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सीट शेयरिंग पर नहीं बनी बात! CPI-ML ने RJD का प्रस्ताव किया खारिज

पटना.  बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग को लेकर एक बार फिर से सिर फुटव्वल शुरू हो गया है. सूत्रों से मिली बड़ी जानकारी के मुताबिक, भाकपा-माले (CPI-ML) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के 19 सीटों के ऑफर को ठुकरा दिया है. पार्टी ने सीटों की अदला-बदली के प्रस्ताव को भी खारिज करते हुए साफ कहा है कि वे जल्द अपनी नई 30 सीटों की सूची आरजेडी को सौंपेंगे. सूत्रों के अनुसार, आरजेडी की ओर से CPI-ML को 19 सीटों का ऑफर दिया गया था, जिसमें पिछली बार की कुछ सीटों में अदला-बदली (एक्सचेंज) का सुझाव भी शामिल था. लेकिन भाकपा-माले ने इस प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया है. पार्टी ने कहा है कि वे 2019 और 2020 के चुनावों में अपने मजबूत प्रदर्शन के आधार पर अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं. वहीं सीट शेयरिंग को लेकर मुकेश सहनी ने कहा कि 243 सीटों पर बंटवारे को लेकर हम लोगों पर दबाव है. बैठकें लगातार चल रही हैं और हर एक चीज पर चर्चा हो रही है. मुकेश साहनी ने बताया कि हम लोग रात 2 बजे तक बैठे थे और आज फिर बैठक होगी. सीटों के शेयरिंग में समस्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई उलझन नहीं है. हमारे सभी गठबंधन के साथियों को पता है कि राज्य में 243 सीटें हैं और सभी को एडजस्ट करना है. सभी को उनके जनाधार के अनुसार सम्मानजनक सीटें मिलेंगी. मैं खुद यह मानता हूं कि किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा और सबको उचित सीटें दी जाएंगी.  

RJD में हलचल: बिहार चुनाव से पहले नेता का अचानक इस्तीफा

पटना बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के अगले ही दिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पार्टी के मधुबनी प्रभारी अनिसुर रहमान ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। खबर है कि पार्टी में टिकट बंटवारे को उनकी नाराजगी चल रही थी, जिस वजह से उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया। RJD नेतृत्व की टेंशन बढ़ी अनिसुर रहमान ने पार्टी पर उनको किनारे कर देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, मधुबनी सहित कई जिलों में टिकट तय करने में स्थानीय कार्यकर्ताओं और जिला इकाई से कोई राय नहीं ली गई। वहीं मधुबनी प्रभारी के इस्तीफे ने RJD नेतृत्व की टेंशन बढ़ा दी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अनिसुर रहमान पिछले कुछ दिनों से पटना में नेतृत्व से मुलाकात करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बात नहीं बन पाई। बता दें कि सोमवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेंस कॉन्फ्रेस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने तारीखों की घोषणा की है। राज्य में दो चरणों में चुनाव होंगे। राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आगामी छह नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा तथा मतगणना 14 नवंबर होगी।

पीएम मोदी का युवाओं से वर्चुअल संवाद: राजद के कुशासन में बिगाड़ी बिहार की स्थिति

पटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ देर में बिहार के युवाओं के साथ ऑनलाइन संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले एक कार्यक्रम होना था। लेकिन, सोने पर सुहागा हो गया कि भारत सरकार के आईटीआई के कार्यक्रम के साथ बिहार सरकार के भी कई कार्यक्रम हो गए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार नेतृत्व में बिहार का काफी विकास हुआ है। युवा आयोग, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड समेत कई योजना बिहार के युवाओं के बेहतर भविष्य की गारंटी है। आज बिहार के युवाओं के सशक्तिकरण का यह मेगा प्रोग्राम है। यह दिखाता है कि एनडीए सरकार बिहार के नौजवानों और महिलाओं को कितनी प्राथमिकता देती है। आज 21वीं सदी की मांग है कि हम देश की जड़ों को ध्यान में रखें। लोकल टेलेंट, लोकल स्किल, लोकल नॉलेज को तेजी से आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है। यह काम देश के आईटीआई कर रहा है। बीते 11 साल में डेढ़ करोड़ से ज्यादा नौजवान अलग-अलग ट्रेडों में प्रशिक्षित हो चुकी है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन युवाओं को उनकी स्थानीय भाषाओं में उनकी स्किल सिखाई गई है। पीएम मोदी ने कहा कि इस साल भी 10 लाख से ज्यादा छात्र ऑल इंडिया ट्रेड में शामिल हुए। इनमें से 45 टॉपर्स साथियों को मुझे सम्मानित करते का अवसर मिला। इसमें बड़ी संख्या में वो नौजवान शामिल हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। इन्हें देखकर मुझे इनमें लघु भारत नजर आता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की वर्कशॉप है। साल 2014 तक हमारे देश में 10 हजार आईटीआई बने थे। लेकिन, बीते एक दशक में करीब पांच हजार नए आईटीआई बने। यानी देश आजाद होने के बाद 2014 तक 10 हजार और मोदी के आने के बाद नई पांच हजार आईटीआई बने। आज पीएम सेतु योजना का भी शुभारंभ हुआ। यह योजना दुनिया की स्किल डिमांड से भारत के युवा साथियों को जोड़ेगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने लालू-राबड़ी राज को याद करते हुए कहा कि दो दशक पहले राजद के कुशासन ने बिहार की हालत खराब कर दी थी। शिक्षा व्यवस्था का हाल ऐसा हो गया था कि मां-बाप को अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए बाहर भेजना पड़ता था। लेकिन, जनता ने नीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार को चुना। आज बिहार के बच्चे अपने राज्य में बेहतर शिक्षा हासिल कर रहे हैं। 'आजकल लोग जननायक शब्द की भी चोरी कह रहे हैं' पीएम मोदी ने कहा कि आज सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने युवाओं के कौशल विकास के लिए जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की है। यह विवि बिहार के युवाओं के भविष्य के मील का पत्थर साबित होगा। वहीं पिछले कुछ दिनों में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को जननायक कहने पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के लोगों को मैं कहन चाहता हूं कि आप चौकन्ने रहिए आजकल लोग जननायक शब्द की भी चोरी कह रहे हैं। मैं बिहार के लोगों से कहूंगा कि हमारे कर्पूरी ठाकुर जी के लिए जिस जननायक शब्द का उपयोग किया गया उसकी चोरी न हो। कर्पूरी ठाकुर ने समाज में अतुलनीय योगदान दिया। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को ब्याज मुक्त कर दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के युवाओं का सामर्थ बढ़ाने के लिए एनडीए सरकार काम कर रही है। राजद-कांग्रेस की सरकार की तुलना में एनडीए सरकार ने शिक्षा का बजट कई गुना बढ़ा दिए हैं। 'कौशल और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं हो सकता है' पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले भारत में ग्रोथ कम थे। रोजगार भी बहुत कम थे। लेकिन, आज भारत दुनिया के टॉप तीन अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। बड़े उद्योग से लेकर हमारे एमएसएमई में अभूतपूर्व बदलाव हुआ। मुद्रा योजना ने करोड़ों युवाओं को अपना रोजगार शुरू करने में मदद की। पीएम मोदी ने कहा कि हर चीज का विकल्प हो चुका है लेकिन कौशल और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं हो सकता है। आप सभी युवाओं की शक्ति देश की शक्ति बनेगी।   युवाओं से संवाद करने से पहले पीएम मोदी ने देश भर के चुनिंदा टॉपर्स को सम्मानित किया। इस दौरान वह युवाओं को 62 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की योजनाओं की सौगात दी। वहीं देशभर के एक हजार सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) के विकास के लिए पीएम-सेतु योजना का शुभारंभ भी किया। पीएम मोदी के कार्यक्रम में 200 से अधिक आईटीआई जुड़े। इसमें 50 से अधिक बिहार से हैं। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री बिहार के युवाओं के लिए मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना की भी शुरुआत की। इस योजना के तहत युवाओं को दो साल तक हर महीने एक हजार रुपए की मदद दी जाएगी। इससे प्रदेश के करीब पांच लाख युवाओं को फायदा मिलेगा। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बिहार सरकार युवाओं की शिक्षा और कौशल विकास के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। आज सुबह करीब 11 बजे नई दिल्ली के विज्ञान भवन में कई योजनाओं की शुरुआत के साथ ही एक ऐतिहासिक पहल ‘पीएम-सेतु’ के शुभारंभ का सौभाग्य मिला। इससे राज्य के मेरे युवा साथियों के लिए अवसरों के कई नए द्वार खुलने वाले हैं। छात्र-छात्राओं ने दिया सरकार को धन्यवाद पीएम मोदी के संवाद कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी समेत बिहार के कई वरिष्ठ मंत्री और सांसद इस कार्यक्रम में जुड़े। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार की उपलब्धियां गिनाई। कहा कि आने समय में एक करोड़ लोगों को बिहार सरकार सरकारी नौकरी और रोजगार देगी। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का लाभ लेने वाली कुमारी संजना ने कहा कि इस योजना के तहत हजार रुपये प्रतिमाह मिलने से काफी लाभ मिला। इसके लिए मैं पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद देता हूं। वैशाली निवासी अतुल राज ने कहा कि मैंने पटना सायंस कॉलेज से स्नातक किया है। वर्तमान में मैं सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं।मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का लाभ मुझे मिल रहा है। इसके लिए मैं सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी को धन्यवाद दे रहा हूं। सहरसा निवासी शाकिब अहमद ने कहा कि मेरी आर्थिक … Read more

तेजस्वी ने क्यों चुनी राहुल से अलग राह? कांग्रेस बहिष्कार के बाद महागठबंधन पर मंडराया संकट

पटना  क्या बिहार महागठबंधन में सब कुछ ठीक है? यह सवाल तब से खड़ा होना शुरू हुआ है जब से तेजस्वी यादव ने अपनी अलग ‘बिहार अधिकार यात्रा’ निकालने की घोषणा की है. अब तक महागठबंधन के प्रमुख दल राजद और कांग्रेस के बीच की खटपट साफ तौर पर सियासी सतह पर दिखाई देने लगी है. हाल में ही इसकी एक बानगी बिहार के औरंगाबाद में तब दिखी जब कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम के आमंत्रण के बावजूद राजद का कोई भी नेता वहां नहीं पहुंचा. जानकारी के अनुसार, औरंगाबाद के कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र में बीते 13 दिसंबर को एक सम्मेलन बुलाया गया था. कांग्रेस अध्यक्ष के बुलाए गए इस सम्मेलन में राजद नेताओं के नहीं आने से कांग्रेस के अंदर इसको लेकर भारी नाराजगी देखी जा रही है. खास बात यह है कि अब इसी विवाह भवन में आरजेडी सम्मेलन अपना सम्मेलन कर रहा है. सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और राजद के भीतर तल्खी इतनी बढ़ गई हैं कि दोनों दलों के बीच की दरारें साफ-साफ नजर आने लगी हैं! कांग्रेस का आमंत्रण और राजद का बहिष्कार दरअसल, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के आयोजित सम्मेलन में राजद के नेताओं के नहीं पहुंचने की खबर ने गठबंधन के उठापटक को और हवा दी है. बता दें कि राजद के नेता तेजस्वी यादव 16 सितंबर से अपनी अलग राजनीतिक यात्रा निकाल रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह स्थिति कांग्रेस के तेवरों को भांपते हुए गठबंधन में राजद के अलगाव की स्थिति की ओर इशारा कर रही है. तेजस्वी यादव के अलग कार्यक्रम और इससे पहले औरंगाबाद में कांग्रेस के कार्यक्रम का राजद नेताओं के बायकाट के साथ ही राजद की ‘एकला चलो’ वाली सक्रियता यह संकेत दे रही है कि महागठबंधन में कुछ तो गड़बड़ है. बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित नहीं किये जाने से आरजेडी असंतुष्ट है. जानकारों की नजर में कांग्रेस-आरजेडी की इस तल्खी से महागठबंधन में समन्वय बिगड़ रहा है और सहयोगी दलों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं. तेजस्वी की बिहार यात्रा का रोडमैप तेजस्वी यादव की मंगलवार से शुरू हो रही 'बिहार अधिकार यात्रा' का आगाज़ जहानाबाद से होगा. इसके बाद तेजस्वी नालंदा, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, समस्तीपुर के रास्ते वैशाली तक का सफर तय करेंगे. इस तरह तेजस्वी यादव अपनी यात्रा के दौरान नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा जिले से होकर गुजरेंगे तो गिरिराज सिंह के गढ़ बेगूसराय और पप्पू यादव के मधेपुरा और सुपौल की यात्रा भी करेंगे. बिहार के जिन जिलों से होकर तेजस्वी यादव गुजरेंगे, वो इलाका बीजेपी और जेडीयू का मजबूत गढ़ माना जाता है. इस तरह से एक बात साफ है कि तेजस्वी 'बिहार अधिकार यात्रा' के जरिए अपने कमज़ोर माने जाने वाले गढ़ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर आरजेडी के पक्ष में सियासी माहौल बनाने की कवायद करेंगे. तेजस्वी को क्यों निकालनी पड़ रही यात्रा? राहुल गांधी की यात्रा समाप्त हुए अभी 15 दिन ही गुज़रे हैं कि तेजस्वी यादव अकेले बिहार यात्रा पर निकलने जा रहे हैं. राहुल गांधी के साथ तेजस्वी ने वोटर अधिकार यात्रा के जरिए 1300 किलोमीटर का सफर तय किया है और अब तेजस्वी अकेले दस जिलों की यात्रा पर निकल रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राहुल गांधी ने अपनी वोटर अधिकार यात्रा से बिहार कांग्रेस में एक नई जान फूँक दी है. राहुल गांधी के साथ यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव को भी प्रमुखता मिली, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भी जनता का ध्यान अपनी तरफ खींचा. राहुल की यात्रा का सियासी लाभ आरजेडी को कम, कांग्रेस को ज़्यादा मिला है. यात्रा से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं और सीट शेयरिंग से लेकर मुख्यमंत्री चेहरे के सवाल पर अपनी मर्ज़ी की बात रख रही है. कांग्रेस यह बताने में जुट गई है कि वो आरजेडी के बैसाखी के सहारे नहीं, बल्कि उसका अपना जनाधार और राजनीतिक कद है. राहुल गांधी ने अपने भाषणों से जनता को यह संदेश दिया कि कांग्रेस बिहार के मुद्दों को लेकर गंभीर है. तेजस्वी यादव अकेले यात्रा निकालकर आरजेडी नेताओं और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने की रणनीति अपनाए हैं. यही वजह है कि आरजेडी की तरफ से तेजस्वी के यात्रा का संदेश सिर्फ पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भेजा गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव अपनी खुद की यात्रा से यह साबित करना चाहते हैं कि वह महागठबंधन के निर्विवाद नेता हैं और मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में जनता की पहली पसंद हैं. तेजस्वी जनता से सीधे जुड़ने का प्लान तेजस्वी यादव अपनी यात्रा के जरिए एक तरफ जहां अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जनता से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं. आरजेडी नेता संजय यादव कहते हैं कि राहुल गांधी के साथ जो यात्रा थी, वो एसआईआर के मुद्दे पर रही है. वह वोटर अधिकार यात्रा थी और अब तेजस्वी बिहार के अधिकार के लिए यात्रा पर निकल रहे हैं. संजय कहते हैं कि तेजस्वी यादव अपनी यात्रा के दौरान किसान, नौजवान, महिलाएं, बुजुर्ग और रोज़गार के मुद्दे को उठाएंगे और लोगों के साथ संवाद करेंगे. चुनाव के दौरान हर पार्टी अपने लिहाज़ से रणनीति बनाती है, उसी तरह आरजेडी ने अपनी रणनीति बनाई है. तेजस्वी की लोकप्रियता बिहार में सबसे ज़्यादा है और वे प्रदेश के सभी क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं, जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं. वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी का यह कदम सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. तेजस्वी अपने पिता आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की तरह जनता से सीधे तौर पर संवाद और उनसे जुड़ना चाहते हैं. लालू यादव भी हमेशा यात्राओं और रैलियों के जरिए लोगों से सीधे संवाद करते थे. तेजस्वी की यह यात्रा लालू की उस विरासत को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है. आरजेडी ने तेजस्वी की यात्रा को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षों और विधायकों को साफ निर्देश दिया है कि वे तैयारी में कोई कसर न छोड़ें. यात्रा जिन-जिन विधानसभा क्षेत्रों से गुज़रेगी, वहाँ पर भीड़ जुटाएँ ताकि तेजस्वी यादव जनता से सीधे संवाद कर सकें. खास बात यह होगी कि … Read more

राजद में इस्तीफों का दौर शुरू, चुनाव से पहले जिलाध्यक्ष और प्रधान महासचिव ने छोड़ा पद

मुंगेर बिहार में विधानसभा चुनाव की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे पार्टियों में उलटफेर भी शुरू हो गया है। इस क्रम में राजद को मुंगेर में बड़ा झटका लगा है। राजद के जिलाध्यक्ष त्रिलोकी नारायण शर्मा तथा प्रधान महासचिव संतोष कुमार यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पत्र जारी कर इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को भेजा है। इसे लेकर यह कयास लगाया जा रहा है कि वे इन दिनों राजद में अपनी पूछ को घटता देख खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे तथा इसके कारण पार्टी नेतृत्व से खफा चल रहे थे। बताते चलें कि पिछले दो बार से राजद ने मुंगेर जिले में केवल एक समुदाय की पार्टी होने का दाग मिटाने के खयाल से पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाया था। इसके तहत पहले बरियारपुर प्रखंड निवासी देवकीनंदन सिंह को तथा इस बार सदर प्रखंड निवासी त्रिलोकी नारायण शर्मा को जिलाध्यक्ष बनाया था, पर त्रिलोकी नारायण शर्मा के साथ ही पार्टी के प्रधान महासचिव संतोष कुमार यादव ने भी एक साथ इस्तीफा दिया है। इससे कहीं न कहीं यह जरूर लग रहा है कि शायद पार्टी में उन्हें वह सम्मान नहीं मिल रहा था, जो एक जिलाध्यक्ष तथा प्रधान महासचिव को मिलना चाहिए। हालांकि, अंदरखाने से यह बात सामने आ रही है कि 21 अगस्त को कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव वोट अधिकार यात्रा के तहत मुंगेर आने वाले हैं, तथा इस कार्यक्रम को लेकर दोनों ही नेताओं को इसमें उचित स्थान नहीं दिया गया अथवा उन्हें इस कार्यक्रम से दूर रखा गया है।