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पाक क्रिकेट बोर्ड संकट में, बीसीसीआई लेने को तैयार कड़ा एक्शन, आईसीसी के सामने होगी पेशी

नई दिल्ली  भारतीय क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2025 में लगातार तीसरी बार पाकिस्तान की टीम को धूल चटाया. लीग स्टेज और सुपर 4 में हारने के बाद फाइनल में भी टीम को टीम इंडिया से हार मिली. इसपर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने नमक रगड़ते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ और एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष मोहसिन नकवी के हाथ से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया. इस बात से बौखलाते हुए वो एशिया कप ट्रॉफी को अपने साथ होटल लेकर चले गए. यह बात बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने खुद सबके साथ साझा किया. एशिया कप फाइनल में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले से पहले ही सबकुछ तय हो गया था. भारतीय टीम के खिलाड़ी पाकिस्तान को खिताबी भिड़ंत में पीटेंगे और इस बात को बता दिया गया था कि टीम पीसीबी चीफ मोहसिन नकवी के हाथ से ट्रॉफी नहीं लेगी. सारी जानकारी होने के बाद भी वो अपनी बेइज्जती कराने दुबई पहुंचे थे. जब भारतीय खिलाड़ियों ने फाइनल जीतने के बाद ट्रॉफी लेने नहीं पहुंचे तो नकवी गुस्से से तिलमिला गए. उन्होंने अपनी बर्बादी को बुलावा देते हुए ट्रॉफी होटल ले जाने का फैसला लिया. नकवी ने कर दी बड़ी गलती भारतीय टीम चैंपियन बनी और ट्रॉफी की हकदार है. एशिया कप का आयोजन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड नहीं कराता, इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से एशियन क्रिकेट काउंसिल पर है. ट्रॉफी पाकिस्तान बोर्ड की जागीर नहीं जो उसे नकवी अपने साथ लेकर चले गए थे. ये भारतीय टीम के खिलाड़ियों और बीसीसीआई का फैसला था कि वो ट्रॉफी किसके हाथ से लेंगे. एशिया कप चैंपियन होने के नाता ट्रॉफी भारतीय टीम को मिलेगी और इसे कोई रोक नहीं सकता. बीसीसीआई लेगा एक्शन भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने मोहसिन नकवी की हरकत को माफ नहीं करने का फैसला लिया है. ट्रॉफी लेकर होटल भागने के बाद बीसीसीआई द्वारा आईसीसी को एक कड़ी शिकायत दर्ज कराने की उम्मीद है. इस टूर्नामेंट में दोनों पक्षों के खिलाड़ियों को आईसीसी द्वारा चेतावनी दी गई थी कि उनके कार्य और इशारे क्रिकेट के मैदान में खेल भावना के खिलाफ माने जा सकते हैं. ऐसे पक्षपात पूर्ण रवैये के बाद अब नकवी के आगे किसी बड़े पद पर काबिज होने को लेकर फैसला लिया जा सकता है. उनको तमाम बोर्ड पद पर आगे बैठने को लेकर पाबंदी लगाई जा सकती है.

करूर भगदड़ का आंकड़ा बढ़ा: 41 मौतें, पावर कट पर तमिलनाडु सरकार की सफाई

चेन्नई तमिलनाडु के करूर में एक्टर थलपति विजय की रैली के दौरान शनिवार को हुई भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है. 60 से अधिक लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से कम से कम दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. इसे हाल के वर्षों में राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक त्रासदियों में से एक माना जा रहा है. इस बीच बिजली कटौती को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. पीड़ितों और विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) का आरोप है कि शनिवार शाम 7 से 7:30 बजे के बीच विजय के आने पर करीब आधे घंटे तक बिजली गुल रही, जिससे अफरातफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बनी. सरकार ने खारिज किया बिजली कटौती का दावा   अब राज्य सरकार ने इन दावों को खारिज कर दिया है. तमिलनाडु की फैक्ट-चेक टीम ने करूर कलेक्टर और एडीजीपी के हवाले से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'कार्यक्रम में बिजली कटौती नहीं हुई. हालांकि TVK ने बिजली सप्लाई रोकने का अनुरोध किया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. थोड़ी देर के लिए जो लाइट मंद हुईं, वह पार्टी की ओर से लगाए गए जेनरेटर की समस्या थी.'  विजय की पार्टी ने की सीबीआई जांच की मांग सरकार का कहना है कि भीड़ को खतरनाक जगहों से हटाने के लिए थोड़े समय के लिए बिजली रोकी गई थी, लेकिन विजय के आने के बाद कोई कटौती नहीं हुई. हादसे के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं. TVK ने सीबीआई जांच की मांग की है और इसे साजिश बताया है.  वहीं बीजेपी ने डीएमके सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. इस बीच विजय के करीबी सहयोगियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है और पार्टी ने मद्रास हाई कोर्ट में स्वतंत्र जांच की याचिका दायर की है. तमिलनाडु सरकार ने घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित किया है, जिसने पीड़ित परिवारों से बातचीत शुरू कर दी है और अस्पताल का दौरा भी किया है.

मान सरकार के एक्शन का इंतज़ार, सामने आया कारोबारियों से जुड़ा चौंकाने वाला राज़

लुधियाना  नोएडा के कॉल सैंटर से 3 कारोबारियों को फर्जी रेड के माध्यम से किडनैप कर 10 करोड़ की फिरौती मांगने के मामले में हर रोज नए नए खुलासे हो रहे है। जो किसी फिल्म की स्टोरी से कम नही लग रहे। चाहे पुलिस इस मामले में अभी तक एक ही बदमाश को गिरफ्तार कर पाई है।  लेकिन जिस प्रकार से फिरौती की योजना बनाई गई थी,वो इस तरफ इशारा करती है कि यह खेल काफी समय से चल रहा है और सारे खिलाड़ी सीनियर बन चुके है। पंजाब केसरी टीम की इन्वैस्टीगेशन में सामने आया है कि पकड़ा गया आरोपी लुधियाना का एक ज्वैलर है,जिस पर थाना शिमलापुरी में साला 2023 में चोरी की ज्वैलरी खरीदने की एफ.आई.आर. है। एस.पी. का गंनमैन इसी पर्चे से बरी करवाने के सपने दिखा रहा था। इसी के चलते ज्वैलर पर उसका पुरा दवाब था। जब एफ.आई.आर. हुई थी,उस समय एस.पी. की लुधियाना में तैनाती थी। नोएड़ा रेड़ करने से एक दिन पहले गंनमैन ने ज्वैलर से उसकी एक कार एस.पी. के नाम से मंगवाई। जिसके बाद अगले दिन शेरपुर चौक पर अपनी दूसरी कार लेकर आने को कहा। वहां पहुंचने पर अपने साथ नोएड़ा ले गए। ज्वैलर पहली बार आप नेता को मिला,जिसे डी.एस.पी. कहकर मिलवाया गया। गंनमैन और जी.आर.पी. का ए.एस.आई. का पुराना रिश्ता एस.पी. का गंनमैन और जी.आर.पी. का ए.एस.आई. पहली बार एक दुसरे को नही मिले है,दोनों का पुराना रिश्ता है। दोनों ही पठानकोट के रहने वाले है। जिस कारण एक साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। खन्ना पुलिस ने पठानकोट में भी दोनों के घर पर दबिश दी है। साहनेवाल और खन्ना साइबर सैल में जाकर की वीडियो कॉल पंजाब केसरी इन्वैस्टीगेशन के दौरान सामने आया है कि गनमैंन इतना शातिर है कि पकड़े गए कारोबारियों के परिवार वालो से पैसे लेने के लिए डराते समय उन्हें किसी बात का शक न हो,इसलिए जब साहनेवाल पुलिस स्टेशन और बाद में खन्ना के साइबर सैल थाने में गया तो वहां से कारोबारियों के परिवारवालों को वीडियो कॉल करता था,ताकि उन्हें विश्वास दिलवा सके कि पैसे ने देने पर इन पर बड़ा मामला दर्ज हो सकता है। मान सरकार के एक्शन का लुधियानवियों को इंतजार इस फिरौती के मामले में फरार चल रहे आप नेता और उसको आर्शीवाद देने वाले विधायक पर मान सरकार कोई एक्शन लेगी या भष्ट्राचार के  खिलाफ दिए जाने वाले बयान आम जन के लिए है। इस बात की पुष्टि चंद दिनों में हो जाएगी। वहीं आप विधायक के तार जुड़ते देख सरकार की बदनामी के डर से मामले को गोल मोल कर दिया जाएगा। लेकिन जो भी एक्शन होगा,लुधियानवियों को उसका इंतजार है।  

पुलिस से बचने के लिए बादल करता था ड्रग सप्लाई, मछली गैंग में इस्तेमाल होता था खास कोड

भोपाल  मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बहुचर्चित ड्रग्स कांड में बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली का बादल मछली गैंग का सबसे बड़ा ड्रग सप्लायर है। पुलिस के बचने के लिए अलग अलग राज्यों के खास कोड के जरिए डील होती थी। यासीन के अंशुल और बादल के चैट्स मिले यासीन के अंशुल और अंशुल के बादल से चेट्स भी क्राइम ब्रांच को मिले हैं। सभी के बीच दो दर्जन से अधिक बार बैंक ट्रांजेक्शन भी हुए हैं। इन तमाम बातों का खुलासा यासीन और शाहवर मछली समेत 10 आरोपियों के खिलाफ 15 सितंबर को कोर्ट में पेश चालान से हुआ है।चालान में खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार सभी आरोपियों की काल डिटेल्स क्राइम ब्रांच ने निकाली हैं। बीते 6 महीने के भीतर इन सभी आरोपियों के बीच कई बार फोन पर बातचीत हुई है।दरअसल विशाल उर्फ बादल अरोरा मछली गैंग को सबसे अधिक ड्रग्स खपाता था। यासीन मछली का करीबी अंशुल भूरी नाइजीरियन गुर्गे के संपर्क रहता था। यासीन के अंशुल और अंशुल के बादल के चैट्स भी क्राइम ब्रांच पुलिस को मिले है। सभी के बीच दो दर्जन से अधिक बार बैंक ट्रांजक्शन भी हुए है। यासीन और शाहवर मछली समेत 10 आरोपियों के खिलाफ 15 सितंबर को कोर्ट में पेश हुआ। यह था मामला भोपाल में ड्रग्स तस्करों के गिरोह की धरपकड़ के बाद नशे के कारोबार और यौन शोषण का एक बड़ा नेटवर्क सामने आया था। यह नेटवर्क हिंदू लड़कियों के दुष्कर्म और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने वाले मुस्लिम युवाओं के गिरोह से भी जुड़ा हुआ है। आशू और सैफउद्दीन भोपाल में यासीन मछली के सबसे बड़े पैडलर थे। इनकी गिरफ्तारी के बाद ही पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ था। यासीन के मेमोरेंडम में चौंकाने वाले खुलासे यासीन ने अपने मेमोरेंडम में बताया है कि वो अंशुल उर्फ भूरी ड्रग्स की खेंप लाने के लिए भेजा करता था। अंशुल ड्रग्स विशाल उर्फ सावन अरेरा निवासी दिल्ली से लाता था। पूरी डील सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ही कन्फर्म होती थीं। अंशुल का साथी अमन था जो ड्रग्स को लाने में उसकी मदद किया करता था। पुलिस को यासीन, अंशुल, विशाल और अमन के बीच बैंक ट्रांजेक्शन मिले हैं। विशाल इस मामले में फरार चल रहा है। पुलिस ने इस मामले में सैफुद्दीन, शाहरुख, यासीन मछली, शाहवर मछली, अंशुल, बेंचामत (नाइजीरियन), ओविन्ना (नाइजीरियन), अमन, लारिब उर्फ बच्चा, शाकिर के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है। इनके खिलाफ 6 अक्टूबर को आरोप तय करने पर बहस होगी। इन आरोपियों की नहीं हो सकी गिरफ्तारी ड्रग्स केस में आरोपी डॉ. रहमान मलिक, मोनिस, उमेर पट्टी, विशाल और सनव्वर अभी फरार चल रहे हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद इनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा। आरोपी सनव्वर के भाई को ड्रग्स तस्करी में बनाया आरोपी पुलिस को आरोपी सनव्वर की तलाश थी। सनव्वर अपने भाई शाकिर के घर पर छिपा था। पुलिस जब उसकी तलाश में शाकिर के घर पहुंची, तो सनव्वर वहां से उनको भागता दिखा था, पीछा करने के बाद भी वह चकमा देने में कामयाब हो गया था। जिसके बाद पुलिस ने शाकिर के खिलाफ आरोपी को संरक्षण देने के लिए मामला दर्ज किया। इसके बाद आगे की जांच में शाकिर का कनेक्शन ड्रग्स के साथ पुलिस को मिला। जिसके बाद पुलिस ने उसे भी आरोपी बना दिया है। अलग-अलग राज्यों में होती थी डील पुलिस को चकमा देने के लिए आरोपी बादल ड्रग्स की डिलीवरी अलग-अलग राज्यों में अंशुल को दिया करता था। जिसमें प्रमुख तौर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं। सावन मूल रूप से पंजाब का ही रहने वाला है। एमडी ड्रग्स मामला:मछली समेत 10 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश राजधानी के चर्चित ड्रग्स मामले में यासीन और शाहवर मछली समेत 10 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है। इसमें खुलासा हुआ है कि यासीन और अन्य आरोपियों के बीच ड्रग्स सप्लाई को लेकर बैंकिंग ट्रांजेक्शन मिले हैं।

चंगाई सभा में 50 से ज्यादा हिंदू परिवार हुए धर्मांतरित, लखनऊ में बढ़ी चर्चाएँ

लखनऊ  यूपी की राजधानी लखनऊ में निगोहां पुलिस ने बक्तौरीखेड़ा और आस-पास के 50 से अधिक हिंदुओं का धर्मांतरण कराने वाले को गिरफ्तार किया है। चंगाई सभा में वह कम पढ़े-लिखे अनुसूचित जाति के लोगों को निशाना बनाता था। गठिया, मिर्गी, सांस और अन्य गंभीर बीमारियां ठीक करने का झांसा देकर प्रार्थना सभा में बुलाता था। बाइबिल पढ़ाता। पवित्र जल छिड़कता और प्रोजेक्टर पर वीडियो दिखाता था। लोगों का ब्रेनवॉश कर हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ भड़काता और आर्थिक लालच देकर ईसाई बना देता था। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों का ब्योरा खंगाल रही है। पुलिस उपायुक्त दक्षिणी निपुण अग्रवाल के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी मलखान निगोहां के बक्तौरी खेड़ा मेहन्दौली का रहने वाला है। काफी समय से क्षेत्र में धर्मांतरण की सूचना मिल रही थी। इसलिए एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा के निर्देशन में टीम तैयार की गई थी। थानाध्यक्ष अनुज, सर्विलांस और अन्य टीमें लगाई गईं। साक्ष्य जुटाकर पुलिस टीम ने शनिवार को मलखान को हुलास खेड़ा मार्ग से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि उसने करीब 10 साल पहले ईसाई धर्म ग्रहण करने के बाद नाम मैथ्यू रख लिया। अपने भाई-भतीजों और बच्चों का नाम भी बदल दिया। इसके बाद अपने खेत में एक कमरा बनाकर महीने में दो बार चंगाई सभा करने लगा। उसमें महिलाओं-बच्चों और पुरुषों को बुलाता था। उन्हें बीमारी ठीक करने और आर्थिक मदद का प्रलोभन देता था। उन्हें बपतिस्मा (ईसाई दीक्षा) देकर धर्मांतरण कराता था। वह अब तक आस-पड़ोस के गांवों के करीब 50 लोगों का धर्मांतरण करा चुका है। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है। उसके घर से दो बाइबिल और प्रचार प्रसार की सामग्री बरामद की गई है। आरोपी की गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम को 25 हजार रुपये इनाम की घोषणा डीसीपी ने की है। इस मामले में हिंदू संगठनों ने पूर्व में भी विरोध प्रदर्शन किया था। फंडिंग की जांच शुरू एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि ईसाई बनाने के बाद मलखान लोगों की आर्थिक मदद भी करता था। उसे फंडिंग कौन करता था, इस बिंदु की जांच की जा रही है। मलखान और उसके परिवारीजनों के बैंक खातों की जांच की जा रही है।

आखिरी दिन की कार्यवाही शुरू, पंजाब विधानसभा में गर्मा सकते हैं हालात

चंडीगढ़ पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही का आज आखिरी दिन है। सदन में आज पंजाब पुनर्वास से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इसके साथ ही विधानसभा में कुछ महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश किए जा सकते हैं। आज विधानसभा सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है। गौरतलब है कि बाढ़ आपदा के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से कम से कम 20,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने 1,600 करोड़ रुपये देने की बात कही थी, हालांकि पंजाब को अभी तक केंद्र सरकार से एक पैसा भी नहीं मिला है। भाजपा ने खोला सीधा मोर्चा भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब सरकार के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है। आज सत्र का आखिरी दिन होने के बावजूद, भाजपा ने सोमवार सुबह 11 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर-37 स्थित पार्टी कार्यालय में 'जनता की विधानसभा' बुलाई है। 

सैकड़ों अनाथ बेटियों की उम्मीद बनीं, समाज सेवा में उदाहरण पेश कर रहीं ये महिला

कटनी  डॉ. स्नेह चौधरी ने पति डॉ. समीर चौधरी के साथ 2005 से समाज सेवा का ऐसा काम शुरू किया है जो हर किसी के दिल को छू जाता है। जिन बेटियों का कोई नहीं होता, उनके लिए डॉ. स्नेह ने मां का काम करना शुरू किया। उनकी देखरेख में बेटियां पढ़ाई, स्किल डेवलपमेंट, नौकरी, शादी और पूरी देखभाल पा रही हैं। इस कार्य में उनके पति डॉ. समीर चौधरी का भी विशेष सहयोग है। हिरवारा स्थित लिटिल स्टार फाउंडेशन में वर्तमान में 26 बेटियों को आश्रय मिला हुआ है। यहां उन्हें माता-पिता के स्नेह जैसी देखभाल, शिक्षा और जीवन के हर अवसर की सुविधा दी जा रही है। डॉ. स्नेह और डॉ. समीर चौधरी का यह प्रयास अनाथ बेटियों की जिंदगी में आशा की किरण बन गया है। उनके प्रयास ने कटनी में समाज सेवा का एक मार्मिक और प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है, जो हर किसी के लिए सीख और प्रेरणा बन सकता है। अनाथ बेटियों की सुरक्षा का बीड़ा उठाया डॉ. स्नेह चौधरी ने बताया कि उनकी समाज सेवा की शुरुआत एक ऐसे मामले से हुई, जब एमजीएम अस्पताल में एक गंभीर हालत में बेटी आई थी, जिसका परिवार उसे रखने को तैयार नहीं था। नाना-नानी रख पाने में असमर्थ थे। बेटी को जबलपुर के अनाथालय में भेजा गया, लेकिन वहां रखने से मना कर दिया गया। समाजसेवियों की मदद से वह कटनी वापस आई और इसी बेटी की देखभाल ने डॉ. स्नेह और डॉ. समीर को लिटिल स्टार फाउंडेशन शुरू करने की प्रेरणा दी।   शुरुआत में एक परिवार की मदद से बेटी की देखभाल शुरू की गई। गायत्री नगर में किराये का मकान लेकर डॉक्टर दंपत्ति ने वहां बेटी की देखभाल सुनिश्चित की। धीरे-धीरे इस प्रयास में और बेटियां जुड़ती गईं और संख्या 30 तक पहुंच गई। कलेक्टर एम. सैल्वेद्रम ने मदद का आश्वासन दिया और बाद में फाउंडेशन की नींव पड़ी। बेटियों के लिए साढ़े 3 एकड़ जमीन कलेक्टर एम. सैल्वेद्रम ने दिलवाई। इसके बाद कलेक्टर अशोक सिंह, विकास नरवाल और समाजसेवकों की मदद से सेंटर का निर्माण कराया गया। अब तक 600 बेटियों को आश्रय और शिक्षा दी जा चुकी है।   बेटियों को मिल रही नई जिंदगी सेंटर में बेटियों को पढ़ाई के साथ कढ़ाई, बुनाई, हॉर्स राइडिंग और स्किल डेवलपमेंट कोर्स भी करवाए जाते हैं। हॉर्स राइडिंग में 7 बेटियों ने बेहतर प्रदर्शन कर नौकरी भी हासिल की है। अब तक सेंटर में 7 बेटियों की शादी, 22 बेटियों को गोद दिलाया जा चुका है। देश-विदेश से लोग बेटियों को गोद ले चुके हैं। सेंटर में बेटियों को सभी सुविधाएं दी जाती हैं और डॉक्टर दंपत्ति उन्हें माता-पिता की तरह स्नेह व सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।

तलवार लिए नवरात्र डांस करती महिलाएं, सोशल मीडिया पर मचा धमाल

सासाराम  पूरे देश में इन दिनों नवरात्र और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम है और जगह-जगह डांडिया नाइट्स का आयोजन किया जा रहा है. इन्हीं उत्सवों के बीच रोहतास जिले के सासाराम में  रात एक अनोखा और साहसिक दृश्य देखने को मिला. शहर के शिव घाट पर आयोजित डांडिया नाइट कार्यक्रम में महिलाएं हाथों में डांडिया की जगह तलवार लेकर डांस करती नजर आईं. हाथों में डांडिया की जगह तलवार आम तौर पर डांडिया नृत्य में महिलाएं और पुरुष रंग-बिरंगे परिधानों में डांडिया स्टिक के साथ थिरकते हैं, लेकिन सासाराम की इस डांडिया नाइट ने परंपरा को नए अंदाज में पेश किया. जैसे ही महिलाएं मंच पर हाथों में चमचमाती तलवारों के साथ उतरीं, वहां मौजूद लोग हैरान रह गए. दर्शक दांतों तले उंगलियां दबाते नजर आए, जबकि माहौल में उत्साह और जोश भर गया. महिलाएं निर्भीक होकर मंच पर पारंपरिक गीतों और ढोल-नगाड़ों की ताल पर नृत्य करती रहीं. तलवारों के साथ किए गए इस नृत्य ने न सिर्फ दर्शकों को रोमांचित किया बल्कि यह संदेश भी दिया कि महिलाएं साहस और संस्कृति दोनों को साथ लेकर चलती हैं. स्त्रियां शक्ति की प्रतीक: आयोजक  शिव घाट परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे. स्थानीय लोगों का कहना था कि दशहरा और दुर्गा पूजा के मौके पर यह आयोजन स्त्रियों की शक्ति और पराक्रम का प्रतीक बन गया. आयोजन समिति ने बताया कि इसका उद्देश्य महिलाओं के आत्मविश्वास और साहस को सामने लाना था, साथ ही पारंपरिक नृत्य को नए अंदाज में पेश करना. तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. लोग इसे 'अद्भुत दृश्य' और 'साहसिक डांडिया' कहकर साझा कर रहे हैं. कई दर्शकों ने कहा कि ऐसा नजारा उन्होंने पहली बार देखा है, जहां महिलाएं तलवार लेकर डांडिया कर रही हों. रोहतास की यह डांडिया नाइट इस साल की दुर्गा पूजा का खास आकर्षण बन गई है और इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है.

स्वामी नहीं, सुपर प्लेयर निकला चैतन्यानंद! फर्ज़ी पहचान से रच डाली नई दुनिया

नई दिल्ली दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद अब स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती की असलियत की एक-एक परत खुल रही है. छात्राओं से यौन शोषण के गंभीर आरोप झेल रहे इस स्वयंभू बाबा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए ऐसी चालें चलीं कि सुनने वाले भी दंग रह जाएं. कभी खुद को अंतरराष्ट्रीय संगठन का प्रतिनिधि बताकर रौब झाड़ा, तो कभी नकली कार्डों के दम पर पीएमओ से जुड़ाव का दावा किया. और तो और, मां-बाप तक को बदल डाला और दो-दो पासपोर्ट बनवा लिए. जांच में साफ हो गया है कि यह बाबा पहचान बदलने का गजब का ‘खिलाड़ी’ भी है. दो महीने की फरारी और गिरफ्तारी की कहानी जुलाई में विदेश जाने के बाद जब 6 अगस्त को दिल्ली के श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की छात्राओं ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई तो चैतन्यनंद सरस्वती समझ गया कि अब गिरफ्तारी तय है. शिकायत में 17 छात्राओं, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटे की लड़कियों के यौन शोषण का आरोप था. एफआईआर दर्ज होते ही वह दिल्ली छोड़कर फरार हो गया और लगभग दो महीने तक पुलिस को चकमा देता रहा. दिल्ली पुलिस ने लुक आउट सर्कुलर जारी किया, कई टीमें बनाई, लेकिन बाबा लगातार ठिकाने बदलता रहा. कभी वृंदावन, कभी मथुरा और कभी आगरा . वह सस्ते होटलों में चेक-इन करता और टैक्सी से सफर कर अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करता. दो पासपोर्ट, दो जन्मस्थान और बदले हुए मां-बाप जांच की सबसे सनसनीखेज कड़ी तब सामने आई जब पुलिस को उसके पास से दो पासपोर्ट मिले. एक पासपोर्ट पर उसका नाम स्वामी पार्थ सारथी था, जबकि दूसरे पर स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती. केवल नाम ही नहीं, बल्कि जन्मस्थान और माता-पिता के नाम भी दोनों पासपोर्ट में अलग-अलग दर्ज थे. एक पासपोर्ट में जन्मस्थान दार्जिलिंग लिखा था, तो दूसरे में तमिलनाडु. उसके पैन कार्ड पर भी अभिभावकों के नाम अलग-अलग मिले. यानी बाबा ने अपनी पहचान को इतना उलझा दिया कि असली और नकली के बीच फर्क करना मुश्किल हो जाए. आधी रात का ऑपरेशन, होटल से दबोचा गया बाबा आखिरकार पुलिस को खुफिया इनपुट मिला कि वह आगरा के ताजगंज इलाके के एक होटल में ‘पार्थ सारथी’ नाम से ठहरा है. 27 सितंबर की शाम करीब 4 बजे उसने कमरा नंबर 101 लिया और पूरी रात वहीं रहा. रविवार तड़के 3:30 बजे पुलिस टीम ने अचानक दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया. होटल कर्मचारियों का कहना है कि वह बेहद साधारण ग्राहक की तरह पेश आ रहा था, लेकिन कमरे से बाहर न निकलने की वजह से उन पर भी शक हुआ. गिरफ्तारी के वक्त पुलिस ने उसके पास से मोबाइल, आईपैड और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए. छात्राओं पर दबाव डालने की करतूतें एफआईआर में दर्ज है कि चैतन्यनंद संस्थान का पूर्व चेयरमैन रहते हुए छात्राओं को रात में अपने कमरे में बुलाता था. देर रात आपत्तिजनक मैसेज भेजना उसकी आदत बन चुकी थी. उसके तीन महिला सहयोगी छात्राओं को धमकाकर चुप कराते और उनसे वह संदेश डिलीट करवाते थे. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि बाबा अपने मोबाइल के जरिए संस्थान और हॉस्टल के सीसीटीवी कैमरों तक की लाइव फीड देखता था. इससे वह छात्राओं की हर गतिविधि पर नजर रखता था. अंतरराष्ट्रीय पहचान का झूठा मुखौटा गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके पास से कई नकली विज़िटिंग कार्ड जब्त किए. इनमें उसे संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) का स्थायी राजदूत और ब्रिक्स का भारतीय विशेष दूत दिखाया गया था. यही नहीं, उसने अपने परिचितों और अनुयायियों के बीच यह झूठा प्रचार भी किया कि उसके प्रधानमंत्री कार्यालय से सीधे संबंध हैं. इस झूठे प्रभाव के सहारे ही वह संस्थान में रुतबा बनाए रखता था और गिरफ्तारी से बचने की कोशिश करता रहा. बैंक खातों और करोड़ों की संपत्ति पुलिस ने उसकी वित्तीय गतिविधियों की जांच की तो नए खुलासे हुए. अलग-अलग नाम और दस्तावेजों के सहारे उसने कई बैंक खाते खोल रखे थे. एफआईआर दर्ज होने के बाद भी वह सक्रिय रहा और करीब 50 लाख रुपये की निकासी की. पुलिस ने उसके करीब आठ करोड़ रुपये की रकम, जो अलग-अलग बैंकों और फिक्स्ड डिपॉजिट में थी, को पहले ही फ्रीज कर दिया है. जांचकर्ताओं का मानना है कि यह रकम भी छात्राओं और संस्थान से जुड़े लोगों पर दबाव बनाने में काम आती थी. पुलिस हिरासत और अगली कार्रवाई गिरफ्तारी के बाद अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. अब पुलिस उसकी तीन महिला सहायिकाओं से आमने-सामने पूछताछ करेगी. संभावना यह भी है कि उसे संस्थान ले जाकर पीड़िताओं के सामने खड़ा किया जाए. पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ के दौरान न केवल यौन उत्पीड़न से जुड़े तथ्य और पुख्ता होंगे, बल्कि उसके नेटवर्क और पहचान बदलने के तरीकों के भी बड़े खुलासे होंगे. न्याय आधा ही हुआ है गिरफ्तारी की खबर सामने आने के बाद छात्राओं और उनके परिवारों ने राहत की सांस ली. एक पीड़िता की सहेली ने कहा, यात्रा अभी आधी ही पूरी हुई है. हमें पता है कि न्याय सिर्फ गिरफ्तारी से नहीं मिलेगा. जरूरत है कि मामला अंत तक पहुंचे और उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले. उसने कहा, अगर ऐसे अपराधियों को उम्रकैद दी जाए तभी और लोग सबक लेंगे और छात्राओं को शिकार बनाने की हिम्मत नहीं करेंगे.  

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी का दावा — रायगढ़ में शहरी विकास ने पकड़ी रफ्तार

छट घाट निर्माण के लिए 15 लाख रूपए की घोषणा  58 लाख रूपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन   रायपुर वित्त मंत्री  ओ.पी.चौधरी ने कहा है कि रायगढ़ में आम नागरिकों के लिए शहरी सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। हमारा लक्ष्य रायगढ़ को सुंदर और व्यवस्थित शहर के रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश में तेजी से अधोसंरचना का निर्माण किया जा रहा है।   वित्त मंत्री  चौधरी ने आज रायगढ़ शहर के वार्ड क्रमांक 41 तुर्कूमुड़ा में 48.44 लाख रुपए की लागत से बनने वाली सीसी रोड एवं 10 लाख रुपए की लागत से शेड निर्माण कार्य का भूमिपूजन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर संतोषी मंदिर के पास छठ घाट निर्माण हेतु 15 लाख रुपये की स्वीकृति की घोषणा भी की।  वित्त मंत्री  चौधरी ने कहा कि रायगढ़ संभाग मुख्यालय से बाहर पहला जिला है जहां प्रयास विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। यहां इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ जैसे विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करवायी जा रही है। राष्ट्रीय स्तर के लाईब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराने नालंदा परिसर की स्थापना की जा रही। जहां युवा विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी आसानी से कर पायेंगे। इसी इसी प्रकार संगीत महाविद्यालय, ऑक्सीजोन जैसे अन्य प्रोजेक्ट पर भी कार्य प्रारंभ हो चुका है।  वित्त मंत्री  चौधरी ने आगे कहा कि किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल के मान से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदा जा रहा है। किसानों को दो साल का बोनस दिया गया। इसी तरह रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना में रायगढ़ जिले के 1200 से अधिक श्रद्धालु अयोध्या, काशी सहित अन्य तीर्थाे का दर्शन कर चुके है। राज्य सरकार के गठन के बाद बड़ी संख्या में आवास निर्माण को स्वीकृति दी गई है और इनका कार्य तेजी से जारी है। इससे गरीब परिवारों का पक्का मकान का सपना साकार हो रहा है। इस अवसर पर रायगढ़ महापौर  जीवर्धन चौहान सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।