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CWC बैठक में खरगे का बयान: ट्रंप के कदम भारत के लिए चुनौतीपूर्ण

नई दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे  ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणियों को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जिनको “मेरे दोस्त” बताकर ढिंढोरा पीटते हैं, वही दोस्त आज भारत को अनेक संकट में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा, "पटना में हो रही कार्य समिति की यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण है। हम ऐसे समय में मिल रहे हैं, जबकि अन्तराष्ट्रीय और राष्ट्रीय, दोनों स्तरों पर भारत एक बेहद चुनौतीपूर्ण और चिंताजनक दौर से गुज़र रहा है।" खरगे ने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी मुसीबतें नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की नाकामी और कूटनीतिक विफलता का नतीजा हैं। उन्होंने कटाक्ष किया, प्रधानमंत्री जिनको “मेरे दोस्त” बताकर ढिंढोरा पीटते हैं, वही दोस्त आज भारत को अनेक संकट में डाल रहे हैं। ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने संबोधन में कहा था कि चीन और भारत रूसी तेल खरीद कर यूक्रेन में रूसी युद्ध के "प्राथमिक वित्तपोषक" हैं। ट्रंप प्रशासन ने रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगाया है, जिससे अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर यह दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाया था।  

ब्रेन स्ट्रोक के बाद अस्पताल में भर्ती सुभासपा राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिले सीएम योगी

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को देखने मेदांता अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने राजभर की तबीयत के बारे में जानकारी ली. इस दौरान योगी के साथ मंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद रहे. मुलाकात के दौरान सुभासपा अध्यक्ष के दोनों बेटे अरुण राजभर और अरविंद राजभर भी मौजूद थे. इससे पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने अस्पताल पहुंचकर कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का हालचाल जाना था. साथ में कैबिनेट मंत्री विजयलक्ष्मी गौतम और दारा सिंह चौहान भी मौजूद थे. जानकारी के मुताबिक ओपी राजभर माइनर ब्रेन स्ट्रोक की वजह से अस्पताल में भर्ती है. 21 सितंबर को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी थी. जानकारी लगते ही डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने खुद उन्हें राम मनोहर लोहिया में भर्ती कराया था. जिसके बाद उन्हें दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया.

गोलियों की तड़तड़ाहट और धमाकों से दहली जेल, इक्वाडोर में 14 कैदियों की गई जान

क्विटो दक्षिण-पश्चिमी इक्वाडोर की एक जेल में हुए दंगों में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई जबकि 14 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी इक्वाडोर की राष्ट्रीय पुलिस ने दी। उन्होंने बताया कि एल ओरो प्रांत की राजधानी मचाला शहर स्थित जेल में सोमवार तड़के दंगों के बीच गोलीबारी एवं विस्फोट की सूचना मिली। एल ओरो के पुलिस प्रमुख विलियम कैले ने स्थानीय टीवी नेटवकर् इक्वाविसा को बताया कि घटना में 13 कैदियों और एक गार्ड की मौत हो गई तथा 14 अन्य घायल हुए हैं। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती किया गया। कैले ने कहा कि मारे गए अधिकतर लोग इक्वाडोर के सबसे हिंसक समूहों में से एक लॉस चोनेरोस से संबंधित थे। उन्होंने बताया कि झड़पों के दौरान कई कैदी भाग निकले। जेल अधिकारी फरार कैदियों की सही संख्या का पता लगाने का काम कर रहे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इक्वाडोर में फरवरी 2021 से अब तक गिरोह-संबंधी दंगों में लगभग 600 कैदी मारे गए हैं। 

EC का नया ई-साइन सिस्टम बनाएगा वोटर नाम हटाने की प्रक्रिया सख्त और पारदर्शी

नई दिल्ली वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने को लेकर उठते विवादों और कथित फर्जीवाड़ों को देखते हुए चुनाव आयोग ने एक अहम तकनीकी पहल की है. अब मतदाता पहचान से जुड़े दस्तावेजों का दुरुपयोग रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ई-साइन (e-Sign) सुविधा को लागू किया गया है. इस नई व्यवस्था से न केवल फर्जी फॉर्म की संख्या घटेगी, बल्कि असली मतदाताओं के अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे. चुनाव आयोग ने अपनी ईसीआईनेट (ECInet) वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर ‘ई-साइन’ नाम का नया फीचर जोड़ा है.  इसके ज़रिए अब कोई भी शख्स वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने, हटवाने या उसमें बदलाव करवाने के लिए आवेदन करता है, तो उसे अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर से OTP वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा. इस बदलाव की पृष्ठभूमि में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का हालिया आरोप है, जिसमें उन्होंने बताया कि कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में करीब 6,000 मतदाताओं के नाम बिना उनकी जानकारी के हटवाने की कोशिश की गई. इस तरह के मामलों में फर्जी पहचान, गलत मोबाइल नंबर और बिना सहमति के फॉर्म भरने जैसी गंभीर गड़बड़ियां सामने आईं. कैसे काम करेगा नया सिस्टम? नया सिस्टम शुरू होने के बाद, जब कोई शख्स ईसीआईनेट पोर्टल पर फॉर्म 6 (नए रजिस्ट्रेशन के लिए), फॉर्म 7 (नाम हटाने के लिए), या फॉर्म 8 (सुधार के लिए) भरता है, तो उसे 'ई-साइन' की जरूरत पूरी करनी होगी. पोर्टल आवेदक को यह सुनिश्चित करने के लिए सचेत करता है कि मतदाता कार्ड और आधार कार्ड पर नाम समान हो और आधार व मोबाइल नंबर आपस में जुड़े हों. इसके बाद, आवेदक को एक बाहरी ई-साइन पोर्टल पर निर्देशित किया जाता है, जहां उसे अपना आधार नंबर दर्ज करना होता है. ओटीपी के जरिए वेरिफिकेशन आधार नंबर दर्ज करने के बाद, एक 'आधार ओटीपी' उस फोन नंबर पर भेजा जाता है, जो आधार से जुड़ा हुआ है. ओटीपी दर्ज करने और सहमति देने के बाद ही वेरिफिकेशन पूरा होता है, जिसके बाद आवेदक को फॉर्म जमा करने के लिए वापस ईसीआईनेट पोर्टल पर भेजा जाता है. यह प्रक्रिया फर्जी आवेदनों को रोकने में मदद करेगी. क्यों जरूरी था यह बदलाव? कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 सितंबर को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि आलंद में किसी ने ऑनलाइन आवेदन के जरिए करीब 6 हजार वोटर्स के नाम हटवाने की कोशिश की थी. ज्यादातर मामलों में, आवेदन पत्र जमा करने के लिए असली मतदाताओं की पहचान का दुरुपयोग किया गया था. फॉर्म जमा करने के लिए इस्तेमाल किए गए फोन नंबर भी उन मतदाताओं के नहीं थे, जिनके नाम पर फॉर्म दाखिल किए गए थे. कैसे काम करेगा नया सिस्टम? ई-साइन प्रक्रिया को लेकर आयोग ने पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और यूज़र-फ्रेंडली बनाया है: 1. आवेदन के लिए फॉर्म चुनें     नया वोटर रजिस्ट्रेशन – फॉर्म 6     नाम हटवाने के लिए – फॉर्म 7     सुधार या बदलाव के लिए – फॉर्म 8 2. ई-साइन की प्रक्रिया     आवेदक को अपने आधार से लिंक मोबाइल नंबर का उपयोग करते हुए ई-साइन पोर्टल पर भेजा जाएगा.     यहां आवेदक को अपना आधार नंबर दर्ज करना होगा.     उसके बाद आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा.     OTP दर्ज करके सहमति देने के बाद वेरिफिकेशन पूरा होगा.     फिर आवेदक दोबारा ECInet पोर्टल पर वापस आकर फॉर्म को सबमिट कर सकता है. क्या होगा फायदा?     फर्जी पहचान और गलत मोबाइल नंबर से आवेदन अब लगभग नामुमकिन हो जाएंगे.     मतदाता की सहमति और पहचान की पुष्टि सुनिश्चित होगी.     डेटा की शुद्धता बढ़ेगी और चुनाव आयोग को गलत डिलीट या एडिट की गई एंट्री को ट्रैक करने में आसानी होगी.     फॉर्म भरने वाले और असली मतदाता के बीच पारदर्शिता बनी रहेगी.  

पराली रोकने हरियाणा सरकार का एक्शन प्लान तैयार, 19 बिंदुओं में रणनीति; हर 50 किसानों पर तैनात होंगे अधिकारी

चंडीगढ़  हरियाणा में धान की कटाई के बाद पराली न जले, इसको लेकर सरकार एक मेगा प्लान तैयार कर रही है। दरअसल, हाल ही में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पराली जलाने पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए थे। इसके तहत 19 सूत्री प्लान लिस्टेड किया गया है।  प्लान में साथ ही छोटे व सीमांत किसानों के लिए CRM मशीनों को किराया मुक्त किया जाएगा।सीएक्यूएम की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि पराली जलाने की घटनाओं पर बारीकी से निगरानी, ​​निरीक्षण और सुरक्षा के लिए पुलिस, कृषि और नगर निगम के अधिकारियों से मिलकर एक पराली सुरक्षा बल गठित करने को कहा गया है। 90% पराली नहीं जली हरियाणा पिछले नौ वर्षों में पंजाब को पीछे छोड़ते हुए पराली जलाने की 90 प्रतिशत घटनाओं को समाप्त करने का गौरव प्राप्त कर चुका है। राज्य ने पिछले वर्ष आक्रामक कार्यक्रम शुरू किए और 2023 की तुलना में 2024 में पराली जलाने की घटनाओं में 39 प्रतिशत की कमी लाने में सफलता प्राप्त की।हरियाणा के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि आज किसान पराली जलाने से होने वाली समस्याओं के प्रति जागरूक है। पराली पर बोले कृषि मंत्री हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि लगभग 10 साल पहले हमने किसानों को समझाने और समझाने की कोशिश शुरू की थी और आज किसान हमारे पास समाधान की तलाश में आ रहे हैं। मानसिकता में बदलाव से काफी बदलाव आया है और हरियाणा जल्द ही पराली जलाने से मुक्त राज्य बन जाएगा। 2030 तक पराली जलाने से मुक्त होगा प्रदेश हाल ही में राज्य की नवीनतम पर्यावरण योजना का अनावरण करते हुए, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पराली जलाने को वायु गुणवत्ता में गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक बताया और 2030 तक इसे समाप्त करने का वादा किया। सैनी ने कहा कि एनसीआर में वायु संकट के लिए अक्सर पराली जलाने को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है।पराली जलाना सबसे बड़े पर्यावरणीय संकटों में से एक है और हरियाणा इस तथ्य से अच्छी तरह वाकिफ है। एक दशक से भी ज़्यादा समय से हम इस समस्या के समाधान के लिए लगातार काम कर रहे हैं। राज्य सरकार ने 2025 के लिए एक कार्य योजना तैयार की है, जिसमें फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रावधान भी शामिल है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हरियाणा 2030 तक पराली जलाने से मुक्त हो जाएगा।” सैनी ने कहा। हरियाणा पिछले नौ वर्षों में पंजाब को पीछे छोड़कर 90 प्रतिशत पराली जलाने की समस्या से मुक्त होने का दावा करता है। राज्य ने पिछले साल आक्रामक कार्यक्रम शुरू किए और 2023 की तुलना में 2024 में पराली जलाने की घटनाओं में 39 प्रतिशत की कमी हासिल की। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा, "हरियाणा के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि आज किसान पराली जलाने से होने वाली समस्याओं से अवगत है। लगभग 10 साल पहले हमने समझाने और समझाने की कोशिश शुरू की थी और आज किसान हमारे पास समाधान की तलाश में आ रहे हैं। मानसिकता में बदलाव से काफी बदलाव आया है और हरियाणा जल्द ही पराली जलाने वाले राज्य से मुक्त हो जाएगा।" इस साल मई में, दिल्ली स्थित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पड़ोसी राज्यों को पराली जलाने पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए थे। इसमें 19 सूत्री कदम सूचीबद्ध किए गए थे जो पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को इस साल पराली जलाने को पूरी तरह से खत्म करने के लिए उठाने चाहिए। तीनों राज्यों को दिए गए अपने आदेशों में CAQM ने निर्देश दिया कि ये राज्य हर गाँव के खेत का नक्शा बनाएँ, 50 से ज़्यादा किसानों के साथ एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें, पुरानी फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) मशीनों को बेकार कर दें और छोटे व सीमांत किसानों के लिए CRM मशीनों को किराया-मुक्त बनाएँ। इन राज्यों को पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी, ​​देखरेख और सुरक्षा के लिए पुलिस, कृषि और नागरिक अधिकारियों से मिलकर पराली सुरक्षा बल गठित करने को कहा गया है। सीएम नायब सैनी कह चुके हैं कि पराली जलाना सबसे बड़े पर्यावरणीय संकटों में से एक है और हरियाणा इस तथ्य से भली-भांति परिचित है। पिछले एक दशक से हम इस समस्या के समाधान के लिए लगातार काम कर रहे हैं। राज्य सरकार ने 2025 के लिए एक कार्य योजना तैयार की है, जिसमें फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद के लिए लगभग 200 करोड़ रुपए की सब्सिडी का प्रावधान भी शामिल है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि 2030 तक हरियाणा पराली जलाने से मुक्त हो जाएगा।

नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की प्रतीक बनी रेनू ने महिला सशक्तीकरण को दी नई ऊंचाई

लखनऊ,  ग्राम धर्मपुर, ब्लॉक रुद्रपुर, जिला देवरिया की रेनू देवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति अभियान के तहत नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की अनुपम मिसाल पेश की है। एक साधारण गृहिणी से ‘लखपति दीदी’ बनने तक का उनका सफर उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर संस्था (MPP) के सहयोग से संभव हुआ। आज रेनू न केवल अपनी आर्थिक स्वतंत्रता हासिल कर रही हैं, बल्कि अपने गाँव की 69 महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं, जो मिशन शक्ति के तहत महिला सशक्तीकरण की नई कहानी लिख रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस मुहिम ने रेनू जैसे लाखों ग्रामीण महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता का आधार दिया है। रेनू देवी का सफर तब शुरू हुआ जब वे चमेली स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं, जहाँ उन्हें सामूहिकता और बचत का पहला सबक मिला। हालांकि, समूह से होने वाली आय परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं थी। इस बीच, श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर संस्था के दूध संकलन केंद्र (MPP) की स्थापना हुई। संस्था की बैठकों में जब रेनू ने सुना कि दूध की गुणवत्ता के लिए उचित मूल्य, व्यवस्थित संग्रह और सीधा बैंक भुगतान मिलेगा, तो उन्हें आत्मनिर्भरता का नया रास्ता दिखाई दिया। रेनू बताती हैं कि मैंने सोचा, यह मेरे लिए सम्मानजनक आजीविका और बचत का जरिया हो सकता है। संस्था से जुड़ने से पहले रेनू के पास सिर्फ 2 गाय थीं, जिनसे 4 लीटर दूध प्रतिदिन मिलता था, जो घरेलू उपयोग में चला जाता था। 7 दिसंबर 2023 को संस्था की सदस्य बनने के बाद उन्हें गुणवत्ता प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग मिला। इस सहायता से प्रेरित होकर उन्होंने 3 और गायें खरीदीं और अब उनके पास 5 गायें हैं, जिनसे प्रतिदिन 25 लीटर दूध प्राप्त होता है। यह दूध वे दूध संकलन केंद्र (MPP) पर जमा करती हैं। उनकी मेहनत रंग लाई और अब तक उन्होंने 4.50 लाख रुपये से अधिक का सालाना व्यवसाय कर रही हैं। औसत मासिक आय 44 हजार रुपये से अधिक है। यह राशि सीधे उनके बैंक खाते में आती है, जिससे वे नियमित बचत कर रही हैं। रेनू बताती हैं कि योगी सरकार की योजनाओं ने उनकी जिंदगी को नई दिशा दी। वे अपने तीन बच्चों को बेहतर स्कूलों में पढ़ा रही हैं और परिवार के अन्य सदस्यों की आर्थिक मदद कर रही हैं। कहती हैं कि संस्था का सहयोग और समय पर भुगतान ने मुझे आत्मविश्वास दिया। अब मैं सिर्फ अपनी नहीं, अपने गाँव की महिलाओं की प्रेरणा बनना चाहती हूं। उनकी प्रेरणा से अब तक 69 महिलाएं संस्था से जुड़ चुकी हैं, जो उनके मार्गदर्शन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति अभियान ने रेनू जैसी हजारों महिलाओं की जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है। सीएम योगी की दूरदर्शी नीतियों ने रेनू जैसे ग्रामीण महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान के साथ आर्थिक स्वावलंबन का अवसर दिया है। आज वे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के चेहरे के रूप में उभरी हैं, जो न केवल खुद को, बल्कि पूरे समाज को सशक्त कर रही हैं। मिशन शक्ति के तहत महिला बीट पुलिस अधिकारियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने ग्रामीण महिलाओं को सुरक्षा का आश्वासन दिया, जबकि आजीविका मिशन ने उन्हें आर्थिक आजादी प्रदान की। रेनू की मेहनत और सरकार के सहयोग ने उन्हें लखपति दीदी बना दिया, जो अब गाँव की अन्य महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं।

उज्जैन में सामने आए आई लव महाकाल’ पोस्टर, आई लव मोहम्मद मुहिम के बीच चर्चा

उज्जैन उत्तर प्रदेश के कानपुर में 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर को लेकर शुरू हुआ विवाद देश के कई हिस्सों में एक मुहिम का रूप से चुका है। यूपी के अलावा उत्तराखंड, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में मुस्लिम समुदाय के लोग 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर लेकर जुलूस निकाल रहे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश के उज्जैन में 'आई लव महाकाल' के पोस्टर नजर आए। एक गरबा पंडाल में पोस्टर लहराए गए और लोगों ने 'आई लव महाकाल' के नारे भी लगाए। मध्य प्रदेश के उज्जैन में  दोपहर चमनगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत ईदगाह पर 'आई लव मोहम्मद' के बैनर पोस्टर लगाए गए थे। वहीं, दूसरी और देर शाम उज्जैन के नवरंग डांडिया गरबा में 'आई लव महाकाल' के बैनर पोस्टर लगाए गए और जय महाकाल जय महाकाल का जय घोष किया गया। आयोजकों ने बताया कि यह महाकाल के प्रति अपनी गहरी आस्था प्रकट करने का एक तरीका है। कार्यक्रम में जैसे ही डांडिया की धुन शुरू हुई, पूरा पंडाल 'जय महाकाल' के नारों से गूंज उठा। आयोजक योगेश ठाकुर ने बताया कि यह महाकाल के प्रति अपनी गहरी आस्था प्रकट करने का एक तरीका है। जब नगर निगम शहरों के नाम से बैनर लगा सकता है, तो हम अपने आराध्य देव के लिए 'आई लव महाकाल' का बैनर क्यों नहीं लगा सकते।कार्यक्रम में जैसे ही डांडिया की धुन शुरू हुई, पूरा पंडाल 'जय महाकाल' के नारों से गूंज उठा। आई लव महाकाल के पोस्टर पर लोगों का कहना था कि यह आयोजन महाकाल के प्रति उनके गहरे प्रेम को व्यक्त करने का एक तरीका है। इससे गरबे में भक्ति और आस्था के साथ-साथ धार्मिक गौरव की झलक भी साफ दिखाई दी। इस गरबा आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। मंगलवार रात करीब 5 हजार लोगों ने यहां गरबा किया। आयोजकों की ओर से लगाए गए 'आई लव महाकाल' के पोस्टर आकर्षण का केंद्र बन गए। लोगों ने पोस्टर हाथ में लेकर तस्वीरें खिंचवाईं। गरबा में सिर्फ हिंदुओं को प्रवेश दिया जा रहा है। इसके लिए एंट्री गेट पर तिलक, कलावा और आधार कार्ड की जांच की जा रही है। इसके अलावा माइक से यह घोषणा भी की जा रही है कि गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। जीएसटी के बैनर पोस्टर से मोदी को धन्यवाद सांसद अनिल फिरोजिया की ओर से निरात डांडिया का आयोजन किया जा रहा है। पंडाल में मां वैष्णोदेवी की तर्ज पर करीब 300 फीट लंबी गुफा बनाई गई है। जिसमें 8 माताओं की विशेष झांकियां सजाई गई हैं। यहां मंगलवार रात जीएसटी गरबा आयोजित किया गया। जिसमे केंद्र सरकार द्वारा कई वस्तुओं और खाद्य सामग्री पर जीएसटी कम किए जाने को लेकर युवतियों ने हाथों में तख्तियां लेकर विशेष गरबा किया। इन तख्तियों पर लिखा था 'घटी GST, मिला उपहार, धन्यवाद मोदी सरकार।'

बौद्धिक दिव्यांगजनों के विकास एवं पुनर्वास विषय पर हुआ तीन दिवसीय प्रशिक्षण

भोपाल  बौद्धिक दिव्यांगजनों के विकास एवं पुनर्वास विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान सीहोर में आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण 17 से 19 सितम्बर 2025 को आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन्स विथ इंटेलेक्चुअल डिसएबिलिटीज (NIEPID), हैदराबाद तथा जय वकील फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ। प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों द्वारा बौद्धिक दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास, पुनर्वास की नवीन तकनीकों, शिक्षा एवं पुनर्वास सेवाओं की सुलभता पर विस्तार से जानकारी दी गई। इसमें विभिन्न जिलों से आए शासकीय अशासकीय बौद्धिक दियांगजनों से सम्बंधित संस्थाओं के विशेष शिक्षकों, पुनर्वास पेशेवरों, सामाजिक कार्यकर्ता एवं अभिभावक शामिल हुए। कार्यक्रम के उद्घाटन-सत्र में वक्ताओं ने कहा कि बौद्धिक दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए परिवार, समाज एवं संस्थाओं की सामूहिक भूमिका अत्यंत आवश्यक है। प्रशिक्षण के दौरान व्यवहार सुधार, आत्मनिर्भरता, कौशल विकास तथा पुनर्वास संबंधी व्यावहारिक कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया। समापन-सत्र में प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। प्रतिभागियों ने ऐसे प्रशिक्षण को उपयोगी बताते हुए कहा कि यह बौद्धिक दिव्यांगजनों की बेहतरी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।  

कटनी-सतना के बीच मेला स्पेशल ट्रेन शुरू, 24 सितंबर से 6 अक्टूबर तक यात्रियों को मिलेगी सुविधा

 जबलपुर  रेल प्रशासन द्वारा मैहर में नवरात्र मेला के अवसर पर आने-जाने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा और अतिरिक्त यात्री यातायात क्लियर करने के लिए कटनी साऊथ-सतना-कटनी साऊथ के मध्य 13-13 ट्रिप अनारक्षित मैहर मेला स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है, जो मार्ग में पटवारा, झुकेही, पकरिया रोड, अमदरा, घुनवारा, भदनपुर, मैहर, उंचेहरा एवं लगरगवां स्टेशनों पर हॉल्ट लेकर गंतव्य को जा रही है। इस गाड़ी में सामान्य श्रेणी एवं एसएलआरडी के कोच है। मेला स्पेशल ट्रेन की जानकारी गाड़ी संख्या 09015 कटनी साऊथ से सतना अनारक्षित स्पेशल ट्रेन दिनांक 24 सितम्बर 2025 से 06 अक्टूबर 2025 तक प्रतिदिन कटनी साऊथ स्टेशन से प्रातः 05:05 बजे प्रस्थान कर, पटवारा 05:16 बजे, झुकेही 05:28 बजे, पकरिया रोड 05:48 बजे, अमदरा 06:00 बजे, घुनवारा 06:08 बजे, भदनपुर 06:20 बजे, मैहर 06:55 बजे, उंचेहरा 07:20 बजे, लगरगवां 07:58 बजे पहुंचकर और उसी दिन सुबह 08:50 बजे सतना स्टेशन पहुंचेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 09016 सतना-कटनी साऊथ अनारक्षित स्पेशल ट्रेन दिनांक 24 सितम्बर 2025 से 06 अक्टूबर 2025 तक प्रतिदिन सतना स्टेशन से रात 19:25 बजे प्रस्थान कर, लगरगवां 19:32 बजे, उंचेहरा 19:44 बजे, मैहर 20:00 बजे, भदनपुर 20:30 बजे, घुनवारा 20:40 बजे, अमदरा 21:38 बजे, पकरिया रोड 22:08 बजे, झुकेही 22:58 बजे, पटवारा 23:33 बजे, पहुंचकर और उसी दिन रात्रि 23:50 बजे कटनी साऊथ स्टेशन पहुंचेगी। यात्रियों से अनुरोध है मेला स्पेशल ट्रेन की सेवाओं का लाभ उठाएं। ट्रेन की समय-सारणी से सम्बंधित जानकारी हेतु हेल्पलाइन 139 रेल मदद/एनटीईएस या वेबसाइट का उपयोग कर सकते है।

माता चामुंडा की आस्था में डूबा नवरात्रि का पर्व, उमड़ा भक्तों का सैलाब

अजमेर अजमेर के वरुण रोड स्थित बोराज गांव की पहाड़ी पर विराजमान चामुंडा माता के मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। यह लाखों लोगों का आस्था का केंद्र है। बता दें कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने इस मंदिर की स्थापना की थी और वे स्वयं यहां पूजा-अर्चना किया करते थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर चामुंडा माता ने पृथ्वीराज चौहान को इस स्थान पर दर्शन भी दिए थे । 1160 वर्ष पूर्व हुई थी स्थापना मंदिर के पुजारी मदन सिंह रावत ने  बताया कि मंदिर की स्थापना 1160 से अधिक वर्ष पूर्व हुई थी, तब से लेकर आज तक चामुंडा माता की पूजा-अर्चना नित्य होती है। मंदिर प्रांगण में गंगा मैया, भगवान भोलेनाथ, हनुमान जी और भैरव बाबा का भी मन्दिर है। गंगा मैया के मंदिर में जल का एक छोटा सा कुंड है, जिसका पानी कभी भी समाप्त नहीं होता । इस कुंड के जल को गंगा के समान पवित्र माना जाता है। पृथ्वीराज चौहान की कुलदेवी बताया जाता है कि चामुंडा माता सम्राट पृथ्वीराज चौहान की कुलदेवी हैं। स्थानीय लोग चामुंडा माता को चामुंडा माई कह कर पुकारते हैं। कहा जाता है कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान माता के अनन्य भक्त थे। यहीं वह स्थान है जहां माता ने उन्हें दर्शन दिये थे। बोराज गांव से मंदिर के सेवादार यहां पूजा-अर्चना करते हैं। युद्ध में जाने से पहले सम्राट पृथ्वीराज चौहान माता का आशीर्वाद लेने इसी चामुंडा माता मंदिर में जाते थे । यह ऐतिहासिक मंदिर अजमेर के एक झील वरुण सागर के पास में पहाड़ी के ऊपर स्थित है। कुंड का पानी नहीं होता खत्म मंदिर में माता गंगा का एक ऐसा कुंड है, जिसमें पानी कभी समाप्त नहीं होता। मंदिर के बारे में कहा जाता है यहां पर सिर्फ माता का मुख ही बाहर की तरफ है, बाकी शरीर धरती के अंदर है। नवरात्रि के दिनों में यहां बहुत ही धूमधाम से आरती की जाती है और विशेष तौर से मेला लगता है। हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र जिले का सबसे प्राचीनतम मंदिर होने के चलते वहीं नवरात्रों के नौ दिनों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्रों में मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और माता का विशेष शृंगार किया जाता है।