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ट्रम्प के टैरिफ वार के बीच PM मोदी-पुतिन की खास बातचीत, भारत में स्वागत के लिए न्योता

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच टेलिफोन पर बातचीत हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध, आपसी संबंधों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। पीएम मोदी ने एक बार फिर भारत की शांति की नीति को दोहराया और राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन से जुड़े हालिया हालात की भी पुतिन से जानकारी ली। भारत की शांति की नीति पीएम मोदी ने पुतिन को इस जानकारी के लिए धन्यवाद भी दिया और दोहराया कि भारत हमेशा युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। भारत की नीति है कि बातचीत और कूटनीति के जरिए ही किसी भी संघर्ष का हल निकलना चाहिए। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-रूस के बीच पुराने और मजबूत रिश्तों पर भी चर्चा की और दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच के संबंधों को और मजबूत किया जाएगा। पुतिन को भारत आने का न्योता बता दें, भारत और रूस कई क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ सहयोग करते हैं, जैसे ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष और व्यापार। इस साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए आने वाले महीनों में और बातचीत की योजना है। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को इस साल भारत आने का न्योता भी दिया है। भारत- रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन का यह 23वां संस्करण होगा, जो दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहरा करने का काम करेगा।

रक्षा मंत्रालय का खुलासा: क्या भारत ने अमेरिका के साथ हथियारों की डील पर प्रतिबंध लगाया?

नई दिल्ली भारत सरकार ने अमेरिका के साथ डिफेंस डील को रोकने के दावों को खारिज कर दिया है। ये जानकारी न्यूज एजेंसी ANI ने डिफेंस मिनिस्ट्री के सूत्रों के हवाले से दी है। इसमें बताया गया कि ये रिपोर्ट्स गलत और झूठी हैं। डिफेंस मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, "भारत की ओर से अमेरिका के साथ रक्षा खरीद संबंधी बातचीत रोकने की खबरें झूठी और मनगढ़ंत हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि खरीद के विभिन्न मामलों में मौजूदा प्रक्रियाओं के अनुसार प्रगति हो रही है।" रिपोर्ट में 3 भारतीय अफसरों के हवाले से दावा किया था कि भारत ने अमेरिका से नए हथियार और विमान खरीद की योजना रोक दी है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रक्षा मंत्री आने वाले हफ्तों में डिफेंस डील के लिए अमेरिका जाने वाले थे, लेकिन टैरिफ विवाद की आंच इस दौरे पर आ गई और दौरा टल गया।   रॉयटर्स की रिपोर्ट में क्या था दावा? रॉयटर्स ने 'ट्रम्प के टैरिफ के बाद भारत ने अमेरिकी हथियार खरीदने की योजना रोक दी' हेडलाइन से एक रिपोर्ट छापी है। इस रिपोर्ट में कहा गया अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत में असंतोष देखने को मिल रहा है। इसलिए भारत सरकार ने नए अमेरिकी हथियार और विमान खरीदने की अपनी योजना को स्थगित कर दिया है।  

यूरोप ने भारत का किया बचाव, कहा डेड इकॉनमी नहीं है भारत; ट्रंप को करारा जवाब दिया

नई दिल्ली  भारत में डेनमार्क (यूरोप का एक देश) के राजदूत, रासमस एबिल्डगार्ड क्रिस्टेंसन ने टैरिफ विवाद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को करारा जवाब दिया है। उन्होंने हिन्दुस्तान का सपोर्ट करते हुए दो टूक कहा है कि वह भारत को डेड इकॉनमी की तरह नहीं देखते हैं, बल्कि यह सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। न्यूज एजेंसी 'एएनआई' के साथ एक इंटरव्यू में क्रिस्टेंसन ने पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौतों तक पहुंचने के लिए देशों के बीच सद्भावनापूर्ण बातचीत और संवाद की आवश्यकता पर जोर डाला। उन्होंने कहा, "नहीं, मैं निश्चित रूप से भारत को एक मृत अर्थव्यवस्था नहीं मानता। इसके विपरीत, यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। और मुझे लगता है कि इस तथ्य का प्रमाण यह है कि यूरोपीय संघ और भारत एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह पारस्परिक रूप से लाभकारी होगा।" अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक चौंकाने वाला बयान दिया था और रूसी तेल आयात करने पर अतिरिक्त जुर्माना लगाने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि मुझे इसकी परवाह नहीं है कि भारत रूस के साथ क्या करता है। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ कैसे गिरा सकते हैं। हमने भारत के साथ बहुत कम व्यापार किया है, उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं, दुनिया में सबसे ज्यादा में से एक।" ट्रंप ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। डेनमार्क के राजदूत ने जोर देकर कहा कि डेनमार्क और यूरोप भारत को निवेश और व्यापार के लिए एक आशाजनक जगह मानते हैं। उन्होंने आगे कहा, "इसलिए निश्चित रूप से एक डेनिश, यूरोपीय दृष्टिकोण से, हम भारत को निवेश और व्यापार के लिए एक बहुत ही आशाजनक जगह मानते हैं और अगर यह एक मृत अर्थव्यवस्था होती तो ऐसा नहीं होता।" यूरोपीय संघ और भारत दोनों को प्रभावित करने वाले टैरिफ के मुद्दे के बारे में बोलते हुए, राजदूत ने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से सोचता हूं, और यह डेनमार्क का भी दृष्टिकोण है, कि आप जानते हैं, हम एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के पक्ष में हैं, जहां यह केवल बड़े खिलाड़ियों का प्रश्न नहीं है, आप जानते हैं, कि छोटे खिलाड़ियों को क्या करना चाहिए, यह निर्देश देना है।" अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर हाल ही में लगाए गए शुल्कों के संबंध में, क्रिस्टेंसन ने कहा कि व्यापार वार्ताओं के प्रति यूरोपीय दृष्टिकोण सद्भावना और पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौतों पर केंद्रित है। क्रिस्टेंसन ने कहा, "इसलिए, जब हम बातचीत करते हैं, तो सिद्धांततः, यह सद्भावना से होती है। उदाहरण के लिए, हम भारत के साथ एक ऐसे समझौते पर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं जो पारस्परिक रूप से लाभकारी हो, न कि हमारी आर्थिक शक्ति के आधार पर आपको ऐसा कुछ करने के लिए मजबूर करना जो आप नहीं करना चाहेंगे।"  

कांग्रेस का हमला: ट्रंप की आलोचना के बीच मोदी खुद को किसानों का सबसे बड़ा पक्षधर बता रहे हैं

नई दिल्ली कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि ''ट्रंप (अमेरिकी राष्ट्रपति) के हमले से पस्त'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद को भारतीय किसानों के सबसे बड़े हितैषी के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन किसी को भी इस पर कोई भ्रम नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात पर भारत पर दोगुना शुल्क लगाए जाने के बाद मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत अपने किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि व्यक्तिगत रूप से उन्हें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन वह इसके लिए तैयार हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पांच साल पहले एक समय ऐसा भी था जब संसद में प्रधानमंत्री ने आंदोलन कर रहे किसानों का उपहास उड़ाते हुए उन्हें 'आंदोलनजीवी' कह दिया था। रमेश ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''तीन काले, किसान-विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन में 700 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए, लेकिन प्रधानमंत्री के मुंह से उनके लिए न दर्द, न अफ़सोस और न ही सहानुभूति का एक शब्द निकला।'' उन्होंने कहा कि किसान संगठन आज भी समूचे उत्पादन की लागत पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और ठोस कर्ज राहत की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने जगदीप धनखड़ के संदर्भ में कहा कि इन मांगों पर प्रधानमंत्री पूरी तरह से चुप हैं, जबकि इन्हीं मुद्दों को भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति ने भी उठाया था। उन्होंने दावा किया कि नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) व्यापार समझौते में भारत को शामिल करने के लिए पूरी तरह तैयार थे, जो भारतीय किसानों और डेयरी उत्पादकों को भारी नुकसान पहुंचा सकता था। रमेश ने कहा कि लेकिन कांग्रेस और किसान संगठनों के लगातार दबाव के चलते, आख़िरी वक्त पर प्रधानमंत्री मोदी को पीछे हटना पड़ा। उन्होंने कहा, ''ट्रंप के हमले से पस्त प्रधानमंत्री मोदी खुद को भारतीय किसानों के सबसे बड़े हितैषी के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन किसी को भी इस पर कोई भ्रम नहीं है।''  

कपिल मिश्रा ने स्पष्ट किया: दिल्ली के पीतमपुरा रेस्टोरेंट में परिधान संबंधी कोई रोक नहीं

नई दिल्ली दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि पीतमपुरा के उस रेस्टोरेंट ने अपनी नीति बदल ली है, जहां पहले भारतीय परिधान में लोगों को प्रवेश से रोका गया था। अब रेस्टोरेंट में किसी भी परिधान में आने वाले लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी। यह कदम सभी ग्राहकों के प्रति समान व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पोस्ट में बताया कि पीतमपुरा के रेस्टोरेंट ने अपनी नीति बदल ली है और अब किसी भी परिधान, विशेष रूप से भारतीय परिधानों में आने वाले लोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। रेस्टोरेंट संचालकों ने भारतीय परिधान में आने वाले ग्राहकों का स्वागत करने का आश्वासन दिया है। साथ ही रक्षाबंधन के अवसर पर भारतीय परिधान में आने वाली बहनों को डिस्काउंट भी दिया जाएगा। इससे पहले कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो को रिपोस्ट कर पीतमपुरा के रेस्टोरेंट में भारतीय परिधानों पर रोक की घटना को अस्वीकार्य बताया था। कपिल मिश्रा ने बताया था कि इस मामले को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गंभीरता से लिया और अधिकारियों को जांच व त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। कपिल मिश्रा के पोस्ट के बाद रेस्टोरेंट संचालकों ने अपनी गलती स्वीकार की। रेस्टोरेंट के निदेशक नीरज अग्रवाल ने एक वीडियो में स्पष्ट किया कि उनके यहां किसी भी परिधान में आने वाले ग्राहकों पर कोई पाबंदी नहीं है और सभी का स्वागत है। टुबाटा रेस्टोरेंट के मालिक नीरज अग्रवाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि हमारे यहां पर किसी भी परिधान में आए लोगों को रोका नहीं जाता है, सभी का स्वागत किया जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि साड़ी, शूट में आई महिलाओं को रोका नहीं जाता है। सभी परिवार के साथ आएं। यहां आने से पहले रजिस्ट्रेशन करा लेंगे तो वेटिंग की समस्या नहीं होगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बारे में कहा कि यह 3 अगस्त का वीडियो है। उस दिन ज्यादा भीड़ थी। कुछ हुआ होगा। लेकिन, हम सभी का स्वागत करते हैं। मैं दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को भी रेस्टोरेंट में आने के लिए आमंत्रित करता हूं और उनका स्वागत करता हूं। रेस्टोरेंट मैनेजर ने भी माना कि यह गलतफहमी थी, यहां परिधान के आधार पर किसी को नहीं रोका जाता। इसके अतिरिक्त, रक्षाबंधन के अवसर पर रेस्टोरेंट ने भारतीय परिधान में आने वाली महिलाओं के लिए 10 प्रतिशत डिस्काउंट की घोषणा की है। बताते चलें कि टुबाटा रेस्टोरेंट को लेकर जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उस वीडियो में एक शख्स द्वारा दावा किया गया कि वह इस रेस्टोरेंट में आए थे। चूंकि, वह भारतीय परिधान में थे, इसीलिए उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया। जबकि दूसरी ओर कम कपड़े पहने लोगों को रेस्टोरेंट में जाने दिया गया था।

भारत की संप्रभुता पर कभी समझौता नहीं, अमेरिकी टैरिफ पर पीयूष गोयल का तगड़ा जवाब

नई दिल्ली भारत पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ के बीच केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि "आज तक ऐसा कोई नहीं आया हैजो भारत को झुका सके। असंभव है। कोई लाख कोशिश कर ले, भारत को कोई नहीं झुका सकता।" यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल की खरीद जारी रखने को लेकर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। समिट में बोलते हुए गोयल ने कहा कि आज का भारत पहले से कहीं ज्यादा सशक्त और आत्मविश्वासी है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था सालाना 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और आने वाले समय में यह गति और तेज होगी। "डिग्लोबलाइजेशन नहीं, व्यापार पुनर्गठन हो रहा है" जब वैश्विक व्यापार संगठनों के साथ भारत के भविष्य के संबंधों को लेकर सवाल पूछा गया, तो गोयल ने कहा कि दुनिया में "डिग्लोबलाइजेशन" नहीं हो रहा, बल्कि देश अपने व्यापारिक साझेदारों और रास्तों का पुनर्गठन कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि इस साल भारत पिछले साल से ज्यादा निर्यात करेगा। उन्होंने कहा, “हमने पहले से ही व्यापार बाधाओं का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठा लिए हैं।” ट्रंप की ‘मृत अर्थव्यवस्था’ पर तीखी प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को “मृत अर्थव्यवस्था” कहा था। इस पर पीयूष गोयल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “विपक्ष के नेता द्वारा इस नकारात्मक बयान को दोहराना शर्म की बात है। मैं इसकी निंदा करता हूं। देश राहुल गांधी को कभी माफ नहीं करेगा जो भारत की महान गाथा को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।” मजबूत आर्थिक नींव का दावा गोयल ने कहा कि भारत की मुद्रा, विदेशी मुद्रा भंडार, शेयर बाजार और आर्थिक बुनियादी ढांचा पूरी तरह मजबूत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में महंगाई की दर अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे कम है। उन्होंने कहा, “दुनिया आज भारत को सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देख रही है, जो वैश्विक विकास में 16 प्रतिशत योगदान दे रही है।” उन्होंने कहा कि भारत की 1.4 अरब युवा, कुशल और आकांक्षी जनसंख्या वैश्विक साझेदारों के लिए एक बड़ी ताकत है। कोविड संकट को अवसर में बदला गोयल ने भारत के आईटी उद्योग को हजारों नौकरियां देने और देश के कायाकल्प में योगदान देने का श्रेय दिया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत ने कोविड संकट को अवसर में बदला। उन्होंने कहा, "भारत हमेशा कठिन समय में विजयी होकर उभरेगा।" मंत्री ने बताया कि भारत इस समय यूएई, मॉरिशस, ऑस्ट्रेलिया, EFTA (चार देशों का यूरोपीय समूह), यूके, यूरोपीय संघ, चिली, पेरू, न्यूजीलैंड और अमेरिका समेत कई देशों के साथ व्यापार समझौते कर रहा है या उन्हें अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। अंत में उन्होंने कहा, “भारत आज ज्यादा मजबूत है, अधिक सम्मानित है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ऊंचे कद के नेता के नेतृत्व में है।” इससे पहले पीयूष गोयल ने एक पोस्ट में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की एक रिपोर्ट शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि देश की अर्थव्यवस्था फल-फूल रही है। आईएमएफ ने हाल ही में विश्व आर्थिक परिदृश्य 2025 का जुलाई अपडेट जारी किया था। इसमें उसने मौजूदा और अगले वित्त वर्ष के लिए भारत का विकास अनुमान बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है।  

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा- पीएम मोदी के नेतृत्व में देश अपनी स्वतंत्रता के ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर रहा है

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश अपनी स्वतंत्रता के 'अमृत काल' में प्रवेश कर रहा है। अमृत काल में 'हर घर तिरंगा' अभियान 2025, राष्ट्रीय ध्वज को हर भारतीय के घर तक पहुंचाने वाला एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है। यह हमारी साझा पहचान, स्वतंत्रता और एकता का एक भव्य उत्सव है, जो तिरंगे की भावना से ओत-प्रोत है। यह केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र के सामूहिक गौरव और आकांक्षाओं का जीवंत प्रतिनिधित्व है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों से 'हर घर तिरंगा' अभियान 2025 में पूरे उत्साह, गर्व और देशभक्ति की भावना के साथ बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है। यह अभियान 2 अगस्त से शुरू हुआ है जो 15 अगस्त 2025 तक चलेगा। यह देश की स्वतंत्रता और एकता का एक राष्ट्रव्यापी उत्सव है, जो हमारे गौरवशाली राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगे की भावना से ओत-प्रोत है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के अहम भाग के रूप में शुरू हुआ। यह अभियान अब एक शक्तिशाली जन आंदोलन बन चुका है, जिसमें पूरे भारत और दुनिया भर के भारतीय ले रहे हैं। इसका लक्ष्य प्रत्येक नागरिक में देशभक्ति की भावना को जागृत करना और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान को प्रगाढ़ करना है। तिरंगा, एक अद्वितीय और सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में, एक शक्तिशाली एकीकृत शक्ति के रूप में कार्य करता है। यह अभियान प्रभावी ढंग से देशवासियों में अपनेपन की सामूहिक भावना को बढ़ावा देगा। 'हर घर तिरंगा' अभियान के इस वर्ष के 3 शक्तिशाली चरण इस वर्ष 'हर घर तिरंगा' अभियान 2 अगस्त से शुरू होकर तीन शक्तिशाली चरणों में चलेगा, जिसमें जागरूकता निर्माण और जन जुड़ाव पर जोर दिया जाएगा। इस वर्ष के अभियान का विषय स्वैच्छिक कार्यों, नागरिक गौरव, स्वच्छता अभियान और हमारे सशस्त्र बलों तथा पुलिस कर्मियों के प्रति कृतज्ञता पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है। यह झंडा फहराने से आगे बढ़कर सक्रिय नागरिकता को बढ़ावा देता है। अभियान में तिरंगा-प्रेरित कला, संगीत समारोह, प्रदर्शनियाँ, रैलियाँ, पुलिस कर्मियों और सैनिकों को राखियाँ और पत्र भेजना, क्विज़ और देशभक्ति फिल्मों की स्क्रीनिंग सहित कई प्रेरक कार्यक्रम और गतिविधियाँ शामिल हैं। अभियान के चरण और प्रमुख गतिविधियाँ अभियान में पहले चरण 8 अगस्त तक जागरूकता बढ़ाने और तिरंगे की भावना को जन-जन तक पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें विद्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर तिरंगा पर केंद्रित रंगोली निर्माण, प्रमुख स्थानों पर तिरंगे के इतिहास और महत्व पर आधारित प्रदर्शनी, पुलिस कर्मियों और सैनिकों को राखियाँ और पत्र भेजना, शासकीय भवनों पर तिरंगा रौशनी से प्रकाशित करना आदि गतिविधियां हुईं। दूसरे चरण में 9 अगस्त से 12 अगस्त तक लोगों के बीच सामुदायिक जुड़ाव और सामूहिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें तिरंगा महोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम और तिरंगा रैलियाँ प्रमुख रूप से आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तिरंगा क्विज का आयोजन किया जाएगा। अंतिम और तीसरा चरण, 13 से 15 अगस्त तक, व्यक्तिगत स्तर पर देशभक्ति के प्रदर्शन पर केंद्रित रहेगा। इसमें घरों पर झंडा फहराना और तिरंगे के साथ सैल्फी अपलोड करना शामिल है। अभियान में भाग लेने के सरल तरीके 'हर घर तिरंगा' अभियान में भाग लेना सरल और सभी के लिए खुला है। प्रदेशवासी तीन मुख्य तरीकों से इस राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा बन सकते हैं :      स्वयंसेवक बनें: harghartiranga.com पर पंजीकरण करें और तिरंगे का संदेश अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय तक पहुंचाएं। दूसरों को सही ढंग से झंडा फहराने में मदद करें और तिरंगा सैल्फी साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें।      राष्ट्रीय ध्वज फहराएं: अपने घर, दुकान, कार्यालय और अन्य स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज खरीदें और प्रदर्शित करें। ध्वज संहिता का पालन करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।      तिरंगे के साथ सेल्फी अपलोड करें: राष्ट्रीय ध्वज के साथ अपनी सेल्फी क्लिक करें और इसे harghartiranga.com पर अपलोड करें। अपने पलों को ऑनलाइन #HarGharTiranga और #HarGharTiranga2025 का उपयोग करके साझा करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा, हमारे देश की आत्मा, हमारे बलिदानों का प्रतीक और हमारी साझा आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि राष्ट्रीय पर्व में पूरे उत्साह और गौरव के साथ शामिल हों, अपने घरों पर तिरंगा फहराएं, स्वयंसेवक बनें, और तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी साझा कर इस ऐतिहासिक आंदोलन का हिस्सा बनें। हर तिरंगा, हर हाथ जो इसे उठाएगा, भारत के विचार को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि तिरंगा हमारी सामूहिक देशभक्ति का प्रतीक है। आइए, हम सब मिलकर 'हर घर तिरंगा' अभियान को सफल बनाएं।  

राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग की पड़ताल, बेंगलुरु परिवार ने साबित किया अपना वोटर होना

बेंगलुरु कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों के बाद बेंगलुरु का एक परिवार सामने आया है, जिसने अपने वैध वोटर आईडी कार्ड भी सार्वजनिक किए हैं। राहुल गांधी ने मतदाता सूची में सही से फोटो नहीं देख पाने के कारण कई वोटर्स को फर्जी मतदाता करार दिया था, जिसमें यह परिवार भी शामिल है। सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने पुष्टि की है कि संबंधित व्यक्ति असली मतदाता हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि तीन लोगों का एक परिवार, जिसमें एक पुरुष और दो महिलाएं हैं, यह फर्जी मतदाता हैं, क्योंकि वह उनकी तस्वीरें नहीं देख पा रहे थे। हालांकि, तीनों व्यक्तियों की तस्वीरें, उनके जीपीएस-टैग वाले पते के साथ सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। तस्वीर में परिवार के सदस्य अपने आवास पर मतदाता पहचान पत्र दिखाते हुए नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि परिवार के तीन सदस्य ओम प्रकाश बागड़ी, सरस्वती देवी बागड़ी और माला बागड़ी हैं। सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने राहुल गांधी से व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दाखिल करने के लिए इसलिए कहा क्योंकि वह पहले भी चुनाव आयोग (ईसीआई) पर लगाए गए आरोपों से मुकरते रहे हैं। सूत्रों ने बताया, "इस बार घोषणापत्र मांगने का कारण यह है कि इससे पहले उन्होंने कभी कोई स्व-हस्ताक्षरित पत्र जमा नहीं किया है।" चुनाव आयोग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि राहुल गांधी ने 24 दिसंबर 2024 को महाराष्ट्र मुद्दे का जिक्र किया था। सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा, "अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक वकील ने हमें पत्र लिखा था, और हमने 24 दिसंबर, 2024 को एक विस्तृत जवाब जारी किया। वह जवाब हमारी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। फिर भी, राहुल गांधी का दावा है कि हमने कभी जवाब नहीं दिया। गुरुवार को भी उन्होंने यही आरोप दोहराया।" चुनाव आयोग के सूत्रों ने आगे बताया कि गुरुवार (7 अगस्त) को कर्नाटक सरकार ने जाति सर्वेक्षण के लिए मतदाता सूची को आधार बनाने का फैसला किया। विडंबना यह है कि उसी दिन राहुल गांधी ने मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर तीखा हमला बोला। सूत्रों ने अधिकारियों के हवाले से कहा, "कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण नीति (जाति जनगणना) को मतदाता सूची के आधार पर बनाकर उसकी प्रामाणिकता की गारंटी दी, वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी ने उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाया।" इससे पहले, राहुल गांधी ने गुरुवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनावी धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण दिया था। शुक्रवार को कांग्रेस नेता ने बेंगलुरु में विशाल विरोध प्रदर्शन भी किया, जहां उन्होंने मतदाताओं से जुड़े 10 साल के आंकड़े और वीडियो की मांग करते हुए अपने आरोप दोहराए।

एमपी की दो नगर परिषदों में फिर से भगवा रंग, बीजेपी ने हासिल किया अध्यक्ष पद

भोपाल BJP- एमपी में भगवा दल ने फिर परचम लहराया है। प्रदेश की दो नगर परिषदों में बीजेपी के अध्यक्ष बने हैं। दोनों ही अध्यक्ष महिलाएं हैं। कटनी जिले की नगर परिषद विजयराघवगढ़ में बीजेपी की राजेश्वरी दुबे अध्यक्ष चुनी गई हैं वहीं कैमोर नगर परिषद में बीजेपी की ही पलक ग्रोवर अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। पार्टी की नवनिवार्चित नगर परिषद अध्यक्षों को बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने बधाई दी है। इससे पहले कटनी जिले की दोनों नगर परिषदों के अध्यक्ष पद के लिए पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा की गई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिलाध्यक्ष दीपक टण्डन ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने विजयराघवगढ़ से राजेश्वरी दुबे व कैमोर से पलक ग्रोवर को पार्टी प्रत्याशी घोषित किया। नगर परिषद अध्यक्षों के इस्तीफों के कारण पद रिक्त थे कटनी की कैमोर तथा विजयराघवगढ़ में नगर परिषद अध्यक्षों के इस्तीफों के कारण पद रिक्त थे जिस पर आज निर्वाचन हुआ। दोनों जगहों पर एक ही नामांकन दाखिल होने की उम्मीद थी और आखिरकार वही हुआ भी, दोनों अध्यक्षों का सर्वसम्मति से निर्वाचन हुआ। नगर परिषदों में चुनाव को लेकर गहमागहमी बनी रही। निर्वाचन प्रक्रिया आज करीब 12 बजे से प्रारम्भ हुई। कलेक्‍टर दिलीप कुमार यादव ने नगर परिषद कैमोर में निर्वाचन हेतु पीठासीन अधिकारी एसडीएम विजयराघवगढ़ महेश मंडलोई को बनाया। वहीं नगर परिषद विजयराघवगढ़ के लिए पीठासीन अधिकारी संयुक्त कलेक्टर संस्कृति मुदित लटोरिया बनाई गईं। पीठासीन अधिकारियों को पूरी चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न कराकर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। परिषद के नोटिस बोर्ड पर एक प्रति प्रदर्शित करने का निर्देश अध्यक्ष के चुनाव को देखते हुए कैमोर और विजयराघवगढ़ नगर परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को सभी निर्वाचित पार्षदों को व्यक्तिगत रूप से नोटिस और आदेश की प्रतियां तामील करने को कहा गया था। इस संबंध में पावती प्राप्त करने और संबंधित परिषद के नोटिस बोर्ड पर एक प्रति प्रदर्शित करने का निर्देश भी दिया।

ईमानदारी और निष्ठा से निभाई गई जिम्मेदारी देती है सकारात्मक परिणाम – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

मुख्यमंत्री श्री साय ने IIM रायपुर के सुशासन फेलोशिप छात्रों से आत्मीय संवाद में साझा किए अपने अनुभव जीवन के अनुभवों से सिखाए सुशासन के गुर, विद्यार्थियों के जिज्ञासापूर्ण प्रश्नों के दिए प्रेरक उत्तर जब मुख्यमंत्री ने कहा – “मैं पहले आप बच्चों का नाना हूँ, बाद में मुख्यमंत्री” रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि ईमानदारी और निष्ठा से निभाई गई जिम्मेदारी हमेशा सकारात्मक परिणाम देती है। जनसेवा में ईमानदारी और समर्पण के साथ लगे रहने  पर जनता का स्नेह और आशीर्वाद अवश्य ही प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री श्री साय आज मंत्रालय महानदी भवन के पंचम तल स्थित नवनिर्मित सभागार में आयोजित ‘मुख्यमंत्री सुशासन संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह आयोजन IIM रायपुर में अध्ययनरत मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप के विद्यार्थियों के साथ हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री ने आत्मीय संवाद करते हुए उन्हें सुशासन की बारीकियों से अवगत कराया और उनके प्रश्नों के प्रेरणादायक उत्तर दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना की है। प्रदेश में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की गई है, जिससे सभी फाइलें डिजिटलीकृत हो रही हैं। इससे शासन की कार्यप्रणाली पारदर्शी बनी है और फाइलों की ट्रैकिंग भी सहज हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा भ्रष्टाचार के सभी मार्गों को बंद करने की है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनता को शासन की योजनाओं का वास्तविक लाभ मिले, यही असली सुशासन है। योजनाएं सोच-समझकर बननी चाहिए, क्योंकि इसके पीछे जनता की गाढ़ी कमाई लगती है। जब योजनाएं जमीनी स्तर तक प्रभावी रूप से क्रियान्वित होती हैं, तभी आमजन को उसका सीधा लाभ मिलता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सुशासन फेलोशिप के विद्यार्थियों से संवाद के दौरान उनके जिज्ञासु सवालों के बेझिझक और प्रेरणाप्रद उत्तर दिए। आरंग के फेलो हर्षवर्धन ने जब मुख्यमंत्री से उनके ग्राम बगिया के पंच से लेकर मुख्यमंत्री बनने के सफर की सबसे महत्वपूर्ण सीख पूछी, तो मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने राजनीतिक और पारिवारिक संघर्षों को साझा करते हुए कहा – "बहुत कम उम्र में पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर आ गई। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं पंच भी बनूंगा, लेकिन जो भी जिम्मेदारी मिली, उसे पूरी निष्ठा से निभाया।" उन्होंने आगे कहा – “ईमानदारी और निष्ठा से जब कार्य करते हैं, तो सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। मैंने कभी कर्तव्यपथ नहीं छोड़ा, और जनसेवा को जीवन का लक्ष्य बनाया। जनता ने मुझे पंच, सरपंच, विधायक, सांसद, राज्य मंत्री और अब मुख्यमंत्री तक का दायित्व सौंपा।” बिलासपुर के फेलो मनु पांडेय ने जब यह पूछा कि 2047 तक विकसित भारत के सपने में छत्तीसगढ़ की क्या भूमिका होगी, तो मुख्यमंत्री ने बताया – "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2047 तक विकसित भारत का जो संकल्प लिया है, उसमें छत्तीसगढ़ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। 2014 से पहले भारत अर्थव्यवस्था में दसवें स्थान पर था, जो अब चौथे स्थान पर पहुंच गया है। हमने भी विकसित छत्तीसगढ़ के लिए ‘विजन डॉक्यूमेंट’ तैयार किया है। वर्तमान में हमारी जीएसडीपी 5 लाख करोड़ रुपये है, जिसे 2047 तक 75 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है।" मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह लक्ष्य कोई कल्पना नहीं, बल्कि एक ठोस योजना है, जिसे हम अवश्य प्राप्त करेंगे।  मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक सम्पन्न राज्य है – यहाँ लोहा, टिन, लिथियम, बॉक्साइट, सोना और हीरे जैसे बहुमूल्य खनिजों के भंडार हैं। राज्य का 44% भूभाग वनों से आच्छादित है, जहां सैकड़ों प्रकार के लघु वनोपज हैं। यहाँ की उर्वरा मिट्टी और मेहनतकश लोग ही छत्तीसगढ़ की असली ताकत हैं। मुख्यमंत्री ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा – “आप जैसे युवाओं के संकल्प और कौशल से हम विकसित छत्तीसगढ़ जरूर बनाएंगे।” जब मुख्यमंत्री ने कहा – “मैं पहले आप बच्चों का नाना हूँ, बाद में मुख्यमंत्री” संवाद के दौरान फेलो भास्कर सिदार ने एक ऐसा प्रश्न किया, जिसका उत्तर सुनकर पूरा सभागार हर्ष और आत्मीयता से भर गया। भास्कर ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह रायगढ़ के ग्राम बांसडांड का निवासी है और जब उसने अपने पिता का नाम बताया, तो मुख्यमंत्री ने तुरंत उसके परिवार को पहचान लिया। मुख्यमंत्री ने कहा – “मैं तुम्हारे घर भी गया हूँ। तब तुम बहुत छोटे थे।” उन्होंने आगे बताया – “तुम्हारे नानाजी, स्वर्गीय प्रेम सिंह सिदार, लैलूंगा से विधायक थे और मैंने उनके साथ काम किया है।” इस पर भास्कर ने मुस्कराते हुए पूछा – “क्या मैं आपको नानाजी कह सकता हूँ?” मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया – “मैं पहले आप बच्चों का नाना हूँ, बाद में मुख्यमंत्री।” मुख्यमंत्री के इस जवाब पर सभागार तालियों और हंसी से गूंज उठा। यह क्षण मुख्यमंत्री श्री साय की सहजता, आत्मीयता और जनता से गहरे जुड़ाव का प्रमाण था। फेलोशिप का उद्देश्य – भविष्य के उत्तरदायी सुशासक तैयार करना कार्यक्रम में सुशासन एवं अभिसरण विभाग के सचिव श्री राहुल भगत ने फेलोशिप योजना की रूपरेखा पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप का उद्देश्य राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं को गवर्नेंस की उच्च स्तरीय शिक्षा और व्यावहारिक अनुभव प्रदान कर एक दक्ष एवं उत्तरदायी प्रशासनिक पीढ़ी तैयार करना है।