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पर्यटन प्रेमियों के लिए खुशखबरी: झारखंड में टाइगर सफारी की तैयारी शुरू

रांची झारखंड अपनी पहली ‘टाइगर सफारी' परियोजना शुरू करने की तैयारी कर रहा है और यह राज्य के वन्यजीव पर्यटन तथा वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रस्तावित ‘टाइगर सफारी' परियोजना की विस्तृत प्रस्तुति की शुक्रवार शाम रांची स्थित अपने सरकारी आवास में समीक्षा की। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पलामू बाघ अभयारण्य के बाहर स्थित लातेहार जिले के पुटुवागढ़ क्षेत्र में विकसित करने का प्रस्ताव है।  

सहरसा में पर्यटन का नया अध्याय: मत्स्यगंधा झील को मिलेगी विश्वस्तरीय पहचान

सहरसा सहरसा में मत्स्यगंधा झील के कायाकल्प के लिए 98 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दिन पूर्व पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस परियोजना का शिलान्यास किया था। बुधवार को पूर्व मंत्री एवं स्थानीय विधायक डॉ. आलोक रंजन ने जिले के डीएम दीपेश कुमार के साथ स्थल पर कार्य योजना का औपचारिक शुभारंभ किया। पर्यटन और आस्था का नया केंद्र बनेगा मत्स्यगंधा झील विधायक डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि इस परियोजना के तहत झील के किनारे 400 मीटर का घाट, वृत्ताकार ग्लास ब्रिज और पार्किंग स्थल का निर्माण होगा। यह झील धार्मिक आस्था का केंद्र तो बनेगी ही, साथ ही इसे राष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल भी विकसित किया जाएगा। बिहार का दूसरा ग्लास ब्रिज यहां पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र होगा। रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा विधायक ने कहा कि इस परियोजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। हस्तशिल्प, होटल और परिवहन क्षेत्र में हजारों लोगों को काम मिलेगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और सहरसा जिले को पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान मिलेगी। आधुनिक सुविधाओं से होगा कायाकल्प परियोजना के अंतर्गत अनुभव केंद्र, शौचालय परिसर (शिशु देखभाल कक्ष सहित), स्मृति चिन्ह दुकान, परावर्तन कुंड, विशाल वृक्ष प्रतिरूप, संगीतमय फव्वारा, सेल्फी प्वाइंट, भोजनालय, प्रशासनिक भवन, शहरी हाट, वृत्ताकार लॉन, विशाल वाहन पार्किंग और भव्य मुख्य द्वार जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यह परियोजना केवल सौंदर्यीकरण का काम नहीं है, बल्कि सहरसा के सर्वांगीण विकास, रोजगार और समृद्धि के अवसर सृजित करने का संकल्प है। विधायक डॉ. आलोक रंजन ने इस ऐतिहासिक पहल के लिए एनडीए सरकार का आभार व्यक्त किया।

सीएम योगी के निर्देश पर विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर शुरू की गई गाइडेड टूर सेवा

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बोले, पर्यटकों और श्रद्धालुओं को सुरक्षित और किफायती यात्रा का लाभ देने के लिए उठाया गया कदम लखनऊ, योगी सरकार विश्व पर्यटन दिवस (27 सितंबर) के अवसर पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए नई सौगात लेकर आयी है। सीएम योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (UPSTDC)द्वारा लखनऊ से नैमिषारण्य और अयोध्या के लिए एक दिवसीय गाइडेड टूर शुरू किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य श्रद्धालुओं को भक्ति और सुविधा दोनों एक साथ उपलब्ध कराना है। खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायती पैकेज और सरल ऑनलाइन बुकिंग (www.upstdc.co.in) की सुविधा दी गई है। गाइडेड टूर से श्रद्धालुओं को मिलेगा सुरक्षित, किफायती और सार्थक यात्रा का लाभ पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप श्रद्धालुओं और पर्यटकों की पौराणिक स्थलों पर यात्रा सुगम करने के लिए विभिन्न कदम उठाये जा रहे हैं। इसी के तहत सीएम योगी के नेतृत्व में नैमिषारण्य और अयोध्या के लिए गाइडेड टूर प्रदेश में आस्था पर्यटन को और मजबूती प्रदान करने के लिए कदम उठाया गया है। इसमें हमारी प्राथमिकता है सुरक्षित, किफायती और सार्थक यात्रा, जो सभी के लिए सुलभ हो। नैमिषारण्य टूर – संचालन दिवस: शुक्रवार, रविवार, सोमवार – समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक – किराया: 1,700 रुपये, वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1,000 रुपये – दर्शनीय स्थल: चक्रतीर्थ, व्यास गद्दी, ललिता देवी मंदिर अयोध्या टूर – संचालन दिवस: शनिवार, रविवार – समय: सुबह 8:00 बजे से रात 8:30 बजे तक – किराया: 2,000 रुपये, वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1,000 रुपये। – दर्शनीय स्थल: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी, राम की पैड़ी गाइड द्वारा हर श्रद्धालु को पौराणिक कथाओं से कराया जाएगा रूबरू निगम की प्रबंध निदेशक ईशा प्रिया ने बताया कि प्रत्येक पैकेज में गाइड द्वारा पौराणिक कथाओं और किंवदंतियों का रोचक वर्णन, भोजन-जलपान तथा एक स्मृति चिह्न शामिल है। इन टूर पैकेजों में वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। साथ ही यह पहल सांस्कृतिक आदान-प्रदान और प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने का माध्यम भी बनेगी। इस नये प्रयास से UPSTDC श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक धरोहर से जोड़ते हुए उन्हें भक्ति, ज्ञान और अविस्मरणीय यादों का अनुभव कराने के लिए नए द्वार खोल रहा है। मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि ये यात्राएं केवल आस्था का अनुभव नहीं देंगी, बल्कि संस्कृति और सामूहिकता का भी संदेश फैलाएंगी। यह यात्रियों के बीच सामुदायिक बंधन को और मजबूत करेंगी।

सतपुड़ा की वादियों में बसे छिंदवाड़ा जिले के पर्यटन-ग्राम अब पर्यटकों के लिये विशेष आकर्षण बन गये

पर्यटन स्टोरी भोपाल  सतपुड़ा की वादियों में बसे छिंदवाड़ा जिले के पर्यटन-ग्राम अब पर्यटकों के लिये विशेष आकर्षण बन गये हैं। ग्रामीण जीवन, जनजातीय संस्कृति, पहाड़ी ट्रैकिंग और लोक नृत्य सब कुछ एक ही जगह पर्यटकों को मिल रहा है। पिछले 2 वर्षों में यहां बनाये गये होम-स्टे को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पहचान मिली है। मध्यप्रदेश में होम-स्टे के माध्यम से पर्यटकों को ग्रामीण संस्कृति तथा ग्रामीण जीवन के अनुभव कराने के उद्देश्य से ग्रामीण पर्यटन परियोजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के 100 गांवों को पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। होम-स्टे से रूका पलायन मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित किये गये छिंदवाड़ा जिले के पर्यटन ग्रामों के होम-स्टे देश-प्रदेश के पर्यटकों को खूब भा रहे हैं। हर सप्ताह यहां हजारों की संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। जिले के 12 गांवों को पर्यटन ग्राम के रूप में चयनित किया गया है। इनमें से 7 गांव सावरवानी, देवगढ़, काजरा, गुमतरा, चोपना, चिमटीपुर और धूसावानी में 36 होम-स्टे पर्यटकों के लिये खोले जा चुके हैं। होम-स्टे खुलने से ग्रामीण रोजगार और उच्च शिक्षा का रूझान बढ़ा है। साथ ही जनजातीय परिवारों का पलायन भी रूक गया है। गांव के युवा गाइड के रूप, लोक नृत्य और भजन मंडली की प्रस्तुति और बैलगाड़ी संचालन से सैलानियों को ग्रामीण जन-जीवन से अवगत कराते हुए अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रहे हैं। हर पर्यटन ग्राम की अपनी पहचान छिंदवाड़ा जिले के हर पर्यटन ग्राम की अपनी विशेषता है। भोपाल मार्ग पर साल के जंगल के बीच बसे चोपना में देवना नदी का अद्भुत नजारा, पातालकोट के चिमटीपुर गांव की रहस्यमयी वादियां, पेंच नेशनल पार्क के करीब ऑफबीट डेस्टीनेशन गुमतारा, देवगढ़ में गोंड शासन का ऐतिहासिक किला, काजरा में बंधान डेम के बेकवॉटर्स का सौंदर्य और धूसावानी गांव के चौरागढ़ महादेव मंदिर का दृश्य और आम के बागान पर्यटकों को यहां बार-बार आने के लिये प्रेरित करते हैं। होम-स्टे में पर्यटक गाय का दूध दोहने, खेत के कामों में हाथ बटाने और पहाड़ियों पर ट्रैकिंग करने जैसे अनुभव जीते हैं। ढोलक-मंजीरे के साथ भजन और कर्मा नृत्य मंडलियों की प्रस्तुति भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। अब छिंदवाड़ा सिर्फ पर्यटन नहीं बल्कि सतत ग्रामीण विकास का राष्ट्रीय मॉडल बन रहा है।