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वास्तु नियमों का ध्यान रखते हुए नवरात्र की करें शुरुआत

इस साल शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर से होने जा रही है, जिसका समापन 2 अक्टूबर को होगा। आज हम आपको कुछ ऐसे वास्तु नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका आपको नवरात्र में ध्यान रखना चाहिए। इससे घर में सकारात्मकता बनी रहती है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही आपको शनि देव की कृपा भी मिलती है, जिससे कई तरह के कष्टों का निवारण हो जाता है। घर के इस कोने में रखें सफाई माता रानी के आगमन से पहले आपको घर और अपने मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करनी चाहिए। इसके साथ ही घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें। वास्तु शास्त्र में इस दिशा को शनि का क्षेत्र माना गया है। ऐसे में अगर आप इस दिशा से संबंधित वास्तु नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में टूटा हुआ या भारी सामान रखने से बचना चाहिए। आप इस स्थान पर गहने व जरूरी कागजात भी रख सकते हैं। मुख्य द्वार के वास्तु नियम वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार को विशेष महत्व दिया गया है, क्योंकि इससे ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। ऐसे में आपको मेन गेट पर साफ-सफाई का जरूरी रूप से ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही मुख्य द्वार पर कूड़ेदान या झाड़ू आदि न रखें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपका गेट बिना किसी आवाज के खुलता हो। इसके साथ ही आप नवरात्र में शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक भी जला सकते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और नकारात्मकता दूर रहती है। जरूर करें ये काम अगर आप अखंड ज्योत जला रहे हैं, तो वास्तु के अनुसार, इसे हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए। इसके साथ ही नवरात्र की पावन अवधि में आप शाम के समय घर के चारों कोनों में दीपक जला सकते हैं, जिससे हर प्रकार की नकारात्मकता दूर बनी रहती है। इसके साथ ही घर में बेकार पड़ी चीजों को भी नवरात्र से पहले बाहर कर देना चाहिए, वरना ये चीजें नेगेटिव एनर्जी को बढ़ाने का काम करती है। इसके साथ ही आप नवरात्र में जरूरतमंद लोगों को काले तिल, भोजन व उड़द दाल दान करें, जिससे आपको ऊपर शनि देव की भी कृपा बनी रहेगी।  

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, चंडीगढ़ के कॉलेज शिक्षकों को 65 साल तक नौकरी की मंजूरी

 चंडीगढ़  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन और काॅलेज शिक्षकों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद पर अपना विस्तृत फैसला सुनाया। मामला कॉलेजों में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष या 65 वर्ष होने को लेकर था। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि शिक्षकों को 65 वर्ष तक सेवा में बने रहने का लाभ मिलेगा। जैसा कि पहले जोगेंद्र पाल सिंह केस में तय किया गया था । यह विवाद तब शुरू हुआ जब केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने 21 मार्च 2023 को आदेश दिया था कि शिक्षकों को 65 वर्ष तक सेवा जारी रखने का अधिकार है। चंडीगढ़ प्रशासन ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। प्रशासन का तर्क था कि सुप्रीम कोर्ट के जगदीश प्रसाद शर्मा बनाम बिहार राज्य (2013) के फैसले को सही दृष्टिकोण से लागू नहीं किया गया और 58 वर्ष की सीमा ही मान्य है। दूसरी ओर, शिक्षकों ने दलील दी कि उन्हें उनके सहयोगियों की तरह समान लाभ मिलना चाहिए, जिन्हें पहले ही 65 वर्ष तक सेवा का अधिकार मिल चुका है। यदि कुछ शिक्षकों को 65 वर्ष तक काम करने दिया जाए और कुछ को 58 पर रिटायर किया जाए तो यह भेदभाव और कानून की भावना के खिलाफ होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि 29 मार्च 2022 की अधिसूचना से 1 अप्रैल 2022 से चंडीगढ़ में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष कर दी गई है। इसलिए जो शिक्षक पहले रिटायर हो गए थे और बाद में न्यायाधिकरण के आदेश पर वापस सेवा में लौटे, उन्हें भी 65 वर्ष तक काम करने का अवसर मिलना चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने शिक्षकों की उस मांग को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने 58 वर्ष से 65 वर्ष की उम्र तक के बीच के पूरे वेतन-भत्तों के बकाये की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि इस दौरान शिक्षक पेंशन और रिटायरमेंट लाभ ले रहे थे, इसलिए उन्हें दोहरा लाभ नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने यह जरूर माना कि उन्हें वेतनवृद्धि और इंक्रीमेंट्स का लाभ मिलेगा, ताकि उनकी वेतन-फिक्सेशन सही हो सके। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि प्रशासन ने पहले ही कैट के आदेश को लागू कर दिया है और कई शिक्षक रिटायरमेंट लाभ लौटाकर वापस सेवा में जुड़ चुके हैं, ऐसे में अब इस फैसले से पीछे हटना न्यायोचित नहीं होगा। हाईकोर्ट ने कहा समान परिस्थितियों में कर्मचारियों को अलग-अलग मानकों से नहीं तौला जा सकता। इस आदेश से चंडीगढ़ के कई शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है।  

भारी बारिश से रामानुजगंज बेहाल, कन्हर नदी खतरे के निशान पर

रामानुजगंज रामानुजगंज क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है, वहीं कन्हर नदी अपने पूरे उफान पर है। नदियों के साथ-साथ सभी नाले भी उफान पर हैं, जिससे निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन गई है। क्षेत्र के प्रमुख तालाबों और छोटे-बड़े बांधों में पानी लबालब भर गया है, जिससे जलभराव की समस्या और अधिक गंभीर होती जा रही है। जल संसाधन विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। विभाग की टीमें बांधों और जलाशयों की निगरानी कर रही हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। रामानुजगंज नगर पालिका अध्यक्ष रमन अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि बारिश को देखते हुए नगर पालिका के समस्त कर्मचारी अलर्ट मोड में हैं। सभी वार्डों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है और जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि नगर में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक संसाधन तैयार रखे गए हैं और लगातार निगरानी की जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे आवश्यक कार्य होने पर ही घरों से बाहर निकलें और नदियों-नालों के आसपास जाने से बचें। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन और नगर पालिका स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

मुरैना: महिला और पुरुष की शिकायत पर सबलगढ़ SDM को हटाया, कलेक्टर ने लिया तत्काल फैसला

मुरैना  सबलगढ़ एसडीएम के खिलाफ एक महिला और पुरुष ने गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद मुरैना कलेक्टर ने एसडीएम अरविंद माहौर को उनके पद से तत्काल हटा दिया है। महिला ने आरोप लगाए थे कि एसडीएम गलत मंशा से परिवार के परेशान कर रहे हैं। उसकी बेटी को फोनकर अभद्र मैसेज करते हैं। महिला ने एसडीएम पर लगाए आरोप दरअसल, ग्वालियर के चंदन नगर में रहने वाली महिला सबलगढ़ में रहने वाले देवर को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची। महिला ने सबलगढ़ एसडीएम अरविंद माहौर के खिलाफ शिकायती आवेदन देते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए। उसने कहा कि सबलगढ़ एसडीएम द्वारा उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उनके देवर को भी जब मन किया बुला लेते हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग करते। जब बुला लेते हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। भाभी और भतीजी के लिए अभद्र भाषा इतना ही नहीं शिकायती आवेदन में यह भी लिखा है कि एसडीएम अभद्र भाषा का प्रयोग करते है। फरियादी के भैया, भाभी और भतीजी को अपशब्द कहे हैं। उस भाषा का जिक्र आवेदन में नहीं कर सकते हैं। साथ ही आवेदक ने एक वीडियो भी दिया था। वीडियो में एसडीम अरविंद माहौर अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। उसमें वह कह रहे हैं कि तेरी भाभी और भतीजी में ज्यादा गर्मी है। मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हमें शिकायतकर्ता ने कहा कि एसडीएम हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। कहीं से भी नंबर लेकर उनके परिवार एवं भतीजी को फोन कर उल्टी सीधी बातें करते हैं। एसडीएम के रवैए से तंग आकर बेटी ने एसडीएम को फटकार लगाई तो सबलगढ़ में उसके देवर को घर पर बुलाकर धमका दिया। यह पूरी घटना देवर ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली। लेकिन लोकलाज के डर से उसने शिकायत नहीं की। रात में बेटी को करते हैं मैसेज महिला ने पत्रकारों से कहा कि एसडीएम बेटी को रात में मैसेज करते हैं, पिछले एक साल से यही हालत है। कई बार नंबर बदल लिया। शिकायतकर्ता का कहना है कि अगर जल्दी ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह अपने परिवार सहित आत्महत्या कर लेगा। जिसका संपूर्ण दायित्व प्रशासन का होगा। कलेक्टर ने एसडीएम को हटाया एसडीएम के खिलाफ शिकायती आवेदन मिलने के बाद मुरैना कलेक्टर ने एसडीएम अरविंद माहौर को सबलगढ़ से हटा दिया। साथ ही मुरैना कलेक्ट्रेट में डेप्युटी कलेक्टर के रूप में पदस्थ किया गया। बताया जा रहा है कि अब सबलगढ़ में एसडीएम के पद पर मेघा तिवारी को पदस्थ किया जाएगा। वही एसडीएम का कार्यभार भी संभालेंगी।

तबादलों में गड़बड़ी: एक और लिस्ट जारी, आधे दिन में बदले फैसले

जयपुर राजस्थान में आरएएस तबादलों की जंबो सूची जारी होने के एक दिन बाद फिर से एक और तबादला सूची जारी की गई। नई सूची में पिछली सूची के 6 तबादले निरस्त कर दिए गए। इसमें जोधपुर एडीएम मधुलिका सींवर, निशा मीणा-ज्वाइंट सेक्रेट्री हेल्थ डिपार्टमेंट, शिप्रा जैन एडीएम बस्सी, राम सिंह राजावत उपखंड अधिकारी दौसा, श्याम सुंदर बिश्नोई उपायुक्त जेडीए के तबादले पिछली सूची में किए गए थे। इनके तबादले निरस्त कर दिए गए हैं अब ये अफस अपनी मौजूदा पोस्ट पर ही काम करेंगे। इसके साथ ही बुधवार देर शाम जारी की गई नई तबादला सूची में 41 अफसर और बदले गए हैं। इनमें मेघना चौधरी- अतिरिक्त महानिरीक्षक, पंजीयन एवं मुद्रांक प्रशासन, अजमेर, भुवनेश्वर सिंह चौहान- अतिरिक्त जिला कलेक्टर, बालोतरा, तुलिका सैनी- संयुक्त सचिव, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर, डॉ. अनिल कुमार पालीवाल- रजिस्ट्रार, एमबीएम विश्वविद्यालय, जोधपुर लगाया गया है। वहीं संजय कुमार माथुर- अतिरिक्त कलेक्टर, जयपुर (पूर्व), प्रिया भार्गव- परियोजना निदेशक, एचएचएम, जयपुर लगाया गया है. जिसको लेकर कार्मिक विभाग ने आदेश जारी किए है। पिछले साल भी इसी तरह अफसरों की तबादला सूची जारी कर उनमें से कई तबादले निरस्त कर दिए गए थे। इनमें आईएएस अफसरों की पहली ट्रांसफर लिस्ट पांच सितंबर को जारी की गई थी। इस सूची में 108 अफसरों को बदला गया था। लेकिन 22 सितंबर को पिछली सूची वाले 22 IAS अफसरों के ट्रांसफर फिर से कर दिए गए। वहीं, एक तबादला निरस्त भी किया गया। वहीं सितंबर 2024 में ही RAS अफसरों के भी लिस्ट जारी करने के कुछ दिन बाद दूसरी बार तबादले कर दिए गए। इसमें 6 सितंबर को भी 386 RAS अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए थे। लेकिन नई लिस्ट में उनमें से कुछ ट्रांसफर निरस्त कर दिए गए

रातोंरात बनी हीरों की मालकिन! पन्ना में आदिवासी महिला को मिले 3 नायाब हीरे

पन्ना पन्ना की धरती एक बार फिर किसी की किस्मत पलटी है । एक आदिवासी महिला, विनीता गोंड, रातों-रात लखपति बन गई हैं। राजापुर, बड़वारा की रहने वाली विनीता ने पटी ग्राम में उथली हीरा खदान क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमाई और नतीजा चौंकाने वाला रहा। उन्हें एक साथ एक नहीं बल्कि तीन-तीन बेशकीमती हीरे मिले हैं, जिससे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रह है। 7 सेंट, 1 कैरेट,48 सेंट और 20 सेंट हैं हीरे जानकारी के मुताबिक ​विनीता ने हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाकर खदान लगाई थी, और उनकी मेहनत और भाग्य का अद्भुत संगम देखने को मिला। जब उन्होंने ये तीन हीरे खोजे, तो खुशी सातवें आसमान पर पहुंच गई। विनीता  ने तत्काल इन हीरों को पन्ना के हीरा कार्यालय में जमा करवा दिया है। ​हीरा पारखी अनुपम सिंह ने इन हीरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इन हीरों का कुल वजन 7 सेंट, 1 कैरेट,48 सेंट और 20 सेंट है। इन तीनों हीरों में से एक जेम्स क्वालिटी का है, जो बेहद उच्च श्रेणी का माना जाता है, जबकि बाकी दो हीरे मटमैले किस्म के हैं। ​ इन हीरों को अगली नीलामी में रखा जाएगा, जहां इनकी असली कीमत का पता चलेगा। विनीता गोंड की यह कहानी एक बार फिर यह साबित करती है कि पन्ना की धरती में सचमुच कुछ खास है, जो किसी की भी किस्मत को रातों-रात बदल सकती है। आपको  बता दें कि  पन्ना जिला दुनिया में हीरों के लिए विख्यात है। यही कारण है कि पन्ना की धरती से हीरे निकालने की होड़ सी लगी है। हजारों लोग दिनरात इस काम में लगे रहते हैं और किस्मत बदलती देखते हैं।  

झारखंड: करोड़ों की लागत से बनी सड़क बार-बार धंस रही, लोगों में नाराज़गी

धनबाद झारखंड की पहली आठ लेन वाली सड़क का एक हिस्सा फिर से धंस गया। इस सड़क का निर्माण 461.9 करोड़ रुपये की लागत से हुआ था और पिछले साल अक्टूबर में धनबाद में इसका उद्घाटन किया गया था। झारखंड राज्य राजमार्ग प्राधिकरण (एसएचएजे) के उप महाप्रबंधक (डीजीएम) संजय कुमार ने बताया, ‘‘विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित 20 किलोमीटर लंबी आठ लेन वाली सड़क का एक हिस्सा शनिवार को धनबाद के राजा तालाब के पास धंस गया। इससे पहले भी धनबाद जलापूर्ति परियोजना के तहत भूमिगत पानी की पाइपलाइन में रिसाव के कारण सड़क के कुछ अन्य हिस्से धंस गए थे।'' एसएचएजे के अधिकारी ने बताया कि झारखंड के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने पानी की पाइपलाइन बिछाई थी और इसका बड़ा हिस्सा आठ-लेन सड़क के नीचे से गुजरता है। कुमार ने कहा, ‘‘पानी की आपूर्ति की जांच करते समय पाइपलाइन में दबाव की वजह से रिसाव हो जाता है, जिससे सड़क के नीचे की मिट्टी धंस जाती है और सड़क की सतह में गड्ढा बन जाता है। निजी कंपनी से कहा गया है कि वह लगातार निगरानी रखे और ऐसे धंसाव को रोकने के लिए तुरंत मरम्मत करे ताकि शहर में यात्रियों को परेशानी न हो।'' मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आठ लेन वाली इस सड़क का उद्घाटन चार अक्टूबर, 2024 को किया था और इसका रखरखाव धनबाद नगर निगम (डीएमसी) द्वारा किया जा रहा है।  

योगी आदित्यनाथ का बयान: नरेंद्र मोदी हैं कर्मयोगी और साधक की मिसाल

लखनऊ  इतिहास साक्षी है कि यह देश जब-जब चुनौतियों से घिरा, तब-तब इस धरती ने ऐसे महामानव दिए, जिन्होंने समय की धारा मोड़ दी. बीसवीं सदी के अंत और इक्कीसवीं सदी के आरंभ में जब भारत संक्रमण और असंतुलन से जूझ रहा था. ठीक इसी दौर में वडनगर से एक साधारण परिवार का संतति उभरी, जिसने संघर्ष को शक्ति और अवसर में बदला. राजनीति में भारतीय मूल्यों व जनभावनाओं को प्रतिष्ठा दी और भारत को वैश्विक मंच पर नई गरिमा और आत्मविश्वास दिलाया. आज पूरा देश उस यशस्वी नेतृत्व के जीवन की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. वास्तव में, आज उनके पचहत्तर वर्ष का यह जीवन केवल व्यक्ति मात्र की यात्रा नहीं, बल्कि भारत की सामूहिक चेतना का जागरण है. मोदी जी का जीवन संघर्षों से संकल्प और संकल्प से सिद्धि की अनुपम गाथा है. बाल्यकाल की कठिनाइयों और वंचनाओं ने उनके भीतर ऐसा आत्मबल, संवेदनशीलता और अटूट संकल्प गढ़ा, जिसने उन्हें राष्ट्र निर्माण की महान यात्रा के लिए तैयार किया.  जीवन के संघर्षों से शिक्षित और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पाठशाला में दीक्षित नरेंद्र मोदी जी ने कठिन परिस्थितियों में धैर्य, अनुशासन और समाज के प्रति समर्पण का पाठ ग्रहण किया. उनकी जीवन यात्रा केवल राजनीतिक सफलता की कहानी नहीं, बल्कि एक प्रेरक गाथा है, जिसमें प्रत्येक अनुभव राष्ट्रसेवा की सीख बनकर आगे आया. अपने सुदीर्घ सामाजिक जीवन में मोदी जी शुचिता, पारदर्शिता और प्रतिबद्धता का पर्याय बनकर उभरे हैं. “राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय, इदं न मम” उनके हर कार्य के मूल में निहित है. 'संघर्षों का अनुभव…' वर्ष 2014 में भारत ने उन्हें प्रधानमंत्री चुना. यह चुनाव केवल सरकार का परिवर्तन नहीं था, बल्कि लोकचेतना के उदय का प्रतीक था. जनता ने एक ऐसे नेता को राष्ट्र की बागडोर सौंपी, जिसने स्वयं संघर्षों का अनुभव किया था और जो साधारण जन के जीवन की पीड़ा को समझता था. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी ने शासन को नई परिभाषा दी. उन्होंने नीति और कार्यक्रमों की आत्मा में ‘वंचित को वरीयता’ का भाव भरा. यही भाव ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र में प्रकट हुआ. दशकों तक योजनाओं से वंचित लोगों को सम्मान और अवसर देना ही उनके शासन का मूल बन गया. यही कारण है कि करोड़ों गरीब परिवारों को घर, शौचालय, गैस, बिजली और स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाएं वास्तविकता बनीं. 'प्रत्येक नागरिक की जीवन गुणवत्ता में सुधार…' प्रधानमंत्री मोदी जी ने दीनदयाल उपाध्याय जी के ‘एकात्म मानववाद’ के दर्शन को अपने नीति निर्माण में आधार बनाया है. उनका मानना है कि विकास केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और मानविक दृष्टि से भी होना चाहिए. इसी दृष्टि से योजनाएं गरीब और वंचित तक पहुंचती हैं, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाती हैं, और अंतिम नागरिक तक लाभ सुनिश्चित करती हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, डिजिटल क्रांति, और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलें इसी दर्शन का जीवंत प्रमाण हैं. मोदी जी का नेतृत्व यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक सुधार केवल आंकड़े और नीतियां न रहें, बल्कि प्रत्येक नागरिक की जीवन गुणवत्ता में वास्तविक सुधार लाएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदृष्टि ने भारतीय अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक परिवर्तन की राह प्रशस्त की है. करों के संजाल से मुक्ति दिलाकर जीएसटी लागू करना, न केवल ‘वन नेशन, वन टैक्स’ की संकल्पना को साकार करता है, बल्कि पूरे देश में आर्थिक एकता, पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा की नई संस्कृति लेकर आया. इसके माध्यम से भारत का राष्ट्रीय बाज़ार एकीकृत हुआ, स्थानीय उत्पादों और उद्योगों को वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिला. यह केवल आर्थिक सुधार नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से समावेशी विकास का साधन भी बना और अब तो जीएसटी-नेक्स्ट जेनेरेशन रिफॉर्म ने तो व्यवसाय के लिए सरल और सुगम कर ढांचा प्रस्तुत किया, राज्य और केंद्र के राजस्व को संतुलित किया और निवेशकों का विश्वास बढ़ाया. आम भारतीय इन कर सुधारों का प्रत्यक्ष लाभार्थी है. 'भारत स्व से साक्षात्कार कर रहा…' मोदी जी का योगदान केवल विकास योजनाओं तक सीमित नहीं है. 'विकास भी-विरासत भी' के मंत्र के साथ मोदी जी के नेतृत्व में पूरा भारत में एक नवीन सांस्कृतिक पुनर्जागरण का साक्षी और सहभागी बन रहा है. भारत स्व से साक्षात्कार कर रहा है. कुत्सित राजनीति के कारण अपने ही देश में उपेक्षा और तुष्टीकरण का दंश झेलने को विवश सनातन आस्था गौरवान्वित हो रही है. कौन भूल सकता है 22 जनवरी 2024 का वह ऐतिहासिक अवसर जब पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के भव्य मंदिर के निर्माण का संकल्प पूर्ण हुआ. आखिर भारत को इसी दिन की तो प्रतीक्षा थी. इस चिरप्रतीक्षा के पूरा होने का श्रेय आदरणीय मोदी जी को ही है. इसी प्रकार काशी-विश्वनाथ धाम का पुनरुद्धार, महाकाल लोक, केदारधाम पुनरोद्धार, काशी-तमिल संगमम जैसे आयोजनों के माध्यम से उत्तर और दक्षिण की सांस्कृतिक धाराओं को जोड़ना और सुनियोजित उपेक्षा और तिरस्कार से आहत पूर्वोत्तर को विकास की मुख्यधारा में लाना, ये सभी प्रयास भारत की एकात्म चेतना के पुनर्जागरण के प्रतीक बने हैं. 2014 में मोदी जी के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने के साथ ही भारत की विदेश नीति में क्रांतिकारी परिवर्तन को दुनिया ने देखा और सराहा है. 'राष्ट्र प्रथम' के संकल्प के साथ भारत ने वैदेशिक संबंधों में बहुपक्षीय नीति को अपनाया है. सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और हाल में ऑपरेशन सिंदूर जैसी निर्णायक कार्रवाइयों ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति अडिग है. मोदी जी के नेतृत्व में देश के अंदर आर्थिक नीतियों ने भी एक नई कथा लिखी जा रही है. आधार, जनधन और मोबाइल की ट्रिनिटी ने डिजिटल क्रांति को जन्म दिया. आज भारत में UPI लेन-देन की नई परिभाषा गढ़ रहा है. मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान ने युवाओं को नयी उड़ान दी. ग्रामीण भारत में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों ने आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिखा. कृषि, उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सभी क्षेत्रों में भारत ने अभूतपूर्व गति प्राप्त की. विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने अंतरिक्ष में चंद्रयान और गगनयान जैसे अभियानों के माध्यम से नित नए इतिहास रचे हैं. डिजिटल इंडिया के अंतर्गत भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल डेटा उपभोक्ता देश बन चुका … Read more

PM मोदी का पाकिस्तान पर वार: ‘जैश ने खुद कबूला, हमने तबाह किए उनके आतंकी अड्डे’

धार  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के धार से पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला. कहा कि पाकिस्तान से आए आतंकियों ने हमारी बहनों-बेटियों का सिंदूर उजाड़ा था. हमने ऑपरेशन सिंदूर करके आतंकी ठिकानों को उजाड़ दिया. हमारे वीर जवानों ने पलक झपकते ही पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया. अभी कल ही देश और दुनिया ने देखा है, फिर एक पाकिस्तानी आतंकी ने रो-रो कर अपना हाल बताया है. PM मोदी ने कहा कि नया भारत किसी की परमाणु धमकियों से डरता नहीं है, नया भारत घर में घुसकर मारता है. आज देश मां भारती की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है. प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के धार में 'स्वस्थ नारी सशक्त परिवार' और 'आठवें राष्ट्रीय पोषण माह' अभियान का शुभारंभ करने पहुंचे हैं.  उन्होंने कहा, "धार की धरती पराक्रम की धरती है। मां भारती की आन-बान-शान से बड़ा कुछ नहीं। हमारा हर पल देश के लिए समर्पित हो। देश की मर-मिटने की सौगंध लेकर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने सबकुछ देश के लिए समर्पित कर दिया था।" पीएम ने बदनावर तहसील के भैंसोला गांव में पीएम मित्रा पार्क की आधारशिला रखी। यहां खुली जीप में लोगों का अभिवादन किया। साथ ही राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा के लिए सिंगल क्लिक पर राशि ट्रांसफर की।  प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आगे कहा, आज ही के दिन देश ने सरदार पटेल की फौलादी इच्छा शक्ति का उदाहरण देखा था. भारतीय सेना ने हैदराबाद को अनेकों अत्याचारों से मुक्त कराकर, उनके अधिकारों की रक्षाकर भारत के गौरव को पुन: स्थापित किया था.  देश की इतनी बड़ी उपलब्धि को, सेना के इतने बड़े शौर्य को कई दशक बीत गए, कोई याद करने वाला नहीं था, लेकिन आपने मुझे मौका दिया, हमारी सरकार ने 17 सितंबर की हैदराबाद की घटना को अमर ​कर दिया. हमने भारत के एकता के प्रतीक इस दिन को हैदराबाद लिबरेशन डे के रूप में मनाने की शुरुआत की है. 

आज से होगी शुरू दानापुर-जोगबनी वंदे भारत , यात्रियों का अभाव

पटना पटना को तिरहुत-मिथिलांचल-सीमांचल से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस आज से शुरू हो रही है। पटना के दानापुर से जोगबनी तक की यात्रा कराने वाली इस ट्रेन का पूर्व मध्य रेलवे प्रचार ठीक से नहीं कर सका है। यही कारण है कि ट्रेन अभी तक लगभग खाली है। वंदे भारत के चेयर कार में 419 सीटें हैं, जिनमें से 17 सितंबर को सुबह 7:25 बजे तक 61 सीटें ही आरक्षित हुई हैं। इसी तरह एक्जीक्यूटिव क्लास की 40 में से केवल छह सीटें ही बुक हैं। आप चाहें तो इसमें आसानी से टिकट लेकर यात्रा कर सकते हैं। दानापुर से आज खुलेगी, वंदे भारत की ज्यादा सीटें खाली हैं दानापुर से जोगबनी का चेयर कार का टिकट 1310 रुपए का है, जिसमें 308 रुपए कैटरिंग चार्ज शामिल है। उसी हिसाब से अन्य स्टेशनों का टिकट देख सकते हैं। दानापुर-जोगबनी वंदे भारत मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी। जोगबनी से यह ट्रेन गुरुवार 18 सितंबर को चलनी शुरू होगी। बुधवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन यह ट्रेन वहां से चलेगी। जोगबनी से दानापुर लाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस कल खुलेगी, लेकिन इसमें गुरुवार सुबह 7:25 तक महज 37 टिकटें चेयर कार और छह टिकटें एक्जीक्यूटिव क्लास में बुक हुई हैं। उधर से यात्रा का टिकट 1145 रुपए है, जिसमें 142 रुपए कैटरिंग चार्ज शामिल है। दानापुर से शाम में खुलेगी, जोगबनी से आधी रात के बाद लौटेगी 26302 दानापुर-जोगबनी वंदे भारत एक्सप्रेस आज शाम दानापुर से 17:10 बजे खुलकर 18:05 बजे हाजीपुर, 18:50 बजे मुजफ्फरपुर, 19:43 बजे समस्तीपुर,  20:23 बजे हसनपुर रोड, 20:38 बजे सलौना, 21:00 बजे खगड़िया, 21:55 बजे सहरसा, 22:23 दौरम मधेपुरा, 23:00 बजे बनमनखी, 23:40 बजे पूर्णिया के बाद अगली तारीख को 00:18 अररिया कोर्ट एवं 00:48 बजे फारबिसगंज रुकते हुए 01:20 बजे जोगबनी पहुंचेगी।26301 जोगबनी-दानापुर वंदे भारत एक्सप्रेस 18 सितंबर को जोगबनी से 03:25 बजे खुलकर 03:35 बजे फारबिसगंज, 04:00 बजे अररिया कोर्ट, 04:50 बजे पूर्णिया, 05:26 बजे बनमनखी, 05:53 बजे दौरम मधेपुरा, 06:20 बजे सहरसा, 07:13 बजे खगड़िया, 07:33 बजे सलौना, 07:48 बजे हसनपुर रोड, 08:23 बजे समस्तीपुर, 09:00 बजे मुजफ्फरपुर, 09:45 बजे हाजीपुर रुकते हुए 11:30 बजे दानापुर पहुंचेगी।