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राष्ट्रीय सब जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप सात अगस्त से ग्रेटर नोएडा में

नई दिल्ली भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने मंगलवार को कहा कि ग्रेटर नोएडा में सात से 13 अगस्त तक होने वाली सब-जूनियर (अंडर-15) राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 400 लड़के और 300 लड़कियों सहित 700 से अधिक मुक्केबाज भाग लेंगे। इस प्रतियोगिता का आयोजन 15 भार वर्ग में किया जाएगा। हरियाणा लड़कियों के वर्ग में जबकि चंडीगढ़ लड़कों के वर्ग में गत विजेता है। राष्ट्रीय सब जूनियर चैंपियनशिप से पहले इस साल के शुरू में पुरुष, महिला और जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था। मुक्केबाज विश्व मुक्केबाजी के तकनीकी नियमों के तहत प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिसमें 1.5 मिनट के तीन राउंड होंगे तथा राउंड के बीच में एक मिनट का विश्राम होगा। प्रतियोगिता में 10 अंकों की स्कोरिंग प्रणाली अपनाई जाएगी।  

कोरिया: हाफ बिजली बिल योजना के नए स्वरूप से लाखों उपभोक्ताओं को मिला लाभ

कोरिया : छत्तीसगढ़ की पुनरीक्षित हॉफ बिजली बिल योजना से 31 लाख उपभोक्ताओं को राहत छत्तीसगढ़ की संशोधित हाफ बिजली बिल योजना से 31 लाख उपभोक्ताओं को बड़ी राहत कोरिया: हाफ बिजली बिल योजना के नए स्वरूप से लाखों उपभोक्ताओं को मिला लाभ 31 लाख उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली की सौगात, छत्तीसगढ़ सरकार की पुनरीक्षित योजना लागू 15 लाख बीपीएल परिवारों को पूर्ववत मिलती रहेगी मुफ्त बिजली की सुविधा सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाया गया ठोस कदम कोरिया छत्तीसगढ़ सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने वाली हॉफ बिजली बिल योजना में संशोधन करते हुए अब 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 प्रतिशत की रियायत देने का निर्णय लिया है। इससे राज्य के 31 लाख सामान्य और कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को योजना का लाभ पूर्ववत मिलता रहेगा। गौरतलब है कि राज्य में कुल लगभग 45 लाख घरेलू विद्युत उपभोक्ता हैं, जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत यानी 31 लाख उपभोक्ताओं की मासिक बिजली खपत 100 यूनिट से कम है। इनमें से 15 लाख बीपीएल परिवारों को पहले की तरह 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली की सुविधा मिलती रहेगी। साथ ही, वे हॉफ बिजली बिल योजना के अन्य लाभों से भी यथावत लाभान्वित रहेंगे। सरकार द्वारा ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को भी गति दी जा रही है। इस योजना के अंतर्गत रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने पर उपभोक्ताओं को केंद्र और राज्य सरकारों से संयुक्त रूप से अधिकतम 1,08,000 रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। योजना के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं- 1 किलोवाट क्षमता वाले प्लांट से प्रति माह औसतन 120 यूनिट बिजली उत्पादन होता है, जिस पर 45,000 की कुल सब्सिडी दी जाती है। उपभोक्ता को केवल 15,000 वहन करना होता है, 2 किलोवाट प्लांट से औसतन 240 यूनिट बिजली उत्पादन संभव है। इसमें 90,000 रु. तक सब्सिडी मिलती है और उपभोक्ता को 30,000 रु. खर्च करना होता है, 3 किलोवाट प्लांट से औसतन 360 यूनिट उत्पादन होता है, जिस पर 1.08 लाख रुपये की सहायता मिलती है। इसमें उपभोक्ता अंश 72,000 रुपये होता है, जिसे ऋण सुविधा से चुकाया जा सकता है। विशेष बात यह है कि 2 किलोवाट या अधिक क्षमता वाले सौर प्लांट 25 वर्षों तक प्रति माह 200 यूनिट से अधिक बिजली उत्पन्न करने में सक्षम होते हैं, जो हॉफ बिजली बिल योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट से भी ज्यादा है। इससे उपभोक्ता बिजली खर्च से मुक्त हो सकते हैं और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर आय भी अर्जित कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल सस्ती बिजली, स्थायी बचत और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में रणनीतिक कदम है। इससे उपभोक्ता योजना पर निर्भर न रहकर स्वयं श्उर्जादाताश् बन सकेंगे। यह राज्य को स्वच्छ ऊर्जा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी मजबूती प्रदान करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने बढ़ाया ब्रह्मोस पर भरोसा, मिसाइलों के लिए बड़ा ऑर्डर जारी

नई दिल्ली ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया। भारतीय सेना अब भारत-रूस के ज्वाइंट वेंचर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए बड़ा ऑर्डर दे रही है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जल्द ही हाई लेवल मीटिंग में भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए बड़ी संख्या में ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दी जा सकती है। साथ ही, भारतीय वायु सेना के लिए भी इन मिसाइलों के जमीनी और हवाई वैरिएंट खरीदे जाएंगे। पाकिस्तान के वायु ठिकानों और सेना के कैंपों पर हमले के लिए इन मिसाइलों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया गया। नौसेना इन मिसाइलों को अपने वीर-कैटेगरी के युद्धपोतों पर तैनात करने वाली है, जबकि वायु सेना इन्हें अपने रूसी मूल के सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमानों पर लगाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों स्वदेशी हथियारों की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने हमारे स्वदेशी हथियारों की ताकत देखी। हमारे एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइलें और ड्रोन ने आत्मनिर्भर भारत की शक्ति दिखाई, खासकर ब्रह्मोस मिसाइलों ने। आतंकी मुख्यालयों पर किया हमला भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के पंजाब प्रांत में स्थित मुख्यालयों पर हमला किया। भारतीय वायु सेना ने इसके लिए ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया। इसने टारगेट को बहुत सटीकता से तबाह कर दिया। ब्रह्मोस ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को भी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों और उनके ठिकानों को बचाने की कोशिश में जवाबी कार्रवाई की थी।

सरकार देगी बाढ़ पीड़ितों को राहत: सीएम मोहन ने अधिकारियों को दिए मुआवजे के निर्देश

 भोपाल  एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि अतिवृष्टि/बाढ़ से जनता को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। कोई चिंता न करें, सरकार आपके साथ है। प्रत्येक प्रभावित परिवार का सर्वे कराकर क्षतिपूर्ति की जाए। सरकार द्वारा ‘डीबीटी प्रणाली’ के माध्यम से सहायता राशि सीधे प्रभावितों के खातों में पहुंचाई जाएगी। मुख्‍यमंत्री यादव ने सोमवार को गुना में बाढ़/अति वर्षा प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान यह बात कही। उन्होंने जिले के विभिन्न वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा भी की। इस दौरान केन्‍द्रीय मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री ने कैंट क्षेत्र, पटेल नगर में घर-घर जाकर प्रभावित नागरिकों से संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं।   मुख्यमंत्री यादव ने न्यू टेकरी रोड स्थित पवन कॉलोनी पहुँचकर वर्षा से प्रभावित परिवारों से भेंट कर हालात जाने। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि गत दिनों हुई भारी वर्षा ने जिले में 32 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है, जिससे अभूतपूर्व स्थिति निर्मित हुई। इस चुनौती का प्रशासन ने तत्परता एवं समन्वय के साथ सामना किया। गुना न्यू सिटी कॉलोनी की एक बुजुर्ग महिला सहित 170 नागरिकों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया। विभिन्न जलाशयों में जलस्तर बढ़ने से राहत कार्यों की गति तेज की गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि एनडीआरएफ की 70 सदस्यीय टीम द्वारा सघन बचाव कार्य किए गए। विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं एवं प्रशासनिक अमले ने मिलकर भोजन पैकेट वितरण, अस्थायी आश्रय स्थल की स्थापना तथा आवश्यक सामग्री वितरण जैसे राहत कार्य किए। मुख्‍यमंत्री यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी वर्षा संभावित है, इसलिए प्रशासन पूर्ण सतर्कता बरते। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की यह जिम्मेदारी है कि वे हर परिस्थिति में जनता के साथ खड़े रहें। यह हर्ष की बात है कि केन्द्रीय मंत्री सिंधिया निरंतर संपर्क में रहते हुए राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यादव प्रभावित नागरिकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि शासन हर हाल में उनके साथ है, किसी भी प्रकार की कठिनाई में उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने सभी बहनों का रक्षाबंधन के साथ स्वागत करने पर आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बहनों ने राखी बांधकर मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया। 

रायपुर : हर-घर तिरंगा कार्यक्रम में सभी उत्साह से भाग लें : राज्यपाल डेका

रायपुर राज्यपाल रमेन डेका ने राज्य के सभी नागरिकों से हर घर तिरंगा कार्यक्रम में उत्साह से भाग लेने की अपील की है। उन्होंने देश व प्रदेश के नागरिकों से आग्रह किया है कि अपने घरों में तिरंगा फहराएं और स्वतंत्रता दिवस को सम्मान व गर्व के साथ मनाएं। देश एवं प्रदेश में 79 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘‘हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग‘‘ थीम पर आधारित यह कार्यक्रम तीन चरणों में संपन्न होगा। प्रथम चरण 02 से 08 अगस्त, द्वितीय चरण 09 से 12 अगस्त, और तृतीय चरण 13 से 15 अगस्त 2025 तक किया जा रहा है। राज्यपाल डेका ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल झण्डा फहराने की परंपरा नहीं है बल्कि हमारी राष्ट्र भक्ति, एकता और गौरव का प्रतीक है। तिरंगे के साथ हमारा जुड़ाव, हमारे संविधान, संप्रभुता और गौरवशाली विरासत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद करते हुए उनसे प्रेरणा लें और राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

घर बैठे इलाज का समाधान: E-Sanjeevani से गांवों को कैसे मिल रहा फायदा?

भोपाल  भोपाल से ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के उपमहानिदेशक (प्रशासन) जगदीश राजेश ने सोमवार को भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) में तीन नई पहलों की शुरुआत की। इसमें सबसे अहम रही ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत, जिससे दमोह, सिंगरौली और मंडला के मरीजों को अब विशेषज्ञ डॉक्टरों से सीधे ऑनलाइन परामर्श मिल सकेगा। क्या है ई-संजीवनी सेवा और कैसे मिलेगा फायदा? ई-संजीवनी सेवा एक ऑनलाइन टेलीपरामर्श सुविधा है, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से शुरू की गई है। इस सेवा के तहत अब इन जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत डॉक्टर, भोपाल स्थित BMHRC के विशेषज्ञों से सीधे सलाह ले सकेंगे। विशेषज्ञ डॉक्टरों में शामिल होंगे     जनरल मेडिसिन     स्त्री रोग     गैस्ट्रो मेडिसिन     क्रिटिकल केयर इससे मरीजों को भोपाल या जिला अस्पताल तक बार-बार आने की जरूरत नहीं होगी, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी। ग्रामीण मरीजों के लिए क्यों है ये सेवा उपयोगी? BMHRC की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव के अनुसार, यह सेवा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बेहद लाभकारी होगी। इससे दूरदराज के मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा और इलाज की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। साथ ही, यह सेवा स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ, सस्ती और तेज बनाएगी। नवनियुक्त कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग और हिंदी टाइपिंग का शुभारंभ ICMR उपमहानिदेशक ने BMHRC में दो अन्य पहलों का भी उद्घाटन किया 1. ओरिएंटेशन प्रोग्राम     यह प्रशिक्षण ICMR के नवनियुक्त तकनीकी कर्मचारियों के लिए है।     इसमें प्रशासनिक कौशल, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और नेतृत्व क्षमता जैसे विषयों पर फोकस किया गया। 2. हिंदी टाइपिंग प्रशिक्षण     4 से 8 अगस्त तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में 15 कर्मचारियों को राजभाषा विभाग द्वारा हिंदी प्रशासनिक कार्यों में दक्ष बनाया जाएगा।     प्रशिक्षण का नेतृत्व श्री घनश्याम नामदेव करेंगे।  

फैटी लिवर बना IT सेक्टर की बड़ी चुनौती, डेस्क जॉब करने वाले भी हाई रिस्क में

इंदौर  भारत में फैटी लिवर का जाल धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है और चौंकने वाली बात ये है कि सबसे ज्यादा इस बीमीरी की चपेट में देश के युवा आए हैं. ऐसा हम नहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने संसद में हैरान करने वाला खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक स्टडी के अनुसार, हैदराबाद में IT सेक्टर में काम करने वाले 84% से अधिक वर्कर्स फैटी लिवर की परेशानी से जूझ रहे हैं. इस खुलासे ने सभी को चौंका दिया है क्योंकि आईटी सेक्टर में ज्यादातर 25 से 45 साल की उम्र के लोग काम कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि फैटी लिवर कितनी गंभीर बीमारी है और क्यों ये डेस्क जॉब या युवाओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रही है. फैटी लिवर क्या होता है? जो लोग फैटी लिवर का नाम पहली बार सुन रहे हैं वो सबसे पहले ये जान लें कि जब हमारी बॉडी में जरूरत से ज्यादा फैट लिवर में जमा हो जाता है तो उसे फैटी लिवर कहते हैं. इस बीमारी की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि शुरुआत में इसका कोई लक्षण दिखाई नहीं देता, मगर वक्त के साथ ये धीरे-धीरे लिवर को डैमेज कर देता है और सूजन-सिरोसिस जैसी सीरियस बीमारियों की वजह बन सकता है. फैटी लिवर को स्टीटोसिस भी कहते हैं और ये दो प्रकार का होता है. अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD) अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज उन लोगों को ज्यादा होता है जो लिमिट से ज्यादा शराब पीते हैं. नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) ऐसा नहीं है कि सिर्फ पीने से ही फैटी लिवर होता है, मोटापा, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से भी फैटी लिवर होता है जिसे नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज कहते हैं. बता दें कि अब शराब पिए बगैर लिवर से संबंधित जो बीमारियां होती है, वे सब अब एनएएफएलडी के अंदर आती हैं.  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दी चेतावनी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने संसद में बताया कि सरकार की तरफ से मेटाबोलिक डिसफंक्शन से जुड़ी फैटी लिवर डिजीज (MAFLD) को लेकर जागरुकता बढ़ाने और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए एक ऑपरेशनल गाइडलाइंस जारी की गई हैं. जगत प्रकाश नड्डा की तरफ से सभी राज्यों को जांच के निर्देश भी दिए गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने एक चेतावनी भी दी, उन्होंने कहा, ये एक बड़ा स्वास्थ्य खतरे की ओर इशारा करता है और अगर समय रहते लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं किया गया तो आने वाले टाइम में देश के युवा जनरेशन की हेल्थ को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है.  फास्ट फूड खाने वाले  76.3% लोग पीड़ित   सिर्फ शराब पीने वाले या डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल ही फैटी लिवर होने का कारण नहीं है. आईसीएमआर ने एक रिसर्च की थी, जिसके मुताबिक, हफ्ते में फास्ट-फूड खाने वाले लोगों में 76.3%  लोगो में फैटी मिला है. जयपुर की तीन तहसीलों में हुई रिसर्च में 37.2 फीसदी लोगों में फैटी लिवर पाया गया और इसमें महिलाओं के मुकाबले में पुरुषों की संख्या ज्यादा पाई गई है. IT वर्कर्स में फैटी लिवर होने के कारण  लंबे समय तक बैठकर काम करना: IT सेक्टर में वर्कर्स डेली 8 से 10 घंटे कंप्यूटर के सामने बैठे रहते हैं, जिससे फिजिकल एक्टीविटी कम हो जाती है. जंक फूड और खराब डाइट: ऑफिस के बिजी  शेड्यूल में जल्दी-जल्दी में फास्ट फूड, पैकेज्ड स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक रोजाना की डाइट का हिस्सा बन चुकी है. स्ट्रेस और नींद की कमी: काम का दबाव, रात की शिफ्ट और ज्यादा स्ट्रेस से नींद पर असर पड़ता है, जो बॉडी के मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ता है. शराब और मीठा: कुछ लोग स्ट्रेस कम करने के लिए वीकेंड या रोजाना ही शराब पीते हैं और कुछ लोग स्ट्रेस को मीठी चीजे खाकर स्लो करते हैं. इन दोनों के अधिक सेवन से ही लिवर पर इफेक्ट पड़ता है. IT वर्कर्स में फैटी लिवर होने के कारण क्या हैं?  दिल्ली के वसंत कुंज में फोर्टिस अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी सीनियर कंसल्टेंट डॉ. शुभम वात्स्य ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि शराब ना पीने की वजह से भी लोग फैटी लिवर के शिकार हो रहे हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह अनहेल्दी लाइफस्टाइल और मोटापे की बढ़ती दर है. उन्होंन इसके कारण और इससे सुरक्षित रहने के लिए कुछ सुझाव भी दिए थे. क्यों बढ़ा रहा है फैटी लिवर का खतरा? लंबे समय तक बैठकर काम करना: IT सेक्टर में वर्कर्स डेली 8 से 10 घंटे कंप्यूटर के सामने बैठे रहते हैं, जिससे फिजिकल एक्टीविटी कम हो जाती है. जंक फूड और खराब डाइट: ऑफिस के बिजी  शेड्यूल में जल्दी-जल्दी में फास्ट फूड, पैकेज्ड स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक रोजाना की डाइट का हिस्सा बन चुकी है. स्ट्रेस और नींद की कमी: काम का दबाव, रात की शिफ्ट और ज्यादा स्ट्रेस से नींद पर असर पड़ता है, जो बॉडी के मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ता है. शराब और मीठा: कुछ लोग स्ट्रेस कम करने के लिए वीकेंड या रोजाना ही शराब पीते हैं और कुछ लोग स्ट्रेस को मीठी चीजे खाकर स्लो करते हैं. इन दोनों के अधिक सेवन से ही लिवर पर इफेक्ट पड़ता है. फैटी लिवर के लक्षण-  आमतौर पर फैटी लिवर के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन जब लक्षण दिखाई देते है तब तक हालत बिगड़ चुकी होती है. फैटी लिवर होने के लक्षण- जैसे भूख में कमी, पीलिया होना, डार्क कलर का पेशाब आना, पेट और पैरों में सूजन होना. फैटी लिवर से कैसे बचें?     हेल्दी लाइफस्टाइल     नींद पूरी करना      लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) करवाएं     हेपेटाइटिस ए और बी का टीका लगवाएं     हाइड्रेटेड रहें और तनाव का प्रबंधन करें     शराब ना पिएं     एक्सरसाइज करें  

स्वास्थ्य मंत्री ने आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु दिए निर्देश

रायपुर प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज कोंडागांव जिले के प्रवास के दौरान जिला चिकित्सालय कोंडागांव एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फरसगांव का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने मरीजों से बातचीत कर हाल चाल जाना और वहां मिल रहे चिकित्सकीय सुविधाओं की जानकारी ली। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों का बेहतर ईलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस दौरान बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने जिला अस्पताल कोंडागांव में 80 लाख रुपए की लागत से ऑपरेशन थिएटर निर्माण की घोषणा की।   उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना शासन की प्राथमिकता है। निरीक्षण के दौरान उनके साथ  बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक सुलता उसेंडी, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष दीपक म्हस्के, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया और कलेक्टर श्रीमती नुपूर राशि पन्ना भी उपस्थित थी।     स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जिला चिकित्सालय में आपातकालीन चिकित्सा कक्ष, मेजर ओटी वार्ड, सर्जिकल वार्ड सहित विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में उपलब्ध सुविधाएं, दवाईयों की उपलब्धता, साफ-सफाई, मरीजों को मिलने वाले भोजन, मेडिकल स्टाफ सहित अन्य आवश्यक जानकारी ली। जिला अस्पताल में चल रहे मरम्मत कार्य के प्रगति की जानकारी लेते हुए उन्होंने सीजीएमएससी के अधिकारियों से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला चिकित्सालय में मरीजों की संख्या को देखते हुए बेड की संख्या बढ़ाने और नये ऑपरेशन थिऐटर निर्माण कराने की बात कही।  इसके पश्चात उन्होंने मातृ शिशु चिकित्सालय में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के सोनोग्राफी कक्ष में पहुंचकर कार्य के बारे में जानकारी ली और व्यवस्थित सोनोग्राफी कार्य के लिए आवश्यक व्यवस्था हेतु निर्देशित किया। साथ ही चिकित्सालय में स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए जिला स्तर पर हो सकने वाले भर्ती को शीघ्र करने हेतु निर्देशित किया और बाकी पदों का राज्य स्तर पर भर्ती की बात कही।

अब मेट्रोपॉलिटन रीजन बनेंगे MP के बड़े शहर, बदलेगा विकास का नक्शा

भोपाल  प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल करते हुए 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को मेट्रोपॉलिटन रीजन का दर्जा देने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। सोमवार को विधानसभा में "मध्य प्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025" पेश किया गया। इस विधेयक पर मंगलवार को चर्चा की जाएगी। विधेयक के लागू होते ही भोपाल और इंदौर जैसे प्रमुख शहरों को नए शहरी ढांचे के तहत विकसित किया जाएगा। इन शहरों के लिए मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे। भोपाल के लिए सीमांकन का सर्वे कार्य जारी है, जबकि इंदौर में यह प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। प्रस्तावित प्राधिकरण में विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव, आयुक्त, नगरीय विकास, राजस्व, परिवहन, ऊर्जा, पर्यावरण जैसे विभागों के प्रतिनिधि, साथ ही मेट्रो, रेलवे, दूरसंचार, नगर निगम और अन्य स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। विकास को मिलेगा नया ढांचा प्राधिकरण का कार्यक्षेत्र मेट्रोपॉलिटन एरिया होगा, जहां वह भूमि उपयोग, अधोसंरचना, परिवहन, ऊर्जा, जल, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विषयों पर योजनाएं तैयार करेगा। इसके दायरे में नगरीय निकायों की विकास योजनाओं की निगरानी, टाउनशिप योजना का निर्माण, भूमि अधिग्रहण एवं आवंटन, तथा निवेश की संभावनाएं तलाशना शामिल रहेगा। एकीकृत परिवहन प्रणाली का गठन प्राधिकरण द्वारा मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, जो संबंधित शहरों में परिवहन नेटवर्क के विकास, संचालन, टिकटिंग प्रणाली और परिवहन संबंधी नीतिगत सलाह के लिए कार्य करेगी। योजना समिति और विकास अधिकार प्रत्येक महानगर क्षेत्र में एक योजना समिति बनाई जाएगी, जिसमें क्षेत्रीय सांसद, महापौर और अन्य जनप्रतिनिधि सदस्य होंगे। यह समिति निवेश योजनाओं को अंतिम रूप देगी और दो या अधिक महानगरों को एकीकृत रूप से विकसित करने की रूपरेखा तैयार करेगी। भूमि उपयोग और शुल्क वसूली का अधिकार प्राधिकरण को बीडीए (भोपाल विकास प्राधिकरण) या आईडीए (इंदौर विकास प्राधिकरण) की तर्ज पर योजनाएं लागू करने और शुल्क वसूली का अधिकार प्राप्त होगा। इसके तहत दावा-आपत्ति और अधिसूचना की प्रक्रिया भी अनिवार्य रूप से अपनाई जाएगी।  

रेलवे अलर्ट: 15 सितंबर तक बंद रहेंगी 30 ट्रेनें, 6 के बदले रूट, कई राज्यों पर असर

बिलासपुर  रेलयात्रियों को आने वाले दिनों में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। रेलवे ने छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली 30 से ज्यादा ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है। ये गाड़ियां 31 अगस्त से 15 सितंबर तक नहीं चलेंगी। साथ ही 6 गाड़ियों को रूट बदले गए हैं, जबकि 5 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है। रेलवे ने बिलासपुर-झारसुगड़ा रूट पर चौथी लाइन के काम के चलते यह बड़ा फैसला लिया है। 16 दिन तक ट्रेन कैंसिल रहने की वजह से पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा जाने वाले यात्रियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। कैंसिल की गई ट्रेनों में कई एक्सप्रेस और कई पैसेंजर गाड़ियां शामिल बताई जा रही हैं। हैरानी की बात यह है कि यात्रियों को होने वाली दिक्कतों के लिए कोई ऑप्शनल व्यवस्था भी नहीं की गई है। क्या है चौथी लाइन का प्रोजेक्ट? बिलासपुर-झारसुगुड़ा सेक्शन में चौथी लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। यह रेलवे का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, जो उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाले इस व्यस्त मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही को और बेहतर बनाएगा। इससे भविष्य में नई ट्रेनों को चलाने में मदद मिलेगी और यात्रियों को समय पर ट्रेनें मिलेंगी। साथ ही, सुविधाओं में भी सुधार होगा। रेलवे की इस योजना के तहत बिलासपुर-झारसुगुड़ा रेलखंड के रायगढ़ रेलवे स्टेशन को अब चौथी रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा। यह काम 31 अगस्त से 15 सितंबर के बीच अलग-अलग दिनों में किया जाएगा। रेल प्रशासन का कहना है कि यह काम इस तरह से किया जाएगा, जिससे यात्रियों को कम से कम परेशानी हो। इस प्रोजेक्ट के दौरान कुछ ट्रेनों का संचालन अस्थायी रूप से रोका जाएगा, लेकिन जैसे ही यह काम पूरा होगा, ट्रेनें समय पर चलने लगेंगी। ये एक्सप्रेस ट्रेनें रहेंगी कैंसिल-     गाड़ी नंबर 18113 टाटानगर-बिलासपुर एक्सप्रेस 30 अगस्त से 2 सितंबर तक रद्द     18114 बिलासपुर-टाटानगर एक्सप्रेस 31 अगस्त से 3 सितंबर तक रद्द     20813 पुरी-जोधपुर एक्सप्रेस 27 अगस्त को रद्द     20814 जोधपुर-पुरी एक्सप्रेस 30 अगस्त को रद्द     20971 उदयपुर-शालीमार एक्सप्रेस 30 अगस्त को रद्द     13425 मालदा-सूरत एक्सप्रेस 30 अगस्त को रद्द     20822 सांतरागाछी-पुणे एक्सप्रेस 30 अगस्त को रद्द     20821 पुणे-सांतरागाछी एक्सप्रेस 1 सितंबर को रद्द      22846 हटिया-पुणे एक्सप्रेस 29 अगस्त को रद्द     22845 पुणे-हटिया एक्सप्रेस 31 अगस्त व 3 सितंबर को रद्द     22843 बिलासपुर-पटना एक्सप्रेस 29 अगस्त को रद्द     22844 पटना-बिलासपुर एक्सप्रेस 31 अगस्त को रद्द     12262 हावड़ा-मुंबई एक्सप्रेस 2 सितंबर     12261 मुंबई-हावड़ा एक्सप्रेस 3 सितंबर को रद्द     12101 कूल्ली-शालीमार एक्सप्रेस 29 अगस्त को रद्द     12102 शालीमार-कूल्ली एक्सप्रेस 31 अगस्त को रद्द      12905 पोरबंदर-शालीमार एक्सप्रेस 27 व 28 अगस्त को रद्द      12906 शालीमार-पोरबंदर 29 व 30 अगस्त को रद्द     68737 रायगढ़-बिलासपुर MEMU ट्रेनें 31 अगस्त से 15 सितंबर तक रद्द      68738 बिलासपुर-रायगढ़ MEMU ट्रेनें 31 अगस्त से 15 सितंबर तक रद्द      68735 रायगढ़-बिलासपुर MEMU ट्रेनें 31 अगस्त से 15 सितंबर तक रद्द      68736 बिलासपुर-रायगढ़ MEMU ट्रेनें 30 अगस्त से 14 सितंबर तक रद्द दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में चौथी लाइन का काम शुरू दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में चौथी रेलवे लाइन का काम शुरू होने जा रहा है। इस कारण 31 अगस्त से 15 सितंबर तक छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली 50 से ज्यादा ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है। इन ट्रेनों में एक्सप्रेस और पैसेंजर दोनों शामिल हैं। रेल प्रशासन ने बताया कि बिलासपुर-झारसुगुड़ा सेक्शन में चौथी लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। यह रेलवे का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, जो उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाले इस व्यस्त मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही को और बेहतर बनाएगा। रेलवे का कहना है कि इस काम से भविष्य में नई ट्रेनों को चलाने में मदद मिलेगी और यात्रियों को समय पर ट्रेनें मिलेंगी। साथ ही, सुविधाओं में भी सुधार होगा। बिलासपुर से झारसुगड़ा तक 206 KM चौथी लाइन बिलासपुर से झारसुगुड़ा के बीच 206 किलोमीटर लंबी चौथी रेल लाइन का निर्माण चल रहा है, जिसमें अब तक 150 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइन का काम पूरा हो चुका है। रायगढ़ रेलवे स्टेशन में होगा चौथी लाइन का काम रेलवे की इस योजना के तहत बिलासपुर-झारसुगुड़ा रेलखंड के रायगढ़ रेलवे स्टेशन को अब चौथी रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा। यह काम 31 अगस्त से 15 सितंबर के बीच अलग-अलग दिनों में किया जाएगा। रेल प्रशासन का कहना है कि यह काम इस तरह से किया जाएगा, जिससे यात्रियों को कम से कम परेशानी हो। इस प्रोजेक्ट के दौरान कुछ ट्रेनों का संचालन अस्थायी रूप से रोका जाएगा, लेकिन जैसे ही यह काम पूरा होगा, ट्रेनें समय पर चलने लगेंगी और उनकी रफ्तार भी बढ़ेगी। रेलवे ने बताया कि यह एक जरूरी विकास कार्य है, जिससे भविष्य में यात्रियों को और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।