, भारतीय नाविकों को ध्रुवीय नौवहन प्रशिक्षण देने, और एनएसआर पर कार्गो शिपिंग सहयोग के लिए एक एमओयू तैयार करने पर चर्चा हुई। भारत को आर्कटिक काउंसिल में बड़ी भूमिका देना चाहता है रूस सूत्रों के अनुसार, रूस चाहता है कि भारत को आर्कटिक काउंसिल में अधिक प्रभावशाली भूमिका दी जाए। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि मॉस्को क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को संतुलित करना चाहता है। आर्कटिक इलाका जीवाश्म ईंधन और महत्वपूर्ण खनिजों से समृद्ध है, जिससे रूस और भारत दोनों के लिए यह रणनीतिक रूप से अहम बनता है। इसके साथ ही रूस इस बात पर भी जोर दे रहा है कि नॉर्दर्न सी रूट को ईरान के चाबहार बंदरगाह से जोड़ा जाए। भारत ने इस बंदरगाह के संचालन की जिम्मेदारी अगले दस वर्षों के लिए हासिल की है। रूस इस बंदरगाह का इस्तेमाल भारतीय महासागर क्षेत्र तक पहुंच के लिए करना चाहता है। पुतिन के आगामी भारत दौरे से उम्मीद की जा रही है कि भारत-रूस आर्कटिक सहयोग में एक नया अध्याय शुरू होगा, जो न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आर्कटिक: वैश्विक व्यापार का नया गेटवे आर्कटिक क्षेत्र पृथ्वी के सबसे ठंडे और संसाधन-समृद्ध इलाकों में से एक है। यह आज जलवायु परिवर्तन के कारण तेजी से पिघल रहा है। इससे न केवल नए शिपिंग मार्ग खुल रहे हैं, बल्कि तेल, गैस, दुर्लभ खनिजों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच भी आसान हो रही है। रूस आर्कटिक महासागर के 53 प्रतिशत तट को नियंत्रित करता है। वह इस क्षेत्र में अपनी प्रभुता कायम रखने के लिए सक्रिय है। 2024 में NSR से 37 मिलियन टन से अधिक माल ढोया गया, जो 2025 में और बढ़ने की उम्मीद है। भारत के लिए यह अवसर सुनहरा है। स्वेज कनाल या पनामा चैनल जैसे पारंपरिक मार्गों की तुलना में NSR एशिया और यूरोप के बीच यात्रा को 40 प्रतिशत छोटा कर देता है। इससे न केवल ईंधन की बचत होगी, बल्कि व्यापारिक लागत भी घटेगी। रूसी स्रोतों के अनुसार, पुतिन की यात्रा के दौरान NSR के उपयोग पर ठोस कार्रवाई की योजना बनेगी। इसमें भारत को रूसी आइसब्रेकर बेड़े (जिसमें 40 आइसब्रेकर और 8 न्यूक्लियर-संचालित जहाज शामिल हैं) का सहयोग मिलेगा। यह कदम चीन की 'पोलर सिल्क रोड' महत्वाकांक्षाओं का मुकाबला करने के लिए रूस की रणनीति का हिस्सा है। आर्कटिक में चीन की बढ़ती उपस्थिति रूस के लिए चुनौती बनी हुई है, और भारत का प्रवेश एक संतुलनकारी शक्ति के रूप में काम करेगा। भारत-रूस संबंध: इतिहास से वर्तमान तक भारत और रूस के बीच संबंध सोवियत काल से ही विशेष रहे हैं। 1971 के भारत-पाक युद्ध में सोवियत संघ का समर्थन हो या आज रूस का S-400 मिसाइल सिस्टम, दोनों देशों की साझेदारी रक्षा, ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में अटूट रही है। 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 63 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें रूसी तेल भारत का सबसे बड़ा आयात स्रोत बना। यूक्रेन संघर्ष के बावजूद, भारत ने रूसी ऊर्जा पर निर्भरता बनाए रखी, जिसकी आलोचना अमेरिका ने की। लेकिन राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में वलदाई चर्चा क्लब में कहा, "भारत हमारे ऊर्जा वाहकों को अस्वीकार करे तो उसे 9-10 अरब डॉलर का नुकसान होगा। हमारी साझेदारी मजबूत है।" पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "प्रिय मित्र" और "बुद्धिमान नेता" कहा, जो देश की भलाई के बारे में सोचते हैं।

चुनाव की घोषणा होते ही सभी राजनीतिक दल अर्लट : सीएम नीतीश हर दिन करेंगे चार चुनावी सभा, पीएम और राहुल की होंगी इतनी सभाएं

पटना बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही सभी राजनीतिक दलों ने ताबड़तोड़ चुनावी सभा करने की तैयारी कर ली है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और इंडिया गठबंधन अपने अपने स्टार प्रचारकों की सभाओं पर पूरा फोकस कर रहा है। इस बार पहले चरण में सबसे अधिक चुनावी सभा भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं की होगी। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की 25-25 चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 10 से अधिक चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। सीएम नीतीश कुमार भी अपना संबोधन देंगे खास बात यह है कि पीएम मोदी की चुनावी सभा में सीएम नीतीश कुमार भी अपना संबोधन देंगे। पीएम मोदी की हर तीन में एक सभा उस क्षेत्र में होगी, जहां एनडीए के घटक दलों के उम्मीदवार हैं। वहीं दो सभा भाजपा के उम्मीदवारों के क्षेत्र में होगी। प्रधानमंत्री की सभाओं में मंच पर एनडीए के उम्मीदवारों को भी जगह मिलेगी। जनता दल यूनाईटेड की ओर से सीएम नीतीश कुमार 10 अक्टूबर से अपने चुनावी अभियान पर निकलेंगे। इस दौरान वह हर दिन चार चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। वह हेलीकॉप्टर से अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभा करेंगे। कई जगहों पर वह रोड शो भी कर सकते हैं। राहुल गांधी की 10 से अधिक चुनावी सभा इधर, इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी भी 10 से अधिक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे।  जबकि, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की छह से अधिक चुनावी सभी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की पांच चुनावी सभा होने वाली है। तेजस्वी यादव की चुनावी सभा की घोषणा अब तक नहीं की गई है। संभावना है कि सीट शेयरिंग पर खुलासा होने के बाद अपनी चुनावी सभा की भी घोषणा कर देंगे। पहले चरण में इन 18 जिलों में होगा विधानसभा चुनाव         मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर, बक्सर।

रेल नेटवर्क का विस्तार: केंद्र ने ₹24,634 करोड़ के प्रोजेक्ट्स को दी मंजूरी, 18 जिलों को मिलेगा फायदा

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने भारतीय रेल के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुपरफास्ट ट्रैक पर लाने के लिए बड़ा कदम उठा लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की बैठक में आज रेलवे मंत्रालय के चार बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. इनकी कुल लागत 24,634 करोड़ रुपये है. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में 894 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाई जाएंगी. इससे माल ढुलाई से लेकर पैसेंजर ट्रैफिक तक सब कुछ तेज़ और आसान होगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘आज रेलवे के चार अहम प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. इनसे ना सिर्फ नई गाड़ियां चलेंगी बल्कि हर साल करोड़ों लीटर डीजल की बचत होगी.’ चार बड़े रेल प्रोजेक्ट जिन्हें मिली मंजूरी 1. वर्धा-भुसावल (तीसरी और चौथी लाइन) कुल लंबाई 314 किमी, लागत 9,197 करोड़ रुपये. इससे महाराष्ट्र के औद्योगिक इलाकों को तेज रेल कनेक्टिविटी मिलेगी और सालाना करीब 9 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी. 2. गोंदिया-डोंगरगढ़ (चौथी लाइन) 84 किमी लंबा प्रोजेक्ट, लागत 4,600 करोड़ रुपये. यह लाइन महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के टूरिस्ट सर्किट से होकर गुजरेगी. साथ ही 4.6 करोड़ लीटर डीजल की सालाना बचत होगी. 3. वडोदरा-रतलाम (तीसरी और चौथी लाइन) 259 किमी लंबा प्रोजेक्ट, गुजरात और एमपी के बीच. लागत करीब 7,600 करोड़ रुपये और अनुमानित 7.6 करोड़ लीटर डीजल की बचत. 4. इटारसी-भोपाल-बिना (चौथी लाइन) 237 किमी की लाइन, लागत 3,237 करोड़ रुपये. हर साल 6.4 करोड़ लीटर डीजल की बचत और माल ढुलाई में तेजी. PM Gati Shakti योजना के तहत ‘रेलवे की नई रफ्तार’     ये सभी प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत लागू किए जा रहे हैं, जो मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करती है. इससे देश की लॉजिस्टिक लागत घटेगी, तेल आयात में कमी आएगी और पर्यावरण पर बोझ भी घटेगा.     सरकार का दावा है कि इन प्रोजेक्ट्स से 28 करोड़ लीटर तेल की बचत और 139 करोड़ किलो CO₂ उत्सर्जन में कमी होगी – जो 6 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.     इन चार प्रोजेक्ट्स से 3,600 से ज्यादा गांवों और करीब 85 लाख लोगों को डायरेक्ट रेल कनेक्टिविटी मिलेगी. विदिशा और राजनांदगांव जैसे आकांक्षी जिलों में विकास की रफ्तार बढ़ेगी.     रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, ‘नई लाइनें खुलने से रोजगार और स्वरोजगार के हज़ारों मौके बनेंगे. कोयला, सीमेंट, स्टील, अनाज जैसी वस्तुओं की ढुलाई आसान होगी. रेलवे का माल परिवहन सालाना 78 मिलियन टन बढ़ेगा.’ रेलवे में अब तक 1.5 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट मंजूर पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में सिर्फ रेलवे सेक्टर में अब तक डेढ़ लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा चुकी है. वहीं कुल मिलाकर देशभर में 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी मिल चुकी है. रेल मंत्री ने बताया कि इस साल दीपावली और छठ पर्व पर 12 हजार ट्रेनें चलाई जाएंगी, ताकि ट्रैफिक लोड संभाला जा सके. उन्होंने कहा, ‘ये सिर्फ इसलिए मुमकिन हुआ क्योंकि पिछले कुछ सालों में रेलवे की कैपेसिटी बिल्डिंग पर बड़े पैमाने पर काम हुआ है.’  

भारत शांति चाहता है’– पीएम मोदी ने गाजा पर ट्रंप के शांति प्रस्ताव को दिया समर्थन

नई दिल्ली डोनाल्ड ट्रंप के पीस प्लान की घोषणा के बाद गाजा में शांति प्रयासों पर बड़ी प्रगति के संकेत मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप की पहल की सराहना करते हुए कहा कि बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम है. पीएम मोदी ने अपने संदेश में लिखा, 'हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करते हैं क्योंकि गाजा में शांति प्रयास निर्णायक प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं.' सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, 'बंधकों की रिहाई के संकेत एक बड़ा कदम हैं. भारत टिकाऊ और न्यायपूर्ण शांति के सभी प्रयासों का मजबूती से समर्थन करता रहेगा.' कई अन्य वैश्विक नेता भी ट्रंप की इस पहल की सराहना कर रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया ने भी किया समर्थन ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी ट्रंप की योजना का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रपति ट्रंप की योजना में हुई प्रगति का स्वागत करता है. हमास को तुरंत हथियार डालकर शेष सभी बंधकों को रिहा करना चाहिए. ऑस्ट्रेलिया अपने साझेदारों के साथ युद्ध खत्म करने और न्यायपूर्ण व टिकाऊ समाधान की दिशा में प्रयासों का समर्थन जारी रखेगा.' ट्रंप का 'पीस प्लान' शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐलान किया कि 'हमास स्थायी शांति के लिए तैयार है.' उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से इजरायल से गाजा पर हमले तुरंत रोकने का आह्वान किया. हमास ने योजना के कुछ हिस्सों का स्वागत किया है, लेकिन कुछ प्रावधानों पर असहमति जताते हुए अतिरिक्त बातचीत की मांग रखी.  संगठन ने कहा है कि वह सभी 48 शेष बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है. योजना के मुताबिक, स्थायी युद्धविराम लागू होने के 72 घंटे के भीतर बंधकों की रिहाई होगी. इसके बदले में 2,000 से अधिक फिलिस्तीनी सुरक्षा बंदियों और मारे गए गाजावासियों के शवों को सौंपा जाएगा, साथ ही इजरायल गाजा से पहले चरण में वापसी करेगा. इजरायल ने क्या कहा? इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने भी इस योजना पर प्रतिक्रिया दी है. शनिवार देर रात जारी एक बयान में कहा गया, 'इजरायल ट्रंप की योजना के पहले चरण के तत्काल कार्यान्वयन के लिए तैयार है, जिसके तहत सभी बंधकों की रिहाई शामिल है.'