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समोसे के बदले घड़ी! जबलपुर में फूड वेंडर ने UPI फेल होने पर यात्री से कर दी ज़बरदस्ती

जबलपुर  मध्य प्रदेश के जबलपुर रेलवे स्टेशन से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। इसमें एक फूड वेंडर ने यूपीआई पेमेंट फेल होने पर यात्री की कॉलर पकड़ ली। इसी दौरान यात्री की ट्रेन छूटने लगी, वह बार-बार वेंडर से छोड़ने के लिए कहता रहा। इस दौरान उसने अपनी घड़ी उताकर भी उसे दे दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरपीएफ ने कार्रवाई करते हुए वेंडर से पूछताछ की। जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया पर मिली शिकायत के संबंध में रेलवे सुरक्षा बल जबलपुर द्वारा वीडियो में दिख रहे वेंडर को 18 अक्टूबर को रेल सुरक्षा बल पोस्ट बुलाया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह 17 अक्टूबर को करीबन 17.30 बजे प्लेटफार्म क्रमांक 5 पर समोसे बेच रहा था। इस दौरान एक व्यक्ति ने उससे सामान लिया और पेंमेंट ऑनलाइन किया तो पेमेंट नहीं हो रहा था। तभी उसने यात्री की कॉलर पकड़ ली और इसी दौरान ट्रेन भी चल दी। इसी दौरान यात्री ने उसे अपनी घड़ी दे दी थी। वेंडर के अनुसार उसने यात्री को उसकी घड़ी वापस कर दी थी। रेल सुरक्षा बल जबलपुर द्वारा वेंडर के खिलाफ अपराध क्रमांक 4280/2025 धारा 145 रेल अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो तो हुआ एक्शन जबलपुर रेलवे स्टेशन पर समोसा बेच रहे फूड वेंडर से एक यात्री ने समासो लिए थे। जब वह मोबाइल के जरिए यूपीआई पेमेंट करने लगा तो वह पेमेंट नहीं हुआ। इस दौरान यात्री की ट्रेन भी चल पड़ी, तभी समोसा वेंडर ने उसका कॉलर पकड़ लिया और रुपये देने के लिए कहा। वह यात्री की जेब भी टटोलने लगा। इस दौरान यात्री ने अपने हाथ से घड़ी उतारकर उसे दे दी। सोशल मीडिया पर एक्स पर इस घटना की शिकायत प्राप्त होने के बाद डीआरएम ने जांच शुरू करवाई और उसे फूड वेंडर को ढूंढकर पूछताछ की गई। इसमें उसे यात्री के साथ अभद्रता करने की बात स्वीकार कर ली और यह भी दावा किया कि बाद उसने घड़ी लौटा दी थी।

अब UPI ट्रांजैक्शन फिंगरप्रिंट या चेहरे से! 8 अक्टूबर से लागू होगा बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन

नई दिल्ली भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. करोड़ों भारतीयों द्वारा हर दिन इस्तेमाल किए जाने वाले यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI से भुगतान करने का तरीका हमेशा के लिए बदलने वाला है. अब आपको पेमेंट करते समय 4 या 6 अंकों का पिन याद रखने और उसे डालने की जरूरत नहीं होगी. इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8 अक्टूबर से उपयोगकर्ता अपने चेहरे (फेशियल रिकग्निशन) और फिंगरप्रिंट के जरिए UPI पेमेंट को मंजूरी दे सकेंगे. यह कदम न केवल भुगतान प्रक्रिया को तेज और आसान बनाएगा, बल्कि इसे पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित भी बना सकता है. जानकारों का कहना है कि यह भारत के डिजिटल सफर में एक मील का पत्थर साबित होगा, जहां आपकी पहचान ही आपका पासवर्ड बन जाएगी. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI), जो UPI नेटवर्क का संचालन करता है, इस अत्याधुनिक सुविधा को मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में प्रदर्शित करने की योजना बना रहा है. हालांकि, NPCI ने अभी इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इस नई तकनीक को लागू करने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. क्या है डिटेल NPCI (जो UPI का संचालन करती है) इस फीचर को ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल, मुंबई में प्रदर्शित करने जा रही है। इससे डिजिटल पेमेंट्स और तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक बनेंगे। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नई सुविधा में पेमेंट की ऑथेंटिकेशन (वेरिफिकेशन) भारत सरकार की आधार प्रणाली में दर्ज बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से की जाएगी। यानी, यूजर्स का चेहरा या फिंगरप्रिंट उनके आधार डेटा से मैच किया जाएगा, जिससे पेमेंट की अनुमति मिल जाएगी। RBI के नए दिशानिर्देशों बता दें कि यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया दिशानिर्देशों के अनुरूप है, जिसमें डिजिटल ट्रांजैक्शनों के लिए वैकल्पिक ऑथेंटिकेशन तरीकों की अनुमति दी गई थी। इससे डिजिटल पेमेंट्स में सुरक्षा और उपयोगकर्ता अनुभव — दोनों को बेहतर बनाने की उम्मीद है। UPI अनुभव होगा और आसान वर्तमान में, हर UPI ट्रांजैक्शन के लिए यूजर्स को 4 या 6 अंकों का PIN दर्ज करना होता है। नई सुविधा लागू होने के बाद, फेस स्कैन या फिंगरप्रिंट सेंसर के जरिए पेमेंट तुरंत ऑथेंटिकेट हो जाएगा। इससे ट्रांजैक्शन समय घटेगा, सुरक्षा बढ़ेगी, और यूजर अनुभव और सहज होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से धोखाधड़ी की संभावना कम होगी, क्योंकि चेहरा या फिंगरप्रिंट किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कॉपी करना मुश्किल है। हालांकि, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए NPCI और UIDAI के बीच मजबूत तकनीकी प्रोटोकॉल अपनाए जाएंगे। कैसे काम करेगी यह नई तकनीक? यह नई बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण प्रणाली पूरी तरह से भारत सरकार की विशिष्ट पहचान प्रणाली ‘आधार’ पर आधारित होगी. सूत्रों में से एक ने स्पष्ट किया कि जब कोई उपयोगकर्ता भुगतान के लिए अपने चेहरे या फिंगरप्रिंट का उपयोग करेगा, तो उसका सत्यापन आधार के साथ संग्रहीत बायोमेट्रिक डेटा से किया जाएगा. इसका मतलब है कि केवल वही व्यक्ति भुगतान को मंजूरी दे पाएगा, जिसका बैंक खाता और UPI आईडी उसके आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है. यह प्रक्रिया बेहद सरल होगी. भुगतान करते समय, उपयोगकर्ता को पिन डालने के बजाय बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का विकल्प चुनना होगा. इसके बाद फोन का कैमरा या फिंगरप्रिंट स्कैनर सक्रिय हो जाएगा. एक सफल स्कैन के बाद, डेटा को सुरक्षित रूप से आधार सर्वर से मिलान के लिए भेजा जाएगा और मिलान होते ही भुगतान तुरंत सफल हो जाएगा. यह पूरी प्रक्रिया कुछ ही सेकंड में पूरी हो जाएगी, जिससे भुगतान का अनुभव सहज और बाधा रहित हो जाएगा. यह कदम उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा जिन्हें अपना पिन याद रखने में कठिनाई होती है या जो सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्क रहते हैं. क्यों पड़ी इस बदलाव की जरूरत? UPI में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को शामिल करने का यह कदम अचानक नहीं उठाया गया है. यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में जारी किए गए दिशा-निर्देशों का सीधा परिणाम है. RBI ने भुगतान प्रणालियों में सुरक्षा और नवीनता को बढ़ावा देने के लिए प्रमाणीकरण के वैकल्पिक तरीकों की अनुमति दी थी. केंद्रीय बैंक का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और सुरक्षित बनाना है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसे अपना सकें. मौजूदा पिन-आधारित प्रणाली, हालांकि काफी हद तक सुरक्षित है, फिर भी इसमें कुछ कमजोरियां हैं, जैसे कि कोई आपका पिन देख सकता है या फिशिंग के जरिए उसे चुरा सकता है. बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण इन जोखिमों को लगभग समाप्त कर देता है, क्योंकि हर व्यक्ति का फिंगरप्रिंट और चेहरा अलग होता है.  

भारत-कतर संबंधों में नया अध्याय: कतर में शुरू हुआ UPI पेमेंट सिस्टम, पीयूष गोयल ने जताई खुशी

नई दिल्ली भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी यूपीआई (UPI) का डंका दुनिया में बज रहा है. अब इसका इस्तेमाल करने वाले देशों की लिस्ट में कतर भी शामिल हो गया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने राजधानी दोहा के लुलु मॉल में यूपीआई सिस्टम लॉन्च किया. मतलब अब वहां आसानी से क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट किया जा सकता है. इस लॉन्च के मौके पर उन्होंने कहा कि यूपीआई न सिर्फ डिजिटल पेमेंट का एक तरीका है, बल्कि ये भारतीय इनोवेशन और तकनीक की ताकत का प्रतीक भी है.  भारत-कतर की बढ़ती साझेदारी का प्रतीक दो दिवसीय कतर दौरे के दौरान केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल वहां यूपीआई सिस्टम लॉन्च किया. उन्होंने कहा कि कतर में UPI से पेमेंट भारत की टेक्नोलॉजी और दोनों देशों की बढ़ती साझेदारी का उदाहरण है. इसके साथ ही ये दोनों देशों के बीच भरोसे को भी दर्शाता है. उन्होंने यूपीआई के बढ़ते दायरे के बारे में बात करते हुए कहा कि आज भारत में जहां 85% डिजिटल पेमेंट इस सिस्टम के जरिए होते हैं, तो दुनियाभर में करीब 50% डिजिटल पेमेंट भी यूपीआई से हो रहे हैं.  कतर नेशनल बैंक (QNB) ने नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई के साथ साझेदारी में अपने मर्चेंट क्लाइंट्स के लिए पॉइंट-ऑफ-सेल टर्मिनलों पर QR कोड-आधारित यूपीआई पेमेंट की सर्विस शुरू की है. कतर में LuLu आउटलेट्स पर अब भारतीय पेमेंट सिस्टम के जरिए लेन-देन स्वीकार किए जाने के साथ, भारत से आने वाले पर्यटक आसान और अधिक सुविधाजनक डिजिटल भुगतान का आनंद कतर में भी ले सकते हैं, जिससे नकदी ले जाने या मुद्रा विनिमय का प्रबंधन करने की आवश्यकता कम हो जाती है. भारत दुनिया में सबसे तेज अर्थव्यवस्था लुलु रिटेल के ग्रुप डायरेक्टर मोहम्मद अल्ताफ ने कहा कि दुनिया की वर्तमान भू-राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को देखते हुए, कतर और भारत के बीच संबंध बहुत खास हैं. कतर ने विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, इसके पास एक विश्व स्तरीय हवाई अड्डा और एक ओपन मार्केट भी है, जिसमें भारतीय कंपनियों का भी स्वागत है. भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और भारत-कतर के बीच बहुत अच्छा तालमेल है. यह एक पारंपरिक, लेन-देन वाला व्यावसायिक संबंध है, और दोनों देश इसे आगे ले जाना चाहते हैं. द्विपक्षीय व्यापार संबंध बढ़ाने पर जोर एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दोहा में यूपीआई लॉन्च करने के साथ ही केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कतर के वाणिज्य-उद्योग मंत्री महामहिम शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी के साथ एक बैठक भी की. इसमें आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग पर बातचीत की गई. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इससे जुड़ी जानकारी शेयर करते हुए पीयूष गोयल ने बताया, 'दोनों पक्षों ने मजबूत द्विपक्षीय व्यापार के आधार पर भारत-कतर साझेदारी को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.' 

टोल पेमेंट हुआ आसान : FASTag में नई छूट, UPI से करें पेमेंट

नई दिल्ली केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दीवाली से पहले आम लोगों को बड़ी राहत दी है। गाड़ी में फास्टैग न होने की दशा में मालिकों को दोगुनी कीमत चुकानी होती थी। लेकिन अब इस नियम में बदलाव होने जा रहा है। नए नियम के तहत अब फास्टैग न होने पर दोगुना नहीं, बल्कि 1.25 गुना टोल शुल्क देना होगा। बड़ी बात यह है कि वाहनों में फास्टैग न होने पर भुगतान अब यूपीआई से भी किया जा सकेगा। सरकार का कहना है कि फास्टैग ने टोल प्लाजा पर लंबी कतारों को कम किया है। 2022 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, टोल प्लाजा पर औसत वेटिंग समय अब ​​केवल 47 सेकंड है। देश में लगभग 98% राजमार्ग यूजर्स फास्टैग का उपयोग करते हैं। यह प्रणाली न केवल समय बचाती है, बल्कि टोल कलेक्शन को भी पारदर्शी बनाती है। हालांकि, कुछ लोग अभी भी फास्टैग का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वे नकद भुगतान को प्राथमिकता देते हैं। इससे टोल वसूली में अनियमितता का खतरा बढ़ जाता है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जून 2024 में सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन प्रणाली के शुभारंभ के दौरान कहा था कि नकद भुगतान से सालाना लगभग 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। फैसले से टोल वसूली में आएगी पारदर्शिता नए नियम से नकद भुगतान में कमी आएगी। यूपीआई के इस्तेमाल में बढ़ोतरी से टोल वसूली और पारदर्शी होगी। इससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा। इस कदम से उन लोगों को भी राहत मिलेगी जो किसी कारण से फास्टैग नहीं ले पाते थे। मंत्रालय का मानना ​​है कि इससे टोल प्लाजा पर आवाजाही और तेज होगी।

देशभर में अक्टूबर से लागू होने वाले 5 अहम बदलाव: आपकी जेब पर पड़ेगा असर!

नई दिल्ली अक्टूबर का महीना न सिर्फ त्योहारों की सौगात लेकर आ रहा है, बल्कि कुछ अहम बदलावों के साथ आम लोगों की दिनचर्या और खर्चों पर भी असर डालने वाला है। नए महीने की पहली तारीख यानी 1 अक्टूबर 2025 से देशभर में पांच बड़े नियम लागू हो रहे हैं, जिनका सीधा संबंध आपकी रसोई, बैंकिंग, यात्रा, पेंशन और डिजिटल पेमेंट से है। इन बदलावों का असर देश के करोड़ों लोगों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं क्या हैं वे पांच बड़े बदलाव, जो 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे: LPG सिलेंडर की कीमतों में बदलाव की तैयारी त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले रसोई का बजट बिगड़ सकता है या राहत भी मिल सकती है, क्योंकि हर महीने की तरह इस बार भी 1 अक्टूबर को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा की जाएगी। बीते महीनों में 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की दरों में कुछ उतार-चढ़ाव हुए थे, लेकिन 14 किलो वाले घरेलू सिलेंडर की कीमतों में 8 अप्रैल 2025 के बाद कोई बदलाव नहीं हुआ। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। साथ ही, एटीएफ (एविएशन टरबाइन फ्यूल), सीएनजी और पीएनजी की दरों में भी संशोधन की संभावना है। रेलवे टिकट बुकिंग का नया नियम अगर आप अक्सर IRCTC के जरिए ट्रेन टिकट बुक करते हैं, तो ये बदलाव आपके लिए बेहद अहम है। अब से 1 अक्टूबर 2025 से, ट्रेन रिजर्वेशन खुलने के पहले 15 मिनट के भीतर केवल उन्हीं यात्रियों को ऑनलाइन टिकट बुक करने की अनुमति होगी, जिनका आधार वेरिफिकेशन पहले से पूरा है। यह नया नियम IRCTC वेबसाइट और मोबाइल ऐप दोनों पर लागू होगा। यह फैसला टिकट बुकिंग में होने वाली धांधली और दलाली पर लगाम लगाने के लिए लिया गया है। हालांकि, PRS काउंटर से टिकट लेने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। पेंशन योजनाओं से जुड़े चार्ज में बदलाव अगर आप NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम), UPS, अटल पेंशन योजना (APY) या NPS Lite के तहत पेंशन फंड में निवेश करते हैं, तो आपके लिए ये खबर जरूरी है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने Central Recordkeeping Agencies (CRA) द्वारा वसूली जाने वाली फीस में बदलाव किया है, जो 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा। अब: नया PRAN (Permanent Retirement Account Number) खोलने पर E-PRAN किट के लिए ₹18 फिजिकल कार्ड के लिए ₹40 चार्ज लगेगा सालाना मेंटेनेंस चार्ज ₹100 प्रति खाता होगा APY और NPS Lite खातों पर PRAN ओपनिंग व मेंटेनेंस चार्ज ₹15 ट्रांजैक्शन चार्ज शून्य होगा यह बदलाव सरकारी कर्मचारियों और आम निवेशकों दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण है। UPI यूजर्स के लिए नई चुनौती अगर आप PhonePe, Google Pay या Paytm जैसे UPI ऐप्स से रोजमर्रा के लेन-देन करते हैं, तो ये बदलाव आपको प्रभावित कर सकता है। NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) ने UPI को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए P2P (Peer-to-Peer) ट्रांजैक्शंस पर बदलाव का ऐलान किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह फीचर 1 अक्टूबर से कुछ UPI प्लेटफॉर्म्स से हटा दिया जा सकता है या इसकी प्रक्रिया को और सख्त बनाया जाएगा, जिससे फाइनेंशियल फ्रॉड पर लगाम लगाई जा सके। 29 जुलाई को जारी सर्कुलर में इसकी जानकारी दी गई थी। बैंकों में छुट्टियों की भरमार अगर अक्टूबर में बैंक से जुड़े कोई जरूरी काम निपटाने की सोच रहे हैं, तो पहले Bank Holiday List जरूर चेक करें। अक्टूबर में त्योहारों की लंबी कतार होने के चलते पूरे महीने में कुल 21 दिन बैंकों में छुट्टी रहेगी। ये छुट्टियां अलग-अलग राज्यों और शहरों में अलग-अलग होंगी, जिनमें शामिल हैं: गांधी जयंती दुर्गा पूजा दशहरा लक्ष्मी पूजा महार्षि वाल्मीकि जयंती करवा चौथ दीवाली गोवर्धन पूजा भाई दूज छठ पूजा इनके अलावा हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार और सभी रविवार भी बैंकों में कामकाज नहीं होगा।  

Mobikwik पर बड़ा झटका! ₹40 करोड़ यूजर्स के अकाउंट से हुए गायब

मुंबई  MobiKwik चलाने वाले कई यूजर्स के साथ एक बड़ी प्रॉब्लम सामने आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 48 घंटों के दौरान कई लोगों के बैंक अकाउंट्स से 40 करोड़ रुपये निकाल लिए गए. ये ट्रांसफर UPI के जरिए किया गया है. ये घटना 11 -12 सितंबर को हुई.  इस घटना के बाद जब मामले की जांच हुई तो उसके बाद 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया.  ये गिरफ्तारी हरियाणा के जिले नूंह और पलवल से हुई हैं. गिरफ्तार किए गए लोगों के बैंक अकाउंट से चोरी किए गए 9 लाख रुपये भी बरामद हुए .  सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद शुरू हुई प्रॉब्लम टेक्निकल प्रॉब्लम की शुरुआत हाल ही में जारी किए गए सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद शुरू हुई है. इस अपडेट में एक ग्लिच था, जिसका फायदा कुछ लोगों ने उठाया. जांचकर्ताओं का मानाना है कि इस गलत अपडेट की वजह से सिक्योरिटी चेक को डिसेबल कर दिया गया.  UPI पिन के बाद भी बैंक खाते से निकाले रुपये  टेक्निकल ग्लिच के चलते एक खामी सामने आई और ठगों ने इस खामी का इस्तेमाल करके कई लोगों के खातों से रुपये उड़ा लिए हैं.   अथॉरिटीज ने 8 करोड़ रुपये को फ्रीज कर दिया है, जो अलग-अलग बैंक अकाउंट ने निकाले गए थे.  पुलिस ने लोगों से की अपील  नूंह जिले में रहने वाले लोगों से पुलिस ने अपील की है कि 11 -12 सितंबर के दौरान जिन लोगों के बैंक अकाउंट से MobiKwik ऐप के जरिए फर्जी ट्रांजैक्शन हुई हैं, वे लोग SP ऑफिस आकर कंप्लेंट दर्ज कराएं. बचाव के लिए क्या करें?  UPI के जरिए होने वाले किसी भी साइबर ठगी से बचाव के लिए जरूरी है कि आप एक से ज्यादा बैंक अकाउंट को यूपीआई ऐप से लिंक ना करें. MobiKwik ऐप वॉलेट और UPI दोनों की सुविधा देता है. 

डिजिटल पेमेंट में बड़ा अपडेट: UPI की लिमिट बढ़ी, अब एक दिन में 10 लाख रुपये ट्रांसफर संभव

नई दिल्ली भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने कई कैटेगरी में यूपीआई लेनदेन की लिमिट में बढ़ोतरी का ऐलान किया था, जो आज से प्रभावी होने जा रही है. हाई वैल्यू डिजिटल ट्रांजेक्शन को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के जरिए आसान बनाने की दिशा बड़ा कदम उठाते हुए एनपीसीआई ने लेनदेन की लिमिट को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया है. यूपीआई पेमेंट के नियमों में ये अहम बदलाव 15 सितंबर 2025 से लागू हो रहे हैं. इसके बाद अब इंश्योरेंस, कैपिटल मार्केट, लोन ईएमआई और ट्रैवल कैटेगरी में प्रति ट्रांजैक्शन 5 लाख रुपये, जबकि डेली 10 लाख रुपये तक का लेनदेन किया जा सकेगा.  कहां-कहां लागू होगी नई लिमिट यूपीआई पेमेंट की नई लिमिट पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) भुगतान पर प्रभावी होगी. मतलब वेरिफाइड कारोबारियों और संस्थाओं को पेमेंट पर ये बदलाव लागू होगा. इसके तहत कुछ कैटेगरी में अधिकतम 5 लाख रुपये, तो कुछ में मैक्सिमम 10 लाख रुपये तक का डेली ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा.  बीते 24 अगस्त को जारी एक सर्कुलर में एनपीसीआई की ओर से इस बदलाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया था कि यूपीआई अब सबसे पसंदीदा पेमेंट मोड बन चुका है और बड़े ट्रांजेक्शन के लिए बढ़ती डिमांड को देखते हुए यूपीआई पेमेंट की डेली लिमिट को बढ़ाने का यह कदम उठाया जा रहा है. ये बढ़ी हुई लिमिट 5 लाख रुपये तक के टैक्स भुगतान से जुड़ी कैटेगरी के अंतर्गत आने वाली संस्थाओं पर लागू होगी. UPI पेमेंट लिमिट में ये चेंज  कैपिटल मार्केट निवेश 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन डेली लिमिट 10 लाख रुपये इंश्योरेंस पेमेंट 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन डेली लिमिट 10 लाख रुपये GeM लेनदेन 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन डेली लिमिट 10 लाख रुपये ट्रैवल पेमेंट 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन डेली लिमिट 10 लाख रुपये क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन डेली लिमिट 6 लाख रुपये मर्चेंट पेमेंट 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन कोई डेली लिमिट नहीं ज्वेलरी पेमेंट 2 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन डेली लिमिट 6 लाख रुपये फॉरेक्स रिटेल (BBPS) 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन डेली लिमिट 5 लाख रुपये डिजिटल अकाउंट ओपनिंग 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन डेली लिमिट 5 लाख रुपये P2P पेमेंट लिमिट में बदलाव नहीं   यहां बता दें कि पर्सन-टू-पर्सन (P2P) यानी एक व्यक्ति से दूसरे को पैसे भेजने की लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये पहले की तरह ही एक लाख रुपये प्रति दिन रहेगी. एनपीसीआई द्वारा यूपीआई पेमेंट लिमिट में किया गया ये बदलाव खासतौर पर ऐसे यूपीआई यूजर्स के लिए राहत भरा है, जिन्हें पहले बड़े पेमेंट करने के लिए एक नहीं, बल्कि कई ट्रांजेक्शन करने पड़ते थे या ऑप्शनल बैंकिंग चैनल का सहारा लेना पड़ता था. इस बदलाव के बाद वे आसानी से हाई वैल्यू वाले लेनदेन कर पाएंगे. 

UPI में बढ़त जारी: जून की गिरावट के बाद जुलाई में फिर उछाल, ₹25.08 लाख करोड़ का लेन-देन

नई दिल्ली  लोकप्रिय एकीकृत भुगतान मंच (यूपीआई) के माध्यम से जुलाई में लेनदेन की संख्या 19.47 अरब के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। मूल्य के संदर्भ में, यह 25.08 लाख करोड़ रुपए रहा, जो मई में दर्ज 25.14 लाख करोड़ रुपए के बाद दूसरा सबसे अधिक है। मात्रा के लिहाज से, पिछली सबसे बड़ी संख्या मई में 18.67 अरब थी, जो जून में घटकर 18.39 अरब रह गई। मई में लेनदेन राशि 24.03 लाख करोड़ रुपए रही।  एनपीसीआई ने कहा कि जून में लेनदेन का मूल्य 25.08 लाख करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले इसी महीने में यह 20.64 लाख करोड़ रुपए था, जो सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की वृद्धि है। मासिक आधार पर, मूल्य के लिहाज से वृद्धि 4.3 प्रतिशत रही। आज, भारत में सभी डिजिटल लेनदेन में यूपीआई का योगदान 85 प्रतिशत है। इसका प्रभाव राष्ट्रीय सीमाओं से परे भी है, और यह वैश्विक रीयल-टाइम डिजिटल भुगतानों के लगभग 50 प्रतिशत को संचालित करता है। यूपीआई पहले से ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस सहित सात देशों में उपलब्ध है। फ्रांस में इसका प्रवेश मील का पत्थर है क्योंकि यह यूरोप में यूपीआई का पहला कदम है। इससे वहां यात्रा करने या रहने वाले भारतीयों को विदेशी लेनदेन की सामान्य परेशानियों के बिना सहजता से भुगतान करने की सुविधा मिलती है।  एनपीसीआई, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की एक पहल है, जो भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणालियों के संचालन के लिए एक प्रमुख संगठन है। यह यूपीआई का संचालन करता है, जिसका इस्तेमाल खरीदारी करते समय, साथियों के बीच या व्यापारियों की ओर से रीयल-टाइम भुगतान के लिए किया जाता है। एनपीसीआई ने खासकर व्यस्त समय के दौरान प्रणाली पर बोझ कम करने, असफल लेनदेन में कमी लाने और विश्वसनीयता में सुधार लाने के उद्देश्य से नई सीमाएं लागू की हैं। शुक्रवार से, उपयोगकर्ता यूपीआई ऐप के जरिए दिन में 50 बार तक अपने खातों में शेष राशि की जांच कर सकेंगे। पहले, इसकी कोई सीमा नहीं थी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सीमा नेटवर्क पर बोझ को कम करने और प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए है।