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क्या है DF-5C सिस्टम? US-चीन तनातनी के बीच भारत के लिए क्यों बना खतरे की घंटी

बीजिंग दुनिया की दो आर्थिक महाशक्तियों अमेरिका और चीन के बीच तनातनी और व्यापार प्रतिस्पर्धा से लेकर सामरिक प्रतिस्पर्धा तक की होड़ किसी से छिपी हुई नहीं है। दो दिन पहले चीनी शहर तियनाजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक-दूसरे का हाथ थामे और हंसते-मुस्कुराते सम्मेलन हॉल में प्रवेश किया तो इस तिकड़ी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत पूरी दुनिया को एक नया संदेश दिया था। यह संदेश ऐसे वक्त में आया, जब दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका भारत पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाकर वैश्विक आलोचनाएं झेल रहा है। अब चीन ने द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ को मौके पर आयोजित वि क्ट्री परेड में न केवल राजधानी बीजिंग में अमेरिका के कट्टर दुश्मनों को एक मंच पर लाने की कोशिश की बल्कि कुल 26 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को इसमें शामिल कर ट्रंप को नई टेंशन दी है। इसी विक्ट्री परेड के जरिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका को तीसरी टेंशन भी दे दी। अमूमन अपने हथियारों का प्रदर्शन नहीं करने वाले चीनी सैनिकों ने इस बार न सिर्फ भव्य परेड किया बल्कि अपने अत्याधुनिक हथियारों का भी प्रदर्शन किया। अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन चीन ने बुधवार को अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए जेट लड़ाकू विमान, मिसाइल और नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक युद्ध हार्डवेयर सहित अपने कुछ आधुनिक हथियारों को पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाया है। चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने पहली बार हवाई-प्रक्षेपित परमाणु मिसाइल, जेएल-1, का एक सैन्य ट्रक पर प्रदर्शन किया है। यह मॉडल, मौजूद JL-3 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल से काफ़ी छोटा है, जो पनडुब्बी से ही प्रक्षेपित हो सकता है। सैन्य विश्लेषकों ने बताया है कि चीन ने इन दो मिसाइलों के अलावा DF-61 और DF-31 मिसाइलों का भी प्रदर्शन किया है, जो चीनी सेना को जल,थल और नभ -तीनों जगहों से दुश्मनों के ठिकानों पर न्यूक्लियर हमला करने में सक्षम बनाता है और चीन को पूरी सुरक्षा कवच उपलब्ध कराता है। इसी परेड में चीनी सेना ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल DF-5C का भी प्रदर्शन किया है। इस मिसाइल के प्रदर्शन ने दुनिया को संदेश दिया है कि चीन की रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता विश्वसनीय, भरोसेमंद और पर्याप्त है। क्या है DF-5C मिसाइल सिस्टम? यह डोंग फेंग-5 सीरीज का अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक न्यूक्लियर मिसाइल सिस्टम है। DF-5C लिक्विड-ईंधन से संचालित मिसाइल है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मिसाइल की मारक क्षमता 20,000 किलोमीटर से ज्यादा है और यह टारगेट पर निशाना साधने के मामले में सर्वश्रेष्ठ है। इसका सीधा सा मतलब है कि अमेरिका समेत पूरी दुनिया में कहीं भी यह मिसाइल सर्वनाश कर सकता है। एक ही समय में 10 अलग-अलग ठिकानों पर निशाना DF-5C कथित तौर पर 10 स्वतंत्र ठिकानों पर एक साथ हमले कर सकता है। इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि एक ही मिसाइल एक ही समय में 10 अलग-अलग स्थानों को निशाना बना सकती है। यह मिसाइल दुश्मन के सैन्य ठिकानों और अन्य अहम ठिकानों को एक बार में ही निशाना बना सकती है, और हमलों के क्रम को एडजस्ट कर सकता है। यह दुनिया के किसी भी हिस्से में परमाणु बम गिरा सकता है लेकिन इसे कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम इंटरस्पेट नहीं कर सकता है। भारत की भी बढ़ी चिंता इसका ट्रांसपोर्टेशन तीन अलग-अलग सेक्शन में होता है। इस वजह से इसकी तैनाती गुप्त हो जाकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि DF-5C की सबसे बड़ी ताकत इसकी स्पीड है। यह आवाज से भी कई गुणा तेज गति से चल सकती है, इसकी वजह से दुनिया का कोई भी एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम इसे इंटरसेप्ट कर पाने में नाकाम रह सकता है। चीन के अत्याधुनिक हथियारों के प्रदर्शन ने भारत की भी चिंता बढ़ा दी है क्योंकि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन एक साझेदार देश के अलावा एक बड़ी चुनौती भी रहा है।  

डबल वोटर ID विवाद: BJP का कांग्रेस पर बड़ा हमला, पवन खेड़ा और राहुल गांधी घिरे

नई दिल्ली  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा के पास दो मतदाता पहचान पत्र होने का आरोप लगाने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि पवन खेड़ा की पत्नी के पास भी दो सक्रिय मतदाता पहचान पत्र हैं। भाजपा ने कांग्रेस पर हमले तेज करते हुए राहुल गांधी को भी घेरा है। भाजपा ने कहा है कि राहुल गांधी अपनी ही पार्टी के नेताओं के आपराधिक कारनामों से खुद को अलग नहीं कर सकते। भाजपा के नए आरोपों पर कांग्रेस, पवन खेड़ा या उनकी पत्नी कोटा नीलिमा की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। बता दें कि नीलिमा तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी की सक्रिय नेता हैं। इससे पहले मंगलवार को भाजपा के आरोपों के बाद दिल्ली निर्वाचन कार्यालय ने खेड़ा को नोटिस जारी कर दिया है। पवन खेड़ा को मतदाता सूची में 2 बार नाम दर्ज कराने को लेकर छह दिन के अंदर अपना जवाब देने के लिए कहा गया है। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "तेलंगाना के खैरताबाद (60) विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार और पवन खेड़ा की पत्नी, एक दूसरी कांग्रेस नेता कोटा नीलिमा के पास भी दो सक्रिय EPIC (मतदाता फोटो पहचान पत्र) हैं, एक खैरताबाद (तेलंगाना का विधानसभा क्षेत्र) में पंजीकृत है और दूसरा नई दिल्ली में।" मालवीय ने आगे कहा, "अब यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कांग्रेस नेताओं के पास कई EPIC नंबर हैं और वे एक से ज्यादा जगहों पर पंजीकृत मतदाता हैं। यह कोई संयोग नहीं है।"  

आतंकी फंडिंग का पर्दाफाश! TRF ने मलेशिया से जुटाए लाखों रुपये, NIA जांच में खुलासा

नई दिल्ली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन, द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ अपनी जांच में महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं। एनआईए ने श्रीनगर के एक व्यक्ति के मोबाइल फोन से 450 से अधिक कॉन्टैक्ट लिस्ट हासिल की है, जिससे टीआरएफ को धन मुहैया कराने वालों की पहचान करने में मदद मिली है। बता दें कि यह संगठन 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद बाद इससे पीछे हट गया था। जांच के दौरान, एनआईए को मलेशिया के जरिए हवाला मार्ग के संभावित इस्तेमाल का पता चला है जिससे टीआरएफ को फंडिंग की जा रही थी। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जांच में मलेशिया निवासी सज्जाद अहमद मीर का नाम सामने आया है। एक अन्य संदिग्ध, यासिर हयात के फोन कॉल डिटेल से पता चला कि वह मीर के संपर्क में था और पैसों की व्यवस्था कर रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, हयात ने टीआरएफ के लिए धन जुटाने के लिए कई बार मलेशिया की यात्रा की। हयात ने मीर की मदद से टीआरएफ के लिए 9 लाख रुपये जुटाए, जो संगठन के एक अन्य ऑपरेटिव शफात वानी को दिए गए। वानी टीआरएफ का एक प्रमुख ऑपरेटिव है और संगठन की गतिविधियों को संचालित करता है। यह भी पता चला कि वानी ने मलेशिया में एक विश्वविद्यालय में सम्मेलन में भाग लेने के बहाने यात्रा की थी, हालांकि विश्वविद्यालय ने इस यात्रा को स्पॉन्सर नहीं किया था। एनआईए की जांच में यह भी सामने आया कि हयात न केवल मीर के संपर्क में था, बल्कि वह दो पाकिस्तानी नागरिकों के साथ भी संपर्क में था। उसका मुख्य काम विदेशी ऑपरेटिव्स से संपर्क बनाए रखना और आतंकी संगठन के लिए धन जुटाना था। 13 अगस्त को, एनआईए ने कहा था कि उसने विदेशी फंडिंग के एक निशान का पता लगाया है, जिसकी गहन जांच की जा रही है। टीआरएफ को 2019 में लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी के रूप में बनाया गया था, ताकि इसे जम्मू-कश्मीर का स्थानीय संगठन दिखाया जा सके। इसका उद्देश्य हिजबुल मुजाहिदीन को रिप्लेस करना और स्थानीय आतंकी गतिविधियों को नई पहचान देना था। पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को जवाबदेही से बचाने के लिए टीआरएफ को बनाया गया था, ताकि कश्मीर में कथित संघर्ष को स्थानीय दिखाया जा सके। इसके अलावा, पाकिस्तान चाहता था कि आतंकी हमले जारी रहें और साथ ही वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की निगरानी से भी बच सके। भारत ने टीआरएफ को एक आतंकी संगठन घोषित किया है और पाकिस्तान पर इसका समर्थन करने का आरोप लगाया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद, अमेरिका ने टीआरएफ को एक विदेशी आतंकी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी इकाई घोषित किया, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका था। इस कदम ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को उजागर कर दिया। एनआईए की जांच अभी भी जारी है, और एजेंसी इस आतंकी संगठन के नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।  

तेजस्वी के गढ़ पर नजर! PK बोले- नीतीश लड़ते तो मैं भी वही चुनता

पटना जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने साफ-साफ तो नहीं कहा है लेकिन संकेत दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में वो राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव की राघोपुर सीट से या फिर रोहतास (सासाराम) में अपने जन्मस्थान की करगहर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने एक साथ दो सीट से लड़ने की भी बात कह दी है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार तो चुनाव लड़ते ही नहीं है, नहीं तो अगर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष लड़ते तो वो भी वहीं से लड़ते। पीके के नाम से प्रसिद्ध प्रशांत ने कार्यक्रम में सवाल-जवाब के दौरान यह बात कही है। प्रशांत किशोर से पटना में बुधवार को आयोजित कार्यक्र में चुनाव लड़ने और लड़ाने पर सवाल पूछा गया था। उन्होंने कहा कि वो पहले भी कह चुके हैं और फिर दोहरा रहे हैं कि अगर नीतीश कुमार चुनाव लड़ते हैं तो वो निश्चित तौर पर चुनाव लड़ेंगे। जन सुराज पार्टी के सारे फैसलों की पटकथा लिखने वाले प्रशांत किशोर ने हालांकि कहा कि वो पार्टी से ऊपर नहीं हैं और पार्टी ही तय करेगी कि उन्हें चुनाव लड़ना है या नहीं और अगर लड़ना है तो कहां से। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार लड़ेंगे तो वो पार्टी से लड़कर भी मैदान में उतर जाएंगे। नीतीश कुमार को पिछले दरवाजे का नेता बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने 20 साल से चुनाव लड़ना बंद कर दिया है। प्रशांत ने कहा कि वो दूसरों से कहते रहे हैं कि आदमी को दो जगह से चुनाव लड़ना चाहिए। या तो आप अपनी जन्मभूमि से लड़िए या फिर कर्मभूमि से। इस बयान का एक मतलब यह निकाला जा रहा है कि प्रशांत किशोर वैशाली जिले की राघोपुर और रोहतास जिले की करगहर दोनों सीट से एक साथ चुनाव लड़ सकते हैं।  

धर्मांतरण के खेल का खुलासा, चंगाई सभा से 5 दबोचे गए

सूरजपुर भटगांव थाना क्षेत्र के बुंदिया में पुलिस ने 5 लोगों को प्रलोभन देकर धर्मपरिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपियों के खिलाफ ग्रामीण रामानंद बरगाह ने थाने में शिकायत की थी उसे मंगल टोप्पो के घर में आयोजित चंगाई सभा में बुलाया गया. जहां उसे बिमारी ठीक करने और अन्य प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने की बात कही गई. रामानंद ने भटगांव थाना में दी गई शिकायत में बताया कि गांव के मंगल साय के घर में चंगाई सभा आयोजित की गई थी. जिसमें उसे भी बुलाया गया था. सभा के दौरान रामानंद के साथ पहुंचे लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए बिमारी ठीक करने और अन्य प्रलोभन दिया गया. शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की. पादरी समेत 5 आरोपियों को धर्मान्तरण के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायलय पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है.

आरक्षण विवाद गहराया: मंत्री नाराज, OBC संगठनों ने महाराष्ट्र सरकार को घेरा

मुंबई  अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कार्यकर्ता लक्ष्मण हाके ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार को मराठों को ‘कुनबी’ जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने की मांग स्वीकार करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी है कि ओबीसी समुदाय इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा। इधर, राज्य सरकार के फैसले पर कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल पहले ही नाराजगी दर्ज करा चुके हैं। हाके ओबीसी समूह के तहत मराठों को आरक्षण दिए जाने का विरोध करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण को कम करना चाहते हैं। उन्होंने पहले मराठों को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण दिए जाने की मनोज जरांगे की मांग के खिलाफ आंदोलन किया था। देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा पात्र मराठों को ‘कुनबी’ जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने सहित अधिकतर मांगों को स्वीकार किए जाने के बाद आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार शाम को मुंबई में अपना पांच दिन से जारी अनशन समाप्त कर दिया। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को मराठा समुदाय के सदस्यों को उनकी कुनबी विरासत के ऐतिहासिक साक्ष्यों के साथ कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की। कुनबी राज्य में एक पारंपरिक कृषक समुदाय है और उन्हें नौकरियों एवं शिक्षा में सरकारी आरक्षण का पात्र बनाने के लिए महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी की सूची में शामिल किया गया है। सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग द्वारा जारी सरकारी आदेश (जीआर) में हैदराबाद राजपत्र को लागू करने का भी उल्लेख किया गया है। हाके ने जीआर और वंशावली दस्तावेज वाले पात्र मराठों को ‘कुनबी’ जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया कि सरकार को आरक्षण के संबंध में इस तरह का जीआर जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने दावा किया कि राजपत्र में यह नहीं लिखा है कि मराठा सामाजिक रूप से पिछड़े हैं और उन्हें आरक्षण दिया जाना चाहिए। कार्यकर्ता ने पूछा, 'कौन कहता है कि राजपत्र में दर्ज राजस्व रिकॉर्ड उन्हें आरक्षण के योग्य बनाते हैं?' उन्होंने कहा, 'हैदराबाद राजपत्र में बंजारा को अनुसूचित जनजाति बताया गया है। क्या सरकार बंजारों को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण देगी? सरकार को एक मुद्दे को सुलझाने के लिए 10 और मुद्दे नहीं पैदा करने चाहिए। ओबीसी और वीजेएनटी (विमुक्त जाति और घुमंतू जनजातियां) अब सड़कों पर उतरेंगे।' उन्होंने कहा कि नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे ओबीसी आरक्षण में कटौती को तैयार हैं।  

राज मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने कहा- पंजाब के साथ केंद्र कर रहा सौतेला व्यवहार

पंजाब  लगातार भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति के संबंध में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने खन्ना में पुली पर पानी की निकासी का जायज़ा लिया। इस मौके पर उनके साथ अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर खन्ना शिखा भगत, उपमंडल मजिस्ट्रेट खन्ना डॉ. बलजिंदर सिंह ढिल्लों, ड्रेनेज विभाग से एसडीओ जसकरण सिंह सेखों सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि पानी की निकासी के लिए पुली की सफाई करवाई जाए। तरुणप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया लोगों से करोड़ों रुपये टोल टैक्स के रूप में वसूलने के बावजूद टूटी सड़कों की मरम्मत नहीं करवाती। कैबिनेट मंत्री सौंद ने कहा कि पंजाब का सीमावर्ती इलाका बाढ़ की मार झेल रहा है। इंसान प्रकृति के साथ की गई छेड़छाड़ का खामियाजा भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के सभी मंत्री, विधायक और नेता बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नेपंजाब के साथ हमेशा ही सौतेली मां जैसा व्यवहार किया है।

दुनिया भर में चर्चा बटोर रही किम जोंग उन की 12 साल की बेटी किम जू, क्यों ले गए थे चीन

बीजिंग उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बीजिंग यात्रा की काफी चर्चा है। व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ उनकी तस्वीरें इंटरनेशनल मीडिया में सुर्खियां बटोर रही हैं। कहा जा रहा है कि किम जोंग उन को इस तरह महत्व मिलना उन्हें दुनिया के एकांतवास से बाहर निकालने वाला है। यही नहीं उनकी 12 साल की बेटी और संभावित उत्तराधिकारी किम जू ए भी चर्चा में हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि किम जोंग उन पहली बार किसी विदेश दौरे पर बेटी को लेकर गए थे। किम जोंग उन के साथ ही उनकी बेटी नजर आईं और उनका परिचय खुद पिता ने पुतिन और शी जिनपिंग जैसे नेताओं से कराया। चीन की राजधानी बीजिंग में हुई विक्ट्री डे परेड में भी वह किम जोंग उन के आसपास ही बनी रहीं। यह पहला मौका था, जब किम जोंग उन की बेटी को दुनिया ने किसी सार्वजनिक आयोजन में देखा। जानकारों का कहना है कि जिस तरह वह पिता के साथ-साथ दिखीं और उनका परिचय वैश्विक नेताओं से कराया गया, इससे संकेत मिलता है कि वही किम जोंग उन की उत्तराधिकारी होंगी। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि किम जोंग उन की आयु फिलहाल 41 साल ही है। किम जोंग उन और उनके परिवार को लेकर दुनिया को बहुत कम ही जानकारी ही है। वजह है कि उत्तर कोरिया में मीडिया पर काफी पाबंदियां हैं और वहां से जानकारियां बाहर कम ही आती हैं। किम जोंग उन की बेटी जू ए के बारे में दुनिया को पहली बार पहली बार 2022 में ही जानकारी मिली थी। जब वह अपने पिता के साथ एक बलिस्टिक मिसाइल लॉन्च के कार्यक्रम में गई थीं। पूर्व एनबीए स्टार डेनिस रॉडमैन ने दुनिया को बताया था कि वह किम की बेटी हैं। रॉडमैन ने कहा था कि 2013 में वह प्योंगयांग गए थे और इस दौरान उनकी किम से मुलाकात हुई थी। इस मीटिंग के दौरान किम जोंग उन ने अपनी पत्नी रि सोल जू और एक छोटी बच्ची से भी परिचय कराया था। तब उन्होंने कहा था कि यह मेरी बेटी है। प्योंगयांग का सरकारी मीडिया कभी भी बेटी का नाम नहीं लिखता, लेकिन साउथ कोरिया के खुफिया सूत्रों के अनुसार जू ए किम की बेटी ही हैं। वैश्विक नेताओं से मिलतीं किम जू ए उत्तर कोरिया के नेता की शादी 2009 में हुई थी। बीते कुछ सालों में उत्तर कोरिया के मीडिया में किम जू ए के बारे में रिपोर्टिंग होती रही है, लेकिन उन्हें प्यारी बच्ची या फिर होनहार बच्ची कहके संबोधित किया जाता रहा है। उत्तर कोरिया से आई तस्वीरों में अकसर दिखता है कि बड़ी आयु के लोग भी बच्ची के आगे सिर झुकाते हैं। इससे भी अनुमान लगाया गया कि शायद वही किम जोंग उन की बेटी और सत्ता की वारिस हैं। यही नहीं सार्वजनिक कार्यक्रमों में वह अकसर अपनी बुआ किम यो जोंग और मां से आगे चलती दिखती हैं।

लाठीचार्ज का विरोध: ABVP के समर्थन में सपा छात्र सभा मैदान में उतरी

बाराबंकी  यूपी में बाराबंकी के रामस्वरूप विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) छात्रों पर लाठी चार्ज का मुद्दा गर्माता जा रहा है। इसी बिरोध में समाजवादी पार्टी की छात्र सभा कूद पड़ी है। लखनऊ के राजभवन के ठीक सामने समाजवादी छात्र सभा ने जोरदार प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में छात्र राजभवन के पास पहुंचे। यहां प्रदर्शन के दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ने की कोशिश की, छात्र माने नहीं, वहीं लेट गए। इस पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इससे पहले एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को पुलिस की ओर से हुए लाठीचार्ज के खिलाफ कई स्थानों पर प्रदर्शन किया। लखनऊ विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया। कुछ कार्यकर्ता विधानभवन के सामने पहुंच गए। एक दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने कैसरबाग स्थित एबीवीपी अवध प्रांत कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों ने आरोप लगाया कि रामस्वरूप विवि में पुलिस के बीच गुंडे घुसे थे। पहले उन्होंने मारा। उनका जब छात्रों ने विरोध किया तो पुलिस ने जानलेवा हमला कर दिया। छात्रों का आरोप है कि लंबे समय से विश्वविद्यालय छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। लॉ डिग्री की मान्यता नहीं है। ऐसे में लॉ छात्रों के साथ धोखा किया गया है। 2022 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया से संबद्धता के बारे में जानकारी जब ली गई तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। अगर इन सब मामलों पर रिपोर्ट नहीं आती है तो प्रदर्शन और उग्र किया जाएगा। इसके बाद पुलिस कार्यकर्ताओं को खींचकर इको गार्डन ले गई। इस दौरान कई भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया के जरिए पुलिस के लाठीचार्ज को गलत ठहराया। एनएसयूआई का मिला साथ एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष मध्य क्षेत्र आर्यन मिश्रा ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस के लाठीचार्ज का विरोध किया। आर्यन की अगुवाई में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने अस्पताल पहुंचकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं का हाल जाना। साथ ही कहा कि राजनीतिक विचारधारा भले ही अलग हो, पर छात्र होने के नाते घायल छात्रों के साथ मजबूती से खड़े हैं। कांग्रेस सांसद ने छात्रों से मुलाकात की बाराबंकी से कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने ट्रामा सेंटर में भर्ती घायल छात्रों का हाल जाना। उन्होंने पुलिस कार्रवाई की भर्त्सना की तथा दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। बर्रबर कार्रवाई करार देते हुए दोषियों को दंडित करने की मांग उठाई। पीड़ित छात्रों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया। पत्रकारों से बाचतीत में कहा कि जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज करना निरंकुशता और दमनकारी शासन का परिणाम है। यह शर्मनाक, निंदनीय और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहना, विरोध दर्ज कराना कहीं से भी गलत नहीं इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष रुद्रदमन सिंह, शहर अध्यक्ष शहजाद आलम मौजूद थे। सपा नेता ने घायल छात्रों का हाल जाना समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने मंगलवार दोपहर को लाठी चार्ज से घायल छात्रों का हाल जाना। वह ट्रामा सेन्टर में कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। फखरुल ने छात्रों की मांगों का समर्थन किया और लाठी चार्ज की निंदा की। उन्होंने छात्रों से कहा कि वह उनकी लड़ाई में साथ है। छात्रों का दर्द उनका दर्द है। उनकी पार्टी का दर्द है। उन्होंने छात्रों का उचित इलाज कराने की मांग के साथ ही पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने को कहा।  

हनुमान बेनीवाल ने अग्निवीर योजना को बताया युवा विरोधी, कांग्रेस-भाजपा दोनों पर बरसे

नागौर नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने जोधपुर में बड़ा बयान देते हुए कहा कि आरएलपी जल्द ही अग्निवीर योजना को लेकर बड़ा आंदोलन करेगी। बेनीवाल बाड़मेर की सभा के बाद जोधपुर पहुंचे और सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एसआई भर्ती रद्द होने सहित कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सड़क पर संघर्ष के बाद ही सब इंस्पेक्टर भर्ती रद्द हुई। जबकि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मंत्री जोगाराम पटेल लगातार कहते रहे कि भर्ती रद्द नहीं हुई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बयान के बाद भी इन नेताओं ने सच्चाई स्वीकार नहीं की। बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में वास्तविक संघर्ष सिर्फ आरएलपी कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच बारी-बारी से सत्ता का खेल अब राजस्थान में नहीं चलेगा। अग्निवीर को लेकर दिल्ली में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। किरोड़ीलाल मीणा के साथ हुए विवाद को लेकर उन्होंने रात गई, बात गई कहकर बात को खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि इसी तरह चलता रहा तो सीएम भजनलाल शर्मा की विदाई निश्चित है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट पर आरोप लगाया कि दोनों ने ईडी और सीबीआई के डर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को चार सीटें “गिफ्ट” कर दीं। बेनीवाल ने कहा कि 2028 का चुनावी रण अलग होगा और उस समय आरएलपी के साथ अन्य पार्टियां भी आएंगी। हम दमखम के साथ राजस्थान में चुनाव लड़ेंगे।