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बंगाल फतह की तैयारी में BJP, छह महीने पहले ही RSS के साथ शुरू हुआ मिशन

कोलकत्ता  बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के बड़े मिशन के लिए छह महीने पहले से ही अपनी तैयारी अपनी चुनावी जमीनी तैयारियों पर अमल शुरू कर दिया है। राज्य में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों और सभी हिस्सो में अपनी पहुंच को मजबूत करने के लिसए पार्टी ने तीन स्तरीय रणनीति पर काम करना शुरू किया है। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी उसकी मदद कर रहा है। इस रणनीति में आरएसएस के कार्यकर्ता ओपीनियन लीडर और बीजेपी के बूथ कार्यकर्ता बिना कीसी शोर शराबे के लोगों को बदलाव के लिए तैयार कर रहे हैं। बता दें कि हाल के वर्षो में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में तेजी से अपना प्रभाव बढ़ाया है। तीन दशकों तक राज करने वाले वामपंथी दलों और उनके पहले सत्ता में रही कांग्रेस को बीजेपी ने सत्ता की लड़ाई से ही बाहर कर दिया है। अब लड़ाई में सत्तारूढ़ टीएमसी और ममता बनर्जी ही बची हैं। पिछले चुनाव में तीन से 77 तक पहुंची थी बीजेपी पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी सीटें तीन से बढ़ाकर 77 तक पहुंचा दी थीं। कांग्रेस और वामपंथी दलों का तो खाता भी नहीं खुल पाया था। तब बीजेपी ने बदलाव का एक माहौल तैयार कर दिया था। ममता बनर्जी ने सीधी लड़ाई में भारी जीत दर्ज की थी। हालांकि बीजेपी को अपनी जमीन मजबूत करने का मौका मिल गया था। कैसे गांव-गांव तक पहुंच रही बीजेपी बीजेपी ने पहले खुद को नीचे के स्तर पर मजबूत करना शुरू किया। संगठन में कुशल रणनीतिकार माने जाने वाले सुनील बंसल को बड़ी जिम्मेदारी दी गई। बीजेपी ने जमीनी स्तर पर जन-जन तक पहुंच बनाने के लिए ओपीनियन लीडर्स तैयार किए। पार्टी के एक बड़े नेता का कहना है कि लोगों में घुसपैठ को लेकर काफी नाराजगी है। इसके अलावा टीएमसी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी बढ़ रही है। बीजेपी को अब लोगों को बदलाव का भरोसा दिलाना है। इसके लिए कार्यकर्ताओं से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक प्रयासरत है।

RSS कार्यक्रम को नहीं मिली मंजूरी, कर्नाटक सरकार के निर्णय पर गरमाई सियासत

चित्तपुर  कर्नाटक के चित्तपुर में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पथ संचलन कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी गई। राज्य सरकार में मंत्री प्रियंक खरगे का गृह निर्वाचन क्षेत्र चित्तपुर है, जहां अधिकारियों ने शांति और कानून-व्यवस्था भंग होने की आशंका का हवाला दिया। नगर पालिका परिषद ने मुख्य सड़क पर आरएसएस की ओर से लगाए गए कट-आउट और बैनर पुलिस सुरक्षा के बीच हटा दिए थे। उसने कहा था कि इन्हें मार्च की इजाजत देने से पहले लगाया गया थे। चित्तपुर के तहसीलदार ने अपने आदेश में कहा, ‘चित्तपुर में शांति व कानून-व्यवस्था भंग होने से रोकने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए 19 अक्टूबर को होने वाले आरएसएस के पथ संचलन कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार किया जाता है। इसके साथ ही आवेदन खारिज किया जाता है।’ कर्नाटक सरकार ने भी आदेश जारी कर निजी संगठनों, संघों या समूहों के लिए किसी भी सरकारी संपत्ति या परिसर का उपयोग कार्यक्रमों, आयोजनों या जुलूसों के लिए करने के वास्ते पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया। राज्य सरकार ने क्यों लिया यह फैसला राज्य मंत्रिमंडल की ओर से लिए गए उस निर्णय के दो दिन बाद यह कदम उठाया गया है, जिसमें कहा गया था कि किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के लिए सरकारी विद्यालयों, कॉलेज परिसरों और सार्वजनिक स्थलों के उपयोग से पहले इजाजत लेना जरूरी होगा। कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखा थी। इसमें उन्होंने सरकारी विद्यालयों, कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग रखी थी। संगठन के शताब्दी समारोह के अवसर पर और विजयादशमी के तहत RSS ने 19 रविवार को दोपहर तीन बजे कार्यक्रम रखा था। कलबुर्गी जिले के चित्तपुर शहर में पथ संचलन और विजयादशमी कार्यक्रम की इजाजत के लिए एक आवेदन दिया था। भीम आर्मी संगठन ने भी मांगी थी इजाजत भीम आर्मी संगठन ने भी पत्र के माध्यम से सूचित किया कि वह 19 अक्टूबर को उसी मार्ग पर एक रूट मार्च निकालेगा। इसके अलावा पुलिस थाने के खुफिया अधिकारी को इन जुलूसों के बारे में जानकारी एकत्र करने का काम दिया गया था। इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपी गई थी जिसमें कहा गया कि 16 अक्टूबर को RSS कार्यकर्ता दानेश नारोन ने स्थानीय विधायक और जिला प्रभारी मंत्री प्रियंक खरगे को अपशब्द कहे थे। उन्हें जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में बेंगलुरु के सदाशिवनगर थाने में मामला दर्ज किया गया है। इस घटना के विरोध में चित्तपुर सहित पूरे कर्नाटक में प्रदर्शन हुए हैं।

RSS पर शिकंजा कसने की तैयारी, कर्नाटक कैबिनेट ने शैक्षणिक संस्थानों में गतिविधियों पर लगाया प्रतिबंध

बेंगलुरु  कर्नाटक मंत्रिमंडल ने सरकारी स्कूलों और कॉलेज परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों को रोकने के लिए नियम लाने का फैसला किया है। राज्य के मंत्री प्रियांक खरगे ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को कर्नाटक कैबिनेट ने राज्य के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के परिसरों में RSS की गतिविधियों को रोकने के लिए नियम लाने का फैसला किया है। खरगे की यह टिप्पणी कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की उस टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने एक दिन पहले ही कहा था कि उनकी सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि कैसे सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी संगठन लोगों को परेशान न करे। खरगे ने सीएम सिद्धारमैया को लिखी थी चिट्ठी कर्नाटक कैबिनेट के इस फैसले से राज्यभर के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और कॉलेजों के परिसरों में अब आरएसएस की बैठकों और अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध लगने की संभावना है। RSS केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की मातृ संस्था कही जाती है। बता दें कि प्रियांक खरगे ने ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी मंदिरों में आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगाने का आग्रह किया था, और इस संगठन पर युवाओं का ब्रेनवॉश करने और संविधान के विरुद्ध काम करने का आरोप लगाया था। खरगे के इस अनुरोध के बाद उन्हें धमकी भरे फोन कॉल आ रहे थे। धमकी देने पर एक व्यक्ति गिरफ्तार इस बीच, बेंगलुरु पुलिस ने महाराष्ट्र के एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर प्रियांक खरगे को फोन किया था और सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों को बैन करने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखने को लेकर उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणियां कीं। इस आरोपी ने जब खरगे को फोन किया था तब मंत्री ने इस बातचीत का वीडियो बना लिया था। उसके बाद सदाशिवनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद ‘बेंगलुरु सेंट्रल डिवीजन’ और कलबुर्गी पुलिस के संयुक्त अभियान में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। खरगे को धमकी देने वाला शख्स कौन? पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी की पहचान धनेश नरोने उर्फ ​​दानप्पा नरोने के रूप में हुई है, जो महाराष्ट्र के सोलापुर का रहने वाला है। सोलापुर कर्नाटक की सीमा से लगा हुआ एक जिला है। खरगे को फोन पर गालियां देने के बाद आरोपी अपने शहर से भागकर लातूर में छिप गया था। लेकिन बेंगलुरु और कलबुर्गी की पुलिस टीम ने उसका पता लगाया, उसे गिरफ्तार किया और बेंगलुरु ले आई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि धनेश बिस्कुट और कन्फेक्शनरी बनाने वाली कंपनियों के लिए मार्केटिंग एजेंट के तौर पर काम करता है। उसने एक सर्च इंजन की मदद से खरगे का फ़ोन नंबर हासिल किया था। खरगे ने बुधवार को एक वीडियो पोस्ट किया था बेंगलुरु पुलिस धनेश के पिछले रिकॉर्ड और ऐसे अपराधों में उसकी संलिप्तता की जांच के लिए पूछताछ कर रही है। खरगे ने बुधवार को एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें कथित तौर पर धनेश द्वारा की गई कॉल शामिल है। आरोपी ने मंत्री को उनके उस पत्र के लिए गाली दी जिसमें उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की थी। भाजपा ने बैन लगाने की दी चुनौती मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया था जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति फोन कॉल पर उन्हें गालियां और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा है। सिद्धरमैया ने कहा कि उनकी सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी, जबकि राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। दूसरी तरफ, भाजपा ने खरगे के इस रुख की कड़ी आलोचना की और उन्हें राज्य में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की चुनौती भी दी।  

मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे का लेटर: क्या कर्नाटक में RSS पर लगेगा बैन?

 बेंगलुरु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने 100 साल पूरे कर लिए हैं और उसका देश भर में जश्न मना रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने शताब्दी वर्ष से जुड़े एक आयोजन में हिस्सा लिया था और आरएसएस के सम्मान में डाक टिकट और सिक्का जारी किया था। लेकिन कर्नाटक में उसकी गतिविधियों पर बैन भी लगाया जा सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक ने एक पत्र सिद्धारमैया सरकार को लिखा है, जिसमें संघ पर आरोप लगाया है कि वे संविधान से इतर गतिविधियां करते हैं। उनकी ओर से युवाओं और बच्चों को उकसाया जाता है ताकि देश की एकता और अखंडता पर खतरा पैदा हो। अब इस लेटर के आधार पर सिद्धारमैया ने राज्य की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश से कहा है कि वे पूरे मामले को समझें और उसकी जानकारी लेने के बाद जरूरी ऐक्शन लें। प्रियांक खरगे सिद्धारमैया की सरकार में आईटी मिनिस्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। प्रियांक खरगे के प्रस्ताव पर भाजपा ने तीखा विरोध जाहिर किया है। भाजपा का कहना है कि अपनी असफलताओं से जनता का ध्यान खींचने के लिए सरकार चाहती है कि एक नया मुद्दा खड़ा हो जाए। इसके अलावा कांग्रेस में सीएम पद के लिए मची आंतरिक कलह को भी इसकी एक वजह बताया है। बता दें कि पिछले दिनों डीके शिवकुमार ने विधानसभा में आरएसएस की प्रार्थना की दो पंक्तियां सुनाई थीं और उसकी तारीफ की थी। प्रियांक खरगे ने पत्र में मांग की है कि आरएसएस की गतिविधियों पर बैन लगे। जैसे शाखा और बैठकों पर पाबंदी लगे। इसके अलावा सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी रोक लगे। सरकारी स्कूल, सहायता प्राप्त स्कूल, खेल के मैदान आदि पर शाखाएं ना लगने दी जाएं। इसके अलावा सरकार के अंतर्गत आने वाले मंदिरों के इस्तेमाल पर भी रोक लगे। प्रियांक ने कहा कि आरएसएस अपनी गतिविधियों से नफरत के बीज बो रहा है। पुलिस से परमिशन के बिना ही आरएसएस के कार्यकर्ता लाठी लेकर चलते हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि संघ की बढ़ती लोकप्रियता कांग्रेस को पच नहीं रही है। अब वह असहिष्णु हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ऐसी पूरे देश में कोई घटना नहीं है, जब आरएसएस के लोगों ने कोई अनुशासनहीनता दिखाई हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो लंबे समय से खिलाफ ही रही है, लेकिन आरएसएस की अपनी भूमिका है और देश रक्षा के लिए वह हमेशा तत्पर रहा है।

स्वयंसेवकों की विशाल रैली: इंदौर में RSS का महा पथ संचलन

इंदौर  एक सदी पूर्व ‘संघे शक्ति कलियुगे’ मंत्र के साथ आरंभ हुई राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गौरवशाली यात्रा के एक और प्रसंग का साक्षी आज इंदौर बन रहा है। संघ के एक लाख पचास हजार स्वयंसेवक राष्ट्र प्रथम का भाव लिए पूर्ण गणवेश में कदमताल करते निकल रहे हैं, अलग-अलग इलाकों में यह संचलन शाम तक जारी रहेगा। राष्ट्रवाद, अनुशासन एवं त्याग का अलख जगाते ये पथ संचलन इंदौर के चार जिलों के 34 नगरों से निकाले जा रहे हैं। एक संचलन 30 से 45 मिनट में तय मार्ग पूरा करेगा। समाज में उत्साह, उमंग और ऊर्जा भरने वाला घोष दल भी हर संचलन के साथ होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जहां शताब्दी वर्ष आयोजन हो रहा है वहीं घोष दल भी अपनी यात्रा के 98 वर्ष पूरे कर रहा है। हर संचलन के साथ घोष वादन करते दल भी हैं। संचलन में सह सरकार्यवाह अरुणकुमार के अतिरिक्त मध्य क्षेत्र के कार्यवाह हेमंत मुक्तिबोध, प्रांत प्रचारक राजमोहन, प्रांत के संघचालक डॉ. प्रकाश शास्त्री, प्रांत के सहकार्यवाह श्रीनाथ गुप्ता सहित कई बड़े पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। पथ संचलन से पहले उद्बोधन एवं शारीरिक प्रकट कार्यक्रम भी हुए। इसमें समाज के विशिष्टजन के साथ ही अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े लोग एवं मातृशक्तियां भी शामिल हुईं। राष्ट्र जागरण के लिए पढ़ाएंगे ये पांच सोपान     नागरिक अनुशासन में ट्रैफिक नियमों के साथ स्वच्छता, टैक्स चुकाना, अतिक्रमण नहीं करना, समय का पालन, सार्वजनिक संपत्ति का संरक्षण सहित 14 बिंदुओं की सीख देंगे।     घर में सभी जाति वर्ग के बंधुओं से समानता का व्यवहार, अपने घर में महापुरुषों के चित्र एवं उनकी विशेष पर्व में सहभागिता करना है।     प्रति वर्ष एक पौधा लगाना, जल पुनर्भरण करना, घर की डिजाइन ऐसी रखना कि प्रकाश एवं हवा अवरुद्ध न हो, डिस्पोजल, कागज का उपयोग न करना सहित 14 अन्य बिंदु।     स्वदेशी जीवनशैली : वेशभूषा में भारतीय संस्कार, पिज्जा बर्गर की बजाए ताजा भारतीय भोजन खाना, घर में मातृभाषा में संवाद सहित 12 अन्य बिंदु।     परिवार प्रबोधन : त्योहार भारतीय तिथि अनुसार मनाएं, दादा-दादी, नाना-नानी से आत्मीय संवाद सहित अन्य बिंदु।  

‘I LOVE मोहम्मद’ पर FIR क्यों?: झांसी में दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल, RSS पर दंगे भड़काने का आरोप

झांसी  झांसी में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा- RSS दंगे भड़काती है। यह एक नॉन रजिस्टर्ड संस्था है। इनके लोग दंगा कराते हैं। फिर इनकी ओर से बयान आता है कि यह हमारा मेम्बर नहीं। जब संस्था का रजिस्ट्रेशन ही नहीं तो मेम्बर कहां से होगा?  सरकार चाहे तो कभी दंगे न हों। दंगे सरकार और अफसरों की नीयत पर निर्भर हैं। इसे रोकने के लिए समय रहते कदम उठाएं। बरेली बवाल पर उन्होंने कहा कि तौकीर रजा जैसे लोग हिंदुओं में भी हैं। ऐसे लोग भाषण देकर लोगों को उकसाते हैं। दिग्विजय शुक्रवार को दतिया के पीतांबरा पीठ दर्शन के बाद सर्किट हाउस पहुंचे थे। इसके बाद वे भोपाल रवाना हो गए। आरएसएस चंदा वूसली करती है। ये पैसा जाता कहां है। बैंक खाता कहां है? हर विजयादशमी और गुरु पूर्णिमा पर करोड़ों रुपए चंदे में आते हैं। जब संघ का अकाउंट नहीं है तो पैसा जाता कहां है। इनका एक ही एजेंडा है, हिदुओं को भड़काना और संविधान के खिलाफ लोगों को बचपन से तैयार करना। ये कभी आंदोलन प्रदर्शन नहीं करते, हमेशा कानाफूसी की राजनीति करते हैं। RSS के लोग कह रहे हैं कि मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ रही। उनकी संख्या बढ़ जाएगी, जो कि संभव ही नहीं है। क्योंकि, जितनी हिंदुओं की जनसंख्या घट रही है, उससे कहीं ज्यादा तेजी से मुसलमानों की जनसंख्या घट रही। 2001 और 2011 के बीच का जनसंख्या ग्राफ ये प्रमाणित करता है। अब 2021 की रिपोर्ट तो इन्होंने ही रोक कर रखी है। इसलिए वो बात सामने नहीं आईं। लेकिन RSS और सरकार मिलकर हिंदुओं को भ्रमित कर रहे हैं। अगर कोई 'आई लव मोहम्मद' कहता है और कोई आई लव रामजी, आई लव महादेव, आई लव कृष्ण भगवान, आई लव गांधीजी कहता है तो इसमें किसी को क्या दिक्कत? इसमें मुकदमा दर्ज करने की क्या जरूरत है। दंगे तो सरकार और सरकारी अफसरों की नीयत पर निर्भर हैं। अगर सरकार चाहे तो कभी दंगा नहीं हो सकता है। सरकार को ऐसे संवेदनशील मामलों में समय से कदम उठाने की जरूरत है। बरेली में मौलान तौकीर रजा पर कहा कि कुछ फितरती लोग अगर मुसलमानों में हैं तो हिंदुओं में भी हैं। ऐसे लोग भड़काऊ भाषण देने का काम करते हैं। संभल में हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर अवैधानिक निर्माण है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन किसी एक व्यक्ति के अपराध पर उसके परिवार को दंड देना कहीं से भी न्याय नहीं है। सरकार ने लिस्ट जारी की है। एक भी घुसपैठिए का नाम बता दें। किस पोलिंग बूथ पर कौन सा घुसपैठिया है। उसका नाम आ गया हो। घुसपैठिए की परिभाषा क्या है? जब केंद्र में 11 साल से भाजपा की सरकार है। तो घुसपैठिया नेपाल से आया या बांग्लादेश से? ये केवल भाजपा और अमित शाह की नजर में घुसपैठिए हैं। लेकिन घुसपैठिए का नाम तो बताना होगा। कोविड के समय RSS की ओर से कहा गया कि जनता को 7 करोड़ रुपए की मदद की है। मैंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस बारे में पत्र लिखा। उनसे पूछा कि नॉन रजिस्टर्ड संस्था कह रही है कि 7 करोड़ रुपए कलेक्ट करके खर्च किए हैं। तो आखिर कौन से अकाउंट से पेमेंट किया। इन पर तो मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलना चाहिए। नॉन रजिस्टर्ड संस्था ने बिना अकाउंट के 7 करोड़ रुपए कहां से खर्च कर दिए? मगर वित्त मंत्री जी का आज तक जवाब नहीं आया।  

विजयादशमी पर RSS का शक्ति प्रदर्शन, नागपुर में शस्त्र पूजा में शामिल हुए मोहन भागवत और रामनाथ कोविंद

नागपुर  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में नागपुर के ऐतिहासिक रेशिमबाग मैदान में आज विजयादशमी उत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम न केवल संघ की परंपरागत शस्त्र पूजा और मार्च का प्रतीक बना, बल्कि संगठन के शताब्दी वर्ष की शुरुआत का भी ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए, जबकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पूर्ण गणवेश में मंच पर नजर आए। सुबह करीब साढ़े सात बजे शुरू हुए इस समारोह में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने सबसे पहले शस्त्र पूजा की, जो धर्म की रक्षा और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इसके बाद योग प्रदर्शन, प्रात्यक्षिक, नियुद्ध, घोष और प्रदक्षिणा जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मैदान को गुंजायमान कर दिया। शताब्दी वर्ष के कारण इस बार कार्यक्रम की भव्यता में तीन गुना वृद्धि हुई, जिसमें पूर्ण गणवेश में 21,000 से अधिक स्वयंसेवक शामिल हुए। यह संख्या पिछले वर्षों से कहीं अधिक थी। मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद बुधवार को ही नागपुर पहुंचे हैं। उन्होंने दीक्षाभूमि पर भी प्रार्थना की, जहां डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने 1956 में बौद्ध धर्म अपनाया था। कोविंद ने समारोह को संबोधित करते हुए संघ के योगदान की सराहना की और कहा कि यह आयोजन राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक मील का पत्थर है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देश भर में एक लाख से ज्यादा ‘हिंदू सम्मेलनों’ समेत कई कार्यक्रमों की योजना बनायी है। इसकी शुरुआत दो अक्टूबर को यहां संगठन के मुख्यालय में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के वार्षिक विजयादशमी संबोधन से हो गई। केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी।  

मोहन भागवत का ट्रंप पर करारा कटाक्ष: डर है तो टैरिफ लगाओ!

नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि यह टैरिफ भारत के बढ़ते प्रभाव के डर का नतीजा है. भागवत ने कहा, "दुनिया में लोगों को डर लगता है, भारत बड़ा होगा तो हमारा क्या होगा? तो लगाओ टैरिफ, डर लगता है उनको." उन्होंने आगे कहा कि "हमे चाहिए, मुझे चाहिए, यही व्यक्ति के झगड़े से राष्ट्र झगड़े का कारण होता है." भागवत ने ज़ोर देकर कहा कि दुनिया को आज समाधान चाहिए और भारत ही पूरी दुनिया को सही रास्ता दिखा सकता है. उन्होंने भारत के लोगों की सराहना करते हुए कहा कि यहां लोग अभाव में भी खुश रहते हैं, और हालात बदलेंगे तो बदलेंगे. ट्रंप ने भारत पर लगाया है 50 फीसदी टैरिफ  आपको बता दें कि अमेरिका ने 2025 में भारत पर रिकॉर्ड स्तर के टैरिफ लगाए हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन्हें “रिसिप्रोकल टैरिफ” नीति के तहत लागू किया है. पहली बार जुलाई 2025 में यह टैरिफ लगाया गया था, जो 1 अगस्त से प्रभावी हुआ. उस समय अमेरिका ने कारण बताया गया कि भारत के ऊंचे टैरिफ और व्यापार घाटे का जवाब देना जरूरी है. इसके बाद अगस्त 2025 में ट्रंप प्रशासन ने दूसरा टैरिफ लगाया, यह कहते हुए कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है और इससे यूक्रेन युद्ध को फंड मिल रहा है. इन दोनों फैसलों के बाद अमेरिका ने भारतीय निर्यातों पर टैरिफ की दर 50% तक पहुंच गई है, जो अमेरिका के किसी भी बड़े व्यापारिक साझेदार पर लगाए गए सबसे ऊंचे टैरिफ हैं.  

मुरली मनोहर जोशी का बड़ा बयान, RSS मंच से उठाया आय असमानता का मुद्दा

 नई दिल्ली आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा नई दिल्ली में संघ की शताब्दी वर्षगांठ पर आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यानमाला से ठीक एक हफ्ते पहले संघ के आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले छह संगठनों के करीब 80 प्रतिनिधियों की बंद कमरे में विशेष बैठक हुई। इसमें वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व पार्टी अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी मुख्य वक्ता रहे। जोशी ने इस दौरान करीब 70 स्लाइड्स दिखाईं और कहा कि केवल आर्थिक विकास को ही राष्ट्रीय लक्ष्य मानना उचित नहीं है।  एक रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने आय में असमानता, भारत की कम प्रति व्यक्ति जीडीपी और सामाजिक संकटों का उल्लेख करते हुए डिग्रोथ की अवधारणा पेश की। इसका अर्थ है कि विकास की दौड़ से बाहर निकलकर सादगी, साझेदारी और स्थानीय संसाधनों के संरक्षण पर जोर देना। आय असमानता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2021 में भारत की कुल घरेलू संपत्ति का 65% केवल शीर्ष 10% लोगों के पास था। भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी मात्र 2,878 डॉलर थी, जबकि जापान की 33,955 डॉलर थी। कृषि व स्वदेशी उद्योगों पर फोकस करने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि विदेशी सहयोग पर अधिक निर्भरता भारत के हित में नहीं है। मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि 1.58 करोड़ बच्चे नशे के शिकार हो चुके हैं। दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाले करीब एक-तिहाई बच्चे नशे और शराब में फंस चुके हैं। उन्होंने आत्महत्या की बढ़ती दर पर भी चिंता जताई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आत्महत्या करने वालों की संख्या 2018 में 1.34 लाख से बढ़कर 2022 में 1.70 लाख तक पहुंच चुके हैं। 2019-21 के बीच 35,950 छात्रों ने जान दी है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि उच्च शिक्षा में सकल नामांकन दर केवल 32.7%, जबकि जापान में 64.6% और पोलैंड में 75.3% है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की 43.5% आबादी अब भी कृषि पर निर्भर, जबकि जापान में यह मात्र 3% है। मुरली मनोहर जोशी ने चेतावनी दी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सामाजिक असमानताओं को और गहरा कर सकता है। उन्होंने हालिया प्राकृतिक आपदाओं और हिमालयी सड़कों के चौड़ीकरण को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि भारत “क्लाइमेट इमरजेंसी” की ओर बढ़ रहा है। मोहन भागवत ने मुरली मनोहर जोशी की इस चिंता पर कहा, “जोशी जी ने सब कुछ कह दिया है।” संगठन के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने हालांकि स्पष्ट किया कि बैठक का उद्देश्य सरकार की नीतियों की आलोचना करना नहीं, बल्कि सिद्धांत और व्यावहारिक कदमों को जोड़कर भविष्य की कार्ययोजना बनाना है। इस बैठक में भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, सहकार भारती, ग्राहक पंचायत, स्वदेशी जागरण मंच और लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधि शामिल हुए। साथ ही संघ विचारक एस गुरुमूर्ति, भाजपा महासचिव बीएल संतोष, पीएम आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजय सान्याल और यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना भी विशेष आमंत्रित थे।

मोहन भागवत की सराहना करते हुए अफजाल ने कहा- उनसे सबको सीख लेनी चाहिए

गाजीपुर  समाजवादी पार्टी से सांसद अफजाल अंसारी बदले मूड में नजर आ रहे हैं। जहां अक्सर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हैं। वहीं शनिवार को उन्होंने खुलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की तारीफ की। उन्होंने कहा कि लोगों को उनसे सीख लेनी चाहिए। सपा सांसद अफजाल अंसारी शनिवार को रायफल क्लब में विद्युत समिति की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। अंसारी ने कहा कि आरएसएस के तीन दिवसीय शिविर के बाद मोहन भागवत ने महसूस किया है कि देश में एकता और भाईचारे की जरूरत है और नफरत का कारोबार बंद होना चाहिए। सपा सांसद ने तारीफ करते हुए कहा, "हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व करने के लिए संसार में आरएसएस से बढ़कर कोई प्लेटफार्म नहीं है। भागवत ने कहा है कि अगर हर मस्जिद और मजार में शिवलिंग तलाश करोगे तो ये देश को कमजोर करेगा। संघ प्रमुख से कुछ लोगों को नसीहत लेनी चाहिए।" सांसद ने आगे कहा, "मैं भागवत की बातों का स्वागत करता हूं। अन्य धर्मों के धर्मगुरुओं से भी अपील है कि वे संघ प्रमुख के वक्तव्य का स्वागत करें। सपा सांसद ने बिना नाम लिए भाजपा के बड़े नेताओं पर भी टिप्पणी की। कहा कि जिसके पास अपना परिवार नहीं होता, वह दूसरों के परिवार का दर्द क्या ही समझेगा।" टेक्सटाइल इंडस्ट्री में 30 लाख लोग होंगे बेरोजगार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर शनिवार को सांसद अफजाल अंसारी ने बयान दिया। कहा कि ट्रम्प के टैरिफ से टेक्सटाइल मिलें बंद हो रही हैं। इससे टेक्सटाइल इंडस्ट्री में 30 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल खड़ा किया। पहलगाम हमले का भी किया जिक्र अफजाल अंसारी ने पहलगाम घटना का जिक्र करते हुए कहा कि शुरुआत अच्छी थी, लेकिन अंत शर्मनाक रहा। ट्रम्प ने अमेरिका में बैठकर सीजफायर का ऐलान कर दिया और भारत-पाकिस्तान ने इसे स्वीकार कर लिया। विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि दुनिया का कोई भी देश खुलकर भारत के पक्ष में नहीं बोल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी को बचाने के लिए सरकार चुप है।