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निर्मला सप्रे की सदस्यता पर विवाद जारी, 8 अक्टूबर को हाईकोर्ट में फैसला आएगा

सागर  कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता खतरे में है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि सप्रे ने कांग्रेस से जीतने के बाद भाजपा का समर्थन किया। उन्होंने भाजपा के मंच पर प्रचार भी किया। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 8 अक्टूबर को करेगा। देखना होगा कि उनकी सदस्यता रहेगी या जाएगी। कांग्रेस के टिकट से जीती थीं निर्मला निर्मला सप्रे 2023 में बीना से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनीं। उमंग सिंघार का कहना है कि सप्रे ने दल बदल विरोधी कानून का उल्लंघन किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सप्रे ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का मंच साझा किया। उन्होंने भाजपा का दुपट्टा पहनकर प्रचार किया और कांग्रेस के खिलाफ बयान भी दिए। सिंघार ने मांग की है कि उनकी सदस्यता रद्द की जाए। विधानसभा अध्यक्ष से कर चुके शिकायत कांग्रेस पार्टी ने पहले विधानसभा अध्यक्ष को इस बारे में शिकायत की थी। उनका कहना था कि अध्यक्ष ने 90 दिन से ज्यादा समय तक कोई कार्रवाई नहीं की। इसलिए, उन्हें हाई कोर्ट जाना पड़ा। हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने पहले याचिका खारिज कर दी थी। अब जबलपुर बेंच इस मामले की जांच करेगी। अदालत के फैसले पर टिकी नजर कांग्रेस का कहना है कि सप्रे ने खुले तौर पर पार्टी बदल ली है। वहीं, भाजपा इसे 'विचारधारा के समर्थन' का नाम दे रही है। अब यह देखना होगा कि अदालत इसे दलबदल मानती है या नहीं। इस पर कोर्ट का फैसला ही अंतिम होगा।  

मध्यप्रदेश-सिंगापुर का नया कदम: इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड ट्रेनिंग और स्मार्ट सिटी टेक्नोलॉजी में साझेदारी

मध्यप्रदेश और सिंगापुर, इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड ट्रेनिंग-ग्रीन टेक्नोलॉजी और स्मार्ट सिटी सॉल्युशन्स के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सिंगापुर के काउंसल जनरल  चियोंग मिंग फूंग ने की सौजन्य भेंट भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्लोबल स्किल पार्क जैसे प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश और सिंगापुर द्वारा क्षमता‍ निर्माण तथा युवा सशक्तिकरण के लिए किए गए संयुक्त प्रयासों का सफल उदाहरण है। सिंगापुर की तकनीक, शिक्षा-स्किल्स, विशेषज्ञता और मध्यप्रदेश की औद्योगिक क्षमता व संसाधन, परस्पर विकास, नवाचार और स्थिरता को प्रोत्साहित करने में सक्षम है। राज्य सरकार द्विपक्षीय परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से हरसंभव नीति, सहयोग और निवेशकों को त्वरित सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह बात सिंगापुर के काउंसल जनरल  चियोंग मिंग फूंग से मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में चर्चा के दौरान कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश, सिंगापुर के साथ इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड ट्रेनिंग, अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता, ग्रीन टेक्नोलॉजी, स्मार्ट सिटी सॉल्युशन्स, स्किल डेवलपमेंट सहित निवेश और शिक्षा के क्षेत्र में परस्पर सहयोग बढ़ाते हुए गतिविधियों का विस्तार करेगा।   

नवरात्रि मेले में स्टॉल हटाने पर विवाद, BJP विधायक ने किया सख्त एक्शन, ID चेकिंग हुई

इंदौर  इंदौर के कनकेश्वरी मेला मैदान में ठेके को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. विधायक रमेश मेंदोला ने महेश पालीवाल उर्फ गुड्डू नाम के एक व्यक्ति को मेला, झूले और अन्य मनोरंजन साधनों का ठेका दिया था, लेकिन उसने यह ठेका आगे बढ़ाकर किसी फिरोज नाम के लड़के को सौंप दिया. इसकी जानकारी विधायक को नहीं थी. मामला सामने आते ही हिंदू जागरण मंच ने इसका पुरजोर विरोध किया. संगठन ने इसे हिंदू भावनाओं से जुड़ा मुद्दा बताते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग कर दी. इसके बाद विधायक ने एक्शन लिया. फिरोज और महेश, दोनों से ही ठेके की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है और अब आईडी देखकर दुकानें और झूले हटवा दिए गए हैं. हिंदू संगठन ने विधायक से की शिकायत दरअसल, हिन्दू जागरण मंच को जैसे ही इस बात की जानकारी लगी, कार्यकर्ताओं ने विधायक रमेश मेंदोला से जाकर इसकी शिकायत कर दी. हिंदू संगठन के आक्रोश को देखते हुए रमेश मेंदोला ने तुरंत प्रभाव से निर्देश दिए कि फिरोज से ठेका वापस लिया जाए और गैर-हिंदुओं की दुकानें और सामान मेले से हटवाए जाएं. 'ठेका लेने के बाद मुसलमानों को दीं दुकानें' इस बीच, रमेश मेंदोला समर्थक जीतू यादव ने कहा, "मेला जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों से जुड़े ठेके गैर-हिंदू व्यक्तियों को दिए जाने पर समाज में असंतोष फैलता है, जो किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है. फिरोज़ नाम के युवक ने महेश पालीवाल के नाम से ठेका लिया और फिर मुस्लिम समाज के लोगों को मेले में दुकान और झूले लगाने की परमिशन दी गई." जीतू यादव ने बताया कि उन्होंने सभी आईडी चेक कर मुस्लिम समाज से जुड़े सभी दुकानदारों को हटाया है. कुछ महिलाएं हिंदू बहनों की दुकान लगी है. उन्हें परमिशन है कि वह अपनी दुकान चलाएं. महेश उर्फ गुड्डू को सजा देते हुए उससे ठेका भी वापस ले लिया गया है. कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक हैं विधायक रमेश मेंदोला बता दें कि रमेश मेंदोला बीजेपी के विधायक हैं और कैलाश विजयवर्गीय के कट्टर समर्थक माने जाते हैं. वह कनकेश्वरी गरबा आयोजन के आयोजक भी हैं. साथ ही, प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों से विधानसभा चुनाव जीतने का तमगा भी रमेश मेंदोला के नाम है.

हाई कोर्ट में पत्नी का अनोखा बयान: पति को छोड़ दूंगी, बिल्ली को नहीं

भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक अनोखा तलाक का मामला सामने आया है, जहां पति-पत्नी के बीच पालतू जानवरों की वजह से रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया है। शादी के महज 9 महीने बाद ही दंपती ने तलाक के लिए आवेदन दे दिया है। इस अनोखे मामले की वजह है पति का कुत्ता और पत्नी की बिल्ली, जिनके बीच का झगड़ा अब कोर्ट तक जा पहुंचा है। पत्नी का आरोप, कुत्ता करता है बिल्ली को परेशान पत्नी का कहना है कि पति का कुत्ता उनकी प्यारी बिल्ली को बार-बार परेशान करता है। इतना ही नहीं, कुत्ते ने कई बार बिल्ली पर हमला भी किया, जिससे घर में तनाव का माहौल बन गया है। पत्नी का आरोप है कि पति अपने कुत्ते को नियंत्रित करने में नाकाम रहे हैं, जिसके चलते उनकी बिल्ली असुरक्षित महसूस करती है। पति की दलील, पहले ही दी थी चेतावनी दूसरी ओर, पति का कहना है कि शादी से पहले ही उन्होंने पत्नी को साफ बता दिया था कि सभी पालतू जानवरों को एक साथ रखना मुश्किल होगा। पति के मुताबिक, उनके घर में पहले से एक कुत्ता और मछलियां हैं, जिन्हें पत्नी की बिल्ली परेशान करती है। पति का दावा है कि पत्नी ने उनकी बात को अनसुना कर मायके से अपनी बिल्ली ला लिया, जो अब घर में रखी मछलियों के एक्वेरियम के आसपास मंडराती रहती है। पालतू जानवर बने घरेलू कलह की वजह यह मामला भोपाल के पारिवारिक कोर्ट में पहुंच चुका है, जहां दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि पालतू जानवरों को लेकर पति-पत्नी के बीच असहमति कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस तरह तलाक तक पहुंचने का मामला बेहद असामान्य है। अब कोर्ट इस अनोखे मामले में क्या फैसला सुनाता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।

तीन उपनिरीक्षक गिरफ्तार, एसआई भर्ती पेपर लीक की जांच में एसओजी की पूछताछ जारी

जयपुर राजस्थान पुलिस एसआई भर्ती परीक्षा 2021 के चर्चित पेपर लीक प्रकरण में कार्रवाई का दायरा लगातार बढ़ रहा है। एटीएस एवं एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस वी.के. सिंह ने बताया कि अनुसंधान के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर तीन प्रोबेशनर उपनिरीक्षकों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार एसआई में परमेश चौधरी पुत्र हनुमान चौधरी (26), निवासी मालियों की ढाणी, ग्राम त्योदा, थाना सांभर, जयपुर ग्रामीण शामिल हैं। वर्तमान में वह टोंक पुलिस लाइन में प्रोबेशनर के रूप में कार्यरत था। दूसरा आरोपी मनोहर सिंह पुत्र वगताराम (25), निवासी ग्राम सेडीया, थाना करड़ा, जिला जालौर है, जो कोटा शहर पुलिस लाइन में प्रोबेशनर उपनिरीक्षक के तौर पर नियुक्त था। तीसरा आरोपी मनोहरलाल पुत्र विरदाराम (26), निवासी वियो का गोलिया, ग्राम पुनासा, थाना भीनमाल, जिला जालोर है, जो सिरोही पुलिस लाइन में प्रोबेशन पर था। जांच से स्पष्ट हुआ कि इन तीनों ने पेपर लीक माफिया गिरोह के जरिए परीक्षा से पहले सॉल्वड पेपर प्राप्त कर पढ़ाई की और उसी आधार पर परीक्षा उत्तीर्ण की। नतीजतन परमेश चौधरी मैरिट क्रमांक 180, मनोहर सिंह मैरिट क्रमांक 38 और मनोहरलाल मैरिट क्रमांक 171 पर चयनित पाए गए। एसओजी की टीम ने तीनों को कल हिरासत में ले लिया। अब इनसे गहन पूछताछ की जा रही है ताकि पेपर लीक नेटवर्क और उसमें शामिल अन्य लोगों तक पहुंचा जा सके। गौरतलब है कि राजस्थान की इस भर्ती परीक्षा से जुड़े पेपर लीक मामले में अब तक 59 उपनिरीक्षक सहित कुल 130 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। लगातार हो रही कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि एसओजी पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने और दोषियों को न्याय के कटघरे तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

बिहार के बाद अब MP में भी वोटर लिस्ट विशेष पुनरीक्षण शुरू, नाम जुड़वाने के लिए जरूरी होंगे 3 डॉक्युमेंट

भोपाल  जिनके नाम वर्ष-2003 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें नई सूची में अपना नाम कटने से बचाने के लिए पहचान के तीन दस्तावेज पेश करने पड़ेंगे। वहीं जिन लोगों के पिता का नाम इस मतदाता सूची में है, उन्हें पिता से संबंध का प्रमाण पेश करने के साथ पहचान का एक दस्तावेज देना अनिवार्य होगा। यह कवायद मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) का हिस्सा है। दरअसल बिहार चुनाव के पहले 65 लाख मतदाता के नाम काटने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश में भी सूची के गहन पुनरीक्षण की तैयारी शुरु कर दी है। जिसे एसआइआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) नाम दिया गया है। इस तरह की कवारयद यहां 22 साल बाद होने जा रही है। इससे पहले वर्ष 2003 में विशेष गहन पुनरीक्षण हुआ था। उस समय भोपाल में केवल चार विधानसभा क्षेत्र थे, जिसमें गोविंदपुरा, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर और बैरसिया शामिल थे। गहर परीक्षण के बाद ही अंतिम सूची जारी होगी इन विधानसभाओं में 11 लाख 81 हजार 531 मतदाता थे। निर्वाचन आयोग ने इन मतदाता का गहन परीक्षण करने के बाद ही अंतिम सूची जारी की थी। वर्तमान में राजधानी में सात विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें बैरसिया, उत्तर, नरेला, दक्षिण-पश्चिम, मध्य, गोविंदपुरा और हुजूर हैं। यहां वर्तमान में की 21 लाख 18 हजार 364 मतदाता हैं। यह संख्या 22 साल पुरानी मतदाता सूची से दोगुना से भी ज्यादा है, सूची का एसआइआर होने से यहां भी भारी संख्या में नाम काटे जा सकते हैं। निर्वाचन आयोग ने फिलहाल 2025 की मतदाता सूची का 2003 की मतदाता सूची से मिलान का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए बूथ स्तर के अधिकारियों को काम पर लगाया गया है। मिलान का काम पूरा होने के बाद जिनके नाम 2003 की सूची में नहीं होंगे, उनको बीएलओ सूचना देगा। उसी के आधार पर मतदाता को दस्तावेज पेश करना होगा। 2003 की सूची में जिनके नाम उन्हें नहीं देने होंगे दस्तावेज अधिकारियों का कहना है कि जिन मतदाता के नाम वर्ष-2003 की सूची में दर्ज होगा, उन्हें किसी भी तरह का दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें सिर्फ 2003 में दर्ज नाम का रिकॉर्ड पेश करना पड़ेगा। जिन लोगों के पिता का नाम दर्ज है, उन्हें भी पिता के नाम का ब्यौरा अपने फार्म में दर्ज करना पड़ेगा। इस अभियान के तहत 1987 के पहले जन्म लेने वाले मतदाता को एक दस्तावेज देना पड़ेगा। इसके साथ 1987 से 2003 के बीच जन्म लेने वाले मतदाता को पहचान के दो दस्तावेज पेश करना पड़ेंगे। जबकि 2003 से अब तक वालों को तीन दस्तावेज देना अनिवार्य किया गया है। हर मतदाता को दिए जाएंगे न्यूमेरेशन फार्म मतदाता सूची का गहन परीक्षण होने के साथ ही बीएलओ को न्यूमेरेशन फार्म दिए जाएंगे। यह फार्म बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता को दो कापी में देंगे, जिसमें एक कापी पर पावती भी ली जाएगी। इस फार्म को तय समय में भरने के साथ दस्तावेज भी पेश करना अनिवार्य होगा। आयोग इस फार्म की व्यवस्था ऑनलाइन भी रखेगा, जिससे मतदाता ऑनलाइन भी इस फार्म को भर सकेंगे। 77 बीएलओ और चार सुपरवाइजर को कारण बताओ नोटिस नरेला विधानसभा क्षेत्र के रजिस्ट्रीकरण अधिकारी रवीश श्रीवास्तव ने 77 बीएलओ और चार बीएलओ सुपरवाइजर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने मतदाता सूचीयों के मिलान का काम शुरू नहीं किया है। सभी को निर्देशित किया है कि वह जल्द से जल्द निर्वाचन संबंधी कार्य शुरू करें और अपना जवाब भी पेश करें। यदि जवाब नहीं दिया जाता है तो एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही बरतने वालों पर होगी कार्रवाई     जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची के मिलान का कार्य किया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी सभी रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को सौंपी गई है, यदि बीएलओ द्वारा निर्वाचन के काम में लापरवाही बरती जाती है, तो उन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। – कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी  

रेल पुलिस की कार्रवाई: दो वाहन चोर गिरफ्तार, चोरी की दो एक्टिवा मिलीं

रायपुर शासकीय रेल पुलिस (जीआरपी) रायपुर ने दोपहिया वाहन चोरी के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी उड़ीसा के निवासी हैं और उनके कब्जे से 1.60 लाख रुपये कीमत की दो होंडा एक्टिवा गाड़ियां बरामद की गई हैं. पुलिस ने केशबा सोना (32 वर्ष, नुआगांव, थाना कोमना, जिला नुवापाड़ा, उड़ीसा) और दुर्योधन सुनानी (45 वर्ष, उदनबान, थाना कोमना, जिला नुवापाड़ा, उड़ीसा) को 24 सितंबर 2025 को क्रमशः 1:30 बजे और 1:40 बजे गिरफ्तार किया. दोनों का वर्तमान पता रायपुर है. प्रकरण की शुरुआत दीप्ति चौधरी (22 वर्ष, बिलासपुर) की शिकायत से हुई, जिन्होंने बताया कि 23 अगस्त 2025 को उनकी भाभी कंचन पिंजानी की होंडा एक्टिवा (वाहन नंबर CG04CR3570, कीमत 1 लाख रुपये) रायपुर रेलवे स्टेशन के टू-व्हीलर पार्किंग से चोरी हो गई. दीप्ति ने 25 अगस्त को पार्किंग में गाड़ी न पाकर पुलिस में शिकायत दर्ज की. इसके आधार पर जीआरपी ने अपराध क्रमांक 107/2025 के तहत धारा 303(2), 317(2), 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की.  पुलिस अधीक्षक (रेल) और उप पुलिस अधीक्षक (रेल) रायपुर के निर्देश पर थाना प्रभारी जीआरपी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना के आधार पर कार्रवाई की. पूछताछ में आरोपी केशबा सोना ने दीप्ति की एक्टिवा चोरी करने की बात स्वीकार की. साथ ही, उसने लक्ष्मीनगर, टिकरापारा, रायपुर से एक अन्य एक्टिवा (कीमत 60,000 रुपये) चोरी करने की बात कबूल की, जो थाना टिकरापारा के अपराध क्रमांक 270/2021 से संबंधित थी.  पुलिस ने दोनों आरोपियों से दो चोरी की एक्टिवा गाड़ियां बरामद कीं, जिनकी कुल कीमत 1.60 लाख रुपये है.

हाईकोर्ट की टिप्पणी: MPPSC शेड्यूल को अभी मंजूरी नहीं, सभी पक्षों की सुनवाई जरूरी

जबलपुर  मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष मंगलवार को एमपी-पीएससी मुख्य परीक्षा-2025 के मामले की सुनवाई हुई। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से हाई कोर्ट में मुख्य परीक्षा का शेड्यूल पेश कर इसे मंजूर करने का आग्रह किया गया। हाई कोर्ट ने उसे फिलहाल मंजूरी नहीं दी। कोर्ट ने कहा कि दूसरे पक्ष को भी सुनना जरूरी है। इसी के साथ मामले की सुनवाई नौ अक्टूबर तक के लिए स्थगित की दी गई। दरअसल, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों भोपाल निवासी सुनीत यादव, नरसिंहपुर निवासी पंकज जाटव व बैतूल निवासी रोहित कावड़े की ओर से याचिका दायर की गई है। उनकी ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि एमपीपीएससी द्वारा कुल 158 पदों की भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम पांच मार्च को घोषित किए गए। लेकिन परिणाम में वर्गवार कट ऑफ अंक जारी नहीं किए गए। जबकि पूर्व की सभी परीक्षाओं में वर्गवार कट ऑफ अंक जारी किए जाते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के विभिन्न फैसलों को बायपास करने का आरोप याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के विभिन्न फैसलों को बायपास करते हुए आयोग ने अनारक्षित पदों के विरुद्ध आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए चयनित नहीं किया। समस्त अनारक्षित पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित कर प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया। आयोग ने अपनी इस असंवैधानिक त्रुटि को छुपाने के उद्देश्य से 2025 के प्रारंभिक परीक्षा में कट ऑफ मार्क्स भी जारी नहीं किए हैं। जबकि नियमानुसार प्रत्येक चरण की परीक्षा में वर्गवार कट आफ अंक जारी किए जाने का प्रविधान है। इसके चलते याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा में चयन से वंचित कर दिया गया है। विगत 21 जुलाई को शासन से जवाब के लिए समय मांगा गया था।

अमेरिका में जयशंकर-गोयल की वार्ता से आई अच्छी खबर, मोदी-ट्रंप बैठक करीब

नई दिल्ली अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के एक बयान से भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों पर शुभ संकेत आते दिख रहे हैं. दरअसल मार्को रुबियो ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ को फिक्स के लिए तैयार हैं. रुबियो ने कहा कि ये टैरिफ भारत के रूस से तेल खरीदने की वजह से लगाए गए थे. वहीं अमेरिका यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर नए प्रतिबंधों पर भी विचार कर रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही भारत-अमेरिका के बीच संबंधों का समीकरण बदलने लगा था. इसके बाद रूस-यूक्रेन के मुद्दे पर दोनों देशों को बीच तनाव और बढ़ा. परिस्थितियां ऐसी आ गईं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सिर्फ भारत के खिलाफ 50 फीसदी का टैरिफ लगा दिया बल्कि ऐसे बयान भी आए कि इस वक्त के सबसे बड़े युद्ध का जिम्मेदार भारत ही है. भारत और अमेरिका के रिश्ते ही नहीं व्यापार भी प्रभावित हुआ. हालांकि दोनों देशों के बीच बर्फ थोड़ी पिघलती दिख रही है. भारत-अमेरिका के बीच नरमी के संकेत मार्को रुबियो ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के मौके पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात की. दोनों के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई. यह बैठक उन तनावों के बाद पहली बार हुई है जो भारत पर अमेरिकी टैरिफ और रूस से भारत के ऊर्जा आयात को लेकर बढ़े थे. एस. जयशंकर से यूएनजीसी में मुलाकात के बाद रुबियो ने कहा है – ‘भारत, अमेरिका के लिए बहुत महत्वपूर्ण सहयोगी है, खासतौर पर व्यापार, ऊर्जा, फार्मा और क्रिटिकल मिनरल्स के मामले में.’ उन्होंने भारत के राजदूत के तौर पर नामित सर्गियो गोर से भी मुलाकात की. मिल सकते हैं पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप! जब से भारत और अमेरिका से संबंधों में तनाव आया है, तब से पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच सिर्फ सोशल मीडिया पर ही संपर्क हुआ है. जिसमें पीएम मोदी के जन्मदिन पर दी गई ट्रंप की बधाई खासी चर्चा में रही. माना जा रहा था कि यूएनजीसी की मीटिंग में दोनों के बीच मुलाकात हो सकती है लेकिन जब इसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर के जाने का ऐलान हुआ, तो ये उम्मीद भी खत्म हो गई. ऐसे में जब चीज़ें सामान्य होती दिख रही हैं, तो दोनों देशों की ओर से कोशिश की जा रही है कि पीएम मोदी और अमेरिकी प्रेसिडेंट ट्रंप के बीच जल्द ही मुलाकात हो और बातचीत आगे बढ़े. भारत पर क्या कहा मार्को रुबियो ने? भारत को लेकर रुबियो ने कहा- ‘हमने भारत के खिलाफ कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि इसे सुधारा जा सकता है. राष्ट्रपति के पास और विकल्प हैं और वे आगे और कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं.’ मार्को रुबियो का ये बयान दोनों देशों के रिश्तों के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की अमेरिका यात्रा के साथ ही ये बयान आया है, जो मौजूदा हालात में बेहद अहम है. आपको बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिससे कुल शुल्क 50 फीसदी तक पहुँच गया है. यह दुनिया में सबसे ऊंचे टैरिफ में से एक है.

आरजीएचएस के यूरोलॉजी विभाग में इलाज नहीं, 50 अस्पतालों को नोटिस

जयपुर राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (RGHS) में इलाज को लेकर आनाकानी कर रहे 50 अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग का कहना है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो अस्पतालों के डिपेनलमेंट की कार्यवाही भी होगी। मामला यूरोलॉजी से जुड़े ट्रीटमेंट को लेकर फंसा है। कई अस्पताल यूरोलॉजी से जुड़ उपचार की दरों को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं जबकि राज्य सरकार का कहना है कि यूरोलॉजी की दरें सीजीएचएस के बराबर हैं। इसलिए इन दरों को बढ़ाने की मांग सही नहीं है। इसी के चलते कई अस्पताल यूरोलॉजी से जुड़े मरीजों को बैरंग लौटा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार  यूरोलॉजी में कम संख्या में पैकेज बुक करने वाले 50 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संतोषजनक कारण नहीं होने की स्थिति मे इन अस्पतालों को डिपैनल करने की कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आरजीएचएस योजना के सुचारू संचालन की दिशा में लगातार जरूरी कदम उठा रहा है। अस्पतालों को भुगतान, पैकेज की दरों सहित अन्य विषयों पर समय-समय पर निर्णय लेकर आवश्यक कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि योजना के लाभार्थियों सहित सभी हितधारकों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, लेकिन बिना वाजिब कारण अगर कोई अस्पताल उपचार उपलब्ध करवाने में आनाकानी करता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह संज्ञान में आने पर कि विगत दिनों में कुछ अस्पतालों ने आरजीएचएस योजना में यूरोलॉजी से संबंधित उपचार के  पैकेज कम बुक किए हैं, उन अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्यारेंस एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरजीलाल अटल ने बताया कि ज्यादातर अस्पतालों में यूरोलॉजी से संबंधित उपचार किया जा रहा है। विगत माह में करीब 9 हजार रोगियों ने आरजीएचएस योजना में यूरोलॉजी से संबंधित उपचार लिया है। ऐसे 50 अस्पताल चिन्हित किए गए हैं, जिन्होंने पैकेज कम बुक किए हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि यह संज्ञान में आया है कि यूरोलॉजी से जुड़े कुछ संगठन यूरोलॉजी पैकेज की दरें बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आरजीएचएस योजना में यूरोलॉजी पैकेज की दरें सीजीएचएस दरों के अनुरूप ही हैं, इसलिए पैकेज की दरों के आधार पर उपचार से मना किया जाना न्याय संगत नहीं है।