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10 अक्टूबर अंतिम तारीख: समर्थन मूल्य पर उपार्जन हेतु कराएं धान, ज्वार व बाजरा का पंजीयन

समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा उपार्जन हेतु पंजीयन 10 अक्टूबर तक किसान निर्धारित समय पर करायें पंजीयन : खाद्य मंत्री  राजपूत भोपाल खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा उपार्जन के लिये किसान पंजीयन प्रक्रिया का निर्धारण कर दिया गया है। किसान 10 अक्टूबर तक पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन 15 सितम्बर से शुरू हो चुका है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री  गोविंद सिंह राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि निर्धारित समय में पंजीयन करा लें, जिससे किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो। उन्होंने बताया है कि किसान पंजीयन की व्यवस्था को सहज और सुगम बनाया गया है। प्रदेश में 1255 पंजीयन केन्द्र बनाये गये हैं। पंजीयन की नि:शुल्क व्यवस्था पंजीयन की निःशुल्क व्यवस्था ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर सहकारी समितियों एवं सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर तथा एम.पी. किसान एप पर भी की गई है। पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था एम.पी. ऑनलाईन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेन्टर कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र और निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर की गई है। प्रति पंजीयन के लिये 50 रूपये से अधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा। किसान पंजीयन के लिए भूमि संबंधी दस्तावेज़ एवं किसान के आधार कार्ड एवं अन्य फोट पहचान पत्रों का समुचित परीक्षण कर उनका रिकार्ड रखा जाना अनिवार्य होगा। सिकमी/बटाईदार/कोटवार एवं वन पट्टाधारी किसान के पंजीयन की सुविधा केवल सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन सहकारी संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्रों पर उपलब्ध होगी। इस श्रेणी के शत-प्रतिशत किसानों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। उपार्जित फसल के भुगतान हेतु बैंक खाता किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर विक्रय उपज का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किसान के आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते में भुगतान करने में किसी कारण से समस्या उत्पन्न होने पर किसान द्वारा पंजीयन में उपलब्ध कराये गए बैंक खाते में भुगतान किया जा सकेगा। किसान पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और IFSC कोड की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। अक्रियाशील बैंक खाते, संयुक्त बैंक खाते एवं फिनो, एयरटेल, पेटीएम, बैंक खाते पंजीयन में मान्य नहीं होंगे। पंजीयन व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए यह जरूरी होगा कि किसान अपने आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाईल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखें। सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया है कि जिला और तहसील स्तर पर स्थापित आधार पंजीयन केन्द्रों को क्रियाशील रखा जाए जिससे किसान वहां जाकर आसानी से अपना मोबाईल नंबर एवं बायोमेट्रिक अपडेट करा सके। इस कार्य के लिए पोस्ट ऑफिस में संचालित आधार सुविधा केन्द्र का भी उपयोग किया जा सकता है। आधार नंबर से बैंक खाता लिंक कराने के लिए बैंकों के साथ भी समन्वय आवश्यक होगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते के सत्यापन हेतु पंजीयन के दौरान ही 1 रूपये का ट्रांजेक्शन मध्यप्रदेश राज्य आपूर्ति निगम द्वारा ई-उपार्जन/जेआईटी पोर्टल के माध्यम से कराया जाएगा। आधार नंबर का वेरिफिकेशन पंजीयन कराने और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। वेरीफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर प्राप्त ओटीपी से या बायोमेट्रिक डिवाईस से किया जा सकेगा। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जबकि किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही उक्त पंजीयन मान्य होगा। किसानों को करें एसएमएस विगत रबी एवं खरीफ के पंजीयन में जिन किसानों के मोबाइल नंबर उपलब्ध हैं, उन्हें एसएमएस से सूचित करने के निर्देश दिये गये हैं। गांव में डोडी पिटवाकर ग्राम पंचायतों के सूचना पटल पर पंजीयन सूचना प्रदर्शित कराने तथा समिति/ मंडी स्तर पर बैनर लगवाने के निर्देश भी दिये गये हैं। किसान पंजीयन की सभी प्रक्रियाएँ समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गये हैं।  

BMHRC सहित 4 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को मिली मान्यता, बिना प्राचार्य के संचालन पर उठे सवाल

भोपाल  मध्यप्रदेश से नर्सिंग की पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले कैंडिडेट्स के लिए राहत भरी खबर है। बुधवार को बीएमएचआरसी समेत 4 नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई है। जिसके साथ अब गवर्नमेंट बीएससी नर्सिंग की सीटें 515 से बढ़कर 860 हो गई हैं।  आरोप – बिना प्राचार्य के चल रहा कॉलेज एनएसयूआई ने बीएमएचआरसी को मान्यता देने पर सवाल खड़े किए हैं। एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा, जिनमें भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) का नर्सिंग कॉलेज प्रमुख है। नियमानुसार किसी भी नर्सिंग कॉलेज में प्राचार्य एवं उप-प्राचार्य का होना अनिवार्य है, लेकिन बीएमएचआरसी का कॉलेज लंबे समय से बिना प्राचार्य या प्रभारी प्राचार्य के भरोसे संचालित हो रहा है। इतना ही नहीं, उप-प्राचार्य प्रभा गजपाल की पदोन्नति भी नियम विरुद्ध की गई है। उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर से सीधे उप-प्राचार्य बना दिया गया, जो कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमों के विरुद्ध है। परमार ने कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट में बीएमएचआरसी नर्सिंग कॉलेज को डिफिशिएंट कैटेगरी में रखा गया। यहां पोषण प्रयोगशाला, एवी सहायता प्रयोगशाला और उन्नत कौशल प्रयोगशालाएं उपलब्ध नहीं हैं। सभी प्रयोगशालाओं में आवश्यक सामग्री और उपकरणों की कमी है। 8 कक्षाओं के बजाय केवल 4 कक्षाएं ही संचालित हैं। जीएनएम कार्यक्रम को बीएससी कार्यक्रम में अपग्रेड कर दिया गया है, लेकिन स्टाफ को अपग्रेड नहीं किया गया। पक्ष – हमने सारे फॉर्मेट पूरे किए मामले में बीएमएचआरसी नर्सिंग कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल प्रभा गजपाल ने कहा कि उन्हें इस विषय पर कोई भी आधिकारिक जानकारी देने से पहले संस्थान की डायरेक्टर डॉ. मनीषा श्रीवास्तव से अनुमति लेनी होगी। अभी यह जरूर बता सकती हूं कि हमने मान्यता के लिए जरूरी सभी फॉर्मेट पूरे किए हैं। यही वजह है कि हमें मान्यता दी गई। इन 4 सरकारी कॉलेजों को बुधवार को मिली मान्यता     भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी)     शासकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग, मेडिकल कॉलेज जबलपुर     शासकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग, ग्वालियर     शासकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जबलपुर मंगलवार तक सिर्फ इन 4 कॉलेजों के पास थी मान्यता     गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जीएमसी भोपाल     गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, इंदौर     गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जीएम हॉस्पिटल रीवा     गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, उज्जैन 8 सरकारी कॉलेजों में 860 सीटें इस साल 8 सरकारी कॉलेजों में 860 बीएससी नर्सिंग की सीटें हैं। जिनमें से 232 सीटें अनरिजर्व कैटेगरी की हैं। इस कैटेगरी में सैनिक, पीएच, एफएफ, आंगनवाड़ी/आशा वर्कर और गवर्नमेंट एनएम कोटा की सीटें हटा दें तो सिर्फ 195 सीटें शेष बचती हैं। जिनमें उन कैंडिडेट्स को एडमिशन मिल सकता है, जो न किसी कैटेगरी और न ही किसी कोटे के लिए एलिजिबल हैं। 393 कॉलेजों ने इस साल किया आवेदन 2025-26 सत्र के लिए कुल 33 नए नर्सिंग कॉलेज और 360 पुराने कॉलेजों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था। इनमें लगभग 21 शासकीय कॉलेज शामिल थे। इसके उलट निजी कॉलेजों के मामले में बड़ी संख्या में अनुमति दी गई। जीएनएम नर्सिंग के 231 और बीएससी नर्सिंग के 188 निजी कॉलेजों को मान्यता मिल गई।  

राष्ट्रगान के नाम पर विवाद: महबूबा ने क्यों जताई नाराजगी?

श्रीनगर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर के टीआरसी ग्राउंड में हुई घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने युवाओं को राष्ट्रगान के दौरान खड़े न होने के आरोप में हिरासत में लिए जाने की निंदा की और कहा कि "बंदूक की नोक पर देशभक्ति नहीं सिखाई जा सकती।" बता दें कि मंगलवार शाम को श्रीनगर में पुलिस शहीद फुटबॉल टूर्नामेंट के दौरान करीब 15 दर्शकों को हिरासत में ले लिया गया, क्योंकि वे कथित तौर पर राष्ट्रगान के दौरान खड़े नहीं हुए थे। टूर्नामेंट के फाइनल में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी गए हुए थे। महबूबा मुफ्ती ने कहा, "आजकल लोगों को बंदूक की नोक पर राष्ट्रगान के लिए खड़ा किया जाता है। लेकिन जब मैं स्कूल में थी, तब हम बच्चे खुद ही राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े हो जाते थे। किसी ने हमें बंदूक के दम पर ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं किया था। आज बंदूक की नोक पर खड़ा किया जा रहा है… ये इनकी नाकामी है।" उन्होंने इस घटना को लोकतंत्र और स्वतंत्रता की भावना के खिलाफ बताते हुए प्रशासन से तत्काल हिरासत रद्द करने की मांग की। पूरा मामला क्या है? सोमवार को श्रीनगर के टीआरसी (टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर) ग्राउंड में मुष्ताक मेमोरियल कप के फाइनल मैच का आयोजन किया गया था। यह टूर्नामेंट पुलिस शहीदों की स्मृति में खेला जाता है, जिसमें स्थानीय युवा और खेल प्रेमी बड़ी संख्या में शामिल हुए थे। मैच के दौरान राष्ट्रगान बजाया गया, जब लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, कुछ दर्शक राष्ट्रगान के दौरान खड़े नहीं हुए, जिसे आयोजकों ने "अनादर" माना। परिवारों का दावा है कि हिरासत में लिए गए युवक अनजाने में ऐसा हुआ, क्योंकि बैंड की ध्वनि कम और अस्पष्ट थी, जिससे उन्हें पता ही नहीं चला कि राष्ट्रगान शुरू हो गया है। हिरासत के बाद इन युवकों को स्थानीय पुलिस थाने ले जाया गया, जहां से उनके परिवारों को सूचना दी गई।  

आजम खान ने खोला राज़: मुलायम मेरे पीछे नंगे पैर दौड़े और मेरी मौत पर भी होगा धूमधाम जनाजा

नई दिल्ली करीब दो साल बाद जेल से बाहर निकले आजम खान एक बार फिर से अपने पुराने तेवरों में नजर आ रहे हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे 5 साल तक जेल में रखा गया। तनहाई जेल थी और दुनिया से मेरा संपर्क ही कट गया। आजम खान ने कहा कि गर्मी में भीषण गर्मी और सर्दियों के मौसम में बहुत ठंड झेलनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे कोई मलाल नहीं है बल्कि शर्म आती है। आजम खान ने कहा कि मैं हमेशा मजबूती से डटा रहा हूं और डटा रहूंगा। सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खान ने कहा कि हथौड़ा तो फौलाद पर ही चलता है। आग में भी उसे ही जलाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मुझे फिर से जेल भेजा गया तो जाऊंगा और तैयार हूं। जिंदगी रही तो लौटकर आऊंगा और मर गए तो हमारा जनाजा और धूम से जाएगा। आजम खान ने कहा कि मैंने मुलायम सिंह से कुछ और नहीं मांगा बस एक यूनिवर्सिटी मांगी। उस आदमी ने कुछ रोका नहीं। उस जैसे इंसान अब पैदा नहीं हो सकेंगे। सैकड़ों सालों में भी कोई मुलायम सिंह यादव पैदा नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि लोग जानते ही नहीं हैं कि मुलायम सिंह क्या थे और क्या खूबियां थीं। वह अलग ही मिट्टी के बने इंसान थे और अब तो ऐसे लोग पैदा ही नहीं होते। 'कोई मेरे खिलाफ एक लफ्ज मुलायम के आगे नहीं बोल सकता था' आजम खान ने कहा कि किसी की हिम्मत नहीं थी कि मुलायम सिंह यादव से मेरे खिलाफ कोई एक लफ्ज कह दे। यदि मैं दौरे पर हूं और 4 घंटे लेट आता था तो कैबिनेट की मीटिंग तभी होती थी। उन्होंने कहा कि यदि मैं नहीं जाता था तो कैबिनेट की मीटिंग नहीं होती थी। मेरे लिए कोई ऐसा करेगा क्या। मैंने शुगर मिल के लिए प्रस्ताव रखा तो सब कहने लगे कि हमारी बात भी सुनी जाए। हमारे इलाके में क्यों नहीं मिल चलेगी। इस पर मैंने कहा कि पहले मेरा बनेगा और यदि ऐसा नहीं हुआ तो आत्मदाह कर लूंगा। आजम खान बोले- मेरे आशिक थे मुलायम सिंह यादव रामपुर के सीनियर नेता ने कहा, 'मैं निकल पड़ा तो मुलायम सिंह यादव नंगे पैर मेरे पीछे आए। एक तमाशा था और मैंने कहा कि जाकर रिजाइन करूंगा। इस पर मुलायम सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं करना चाहिए। यही लोग पास करेंगे। मुझे सबसे बात तो करने दो। आखिर कौन ऐसा करेगा।' आजम खान ने कहा कि मुलायम सिंह यादव तो मेरे आशिक और माशूक थे, जो चले गए। मैंने एक दिन कहा कि कितना अच्छा होता यदि आप मुसलमान होते। इस पर उन्होंने कहा कि अरे मैं मुसलमान ही तो हूं। कोई जानता है कि उनका कितना वक्त पूजा में गुजरता था। उन्होंने कहा कि क्या इसलिए आप कह रहे हैं कि मैं मुसलमान होता तो कैसा होता। इस पर मैंने कहा नहीं कि नहीं आप एक अच्छे हिंदू हैं और इससे बेहतर हमारे लिए कुछ भी नहीं है।  

वर्ल्ड कप की तैयारी तेज़: गिल ने जमकर किया अभ्यास, बुमराह-अक्षर और कुलदीप रहे मौजूद

अहमदाबाद वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच की तैयारियों के अंतर्गत कप्तान शुभमन गिल ने बुधवार को यहां भारत के अंतिम ट्रेनिंग सत्र में लंबे समय तक बल्लेबाजी की जबकि जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव और अक्षर पटेल की तिकड़ी भी गेंदबाजी अभ्यास के लिए पहुंची।  इंग्लैंड के खिलाफ भारत की अंतिम टेस्ट श्रृंखला में 754 रन बनाने वाले गिल पूर्णकालिक कप्तान के रूप में अपनी पहली श्रृंखला में सबसे सफल बल्लेबाज रहे थे। लेकिन अब उनके लिए सफेद गेंद के टी20 क्रिकेट से निकलकर जल्द ही टेस्ट मैच में बल्लेबाजी करने की चुनौती होगी। वेस्टइंडीज के खिलाफ बृहस्पतिवार से शुरू हो रही दो टेस्ट मैच की श्रृंखला के लिए चुने गए बल्लेबाजों में गिल एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्हें हाल में लाल गेंद से खेलने का कोई अनुभव नहीं है जबकि बाकी सभी को मौके मिल चुके हैं।  इस भारतीय टीम में शामिल अन्य बल्लेबाजों में केएल राहुल, बी साई सुदर्शन, देवदत्त पडिक्कल और विकेटकीपर-बल्लेबाज ध्रुव जुरेल और एन जगदीशन ने हाल में भारत ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच चार दिवसीय अनौपचारिक टेस्ट श्रृंखला में हिस्सा लिया था। हालांकि यशस्वी जायसवाल ‘ए' श्रृंखला का हिस्सा नहीं थे, पर दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल में पश्चिम क्षेत्र के लिए खेलते हुए मध्य क्षेत्र के खिलाफ उन्होंने दूसरी पारी में तेज अर्धशतक (64 रन) जड़ा।  वहीं मंगलवार की दोपहर हुए पहले नेट सत्र से ब्रेक लेने वाले बुमराह, कुलदीप और अक्षर ने एशिया कप जीतने के बाद लाल गेंद के ट्रेनिंग सत्र में हिस्सा लिया। बुमराह और कुलदीप ने घास वाली मुख्य पिच के बराबर में बनी पिचों पर लंबे समय तक गेंदबाजी अभ्यास किया। भारत और वेस्टइंडीज यहां इसी मुख्य पिच पर बृहस्पतिवार से पहला टेस्ट खेलेंगे। अक्षर ने भारतीय बल्लेबाजों को नेट पर गेंदबाजी भी की।  भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने मंगलवार को देर तक गेंदबाजी अभ्यास किया था। उन्होंने बुधवार को बल्लेबाजी की और बाद में कुलदीप भी उनके साथ शामिल हो गए। चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर भी बुधवार को भारत के ट्रेनिंग सत्र के दौरान मौजूद थे। वह पिछले साल के रणजी ट्रॉफी विजेता विदर्भ और शेष भारत के बीच नागपुर में खेले जा रहे ईरानी कप मैच देखने के लिए पहुंचे हुए थे।   

UPA सरकार के फैसलों पर कांग्रेस नेता ने चिदंबरम को दिया खुला वार, कहा – ‘अमेरिका के दबाव में काम किया’

नई दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के मुंबई आतंकवादी हमले को लेकर दिए गए बयान के बाद बवाल मच गया है। एक तरफ बीजेपी तो निशाना साध ही रही है, अब कांग्रेस के अंदर से भी उनके खिलाफ सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने चिदंबरम पर बीजेपी को मजबूत करने का आरोप लगाते हुए पूछा है कि क्या वह यह साबित करना चाहते हैं कि उस समय यूपीए सरकार अमेरिका के दबाव में काम कर रही थी? मीडिया से बात करते हुए राशिद अल्वी ने कहा, ''इसका मतलब है कि चिदंबरम का कहना है कि अमेरिका के दबाव में काम कर रहे थे? उनके इस बयान से बीजेपी को फायदा होगा। 2008 की बात है और अब 16 साल बाद क्यों बयान दे रहे हैं। अगर वे यह बात नहीं चाहते थे तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था।'' उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के अंदर बहुत लोग कांग्रेस को कमजोर करना चाहते हैं। घर को आग लग गई, घर के चिराग से। क्यों यह साबित करना चाहते हैं कि यूपीए की सरकार अमेरिका के दबाव में काम कर रही थी? इसका मतलब है कि आप बीजेपी को मजबूत करना चाहते हैं। कांग्रेस नेता चिदंबरम ने एक ‘पॉडकास्ट’ में कहा था कि वह व्यक्तिगत रूप से इस भयावह आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी सैन्य कार्रवाई के पक्ष में थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने पड़ोसी देश के खिलाफ कूटनीतिक उपायों का इस्तेमाल करने के विदेश मंत्रालय के दृष्टिकोण के तहत आगे बढ़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका समेत शक्तिशाली देश चाहते थे कि भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध न करे। 26 नवंबर को हुए आतंकवादी हमले के तुरंत बाद चिदंबरम को गृह मंत्री बनाया था। इससे पहले वह वित्त मंत्री थे। उनके इस बयान पर बीजेपी ने भी निशाना साधा है। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चिदंबरम की टिप्पणियों ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि सिंह के नेतृत्व वाली सरकार कितनी कमजोर थी। प्रसाद ने कहा कि सिंह किस कदर झुक गए थे, यह चिदंबरम के बयान से साफ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इस पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए क्योंकि देश जान गया है कि संप्रग सरकार के शासनकाल में देश का शासन कैसे चलता था। प्रसाद ने कहा, "हमें अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर गर्व है। इसीलिए भारत सुरक्षित है और आर्थिक विकास भी कर रहा है। यह दुनिया के सामने नहीं झुकता।" उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों के अड्डों को ध्वस्त कर पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी हमलों का हर बार बदला लिया है।  

दानिश अली की बरेली यात्रा रोकी, हाउस अरेस्ट में; विपक्ष ने सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

अमरोहा उत्तर प्रदेश के अमरोहा में पूर्व कांग्रेस सांसद कुंवर दानिश अली को पुलिस ने उनके आवास पर नजरबंद कर दिया। दानिश अली बरेली जाने की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घर से निकलने से रोक दिया। उनके आवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और बैरिकेडिंग कर इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया। इस कार्रवाई को लेकर दानिश अली और कांग्रेस समर्थकों ने कड़ा विरोध जताया है। पुलिस के अनुसार, दानिश अली का बरेली दौरा कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता था, इसलिए एहतियातन उन्हें नजरबंद किया गया। यह मामला अमरोहा देहात थाना क्षेत्र के बाईपास का है। वहीं, दानिश अली ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हमारा बरेली जाने का हमारा कार्यक्रम था। बरेली में सुनियोजित तरीके से लोगों का दमन किया जा रहा है। हम वहां पर पुलिस प्रशासन को यह कहने के लिए जा रहे थे कि वो लोगों का दमन नहीं करें। वहां पर बेगुनाह लोगों को परेशान किया जा रहा है। उनके घर तोड़े जा रहे हैं। यह लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है। लोकतंत्र में इस तरह की व्यवस्था को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हम वहां पर लोगों से शांति की अपील कर रहे हैं और वहां पर लोगों से यह भी कह रहे हैं कि वो किसी के भड़कावे में न आएं। साथ ही, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिक्र करते हुए कहा कि आप यह दमनकारी नीति को छोड़िए। नाइंसाफी और दमन ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकता है। बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है। आज की तारीख में यह सरकार दमनकारी नीति के आधार पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। मुझे शर्म आती है कि वह मेरे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। मैं अपने लोगों के बीच में उनका दुख बांटने जाना चाहता हूं। वहां पर लोगों के दुकान और घरों को तोड़ा जा रहा है और दुख की बात है कि वे हमारी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि ये लोग ज्यादा दिनों तक हमारी आवाज को नहीं दबा सकते हैं। इन लोगों ने हमें रोक लिया। हम सात-आठ लोग जाना चाहते थे। पुलिस प्रशासन ने हमें जाने नहीं दिया। मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर यह कहां का न्याय है? उन्होंने कहा कि ये लोग ऐसा करके उत्तर प्रदेश में आमजन को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। ये सरकार पूरी तरह से अमानवीय है। यह सरकार दमनकारी सरकार है, क्योंकि इन लोगों को अब पता चल चुका है कि इनकी सरकार अब जा चुकी है। हमारे नेता राहुल गांधी ने जिस तरह से वोट चोरी का मुद्दा उठाया है, उससे लोगों के बीच में एक संदेश गया है कि यह वोट चोरी करने वाली सरकार है। पुलिस ने बताया कि बरेली में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया। हालांकि, दानिश अली ने इस कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया। उन्होंने कहा, “मुझे बिना किसी ठोस कारण के घर में कैद किया गया है। यह जनप्रतिनिधि के अधिकारों पर हमला है।”  

ओवैसी के उम्मीदवार और एनडीए की चुनौती: अमौर सीट पर रोमांचक मुकाबला

पूर्णिया बिहार के सीमांचल क्षेत्र की अमौर विधानसभा सीट का जिला पूर्णिया और लोकसभा क्षेत्र किशनगंज लगता है। यह विधानसभा काफी पिछड़ी है जिसका प्रमुख कारण इस क्षेत्र की भौगोलिक दशा है। यह विधानसभा चारों तरफ से नदियों से घिरी है। उतर दिशा में जहां कनकई नदी, पूर्व में कनकई के साथ महानंदा नदी, दक्षिण में दास नदी, वहीं पश्चिम दिशा में परमान नदी है। इन नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण हर साल आने वाली बाढ़ एवं नदी कटाव के कारण नदियों के किनारे बसे दर्जनों गांव के लोग न चाहते हुए दोहरी मार को वर्षों से सहते आ रहे हैं। हालांकि, नदियों के जाल के बीच अब विकास ने भी चाल पकड़ ली है। दशकों के इंतजार के बाद रसेली घाट और खाड़ी पुल पर काम जोर शोर से चल रहा है। रसेली घाट पर पुल बन रहा है। जनवरी में आवागमन शुरू होने की संभावना है। खाड़ी पुल पर भी आवाजाही अगले मॉनसून से पहले शुरू हो जाएगी। अभयपुर में महानंदा ब्रिज बन रहा है। इसका फायदा लाखों लोगों को होगा। अमौर विधानसभा सीट 1951 में अस्तित्व में आई था। पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद ताहिर ने जीत हासिल की थी। 1957 में हुए चुनाव में अमौर सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद इस्माइल को जनता का समर्थन मिला। 1962 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मोहम्मद अलीजान ने विरोधियों को शिकस्त दी। 1967 और 1969 के चुनाव में यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर हसीबुर रहमान चुनाव जीते। 1972 में निर्दलीय हसीबुर रहमान ने एक बार फिर अमौर में चुनावी बाजी मारी। 1977 में अमौर सीट पर जनता पार्टी के टिकट पर चंद्रशेखर झा चुनाव जीते। 1980 में कांग्रेस से मोईजुद्दीन मिंशी ने अमौर सीट पर विरोधियों को शिकस्त दी। 1985 में अमौर सीट पर ए जलील ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की। 1990 में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर ए जलील ने जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। 1995 के चुनाव में समाजवादी पार्टी से मुजफ्फर हुसैन ने विरोधियों को शिकस्त दी। 2000 और 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान ने अमौर सीट पर लगातार दो बार जीत का परचम लहराया था। 2010 के विधानसभा चुनाव से भाजपा से सबा जफर ने जीत हासिल कर सबको चौंका दिया था। वहीं 2015 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर अब्दुल जलील मस्तान ने जीत हासिल की। बिहार में AIMIM के इकलौते विधायक अमौर से 2020 में एआईएमआईएम प्रत्याशी अख्तरुल ईमान को जीत मिली। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का राज्य में इकलौता विधायक अभी यहीं से है। वर्तमान में वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इस बार एआईएमआईएम के अलावा जदयू, कांग्रेस और जन सुराज के नेता इस क्षेत्र में सरगर्म हैं। चर्चा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए से अख्तरुल ईमान को कड़ी चुनौती मिलेगी। AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान का दावा है कि अब तक की सरकारों ने सीमांचल की अनदेखी की है तो क्षेत्र में समस्या है। मगर उन्होंने अमौर समेत सीमांचल की बातों को मजबूती के साथ सदन में रखा है। अमौर विधानसभा क्षेत्र में पांच वर्षों में 800 करोड़ की योजनाओं को धरालत पर उतारकर नया अध्याय जोड़ा गया है। खाड़ी पुल, रसेली पुल, अभयपुर में ब्रिज समेत बांकी पुल-पुलिया का निर्माण हो रहा है। नदियों के कटाव को रोकने के लिए मजबूती के साथ काम करवाए गए हैं। वहीं, जेडीयू नेता सबा जफर का दावा है कि अमौर विधानसभा क्षेत्र में जो भी विकास हुआ है, वह राज्य और केंद्र सरकार की बदौलत। दोनों सरकारों के प्रयास से विधानसभा क्षेत्र में रसेली और खाड़ी में पुल का निर्माण हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि AIMIM विधायक ने अपने प्रयास से क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया है। यहां जो भी विकास हो रहा है, वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देन है। क्षेत्र के लोग भी इस बात को भली भांति समझते हैं। अमौर में चाय की खेती शुरू किशनगंज के बाद पूर्णिया जिले में अमौर विधानसभा क्षेत्र पहला क्षेत्र बन गया है जहाँ चाय की खेती शुरू हो गयी है। विधानसभा क्षेत्र के चंदवार से शुरू हुई चाय की खेती आज आधा दर्जन से अधिक जगहों पर किसान करने लगे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में अमौर का लगभग तीन सौ वर्ष पुराना माँ दुर्गा मंदिर व विष्णुपुर का माँ काली मंदिर के समीप बरगद का पेड़ सनातनियों के लिए आस्था का केंद्र है। वहीं कई मजार भी हैं जो आस्था का केंद्र है। इस विधानसभा क्षेत्र में गंगा-जमुना संस्कृति की झलक देखते ही बनती है। जहाँ हिन्दू भाई ईद,शबे बारात आदि की बधाइयां देने के लिए मुस्लिम भाइयों के घर जाकर बड़े चाव के साथ सेवई का आनंद लेते हैं। वहीं मुस्लिम लोग भी दुर्गा पूजा, दीपावली व होली पर बधाई देने घर पहुँच घर में बने स्वादिष्ट पकवान का भरपूर आनंद लेते है।  

सदमे में यूपी: बच्चों की हत्या के बाद परिवार ने आग लगाई, 6 की मौत ने हिला दिया प्रदेश

बहराइच  उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक दिलदहला देने वाली घटना सामनने आई है। एक ग्रामीण ने गड़ासे से दो किशोरों की हत्या कर दी और फिर परिवार सहित खुद को कमरे में बंद कर आग लगा ली। घटना में छह लोगों की मौत हो गई। वहीं, मवेशी भी जिंदा जल गए। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। कुल मिलाकर इस हृदय विदारक घटना में छह लोगों और चार मवेशियों की जान चली गई। निंदुनपुरवा टेपरहा गांव में बुधवार सुबह खेत में लहसुन की बोवाई के लिए विजय ने गांव निवासी सूरज यादव (14) पुत्र लच्छी राम और सनी वर्मा (13) पुत्र ओमप्रकाश को घर बुलवाया। दोनों ने नवरात्र का अंतिम दिन होने के चलते घर पर काम अधिक होने की बात कह कर खेत में काम करने से इनकार कर दिया। इसी बात से गुस्साए विजय ने अपने घर के आंगन में गड़ासे से वारदात कर डाली। इसके बाद खुद को परिवार सहित कमरे में बंद कर आग के हवाले कर दिया। फायर ब्रिगेड और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। इस अग्निकांड में दंपती व दो बेटियों समेत चार लोग जिंदा जल गए। कुल छह मौतों की खबर से इलाके में सनसनी फैल गई। उधर, पुलिस पूरे मामले की मामले की छानबीन कर रही है। बताया जाता है कि गांव निवासी विजय कुमार खेती बाड़ी और पशुपालन का काम करता था।

सहारा की 88 संपत्तियां होंगी नीलाम, रिफंड प्रक्रिया को मिलेगी रफ्तार – देखें पूरी लिस्ट

नई दिल्ली सहारा ग्रुप (Sahara Group) एक बार फिर चर्चा में है, रिफंड (Refund) को लेकर निवेशकों में एक उम्मीद जगी है. सहारा इंडिया में सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से निवेशक हैं. कुछ लोगों ने अपनी सारी गाढ़ी कमाई सहारा इंडिया में जमा कर दी थी. लेकिन अब सहारा ग्रुप की संपत्तियां बेचकर निवेशकों के पैसे लौटाने की बात कही जा रही है. दरअसल, Sahara India Commercial Corporation Ltd. (SICCL) ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी लगाई है, जिसमें वह अपनी कुछ प्रमुख अचल संपत्तियों को Adani Properties Pvt. Ltd. को एकमुश्त (Single Block) बेचने की अनुमति मांगी है. रिपोर्ट के मुताबिक सहारा इंडिया ग्रुप की 88 से अधिक संपत्तियां इस सौदे के तहत बेचने की तैयारी चल रही है. यानी इन संपत्तियों को बेचकर, निवेशकों के पैसे लौटाए जाएंगे. केंद्र सरकार ने साल 2022 में बताया था कि सहारा इंडिया ग्रुप की कंपनियों में कुल निवेशकों का संख्या करीब 13 करोड़ है, और इन निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक फंसे हुए हैं. बता दें, सहारा इंडिया का मामला साल 2012 से चल रहा है, जब सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की दो कंपनियों को निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक SEBI-सहारा एस्क्रो अकाउंट में करीब 26.25 हजार करोड़ रुपये जमा है. पिछले दो वर्षों में सुप्रीम कोर्ट (SC) के आदेश पर सेबी ने Sahara निवेशकों को करीब ₹5053 करोड़ लौटा दिए हैं. जिन निवेशकों ने Cooperative Societies of Sahara Group में पैसे जमा किए थे, उन्हें वापस किए गए हैं. बिकने वाली सहारा की ये संपत्तियां: सहारा ग्रुप के पास बड़ी संपत्ति के तौर पर Aamby Valley City है, जो महाराष्ट्र के पुणे में है, ये टाउनशिप लगभग 8,810 एकड़ में फैला हुआ है. सहारा के मुंबई एयरपोर्ट के पास Hotel Sahara Star है, लखनऊ में सहारा शहर और Sahara Ganj Mall है. इसके अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड जैसे कई राज्यों कई संपत्तियां फैली हुई हैं. हालांकि कितने में सभी संपत्तियों का सौदा हुआ है, इसका खुलासा नहीं हुआ है. इसपर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 अक्टूबर 2025 को होगी. अगर अदालत संपत्ति सौदे पर अपनी मुहर लगाती है तो फिर सहारा ग्रुप की तमाम संपत्तियों की ब्रिकी का रास्ता साफ हो जाएगा. सहारा ग्रुप का बिजनेस रियल-एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी (होटल), मीडिया-चैनल, फाइनेंस/इंश्योरेंस और रिटेल में फैला हुआ था. सहारा समूह ने उत्तर भारत (UP, Bihar, Jharkhand, Rajasthan) में बड़े-बड़े आवासीय/प्लॉट और कृषि/विकास योग्य जमीन खरीदी थी. वहीं हाल के वर्षों में कई जमीनों को ED समेत तमाम जांच एजेंसियों ने अटैच कर रखा है. सहारा समूह ने न्यूयॉर्क के The Plaza Hotel में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी थी. बाद में यह संपत्ति साल 2018 में कतरी फंड (Qatar fund) को बेची दी गई. वहीं सहारा ग्रुप (Sahara Group) के पास मौजूद करीब 19 संपत्तियों की लीज़ समीक्षा हो रही है, क्योंकि इनमें से कुछ लीज समाप्त हो चुकी है, कुछ पर कब्जा है, और कुछ को सील कर दिया गया है. लखनऊ स्थित 'सहारा बाजार' की जमीन की कीमत लगभग ₹200 करोड़ आंकी गई है. रिफंड के लिए कहां करें अप्लाई बता दें, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहारा रिफंड पोर्टल (https://mocrefund.crcs.gov.in) ल़ॉन्च किया था, जिसके माध्यम से निवेशकों के पैसे लौटाए जा रहे हैं. सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि करीब 26 लाख निवेशकों को अब तक 5,053 करोड़ रुपये लौटाए जा चुके हैं. वहीं, 13.34 लाख नए निवेशकों ने भी क्लेम किया है, जिसकी कुल राशि 27,849 करोड़ रुपये बैठती है. अनुमान है कि दिसंबर 2026 तक करीब 32 लाख और निवेशक अपना दावा दर्ज कर सकते हैं. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों को पैसे लौटाने की डेडलाइन 31 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2026 कर दी है. इससे लाखों निवेशकों को राहत मिलेगी.