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चोटिल पैट कमिंस: वनडे सीरीज से बाहर, एशेज में खेलने की उम्मीदें कम

ऑस्ट्रेलिया  ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट और वनडे कप्तान पैट कमिंस 2025 के सभी सीमित ओवर के क्रिकेट मैचों से बाहर हो गए है। कमिंस को कैरेबियाई दौरे के दौरान चोट लगी थी जिसके बाद स्कैन में उनकी लम्बर बोन में खिंचाव का पता चला। कमिंस अब न्यूजीलैंड और भारत के खिलाफ आगामी सीमित ओवर की श्रृंखला से चूक जाएंगे। जिसमें भारत के खिलाफ 19 अक्टूबर से शुरू होने वाले तीन वनडे मैच भी शामिल है।    कमिंस ने चोट के बारे में अपनी भावनाएं सांझा करते हुए कहा, 'अपने करियर के इस पड़ाव पर मुझे लगता है कि मैं 18 या 19 साल की उम्र के मुकाबले अब शायद थोड़ी तेजी से लय पकड़ सकता हूं। उस समय आपको शायद लगता होगा कि आपको कुछ [शेफील्ड] शील्ड मैच या वनडे मैच खेलने की जरूरत है। मुझे पूरा विश्वास है कि अगर मुझे शील्ड मैच खेलने का मौका नहीं भी मिला तो भी मैं लय पकड़ सकता हूं। रिहैब सही से करू तो बड़ी एशेज सीरीज के लिए मैं कुछ जोखिम उठाने और थोड़ा आक्रामक होने के लिए तैयार हूं। इससे बड़ी कोई और सीरीज नहीं।' कैरेबियाई और ऑस्ट्रेलिया में टी20 और वनडे सहित कई सफेद गेंद के मैचों से चूकने के बावजूद कमिंस रिहैबिलिटेशन पर ध्यान केंद्रित करेंगे और उनका लक्ष्य पांच टेस्ट मैचों की एशेज सीरीज के लिए फिट होना होगा। हालांकि सीरीज से पहले कमिंस को जरूरी आराम की कमी खलेगी और हो सकता है कि वह सीधे अंतरराष्ट्रीय मैदान पर लौटने से पहले केवल एक या दो शेफील्ड शील्ड मैच ही खेल पाएं।  ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने पहले ही कुछ बदलाव कर लिए है। ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन को न्यूजीलैंड टी20 सीरीज के लिए आराम दिया है ताकि वह शेफील्ड शील्ड में लंबे स्पैल डाल सकें। इसके अलावा ब्यू वेबस्टर को एक अतिरिक्त सीम गेंदबाजी विकल्प के रूप में देखा जा रहा है जो तेज गेंदबाजी में योगदान दे सकते है। जिससे कमिंस की अनुपस्थिति में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी में और गहराई आ सकती है।   

किम जोंग का जूठा गिलास गायब, बॉडीगार्ड्स ने फिंगरप्रिंट भी मिटाए, वीडियो चौंकाने वाला

बीजिंग उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बीजिंग में हाल ही में हुई मुलाकात चर्चा का विषय तो बनी ही, लेकिन उसके बाद सामने आए एक वीडियो ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। इस वीडियो में किम जोंग की टीम बैठक के बाद जिस तरीके से कुर्सी, टेबल, और यहां तक कि गिलास तक को साफ करती नजर आई, उसने सुरक्षा और जासूसी को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या हुआ बीजिंग में? किम जोंग उन और पुतिन की मुलाकात बीजिंग की एक हाई-प्रोफाइल विक्ट्री डे परेड के बाद हुई थी। यह किम का कोविड-19 महामारी के बाद पहला चीन दौरा था। पुतिन से बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने दोस्ती की गर्मजोशी दिखाई और उत्तर कोरिया की ओर से रूस को यूक्रेन युद्ध में दिए गए समर्थन पर चर्चा भी हुई। लेकिन जब यह बैठक खत्म हुई, तभी किम के स्टाफ ने बेहद सावधानी से वह गिलास उठाया जिससे उन्होंने पीया था, कुर्सी के हैंडल और बैकरेस्ट को चमकाया गया, टेबल तक को ऐसे साफ किया गया जैसे वहां कोई फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन हो रही हो।   जैसे क्राइम सीन हो! वीडियो में एक स्टाफ मेंबर किम की कुर्सी को कपड़े से पोछता नजर आता है, जबकि दूसरा उनका गिलास संभाल कर ट्रे में रख देता है। यह सब इतनी बारीकी से किया गया कि जैसे कोई सबूत मिटा रहा हो। मीडिया रिपोर्ट्स में इसे एक 'फॉरेंसिक क्लीनअप' कहा जा रहा है, यानी किम के डीएनए या बॉयोलॉजिकल ट्रेस (जैसे बाल, त्वचा, थूक आदि) कहीं पीछे न छूट जाएं।   DNA से डर क्यों? विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी व्यक्ति के डीएनए या बॉडी फ्लूइड्स से उसकी हेल्थ, जेनेटिक स्थिति और यहां तक कि गंभीर बीमारियों के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है। जब बात किसी राष्ट्राध्यक्ष की हो, तो यह डेटा दुश्मन देशों के लिए "सोने की खान" हो सकता है। इसलिए उनके बॉयोलॉजिकल ट्रेसेज़ को मिटा देना या वापस ले जाना एक सुरक्षा रणनीति बन चुकी है।   पुतिन भी पीछे नहीं किम जोंग उन ही नहीं, बल्कि व्लादिमीर पुतिन भी अपनी सेहत से जुड़ी जानकारी छुपाने को लेकर उतने ही सख्त हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब भी पुतिन विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो उनके साथ एक 'पूप सूटकेस' (Poo Suitcase) जाता है – जिसमें उनके मल-मूत्र को एकत्र कर सील कर मॉस्को भेजा जाता है। फ्रांसीसी मैगजीन 'Paris Match' के मुताबिक, 2017 से ही यह प्रोटोकॉल जारी है। इसका मकसद यही है कि कोई विदेशी खुफिया एजेंसी उनके मल या यूरिन से हेल्थ रिपोर्ट न निकाल ले। इससे यह भी साफ होता है कि सिर्फ गुप्त दस्तावेज़ ही नहीं, अब बॉडी फ्लूइड्स भी राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा हैं। सिर्फ सुरक्षा या कुछ और? कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि किम और पुतिन का यह व्यवहार केवल सेहत की जानकारी छिपाने तक सीमित नहीं है। यह एक कूटनीतिक संकेत भी हो सकता है – यह दिखाने के लिए कि वे किसी पर भरोसा नहीं करते, चाहे वह चीन हो या रूस। इससे यह भी संकेत मिलता है कि भरोसे की जगह सतर्कता ने ले ली है, खासकर तब जब वैश्विक राजनीति में टेंशन बढ़ रही है। किम की बेटी भी आईं साथ इस मीटिंग में एक और खास बात थी – किम जोंग उन की बेटी किम जू ऐ पहली बार किसी विदेशी दौरे पर उनके साथ दिखीं। इससे उत्तर कोरिया की अगली पीढ़ी के लीडरशिप को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं।  बढ़ती दोस्ती या रणनीतिक चाल? किम और पुतिन की बातचीत में गर्मजोशी जरूर नजर आई – दोनों ने एक-दूसरे के लिए सम्मान जताया और किम ने तो यह तक कहा कि "अगर मैं रूस के लिए कुछ कर सकता हूं, तो यह मेरा फर्ज होगा।" लेकिन जब एक नेता की टीम उसके छूए हर सामान को मिटा दे, तो यह साफ है कि दोस्ती के दिखावे के पीछे रणनीति और शंका दोनों छिपी होती है।  

स्‍मार्टफोन-लैपटॉप खरीदने से पहले जानें: अभी लें या 22 सितंबर तक रुकें?

नई दिल्ली सरकार ने जीएसटी दरों में कटौती की है। इसके बाद तमाम चीजों के दाम घटने वाले हैं। कंस्‍यूमर इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स कैटिगरी में एसी और टीवी खरीदने वालों को फायदा होगा, क्‍योंकि दोनों ही प्रोडक्‍ट्स पर जीएसटी को कम किया गया है, लेकिन बहुत से लोग स्‍मार्टफोन्‍स को लेकर भी उम्‍मीद लगाए बैठे थे। स्‍मार्टफोन्‍स के अलावा टैबलेट और लैपटॉप पर लगने वाले जीएसटी में भी कमी की उम्‍मीद की जा रही थी। हालांकि ऐसा नहीं हाे पाया है। सरकार के फैसले से स्‍मार्टफोन्‍स पर कोई असर नहीं हुआ है। इन पर लगने वाला जीएसटी 18 फीसदी ही रहेगा। टैबलेट और लैपटॉप की कीमतें भी पहले की तरह रहेंगी। अगर आपने नए आईफोन, सैमसंग फोन, टैब या लैपटॉप खरीदने की प्‍लानिंग की है, तो आइए जानते हैं कि क्‍या करना चाहिए। स्‍मार्टफोन्‍स खरीदने का सही टाइम सरकार ने स्‍मार्टफोन पर जीएसटी नहीं कम किया है। यह पहले की तरह ही 18 फीसदी बना रहेगा। अगर आप सैमसंग, ऐपल और दूसरे चीनी ब्रैंड्स के स्‍मार्टफोन खरीदने की तैयारी में हैं तो रुकने की जरूरत नहीं है। आप खरीद सकते हैं। इनकी कीमतों में कोई अंतर नहीं आने वाला है। टैबलेट खरीदने पर क्‍या मिलेगा फायदा ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बहुत से लोग टैबलेट खरीदते हैं। इन पर लगने वाला जीएसटी शुल्‍क भी पहले की ही तरह रहेगा। ऐसे में अगर आप टैब खरीदने की योजना बना रहे हैं तो रुकने की जरूरत नहीं है। आप सैमसंग, ऐपल समेत किसी भी ब्रैंड का टैब लेंगे तो उसमें जीएसटी की वजह से कीमत कम होने वाली नहीं है। लैपटॉप खरीदने पर कितने का फायदा? लैपटॉप खरीदने की प्‍लानिंग कर रहे लोगों को जीएसटी की वजह से कोई फायदा फ‍िलहाल नहीं मिलने वाला है। उन्‍हें पहले की तरह ही 18 फीसदी जीएसटी देना होगा। अगर आप आसुस, लेनोवो, डेल या एचपी का कोई भी मॉडल लेने वाले थे, चाहे वह गेमिंग लैपटॉप ही क्‍यों ना हो, आपको पहले जितनी ही रकम चुकानी होगी। छूट पाने का सिर्फ एक तरीका स्‍मार्टफोन, लैपटॉप या टैबलेट पर छूट पाने का फ‍िलहाल सिर्फ एक ही तरीका है, आपको ऑनलाइन सेल का वेट करना चाहिए। इसी महीने से फ्लिपकार्ट और एमेजॉन पर फेस्टिव सेल शुरू हो रही है। सेल में तमाम बैंक कार्डों पर डिस्‍काउंट दिया जाता है। कंपनियां प्राइस में भी ड्रॉप करती हैं। इनके अलावा, ईएमआई की सुविधा भी दी जाती है। ऑनलाइन सेल की मदद से आप स्‍मार्टफोन, लैपटॉप और टैलबेट पर डिस्‍काउंट पा सकते हैं। स्‍मार्टफोन, टैब, लैपटॉप क्‍यों नहीं हुए सस्‍ते इसकी कोई आधिकारिक वजह सामने नहीं आई है। पहले इन चीजों पर 18 फीसदी जीएसटी लगता था। इस स्‍लैब के बाद अब सबसे कम स्‍लैब 5 फीसदी का है। अगर स्‍मार्टफोन, टैब और लैपटॉप पर सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी देना पड़ता, तो कीमतों में काफी कमी आ सकती थी, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया।

योगी सरकार का तोहफा: यूपी के शिक्षकों को मिली राहत और नए आदेश का ऐलान

लखनऊ  उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों और अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए बड़ा निर्णय लिया है। अब 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी की गणना में एक नोशनल वेतनवृद्धि (काल्पनिक वेतनवृद्धि) जोड़ी जाएगी। वेतनवृद्धि का लाभ पेंशन की गणना में मिलेगा वित्त विभाग द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार, जिन कर्मचारियों की वार्षिक वेतनवृद्धि 1 जुलाई या 1 जनवरी को तय होती थी, लेकिन वे उससे ठीक एक दिन पहले यानी 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर हो जाते थे, उन्हें भी इस वेतनवृद्धि का लाभ पेंशन की गणना में मिलेगा। यह प्रावधान 1 जनवरी 2006 से लागू वेतन समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया है। किन्हें तत्काल प्रभाव से लाभ मिलेगा? इसका मतलब यह हुआ कि 1 जनवरी 2006 के बाद से लेकर शासनादेश जारी होने तक 30 जून को रिटायर हुए कर्मचारी भी इस सुविधा के दायरे में आएंगे। हालांकि, उन्हें केवल तत्काल प्रभाव से लाभ मिलेगा, पिछली अवधि का एरियर नहीं दिया जाएगा। यही नियम 1 जनवरी 2016 के बाद रिटायर हुए उन कर्मचारियों पर भी लागू होगा जिनकी रिटायरमेंट तिथि 30 जून या 31 दिसंबर रही और जिनकी वेतनवृद्धि क्रमशः 1 जुलाई या 1 जनवरी को तय थी। कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलने की संभावना शासनादेश के प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। इस फैसले से उच्च शिक्षा में कार्यरत हजारों शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलने की संभावना है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ से जुड़े डॉ. जगदीश सिंह दीक्षित ने इसे शिक्षकों के लिए बड़ी राहत बताया। उन्होंने कहा कि संगठन की ओर से मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री को कई बार पत्र लिखकर यह मांग उठाई गई थी। उन्होंने कहा कि बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग में यह सुविधा पहले से लागू थी, अब उच्च शिक्षा में लागू होने से लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है।  

अलवर में बड़ा ऑपरेशन, धर्मांतरण के आरोप पर 52 बच्चे छुड़ाए गए

अलवर  राजस्थान के अलवर जिले में धर्मांतरण का बड़ा मामला उजागर हुआ है. पुलिस ने बुधवार शाम उद्योग नगर थाना क्षेत्र के गोलेटा गांव स्थित सैय्यद कॉलोनी में एक हॉस्टल पर छापा मारा. यहां से 52 बच्चों को बरामद किया गया, जिन्हें शिक्षा और पैसों के लालच में धर्म परिवर्तन के लिए गुमराह किया जा रहा था. पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर यह कार्रवाई की गई. मौके से दो लोगों अमृत और सोनू रायसिख को गिरफ्तार किया गया. इनमें से अमृत पर पहले भी सीकर जिले में धर्मांतरण का केस दर्ज हो चुका है. पुलिस के अनुसार एक एनजीओ की आड़ में यह पूरा खेल चलाया जा रहा था. पुलिसवाले दीवार पर चढ़े बच्चों को काफी देर तक समझाते रहे कि वो यहां उनके लिए आए हैं, डरो मत, नीचे आ जाओ। यहां रह रहे बच्चों ने बताया कि उन्हें सिखाया जाता था कि- भगवान को मानोगे तो नर्क में जाओगे। मूर्ति और क्रॉस को पानी में डुबोकर अंतर बताया जाता था। एक संगठन की शिकायत पर बुधवार शाम को एमआईए थाना क्षेत्र की सैय्यद कॉलोनी में एक ईसाई मिशनरी हॉस्टल में कार्रवाई की गई थी। शिक्षा के नाम पर धर्म-परिवर्तन का आरोप आरोप है कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को हॉस्टल में रखा जाता है। यहां शिक्षा के नाम पर उन्हें पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। बुधवार शाम को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की शिकायत पर पुलिस ने छापेमारी की। मौके पर पुलिस पहुंची तो हॉस्टल के अंदर भगदड़ मच गई। मौके पर मौजूद 50 से ज्यादा बच्चे बिल्डिंग की 10 फीट से ज्यादा ऊंची दीवार फांदने लगे। डरो मत..आपके लिए आए हैं हॉस्टल की बाउंड्री और दीवार पर चढ़े बच्चे को नीचे उतारने के लिए पुलिसवालों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्हें नीचे उतारने के लिए पुलिसकर्मी काफी देर तक समझाइश करते रहे। पुलिसकर्मियों ने कहा- डरो मत, हम तुम्हारे लिए आए हैं। इस दौरान कुछ बच्चे रोने लगे और डर के कारण चीखने भी लगे। बच्चों का आरोप- डराया जाता था हॉस्टल में रहने वाले बच्चों ने बताया कि उन्हें धर्म और भगवान को नहीं मानने के लिए उकसाया जाता था। उन्हें मौत का भी डर दिखाया जाता था। अब पढ़िए- 2 मासूमों ने हॉस्टल पर क्या आरोप लगाए… आग में जलने के नाम से डराया: हॉस्टल में फादर कहते हैं कि अगर तुम भगवान को मानोगे तो नर्क में जाओगे। आग में जला दिए जाओगे। तुम्हें केवल बाइबल को ही पढ़ना है। हिंदुओं के नकली भगवान हैं। ईसा मसीह की प्रार्थना से हमें स्वर्ग मिलता है और हिंदू देवी-देवताओं के नाम लेने से नर्क मिलता है। असली भगवान तो ईसा मसीह है: फादर कहते हैं ईसा मसीह की प्रार्थना से हमें स्वर्ग मिलता है और हिंदू देवी-देवताओं के नाम लेने से नर्क मिलता है। फादर बाल्टी में पानी भरकर देवी-देवताओं की मूर्तियों को पानी में डालते हैं। पानी में मूर्ति डूब जाती है तो कहते हैं कि तुम्हारा भगवान स्वयं डूब गया है, वो तुम्हें कैसे बचाएगा। अहमदाबाद का रहने वाला है आरोपी फादर पुलिस के अनुसार मौके से अहमदाबाद के रहने वाले अमृत और रामगढ़ (अलवर) के रहने वाले सोनू रायसिख को पकड़ा है। मौके से एक धर्म से जुड़े धार्मिक ग्रंथ और किताबें जब्त की हैं। जानकारी के अनुसार अगस्त महीने में सीकर में ईसाई धर्म गुरु सेल्वाराज उर्फ सेल्बुराज ने कुछ लोगों का धर्म परिवर्तन कराया था। जिसमें अमृत का भी नाम है। जो फिलहाल जमानत पर है। एसपी बोले- सस्ती शिक्षा के नाम पर बुलाते हैं SP सुधीर चौधरी ने बताया कि जिले में कुछ लोगों के अवैध गतिविधियों में लिप्त होने की सूचना मिली। जो गरीबों को सस्ती शिक्षा के नाम पर बुलाते हैं। धर्म को लेकर गलत शिक्षा देकर धर्म परिवर्तन की बात सामने आई है। इस मामले में दो जनों को अरेस्ट किया है, जिनमें अमृत गुजरात का रहने वाला है। जिसके खिलाफ पहले से सीकर में मुकदमा दर्ज है। अब इसकी जमानत कैंसिल कराने का प्रयास करेंगे। जिले में दूसरी जगहों से भी धर्म परिवर्तन कराने की बातें सामने आई हैं। ये गरीब तबके के बच्चों को छात्रावास में रखते थे। बच्चों को साधारण भाषा में ईसाई धर्म की अच्छाई बताकर हिंदू और सिख धर्म की कमी बताते हैं। हो सकता है कि ये बच्चों के माता-पिता को सहायता भी देते हों। ऐसे मामलों में राजस्थान में पहले भी मुकदमे दर्ज हुए हैं। उनकी भी जानकारी मांगी है। भविष्य में ऐसा नहीं हो इसके लिए आमजन को भी सहयोग करने की जरूरत है। हॉस्टल पर छापा मार 52 बच्चे बरामद  छापेमारी के दौरान बच्चे डर के मारे हॉस्टल की दीवार कूदकर भागने लगे. वहीं हिंदू संगठनों ने भी मौके पर पहुंचकर विरोध किया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने हॉस्टल से ईसाई धर्म से जुड़े धार्मिक ग्रंथ और बड़ी मात्रा में लिखने की सामग्री जब्त की है. बच्चों ने पुलिस को बताया कि हॉस्टल में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर गलत बातें कही जाती थीं और ईसा मसीह को ही सच्चा भगवान बताया जाता था. बच्चों की उम्र 6 से 17 साल के बीच है. वे अलवर, हनुमानगढ़ और दिल्ली के अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते हैं. शिक्षा और पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन पुलिस ने बताया कि इस नेटवर्क का संबंध तमिलनाडु, गुजरात और कई अन्य राज्यों से है. पुलिस ने धर्मांतरण करने वालों को चेतावनी दी है और आम लोगों से भी जानकारी देने की अपील की है.

GST Reforms पर सीएम रेखा गुप्ता का बयान, देश और दिल्ली दोनों को मिलेगा लाभ

नई दिल्ली  दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बृहस्पतिवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती देश के लिए एक बड़ा उपहार है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगी। बुधवार को जीएसटी परिषद की पहली बैठक में शामिल हुईं गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस कदम से देश में व्यापार और कारोबार मजबूत होगा। रेखा गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह देश के लिए बहुत बड़ी सौगात है… स्वास्थ्य बीमा और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की दरों में कटौती देश के करोड़ों लोगों के लिए बड़ी राहत है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आभारी हैं।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद ने जीएसटी की दरों में संशोधन को अपार समर्थन के साथ पारित कर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे व्यापार और कारोबार को बढ़ावा मिलेगा तथा यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था में मील का पत्थर साबित होगा। गुप्ता ने कहा, ‘‘ दिल्ली बहुत खुश है और मैं दिल्लीवासियों की ओर से प्रधानमंत्री को स्वास्थ्य बीमा तथा शिक्षा संबंधी वस्तुओं पर शून्य जीएसटी लगाने के लिए धन्यवाद देती हूं। नवीकरणीय ऊर्जा को समर्थन दिया गया है और इससे दिल्ली को काफी लाभ होगा क्योंकि हम सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रहे हैं।'' जीएसटी परिषद ने बुधवार को आम सहमति से माल एवं सेवा कर में व्यापक सुधारों को मंजूरी दी। इन सुधारों के तहत साबुन, साइकिल, टीवी और व्यक्तिगत स्वास्थ्य तथा जीवन बीमा पॉलिसी जैसे आम उपयोग के उत्पादों पर जीएसटी की दरें कम की गयी हैं। जीएसटी में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गयी है। कुछ चुनिंदा वस्तुओं जैसे महंगी कारें, तंबाकू और सिगरेट के लिए भी 40 प्रतिशत का विशेष स्लैब प्रस्तावित है।  

40 लाख के घर पर कितना होगा फायदा? सीमेंट GST में आई राहत से मिलेगी बचत

नई दिल्ली  त्योहारी सीज़न से ठीक पहले केंद्र सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में एक अहम फैसला लिया गया है जिससे घर बनाने वालों और रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार ने सीमेंट पर लगने वाले 28% जीएसटी को घटाकर अब 18% कर दिया है। यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा। सीमेंट सस्ता, तो मकान सस्ता! घर बनाने में सीमेंट की लागत सबसे बड़ी होती है और यही वजह है कि उस पर जीएसटी कटौती का सीधा असर जेब पर पड़ता है। आमतौर पर किसी भी घर के निर्माण में कुल लागत का करीब 20% खर्च सिर्फ सीमेंट पर होता है। मान लीजिए आप 40 लाख रुपये में मकान बनवा रहे हैं। इसमें से लगभग 8 लाख रुपये का खर्च सिर्फ सीमेंट पर आएगा। पहले इस 8 लाख रुपये पर 28% यानी 2.24 लाख रुपये GST देना होता था, जिससे सीमेंट की कुल लागत बढ़कर 10.24 लाख रुपये हो जाती थी।अब, जब सीमेंट पर जीएसटी 18% हो गया है, तो इस पर 1.44 लाख रुपये टैक्स लगेगा। यानी कुल सीमेंट की लागत घटकर 9.44 लाख रुपये हो जाएगी। इस तरह 80,000 रुपये की सीधी बचत होगी। कुल निर्माण लागत में 2-2.5% की गिरावट सीमेंट सस्ता होने का असर पूरे निर्माण बजट पर पड़ेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, जीएसटी कटौती से घर बनाने की कुल लागत में 2 से 2.5 प्रतिशत तक की कमी संभव है। अगर आप 40 लाख का मकान बना रहे हैं, तो आपको कुल मिलाकर 1 लाख रुपये तक की बचत हो सकती है। एक सीमेंट बैग पर होगी कितनी बचत?       पुरानी कीमत: यदि एक सीमेंट बैग की कीमत 350 रुपये है, तो 28% जीएसटी के साथ उसकी कीमत बनती थी 448 रुपये (350 + 98)     नई कीमत: अब 18% जीएसटी के साथ उसी बैग की कीमत होगी 413 रुपये (350 + 63)     कुल बचत प्रति बैग: 35 रुपये अगर आप मकान निर्माण के लिए हज़ारों बैग सीमेंट इस्तेमाल करते हैं, तो ये बचत लाखों में बदल सकती है।  रियल एस्टेट सेक्टर को भी राहत इस फैसले का असर केवल घर बनाने वालों पर ही नहीं, बल्कि पूरे रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर भी पड़ेगा। कम लागत में मकान बनेंगे, जिससे:     फ्लैट और मकान की कीमतें घट सकती हैं     डवलपर्स की लागत कम होगी     अधिक लोग घर खरीदने की सोचेंगे     निर्माण कार्यों में तेजी आएगी अगर रियल एस्टेट कंपनियां यह लाभ खरीदारों तक पहुंचाती हैं, तो मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी। सीमेंट कंपनियों को मिलेगा डिमांड बूस्ट सीमेंट सस्ता होने से उसकी डिमांड बढ़ने की संभावना भी तेज हो गई है। त्योहारी सीज़न और मानसून के बाद की निर्माण गतिविधियों में उछाल आने की उम्मीद है। कंपनियां प्रति बैग कीमत 10 से 30 रुपये तक घटा सकती हैं, जिससे बाज़ार में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।  

ढलती उम्र में भी पाएं ग्लोइंग स्किन: जानें आसान होममेड सीरम रेसिपी

अक्सर उम्र बढ़ने, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, गलत डाइट, स्ट्रेस, और पॉल्यूशन के कारण स्किन अपनी टाइटनेस और नेचुरल ग्लो खोने लगती है। जिससे स्किन ढीली, बेजान और झुर्रियों से भरने लगती है। ऐसे में केमिकल युक्त प्रॉडक्ट्स से बेहतर है कि आप घर पर बने नेचुरल सीरम का इस्तेमाल करें। होममेड सीरम में मौजूद नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और हाइड्रेटिंग एजेंट्स स्किन को डीप नरिशमेंट देते हैं, जिससे स्किन को टाइटनेस और ग्लो दोनों मिलते हैं। यहां कुछ बेहतरीन होममेड सीरम की जानकारी दी गई है, जो स्किन की टाइटनेस को बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं। तो आइए जानते हैं इनके बारे में- एलोवेरा और विटामिन ई सीरम एलोवेरा स्किन को हाइड्रेट और विटामिन-ई फ्री रेडिकल्स से बचाता है। इसलिए दो चम्मच एलोवेरा जेल में दो विटामिन ई कैप्सूल मिलाकर रात में सोने से पहले चेहरे पर लगाएं। ग्रीन टी और एलोवेरा सीरम ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन को डिटॉक्स कर और कसाव प्रदान करते हैं। ठंडी ग्रीन टी में एक चम्मच एलोवेरा जेल मिलाकर चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करें। रोज वॉटर और ग्लिसरीन सीरम रोज वॉटर स्किन को टोन और ग्लिसरीन नमी बनाए रखने में मदद करता है। दो चम्मच रोज वॉटर में एक चम्मच ग्लिसरीन मिलाकर हल्के हाथों से लगाएं। यह सीरम स्किन को सॉफ्ट, टाइट और ग्लोइंग बनाता है। हयालूरोनिक एसिड और गुलाबजल सीरम हयालूरोनिक एसिड स्किन को हाइड्रेटेड और बनाए रखता है।एक चम्मच हयालूरोनिक एसिड में दो चम्मच गुलाबजल मिलाकर इसे चेहरे पर लगाएं।यह स्किन की टाइटनेस को बनाए रखने में सहायक है। एलोवेरा और शहद सीरम एलोवेरा और शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो स्किन को हाइड्रेट और टाइट बनाते हैं।एक चम्मच एलोवेरा में एक चम्मच शहद मिलाकर लगाएं। यह स्किन की लोच बढ़ाकर उसे ग्लोइंग बनाता है। नींबू और शहद सीरम नींबू में मौजूद विटामिन सी और शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण स्किन को पोषण और कसाव प्रदान करते हैं।एक चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं। चंदन और गुलाबजल सीरम चंदन में स्किन को ठंडक और कसावट देने वाले गुण होते हैं।एक चम्मच चंदन पाउडर में दो चम्मच गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाएं। नारियल तेल और विटामिन ई सीरम नारियल तेल में विटामिन ई मिलाकर चेहरे पर हल्की मसाज करें। यह सीरम स्किन को पोषण और कसावट दोनों प्रदान करता है।

बीजेपी गठबंधन टूटा: 2026 से पहले राजनीतिक हलचल तेज

तमिलनाडु  तमिलनाडु की राजनीति में आगामी 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से दो प्रमुख सहयोगियों ने किनारा कर लिया है।    टी.टी.वी. दिनाकरन की पार्टी ने तोड़ा एनडीए से नाता अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (AMMK) के महासचिव टी.टी.वी. दिनाकरन ने आधिकारिक रूप से एलान किया कि उनकी पार्टी अब एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के बाद लिया गया है। दिनाकरन ने साफ किया कि 2024 लोकसभा चुनावों में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का समर्थन किया था, लेकिन आगामी 2026 विधानसभा चुनावों के लिए वह नया गठबंधन बनाने या अकेले चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं, जिसका एलान दिसंबर 2025 में किया जाएगा। NDA से अलग हुए ओ. पन्नीरसेल्वम भी दिनाकरन के अलावा तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम (OPS) ने भी भाजपा गठबंधन से दूरी बना ली है। चेन्नई के अलवरपेट में आयोजित अपने समर्थकों की बैठक में उन्होंने एनडीए से अलग होने का ऐलान किया और साफ किया कि वर्तमान में उनका समूह किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन में नहीं है। बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि पन्नीरसेल्वम जल्द ही राज्यव्यापी दौरे पर निकलेंगे, ताकि अपने राजनीतिक एजेंडे को जनता के सामने रख सकें। 2026 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरणों में बदलाव तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले प्रदेश की राजनीति में गठबंधनों का पुनर्गठन जोरों पर है। वर्तमान में राज्य की सत्ता द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के पास है और मुख्य विपक्ष में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) और भाजपा का गठबंधन है। हालांकि अब AMMK और OPS के एनडीए से हटने के बाद भाजपा के लिए दक्षिण भारत में अपनी राजनीतिक पकड़ बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।   लोकसभा और विधानसभा में AMMK की स्थिति टी.टी.वी. दिनाकरन की पार्टी AMMK का फिलहाल लोकसभा या विधानसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। दिनाकरन स्वयं कभी AIADMK के प्रभावशाली नेता रहे हैं और संसद (लोकसभा व राज्यसभा) के सदस्य भी रह चुके हैं। 2018 में AIADMK से निष्कासित होने के बाद उन्होंने AMMK की स्थापना की थी। हालांकि फिलहाल उनकी पार्टी की कोई संसदीय ताकत नहीं है, लेकिन तमिलनाडु के कुछ क्षेत्रों में उनका प्रभाव अब भी बना हुआ है, खासकर रामनाथपुरम और मदुरै जैसे इलाकों में।  

मेथी का पानी है सेहत का खजाना: शुगर कंट्रोल से लेकर वजन घटाने तक बेहद कारगर

क्या आपकी सुबह की शुरुआत चाय या कॉफी से होती है? अगर हां, तो जरा ठहरिए और यह आर्टिकल पूरा पढ़ लीजिए। जी हां, आपके किचन में एक ऐसा जादुई नुस्खा छिपा है जो आपकी सुबह की सबसे अच्छी शुरुआत बन सकता है और साथ ही आपको कई बीमारियों से भी बचा सकता है। हम बात कर रहे हैं मेथी दाना की। यह छोटा-सा सुनहरा मसाला सिर्फ सब्जियों का स्वाद नहीं बढ़ाता, बल्कि रोज सुबह खाली पेट इसका पानी पीने से आप मोटापे और शुगर जैसी बड़ी समस्याओं को जड़ से खत्म कर सकते हैं। आइए, आपको बताते हैं रोज खाली पेट इसे पीने से 5 कमाल के फायदे। क्यों फायदेमंद है मेथी का पानी? मेथी के दानों में भरपूर मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसमें मौजूद कुछ खास कंपाउंड्स आपके शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा कर देते हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर अचानक नहीं बढ़ता। इसके अलावा, मेथी में गेलेक्टोमैनन नामक घुलनशील फाइबर होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है और आपको बार-बार भूख लगने से रोकता है। मेथी का पानी पीने के फायदे     शुगर करे कंट्रोल: मेथी का पानी डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाता है और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मदद करता है।     वजन घटाने में मददगार: जैसा कि हमने बताया, मेथी का फाइबर भूख को कम करता है और मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे फैट बर्निंग की प्रक्रिया में तेजी आती है।     पाचन तंत्र को मजबूत बनाए: यह पानी कब्ज, एसिडिटी और गैस जैसी पेट की समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है। इसलिए, मानकर चलिए कि रोज बासी मुंह इसे पीने से आपका डाइजेशन पहले से काफी बेहतर हो जाएगा।     हार्ट हेल्थ को सुधारे: नियमित रूप से सुबह मेथी का पानी पीने से खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और हार्ट को हेल्दी रखने में काफी मदद मिल सकती है।     त्वचा और बालों के लिए: मेथी के एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को चमकदार और बालों को मजबूत बनाने में भी मददगार होते हैं। कैसे बनाएं मेथी का पानी? इसे बनाना बेहद आसान है। बस इन दो सरल तरीकों को अपनाना होगा:     पहला तरीका: रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी दाना भिगो दें। सुबह उठकर इस पानी को छानकर खाली पेट पी लें। आप चाहें तो भीगे हुए मेथी दानों को चबाकर भी खा सकते हैं।     दूसरा तरीका: मेथी दानों को पानी में उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर ठंडा होने के बाद पिएं।