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सलका जलाशय योजना के कार्यों के लिए 2.50 करोड़ रूपए स्वीकृत

रायपुर छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा मनेन्द्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी जिले में खड़गंवा की सलका जलाशय योजना के कार्यों के लिए दो करोड़ 50 लाख 18 हजार रूपए स्वीकृत किए गए है। योजना के कार्यों के पूर्ण होने पर योजना की रूपांकित सिंचाई क्षमता 297 हेक्टेयर में 145 हेक्टेयर की कमी की पूर्ति होगी तथा 10 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई हो सकेगी। योजना से क्षेत्र के किसानों को कुल 307 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी।

मध्य प्रदेश के नीमच-मंदसौर से डोडा चूरा तस्करी का नया मार्ग, अधिकारियों में चिंता

 नीमच  अफीम उत्पादन के लिए देशभर में प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिले मंदसौर और नीमच इन दिनों डोडा चूरा तस्करी का नया केंद्र बनकर उभर रहे हैं। राजस्थान के रास्ते दिल्ली, पंजाब और हरियाणा तक डोडा चूरा सप्लाई का रूट तस्करों ने तैयार कर लिया है। सात माह में 30 किलो से लेकर 300 किलो तक डोडा चूरा तस्करी के दो दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में नीमच जिले का एक पुलिसकर्मी खुद डोडा चूरा तस्करी के आरोप में पकड़ा जा चुका है। प्रतिबंधित डोडा चूरा को पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के बाहरी इलाकों में पानी या चाय में मिलाकर नशे के रूप में उपयोग किया जाता है। सस्ता नशा होने से इसकी बड़ी मांग रहती है। ट्रक, एंबुलेंस और निजी वाहनों के माध्यम से इसकी तस्करी के मामले में सामने आए हैं। सिर्फ मप्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के अधीन अफीम की खेती होती है। अफीम वर्ष 2024-25 में समूचे देश में 1 लाख 6 हजार 390 किसानों को अफीम की खेती का लाइसेंस दिया गया, इनमें से 56 हजार 874 चीरा और 49 हजार 516 सीपीएस पद्धति से दिए गए। अकेले मप्र में चीरा पद्धति से 26 हजार 96 किसानों को लाइसेंस दिए गए। इन लाइसेंसी किसानों के पास लगभग 18 लाख 26 हजार 720 किलो डोडा चूरा की पैदावार होने का अनुमान है। वास्तविकता यह है कि 1 अप्रैल 2016 से केंद्र सरकार डोडाचूरा पर प्रतिबंध लगा चुकी है और नष्टीकरण कराने की बात कह चुकी है। इसके बाद से ही मप्र की आबकारी नीति से डोडा चूरा को हटा दिया गया है लेकिन नष्टीकरण को लेकर आज तक को कोई स्पष्ट नीति नहीं है, जिसका फायदा उठाकर तस्कर डोडा चूरा को प्रदेश से बाहर नशे के आदी लोगों तक पहुंचा रहे हैं और काली कमाई कर रहे हैं। डोडाचूरा का उपयोग डोडा चूरा का विशुद्ध रूप से उपयोग नशे के लिए किया जाता है। राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और अन्य स्थानों पर डोडा चूरा की मांग रहती है। इन क्षेत्रों में नशे के आदी लोग डोडा चूरा को पानी में गलाकर व छानकर उस पानी का उपयोग नशे के लिए करते हैं। इसे चाय में मिलाकर भी पीया जाता है। डोडा चूरा में मार्फिन का प्रतिशत काफी कम 0.02 प्रतिशत होने से भी यह हल्के नशे के रूप में प्रयोग किया जाता है। अब तक हुई कार्रवाई     26 जुलाई को नीमच कैंट थाने के आरक्षक राजेंद्र सिंह को नारायणगढ़ पुलिस ने डोडा चूरा की तस्करी करते पकड़ा। इसके बाद एसपी अंकित जायसवाल ने आरक्षक को बर्खास्त कर दिया।     21 अगस्त को नीमच सिटी पुलिस ने एक आरोपित के पास से 300 किलो डोडा चूरा पकड़ा।     1 सप्ताह पहले नयागांव पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर 280 किलो डोडा चूरा व दो अवैध पिस्टल मय कारतूस के जब्त की।     मंदसौर और नीमच में पहले भी डोडा चूरा तस्करी में एबुलेंस तक का उपयोग हुआ है और कार्रवाई कर एंबुलेंस जब्त की गई है। पुलिस के अलावा केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो और मप्र पुलिस की नारकोटिक्स विंग भी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करती है। डोडा चूरा नष्ट करने के लिए समिति गठित     जिला स्तर पर डोडा चूरा नष्टीकरण की प्रक्रिया के लिए समिति गठित है। इसमें कलेक्टर, एसपी, केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारी व जिला आबकारी अधिकारी सदस्य हैं। विकासखंड स्तर पर इसी अनुक्रम में समिति है। डोडा चूरा नष्टीकरण के संबंध में आधिकारिक रूप से स्पष्ट नीति नहीं है। – एनपी सिंह, जिला आबकारी अधिकारी नीमच तस्करी रोकने के लिए निरंतर हो रही कार्रवाई     जिला स्तरीय समिति की दो बार बैठक हो चुकी है। डोडा चूरा नष्टीकरण का विषय नीतिगत है। इसके संबंध में राज्य शासन स्तर पर निर्णय लिया जाना है। रही बात डोडा चूरा नष्टीकरण की तो पुलिस और अन्य एजेंसियों द्वारा जब्त डोडा चूरा का नष्टीकरण समय-समय पर किया जाता है। तस्करी रोकने के लिए भी निरंतर कार्रवाई की जाती है। – अंकित जायसवाल, एसपी नीमच तस्करों के खिलाफ की जाती है कार्रवाई     डोडा चूरा नष्टीकरण का विषय नीतिगत विषय है। इसके संबंध में मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा। मादक पदार्थ के नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति की मासिक एवं त्रैमासिक बैठक होती है, जिसमें सभी संबंधित विभाग के अधिकारी शामिल होते हैं। कार्रवाई की जानकारी भी बैठक में रखी जाती है। जिले में तस्करों के खिलाफ कार्रवाई भी जारी है। – हिमांशु चंद्रा, कलेक्टर नीमच  

जल विभाग का ऐलान: दुर्ग में कल शाम से नहीं आएगा पानी, आज ही भर लें स्टोर

दुर्ग मंगलवार की शाम को शहर के आधे हिस्से में पानी की आपूर्ति नहीं होगी. क्योंकि मालवीय नगर चौक में मेन राइजिंग पाइपलाइन के बड़े लीकेज के लिए 24 एमएलडी इंटकवेल को शटडाउन में लिया गया है. रिपेयर के बाद बुधवार से जलापूर्ति सामान्य होने की उम्मीद है. मालवीय नगर चौक में दिस मेन राइजिंग पाइप लाइन जिसका डाया 600 एमएम हैं वह लंबे समय से लीकेज है. रिपेयर करने में हो रही देरी की वजह से लीकेज की साइज लगातार बढ़ती जा रही है. इस वजह से उस पाइपलाइन से जुड़े दो और पाइप से दूसरे इलाके की टंकियां भी नहीं भर पा रही है. जिसका असर घरों में की जाने वाली जलापूर्ति पर पड़ रहा है.  निगम प्रशासन ने 2 सितंबर को उसे रिपेयर करने का निर्णय लिया है. इसके लिए 24 एमएलडी से फिल्टर प्लांट तक पानी की सप्लाई बंद रखी जाएगी. इस वजह से पद्मनाभपुर, शक्ति नगर, हनुमान नगर, गिरधारी नगर, शंकर नगर, शनिचरी बाजार पानी टंकी से जुड़े एरिया में मंगलवार की सुबह तो नलों में पानी आएगा लेकिन शाम को जलापूर्ति नहीं होगी. जल विभाग की एमआईसी मेंबर लीना दिनेश देवांगन के मुताबिक प्रभावित इलाके के – लिए टैंकरों की व्यवस्था की गई है. बता दें कि बारिश के सीजन की शुरुआत से ही दुर्ग की जनता को अनेक बार लीकेज व अन्य दिक्कतों के कारण पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

गुरदास मान ने बाढ़ प्रभावितों के लिए किया बड़ा दान, लाखों रुपए मदद में

पंजाब  पंजाब में लगातार हो रही बारिश के कारण कई गांव बाढ़ की मार झेल रहे हैं, जिसे देखते हुए कई समाजसेवी संस्थाओं के साथ-साथ पंजाब के कलाकार भी बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद कर रहे हैं। इसी कड़ी में पंजाबी गायक गुरदास मान भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 लाख रुपये दान करने की घोषणा की है। बता दें कि इससे पहले बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा और पंजाबी गायक रंजीत बावा, बब्बू मान और सतिंदर सरताज ने भी पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद करने की घोषणा की थी। 

ट्रंप की योजना: गाजा के 20 लाख लोग हटेंगे, लौटने पर मिलेगा फ्लैट

गाजा  डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और इजरायल ने मिलकर गाजा को लेकर प्लान तैयार किया है। इस प्लान की काफी चर्चा है और वॉशिंगटन पोस्ट ने ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के पास मौजूद दस्तावेजों के हवाले से एक रिपोर्ट छापी है। इसके मुताबिक फिलिस्तीन के बड़े हिस्से गाजा से 20 लाख लोगों को अस्थायी तौर पर हटाया जाएगा। इन लोगों को मिस्र, कतर जैसे देशों में रखा जाएगा या फिर फिलिस्तीन के ही किसी एक क्षेत्र में रखा जाएगा। इन लोगों को तब तक गाजा से बाहर रहना होगा, जब तक इलाके का पुनर्विकास नहीं हो जाता। इस दौरान गाजा छोड़ने वाले फिलिस्तीनियों को डिजिटल टोकन दिए जाएंगे। इसके अलावा कैश पेमेंट किया जाएगा। गाजा से अस्थायी तौर पर हटाए लोग जहां रहेंगे, वहां खानपान की व्यवस्था होगी। इसके अलावा रेंट सब्सिडी भी दी जाएगी। गाजा के लोगों को हटाने के प्लान को वॉलेंट्री डिपार्टर कहा जा रहा है, जिसके तहत वे दूसरे देश में जाएंगे या फिर तय स्थान पर उन्हें रखा जाएगा। गाजा के लोगों को कुल 4 साल तक बाहर रखने के प्लान पर काम चल रहा है। इसके तहत उन्हें 4 साल की रेंट सब्सिडी मिलेगी और एक साल तक खाने की व्यवस्था की जाएगी। अमेरिका और इजरायल के रणनीतिकारों ने इस प्लान का नाम भी बेहद दिलचस्प रखा है– GREAT। यहां ग्रेट से अर्थ है, Gaza Reconstitution, Economic Acceleration, and Transformation। अमेरिकी प्लान के मुताबिक गाजा को टूरिस्ट डेस्टिनेशन में तब्दील करने का प्लान है। यहां Gaza Trump Riviera विकसित किया जाएगा। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस स्मार्ट सिटी बनाए जाएंगे। स्कूल, अस्पताल, इंडस्ट्री, ग्रीन स्पेस जैसी व्यवस्था रहेगी। यहां बड़े पैमाने पर अपार्टमेंट्स बनाने की तैयारी है, जिनके फ्लैट गाजा के उन लोगों को दिए जाएंगे, जिन्हें बाहर भेजा जाएगा। वे अपनी जमीन के बदले मिले डिजिटल टोकन का इस्तेमाल करते हुए फ्लैट हासिल कर सकेंगे। अब तक इस मामले पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है। अखबार ने लिखा है कि गाजा को लेकर बने इस प्लान में अमेरिकी फंड की जरूरत नहीं होगी बल्कि इससे लाभ ही होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत दुनिया भर से निवेश को आमंत्रित किया जाएगा। यहां इलेक्ट्रिक वीकल प्लांट्स से लेकर डेटा सेंटर्स तक तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा हाईराइज इमारतों की भरमार होगी। इस प्रोजेक्ट में कुल 100 अरब डॉलर के शुरुआती निवेश की तैयारी है। इसके बाद यह प्रोजेक्ट खुद ही फंड जनरेट करेगा।

छत्तीसगढ़ राज्य दंत सम्मेलन 2025 : रायपुर में तीन दिन तक चलेगी विशेषज्ञों की महागोष्ठी

रायपुर राजधानी में तीन दिवसीय बहुप्रतीक्षित छत्तीसगढ़ राज्य दंत सम्मेलन (CGSDC 2025) होने जा रहा है. यह सम्मेलन 12, 13 और 14 सितंबर को आयोजित होगा. राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में देशभर से सैकड़ों दंत चिकित्सक शिरकत करेंगे. यह आयोजन दंत चिकित्सा क्षेत्र में ऐतिहासिक साबित होगा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जासवाल की मौजूदगी में सम्मेलन का उद्घाटन होगा. इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वक्ता एवं सेलिब्रिटी डेंटिस्ट डॉ. संदीश मायेकर, डॉ. चंद्रशेखर यवगल, सहित कई विशेषज्ञ दंत चिकित्सकों को स्माइल डिज़ाइनिंग, लेजर डेंटिस्ट्री और आधुनिक तकनीकों पर व्याख्यान देंगे. इनके विचार और अनुभव से दंत चिकित्सकों को नई दिशा मिलेगी. नवनिर्मित बालाजी डेंटल कॉलेज में 12 सितंबर को विशेष हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिससे प्रतिभागियों को आधुनिक तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा. इस आयोजन की बागडोर डॉ. वैभव तिवारी, डॉ. विवेक लाठ और उनकी टीम के हाथों में होगी, जो इसे सफल बनाने में निरंतर प्रयासरत हैं. वैज्ञानिक सत्रों, कौशल विकास कार्यशालाओं एवं नेटवर्किंग अवसरों से परिपूर्ण CGSDC 2025 न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के दंत चिकित्सा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा.

नगर निगम की गलती? इंदौर में चौराहों के नाम बदलने पर कार्रवाई संभव

 इंदौर  चंदन नगर में रातोरात चौराहों के नाम बदलकर बोर्ड लगाने के मामले में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट निगमायुक्त शिवम वर्मा को सौंप दी है। रिपोर्ट में सहायक इंजीनियर वैभव देवलासे और सब इंजीनियर राम गुप्ता की गलती सामने आई है। निगमायुक्त सोमवार को रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे सकते हैं। चंदन नगर क्षेत्र में पिछले दिनों कई सड़कों के नाम बदलते हुए बोर्ड लगा दिए गए थे। चंदूवाला रोड को गौसिया रोड, मिश्रावाला रोड को ख्वाजा रोड और लोहा गेट रोड को रजा गेट नाम दे दिया गया था। सोशल मीडिया पर इन बोर्ड की तस्वीर वायरल होने के बाद पूरे शहर में बवाल मचा था। शिकायत महापौर पुष्यमित्र भार्गव तक पहुंची जिसके बाद निगम ने कार्रवाई करते हुए बोर्ड हटा दिए थे। इस मामले में जांच के लिए निगमायुक्त ने अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट निगमायुक्त को सौंप दी है। रिपोर्ट में प्रथमदृष्टत: सहायक इंजीनियरों को इस गड़बड़ी के लिए दोषी माना गया है। रिपोर्ट में कहा है कि सहायक इंजीनियर देवलासे ने बोर्ड पर नाम गलत होने के बावजूद ठेकेदार द्वारा दी गई डिजाइन को जस का तस स्वीकार कर लिया। उन्हें बोर्ड पर नाम गलत होने की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को देनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसी तरह गलत नाम वाले बोर्ड की डिजाइन सब इंजीनियर गुप्ता ने देखी, उन्होंने ही इस डिजाइन को अप्रूव किया था। जांच में यह बात भी सामने आई है कि ठेकेदार कंपनी ने अधिकारियों को नामों की जानकारी दिए बगैर डिजाइन बनाई और सोशल मीडिया पर ही इसकी मंजूरी लेकर बोर्ड तैयार कर लगवा दिए। हमने रिपोर्ट दे दी है     जांच समिति ने मामले की जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट निगमायुक्त को सौंप दी है। रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई होनी है, वह निगमायुक्त ही तय करेंगे। – अभय राजनगांवकर, अपर आयुक्त इंदौर नगर निगम  

बाढ़ से तबाही जारी: पंजाब में लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन, जानें हालात

जालंधर/चंडीगढ़  पंजाब के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक कुल 14936 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पूरी मशीनरी, एन.डी.आर.एफ, एस.डी.आर.एफ, सेना और पंजाब पुलिस के जवान बाढ़ में लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए दिन-रात डटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिला अमृतसर से 1700, बरनाला से 25, फाजिल्का से 1599, फिरोजपुर से 3265, गुरदासपुर से 5456, होशियारपुर से 1052, कपूरथला से 362, मानसा से 163, मोगा से 115, पठानकोट से 1139 और जिला तरन तारन से अब तक 60 व्यक्तियों को बाढ़ के पानी से सुरक्षित निकाला गया है। मुंडियां ने कहा कि जैसे-जैसे निकाले गए लोगों की संख्या बढ़ रही है, उसी अनुसार राहत शिविरों की संख्या भी बढ़ाई गई है। इस समय राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 122 राहत शिविर चल रहे हैं, जिनमें 6582 व्यक्तियों को ठहराया गया है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अमृतसर में 16, बरनाला में 1, फाजिल्का में 7, फिरोजपुर में 8, गुरदासपुर में 25, होशियारपुर में 20, कपूरथला में 4, मानसा में 1, मोगा में 5, पठानकोट में 14, संगरूर में 1 और पटियाला में 20 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए गए हैं कि इन शिविरों में आवश्यक सुविधाओं की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बताया कि अमृतसर के शिविरों में 170, बरनाला में 25, फाजिल्का में 652, फिरोज़पुर में 3987, गुरदासपुर में 411, होशियारपुर में 478, कपूरथला में 110, मानसा में 163, मोगा में 115, पठानकोट में 411 और जिला संगरूर के राहत शिविरों में 60 व्यक्ति ठहरे हुए हैं।   हरदीप सिंह मुंडियां ने बाढ़ में जान माल की रक्षा के लिए दिन रात डटे एन.डी.आर.एफ, एस.डी.आर.एफ, सेना, पंजाब पुलिस और समाजसेवी संस्थाओं का इस कठिन समय में सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस समय गुरदासपुर में एन.डी.आर.एफ की 6 टीमें और फाजिल्का, फिरोजपुर, पठानकोट तथा अमृतसर में 1-1 टीम तैनात है। इसी तरह कपूरथला में एस.डी.आर.एफ. की 2 टीमें सक्रिय हैं। कपूरथला, गुरदासपुर, फिरोजपुर और पठानकोट में सेना, नौसेना और वायुसेना भी मोर्चा संभाले हुए हैं, जबकि बी.एस.एफ. की 1-1 टीम गुरदासपुर और फिरोजपुर में राहत कार्यों में लगी हुई है। पंजाब पुलिस और फायर ब्रिगेड भी कपूरथला और फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की मदद कर रही है। उन्होंने बताया कि इस समय कपूरथला में 15 नावें, फिरोजपुर में 12 नावें और पठानकोट में 4 नावें लगाई गई हैं, जबकि जहां कहीं भी एयरलिफ्ट की आवश्यकता होती है, वहां तत्काल कार्रवाई की जा रही है। राजस्व मंत्री ने बताया कि बाढ़ के कारण अब तक पंजाब के कुल 1312 गांव प्रभावित हुए हैं। इनमें अमृतसर के 93, बरनाला के 26, बठिंडा के 21, फतेहगढ़ साहिब का 1, फाजिल्का के 92, फिरोजपुर के 107, गुरदासपुर के 324, होशियारपुर के 86, जालंधर के 55, कपूरथला के 123, लुधियाना के 26, मालेरकोटला के 4, मानसा के 77, मोगा के 35, पठानकोट के 81, पटियाला के 14, रूपनगर के 2, संगरूर के 22, एस.ए.एस. नगर का 1, एस.बी.एस. नगर के 3, श्री मुक्तसर साहिब के 74 और तरनतारन के 45 गांव शामिल हैं।

गोल्ड प्राइस में ऐतिहासिक उछाल, 1 लाख 5 हजार पार; चांदी ने भी बनाया नया रिकॉर्ड

इंदौर  सोने और चांदी की कीमतें रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रही है. एक ओर जहां एमसीएक्स पर गोल्ड रेट ने अपने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ते हुए पहली बार 1,05,729 रुपये प्रति 10 ग्राम का नया हाई लेवल छुआ है, तो वहीं चांदी की कीमतों ने भी तगड़ी छलांग लगाई है और ये कीमती धातु 1,24,990 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही है. न केवल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज, बल्कि घरेलू मार्केट में भी सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल आया है.  एमसीएक्स पर सोने-चांदी में उछाल एमसीएक्स पर 3 अक्टूबर की एक्सपायरी वाले सोने का भाव सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को 1,03,899 रुपये पर ओपन हुआ और फिर दोपहर 12 बजे के आस-पास ये उछलकर 1,05,729 रुपये के हाई लेवल पर पहुंच गया. इसमें 1830 रुपये प्रति 10 ग्राम की जोरदार तेजी दर्ज की गई. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना ही नहीं, बल्कि चांदी का भाव भी खूब उछला और ये 3000 रुपये प्रति किलो के आसपास उछाल के साथ 1,24,990 रुपये के नए लाइफ टाइम हाई लेवल पर पहुंच गई.   घरेलू मार्केट में भी चमका सोना न केवल एमसीएक्स पर, बल्कि घरेलू मार्केट में सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार तेजी आई है. इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के वेबसाइट IBJA.Com पर अपडेट किए गए रेट्स पर नजर डालें, तो 29 अगस्त को 24 कैरेट सोने का भाव 1,02,388 रुपये प्रति 10 ग्राम था, लेकिन सोमवार की सुबह ये 1,04,792 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. मतलब सोना 2,404 रुपये प्रति 10 ग्राम तक महंगा हो गया. वहीं इस साल सोने की कीमतों में अब तक 28,630​ रुपये की तेजी आ चुकी है.  बात चांदी के घरेलू मार्केट में दाम की करें, तो ये भी सोने की तरह ही चढ़े हैं. बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन 29 अगस्त शुक्रवार को एक किलो चांदी का भाव 1,17,572 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो कि सोमवार को खुलने के साथ ही 1,23,250 रुपये के हाई लेवल पर पहुंच गया. इस हिसाब से कैलकुलेशन करें, तो चांदी झटके में 5,678 रुपये प्रति किलो महंगी हो गई.  जीएसटी और मेकिंग चार्ज से बढ़ती है कीमत गौरतलब है कि इंडियन बुलियन ज्वेलर्स की वेबसाइट पर अपडेट किए जाने वाले सोने चांदी के रेट देशभर में समान रहते हैं, लेकिन जब आप सर्राफा दुकान पर आभूषण खरीदने के लिए जाते हैं, तो फिर इस पर लागू होने वाले 3 फीसदी जीएसटी और मेकिंग चार्ज को जोड़ने के बाद इसकी कीमत बढ़ जाती है. बता दें कि विभिन्न शहरों में मेकिंग चार्ज अलग-अलग हो सकते हैं.  एक्सपर्ट ने बताई तेजी के पीछे ये वजह  बात करें, सोने और चांदी की कीमतों में आए इस जोरदार उछाल के पीछे की वजह के बारे में, तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा पॉलिसी रेट कट की आशंका और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को लेकर जारी अनिश्चितताओं के चलते सोने और चांदी के दाम में ये उछाल देखने को मिल रहा है. रिपोर्ट में एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एंड करेंसी) जतीन त्रिवेदी के हवाले से कहा गया है कि टैरिफ से जुड़ी चिंताएं बढ़ने और भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर अनसुलझे मुद्दे सोने के भाव को लगातार बढ़ा रहे हैं. रुपये में गिरावट भी भारतीय बाजारों में सोने को और महंगा करने में अहम रोल निभा रही है. उन्होंने अनुमान जताते हुए कहा कि आने वाले दिनों में गोल्ड रेट 1,00,000 रुपये से 1,05,000 रुपये के दायरे में ही रह सकते हैं. 

बिहार विधानसभा: राहुल गांधी से तेजस्वी यादव की सीटों पर फैसला कब?

पटना 20-22 नवंबर तक बिहार में नई सरकार का गठन होना है। भारत निर्वाचन आयोग तमाम गतिरोधों के बीच इसकी तैयारी में जुटा है। मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण में दावा-आपत्ति का आज अंतिम दिन है। चुनाव के लिए मतदानकर्मियों की ट्रेनिंग को लेकर भी तैयारी चल रही है। सत्ता पक्ष में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अंदर सीट बंटवारे का ब्लू प्रिंट तैयार है। दूसरी तरफ विपक्ष के नेता आज, यानी 1 सितंबर तक वोटर अधिकार यात्रा के बहाने चुनाव आयोग को ही निशाने पर रखने में व्यस्त है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और राष्ट्रीय स्तर पर बने गठबंधन- इंडिया को लेकर यह यात्रा इसलिए की कि वह राष्ट्रीय जनता दल पर सीटों के लिए दबाव बना सके। लेकिन, वह वक्त अब निकला जा रहा है। सीटों पर तैयारी के लिए संभावित प्रत्याशी अधीर हो रहे हैं। कह तो यह भी रहे हैं कि अब तुरंत सीटें नहीं बांटी गई तो लोकसभा चुनाव की तरह कहीं राजद सीधे सिंबल लेकर प्रत्याशी को भेज न दे। मतलब, कुल मिलाकर यही है कि विपक्ष को अगर चुनाव का पूर्ण बहिष्कार नहीं करना है तो सीटें बांटकर प्रत्याशी को हरी झंडी देना ही होगा। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को लालू दे चुके हैं सबक चुनावी तैयारी के लिए अब सितंबर का ही समय है। ऐसे में आज राहुल गांधी पटना में हैं। वोटर अधिकार यात्रा का अंतिम दिन है। पूरे देश से विपक्षी नेताओं को बुलावा गया है। कई चेहरे रहेंगे। लेकिन, असल बात तो बिहार चुनाव है। चुनाव बहिष्कार की बात कई बार की गई, लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा। सभी दलों के संभावित प्रत्याशी दिन-रात सीटों के असमंजस से चिंता में हैं और मेहनत भी कमोबेश कर रहे हैं। सीटें फाइनल होतीं तो मेहनत बढ़ जाती। ऐसे में सबसे ज्यादा कांग्रेस के अंदर भी राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को लेकर है। लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस सीधे-सीधे राजद से सीटों के बंटवारे पर बात नहीं कर सकी। जब तक करती, तब तक कई लोगों को राजद ने सिम्बल देकर नामांकन के लिए भेज दिया। बाकी के साथ उस समय कांग्रेस में आए राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी इस लेटलतीफी का शिकार हुए थे, जब बीमा भारती को राजद ने टिकट दे दिया और उन्हें निर्दलीय उतरना पड़ा। कागज पर 19 विधायकों वाली पार्टी, 70 सीटों पर दावा कांग्रेस के प्रदेश स्तर के नेता बिहार में 70 सीटों पर पार्टी की दावेदारी पक्की बात रहे हैं। कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 19 सीटें जीतकर आई थी। कागज पर उसके पास इतने विधायकों की संख्या है, हालांकि इनमें से दो विधायक पिछले साल नीतीश कुमार सरकार के बहुमत परीक्षण के समय से पाला बदल कर सत्ता के साथ बैठ रहे हैं। खैर, उनकी सदस्यता नहीं गई है। इसलिए, कांग्रेस 19 मौजूदा विधायकों की सीट के अलावा 51 अन्य सीटों पर दावा कर रही है। वामपंथी दलों ने कांग्रेस की वोटर अधिकार यात्रा में समर्थकों को जुटाकर अपनी ताकत का एहसास करा दिया है। वह तो राजद से डील वैसे भी कर ही लेगी। असल संकट कांग्रेस का रहता है। बिहार में जब महागठबंधन सरकार थी, तब एक अदद मंत्री पद के बढ़ाने के लिए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को तेजस्वी यादव के कई चक्कर लगाने पड़े थे। मंत्री पद बढ़वाने से पहले महागठबंधन सरकार ही गिर गई। ऐसे में कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार वोटर अधिकार यात्रा के अंतिम दिन पटना में कार्यकर्ता-समर्थन की शक्ति दिखाने के लिहाज से भी आ रहे हैं। कांग्रेस ने ऑनलाइन आवेदन मंगा रखे हैं, कई नए फॉर्मूले भी कांग्रेस ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए खुला आमंत्रण दे रखा है। कांग्रेस ने टिकट के इच्छुक सभी कांग्रेसियों से ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए एक क्यूआर कोड जारी किया था। 12 मई से यह प्रक्रिया चल रही है। इसके पहले कांग्रेस ने राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों का सर्वे भी किया था। इसके बाद क्यूआर कोड से आवेदन की प्रक्रिया शुरू करते हुए पार्टी ने कहा था कि वह सशक्त, सक्रिय और निष्ठावान कार्यकर्ता को खुद भी दावेदारी दिखाने के लिए मौका देना चाहती है। कांग्रेस ने क्यूआर कोड स्कैनर के माध्यम से आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के लिए 6 प्रमुख मापदंड तय किए थे, जिनमें उनकी भौतिक के साथ वर्चुअल उपस्थिति को लेकर भी दावेदारी देखी जानी थी। कांग्रेस के पास इसके जरिए भी आवेदन आया है और पहले से विधायक, पूर्व विधायक और पार्टी के कई पदाधिकारी सीटों की लाइन में हैं। ऐसे में जमीनी स्तर पर प्रदेश कांग्रेस में सीट बंटवारे के मुद्दे को जल्द सुलझाने की मांग भी उठ रही है।