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तिहाड़ से छूटते ही फरार हुआ खूंखार सोहराब, जेल सुरक्षा पर उठे सवाल

नई दिल्ली  एतिहाड़ जेल में सजा काट रहा सीरियल किलर सोहराब फरार हो गया है। सोहराब तीन दिनों की पैरोल पर जेल से बाहर आया था, लेकिन वापस जेल नहीं लौटा। जेल प्रशासन लखनऊ पुलिस के साथ मिलकर सोहराब को ढूंढ रही है।मिली जानकारी के अनुसार, सोहराब को तीन दिन के लिए पैरोल पर तिहाड़ से बाहर निकाला गया था। लखनऊ में पत्नी से मुलाकात के बाद सोहराब को दिल्ली की तिहाड़ जेल पहुंचना था, लेकिन वो नहीं पहुंचा। इससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया और उसकी तलाश शुरू कर दी गई। जेल प्रशासन ने लखनऊ पुलिस से संपर्क किया और सोहराब को बरामद करने का प्रयास तेज कर दिया है। सोहराब एक खतरनाक अपराधी और सीरियल किलर है। उसने कई हत्याओं को अंजाम दिया है। सोहराब ने समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान लखनऊ के सआदतगंज में पूर्व सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के नाती की भी हत्या करवा दी थी। इस दौरान वो जेल में बंद था, लेकिन हत्या के लिए पूरा प्लान करने के बाद अंजाम दे दिया था। इसके अलावा सोहराब पूर्व पार्षद की हत्या की साजिश में भी शामिल रहा है। सोहराब ने लखनऊ के अमीनाबाद में बीजेपी के पार्षद पप्पू पांडे की शूटर को सुपारी देकर हत्या करवा दी थी। मामला साल 2005 का है। सोहराब के छोटे भाई शहजादे की लखनऊ के हुसैनगंज में हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद से ही सोहराब के साथ उसके दो भाइयों के सिर पर खून सवार था। रमजान में हुई भाई की हत्या का बदला तीनों ने एक साल बाद लिया। भाई की हत्या के एक साल बाद ईद वाले दिन तीनों भाइयों, सोहराब, सलीम और रुस्तम ने अपने भाई के हत्यारों की हत्या कर दी थी। हत्या करने से पहले सोहराब ने लखनऊ के तत्कालीन एसएसपी को फोन करके कहा था कि अपने भाई की मौत का बदला लेने जा रहा हूं, रोक सको तो रोक लो। इसके बाद तीनों ने अपने भाई के हत्यारों को ईद के दिन मौत के घाट उतार दिया था। अब सोहराब पैरोल पर बाहर तो निकला, लेकिन पैरोल का समय खत्म होने के बाद भी तिहाड़ नहीं पहुंचा। इस मामले की सूचना जब जेल प्रशासन को हुई तो उनके हाथ-पांव फूलने लगे। तिहाड़ जेल प्रशासन ने तुरंत लखनऊ पुलिस को संपर्क किया और सोहराब को ढूंढने का काम शुरू कर दिया।  

फिलिस्तीन समर्थन पर विवाद: जबलपुर में लगे बैनर, आयोजकों पर FIR दर्ज करने के निर्देश

जबलपुर जबलपुर के मालवीय चौक पर मोहर्रम के अवसर पर लंगर वितरण के दौरान शनिवार देर रात फिलिस्तीन के समर्थन में बैनर लगाए जाने की घटना सामने आई है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बैनर को जब्त कर लिया है। पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक मोहर्रम के अवसर पर शहर भर में अनेक आयोजन का क्रम जारी है। इसी बीच शहर के व्यस्ततम चौराहे पर लंगर वितरण किया जा रहा था। जब लोग वहां से गुजरे तो फिलिस्तीन के समर्थन में बैनर लगा देखा।   पुलिस ने शुरू की बैनर लगाने वालों की जांच रस्सियों से बांधकर लगाए गए बैनर में 'प्रे फार फिलिस्तीन' लिखा हुआ था। यह देख आक्रोश बढ़ा तो कुछ लोगों ने इसकी सूचना थाने और कंट्रोल रूम में दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बैनर को तत्काल निकलवाकर जब्त कर लिया है। पुलिस ने बैनर कब लगा और किसने लगाया, इसकी जांच शुरू कर दी है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी निकलवाकर देखे जा रहे हैं। इसके बाद ही संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। हिंदूवादी संगठनों का आक्रोश इधर, हिंदूवादी संगठनों ने आक्रोश व्यक्त किया है। उनका आरोप है कि मोहर्रम पर शांति व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस सक्रिय है। इसके बावजूद मालवीय चौक जैसे व्यस्त क्षेत्र में खुलेआम फिलिस्तीन के समर्थन में बैनर लगाया जा रहा है। फिलिस्तीन के प्रति समर्थन जताकर कुछ लोग अशांति फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। संगठनों ने शांति व सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करने वाले आरोपितों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

यूपी के युवाओं के लिए खुशखबरी, योगी सरकार दे रही स्थानीय स्तर पर रोजगार का मौका

लखनऊ  योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के युवाओं को हुनरमंद बनाने के साथ ही उनकी क्षमता का भी पूरा उपयोग करने का इंतजाम कर रही है। सरकार स्किल डेवलपमेंट के साथ युवाओं को स्वावाल‍ंबी बनाने के लिए हर स्तर उनकी मदद की योजना तैयार कर चुकी है। सरकार तो अब युवाओं को उनके ही जिले में रोजगार देने की कोशिश कर रही है। पहली बार जिला स्तर पर स्थानीय उद्योगों की जरूरतों के अनुसार कौशल विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके तहत युवाओं को उन्हीं सेक्टरों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनकी उनके जिले में सबसे अधिक मांग है। हर जिले में पांच प्रमुख सेक्टरों की पहचान की जा रही है। यह चयन स्थानीय उद्योगों की मांग, रोजगार की संभावनाएं और तकनीकी जरूरतों को ध्यान में रखकर होगा। हर जिले में चुने गए पांच सेक्टरों में काम कर रही पांच अग्रणी कंपनियों या औद्योगिक इकाइयों को चिन्ह्ति किया जाएगा। इनके साथ समन्वय कर युवाओं को उनकी मांग के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें उन्हीं कंपनियों में सीधे रोजगार के अवसर मिलेंगे। कौशल विकास मिशन के निदेशक पुलकित खरे ने सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों (सीडीओ) के साथ बैठक कर योजना की रूपरेखा साझा की है। योजना को अगले तीन वर्षों में चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इस दौरान जिला प्रशासन, उद्योग प्रतिनिधियों, प्रशिक्षण संस्थानों और मिशन टीम के बीच मजबूत समन्वय किया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारियों को 26 सेक्टरों की सूची सौंपी गई है, जिनमें से उन्हें अपने जिले के लिए पांच उपयुक्त सेक्टरों का चयन करना है। कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि इससे उद्योगों को स्थानीय प्रशिक्षित जनशक्ति मिलेगी, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और युवाओं को घर के पास ही नौकरी मिलेगी।  

4775.84 करोड़ की लागत से यूपी को मिलेगा नया एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल और वेस्ट के बीच सीधा रास्ता

लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे पर दोनों ओर सात मीटर चौड़ाई में सर्विस रोड का निर्माण किया जाना है। यूपीडा के प्रस्ताव में एक्सप्रेसवे पर यातायात व्यवस्था के सुगम संचालन के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) भी स्थापित करना शामिल है। एक्सप्रेसवे पर दो बड़े सेतु, 20 छोटे सेतु, दो रेलवे ओवरब्रिज, छह फ्लाईओवर व पांच इंटरचेंजेज का निर्माण होगा। लखनऊ से कानपुर जाने वाले लोग अब पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से सीधे कनेक्ट हो सकेंगे। प्रदेश सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को हरी झंडी दे दिया है। यह छह लेन का होगा और भविष्य में बढ़ते ट्रैफिक के साथ आठ लेन का भी किया जा सकेगा। इसके लिए 39 गांवों की 597 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। एक्सप्रेसवे बनने के बाद पांच साल तक निजी कंपनी इसका रखरखाव करेगी। इसे आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के पहले टोल (महुरा कला) से सीधे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पहले टोल से जोड़ा जाएगा। इसकी लंबाई करीब 49.960 मीटर होगी। इसका सबसे अधिक फायदा लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर को होगा। यह एक्सप्रेसवे लखनऊ के आदमपुर, इरखरा, सकाभवई, लुहस बंथरा, सिकंदपुर, कुरैनी, भगदुमपुर, काशी जैतीखेड़ा, परवर, पश्चिम परवर, उल्लासखेड़ा, खुजहा, बरकत नगर, किथौली और कलपहास जैसे गांवों से होकर गुजरेगा। यहां वाहनों की गति 120 किमी. प्रति घंटे की होगी। वहीं लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले लोगों को अगर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पकड़ना होगा तो उन्हें लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे पर न चलकर लखनऊ-कानपुर (एनएच 27) यानी नीचे वाले एक्सप्रेसवे पर चलना होगा। जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया और लिंक एक्सप्रेसवे बनाने में कम से कम तीन साल का समय कार्यदायी संस्था को लग सकता है।  

नागद्वार की दुर्गम यात्रा का आगाज़ 19 जुलाई से प्रारंभ होगा भव्य मेला, नागपंचमी 29 जुलाई तक चलेगी यात्रा

जुन्नारदेव   मध्यप्रदेश के पचमढ़ी क्षेत्र में स्थित नागलोक के द्वार नागद्वार के दर्शन हेतु इस वर्ष की वार्षिक धार्मिक यात्रा का शुभारंभ 19 जुलाई से होगा, जो 31 जुलाई तक चलेगी। यह दरवाज़ा वर्ष में केवल एक बार श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है। इस पावन अवसर पर मध्यप्रदेश महाराष्ट्र सहित देशभर से लाखों श्रद्धालु यहाँ आकर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। श्रद्धालुओं को नागद्वार तक पहुंचने के लिए दुर्गम यात्रा करनी होती है। यात्रा प्रातःकाल से ही शुरू की जाती है ताकि समय रहते दर्शन सम्पन्न किए जा सकें। यात्रा की शुरुआत छिंदवाड़ा जिले के दमुआ ब्लॉक के गांव आल्मोद से होती है। इसके बाद श्रद्धालु रौरी घाट, काजरी गांव, मछंदरनाथ, गोरखनाथ, बिचबेहरी और झालमऊ जैसे पड़ाव पार करते हुए नागद्वार देवस्थान तक पहुंचते हैं, जो सतपुड़ा रिजर्व फॉरेस्ट के बीच स्थित है। श्रद्धालुओं को हुए नाग देवता के दर्शन यह यात्रा सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव नहीं है, बल्कि यह नाग देवता की प्रत्यक्ष अनुभूति भी कराती है। यात्रा मार्ग में कई गुफाएं हैं जिनमें सैकड़ों नाग देवता की मूर्तियां हैं। मान्यता है कि यात्रा के दौरान कई श्रद्धालुओं को साक्षात नाग देवता के दर्शन होते हैं, लेकिन इसके बावजूद आज तक सर्पदंश की कोई घटना नहीं हुई, जो इस यात्रा की दिव्यता को दर्शाता है। साल में एक बार खुलता है यह रास्ता यह दुर्गम और आरक्षित वन मार्ग साल में केवल एक बार ही, नागद्वारी मेले के समय, वन विभाग की अनुमति से श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है। इस यात्रा में मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचते हैं। प्रशासनिक तैयारी पूरी इस साल यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और एसपी अजय पांडे ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। यात्रा मार्ग में संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए SDRF और पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। लगभग 25 हजार श्रद्धालु हर साल इस यात्रा में शामिल होते हैं। सेवा और सुविधाएं यात्रा मार्ग में भंडारे दिन-रात चलते हैं। श्रद्धालुओं के लिए खाने-पीने, रुकने और स्वास्थ्य की व्यवस्था प्रशासन और ग्राम पंचायतों द्वारा की गई है। स्वच्छता के लिए विशेष कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इन बातों का रखें ध्यान यह यात्रा शारीरिक रूप से स्वस्थ श्रद्धालुओं के लिए उपयुक्त है। साथ में टॉर्च, रेन कोट, बरसाती जूते, सूखा भोजन, चादर और कंबल अवश्य रखें। शीलेंद्र सिंह (कलेक्टर छिंदवाड़ा) ने कहा कि हम लगातार मेले को सफल बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। दमुआ में SDRF की टीम भी तैनात रहेगी। प्रशासन ने किए पुख्ता इंतज़ाम इस पवित्र यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। पुलिस, जल, लाइट, स्वास्थ्य, सफाई एवं अन्य आवश्यक प्रबंधों के लिए अतिरिक्त सरकारी अमला तैनात किया जाएगा। सतपुड़ा के घने जंगलों और पथरीले रास्तों से होकर नागद्वार तक की यात्रा केवल हिल स्टेशन पचमढ़ी से ही संभव है। यहां से होकर श्रद्धालु सतपुड़ा की संगीतमय घाटियों से गुजरते हुए नागद्वार तक पहुंचते हैं और दर्शन लाभ प्राप्त करते हैं।

प्रशिक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पौधरोपण कार्य वैज्ञानिक और टिकाऊ तरीके से किया जाए

पौधरोपण में वैज्ञानिक और टिकाऊ तकनीकों के उपयोग के लिए प्रशिक्षण मनरेगा के तहत इंजीनियर और कृषि सखियों को दिया जा रहा है तकनीकी प्रशिक्षण प्रशिक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पौधरोपण कार्य वैज्ञानिक और टिकाऊ तरीके से किया जाए भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई "एक बगिया मां के नाम परियोजना", "गंगोत्री हरित योजना" और "नर्मदा परिक्रमा पथ" जैसी योजनाओं को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने की दिशा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। इन योजनाओं के तहत मनरेगा के माध्यम से प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रदेश के 2101 इंजीनियर और 626 कृषि सखी को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण मध्यप्रदेश जल-भूमि प्रबंध संस्थान, भोपाल और क्षेत्रीय ग्रामीण विकास-पंचायतराज प्रशिक्षण केंद्रों में संचालित किया जा रहा है। प्रशिक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पौधरोपण कार्य वैज्ञानिक और टिकाऊ तरीके से किया जाए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने निर्देश दिए हैं कि नदियों के उद्गम स्थलों पर पौधरोपण को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही मां नर्मदा परिक्रमा पथ पर आश्रय स्थलों में पौधरोपण कर तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने "एक बगिया मां के नाम परियोजना" को महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम बताया। मनरेगा के अंतर्गत प्रशिक्षण पाने वाले अधिकारियों में 36 कार्यपालन यंत्री आरईएस, 215 सहायक यंत्री, 47 डीपीएम एसआरएलएम और 1803 उप यंत्री शामिल हैं। इन्हें पौधरोपण की तकनीकी बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है, जिससे वे इस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न कर सकें। प्रदेश में पहली बार पौधरोपण कार्य में अत्याधुनिक तकनीक सिपरी सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से संबंधित जिलों की जलवायु, मिट्टी की गुणवत्ता, एग्रो क्लाइमेट ज़ोन, स्थल चयन और पानी की उपलब्धता जैसी जानकारियां जुटाकर पौधों की उपयुक्त प्रजातियों का चयन किया जाएगा। जहां सॉफ्टवेयर उपयुक्तता नहीं दिखाता, वहां पौधरोपण नहीं किया जाएगा, जिससे संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सके। "एक बगिया मां के नाम" अभियान के तहत स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उनकी निजी भूमि पर फलदार पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए 626 कृषि सखी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये कृषि सखी बाद में अन्य स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को पौधारोपण की तकनीक, पौधों के चयन और देखरेख के बारे में प्रशिक्षण देंगी और उन्हें आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगी। इस व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश में न केवल पर्यावरण-संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्राप्त होगा।  

अब आम जन सीधे तौर पर पुलिस से संवाद स्थापित कर सकेगी, प्रदेश के सभी थानों में लगेंगे QR कोड, स्कैन कर दे सकेंगे प्रतिक्रिया

भोपाल  प्रदेशभर के थानों में आम जनता अब पुलिसकर्मियों के व्यवहार और थाने के अनुभव पर सीधे ऑनलाइन फीडबैक दे सकेगी। इसके लिए थानों में QR कोड लगाए जाएंगे, जिन्हें स्कैन कर नागरिक अपने अनुभव साझा कर सकेंगे। पुलिस मुख्यालय से जारी आदेश के मुताबिक, थानों में किसी खुले स्थान पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा। शिकायतकर्ता या कोई भी आम नागरिक इसे स्कैन कर यह बता सकेगा कि थाने में उसके साथ कैसा व्यवहार हुआ। पुलिस अधिकारी या कर्मियों ने समस्या ठीक से सुनी या नहीं, इसका भी जिक्र फीडबैक में किया जा सकेगा। नर्मदापुरम में तैयारियां शुरू नर्मदापुरम एसपी डॉ. गुरकरण सिंह ने बताया कि जिले के सभी 19 थानों और पुलिस चौकियों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। प्रत्येक स्थान पर फीडबैक स्कैन बारकोड लगाया जाएगा। गूगल या एनआईसी से लिंक होगा फॉर्म QR कोड स्कैन करने के बाद फीडबैक फॉर्म खुल जाएगा, जिसे गूगल या एनआईसी पोर्टल के माध्यम से तैयार किया जाएगा। यह फॉर्म वरिष्ठ अधिकारियों की ई-मेल आईडी से लिंक रहेगा ताकि तत्काल निगरानी हो सके। बेहतर कार्य, 2 थानों को सर्टिफिकेट बेहतर पुलिसिंग, संसाधनों का अच्छे से उपयोग करने पर तेजाजी नगर और राजेंद्र नगर थाने को आइएसओ सर्टिफिकेट मिला है। यह सर्टिफिकेट डीजीपी ने संबंधित थानों के अधिकारियों को देकर बधाई दी। वहीं महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारी, कर्मचारी को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। उक्त फीडबैक क्यूआर कोड के संबंध में जानकारी देते हुए डीजीपी महोदय ने बताया कि, ये क्यू आर कोड शहर के प्रत्येक थानो पर लगाएं जाएगें, जहां पर जनता का पुलिस से सीधा संवाद होता है। आम नागरिक अपनी समस्याओं व शिकायत लेकर थाने पर आता है तो पुलिस का उसके साथ कैसा व्यवहार है तथा उसकी समस्या पर पुलिस ने क्या कार्यवाही करी और आवेदक पुलिस की कार्यप्रणाली से संतुष्ट है या असंतुष्ट है आदि के संबंध में अपनी राय को उक्त क्यूआर कोड को स्कैन कर अपना फीडबैक दे सकता है। आमजन द्वारा दिए गये फीडबैक वरिष्ठ अधिकारियों व कार्यालय में स्थित मॉनिटरिंग सेल में जाएगा, जिस पर उक्त फीडबैक के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। आम नागरिकगण अपना फीडबैक देकर पुलिस की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। इसी प्रकार आमजन के हितों व उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, बेहतर पुलिसिंग व संसाधनों का अच्छे से उपयोग कर, कार्यप्रणाली को और अच्छा करने के फलस्वरूप इदौर पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस थाना तेजाजी नगर व राजेन्द्र नगर को ISO 9001:2015 का सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। जिस पर डीजीपी श्री कैलाश मकवाना जी द्वारा उक्त सर्टिफिकेट संबंधित थानों व अधिकारियों को समर्पित करते हुए, सभी को बधाई दी और इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान कर, ऐसे ही पूर्ण लगन व मेहनत से बेहतर पुलिसिंग करने के लिये सदैव प्रयासरत् रहने के लिये प्रेरित किया। इस पहल से पुलिस की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी और आम जनता की प्रतिक्रिया सीधे अधिकारियों तक पहुंचेगी।

एक देश एक विधान राष्ट्रीय कार्यक्रम रवीन्द्र भवन में आज, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव होंगे शामिल

भोपाल राष्ट्रीय एकता और संवैधानिक अखण्डता के प्रणेता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 125वें जन्म-दिवस पर 6 जुलाई को शाम 6 बजे अंजनी सभागार रवीन्द्र भवन में एक देश एक विधान राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। “एक देश दो विधान, एक देश दो प्रधान नहीं चलेगा‘’ अपने इस युगांतरकारी विचार से भारत की एकता की बुनियाद को अटल मजबूती देने वाले डॉ. मुखर्जी के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में वैचारिक सत्र होगा। साथ ही लघु फिल्म का प्रदर्शन और एक प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी।  

मिड डे मील में लापरवाही: छिपकली मिलने से तीन बच्चों की हालत बिगड़ी, मचा हड़कंप

शहडोल जिले के ब्यौहारी विकासखंड की शासकीय माध्यमिक विद्यालय चरका में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां मध्यान भोजन खाने के बाद बच्चों बीमार हो गए हैं,जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वजनों का कहना है कि उनके बच्चों की थाली में छिपकली मिली थी। शुरुआत में जिन बच्चों ने भोजन खाया उनकी तबीयत बिगड़ गई। कुछ ने अस्पताल में उल्टियां शुरू कर दी, और कुछ बच्चे घर पहुंचने के बाद बीमार पड़े,जिसमें तीन का इलाज सिविल अस्पताल ब्यौहारी में जारी है। शुक्रवार को मध्यान भोजन में यह गड़बड़ी सामने आई है। बीएमओ निशांत सिंह परिहार ने कहा तीनों बच्चों की उम्र 12 और 13 वर्ष के बीच है। जब इन बच्चों को अस्पताल लाया गया था तो उनकी हालत गम्भीर थी, बच्चे उल्टियां कर रहे थे, जिन्हें भर्ती कर उपचार किया गया, अब इनकी हालत बेहतर है।आब्जरवेशन के लिए उन्हें अस्पताल में अभी भर्ती रखा गया है। उन्होंने बताया कि बच्चों के परिजनों का कहना था कि स्कूल में मध्यान्‍‍‍हह भोजन में छिपकली गिर गई थी और खाना खाने के बाद ही इनकी तबीयत बिगड़ी है।बीएमओ के अनुसार पूनम साहू पिता हनुमानदीन,नेहा सेन पिता महेश सेन, आशियाना साहू पिता राम जी साहू का अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।   पिता ने रो-रोकर बताई घटना नेहा सेन के पिता महेश सेन जब अपनी बच्ची को अस्पताल लेकर पहुंचे तो उनकी बच्ची की हालत काफी नाजुक थी। डाॅक्टर ने तत्काल नेहा को भर्ती करउपचार किया, जिसके बाद उसकी हालत बेहतर हुई। वहीं नेहा के पिता ने एक बयान भी दिया है, उन्होंने कहा कि नेहा ने ठीक होने के बाद बताया कि स्कूल में मध्यान भोजन में छिपकली गिर गई थी,और नेहा की ही थाली में वह मिली थी, जिसे बताते हुए महेश रोते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी लापरवाही है।गांव के सरपंच बनवारी सिंह ने कहा कि वह स्व सहायता समूह द्वारा लापरवाही बरती गई है, जो गंभीर है, बड़ी घटना हो सकती थी, हम इस मामले पर पंचायत में एक बैठक करेंगे।

लोकतंत्र को लेकर भारत की मजबूत आस्था, संतुष्टि में दुनिया में दूसरे नंबर पर भारतीय

नई दिल्ली  भारतीय लोगों का अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली के मामले में भरोसा लगातार बढ़ रहा है। भारत ने हाल ही में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी उल्लेखनीय प्रगति की है, जो भारतीय नागरिकों की अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था में बढ़ते विश्वास के अनुरूप है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय लोग दुनिया में अपने लोकतंत्र से संतुष्टि के मामले में दूसरे नंबर पर हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, भारत अपने लोकतंत्र से संतुष्टि के मामले में दुनिया भर में दूसरे स्थान पर है, जो स्वीडन (75 प्रतिशत) के ठीक पीछे 74 प्रतिशत के साथ खड़ा है। यह उपलब्धि 23 देशों के सर्वेक्षण में हासिल की गई है, जहां औसतन 58 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था से असंतुष्ट हैं। यह आंकड़ा भारत की प्रगति और जनता के विश्वास को दर्शाता है जो देश को एक मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थापित करता है। इस सर्वे के अनुसार 15 देशों में आधे से अधिक लोग अपने देश की लोकतांत्रिक प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं। 2017 से लगातार किए जा रहे प्यू रिसर्च के सर्वेक्षणों में यह स्पष्ट हुआ है कि उच्च आय वाले देशों जैसे कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इटली, जापान, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में लोकतंत्र के प्रति असंतोष 64 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जबकि संतुष्टि महज 35 प्रतिशत है। इसके विपरीत, भारत में 74 प्रतिशत लोग अपने लोकतंत्र के कामकाज से खुश हैं, जो यह दर्शाता है कि देश की जनता अपनी सरकार और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास रखती है। यह विश्वास आर्थिक प्रगति और सामाजिक स्थिरता से भी जुड़ा है, क्योंकि सर्वेक्षण बताते हैं कि जहां अर्थव्यवस्था मजबूत है, वहां लोकतंत्र के प्रति संतुष्टि भी अधिक है। भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। कई चीजें इस बात को प्रभावित कर सकती हैं कि लोग अपने लोकतंत्र के काम करने के तरीके से कितने संतुष्ट हैं, लेकिन आर्थिक धारणाएं एक महत्वपूर्ण कारक हैं। जिन देशों में जनता का एक बड़ा हिस्सा कहता है कि अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है, वहां आम तौर पर ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने लोकतंत्र से संतुष्ट होते हैं। सर्वेक्षण में यह भी उभरकर सामने आया है कि कोविड-19 महामारी के बाद कई देशों में लोकतंत्र के प्रति संतुष्टि में गिरावट आई है, लेकिन भारत में यह स्तर बरकरार रहा। 2017 में जहां दुनिया के बड़े देशों में 49 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली से संतुष्ट थे, वहीं आज 74 प्रतिशत का आंकड़ा भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली में सुधार और जनता की भागीदारी को दर्शाता है। यह संतुष्टि देश के युवाओं, जो आबादी का बड़ा हिस्सा हैं, और आर्थिक विकास में उनकी भूमिका से भी प्रेरित है। इस मामले में इंडोनेशिया (66 प्रतिशत) और ऑस्ट्रेलिया (61 प्रतिशत) जैसे देशों के साथ तुलना में, भारत का प्रदर्शन उल्लेखनीय है, जबकि ग्रीस (19 प्रतिशत) और जापान (24 प्रतिशत) जैसे देश लोकतंत्र के प्रति असंतोष से जूझ रहे हैं। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि लोग लोकतांत्रिक मूल्यों से दूर हो रहे हैं। शोध बताता है कि दुनिया भर के लोग लोकतंत्र को अच्छा मानते हैं। हालांकि, कई लोग राजनीतिक अभिजात वर्ग से निराश हैं या उन्हें लगता है कि सरकार में उनके विचारों का सही प्रतिनिधित्व नहीं किया जाता है। वहीं, दुनिया में अपने लोकतंत्र से सर्वाधिक संतुष्ट लोगों में स्वीडन और भारत के बाद इंडोनेशिया (66 प्रतिशत), ऑस्ट्रेलिया (61 प्रतिशत) और जर्मनी (61 प्रतिशत) के नाम आते है। एशिया-प्रशांत के पांच देशों (ऑस्ट्रेलिया, भारत, इंडोनेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया) में भी लोगों की राय काफी अलग-अलग है। भारत इस क्षेत्र में भी टॉप पर है।