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प्रदेश में अब तक 1210.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज, सामान्य से अधिक बारिश

रायपुर, छत्तीसगढ़ में अब तक 1210.4 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बस्तर जिले में सर्वाधिक 1633.3 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 554.0 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर संभाग में रायपुर जिले में 1159.6 मि.मी., बलौदाबाजार में 1004.8 मि.मी., गरियाबंद में 1233.9 मि.मी., महासमुंद में 1065.1 मि.मी. और धमतरी में 1149.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर संभाग में बिलासपुर जिले में 1205.1 मि.मी., मुंगेली में 1183.0 मि.मी., रायगढ़ में 1396.7 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1116.1 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1413.5 मि.मी., सक्ती में 1274.2 मि.मी., कोरबा में 1179.3 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 1112.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। दुर्ग संभाग में दुर्ग जिले में 948.2 मि.मी., कबीरधाम में 892.0 मि.मी., राजनांदगांव में 1012.5 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1462.0 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 919.1 मि.मी. और बालोद में 1317.0 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। सरगुजा संभाग में सरगुजा जिले में 799.0 मि.मी., सूरजपुर में 1183.2 मि.मी., बलरामपुर में 1579.6 मि.मी., जशपुर में 1105.3 मि.मी., कोरिया में 1253.4 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1138.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बस्तर संभाग में कोंडागांव जिले में 1213.5 मि.मी., कांकेर में 1421.6 मि.मी., नारायणपुर में 1472.6 मि.मी., दंतेवाड़ा जिले में 1622.4 मि.मी., सुकमा जिले में 1306.9 मि.मी. और बीजापुर जिले में 1615.0 मि.मी. की औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

मौसम अलर्ट: छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में बिजली गिरने की संभावना, बारिश में होगी कमी

रायपुर छत्तीसगढ़ में आने वाले दिनों में बारिश में कमी आने की संभावना जताई गई है। रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में आंशिक रूप से हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान लगभग 32° और न्यूनतम 24° डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। हालांकि अब पश्चिमी झारखंड व दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश में सक्रिय कम दबाव क्षेत्र धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र ने चेताया है कि वर्षा के दौरान बिजली गिरने और जल जमाव की संभावना बनी हुई है। नागरिकों और प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क रहने की अपील की गई है। रायपुर में पांच अक्टूबर को मौसम सामान्यतः मेघमय रहेगा। हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक की संभावना है। हालांकि पिछले दिनों की अपेक्षा तापमान में सामान्य से हल्का अंतर देखा गया। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बारिश की कमी और दबाव क्षेत्र की स्थिति के कारण अगले दिन हल्की बारिश की संभावना है। शहरवासियों को बिजली गिरने और जल जमाव से सतर्क रहने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ के अन्य जिलो में तापमान बिलासपुर में अधिकतम तापमान 30.6° और न्यूनतम 24.8°, अंबिकापुर में 28° और 22.5°, जगदलपुर में 30.2° और 22.5° डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। पेंड्रारोड और दुर्ग में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। चेतावनी और सावधानियां मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि बारिश के दौरान बिजली गिरने और स्थानीय जल जमाव की संभावना बनी हुई है। प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। कम दबाव क्षेत्र की स्थिति के कारण आंशिक बारिश और गरज-चमक का दौर जारी रहेगा। आगामी दिनों में मौसम में स्थिरता आएगी और बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे कम होगी। फिर भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। नागरिकों से सड़क, नाले और जल जमाव वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतने की अपील की गई है।

अगस्त में हिमाचल में 68% ज्यादा बारिश, पंजाब तक प्रभावित, संपत्ति का भारी नुकसान

शिमला  हिमाचल प्रदेश में इस साल अगस्त की बारिश ने 76 साल के रिकॉर्ड तोड़ डाला हैं। अगस्त में सामान्य से 68 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे हैं। 1949 से आज तक अगस्त में कभी भी इतनी बारिश नहीं हुई। एक से 31 अगस्त के बीच 256.8 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है. मौसम विभाग के अनुसार, 1948 में 456.5 मिलीमीटर रिकॉर्ड बारिश थी। 1949 के बाद कभी भी इतनी भारी बारिश नहीं हुई। बीते 15 सालों में रिकॉर्ड बारिश 2019 में नॉर्मल से 23 प्रतिशत ज्यादा थी। अगस्त में आज तक की रिकॉर्ड बारिश 98 साल पहले यानी 1927 में 542.4 मिलीमीटर है। कुल्लू जिला में तो सामान्य से 165 प्रतिशत अधिक यानी डबल से भी 65 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। कुल्लू में अगस्त में 180.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, इस बार 477.5 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। कुल्लू के बाद शिमला जिला में भी सामान्य से 123% ज्यादा बादल बरसे हैं। शिमला में इस अवधि में 196.4 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 438 मिलीमीटर बारिश हुई है। ऊना जिला में सामान्य से 119% ज्यादा और सोलन में सामान्य से 118% ज्यादा बारिश हुई। 4 जिलों में डबल से भी ज्यादा बारिश प्रदेश में 4 जिले ऐसे हैं, जहां डबल से भी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। यही भारी बारिश तबाही का बड़ा कारण है। मानसून सीजन यानी 1 जून से 31 अगस्त तक भी सामान्य से 35 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। इस अवधि में प्रदेश में औसत सामान्य बारिश 613.8 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार 826.8 मिलीमीटर बादल बरस चुके हैं। इस साल अगस्त में ऊना जिला 2 अगस्त को सर्वाधिक 222.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। 3056 करोड़ की संपत्ति नष्ट, 844 घर जमीदोंज प्रदेश में इससे 3056 करोड़ रुपए की सरकारी व प्राइवेट प्रॉपर्टी नष्ट हो चुकी है। मानसून सीजन में 320 लोगों की मौत, 844 घर पूरी तरह जमींदोज, 3254 घरों को आंशिक नुकसान, 472 दुकानें और 3710 घर टूट चुके हैं। बादल फटने की 45 घटनाओं से तबाही प्रदेश में इस सीजन में लैंडस्लाइड की 95 बड़ी घटनाओं, बाढ़ की 91 और बादल फटने की 45 घटनाओं से बड़े पैमाने पर जान व माल का नुकसान हुआ है। इससे न केवल हिमाचल बल्कि पड़ोसी राज्य पंजाब पर भी असर पड़ा है। पंजाब के कई इलाके इससे जलमग्न हो गए और भारी नुकसान हुआ। हिमाचल के सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि इस मानसून सीजन में जानी नुकसान कम हुआ है। मगर संपत्ति को साल 2023 की आपदा से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है।