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रोड और एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़े स्तर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही योगी सरकार

– राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क दोगुना से ज्यादा बढ़ा – सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे के साथ यूपी बनेगा लॉजिस्टिक हब – 2047 तक हर मंडल को एक विश्वस्तरीय एयरपोर्ट देने का मुख्यमंत्री का संकल्प – पीएमजीएसवाई से गांव-गांव तक पहुंची सड़क – जेवर एयरपोर्ट बनेगा एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश 'विकसित यूपी @2047' के विजन की ओर बढ़ते हुए परिवहन और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव का साक्षी बन रहा है। पिछले साढ़े आठ वर्षों में जिस तेजी से सड़क, एक्सप्रेसवे और एविएशन सेक्टर में प्रगति हुई है, उसने न केवल प्रदेश की रफ्तार बढ़ाई है बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश और विकास का नया केंद्र बना दिया है। 2017 से पहले की स्थिति : धीमी प्रगति, सीमित संसाधन वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में सड़क और एविएशन अवसंरचना विकास की रफ्तार बेहद धीमी थी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत सड़क लंबाई 2013-14 में 51,549 किलोमीटर से बढ़कर 2016-17 में मात्र 56,846 किलोमीटर हो सकी। हवाई कनेक्टिविटी भी सीमित थी और 17 वर्षों (1999 से 2016 तक) में विमान यात्रियों की संख्या में केवल 55 लाख की वृद्धि हुई थी। प्रदेश में उस समय मात्र तीन एक्सप्रेसवे और गिने-चुने हवाई अड्डे संचालित थे। साढ़े आठ साल में बड़ा बदलाव : जमीन से आकाश तक नई उड़ान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 2017 के बाद सड़क, हवाई और जल परिवहन में समन्वित दृष्टिकोण के साथ ठोस कदम उठाए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क लंबाई 2024-25 तक 77,425 किलोमीटर तक पहुंच गई। वहीं, एक्सप्रेसवे नेटवर्क में उत्तर प्रदेश ने देश में सबसे आगे निकलते हुए 22 एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने के महाअभियान में जुटी हुई है। एविएशन सेक्टर में भी यूपी ने छलांग लगाई और 12 घरेलू तथा 4 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित हो चुके। एक्सप्रेसवे प्रदेश बना उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश अब 'एक्सप्रेसवे प्रदेश' के रूप में जाना जा रहा है। 1949-50 में जहां कोई एक्सप्रेसवे नहीं था, वहीं 2016-17 तक यह संख्या केवल 3 तक पहुंच सकी थी। लेकिन 2025-26 तक यह बढ़कर 22 हो गई है, इसमें संचालित और निर्माणाधीन दोनों शामिल हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट न केवल आंतरिक कनेक्टिविटी बढ़ा रहे हैं, बल्कि लॉजिस्टिक हब के रूप में यूपी की स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। प्रमुख निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे नेटवर्क को और व्यापक बनाने के लिए कई नए प्रोजेक्ट शुरू हो गये हैं। इनमें गंगा एक्सप्रेसवे के साथ ही चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे, लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे, फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे, जेवर लिंक एक्सप्रेसवे, झांसी लिंक एक्सप्रेसवे, विंध्य एक्सप्रेसवे, विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे, मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे (मुजफ्फरनगर के रास्ते) और चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद प्रदेश का सड़क नेटवर्क न केवल और मजबूत होगा बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी कनेक्टिविटी बेहतर होगी। राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का विस्तार 2004-05 में उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क 5,599 किलोमीटर था, जो 2023-24 तक बढ़कर 12,292 किलोमीटर हो गया। इस दोगुनी से अधिक वृद्धि ने राज्य के भीतर व्यापार, माल ढुलाई और औद्योगिक विकास को नई गति दी है। इससे न केवल रसद लागत कम हुई है, बल्कि यूपी उत्तर भारत में एक रणनीतिक ट्रांजिट हब बन गया है। हवाई कनेक्टिविटी में आई क्रांति 1950 में जहां प्रदेश में एक भी हवाई अड्डा नहीं था, वहीं 2025 तक इनकी संख्या 16 (पांच निर्माणाधीन सहित) हो चुकी है। इसमें 12 घरेलू और 4 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट शामिल हैं। विशेष रूप से जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आने वाले समय में एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में शुमार होगा और कार्गो तथा ट्रांजिट हब के रूप में उत्तर प्रदेश को नई पहचान देगा। विमान यात्रियों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि 2017 से पहले 17 वर्षों में हवाई यात्रियों की संख्या में 55 लाख की वृद्धि हुई थी, जबकि पिछले आठ वर्षों में यह वृद्धि 82 लाख तक पहुंच गई। 2025 में विमान यात्रियों की संख्या 1.42 करोड़ तक अनुमानित है। इस तेजी ने यूपी को विमानन क्षेत्र में नई उड़ान दी है। भविष्य की राह 2030 तक : कनेक्टिविटी का महाजाल प्रदेश में पूरब से पश्चिम की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव के बाद अब योगी सरकार 2030 तक उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी का विशाल नेटवर्क खड़ा करने की दिशा में काम कर रही है। सभी जिला मुख्यालयों को एक्सप्रेसवे से जोड़ने, नेपाल सीमा पर बहुउद्देशीय ट्रांजिट हब विकसित करने और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर विश्वस्तरीय रोपवे निर्माण की योजना है। विजन 2047 : एक मंडल-एक एयरपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रमुख विजन है कि 2047 तक उत्तर प्रदेश में हर मंडल का अपना एक विश्वस्तरीय एयरपोर्ट हो। सभी 75 जिलों को एक्सप्रेसवे और एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही ग्रीन स्मार्ट हाईवे, एयर कार्गो हब, हेलिपोर्ट और आधुनिक एविएशन इकोसिस्टम से उत्तर प्रदेश को एक ग्लोबल कनेक्टिविटी सेंटर के रूप में स्थापित करने की योजना है।

इजराइल-गाजा संघर्ष तेज़, नेतन्याहू ने जताया अमेरिका पर भरोसा, कतर ने उठाई सज़ा देने की मांग

यरूशलम: इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने  को कहा कि शीर्ष अमेरिकी राजनयिक मार्को रुबियो की इजराइल यात्रा ने सहयोगियों के बीच संबंधों की मजबूती को दिखाया है. यह बात कतर में हमास नेताओं पर हुए अभूतपूर्व इजराइली हमले की व्यापक आलोचना के कुछ दिनों बाद कही गई है. गाजा युद्ध विराम वार्ता में अमेरिकी सहयोगी और प्रमुख मध्यस्थ पर हुए हमले ने अरब और मुस्लिम नेताओं को दोहा में एकजुटता दिखाने के लिए इकट्ठा होने के लिए प्रेरित किया है. यहां कतर के प्रधानमंत्री ने दुनिया से "दोहरे मानदंडों" को त्यागने और इजराइल को जवाबदेह ठहराने का आग्रह किया. अमेरिकी नेता डोनाल्ड ट्रंप ने हमले के लिए इजराइल की कड़ी आलोचना की, और रुबियो ने वॉशिंगटन रवाना होने से पहले पत्रकारों के सामने स्वीकार किया कि राष्ट्रपति इससे "खुश नहीं" थे. साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि इस हमले से "इजराइलियों के साथ हमारे संबंधों की प्रकृति में कोई बदलाव नहीं आएगा." फिर भी, इस हमले ने गाजा में युद्ध विराम सुनिश्चित करने के प्रयासों पर नए सिरे से दबाव डाला है, और रुबियो ने स्वीकार किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका और इजराइल को इसके प्रभाव के बारे में "बात करनी होगी." नेतन्याहू ने इस अभियान का बचाव किया है. इसमें हमास के अधिकारी एक नए अमेरिकी युद्ध विराम प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए थे. साथ ही ये कहा कि समूह के नेताओं को मारने से गाजा युद्ध को समाप्त करने में "मुख्य बाधा" दूर हो जाएगी. एएफपी संवाददाता के अनुसार,  को रुबियो ने नेतन्याहू और इजराइल में अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी के साथ यरुशलम की पवित्र पश्चिमी दीवार पर प्रार्थना की. नेतन्याहू ने बाद में कहा कि इस यात्रा से पता चलता है कि इजराइली-अमेरिकी गठबंधन "पश्चिमी दीवार के उन पत्थरों जितना ही मजबूत और टिकाऊ है जिन्हें हमने अभी छुआ है." उन्होंने आगे कहा कि रुबियो और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में, "यह गठबंधन पहले कभी इतना मजबूत नहीं रहा." रुबियो की नेतन्याहू सहित अधिकारियों के साथ मुख्य बैठकें आज सोमवार को होंगी, उसके बाद मंगलवार को रवाना होंगे. उनकी यह यात्रा  कतर में अरब और मुस्लिम नेताओं के आपातकालीन शिखर सम्मेलन के साथ मेल खाती है, जिसके प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने  को एक तैयारी बैठक को संबोधित किया था. उन्होंने कहा, "समय आ गया है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दोहरे मापदंड अपनाना बंद करे और इज़राइल को उसके द्वारा किए गए सभी अपराधों के लिए दंडित करे." उन्होंने आगे कहा कि गाजा में इजराइल का "विनाश का युद्ध" सफल नहीं होगा. "इजराइल को जारी रखने के लिए जो चीज प्रोत्साहित कर रही है… वह है उसकी चुप्पी, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की उसे जवाबदेह ठहराने में असमर्थता." बढ़ती अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बावजूद, इजराइल ने हाल के दिनों में इस क्षेत्र के सबसे बड़े शहरी केंद्र, गाजा शहर पर कब्जा करने के प्रयास तेज कर दिए हैं. उसने निवासियों को शहर खाली करने के लिए कहा है और कई ऊंची इमारतों को उड़ा दिया है, जिनका इस्तेमाल हमास कर रहा है. अगस्त के अंत तक, संयुक्त राष्ट्र का अनुमान था कि शहर और उसके आसपास के इलाकों में लगभग 10 लाख लोग रह रहे थे, जहां उसने अकाल की घोषणा की है. इसके लिए इजराइली सहायता प्रतिबंधों को जिम्मेदार ठहराया है. एएफपी की तस्वीरों में वाहनों और पैदल लोगों का एक समूह नष्ट इमारतों के वीरान परिदृश्य से होते हुए गाजा शहर से दक्षिण की ओर भागता हुआ दिखाई दे रहा है. गाजा शहर की निवासी 20 वर्षीय सारा अबू रमदान ने कहा, "हम लगातार गोलाबारी और शक्तिशाली विस्फोटों के बीच लगातार आतंक में जी रहे हैं. इन रॉकेटों में इतनी बड़ी मारक क्षमता क्यों है? उनका लक्ष्य क्या है? हम यहां मर रहे हैं, हमारे पास शरण लेने के लिए कोई जगह नहीं है… और दुनिया बस देख रही है." गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि  सुबह से इस क्षेत्र के आसपास इज़राइली हमलों में कम से कम 45 लोग मारे गए हैं. गाजा में मीडिया पर प्रतिबंध और कई इलाकों तक पहुंचने में कठिनाइयों के कारण, एएफपी नागरिक सुरक्षा एजेंसी या इजराइली सेना द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरणों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर पा रहा है. कतर के पीएम की दुनिया से गुहार, इजराइल को दंडित करें, डबल स्टैंडर्ड छोड़ें कतर के प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से "दोहरे मानदंडों" को खारिज करने और इजराइल को जवाबदेह ठहराने का आग्रह किया. यह बात उन्होंने दोहा में हमास सदस्यों पर अभूतपूर्व इजराइली हमले के जवाब में बुलाई गई एक आपातकालीन शिखर बैठक की पूर्व संध्या पर कही. अमेरिका के एक सहयोगी द्वारा दूसरे देश की धरती पर किए गए इस घातक हमले ने आलोचनाओं की लहर पैदा कर दी. इसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फटकार भी शामिल है, जिन्होंने समर्थन जताने के लिए विदेश मंत्री मार्को रुबियो को इजराइल भेजा. सोमवार को अरब और इस्लामी नेताओं की आपातकालीन बैठक खाड़ी देशों के बीच एकता का एक स्पष्ट प्रदर्शन होगी और इजराइल पर और दबाव बनाने की कोशिश करेगी, जो पहले से ही गाजा में युद्ध और मानवीय संकट को समाप्त करने के लिए बढ़ती मांगों का सामना कर रहा है. कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने रविवार को एक तैयारी बैठक में कहा, "समय आ गया है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दोहरे मापदंड अपनाना बंद करे और इजराइल को उसके द्वारा किए गए सभी अपराधों के लिए दंडित करे." उन्होंने आगे कहा कि गाजा में इजराइल का "विनाश का युद्ध" सफल नहीं होगा. "इजराइल को जारी रखने के लिए जो चीज प्रोत्साहित कर रही है… वह है उसकी चुप्पी, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की उसे जवाबदेह ठहराने में असमर्थता." सोमवार के शिखर सम्मेलन में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन, इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी और तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन के शामिल होने की उम्मीद है. फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास रविवार को दोहा पहुंचे. यह देखना बाकी है कि सऊदी अरब के वास्तविक शासक, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इस बैठक में शामिल होंगे या नहीं, हालांकि उन्होंने इस हफ़्ते की शुरुआत में पड़ोसी देशों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए कतर का दौरा किया था. कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी के अनुसार, … Read more

मंत्री राजवाड़े ने कोरिया जिले में योजनाओं एवं जनकल्याणकारी कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की

रायपुर, महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सरगुजा संभाग प्रवास के दौरान कोरिया जिले के बैकुंठपुर कलेक्टरेट परिसर में विभागीय समीक्षा बैठक ली। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा समाज कल्याण विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और जनकल्याणकारी कार्यों की प्रगति की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। मंत्री राजवाड़े ने अधिकारियों को योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन की प्रत्येक योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों तक समय पर पहुँचना चाहिए, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरान विशेष रूप से महिला सुरक्षा, पोषण आहार वितरण, आंगनबाड़ी सेवाओं, मातृ-शिशु स्वास्थ्य योजनाओं, दिव्यांग कल्याण, नशा मुक्ति अभियान तथा वरिष्ठजन कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई। मंत्री ने अधिकारियों से इन योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी ली और कहा कि इनका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाना और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना है। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि आंगनबाड़ी केंद्रों के नियमित संचालन, बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण, पोषण आहार की गुणवत्ता तथा समय पर वितरण की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए। साथ ही सखी वन स्टॉप सेंटर, पुनर्वास गृह, वृद्धाश्रम एवं विशेष बच्चों के लिए संचालित विद्यालयों की गतिविधियों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि राज्य सरकार जनहित से जुड़े मुद्दों को सर्वाेच्च प्राथमिकता देती है। योजनाओं का लाभ यदि समय पर और पारदर्शी तरीके से पहुँचेगा तो ही उनका वास्तविक उद्देश्य पूरा होगा। उन्होंने अधिकारियों से टीम भावना के साथ कार्य कर जिले को महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण के क्षेत्र में आदर्श मॉडल बनाने का आह्वान किया।

किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं ये 4 चीज़ें, डॉक्टरों ने दी सतर्क रहने की सलाह

इंदौर शहर में हुई इंडियन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी की नेशनल कॉन्फ्रेंस हुई। इसमें डॉक्टरों ने नमक चीनी और बोरिंग के पानी को लेकर हिदायत दी। उन्होंने साफ कहा कि रोजाना इस्तेमाल होने वाला नमक, चीनी, मैदा और कई इलाकों में पीने को मिल रहा बोरिंग का पानी किडनी की बीमारियों का बड़ा कारण बन रहा है। तीन दिनों तक चली इस कॉन्फ्रेंस में देशभर से आए 300 से ज्यादा किडनी विशेषज्ञों ने बढ़ती किडनी की बीमारियों पर चर्चा की । विशेषज्ञों ने कहा कि दूषित पानी और गलत खान-पान की आदतें, मजदूर वर्ग और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा घातक साबित हो रही हैं। बेहतर इलाज पर फोकस नासिक से आए नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. देओदत्त चाफेकर ने बताया कि इस बार की कॉन्फ्रेंस में हाई बीपी, डायलिसिस प्रबंधन और छोटे शहरों तक बेहतर इलाज पहुंचाने पर फोकस रहा। किडनी ट्रांसप्लांट से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। पानी की शुद्धता पर ध्यान देने को कहा कॉन्फ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. प्रदीप सालगिया ने कहा कि कई किडनी बीमारियां अब भी रहस्य बनी हुई हैं। खासतौर पर गरीब तबके और मजदूरों में पाई जाने वाली सीकेडीयू यानी क्रॉनिक किडनी डिजीज ऑफ अननोन ओरिजिन को लेकर कई शोध चल रहे हैं। यह बीमारी उन लोगों में ज्यादा देखी जा रही है, जो दूषित पानी पीते हैं, धूप में लंबे समय तक काम करते हैं और पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते। ऐसे लोगों को बार-बार समझाया जा रहा है कि वे दिनभर काम के दौरान साफ पानी का इस्तेमाल जरूर करें। बीपी की नियमित जांच करें ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. राजेश भराणी ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स भी ऑनलाइन जुड़े। उन्होंने कहा कि बीपी और शुगर की नियमित जांच, हेल्दी लाइफस्टाइल और साफ पानी का सेवन बीमारियों से बचाव के सबसे आसान तरीके हैं। बोरिंग के पानी का नुकसान बताया बोरिंग के पानी को लेकर डॉक्टरों ने गंभीर चिंता जताई। कई रिपोर्ट्स में पाया गया है कि बोरिंग का पानी जमीन की गहराई से आता है और उसमें फ्लोराइड व अन्य केमिकल की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी को सीधा नुकसान पहुंचाते हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी कि मजदूर वर्ग और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग हमेशा पानी की शुद्धता पर ध्यान दें। नमक से किडनी को सीधा नुकसान किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर मुंबई के डॉ. भरत शाह ने कहा कि अगर मरीज को समय पर इलाज और नई तकनीक का लाभ मिले तो ट्रांसप्लांट की लागत लंबे समय में सस्ती साबित हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज नमक की मात्रा कम करें और जीवनशैली में बदलाव लाएं, क्योंकि हाई बीपी किडनी को सीधा नुकसान पहुंचाता है। तमिलनाडु के डॉ. गोपालकृष्णन ने अंगदान की जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया, वहीं मुंबई की डॉ. श्रुति टापियावाला ने कहा कि चीनी, नमक और मैदा से दूरी और संतुलित खानपान ही किडनी को स्वस्थ रखने का सबसे सरल तरीका है।

बाढ़ पीड़ितों के बीच राहुल गांधी का सानिध्य, बाबा बुड्ढा साहिब गुरुद्वारे में श्रद्धांजलि

चंडीगढ़ लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज पंजाब दाैरे पर हैं। वे प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। राहुल गांधी अमृतसर के श्री गुरु रामदास इंटरनेश्नल एयरपोर्ट पर पहुंचे। वहां से अजनाला, रमदास के गांव में जाकर लोगों से मिले। राहुल गांधी रमदास स्थित गुरुद्वारा श्री समाध बाबा बुड्ढा जी साहिब में भी नतमस्तक हुए। इसके बाद वह गुरदासपुर गए और वहां के हालातों का जायजा लिया। इस दाैरान उन्होंने ट्रैक्टर की सवारी की। राहुल गांधी हवाई सर्वे के बजाय सीधे गांव-गांव जाकर लोगों से रुबरु हो रहे हैं। बिट्टू ने कसा तंज, बोले, बाढ़ के समय मना रहे थे छुट्टियां राहुल गांधी के पंजाब दौरे पर लुधियाना के पूर्व सांसद और राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने तंज कसा है। बिट्टू ने सोशल मीडिया पर लिखा कि राहुल गांधी पंजाब आ रहे हैं। जब उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव हो रहे थे, तब वह छुट्टियों का आनंद लेने में व्यस्त थे। जब पंजाब डूब रहा था और लोग रो रहे थे तो वह मलेशिया में ऐश कर रहे थे। यह दौरे लोगों का दर्द मिटाने के लिए नहीं, सियासी स्टेज पर ड्रामेबाजी करने के लिए लग रहे हैं।

कोर्ट की चेतावनी: गड़बड़ी मिलने पर पूरे मामले की प्रक्रिया रद्द, अंतिम दलीलों की तारीख की तय

नई दिल्ली/ बिहार सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया की वैधता पर अंतिम दलीलें सुनने के लिए 7 अक्तूबर की तारीख तय की है। कोर्ट ने कहा कि हम मानते हैं कि एक संवैधानिक संस्था भारत निर्वाचन आयोग बिहार एसआईआर प्रक्रिया में कानून और अनिवार्य नियमों का पालन कर रहा है। अगर हमें बिहार एसआईआर के किसी भी चरण में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से अपनाई गई कार्यप्रणाली में कोई अवैधता मिलती है, तो पूरी प्रक्रिया रद्द कर दी जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि बिहार एसआईआर पर टुकड़ों में राय नहीं दी जा सकती, अंतिम फैसला पूरे भारत के लिए लागू होगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया के खिलाफ मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वह यह मानकर चल रही है कि एक संवैधानिक प्राधिकारी होने के नाते चुनाव आयोग ने एसआईआर के संचालन में कानून और अनिवार्य नियमों का पालन किया है। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर कोई भी विस्तृत राय देने से इनकार कर दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उसके अंतिम फैसले का एसआईआर प्रक्रिया पर अखिल भारतीय प्रभाव पड़ेगा। 'देश भर में प्रक्रिया करने से नहीं रोक सकते' पीठ ने स्पष्ट किया कि वह चुनाव आयोग को देश भर में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए इसी तरह की प्रक्रिया करने से नहीं रोक सकती। हालांकि, पीठ ने बिहार एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ याचिकाकर्ताओं को 7 अक्तूबर को अखिल भारतीय एसआईआर पर भी बहस करने की अनुमति दे दी। एक अन्य याचिका पर नोटिस इस बीच शीर्ष अदालत ने 8 सितंबर के उस आदेश को वापस लेने की मांग वाली एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें चुनाव आयोग को बिहार एसआईआर में आधार कार्ड को 12वें निर्धारित दस्तावेज के रूप में शामिल करने का निर्देश दिया गया था। 8 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा और निर्वाचन आयोग मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए मतदाता की ओर से प्रस्तुत किए जाने पर इसकी वास्तविकता का पता लगा सकता है।

झारखंड पुलिस अलर्ट मोड में, पर्व के दौरान अधिकारियों और कर्मियों की छुट्टियां रद्द

रांची झारखंड में दुर्गा पूजा का त्योहार सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने को लेकर राज्य की पुलिस खास सुरक्षा सतर्कता बरत रही है। राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इस संदर्भ में महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां 20 सितंबर से 4 अक्टूबर तक रद्द कर दी हैं। यह कदम त्योहार के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए उठाया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य पुलिस मुख्यालय ने आदेश दिया है कि इस अवधि के दौरान केवल विशेष परिस्थितियों में ही संबंधित अधिकारी की अनुमति से छुट्टियां दी जाएंगी। इसके अलावा, जोनल आईजी, रेंज के डीआईजी, जिले के एसपी और कमांडेंट जैसे वरिष्ठ अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि हर जिले में पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहे। इस तैयारी का मकसद यह है कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत जवाब दिया जा सके और शांति भंग न हो। दुर्गा पूजा के समय राज्य के सभी जिलों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी होगी, ताकि भक्त श्रद्धा से त्योहार मना सकें। पुलिस विभाग ने सभी स्तरों के अधिकारियों और कर्मियों को तत्पर रहने का निर्देश दिया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वे तुरंत ड्यूटी पर लौट सकें। वहीं राज्य सरकार की ओर से भी सभी संबंधित विभागों को सहयोग के लिए निर्देश दिए गए हैं। पुलिस की सतकर्ता और प्रशासनिक तैयारी के चलते उम्मीद है कि इस बार दुर्गा पूजा पूरी तरह से सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से मनाई जाएगी।  

वाराणसी-लखनऊ हाईवे पर छत्तीसगढ़ के 4 श्रद्धालुओं की मौत, CM साय ने जताया शोक, घायलों के इलाज और मृतकों के पार्थिव शरीर घर पहुंचाने के दिए निर्देश

रायपुर उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में वाराणसी-लखनऊ राजमार्ग पर आज सुबह भीषण बस दुर्घटना में छत्तीसगढ़ के चार श्रद्धालुओं की मौत और छह लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की घटना पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा – वाराणसी-लखनऊ राजमार्ग पर हुई बस दुर्घटना में कांकेर और राजनांदगांव जिले के चार श्रद्धालुओं के असमय निधन व छह के गंभीर रूप से घायल होने का हृदय विदारक समाचार प्राप्त हुआ। प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को यह अपार दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहयोग, घायलों का समुचित इलाज और मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।     वाराणसी-लखनऊ राजमार्ग पर हुई बस दुर्घटना में कांकेर और राजनांदगांव जिले के चार श्रद्धालुओं के असमय निधन व छह के गंभीर रूप से घायल होने का हृदय विदारक समाचार प्राप्त हुआ। ओवरटेक के दौरान ट्रेलर ट्रक से भिड़ी बस अयोध्या से दर्शन कर लौट रही छत्तीसगढ़ के कांकेर और राजनांदगांव जिले की डबल डेकर टूरिस्ट बस सीहीपुर क्रॉसिंग के पास ओवरटेकिंग के दौरान ट्रक से टकरा गई। हादसे में चार श्रद्धालुओं की मौके पर मौत हो गई, जबकि छह यात्री गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों की पहचान कांकेर जिले की आशा भवल, गुलाब, बस चालक दीपक और एक अन्य अज्ञात यात्री के रूप में हुई है। सभी श्रद्धालु अयोध्या दर्शन के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर जाने के लिए रवाना हुए थे। हादसे वक्त बस में कुल 50 यात्री सवार थे। दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायलों को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया। मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। वहीं, अस्पताल में भर्ती घायलों का उपचार जारी है।

पूर्णिया को बड़ी सौगात! प्रधानमंत्री मोदी ने एयरपोर्ट टर्मिनल का शुभारंभ कर शुरू की विकास योजनाओं की उड़ान

पूर्णिया बिहार में आने वाले कुछ सप्ताह में विधानसभा के चुनाव के लिए चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर सकता है. चुनाव के तारीखों के ऐलान के पहले राजनीतिक दल जमकर मैदान में पसीना बहा रहा हैं. रैलियों से लेकर जनसभाओं का आयोजन किया जा रहा है. चुनावी वादों का भी ऐलान किया जा रहा है. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के पूर्णिया पहुंचे. यहां उन्होंने नए सिविल एन्क्लेव के अस्थायी टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया है. यह नया टर्मिनल एयरपोर्ट की सुविधाओं और क्षमता में इजाफा करेगा और इलाके के विकास और इंटरकनेक्टिविटी में मदद करेगा.  पूर्णिया एयरपोर्ट बिहार का चौथा कमर्शियल बन गया है. इस एयरपोर्ट के शुभारंभ से सीमांचल क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा. आस-पास के जिलों के लोगों को हवाई सेवा का लाभ मिलेगा.  पटना, गया और दरभंगा के बाद पूर्णिया बिहार का चौथा एयरपोर्ट बन गया है, जहां से अब लोग देश के दूसरे हिस्सों में उड़ान भर सकेंगे. पूर्णिया एयरपोर्ट से फिलहाल कोलकाता और अहमदाबाद के लिए डायरेक्ट फ्लाइट मिलेगी. इंडिगो एयरलाइन की कोलकाता के लिए फ्लाइट हफ्ते में तीन दिन मिलेगी.  एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू भी साथ मौजूद रहे. विकास और रोजगार सृजन को मिलेगी नई गति प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान' के तहत देश के छोटे शहरों को हवाई नेटवर्क से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। पूर्णिया एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बेहतर हवाई कनेक्टिविटी से बिहार के सीमांचल और कोसी क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक परिद्दश्य बदलेगा। पूर्णिया एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भवन न केवल सीमांचल क्षेत्र की दशकों पुरानी मांग को पूरा करेगा, बल्कि बिहार की हवाई कनेक्टिविटी को एक नई ऊँचाई भी देगा। इससे जहां स्थानीय लोगों की सुविधा बढ़ेगी, वहीं प्रदेश के विकास और रोजगार सृजन को भी नई गति मिलेगी। इस विमान सेवा का लाभ पूर्णिया प्रमंडल समेत आसपास के करीब एक दर्जन जिलों को मिलेगा।   पूर्णिया में अब बिहार का चौथा एयरपोर्ट पटना, गया, दरभंगा के बाद पूर्णिया अब बिहार का चौथा एयरपोर्ट है जहां से कामर्शियल फ्लाइट की सेवा शुरू हुई। इंडिगो एयरलाइन्स अहमदाबाद और पूर्णिया के बीच सप्ताह में तीन दिन उड़ानें भरेगा जिससे गुजरात जैसे प्रमुख औद्योगिक शहर से सीधे जुड़ने का अवसर मिलेगा। पूर्णिया पूर्वी बिहार का सबसे महत्वपूर्ण शहर है और इसके आसपास के शहरों सहरसा, मधेपुरा , सुपौल, अररिया, कटिहार, भागलपुर, नवगछिया, फारबिसगंज के अलावा नेपाल और बंगाल के कई शहरों से इसका सम्पर्क है। छात्रों और उद्यमियों को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेंगे बेहतर अवसर  पूर्णिया हवाई अड्डे के नवनिर्मित अंतरिम टर्मिनल भवन के शुरू होने से इस क्षेत्र में हवाई सेवाओं का विस्तार होगा। यह टर्मिनल आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है और इसकी नई इमारत बनाने के बाद यात्री प्रबंधन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। अब विमानो कि आवाजाही शुरू होने और उनकी संख्या में वृद्धि के साथ यात्रियों को दिल्ली, पटना और अन्य बड़े शहरों के लिए सीधी और नियमित हवाई सेवाएं मिलने लगेंगी। पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, सुपौल और सहरसा जैसे जिलों के लोग अब हवाई सेवाओं का लाभ अपने नजदीकी शहर से उठा सकेंगे। अभी तक इस क्षेत्र के यात्रियों को पटना या बागडोगरा तक जाना पड़ता था, लेकिन इस टर्मिनल के शुरू होने से यात्रियों के समय और लागत दोनों की बचत होगी। पूर्णिया और आसपास का इलाका व्यापार, शिक्षा और कृषि की द्दष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। हवाई संपर्क बढ़ने से यहां निवेश, उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यहां के छात्रों और उद्यमियों को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। 

मुख्यमंत्री ने की घोषणा: मध्यप्रदेश में बनेगा इंजीनियर्स रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंजीनियरों को बताया देश का शक्ति स्तंभ

भोपाल   इंजीनियरिंग डे के अवसर पर सोमवार को राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कंवेंशन सेंटर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लोक निर्माण सर्वेक्षण ऐप, न्यूज लेटर और लोक परियोजना प्रबंधन प्रणाली का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह तकनीकी नवाचार विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाएंगे और पारदर्शिता लाएंगे। मुख्यमंत्री ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि प्रदेश में इंजीनियर्स रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाएगी, जहां अभियंताओं को नवीन तकनीक और कार्यपद्धति का प्रशिक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इंजीनियरों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि “इंजीनियर्स एक प्रकार से भगवान हनुमान के समान हैं, जिन्होंने हर अवसर पर अपनी उत्कृष्टता सिद्ध की है। इस अवसर पर 7 इंजीनियरों को मोक्षगुंडम विश्वैशरैया पुरस्कार और 4 ठेकेदारों को विश्वकर्मा पुस्कार से सम्मानित किया। "ईश्वर सबसे बड़ा अभियंता है" – सीएम यादव मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अभियंता शब्द का अर्थ बताते हुए कहा कि अभियंता का मतलब है आरंभ और शुभारंभ करने वाला। उन्होंने कहा कि “ईश्वर ने इस संसार की रचना की है, वही सबसे बड़े अभियंता हैं। सर मोक्षगुंडम विश्वैश्वरैया ने 20वीं शताब्दी में अभियांत्रिकी के नए कीर्तिमान रचे। देश के अभियंताओं ने चिनाब ब्रिज जैसे कठिन प्रोजेक्ट बनाकर अपनी अद्वितीय क्षमता साबित की है। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंजीनियरों को गति शक्ति योजना जैसे प्रोजेक्ट से लगातार प्रेरित कर रहे हैं। “जब अंतरिक्ष मिशन असफल हुआ तो पीएम मोदी वैज्ञानिकों के साथ खड़े रहे। यह संदेश है कि राष्ट्र निर्माण में तकनीक और अभियंता कितने अहम हैं।  लोक निर्माण से लोक कल्याण की ओर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग केवल सड़कें और पुल नहीं बना रहा बल्कि लोक कल्याण की नई परंपरा गढ़ रहा है। उन्होंने भगवान विश्वकर्मा का उल्लेख करते हुए कहा कि “उन्होंने पुष्पक विमान जैसी रचना की थी। आज हमारे इंजीनियर तकनीक के सहारे अनेक ताजमहल खड़े करने की क्षमता रखते हैं। अधोसंरचना में नई इबारत लिख रहा मध्यप्रदेश कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश अधोसंरचना विकास की नई गाथा लिख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश का विकास तेजी से हुआ है और मुख्यमंत्री डॉ. यादव इसे प्रदेश में पूरी प्रतिबद्धता से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियर केवल पुल-पुलिया नहीं बनाते, बल्कि वे देश की तकदीर और तस्वीर गढ़ते हैं। सिंह ने जानकारी दी कि अब तक प्रदेश में 500 लोक कल्याण सरोवर बनाए जा चुके हैं। विभाग ने लोकपथ ऐप सहित कई नवाचार किए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में एक विशेष ऐप लाया जाएगा जो कार्यों की समय-सीमा का आकलन करेगा। पीएम गति शक्ति पोर्टल से पुलों और संरचनाओं के डिजाइन में मदद मिल रही है। भारत के विकास में इंजीनियरों की विरासत प्रसिद्ध इंजीनियर और लेखक प्रशांत पॉल ने अपने वक्तव्य में भारत की इंजीनियरिंग परंपरा को याद किया। उन्होंने कहा कि आज से 2,000 साल पहले विश्व की जीडीपी का एक तिहाई भारत के पास था और इसमें हमारे इंजीनियरों का बड़ा योगदान था। “राजा भोज ने हाइड्रोलिक पावर और यांत्रिकी डिजाइन तैयार किए, चोल राजाओं ने अनाईकट्टू बांध बनाया, वराहमिहिर ने खगोल विज्ञान में क्रांति की। यह हमारी गौरवशाली विरासत है। इस अवसर पर कई अभियंताओं और संस्थाओं को सम्मानित किया गया। – मोक्षगुंडम विश्वैशरैया पुरस्कार : सुनील कौरव, प्रीति यादव, प्रमेश कोरी, संजीव कालरा, भुवना जोशी, राजीव श्रीवास्तव, दीपक शर्मा और विक्रम सोनी को प्रदान किया गया। – विश्वकर्मा पुरस्कार : हैदराबाद की एनसीसी लिमिटेड, भोपाल की निविक कंस्ट्रक्शन, गुरुग्राम की आरके जैन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. और नौगांव की हरगोविंद गुप्ता को मिला। – रानी दुर्गावती पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार : एमपीआरडीसी भोपाल के सहायक महाप्रबंधक डॉ. दीपक पांडे को दिया गया।