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विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और अन्य बच्चों को भी मिलेगा लाभ

रायपुर : मुख्यमंत्री ने ग्राम पंड्रापाथ तहसील सन्ना को दी बड़ी सौगात मुख्यमंत्री ने तीरंदाजी अकादमी के लिए 20 करोड़ 53 लाख की दी स्वीकृति विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और अन्य बच्चों को भी मिलेगा लाभ रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम पंड्रापाथ, विकास खंड बगीचा, तहसील सन्ना में आरचेरी अकादमी बनाने के लिए 20 करोड़ 53 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी  है। एन टी पी सी ने अपने सी एस आर फंड से यह राशि उपलब्ध कराई है। मुख्यमंत्री ने कहा खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। ग्राम पंड्रापाथ के आरचेरी अकादमी लगभग 10.27 एकड़ में विकसित किया जाएगा, जिसमें तीरंदाजी केन्द्र में अभ्यास के लिए एक खेल मैदान, छोटा पुस्तकालय, मेडिकल की सुविधा, बच्चों का कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्र, छोटा नर्सरी और हर्बल चाय की खेती की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। तीरंदाजी अकादमी में दूरस्थ अंचलों के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बच्चों और अन्य आदिवासी बच्चों को खेल अभ्यास कराया जाएगा ताकि बच्चे अपनी प्रतिभा राज्य से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिखा सके। उल्लेखनीय है कि आरचेरी अकादमी बनाने के लिए गांव पंड्रापाथ, तहसील-सन्ना, उप-मंडल-बगीचा, जिला-जशपुर (छत्तीसगढ़) में लगभग 10.27 एकड़ (41565 वर्ग मीटर-लगभग) के आवश्यक क्षेत्रफल की राज्य सरकार के स्वामित्व वाली भूमि का चिन्हांकन किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खिलाडियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, इसी कड़ी में उनके आग्रह पर तीरंदाजी अकादमी की स्थापना करने हेतु एनटीपीसी ने  20.53 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। स्वीकृत लागत अनुमान के अनुसार समयबद्ध तरीके से कार्य के निष्पादन हेतु उपयुक्त राज्य सरकारी एजेंसी नियुक्त करने आग्रह किया है। आरचेरी एक खेल और कला है जिसमें धनुष और बाण का उपयोग करके लक्ष्य पर निशाना लगाया जाता है। यह एक प्राचीन गतिविधि है । धनुष यह एक लचीली वस्तु होती है, जिससे बाण को छोड़ा जाता है। बाण नुकीला तीर जिसे लक्ष्य (निशाना) पर छोड़ा जाता है।  लक्ष्य जिस पर निशाना लगाया जाता है, आमतौर पर एक गोल आकृति होती है, जिसमें अलग-अलग रंग और स्कोर क्षेत्र होते हैं। निशाना लगाने की तकनीक इसमें एकाग्रता, संतुलन और शरीर की स्थिरता बहुत ज़रूरी होती है। भारत में आरचेरी का गहरा इतिहास है। आधुनिक खेलों में भारत के खिलाड़ी जैसे दीपिका कुमारी और अतनु दास ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है।

विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और अन्य बच्चों को भी मिलेगा लाभ

रायपुर : मुख्यमंत्री ने ग्राम पंड्रापाथ तहसील सन्ना को दी बड़ी सौगात मुख्यमंत्री ने तीरंदाजी अकादमी के लिए 20 करोड़ 53 लाख की दी स्वीकृति विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और अन्य बच्चों को भी मिलेगा लाभ रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम पंड्रापाथ, विकास खंड बगीचा, तहसील सन्ना में आरचेरी अकादमी बनाने के लिए 20 करोड़ 53 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी  है। एन टी पी सी ने अपने सी एस आर फंड से यह राशि उपलब्ध कराई है। मुख्यमंत्री ने कहा खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। ग्राम पंड्रापाथ के आरचेरी अकादमी लगभग 10.27 एकड़ में विकसित किया जाएगा, जिसमें तीरंदाजी केन्द्र में अभ्यास के लिए एक खेल मैदान, छोटा पुस्तकालय, मेडिकल की सुविधा, बच्चों का कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्र, छोटा नर्सरी और हर्बल चाय की खेती की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। तीरंदाजी अकादमी में दूरस्थ अंचलों के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बच्चों और अन्य आदिवासी बच्चों को खेल अभ्यास कराया जाएगा ताकि बच्चे अपनी प्रतिभा राज्य से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिखा सके। उल्लेखनीय है कि आरचेरी अकादमी बनाने के लिए गांव पंड्रापाथ, तहसील-सन्ना, उप-मंडल-बगीचा, जिला-जशपुर (छत्तीसगढ़) में लगभग 10.27 एकड़ (41565 वर्ग मीटर-लगभग) के आवश्यक क्षेत्रफल की राज्य सरकार के स्वामित्व वाली भूमि का चिन्हांकन किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खिलाडियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, इसी कड़ी में उनके आग्रह पर तीरंदाजी अकादमी की स्थापना करने हेतु एनटीपीसी ने  20.53 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। स्वीकृत लागत अनुमान के अनुसार समयबद्ध तरीके से कार्य के निष्पादन हेतु उपयुक्त राज्य सरकारी एजेंसी नियुक्त करने आग्रह किया है। आरचेरी एक खेल और कला है जिसमें धनुष और बाण का उपयोग करके लक्ष्य पर निशाना लगाया जाता है। यह एक प्राचीन गतिविधि है । धनुष यह एक लचीली वस्तु होती है, जिससे बाण को छोड़ा जाता है। बाण नुकीला तीर जिसे लक्ष्य (निशाना) पर छोड़ा जाता है।  लक्ष्य जिस पर निशाना लगाया जाता है, आमतौर पर एक गोल आकृति होती है, जिसमें अलग-अलग रंग और स्कोर क्षेत्र होते हैं। निशाना लगाने की तकनीक इसमें एकाग्रता, संतुलन और शरीर की स्थिरता बहुत ज़रूरी होती है। भारत में आरचेरी का गहरा इतिहास है। आधुनिक खेलों में भारत के खिलाड़ी जैसे दीपिका कुमारी और अतनु दास ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है।

महिलाओं की आर्थिक प्रगति के साथ सामाजिक समरसता और अधिकार सम्पन्नता के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

बहन-बेटियों के लिए सम्मान का प्रतीक है “लाड़ली बहना योजना’’ : मुख्यमंत्री डॉ. यादव लाड़ली बहना योजना की राशि में होगी चरणबद्ध वृद्धि परिवार परम्परा का आधार है मातृशक्ति महिलाओं की आर्थिक प्रगति के साथ सामाजिक समरसता और अधिकार सम्पन्नता के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध सतना को प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ जिला बनाने के लिए दिलाया संकल्प मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मातृशक्ति उत्सव के अंतर्गत महिला सम्मेलन को किया संबोधित सतना जिले के सिंहपुर में मना मातृशक्ति उत्सव भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी सरकार महिलाओं की आर्थिक प्रगति के साथ सामाजिक समरसता और सभी की अधिकार सम्पन्नता के लिए सामाजिक रचना के ताने-बाने में सभी स्तर पर आवश्यक योगदान दे रही है। इसी का परिणाम है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप किसान, युवा, गरीब कल्याण और महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम संचालित हैं। हमारी संस्कृति में देश के लिए मातृत्व भाव विद्यमान है, हम सब भारत माता पर सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए सदैव तत्पर हैं। आज का मातृशक्ति सम्मेलन- माताओं-बहनों के प्रति सनातन संस्कृति के अनुरूप अनन्य श्रद्धा-स्नेह-प्रेम और सम्मान का प्रकटीकरण है। भारत की कुटुम्ब या परिवार परम्परा हमारी संस्कृति को समृद्ध और सशक्त बनाती है। परिवार परम्परा का आधार मातृशक्ति ही है। बेटियां एक ही नहीं दो परिवारों का उद्धार करती हैं। बहन-बेटियों के प्रति इस सम्मान के परिणामस्वरूप ही प्रदेश में “लाड़ली बहना योजना’’ आरंभ की गई। सावन के महीने में लाड़ली बहनों के खाते में 1250 रूपए के साथ 250 रूपए अतिरिक्त रूप से आने वाले हैं। यह बहन-बेटियों प्रति हमारी सरकार का आदर और स्नेह है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को सतना जिले के सिंहपुर में आयोजित मातृशक्ति उत्सव के अंतर्गत आयोजित महिला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश की सभी बहनें हमारा मान हैं, अभिमान हैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत बहनों को जारी की जाने वाली राशि में चरणबद्ध रूप से वृद्धि होगी और वर्ष 2028 तक बहनों को तीन हजार रूपए प्रतिमाह उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण और उनके कल्याण के लिए 1500 करोड़ रूपए से अधिक प्रतिमाह अंतरित किए जा रहे हैं। प्रदेश की सभी बहनें हमारा मान हैं, अभिमान हैं। इनके मान-सम्मान और कल्याण के लिए हम कोई कसर नहीं रखेंगे। दीपावली के बाद आने वाली भाईदूज तक राज्य सरकार सभी लाड़ली बहनों को 1250 रुपए से बढ़ाकर हर माह 1500 रूपए सहायता राशि देगी। बहन-बेटियों के सशक्तिकरण के‍लिए स्व-सहायता समूहों का संचालन, नौकरियों और स्थानीय व नगरीय निकायों और पंचायतों में आरक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा और विधानसभा में बहनों का 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। माताओं-बहनों के कल्याण के लिए ही सभी परिवारों को पक्के मकान, घर-घर गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। दीदीयां लखपति बनकर प्रगति कर रही हैं, बेटियों के लिए शिक्षा की उचित व्यवस्था है, उन्हें साइकिलें उपलब्ध कराने के साथ-साथ परीक्षा में अच्छा परिणाम लाने पर प्रोत्साहन स्वरूप लेपटॉप उपलब्ध कराए जा रहे हैं। डॉक्टर-इंजीनियर बनने के लिए भी आवश्यक हरसंभव सहायता बेटियों को उपलब्ध है। उद्योगों में काम करने वाली बहनों के लिए भी राज्य सरकार विशेष सहायता प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों की जिन्दगी बदलने के लिए उन्हें बिजली में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सोलर पम्प पर अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। अगले डेढ़ माह में बरगी नहर का कार्य पूर्ण हो रहा है, इससे रीवा-सतना क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध होगा। हमारी सरकार ने हर खेत तक पानी पहुंचाने का संकल्प लिया है और हम इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2002-03 तक केवल 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविध उपलब्ध थी। वर्तमान में हम 55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2028 तक 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष 2600 रूपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं का उपार्जन किया गया। अगले दो साल में संभवत: 2700 रूपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं का उपार्जन किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के माध्यम से शीघ्र ही गरीबों के लिए 4 करोड़ आवास स्वीकृत होने वाले हैं, वर्ष 2028 तक 80 करोड़ लोगों को नि:शुल्क राशन की व्यवस्था है, बच्चों की शिक्षा के लिए सांदिपनी विद्यालय जैसे स्कूल विद्यमान हैं, यह सब रामराज की संकल्पा को साकार करने के समान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार श्रीराम वन गमन पथ का निर्माण करा रही है। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण ने जहां-जहां लीलाएं की हैं, वे स्थल तीर्थ के रूप में विकसित किए जाएंगे। किसानों की आय में वृद्धि के‍लिए गौपालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है, इससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि से परिवार के सभी सदस्यों को पर्याप्त पोषण भी उपलब्ध हो सकेगा। अत: सरकार घर-घर गौपालन को प्रोत्साहित करने के लिए 'जिसके घर गाय वह गोपाल' के भाव से कार्य कर रही है। प्रदेश में देश का 9 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन होता है, इसे 20 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। यदि कोई गौ-पालक 25 गायों का पालन करता है तो उन्हें लागत के 40 लाख रूपए में से 10 लाख रूपए अनुदान के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे। गौशालाओं में भी प्रति गौमाता 20 रूपए के स्थान पर 40 रूपए की राशि उपलब्ध कराई जा रही है। पांच हजार से अधिक गौमाताएं पालने पर 130 एकड़ जमीन और 40 रूपए प्रति गाय के मान से सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। गौमाताओं की उचित देखभाल के लिए नगर निगम, नगर परिषद और पंचायतों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीवा-सतना क्षेत्र में पर्याप्त औद्योगिक गतिविधियां संचालित हैं। इस क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए होमस्टे विकसित करने में राज्य सरकार सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सतना जिला भगवान श्रीराम से जुड़ता है अत: क्षेत्र के विकास के लिए कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उपस्थित जनसमुदाय को अपने गांव-मोहल्ले का उन्नयन करते हुए सतना जिले को … Read more

महिलाओं की आर्थिक प्रगति के साथ सामाजिक समरसता और अधिकार सम्पन्नता के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

बहन-बेटियों के लिए सम्मान का प्रतीक है “लाड़ली बहना योजना’’ : मुख्यमंत्री डॉ. यादव लाड़ली बहना योजना की राशि में होगी चरणबद्ध वृद्धि परिवार परम्परा का आधार है मातृशक्ति महिलाओं की आर्थिक प्रगति के साथ सामाजिक समरसता और अधिकार सम्पन्नता के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध सतना को प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ जिला बनाने के लिए दिलाया संकल्प मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मातृशक्ति उत्सव के अंतर्गत महिला सम्मेलन को किया संबोधित सतना जिले के सिंहपुर में मना मातृशक्ति उत्सव भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी सरकार महिलाओं की आर्थिक प्रगति के साथ सामाजिक समरसता और सभी की अधिकार सम्पन्नता के लिए सामाजिक रचना के ताने-बाने में सभी स्तर पर आवश्यक योगदान दे रही है। इसी का परिणाम है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप किसान, युवा, गरीब कल्याण और महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम संचालित हैं। हमारी संस्कृति में देश के लिए मातृत्व भाव विद्यमान है, हम सब भारत माता पर सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए सदैव तत्पर हैं। आज का मातृशक्ति सम्मेलन- माताओं-बहनों के प्रति सनातन संस्कृति के अनुरूप अनन्य श्रद्धा-स्नेह-प्रेम और सम्मान का प्रकटीकरण है। भारत की कुटुम्ब या परिवार परम्परा हमारी संस्कृति को समृद्ध और सशक्त बनाती है। परिवार परम्परा का आधार मातृशक्ति ही है। बेटियां एक ही नहीं दो परिवारों का उद्धार करती हैं। बहन-बेटियों के प्रति इस सम्मान के परिणामस्वरूप ही प्रदेश में “लाड़ली बहना योजना’’ आरंभ की गई। सावन के महीने में लाड़ली बहनों के खाते में 1250 रूपए के साथ 250 रूपए अतिरिक्त रूप से आने वाले हैं। यह बहन-बेटियों प्रति हमारी सरकार का आदर और स्नेह है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को सतना जिले के सिंहपुर में आयोजित मातृशक्ति उत्सव के अंतर्गत आयोजित महिला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश की सभी बहनें हमारा मान हैं, अभिमान हैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत बहनों को जारी की जाने वाली राशि में चरणबद्ध रूप से वृद्धि होगी और वर्ष 2028 तक बहनों को तीन हजार रूपए प्रतिमाह उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण और उनके कल्याण के लिए 1500 करोड़ रूपए से अधिक प्रतिमाह अंतरित किए जा रहे हैं। प्रदेश की सभी बहनें हमारा मान हैं, अभिमान हैं। इनके मान-सम्मान और कल्याण के लिए हम कोई कसर नहीं रखेंगे। दीपावली के बाद आने वाली भाईदूज तक राज्य सरकार सभी लाड़ली बहनों को 1250 रुपए से बढ़ाकर हर माह 1500 रूपए सहायता राशि देगी। बहन-बेटियों के सशक्तिकरण के‍लिए स्व-सहायता समूहों का संचालन, नौकरियों और स्थानीय व नगरीय निकायों और पंचायतों में आरक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा और विधानसभा में बहनों का 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। माताओं-बहनों के कल्याण के लिए ही सभी परिवारों को पक्के मकान, घर-घर गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। दीदीयां लखपति बनकर प्रगति कर रही हैं, बेटियों के लिए शिक्षा की उचित व्यवस्था है, उन्हें साइकिलें उपलब्ध कराने के साथ-साथ परीक्षा में अच्छा परिणाम लाने पर प्रोत्साहन स्वरूप लेपटॉप उपलब्ध कराए जा रहे हैं। डॉक्टर-इंजीनियर बनने के लिए भी आवश्यक हरसंभव सहायता बेटियों को उपलब्ध है। उद्योगों में काम करने वाली बहनों के लिए भी राज्य सरकार विशेष सहायता प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों की जिन्दगी बदलने के लिए उन्हें बिजली में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सोलर पम्प पर अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। अगले डेढ़ माह में बरगी नहर का कार्य पूर्ण हो रहा है, इससे रीवा-सतना क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध होगा। हमारी सरकार ने हर खेत तक पानी पहुंचाने का संकल्प लिया है और हम इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2002-03 तक केवल 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविध उपलब्ध थी। वर्तमान में हम 55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2028 तक 100 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष 2600 रूपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं का उपार्जन किया गया। अगले दो साल में संभवत: 2700 रूपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं का उपार्जन किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के माध्यम से शीघ्र ही गरीबों के लिए 4 करोड़ आवास स्वीकृत होने वाले हैं, वर्ष 2028 तक 80 करोड़ लोगों को नि:शुल्क राशन की व्यवस्था है, बच्चों की शिक्षा के लिए सांदिपनी विद्यालय जैसे स्कूल विद्यमान हैं, यह सब रामराज की संकल्पा को साकार करने के समान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार श्रीराम वन गमन पथ का निर्माण करा रही है। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण ने जहां-जहां लीलाएं की हैं, वे स्थल तीर्थ के रूप में विकसित किए जाएंगे। किसानों की आय में वृद्धि के‍लिए गौपालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है, इससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि से परिवार के सभी सदस्यों को पर्याप्त पोषण भी उपलब्ध हो सकेगा। अत: सरकार घर-घर गौपालन को प्रोत्साहित करने के लिए 'जिसके घर गाय वह गोपाल' के भाव से कार्य कर रही है। प्रदेश में देश का 9 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन होता है, इसे 20 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। यदि कोई गौ-पालक 25 गायों का पालन करता है तो उन्हें लागत के 40 लाख रूपए में से 10 लाख रूपए अनुदान के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे। गौशालाओं में भी प्रति गौमाता 20 रूपए के स्थान पर 40 रूपए की राशि उपलब्ध कराई जा रही है। पांच हजार से अधिक गौमाताएं पालने पर 130 एकड़ जमीन और 40 रूपए प्रति गाय के मान से सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। गौमाताओं की उचित देखभाल के लिए नगर निगम, नगर परिषद और पंचायतों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीवा-सतना क्षेत्र में पर्याप्त औद्योगिक गतिविधियां संचालित हैं। इस क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए होमस्टे विकसित करने में राज्य सरकार सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सतना जिला भगवान श्रीराम से जुड़ता है अत: क्षेत्र के विकास के लिए कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उपस्थित जनसमुदाय को अपने गांव-मोहल्ले का उन्नयन करते हुए सतना जिले को … Read more

मंत्री राजपूत बोले – सेवा के लिए हर समय तैयार हूं, जनता का साथ नहीं छोड़ूंगा

मुश्किल की घड़ी में हर वक्त मैं जनता के साथ, हर जरूरत में सेवा के लिए तत्पर हूं : मंत्री राजपूत संकट की हर घड़ी में जनता के साथ खड़ा रहूंगा: मंत्री राजपूत का संकल्प मंत्री राजपूत बोले – सेवा के लिए हर समय तैयार हूं, जनता का साथ नहीं छोड़ूंगा लोहगढ़िया समाज के 100 से अधिक परिवारों को बांटे तिरपाल भोपाल बारिश का मौसम जहां कई लोगों के लिए सुकून लेकर आता है, वहीं गरीब तबके और झोपड़ी व कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों के लिए यह तकलीफ का कारण भी बन जाता है। ऐसे ही समय में  खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने  सागर जिले के बेरखेड़ी गांव के लोहगढ़िया मोहल्ले में तिरपाल वितरित किए, जिससे बारिश से उनके घरों की सुरक्षा हो सके और वे सुरक्षित रह सकें।  मंत्री राजपूत ने कहा कि सुरखी विधानसभा मेरा परिवार है और परिवार के हर नागरिक की सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी है। चाहे कितनी भी व्यस्तता हो, मैं हर वक्त आपके साथ खड़ा हूं। उन्होंने कहा कि लोहगढ़िया समाज ने भारतीय इतिहास में उल्लेखनीय योगदान दिया है और उनके त्याग और संघर्ष को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि क्षेत्र के विकास और जरूरतमंदों की मदद के लिए वे सदैव तत्पर हैं। मंत्री ने विकास का संकल्प दोहराया खाद्य मंत्री राजपूत ने सुरखी विधानसभा क्षेत्र के समग्र विकास का खाका भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अंचलों में पक्की सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, नल-जल योजना के माध्यम से हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुँचाया जा रहा है और बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नए ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं। मंत्री राजपूत ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि सुरखी विधानसभा को शहरी सुविधाओं से लैस एक मॉडल क्षेत्र बनाया जाए।  लोहगढ़िया समाज ने किया मंत्री राजपूत का सम्मान मंत्री राजपूत के इस सेवा कार्य से भाव विभोर होकर लोहगढ़िया समाज के लोगों ने उनका स्वागत किया और आभार व्यक्त किया। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि संकट की इस घड़ी में मंत्री राजपूत द्वारा दी गई मदद उनके लिए संबल का कार्य करेगी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीण उपस्थित रहे।   

स्वास्थ्य सेवा की दिशा में पहल: उप मुख्यमंत्री ने दो नये केन्द्रों का शुभारंभ किया

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सिकल सेल परामर्श केन्द्र एवं पोषण मित्र केन्द्र का किया शुभारंभ उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने सिकल सेल व पोषण मित्र केन्द्रों का किया उद्घाटन स्वास्थ्य सेवा की दिशा में पहल: उप मुख्यमंत्री ने दो नये केन्द्रों का शुभारंभ किया सिकल सेल एनीमिया के प्रबंधन के लिए एनएचएम, गांधी मेमोरियल अस्पताल रीवा और किरण सेवा संस्थान के मध्य एमओयू भोपाल उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित मरीजों की पहचान कर उन्हें समुचित चिकित्सा सुविधा एवं पोषण आर्गेनिक किट उपलब्ध कराने में किरण सेवा संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। उप मुख्यमंत्री शुक्ल की उपस्थिति में किरण सेवा संस्थान, एनएचएम तथा गांधी मेमोरियल अस्पताल रीवा के मध्य एमओयू किया गया। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने किरण सेवा संस्थान रीवा में सिकल सेल परामर्श एवं पोषण मित्र केन्द्र का शुभारंभ किया। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि सिकल सेल को वर्ष 2030 तक प्रदेश से उन्मूलित किया जायेगा। रीवा जिले के साथ शहडोल जिले में भी किरण सेवा संस्थान ग्रामीण क्षेत्र तक सिकल सेल से पीड़ित मरीजों की पहचान कर उन्हें चिकित्सकीय परामर्श व आर्गेनिक पोषण किट प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि पीड़ित मानवता का सेवा में शासन के साथ स्वयंसेवी संस्थाएँ भी आगे आयें। सिकल सेल रक्त में विकृतियों से होने वाली बीमारी है। इसका प्रकोप जनजातीय क्षेत्रों में अधिक होता है। सभी के समन्वित प्रयासों से इसका उन्मूलन किया जा सकेगा। कार्यक्रम में डॉ. बीनू कुशवाहा ने बताया कि गांधी मेमोरियल अस्पताल में गर्भवती महिलाओं में सिकल सेल के परीक्षण की सुविधा उपलब्ध है। जेनेटिक लैब के प्रारंभ होने पर इसका संपूर्ण इलाज भी संभव हो जायेगा। कार्यक्रम में डॉ. अभय मिश्रा ने बताया कि किरण सेवा संस्थान द्वारा चिकित्सकों के माध्यम से नि:शुल्क परामर्श दिया जायेगा साथ ही उन्हें शत-प्रतिशत आर्गेनिक किट भी उपलब्ध कराई जायेगी। इस अवसर पर समाजसेवी अतुल जैन ने कहा कि इस केन्द्र के माध्यम से सिकल से पीड़ित मरीजों की पहचान कर इलाज मिलेगा।  

यूपी में पंचायत चुनाव टलने के संकेत, सरकार ने आयोग को लिखा पत्र

लखनऊ  उत्तर प्रदेश में इस बार पंचायत चुनाव तय समय पर नहीं होने की पूरी संभावना है, क्योंकि शासन स्तर पर चल रही कवायदों के बीच संकेत मिल रहे हैं कि नगरीय क्षेत्रों की सीमा विस्तार और नए निकायों के गठन के चलते पंचायत चुनाव को फिलहाल टालने की तैयारी चल रही है। दरअसल, नगर विकास विभाग द्वारा 97 नए नगरीय निकायों के गठन और 107 निकायों के सीमा विस्तार की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसको लेकर पंचायतीराज विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर यह स्पष्ट करने को कहा है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बीच वार्डों का पुनर्गठन किया जाए या इस पर फिलहाल रोक लगाई जाए। 22 जुलाई को भेजे गए इस पत्र पर अभी तक आयोग की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। वहीं, आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य फिलहाल नहीं रोका है। सभी जिलों में अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें जारी हैं। सूत्रों की मानें तो अंतिम निर्णय शासन स्तर पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद ही लिया जाएगा, लेकिन यह बैठक अभी तक नहीं हुई है। इससे पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस बीच प्रदेश में विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अगले साल दिसंबर में स्नातक और शिक्षक क्षेत्र की 11 सीटें रिक्त हो रही हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने एमएलसी चुनाव के लिए मतदान केंद्रों के चयन और मतदाता सूची पुनरीक्षण के निर्देश जारी कर दिए हैं। जहां एक ओर एमएलसी चुनाव की गतिविधियां तेज हो गई हैं, तो वहीं पंचायत चुनाव को लेकर तस्वीर फिलहाल धुंधली है। सीमा विस्तार और नए निकायों के गठन की प्रक्रिया के चलते पंचायत चुनाव आगे खिसकने के पूरे आसार बनते जा रहे हैं।

यूपी में पंचायत चुनाव टलने के संकेत, सरकार ने आयोग को लिखा पत्र

लखनऊ  उत्तर प्रदेश में इस बार पंचायत चुनाव तय समय पर नहीं होने की पूरी संभावना है, क्योंकि शासन स्तर पर चल रही कवायदों के बीच संकेत मिल रहे हैं कि नगरीय क्षेत्रों की सीमा विस्तार और नए निकायों के गठन के चलते पंचायत चुनाव को फिलहाल टालने की तैयारी चल रही है। दरअसल, नगर विकास विभाग द्वारा 97 नए नगरीय निकायों के गठन और 107 निकायों के सीमा विस्तार की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसको लेकर पंचायतीराज विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर यह स्पष्ट करने को कहा है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बीच वार्डों का पुनर्गठन किया जाए या इस पर फिलहाल रोक लगाई जाए। 22 जुलाई को भेजे गए इस पत्र पर अभी तक आयोग की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। वहीं, आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य फिलहाल नहीं रोका है। सभी जिलों में अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें जारी हैं। सूत्रों की मानें तो अंतिम निर्णय शासन स्तर पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद ही लिया जाएगा, लेकिन यह बैठक अभी तक नहीं हुई है। इससे पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस बीच प्रदेश में विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अगले साल दिसंबर में स्नातक और शिक्षक क्षेत्र की 11 सीटें रिक्त हो रही हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने एमएलसी चुनाव के लिए मतदान केंद्रों के चयन और मतदाता सूची पुनरीक्षण के निर्देश जारी कर दिए हैं। जहां एक ओर एमएलसी चुनाव की गतिविधियां तेज हो गई हैं, तो वहीं पंचायत चुनाव को लेकर तस्वीर फिलहाल धुंधली है। सीमा विस्तार और नए निकायों के गठन की प्रक्रिया के चलते पंचायत चुनाव आगे खिसकने के पूरे आसार बनते जा रहे हैं।

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने सभी एसडीएम को 24 घंटे टीमों को सतर्क रखने के दिए निर्देश

डबरा के नंदू का डेरा से 50 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थलों पर पहुँचाया अतिवृष्टि से हुए जल भराव वाली बसाहटों के लिये पर्याप्त राहत शिविर बनाए कलेक्टर श्रीमती चौहान ने सभी एसडीएम को 24 घंटे टीमों को सतर्क रखने के दिए निर्देश बड़ेरा गाँव के नजदीक स्टॉप डैम पर पैर फिसलने से पानी में बहे प्रीतम की तलाश में जुटी टीम ग्राम खेड़ीरायमल में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी डबरा  ग्वालियर जिले में अतिवृष्टि से हुए जल भराव से प्रभावित गाँवों के लोगों के लिये एहतियात बतौर पर्याप्त राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। साथ ही जहाँ पर अत्यधिक जल भराव हुआ है वहाँ के लोगों को जिला प्रशासन की टीमों द्वारा एसडीआरएफ की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले के सभी एसडीएम को जल प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे नजर रखने और आवश्यकता पड़ने पर लोगों को तत्काल नजदीकी राहत शिविर में आश्रय दिलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राहत शिविरों में भोजन, पेयजल व प्राथमिक चिकित्सा के पुख्ता इंतजाम रखने के भी निर्देश दिए। शनिवार को डबरा विकासखंड के ग्राम नंदू का डेरा में अत्यधिक जल भराव होने की सूचना मिलने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की कार्रवाई की गई। ग्राम खेड़ीरायमल में भी रेस्क्यू ऑपरेशन कर लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। एसडीएम दिव्यांशु चौधरी ने बताया कि नंदू का डेरा से एसडीआरएफ की मदद से 50 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इनमें से 23 लोगों को डबरा के कम्युनिटी हॉल व रैन बसेरा में बनाए गए राहत शिविरों में पहुँचाया गया है। ग्राम खेड़ीरायमल के लोगों को एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू कर ग्राम पंचायत खेड़ी रायमल के पंचायत भवन में बनाए गए राहत शिविर में पहुँचाया गया है। जिले के मुरार विकासखंड के अंतर्गत ग्राम टिहौली के पीछे स्थित बड़ेरा निवासी 55 वर्षीय प्रीतम सिंह कुशवाह के बैसली नदी पर बने रपटे को पार करते समय पैर फिसलने से बहने की सूचना मिलने पर एसडीएम ग्वालियर ग्रामीण सूर्यकांत त्रिपाठी बचाव टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुँचे। एसडीआरएफ की टीम प्रीतम कुशवाह को खोजने में लगी है। एसडीएम त्रिपाठी ने बताया कि मदद के लिये एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया है। उन्होंने बताया कि मुरार विकासखंड के अंतर्गत हस्तिनापुर व बेहट में विशेष राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। अन्य स्थलों पर भी एहतियात बतौर राहत शिविर स्थल चिन्हित कर लिए गए हैं। एसडीएम भितरवार संजीव जैन ने बताया कि भितरवार क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा को ध्यान में रखकर लगातार सतर्कता बरती जा रही है। निचले क्षेत्रों में स्थित जिन पुल-पुलियों पर पानी बढ़ा है उनको बैरीकेट्स लगाकर आवागमन के लिये बंद कर दिया गया है। छीमक–भितरवार मार्ग व देवरा – भानगढ़ पुल पर पानी बढ़ने से आवागमन के लिये बंद करा दिया गया है। इसी तरह क्षेत्र के अन्य पुल-पुलियों पर भी लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। निचले क्षेत्र के गाँवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क कर दिया गया है। जैन ने बताया कि एहतियात बतौर भितरवार नगर में पाँच राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। जिले की हर ग्राम पंचायत के अंतर्गत पंचायत भवन व स्कूलों को जरूरत पड़ने पर राहत शिविरों के लिये चिन्हित कर आवश्यक इंतजाम कराए गए हैं। 

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने सभी एसडीएम को 24 घंटे टीमों को सतर्क रखने के दिए निर्देश

डबरा के नंदू का डेरा से 50 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थलों पर पहुँचाया अतिवृष्टि से हुए जल भराव वाली बसाहटों के लिये पर्याप्त राहत शिविर बनाए कलेक्टर श्रीमती चौहान ने सभी एसडीएम को 24 घंटे टीमों को सतर्क रखने के दिए निर्देश बड़ेरा गाँव के नजदीक स्टॉप डैम पर पैर फिसलने से पानी में बहे प्रीतम की तलाश में जुटी टीम ग्राम खेड़ीरायमल में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी डबरा  ग्वालियर जिले में अतिवृष्टि से हुए जल भराव से प्रभावित गाँवों के लोगों के लिये एहतियात बतौर पर्याप्त राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। साथ ही जहाँ पर अत्यधिक जल भराव हुआ है वहाँ के लोगों को जिला प्रशासन की टीमों द्वारा एसडीआरएफ की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले के सभी एसडीएम को जल प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे नजर रखने और आवश्यकता पड़ने पर लोगों को तत्काल नजदीकी राहत शिविर में आश्रय दिलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राहत शिविरों में भोजन, पेयजल व प्राथमिक चिकित्सा के पुख्ता इंतजाम रखने के भी निर्देश दिए। शनिवार को डबरा विकासखंड के ग्राम नंदू का डेरा में अत्यधिक जल भराव होने की सूचना मिलने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की कार्रवाई की गई। ग्राम खेड़ीरायमल में भी रेस्क्यू ऑपरेशन कर लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। एसडीएम दिव्यांशु चौधरी ने बताया कि नंदू का डेरा से एसडीआरएफ की मदद से 50 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इनमें से 23 लोगों को डबरा के कम्युनिटी हॉल व रैन बसेरा में बनाए गए राहत शिविरों में पहुँचाया गया है। ग्राम खेड़ीरायमल के लोगों को एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू कर ग्राम पंचायत खेड़ी रायमल के पंचायत भवन में बनाए गए राहत शिविर में पहुँचाया गया है। जिले के मुरार विकासखंड के अंतर्गत ग्राम टिहौली के पीछे स्थित बड़ेरा निवासी 55 वर्षीय प्रीतम सिंह कुशवाह के बैसली नदी पर बने रपटे को पार करते समय पैर फिसलने से बहने की सूचना मिलने पर एसडीएम ग्वालियर ग्रामीण सूर्यकांत त्रिपाठी बचाव टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुँचे। एसडीआरएफ की टीम प्रीतम कुशवाह को खोजने में लगी है। एसडीएम त्रिपाठी ने बताया कि मदद के लिये एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया है। उन्होंने बताया कि मुरार विकासखंड के अंतर्गत हस्तिनापुर व बेहट में विशेष राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। अन्य स्थलों पर भी एहतियात बतौर राहत शिविर स्थल चिन्हित कर लिए गए हैं। एसडीएम भितरवार संजीव जैन ने बताया कि भितरवार क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा को ध्यान में रखकर लगातार सतर्कता बरती जा रही है। निचले क्षेत्रों में स्थित जिन पुल-पुलियों पर पानी बढ़ा है उनको बैरीकेट्स लगाकर आवागमन के लिये बंद कर दिया गया है। छीमक–भितरवार मार्ग व देवरा – भानगढ़ पुल पर पानी बढ़ने से आवागमन के लिये बंद करा दिया गया है। इसी तरह क्षेत्र के अन्य पुल-पुलियों पर भी लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। निचले क्षेत्र के गाँवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क कर दिया गया है। जैन ने बताया कि एहतियात बतौर भितरवार नगर में पाँच राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। जिले की हर ग्राम पंचायत के अंतर्गत पंचायत भवन व स्कूलों को जरूरत पड़ने पर राहत शिविरों के लिये चिन्हित कर आवश्यक इंतजाम कराए गए हैं।