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बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य अलर्ट! योगी सरकार ने शुरू की विशेष निगरानी व्यवस्था

लखनऊ उत्तर प्रदेश के अधिसंख्य जिलों में बारिश का दौर थमने के साथ ही नदियों का जलस्तर में गिरावट से फौरी राहत मिली है हालांकि बाढ़ग्रस्त इलाकों में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा गहराने लगा है। लखनऊ,कानपुर,उन्नाव,जालौन,बाराबंकी और प्रयागराज समेत कई जिलों में आज बादलों की आमद पिछले दिनो की अपेक्षा कम रही और धूप खिलने से लोगों को राहत मिली। प्रयागराज,कानपुर,वाराणसी और कन्नौज समेत कई जिलों में गंगा के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गयी हालांकि घाघरा और शारदा नदियों में कटान के चलते सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि पानी में समायी रही। प्रयागराज से प्राप्त रिपोटर् के अनुसार गंगा और यमुना नदिया अब खतरे के निशान के नीचे पहुंच गई है। बीते 24 घंटे में गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 155 सेंटीमीटर और छतनाग में 146 सेंटीमीटर कम हुआ है जबकि नैनी में यमुना नदी का जलस्तर बीते 24 घंटे में 123 सेंटीमीटर कम हुआ है। यमुना नदी का जलस्तर 5.12 सेंटीमीटर प्रति घंटा और गंगा नदी का जलस्तर 6.45 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कम हो रहा है हालांकि अभी भी दर्जनों मोहल्ले और गांव बाढ़ की चपेट में है। इन इलाकों में अभी भी नावें चल रही हैं अभी भी बड़ी संख्या में लोग बाढ़ राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं लेकिन जिस रफ्तार से जलस्तर कम हो रहा है। वाराणसी में केंद्रीय जल आयोग की रिपोटर् के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घटने लगा है। गंगा का जलस्तर आज 71.58 मीटर दर्ज किया गया। बाढ़ का पानी कम होने के साथ ही अब संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। मेयर अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ कम होने पर संक्रामक रोगों को रोकने के उपायों पर चर्चा की है। जिन क्षेत्रों में बाढ़ का पानी कम हो रहा है, वहां नगर निगम की टीमें सफाई, एंटी-लार्वा छिड़काव और फॉगिंग कर रही हैं। वरुणा नदी के किनारे नक्खी घाट, पुलकोहना, शक्कर तालाब और शहरी क्षेत्रों में सामने घाट, अस्सी, नगवा जैसे इलाके सबसे अधिक प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।   

संभल में धार्मिक स्थलों के लिए 659 करोड़ की योजना, योगी बोले– होगा भव्य विकास

सम्भल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज  में 659 करोड़ की 222 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास किया,  इस अवसर पर उन्होंने सम्भल में उत्खनन के दौरान प्राप्त पुरातात्विक अवशेषों का निरीक्षण किया एवं विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र एवं किट का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा सम्भल तो हम सभी के लिए आस्था का प्रतीक है, उन्होंने कहा हरि और हर यानि विष्णु और शिव दोनों का जहाँ एक साथ दर्शन हो सके वो है हरिहर, वो है सम्भल, विष्णु का अवतार इसी सम्भल में होगा, हमारे ग्रंथों ने ये माना है लेकिन कुछ लोगों को ये विवादित विषय लगता है क्योंकि जिनकी प्रष्ठभूमि ही विवादित है उन्हें हिन्दू परंपरा में विवाद नजर आता है लेकिन ये विवाद का विषय नहीं हो सकता। सम्भल की विरासत को वापस सहेजा जायेगा  योगी ने कहा सम्भल एक सच्चाई है, इसका उल्लेख ग्रंथों में है, यहाँ 68 तीर्थ थे 19 कूप थे,  परिक्रमा का मार्ग था सब कुछ था लेकिन बर्बर विदेशी आक्रान्ताओं ने इसे नष्ट कर दिया, अपवित्र किया, उसके बाद कब्ज़ा किया, मार्ग तोड़ दिया गया, 24 कोस और 84 कोस के मार्ग को बाधित किया गया इस सच को छिपाने का कुत्सिक प्रयास किया लेकिन लोकमाता अहिल्बाई ने इसके पुनरुद्धार का कार्य, उसके बाद भी सम्भल की विरासत के साथ खिलवाड़ जारी रहा लेकिन लेकिन अब हमारी सरकार ने तय किया है कि 68 के 68 तीर्थों, 19 के 19 कूपों, परिक्रमा मार्ग के पुनरुद्धार का कार्य डबल इंजन सरकार कराएगी। पाप करने वालों को उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी  जिन लोगों ने सम्भल के साथ पाप किया था, उनको उसके पाप की सजा मिलेगी, जिन लोगों ने भी सम्भल को विकास से वंचित किया था, उनको इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी, जो लोग सम्भल दंगाग्रस्त करते थे सनातन धर्म के इन पवित्र स्थलों को अपवित्र करते थे उन्हें इसकी कीमत तो चुकानी पड़ेगी और आपको इसी बात का आश्वासन देने के लिए संभल आना पड़ा है। विरासत को कलंकित करने वालों को सबक सिखाएंगे योगी ने कहा हम विकास भी करेंगे और लोक-कल्याण भी करेंगे, बिना भेदभाव शासन की योजनाओं का लाभ भी जन-जन को प्रदान करेंगे व भारत की विरासत को कलंकित करने वालों को सबक भी सिखाएंगे। उन्होंने कहा आज भगवान कल्कि की पावन धरा जनपद सम्भल के जिलाधिकारी कार्यालय एवं एकीकृत आवासीय भवन के साथ ही विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। उन्होंने कहा पावन पर्व रक्षाबंधन एवं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व प्राप्त इन सौगातों के लिए जनपद वासियों एवं लाभार्थियों को हार्दिक बधाई व शुभकामना देता हूँ।

आवास योजना में राहत! सीएम योगी ने लॉन्च की सस्ती घर योजना, जानें पूरी डिटेल

आगरा आगरा के ग्वालियर हाइवे स्थित ककुआ और भांडई में विकसित होने जा रही अटलपुरम टाउनशिप के पहले चरण में सेक्टर-1 में 322 भूखंडों की खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुक्रवार से शुरू होंगे। बुधवार को एडीए में तैयारियां पूर्ण हो गईं।   भूखंड खरीद के लिए आवेदन सिर्फ ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे। एडीए की वेबसाइट www.adaagra.org.in और जनहित पोर्टल https://janhit.upda.in पर पंजीकरण होंगे। पंजीकरण के लिए 1100 रुपये ब्रोशर शुल्क और भूखंड मूल्य का सामान्य श्रेणी में 10 प्रतिशत, आरक्षित श्रेणी में 5 प्रतिशत धनराशि जमा करानी होगी। एडीए उपाध्यक्ष एम अरुन्मोली ने बताया कि आवेदन प्राप्त होने के बाद लॉटरी ड्राॅ खुलेगा। लॉटरी ड्राॅ के माध्यम से ही भूखंड आवंटन होगा। सेक्टर-1 के बाद सेक्टर-2 और 3 के पंजीकरण खोले जाएंगे। फिलहाल सिर्फ आवासीय भूखंडों की बिक्री होगी।   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अटलपुरम टाउनशिप योजना की लाॅन्चिंग की। बुधवार को जयपुर हाउस स्थित एडीए दफ्तर में दिनभर पंजीकरण शुरू कराने की कवायद चलती रही। एडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि नियम व शर्तें जारी हो गई हैं। पंजीकरण के लिए दोनों ऑनलाइन पोर्टल व वेबसाइट पर सेक्टर-1 के भूखंडों का ब्योरा फीड कराया जा रहा है। आरक्षण श्रेणी के अनुसार ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी भूखंडों की बिक्री होगी।   ऋण से लेकर हेल्प डेस्क की सुविधा एडीए उपाध्यक्ष एम अरुन्मोली ने बताया कि भूखंडों की बिक्री के लिए 6 सदस्यीय टीम बनाई है। एक हेल्प डेस्क खोली जाएगी। एक व्यक्ति संपत्ति विभाग, एक साइट पर, एक बैंक ऋण और एक हेल्प डेस्क पर तैनात रहेगा। किसी भी कार्य दिवस में खरीद के इच्छुक व्यक्ति साइट का निरीक्षण कर सकते हैं। भूखंडों की बिक्री जहां है जैसा है के आधार पर होगी।   ताजमहल से 12, हवाई अड्डे से 15 किमी. की दूरी अटलपुरम टाउनशिप ग्वालियर हाईवे स्थित ककुआ और भांडई गांव में बन रही है। इसकी ताजमहल से 12 किमी. और हवाई अड्डे से 15 किमी. दूरी है। ईदगाह बस स्टैंड और कैंट रेलवे स्टेशन से 12 किमी. दूरी पर स्थित अटलपुरम के पास भांडई रेलवे जंक्शन होगा। इसे एनएच-44 के अलावा इनर रिंग रोड के रास्ते लखनऊ और नोएडा एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा।   भूखंडों का क्षेत्रफल   भूखंड श्रेणी क्षेत्रफल भूखंडों की संख्या दर प्रति वर्गमीटर पंजीकरण शुल्क आरक्षित के लिए पंजीकरण शुल्क सामान्य ईडब्ल्यूएस 33 से 40 वर्ग मी. 81 29,500 59,000 रु 1,18,000 रु. एलआईजी 41 से 50 वर्ग मी. 78 29,500 रु 73,750 रु 1,47,500 रु. एमआईजी-1 51 से 75 वर्ग मी. 75 29,500 रु 1,10,625 रु 2,21,250 रु. एमआईजी-3 101 से 150 वर्ग मी 80 29,500 रु 2,21,250 रु 4,42,500 रु. एचआईजी: 151 से 300 वर्ग मी 8 29,500 रु 4,42,500 रु 8,85,000 रु.   भूखंडों के लिए आरक्षण चार्ट – अनुसूचित जाति: 21 प्रतिशत – अनुसूचित जनजाति: 2 प्रतिशत – अन्य पिछड़ा वर्ग: 27 प्रतिशत – सांसद, विधायक व स्वंतत्रता सेनानी: 5 प्रतिशत – 50 वर्ष से अधिक आयु के सरकारी व सुरक्षा सेवा कर्मचारी: 5 प्रतिशत – आवास विकास, प्राधिकरण, जलकल व नगर निगम व निकाय कर्मियों के लिए: 2 प्रतिशत – दिव्यांगजन: 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण – वरिष्ठ नागरिक: 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण  

कब्जा हटाने के आदेश में आपत्तिजनक भाषा, यूपी अफसर पर कार्रवाई, सीएम योगी का त्वरित एक्शन

लखनऊ  सीएम योगी आदित्यनाथ ने पंचायती राज विभाग के एक हालिया आदेश को लेकर कड़ा रुख अपनाया है, जिसमें ग्राम पंचायत की भूमि से अवैध कब्जा हटाने की प्रक्रिया को जाति व धर्म विशेष से जोड़कर निर्देशित किया गया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आदेश को पूर्वाग्रह से प्रेरित और अस्वीकार्य मानते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का निर्देश दिया है. साथ ही इस आदेश के लिए जिम्मेदार संयुक्त निदेशक (पंचायती राज) सुरेंद्र नाथ सिंह को निलंबित कर दिया गया है. पंचायती राज विभाग की ओर से जारी यह पत्र प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, मंडलीय उपनिदेशकों और जिला पंचायत राज अधिकारियों को भेजा गया था. इसमें प्रदेश की 57,000 से अधिक ग्राम पंचायतों की सार्वजनिक भूमि, जैसे कि ग्राम सभा की भूमि, पोखरे, खलिहान, खाद गड्ढे, श्मशान भूमि आदि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का निर्देश दिया गया था. हालांकि, पत्र की भाषा में विशेष रूप से यादव जाति और मुस्लिम धर्म के लोगों द्वारा किए गए कथित कब्जे का उल्लेख किया गया, जिसे लेकर कई स्तरों पर आपत्ति दर्ज की गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित आदेश को न केवल संविधान की भावना के विरुद्ध बताया, बल्कि यह भी कहा कि सरकारी नीतियां किसी भी समुदाय या वर्ग के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित नहीं हो सकतीं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कानून का शासन सभी के लिए समान रूप से लागू होता है और किसी भी प्रकार की कार्रवाई पूरी तरह से तथ्यों, साक्ष्यों और नियमों के अनुसार होनी चाहिए न कि जातिगत या धार्मिक पहचान के आधार पर. सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि भविष्य में इस प्रकार की भाषा, जो सामाजिक समरसता को प्रभावित कर सकती है, का प्रयोग किसी भी सरकारी पत्राचार में न किया जाए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह चेतावनी भी दी है कि शासन की ओर से कोई भी निर्णय लेते समय संवैधानिक मूल्यों, निष्पक्षता और प्रशासनिक मर्यादा का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए.

योगी सरकार की सख्ती जारी, दालमंडी के अतिक्रमण चिन्हित; कार्रवाई की तैयारी

वाराणसी  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कानून व्यवस्था और विकास परियोजनाओं को लेकर अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें उन्होंने कई आवश्यक दिशा निर्देश दिया हैं. इसमें सबसे प्रमुख  वाराणसी के चर्चित दाल मंडी बाजार को लेकर सीएम योगी ने स्पष्ट कर दिया है कि बारिश के बाद सड़क चौड़ीकरण कार्य को शुरू किया जाए. इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेक अकाउंट बनाकर माहौल खराब करने वालों पर भी पैनी नजर रखने के साथ-साथ सख़्ती से निपटने का आदेश दिया है. बारिश के बाद शुरू होगा दालमंडी का चौड़ीकरण कार्य वाराणसी के सर्किट हाउस में पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन के साथ बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि अराजकता फैलाने वाले और कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले अराजक तत्वों को चिन्हित करके कड़ी कार्रवाई की जाए. इसके अलावा वाराणसी के सबसे बड़े थोक मार्केट दालमंडी पर होने वाले चौड़ीकरण कार्य को लेकर सीएम योगी ने दिशा निर्देश देते हुए कहा है कि – दालमंडी में सड़क चौड़ीकरण कार्य को बारिश के बाद तत्काल शुरू किया जाए. दालमंडी चौड़ीकरण अभियान काफी सुर्खियों में रहा है. दरअसल यहां पर सैकड़ो ऐसे दुकान मकान और धार्मिक स्थल हैं जो इस अभियान के जद में आ सकते हैं.  माहौल बिगड़ता वालों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए – सीएम योगी अधिकारियों संग बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह भी स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेक अकाउंट बनाकर माहौल खराब करने वालों पर पैनी नजर रखी जाए और उनसे पूरी तरह सख्ती से निपटा जाए. जातिगत विषय आधारित मुद्दों पर अराजकता फैलाने वाले, कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले अराजक तत्वों को चिन्हित करके कठोर कार्रवाई के लिए सीएम योगी ने दिशा निर्देश दिया है. इसके अलावा विकास परियोजनाओं को लेकर भी स्पष्ट किया कि 24 बड़ी परियोजनाएं गतिमान है जिनकी कीमत लगभग 15000 करोड रुपए है. वाराणसी के सभी परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए निर्देश दिया है.  

निवेश प्रस्तावों की पड़ताल: 14 जिलों में जांच के दौरान 40% दिक्कतें सुलझाईं: CM योगी

लखनऊ  वैश्विक निवेशक सम्मेलन में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मैदान में उतार दी गई है। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद के निर्देश पर टीमों ने 14 जिलों का औचक निरीक्षण कर एमओयू में आने वाली दिक्कतों को समझा। इसके लिए जिलों में प्रस्तावित निवेश परियोजनाओं को 24 मानकों की कसौटी पर कसा गया। इस कवायद की खास बात ये रही कि 40 फीसदी से ज्यादा दिक्कतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। नवंबर में भूमि पूजन समारोह का पांचवां संस्करण प्रस्तावित है। इसके लिए दस लाख करोड़ रुपये की तैयार परियोजनाओं का लक्ष्य रखा गया है। जनवरी-फरवरी में वैश्विक निवेशक सम्मेलन होना है। दोनों बड़े आयोजनों की जिम्मेदारी नोडल एजेंसी के रूप में इन्वेस्ट यूपी की है। इसे देखते हुए इन्वेस्ट यूपी तैयारी चुस्त-दुरुस्त करने में जुटा है। इसी कड़ी में अधिकारियों की टीम बनाकर 14 जिलों का औचक निरीक्षण कराया गया। इन 24 बिंदुओं पर परखा जिलों का प्रदर्शन उद्यमी मित्रों और जिला उद्योग केंद्रों के महाप्रबंधकों ने एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए किस तरह से विश्लेषण किया। निवेशकों के साथ कितनी बैठकें कीं। निवेशकों के मुद्दों पर क्या किया। ऑफिस का वातावरण कैसा है। निवेशक ऑफिस में खुद को कितना सहज महसूस करता है। बैठने की व्यवस्थाएं क्या हैं। इन्वेस्ट यूपी की तैयारियों को कैसे पेश कर रहे हैं। कुल कितने लोगों ने निवेश को लेकर रुचि जाहिर की है। कितने एमओयू हुए हैं। कितने एमओयू भूमि पूजन समारोह-4.0 और कितने निवेश समारोह-5.0 के लिए हुए। कितने निवेशक पीछे लौट गए। कितनी इकाइयों का निर्माण और कितने में उत्पादन शुरू हो गया। औद्योगिक भूखंडों की स्थिति। ग्राम सभा की जमीनों की उपलब्धता, बीमार इकाइयों की संख्या और निवेश मित्र से जुड़े मुद्दे आदि। उद्योग बंधु की बैठकों का मांगा तीन महीने का रिकॉर्ड सीईओ विजय किरण आनंद ने उद्योग बंधु की बैठक में उठने वाले मुद्दों को प्राथमिकता से दूर करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत सभी 75 जिलों से पिछले तीन महीने का उद्योग बंधु की बैठकों का रिकॉर्ड मांगा गया है। इसमें निवेशकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर की गई कार्यवाही का ब्योरा भी तलब किया गया है। उन्होंने उद्यमी एसोसिएशन के फीडबैक को गंभीरता से लेेने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नए निवेश प्रस्तावों को ब्योरा अलग से तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

गोरखपुर के मानसरोवर मंदिर में CM योगी ने सावन शिवरात्रि पर किया रुद्राभिषेक

गोरखपुर  पावन सावन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि, सावन शिवरात्रि (बुधवार) को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंधियारी बाग स्थित प्राचीन मानसरोवर मंदिर में रुद्राभिषेक कर भगवान भोलेनाथ से प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।  प्राचीन मानसरोवर मंदिर में सीएम योगी ने देवाधिदेव महादेव को विल्व पत्र, कमल पुष्प, दुर्वा, अनेकानेक पूजन सामग्री अर्पित करने कर बाद जल, गोदुग्ध और गन्ने के रस से रुद्राभिषेक किया। गोरखनाथ मंदिर के विद्वत पुरोहितगण ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक कराया।  रुद्राभिषेक के बाद मुख्यमंत्री वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन व आरती कर अनुष्ठान को पूर्ण किया। उन्होंने देवाधिदेव महादेव से प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय व शांतिमय जीवन की मंगलकामना की। इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह आदि भी उपस्थित रहे।    

CM दो दिनों में गोरखपुर को देंगे 252 करोड़ रुपये की सौगात, सफाई मित्रों और पार्षदों को सम्मानित करेंगे

सीएम आज गोरखपुर को 252 करोड़ रुपए के विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे गोरखपुर को आज 252 करोड़ की सौगात देंगे CM योगी, सफाई मित्रों-पार्षदों का करेंगे सम्मान CM दो दिनों में गोरखपुर को देंगे 252 करोड़ रुपये की सौगात, सफाई मित्रों और पार्षदों को सम्मानित करेंगे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज बाबा आनंदेश्वर मंदिर में विधिवत पूजा कर दर्शन किए पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने कानपुर में किए बाबा के दर्शन, CM ने गोरखपुर में किया रुद्राभिषेक   गोरखपुर  स्वच्छ सर्वेक्षण में देश में पूरे प्रदेश का मान बढ़ाने वाले गोरखपुर नगर निगम के सफाई मित्रों और पार्षदों का सम्मान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों होगा। सम्मान का यह समारोह बुधवार (23 जुलाई) को नगर निगम परिसर में प्रस्तावित है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री गोरखपुर नगर निगम के अर्बन फ्लड मैनेजमेंट के तहत अर्बन फ्लड अर्ली मॉनिटरिंग सिस्टम के लोकार्पण सहित ढाई सौ करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास भी करेंगे। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को बाबा आनंदेश्वर मंदिर में विधिवत पूजा कर दर्शन किए। उनके साथ महापौर प्रमिला पांडे, विधायक सुरेंद्र मैथानी और क्षेत्रीय पार्षद नितिन बाजपेई शामिल थे। करीब साढ़े नौ बजे पूर्व राष्ट्रपति बाबा आनंदेश्वर पहुंचे। जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, श्रृंगार और आरती कर बाबा से आशीर्वाद लिया। महंत अरुण भारती महाराज और सहयोगी पुजारियों ने पूजा कराई। उन्होंने पुजारियों को दक्षिणा दी। पूर्व राष्ट्रपति ने मंदिर परिसर और मंदिर की भव्यता पर खुशी जताई। इस दौरान मंदिर और आसपास सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई थी। इस दौरान सुरक्षा कारणों से आम श्रद्धालुओं को प्रवेश से कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। पूर्व राष्ट्रपति करीब आधा घंटा मंदिर में रहे। स्वच्छता में उत्कृष्ट प्रदर्शन को लेकर गोरखपुर नगर निगम ने ऊंची छलांग लगाई है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में सफाई मित्र सुरक्षित शहर श्रेणी में देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही गोरखपुर को 3 से 10 लाख की आबादी की श्रेणी में चौथी नेशनल रैंक मिली है। इस श्रेणी में प्रदेश स्तर पर गोरखपुर पहले स्थान पर है। यह उपलब्धि इसलिए भी सराहनीय है कि गत वर्ष के सर्वेक्षण में गोरखपुर की रैंकिंग राष्ट्र स्तर पर 24वीं और राज्य में सातवीं थी। गत वर्ष गोरखपुर को गार्बेज फ्री सिटी के थ्री स्टार कटेगरी में रखा गया था जबकि इस बार यह शहर गार्बेज फ्री सिटी की फाइव स्टार सर्टिफिकेशन में आ गया है। गोरखपुर की इस उपलब्धि की मुख्यमंत्री पहले भी सराहना कर चुके हैं। अब वह एक समारोह में स्वच्छता की उत्कृष्टता में योगदान देने वाले सफाई मित्रों और पार्षदों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन करेंगे। गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव का कहना है कि स्वच्छ सर्वेक्षण में गोरखपुर को हासिल बड़ी उपलब्धि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रेरक मार्गदर्शन में सफाई मित्रों, पार्षदों, कर्मचारियों, अधिकारियों के साथ ही नागरिकों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। सबसे अहम बात है कि सीएम योगी हर सार्वजनिक कार्यक्रम में जनता को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हैं। अर्बन फ्लड अर्ली वार्निंग सिस्टम का होगा उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी गोरखपुर नगर निगम द्वारा अर्बन फ्लड मैनेजमेंट के तहत अर्बन फ्लड अर्ली वार्निंग सिस्टम का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना की लागत 28 करोड़ 92 लाख रुपये है। इसके तहत शहर के सभी पम्पिंग स्टेशनों के पूर्ण ऑटोमेशन किया गया है। प्राइमरी और सेकेंडरी नालों पर कुल 110 ऑटोमेटिक वाटर लेवल रिकॉर्डर लगाए गए हैं। जब नालों का जल स्तर 80 प्रतिशत से अधिक हो जाता है तो संबंधित अधिकारियों को ऑटोमेटेड अलर्ट भेजी जाती है। ईंधन की कमी और पम्प रख रखाव चेतावनियां भी अधिकारियों को समय रहते भेजी जाती है। उधर, सीएम योगी आज गोरखपुर दौरे पर है। उन्होंने मानसरोवर मंदिर में रुद्राभिषेक भी किया। इस बीच भक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा होती भी नजर आई। सीएम योगी आज गोरखपुर को 252 करोड़ रुपए के विकास के कामों की सौगात देंगे। स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में देश में चौथा और प्रदेश में पहला स्थान हासिल करने वाली गोरक्षनगरी (गोरखपुर) को इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बधाई देंगे। समारोह में सीएम योगी 252.50 करोड़ रुपये की 174 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और तीन योजनाओं का लोकार्पण भी करेंगे। नगर निगम मंगलवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों में जुटा रहा। नगर निगम की दीवारों को रंग-रोगन किया गया। अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल के कार्यालय का सौंदर्यीकरण देर रात तक चलता रहा। महापौर डॉ.मंगलेश श्रीवास्तव ने नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के साथ तैयारियों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री पैडलेगंज से सफाई वाहनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं। नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में सफाई मित्र सुरक्षित शहर श्रेणी में देश में तीसरा स्थान, 3 लाख से 10 लाख आबादी वाले शहरों की श्रेणी में देश में चौथा और 01 लाख से 10 लाख की श्रेणी में सूबे में पहला स्थान, वॉटर प्लस और गारबेज फ्री सिटी में 5-स्टार रेटिंग हासिल की है। इन उपलब्धियों के लिए नगर निगम के पार्षदों, कर्मचारियों और सफाई मित्रों का हौसला बढ़ाने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को नगर निगम में जनसभा को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम सीएम योगी सफाई-मित्रों का सम्मान करने के साथ महानगरवासियों को 252.50 करोड़ रुपये की 177 परियोजनाओं की सौगात भी देंगे। 200 जवानों की क्षमता वाले बैरक का करेंगे लोकार्पण 26वीं वाहिनी पीएसी परिसर में पीएसी जवानों के लिए 200 की क्षमता की अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बहुमंजिला बैरक बनकर तैयार हो गई है। 24 जुलाई को इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों होने की उम्मीद है। कानून व्यवस्था मजबूत बनाए रखने में पीएसी (प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी) के योगदान से सभी वाकिफ हैं। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीएसी के जवानों की लॉ एंड ऑर्डर में महत्वपूर्ण भूमिका की कई मंचों से सराहना कर चुके हैं। पीएसी के जवानों को अत्याधुनिक सुविधा देने के लिए योगी सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर खासा जोर दे रही है। इसी सिलसिले में 26वीं वाहिनी पीएसी में 11 मंजिला बैरक टॉवर बनाया गया है। इसे बनाने के लिए 11 करोड़ 67 लाख रुपये की लागत स्वीकृत की गई थी। अब यह टॉवर बनकर तैयार है। इन परियोजनाओं का करेंगे लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीएण्डडीएस यूनिट 42 राज्य … Read more

युवाओं के लिए खुशखबरी! योगी सरकार की नई योजना से बड़ी कंपनियों में मिलेगा रोजगार

लखनऊ  यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने रोजगार के लिए एक नया प्लान बनाया है. जीरो पावर्टी अभियान के अंतर्गत योगी सरकार ने एक ऐसी योजना का खाका तैयार किया है जो न सिर्फ ट्रेनिंग देगी, बल्कि कई बड़ी नामी कंपनियों में सीधे नौकरियों से जोड़ेगी.  इस अभियान की शुरुआत के पहले चरण में 300 गरीब परिवारों के मुखियाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर की जाएगी. जिससे उन्हें 18,400 रुपए प्रति महीने सैलरी  वाली नौकरियों से जोड़ा जा सकेगा. खास बात यह है कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन लोगों को नौकरी के लिए परेशान नहीं होना होगा. एक न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक कंपनियां खुद इन लोगों तक पहुंचेंगी. राज्य सरकार उन्हें सीधे टॉप कंपनियों में प्लेस कराएगी. इनमें होटल ताज, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), एल एंड टी लिमिटेड, अडानी ग्रुप जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. अधिकारियों के मुताबिक यह देश में पहली बार है जब कोई सरकार प्रत्यक्ष रूप से गरीबों को कॉर्पोरेट सेक्टर से जोड़ने जा रही है. अब काबिलियत होगी पहचान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि गरीबों को सिर्फ राहत की जरूरत नहीं, बल्कि अवसरों की जरूरत है. उन्हें अगर अवसर मिलें तो कोई भी परिवार आत्मनिर्भर बन सकता है. सरकार की सोच है कि दया नहीं, अवसर दें.  ताकि कमजोर वर्ग खुद पर गर्व कर सके. कौशल विकास विभाग के जिम्मे होगी ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन को इस अभियान की कमान सौंपी गई है. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार, पहले चरण में 300 परिवारों को चिन्हित कर लिया गया है. इसके बाद अभियान को पूरे प्रदेश में विस्तार दिया जाएगा. इसके लिए एक हज़ार से अधिक ट्रेनिंग पार्टनर प्रदेश भर में चयनित किए जा रहे हैं जो व्यावसायिक प्रशिक्षण की प्रक्रिया में भाग लेंगे. नौकरी के लिए हर पहलू पर तैयारी यह योजना पारंपरिक प्रशिक्षण से एकदम अलग होगी. यहां केवल तकनीकी जानकारी नहीं दी जाएगी, बल्कि संपूर्ण व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा. 360 डिग्री मॉडल के तहत जिन क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा उनमें हॉस्पिटैलिटी, बुनियादी अंग्रेजी व संवाद कौशल, कस्टमर डीलिंग, कार्यालय और शौचालय की सफाई, गेस्ट अटेंडेंट, हाउसकीपिंग के काम है. ट्रेनिंग इस तरह तैयार की गई है कि सभी प्राइवेट सेक्टर की जरूरतों के अनुरूप ढल सकें और उन्हें काम मिलने में कोई बाधा न हो. 18,400 मासिक वेतन की न्यूनतम गारंटी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि चयनित और प्रशिक्षित परिवार प्रमुख को कम से कम ₹18,400 मासिक वेतन मिलेगा. यह राशि उन्हें सिर्फ नौकरी देने के नाम पर नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन देने की नीयत से तय की गई है. उद्योग जगत ने बढ़ाया हाथ अधिकारियों ने बताया कि इस योजना को न केवल देशभर के बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय जगत का भी समर्थन मिला है. अब तक 40 से अधिक बड़ी कंपनियों ने इन प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी देने की इच्छा जताई है.  मुख्य सचिव ने स्पष्ट करते हुए कहा, हम लोगों को हक़ दे रहे हैं काम करने का, आत्मनिर्भर बनने का. यह योजना किसी भी दृष्टि से दया या रियायत नहीं है, बल्कि सम्मानपूर्वक जीवन की दिशा में उठाया गया व्यावहारिक कदम है. विकास का हिस्सा बनेगा हर नागरिक मुख्य सचिव  ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा कहते हैं  कि जब तक समाज का सबसे पिछड़ा व्यक्ति आगे नहीं बढ़ता, विकास अधूरा रहता है. इस योजना में भी वही दर्शन झलकता है. यह नारा अब नीतियों में तब्दील हो चुका है.

पाकिस्तान से आए हिंदुओं को योगी सरकार का बड़ा तोहफा, यूपी में विस्थापित हिंदुओं को राहत

लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से विस्थापित होकर यूपी के विभिन्न जिलों में बसे परिवारों को बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों को वैधानिक रूप से भूमि स्वामित्व का अधिकार दिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल जमीन के कागज देने की बात नहीं है, बल्कि उन हजारों परिवारों की पीड़ा और संघर्ष को स्वीकार कर उन्हें सम्मान लौटाने का समय है, जिन्होंने सीमाओं के उस पार से विस्थापित होकर भारत में शरण ली और पिछले कई दशकों से पुनर्वास की उम्मीद में दिन गिना है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस मुद्दे को संवेदनशीलता से देखा जाए और प्रभावित परिवारों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित किया जाए. कब और कैसे बसे ये परिवार विभाजन के बाद, खासकर 1960 से 1975 के बीच पूर्वी पाकिस्तान से हजारों हिंदू परिवार जबरन विस्थापित होकर भारत आए. इनमें से बड़ी संख्या को यूपी के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बिजनौर और रामपुर जनपदों में बसाया गया. प्रारंभिक दौर में इन्हें ट्रांजिट कैंपों के जरिए अस्थायी ठिकानों पर रखा गया और फिर विभिन्न गांवों में जमीन आवंटित की गई. लेकिन वर्षों बाद भी इनमें से अधिकतर परिवार विधिसम्मत भूस्वामी नहीं बन सके. क्या आ रही थी दिक्क्तें  – इन लोगों को जमीनें तो दी गईं, मगर कागज अधूरे रहे. – कई मामलों में जमीन वन विभाग के नाम दर्ज रही. – नामांतरण की प्रक्रिया लंबित पड़ी रही. – कुछ लोगों के पास कब्जा है लेकिन वैध दस्तावेज नहीं, वहीं कुछ गांवों में ऐसे परिवार अब मौजूद ही नहीं हैं जिनके नाम पर जमीन थी. – कुछ परिवारों ने कानूनी प्रक्रिया के बगैर कब्जा कर लिया, जिससे विवाद की स्थिति बनी. अधिकारियों ने बताया कि इन सभी परिस्थितियों के चलते हजारों परिवार आज भी उस ज़मीन पर सिर्फ खेती कर रहे हैं, लेकिन उनके नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि यह विषय कानूनी या प्रशासनिक समस्या मात्र नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी और मानवीय दायित्व है. उन्होंने निर्देश दिए कि जहां भूमि पूर्व में Government Grant Act के तहत दी गई थी, वहां मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुसार विकल्प तैयार किए जाएं, क्योंकि यह कानून 2018 में निरस्त हो चुका है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि इस पूरे मसले को केवल पुनर्वास योजना के रूप में न देखें, बल्कि यह सामाजिक न्याय, मानवता और राष्ट्रधर्म का विषय है.