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उत्तर प्रदेश में हड़कंप: नकली नियुक्तियों में शामिल कर्मचारियों-शिक्षकों पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई

लखनऊ  सरकारी दफ्तरों और शैक्षिक संस्थानों में अनुकंपा नियुक्तियों की आड़ में गलत तरीके से नौकरी पाने वाले कर्मचारियों की मुश्किलें अब बढ़ने वाली हैं। शासन ने ऐसे मामलों की जांच तेज कर दी है और सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि पात्रता से बाहर जाकर नौकरी पाने वालों की पहचान कर रिपोर्ट भेजी जाए। अनुकंपा नियुक्ति का नियम साफ है कि यदि किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाए, तो उसके आश्रित को नौकरी दी जा सकती है। लेकिन अगर पति-पत्नी दोनों ही सरकारी सेवा में हों और उनमें से किसी एक का निधन हो जाए, तो आश्रित बच्चों को यह सुविधा नहीं मिलती। इसके बावजूद कई जगह अधिकारियों की अनदेखी या मिलीभगत से ऐसे लोगों को भी नियुक्ति मिल गई जो पात्र नहीं थे।   विभागों में खलबली, विरोधियों से शिकायतें सूत्रों के मुताबिक, गलत तरीके से नौकरी पाने वालों में खलबली मची हुई है। विरोधियों द्वारा शासन स्तर पर शिकायतें पहुंचने के बाद कई मामलों का खुलासा हुआ है। हालांकि, पहले मिली शिकायतों पर विभागों ने सिर्फ फाइलें तलब कर दस्तावेज मांगे, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं की। अब शासन की सख्ती के बाद मामले फिर से खंगाले जा रहे हैं। निकायों में भी उजागर हो सकती हैं गड़बड़ियां नियम कहता है कि अनुकंपा नियुक्ति केवल मृतक के पति, पत्नी या बेटे-बेटी को दी जा सकती है। इसके बावजूद कई नगर निकायों और विभागों में मृतक के भाई या अन्य रिश्तेदारों को भी नौकरी दे दी गई। यदि यहां जांच गहराई से हुई तो बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी सामने आ सकते हैं जो पात्र ही नहीं थे। अधिकारियों पर भी गिरेगी गाज किसी भी अनुकंपा नियुक्ति से पहले विभागीय अधिकारियों को तथ्यों की जांच करनी होती है। ऐसे में यह भी स्पष्ट है कि यदि गलत तरीके से किसी को नौकरी मिली है, तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी और उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। हाईकोर्ट के आदेश से खुली नींद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक ऐसे मामले पर सख्त रुख अपनाया जिसमें एक व्यक्ति ने अनुकंपा नौकरी लेते समय अपनी मां के सरकारी शिक्षिका होने की बात छिपा ली थी। अदालत के आदेश के बाद शासन और विभागीय अधिकारी हरकत में आ गए हैं। अब सभी विभागों को शासन को रिपोर्ट भेजनी होगी, जिससे यह सामने आ सकेगा कि कितने कर्मचारियों ने नियमों को ताक पर रखकर नौकरी हासिल की है।

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में कृषि विश्वविद्यालय, बीज विकास निगम, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान वाराणसी भी लेगा हिस्सा

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में यूपी के एग्री कल्चर के होंगे दर्शन, 1000 वर्ग मीटर में प्रदर्शनी लगाएगा कृषि विभाग  यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में कृषि विश्वविद्यालय, बीज विकास निगम, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान वाराणसी भी लेगा हिस्सा यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में एफपीओ के कृषि उत्पादों, उपकरणों, बीज, उर्वरक व कृषि रक्षा रसायन निर्माताओं को मिलेगा मंच  उत्तर प्रदेश की उन्नत कृषि संस्कृति से रूबरू होंगे आगंतुक, प्रदेश के प्रगतिशील किसान व कंपनियां भी होंगी शामिल  कृषि विभाग ने प्रदर्शनी की सफलता व देखरेख के लिए नोडल अधिकारियों को भी किया नामित सीएम योगी के मार्गदर्शन में 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में होगा यूपीआईटीएस 2025  5 दिवसीय यूपीआईटीएस का गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे शुभारंभ लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल ट्रेड शो का तृतीय संस्करण होगा। इसकी तैयारी पूरी की जा चुकी है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईटीएस का शुभारंभ करेंगे। इसमें एक तरफ देश- विदेश से आए प्रतिनिधि जहां यूपी की समृद्ध विरासत का दीदार करेंगे तो वहीं यूपी के एग्री 'कल्चर' के भी दर्शन करेंगे। ट्रेड शो के दौरान पांच कृषि विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान वाराणसी भी हिस्सा लेंगे। एफपीओ के कृषि संबधी उत्पादों, उपकरणों, बीज, उर्वरक व कृषि रक्षा रसायन निर्माताओं को मंच मिलेगा तो आगंतुकों को उत्तर प्रदेश की उन्नत कृषि संस्कृति और तकनीक से भी रूबरू कराया जाएगा। यहां प्रदेश के प्रगतिशील किसानों व कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म मिलेगा। इसमें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व एक ही स्थान पर होगा। इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 में कृषि विभाग को एक हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल आवंटित किया गया है। इसमें कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि संबंधी संस्थाएं, मंडी परिषद-कृषि विपणन निदेशालय, कृषि उपकरण, उर्वरक, बीज व पौध संरक्षण रसायन निर्माता कंपनियां भी हिस्सा लेंगी।  पांच कृषि विश्वविद्यालय की भी रहेगी सहभागिता ट्रेड शो में उत्तर प्रदेश के पांच कृषि विश्वविद्यालयों की भी सहभागिता रहेगी। इसमें चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर, आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मोदीपुरम मेरठ, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा, सैम हिंगिंग बॉटम कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (शियाट्स) नैनी प्रयागराज की भी सहभागिता रहेगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान वाराणसी भी हिस्सा लेगा।  कृषि विभाग के संवाद-समन्वय से 15 से अधिक एफपीओ करेंगे प्रतिभाग  इंटरनेशनल ट्रेड शो के आयोजन में कृषि विभाग की भी बड़ी हिस्सेदारी है। कृषि विभाग के संवाद व समन्वय से इसमें लगभग 15 से अधिक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) हिस्सा लेंगे। इसमें बुलंदशहर के तीन एफपीओ समेत की प्रयागराज, एटा, झांसी, मेरठ, महोबा, सहारनपुर, बाराबंकी, गौतमबुद्धनगर, लखनऊ, सिद्धार्थनगर समेत विभिन्न जनपदों की सहभागिता रहेगी। कृषि विभाग की तरफ से लगने वाली प्रदर्शनी में सीड्स, फर्टिलाइजर, कृषि यंत्रों से जुड़ी कंपनियां भी प्रतिभाग करेंगी। इसमें 17 कृषि यंत्रीकरण कंपनी, 9 बीज कंपनियां, 8 उर्वरक कंपनी, 8 कृषि रक्षा कंपनी भी प्रतिभाग करेंगी।  कृषि विभाग ने नियुक्त किए नोडल अधिकारी  सीएम योगी के नेतृत्व में इंटरनेशनल ट्रेड शो में कृषि विभाग महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखेगा। कृषि विभाग की ओर से संवाद, समन्वय व देखरेख के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। कृषि- कृषि शिक्षा व बीज विकास निगम से संवाद-समन्वय के लिए अपर कृषि निदेशक प्रसार को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। मंडी परिषद व कृषि विपणन के लिए राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के निदेशक द्वारा नामित अपर निदेशक स्तर के अधिकारी या उप निदेशक कृषि विपणन नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे। बीज उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए डॉ. अमरनाथ मिश्र अपर कृषि निदेशक (बीज व प्रक्षेत्र) तथा ट्रेड शो में आमंत्रित उर्वरक बनाने वाली कंपनियों के लिए संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक) डॉ. आशुतोष कुमार मिश्र को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। कृषि उपकरण व ड्रोन बनाने वाली कंपनियों के लिए संयुक्त कृषि निदेशक (अभियंत्रण) नरेंद्र कुमार तथा कीटनाशक कृषि रक्षा रसायनों के लिए अपर कृषि निदेशक (कृषि रक्षा) टीएम त्रिपाठी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। कृषि क्षेत्र में नई तकनीक का उपयोग व उससे संबंधित स्टार्टअप के लिए आईआईटी कानपुर में अलग विंग संचालित है। आईआईटी कानपुर से समन्वय बनाने के लिए अपर कृषि निदेशक (प्रसार) नोडल अधिकारी होंगे।  उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो के तृतीय संस्करण (25 से 29  सितंबर) के आयोजन में कृषि विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। यहां आने वाले अतिथि व आगंतुक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की उन्नत कृषि संस्कृति और कृषि क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की प्रगति से रूबरू होंगे। आयोजन में कृषि विश्वविद्यालय, एफपीओ, बीज कंपनी, उर्वरक कंपनी, कृषि यंत्रीकरण कंपनी आदि की भी सहभागिता रहेगी।   

सीएम योगी के मार्गदर्शन में लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर बाढ़ पीड़ितों की मदद को आगे आए कॉरपोरेट सेक्टर, उद्यमी और स्वयंसेवी संस्थाएं

योगी सरकार ने खीरी में पेश की जनसहभागिता की मिसाल, 5 हजार सीएसआर स्पेशल किट बनीं बाढ़ पीड़ितों का संबल   सीएम योगी के मार्गदर्शन में लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर बाढ़ पीड़ितों की मदद को आगे आए कॉरपोरेट सेक्टर, उद्यमी और स्वयंसेवी संस्थाएं  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप बाढ़ पीड़ितों को सरकारी सहायता के साथ उपलब्ध करायी जा रही स्पेशल किट  – 45 लाख रुपये की लागत से तैयार की गयी किट, जरूरत पड़ने पर और भी किट की जाएंगी तैयार – किट में मच्छरदानी, छाता, बैटरी सहित टॉर्च, सेनेटरी पैड और गर्म पानी के थर्मस का किया जा रहा वितरण  – एक किट की कीमत है करीब 9 सौ रुपये, पिछले वर्ष भी सीएसआर स्पेशल किट बाढ़ पीड़ितों को की गयी थीं वितरित      लखनऊ/लखीमपुर खीरी   कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों।                           ये पंक्तियां याेगी सरकार के लखीमपुर खीरी जिला प्रशासन पर पूरी तरह से चरितार्थ होती हैं। यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप आपदा में जनसहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिला, जहां पर जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी द्वारा बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 5 हजार सीएसआर स्पेशल किट का वितरण किया जा रहा है। यह किट योगी सरकार द्वारा सरकारी वित्तीय सहायता, मुआवजा और राहत किट के अतिरिक्त वितरित की जा रही है। इस किट को जिलाधिकारी की पहल पर 45 लाख रुपये की लागत से कॉरपोरेट सेक्टर, उद्यमियों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से तैयार किया गया। इसी के साथ खीरी पूरे प्रदेश में ऐसा पहला जिला हैं, जहां पर बाढ़ पीड़ितों के लिए सीएसआर स्पेशल किट वितरित की जा रही है। एक किट की लागत करीब 900 रुपये है। बता दें कि पिछले वर्ष भी आपदा की घड़ी में सीएम योगी के मार्गदर्शन में सीएसआर स्पेशल किट का वितरण किया गया था।  निराश्रित महिलाओं, दिव्यागों और 70 वर्ष से ऊपर के वृद्धजनों को उपलब्ध करायी जा रही किट जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा अापदा के समय प्रदेशवासियों के साथ खड़े रहते हैं। उनके द्वारा न केवल आपदा की घड़ी में पीड़ितों को हर संभव मदद उपलब्ध करायी जाती है बल्कि वह खुद पीड़ितों पर दर्द साझा करने के लिए उनसे मुलाकात कर कुशलक्षेम पूछते रहते हैं। इसी क्रम में सीएम योगी की दूरदर्शी सोच को आत्मसात करते हुए सरकारी सहायता के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों में 5 हजार सीएसआर स्पेशल किट का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किट को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए जिले की पांच बाढ़ प्रभावित तहसीलों के सभी बाढ़ प्रभावित गांव में निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगों और 70 वर्ष से ऊपर के वृद्धजनों को चिन्हित किया गया है। इसके साथ ही हर जरूरतमंद को स्पेशल किट का वितरण किया जा रहा है। जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने गुरुवार को सदर तहसील में विधायक योगेश वर्मा के साथ जरूरतमंदों को सीएसआर स्पेशल किट वितरित की।  बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जरूरत पड़ने पर और भी स्पेशल किट करायी जाएगी तैयार जिलाधिकारी ने बताया कि जिले की निघासन, धौरहरा, गोला गोकर्णनाथ औा पलिया तहसीलों में चिन्हित दिव्यांगजन, निराश्रित महिला एवं 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले वृद्धजनों को स्पेशल सीएसआर किट का वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि फिलहाल बाढ़ पीड़ितों को पांच हजार स्पेशल किट उपलब्ध करायी जा रही है। वहीं जरूरत पड़ने पर और भी सीएसआर स्पेशल किट को बनवाया जाएगा। किट में मच्छरदानी, छाता, बैटरी सहित टॉर्च, सेनेटरी पैड (2 पैकेट) और गर्म पानी रखने के लिए 2 लीटर की थर्मस शामिल है।   

सर्वोदय विद्यालयों व छात्रावासों में शुरू हुआ श्रमदान अभियान

अनुशासन, सहयोग और जिम्मेदारी की सीख देंगे श्रमदान कार्यक्रम सदनवार जिम्मेदारी से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा और स्वच्छता की ललक बागवानी से विद्यालयों में खिलेगी हरियाली और पर्यावरण चेतना डिजिटल मॉनिटरिंग के लिए QR कोड से अपलोड होंगी तस्वीरें लखनऊ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को नई गति देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक और अभिनव कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन और समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के निर्देश पर प्रदेश के सभी जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों और राजकीय छात्रावासों में प्रत्येक रविवार श्रमदान कार्यक्रम शुरू हो गया है। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों में अनुशासन, सहयोग और श्रम के प्रति सम्मान की भावना विकसित करना है। परिसर की साफ-सफाई और मरम्मत कार्य श्रमदान कार्यक्रम के तहत प्रत्येक रविवार को विद्यालय और छात्रावास परिसर की साफ-सफाई की जाएगी। टूटी हुई कुर्सियाँ, मेज और अन्य फर्नीचर की मरम्मत, पानी की टंकियों व नालियों की सफाई तथा कचरा निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आवश्यक उपकरण—झाड़ू, फावड़े, बाल्टी, तसला और कूड़ेदान—की व्यवस्था पहले से कर दी गई है। बागवानी से हरियाली को बढ़ावा बागवानी पर जोर देते हुए पेड़-पौधों की निराई-गुड़ाई, नए पौधों का रोपण और सूखे पत्तों व टहनियों से खाद बनाने का कार्य भी किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण की भावना मजबूत होगी। सदनवार जिम्मेदारी और डिजिटल मॉनिटरिंग विद्यालयों को सदनों में बाँटकर श्रमदान की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इससे विद्यार्थियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना जागेगी और परिसर को सुंदर बनाने की प्रेरणा मिलेगी। श्रमदान कार्य की पहले और बाद की तस्वीरें निर्धारित प्रारूप में QR कोड के माध्यम से अपलोड की जाएंगी, जिससे निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।  

सीएम योगी का बड़ा कदम: नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर, 4 बॉर्डर जिलों में हाई अलर्ट

लखनऊ  नेपाल में दो दिनों से हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं. राजधानी काठमांडू से लेकर छोटे कस्बों तक Gen-Z आंदोलनकारियों का विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है. पथराव, आगजनी से शुरू हुआ ये बवाल अब बढ़ता ही जा रहा है. नेपाल की इस अस्थिरता का असर अब खासकर उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों तक भी महसूस किया जाने लगा है. नेपाल सीमा से सटे बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर और महाराजगंज को हाई अलर्ट पर डाल दिया गया है. व्यापार, पढ़ाई और रोजमर्रा की आवाजाही के कारण नेपाल से लगे जिले हमेशा से संवेदनशील रहे हैं. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा को कड़ा कर दिया है योगी सरकार की सख्त तैयारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण को निर्देश दिया कि नेपाल से सटी पूरी सीमा पर 24 घंटे पुलिस अलर्ट पर रहे. आदेश मिलते ही सभी संबंधित जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. गश्त बढ़ा दी गई है, सीमा चौकियों को और मजबूत किया गया है और सुरक्षा एजेंसियों को हर छोटी-बड़ी सूचना पर सतर्क रहने को कहा गया है. बताया जा रहा है कि सीमावर्ती इलाकों में तैनात जवानों को विशेष रूप से यह हिदायत दी गई है कि संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई करें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने में देरी न हो. इसके लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) को सक्रिय कर दिया गया है. इसके अलावा ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके. नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए मदद का इंतजाम नेपाल में जारी उथल-पुथल की वजह से बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक फंस गए हैं. इनमें व्यापारी, छात्र, तीर्थयात्री और पर्यटक शामिल हैं. इनकी सुरक्षा और वापसी के लिए यूपी पुलिस मुख्यालय लखनऊ में एक विशेष नियंत्रण कक्ष (Control Room) बनाया गया है. यह कंट्रोल रूम अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) की देखरेख में काम करेगा और 24×7 सक्रिय रहेगा. हेल्पलाइन नंबर और व्हाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं, जिन पर फंसे नागरिक सीधे संपर्क कर सकते हैं. हेल्पलाइन नंबर जारी हुए: – 0522-2390257 – 0522-2724010 – 9454401674 – WhatsApp नंबर: 9454401674 इन नंबरों पर आने वाली कॉल्स को हैंडल करने के लिए प्रशिक्षित टीम लगाई गई है, जो तुरंत संबंधित विभागों से संपर्क कर मदद पहुंचाएगी. अधिकारियों ने कहा है कि नेपाल में मौजूद भारतीयों को किसी भी हाल में असहाय नहीं छोड़ा जाएगा. सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी नेपाल में हालात बदलते ही अफवाहों का बाजार भी गर्म हो गया है. गलत सूचनाओं से माहौल बिगड़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए यूपी पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया इकाई को सख्त निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि नेपाल से जुड़ी किसी भी संवेदनशील सूचना या पोस्ट पर लगातार नजर रखी जाए. अगर कोई भ्रामक पोस्ट या अफवाह सामने आती है तो तुरंत कार्रवाई की जाए. पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे. नेपाल की स्थिति और बढ़ती चिंता नेपाल में सोमवार तक आंदोलन का चेहरा छात्रों और युवाओं का था, जो सोशल मीडिया बैन का विरोध कर रहे थे. लेकिन मंगलवार को स्थिति ने अचानक करवट बदली. हथियारबंद लोग भीड़ में शामिल हो गए और विरोध हिंसा में बदल गया. इससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगह टकराव हुआ. विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल की यह अस्थिरता लंबे समय तक बनी रह सकती है, क्योंकि सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव अब खुला संघर्ष बन चुका है. ऐसे में भारत के लिए विशेष सतर्कता जरूरी है, क्योंकि दोनों देशों की खुली सीमाएं सुरक्षा के लिहाज से चुनौती बन सकती हैं. मुख्यमंत्री योगी की सख्त निगरानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ले रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया है कि सीमावर्ती जिलों में किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और कहा गया है कि नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की हर संभव मदद की जाए. मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि सीमा पर आवागमन को नियंत्रित किया जाए और जरूरत पड़ने पर अस्थायी तौर पर आवाजाही बंद कर दी जाए. यही कारण है कि कई जगह स्थानीय प्रशासन ने बॉर्डर पर चेकिंग सख्त कर दी है और संदिग्ध लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. नागरिकों के लिए संदेश पुलिस और प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक हेल्पलाइन या प्रशासनिक चैनल से मिली जानकारी पर भरोसा करें. सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वालों से कहा गया है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें.

योगी सरकार के आईजीआरएस पोर्टल से जन शिकायतों के निस्तारण में आई तेजी, पीड़ितों को मिल रहा त्वरित न्याय

जनशिकायतों के निस्तारण में योगी सरकार का देवीपाटन मंडल अव्वल, मीरजापुर मंडल ने हासिल किया दूसरा स्थान    योगी सरकार के आईजीआरएस पोर्टल से जन शिकायतों के निस्तारण में आई तेजी, पीड़ितों को मिल रहा त्वरित न्याय   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉनीटरिंग से शिकायतों का समयबद्ध हो रहा निस्तारण  – आईजीआरएस की अगस्त माह की रिपोर्ट में जनमानस की शिकायतों के निस्तारण में देवीपाटन मंडल ने पहले स्थान पर  – रिपोर्ट में मीरजापुर दूसरे तो अलीगढ़ मंडल है तीसरे स्थान पर, शिकायतों के निस्तारण के बाद मंडलायुक्त ले रहे फीडबैक  – मंडलायुक्तों की मॉनीटरिंग, विभागीय आख्या की जांच और शिकायकर्ता के फीडबैक से समस्या के समाधान में आ रही तेजी लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी से जन शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया में अभूतपूर्व तेजी आई है। योगी सरकार के आईजीआरएस पोर्टल से शिकायतों के समाधान में न केवल पारदर्शिता आई है, बल्कि पीड़ितों को त्वरित न्याय भी मिल रहा है। योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में प्रशासनिक सुधारों और तकनीकी उपायों को अपनाकर शिकायतों के निस्तारण को सुनिश्चित किया है। वहीं, आईजीआरएस की अगस्त माह की रिपोर्ट में देवीपाटन मंडल ने जन शिकायतों के निस्तारण में बाजी मारी है और प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसी तरह प्रदेशभर में मीरजापुर मंडल ने दूसरा और अलीगढ़ मंडल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।  हर माह रेंडम पांच शिकायतकर्ता से दवीपाटन मंडलायुक्त खुद लेते हैं निस्तारण का फीडबैक देवीपाटन मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप जनशिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जा रहा है। इसके लिए देवीपाटन मंडल के जिलों क्रमश: श्रावस्ती, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर में जनशिकायतों के पारदर्शी और त्वरित समाधान के लिए कई बिंदुओं पर लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिलों में जनशिकायतों की निस्तारण की रिपोर्ट की लगातार मॉनीटरिंग की जाती है। मंडलायुक्त ने बताया कि वह खुद मंडल के सभी जिलों के जनशिकायतों के निस्तारण के पहलुओं की मॉनीटरिंग करते हैं। इसके साथ ही रेंडम पांच शिकायतकर्ता से मंडलायुक्त कार्यालय से फीडबैक लिया जाता है ताकि यह पता चल सके कि पीड़ित की शिकायत पर वास्तविकता में एक्शन लिया गया है या फिर रिपोर्ट ही लगायी गयी है। इसके साथ ही हर माह जनशिकायतों के मामलों की विभागीय आख्या की जांच की जाती है। यही वजह है कि देवीपाटन मंडल ने जन शिकायतों के निस्तारण में प्रदेश भर में पहला स्थान प्राप्त किया है। मंडलायुक्त ने बताया कि अगस्त माह की आईजीआरएस रिपोर्ट में दवीपाटन मंडल को पूर्णांक 120 में से 105 अंक प्राप्त हुए हैं और सफलता दर 87.50 प्रतिशत है।    मीरजापुर मंडल ने दूसरा तो अलीगढ़ मंडल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया योगी सरकार द्वारा लांच आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) पोर्टल नागरिकों की शिकायतों के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कई सुधारों के बाद यह अत्यधिक प्रभावी साबित हुआ है। आईजीआरएस की अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार मीरजापुर मंडल ने जन शिकायतों के निस्तारण में प्रदेशभर में दूसरा प्राप्त किया है। मीरजापुर मंडलायुक्त ने बताया कि अगस्त माह की आईजीआरएस रिपोर्ट में मीरजापुर मंडल को पूर्णांक 120 में से 96 अंक प्राप्त हुए हैं और सफलता दर 80 प्रतिशत है। इसी तरह अलीगढ़ मंडल ने जनशिकायतों के निस्तारण में पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। अलीगढ़ मंडलायुक्त संगीता सिंह ने बताया कि अगस्त माह की आईजीआरएस रिपोर्ट में अलीगढ़ मंडल को पूर्णांक 120 में से 93 अंक प्राप्त हुए हैं और सफलता दर 77.50 प्रतिशत है। इसके साथ ही टॉप फाइव मंडल में बस्ती मंडल ने चौथा और प्रयागराज मंडल ने पांचवां स्थान प्राप्त किया है। इन मंडलों ने शिकायतों के निस्तारण में समय की बचत और पीड़ितों से फीडबैक लेकर सुधार की प्रक्रिया को तेज किया है। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि कोई भी शिकायत अनसुलझी न रहे और समाधान की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और समयबद्ध हो। साथ ही अधिकारियों के फील्ड विज़िट्स ने इस प्रक्रिया को और भी प्रभावी बना दिया है।  

योगी सरकार के आमंत्रण पर उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, बिजनेस डेलिगेशन और सांस्कृतिक कलाकार होंगे शामिल

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में इस बार रूस बनेगा पार्टनर कंट्री योगी सरकार के आमंत्रण पर उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, बिजनेस डेलिगेशन और सांस्कृतिक कलाकार होंगे शामिल योगी सरकार के आमंत्रण पर रूस ने दी पार्टनर कंट्री बनने की औपचारिक स्वीकृति बिजनेस डेलिगेशन बैंकिंग, ऊर्जा, स्किलिंग, शिक्षा और आईटी/आईटीईएस क्षेत्रों में करेगा सहभागिता 9 सदस्यीय सांस्कृतिक दल भी प्रस्तुत करेगा रूसी कला-संस्कृति ‘डूइंग बिजनेस इन रूस’ पर नॉलेज सेशन की होगी खास प्रस्तुति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को करेंगे यूपीआईटीएस 2025 का शुभारंभ  मेगा इवेंट में योगी सरकार की पहल से बढ़ेगा वैश्विक सहयोग लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में लगातार तीसरे वर्ष होने जा रहे उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में इस बार रूस पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने रूस को इस मेगा इवेंट में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया है। रूस की ओर से भी इस आमंत्रण को स्वीकृत कर लिया गया है और इसकी जानकारी प्रदेश सरकार को दे दी गई है। इस मेगा इवेंट में रूस का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, उद्योग जगत के प्रमुख प्रदर्शक और सांस्कृतिक कलाकार शो का हिस्सा बनेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को यूपीआईटीएस 2025 का शुभारंभ करेंगे, जो 29 सितंबर तक चलेगा।  2024 में वियतनाम बना था पार्टनर कंट्री  इससे पहले 2024 में भी योगी सरकार की पहल पर वियतनाम को बतौर पार्टनर कंट्री यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में सम्मिलित किया गया था। इस दौरान भारत और वियतनाम के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए वियतनाम-इंडिया फोरम और यूपी-वियतनाम टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों देशों के बीच व्यापार एवं पर्यटन संबंधों पर जोर दिया था। उनका मानना है कि उत्तर प्रदेश न केवल भारत का ग्रोथ इंजन है बल्कि वैश्विक निवेश का हब भी बन रहा है। ऐसे में रूस के यूपीआईटीएस 2025 में पार्टनर कंट्री बनने से उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को नई दिशा मिलेगी और प्रदेश के उद्योगों को वैश्विक बाजार तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। रूस ने दी पार्टनर कंट्री बनने की स्वीकृति  27 मई 2025 को भारत के मास्को स्थित दूतावास ने रूस के प्रमुख मंत्रालयों—मिनिस्ट्री ऑफ इंडस्ट्री एंड ट्रेड, मिनिस्ट्री ऑफ इकोनॉमिक डेवलपमेंट, मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड हायर एजुकेशन तथा मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर—को औपचारिक निमंत्रण भेजा था। इसके अलावा, रूस के प्रमुख व्यापारिक संगठनों जैसे चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ रशिया, बिजनेस रशिया, ओपोरा रशिया और विभिन्न सेक्टर-विशेष ट्रेड बॉडीज़ से भी सक्रिय संवाद स्थापित किया गया है। इसके जवाब में रूस की ओर से आमंत्रण को स्वीकार करते हुए अपनी भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इस संबंध में रूस की स्वीकृति पत्र भी प्रदेश सरकार को मिल चुका है।  बिजनेस और कल्चरल डेलिगेशन होगा आकर्षण का केंद्र रूस की ओर से आने वाले डेलिगेशन में बैंकिंग, ऊर्जा, स्किलिंग, शिक्षा और आईटी/आईटीईएस सेक्टर से जुड़े प्रतिनिधि शामिल होंगे। वे उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री स्तर के अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही रूस का 9 सदस्यीय सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुति देगा, जिससे ट्रेड शो में भारत-रूस सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊर्जा मिलेगी। नॉलेज सेशन और बिजनेस अवसर ट्रेड शो में एक विशेष ‘डूइंग बिजनेस इन रूस’ नॉलेज सेशन भी आयोजित होगा। इसमें भारतीय और उत्तर प्रदेश के उद्योगपतियों को रूस के व्यापारिक अवसरों और निवेश संभावनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।  

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के अनुरोध पर केंद्र ने दी स्वीकृति

लखनऊ  योगी सरकार के मार्गदर्शन में जनहित को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग द्वारा छोटा व याद रखने में आसान हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था। इस पर दूरसंचार मंत्रालय भारत सरकार ने शॉर्ट कोड “149” स्वीकृत कर लागू कर दिया है। अब परिवहन विभाग की हेल्पलाइन दोनों नंबरों—पूर्व से संचालित टोल-फ्री 1800-1800-151 और नया “149”—पर 24×7 उपलब्ध रहेगी। इसका उद्देश्य हर नागरिक को एक ही कॉल में त्वरित, विश्वसनीय और पारदर्शी सहायता दिलाना है। इन सेवाओं के लिए करें कॉल ड्राइविंग लाइसेंस (DL), पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC), परमिट, फिटनेस, रोड टैक्स, प्रदूषण प्रमाणपत्र (PUC), BH-सीरीज़ पंजीकरण, ई-वी सब्सिडी, आरवीएसएफ (स्क्रैप), एटीएस, एडीटीसी, ई-चालान, ई-डीएआर तथा संबंधित ऑनलाइन पोर्टलों/सेवाओं की जानकारी, स्थिति और शिकायत-निवारण “149” या 1800-1800-151 पर कर सकते हैं। नागरिक कैसे उपयोग करें     1.    डायल करें: मोबाइल/लैंडलाइन से “149” (या 1800-1800-151)।     2.    सेवा चुनें: वांछित विषय (DL/RC/परमिट/फिटनेस/टैक्स/PUC/EV/इत्यादि) चुनें और आवश्यक विवरण दें।     3.    तुरंत सहायता: संबंधित जानकारी/लिंक/स्थिति का संदेश आपके मोबाइल पर प्राप्त होगा। शिकायत दर्ज होने पर तुरंत शिकायत संख्या दे दी जाएगी।     4.    ऑनलाइन शिकायत/स्थिति: https://upgov.info/transport पर नई शिकायत दर्ज करें / शिकायत की स्थिति देखें विकल्प उपलब्ध है। सुरक्षा व भुगतान संबंधी सावधानियाँ     (1) ई-चालान अथवा अन्य राशि का भुगतान केवल अधिकृत सरकारी पोर्टलों (जैसे parivahan.gov.in) पर करें।     (2) विभाग का ब्लू-टिक सत्यापित व्हाट्सऐप चैटबॉट: 8005441222 है—इसी नंबर से जानकारी/सहायता लें।     (3) संदिग्ध लिंक/कॉल से सावधान रहें; भुगतान हेतु उपलब्ध सभी मान्य ई-भुगतान माध्यम (जैसे UPI, नेट-बैंकिंग, कार्ड, पीओएस) स्वीकार्य हैं। नागरिक सुविधा को केंद्र में रखकर छोटा और यादगार नंबर ‘149’ उपलब्ध कराने का हमने अनुरोध किया था, जिसे भारत सरकार ने स्वीकृत कर लागू कर दिया है। अब ‘149’ और 1800-1800-151 दोनों पर 24×7 सहायता मिलेगी। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है—सुरक्षित सड़कें, सरल सेवाएँ और संतुष्ट नागरिक, हेल्पलाइन की नियमित समीक्षा से शिकायत-निवारण समयबद्ध और प्रभावी बनाया जाएगा। ब्रजेश नारायण सिंह परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश  

योगी सरकार एक लाख सूर्य सखियों से गांव-गांव तक पहुंचाएगी सौर ऊर्जा की रोशनी

सीएम योगी के निर्देश पर सोलर पैनल के इंस्टालेशन, सोलर पैनल, लाइटिंग, ईवी चार्जिंग के कार्यों में महिलाओं को जोड़ा जाएगा  – यूपीएसआरएलएम द्वारा सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उठाया गया कदम – सीएम योगी के मार्गदर्शन में यूपीएसआरएलएम की ओर से डीईडब्लयूईई(Decentralized Energy for Women’s Economic Empowerment) कार्यक्रम का बुधवार को किया जा रहा आयोजन – कार्यक्रम में प्रदेश के कई वरिष्ठ अधिकारी, पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञ और वैज्ञानिक लेंगे हिस्सा   लखनऊ योगी सरकार प्रदेश की बेटियों और महिलाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। वहीं ग्रामीण विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं। इसी के तहत योगी सरकार स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सोलर पैनल, लाइटिंग, ईवी चार्जिंग समेत सोलर आधारित योजनाओं में भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला सूर्य सखी से जोड़ने जा रही है। इसी क्रम में सीएम योगी के मार्गदर्शन में बुधवार को यूपीएसआरएलएम की ओर से DEWEE(Decentralized Energy for Women’s Economic Empowerment)कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसका वर्ष 2030 तक 1 लाख महिला नेतृत्व वाले उद्यमों तक डीआरई (Decentralized Renewable Energy) को पहुंचाना है। इसके जरिये जहां सोलर एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से इजाफा होगा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण और शहरी महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी। कार्यक्रम में देश और विदेश के सौर ऊर्जा के क्षेत्र के विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे और डीआई को धरातल पर उतारने के लिए खाका खींचेंगे।  सौर ऊर्जा से रोशन होंगे प्रदेश के ग्रामीण और दूर-दराज के इलाके यूपीएसआरएलएम की निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि योगी सरकार द्वारा लगातार महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास पर जोर दिया जा रहा है। उनका यह मानना है कि अगर महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तो समाज में समृद्धि का रास्ता खुल सकेगा। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में  महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें डीआरई को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण जीवन मिशन द्वारा डीआरई पहल महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs)को सशक्त बनाने की दिशा में एक नया कदम है। उन्होंने बताया कि डीआरई ऑफ-ग्रिड यानी मिनी ग्रिड ऊर्जा समाधानों से संबंधित है, ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इन इलाकों में  पारंपरिक बिजली नेटवर्क पहुंचने में काफी परेशानी होती है, वहां डीआरई घरों और समुदायों को स्वच्छ, सस्ती और विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान करेगा। इस पहल के जरिए महिलाएं न केवल अपनी आर्थ‍िक स्थिति को सुधार सकती हैं, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा समाधानों के प्रचार-प्रसार में भी सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं। महिलाओं को सौर ऊर्जा से जोड़ेगी योगी सरकार डीईडब्ल्यूईई कार्यक्रम के तहत महिलाएं न केवल डीआरई समाधानों की स्थापना, रखरखाव और मरम्मत में सक्षम होंगी, बल्कि वे अपने समुदायों में स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी सेवाएं भी प्रदान करेंगी। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वे समाज में बेहतर भूमिका निभा सकेंगी। इसके अलावा महिलाएं छोटे-छोटे उद्यमों को भी स्थापित कर सकेंगी, जिससे उन्हें सशक्त होने का एक नया अवसर मिलेगा। निदेशक ने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभाग ने कई महत्वपूर्ण संस्थाओं के साथ साझेदारी की है। इसमें पीसीआई इंडिया, एचसीबीसी, ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपल एंड प्लेनेट, गेट्स फाउंडेशन इंडिया और प्रेरणा ओजस जैसी संस्थाएं शामिल हैं। यह संस्थाएं प्रदेश के 20 जिलों में डीआरई को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभाएंगी। इन संस्थाओं के सहयोग से महिलाओं के लिए एक समावेशी और लचीला स्वच्छ ऊर्जा तंत्र का निर्माण किया जाएगा।    कार्यक्रम में यूपीएसआरएलएम की निदेशक दीपा रंजन, पीसीआई इंडिया के जलवायु एवं रणनीति निदेशक शिशिर कुमार सिंह, ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी, यूपीनेडा के निदेशक इंद्रजीत सिंह, उद्योग निदेशक एवं एमएसएमई आयुक्त कानुपर केवी पांडियन, अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास विभाग हिमांशु कुमार, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार के वरिष्ठ निदेशक-वैज्ञानिक जीवन कुमार जेठानी और गेट्स फाउंडेशन के निदेशक हरि मेनन आदि शामिल रहेंगे।  

उत्तर प्रदेश में कृषि श्रमिकों को मिलेगा नियमित भत्ता, सरकार देगी ₹6552 प्रति माह

लखनऊ  उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कृषि श्रमिकों को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया है. राज्य सरकार ने कृषि से जुड़े श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की है, जिससे लाखों परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा. अब कृषि श्रमिकों को प्रतिदिन 252 रुपये या मासिक 6552 रुपये का वेतन मिलेगा. सरकार के इस फैसले की खास बात यह है कि अब पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन जैसे कार्यों को भी कृषि श्रम की कैटेगरी में रखा गया है. इससे ऐसे श्रमिकों को भी न्यूनतम मजदूरी के तहत सुरक्षा और लाभ मिल सकेगा, जो पहले असंगठित क्षेत्र में आते थे. मजदूरी का भुगतान अब सिर्फ कैश तक सीमित नहीं रहेगा. सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिजिटल माध्यम में भी मजदूरी भुगतान करने का फैसला लिया है. इससे लेनदेन पारदर्शी होगा और श्रमिकों को समय पर मजदूरी मिल सकेगी. अब श्रमिकों को प्रति घंटे के हिसाब से भी न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी. यह व्यवस्था खास तौर से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो पूरे दिन की बजाय कुछ घंटों के लिए काम करते हैं. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो श्रमिक पहले से इस नई दर से अधिक मजदूरी पा रहे हैं, उन्हें उनका पुराना लाभ मिलता रहेगा. ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता को मिलेगा बल सरकार का मानना है कि इस ऐतिहासिक फैसले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. सरकार ने इसे सिर्फ आर्थिक निर्णय नहीं, बल्कि श्रमिकों को सम्मान और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने वाला कदम बताया है. प्रदेशभर में सभी प्रकार की खेती, बागवानी, सिंचाई, फसल कटाई और कृषि सहायक कार्यों पर ये नई मजदूरी दरें लागू होंगी. माना जा रहा है कि यह फैसला श्रमिकों के कल्याण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.