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खुशखबरी! पंजाब में 23 लाख पेंशनधारकों को समय पर मिलेगी पेंशन

चंडीगढ़  पंजाब सरकार द्वारा राज्य के वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए उठाए जा रहे कदमों के तहत बुढ़ापा पेंशन योजना के अंतर्गत अगस्त 2025 तक 2055.05 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। यह जानकारी सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने दी। उन्होंने बताया कि इस दौरान 23.09 लाख वरिष्ठ लाभार्थियों को योजना का लाभ प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के लिए राज्य सरकार ने बुढ़ापा पेंशन के लिए 4100 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध कराया है। डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उनका उद्देश्य स्पष्ट है कि उनके बुजुर्ग उनका गौरव हैं और उनकी पेंशन में किसी भी प्रकार की देरी या बाधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि बुजुर्गों की पेंशन निर्धारित समय के अनुसार जमा की जाए। पेंशन जारी करने में किसी भी लापरवाही या देरी की स्थिति में जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कितना भी वरिष्ठ क्यों न हो। डॉ. बलजीत कौर ने आगे कहा कि पंजाब सरकार द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा योजनाएं बुजुर्गों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए बुनियादी सहारा हैं और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह सुविधा बिना किसी बाधा के प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचे। 

अब बजट में कार लेना हुआ आसान: जीएसटी कम होने के बाद ₹5 लाख से कम की ये पांच गाड़ियां

नई दिल्ली सरकार के हाल ही में लागू किए गए जीएसटी 2.0 रिफॉर्म ने छोटे और आम लोगों के लिए बनी कारों को काफी सस्ता कर दिया है। पहले इन कारों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता था, जिसे घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका फायदा तुरंत ग्राहकों तक पहुंचाया गया है। अब कई लोकप्रिय हैचबैक और एंट्री-लेवल कारें 5 लाख रुपये से कम कीमत में मिल रही हैं। यह सेगमेंट खासकर पहली बार कार खरीदने वालों, छात्रों और उन परिवारों के लिए फायदेमंद है जो दूसरी गाड़ी लेना चाहते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं, जीएसटी कटौती के बाद कौन-सी 5 कारें 5 लाख रुपये से कम में मिल रही हैं। मारुति सुजुकी ऑल्टो K10 हमेशा से लोगों की पसंद रही Maruti Suzuki Alto K10 (मारुति सुजुकी ऑल्टो K10) अब और भी किफायती हो गई है। जीएसटी कटौती से पहले इसकी शुरुआती कीमत करीब 3.70 लाख रुपये थी, जो अब और कम हो गई है। यह कॉम्पैक्ट, माइलेज देने वाली और कम मेंटेनेंस वाली कार है, जो पहली बार कार खरीदने वालों और शहर में चलाने के लिए परफेक्ट है। इसमें सिर्फ पेट्रोल और सीएनजी ऑप्शन मिलते हैं। मारुति सुजुकी एस-प्रेसो मिनी एसयूवी के नाम से प्रचारित Maruti Suzuki S-Presso (मारुति सुजुकी एस-प्रेसो) अपनी बोल्ड डिजाइन और ऊंचे स्टांस की वजह से जानी जाती है। जीएसटी की नई दरों के बाद इसकी शुरुआती कीमत करीब 3.50 लाख रुपये रह गई है। अब यह और भी किफायती हो गई है और भारत की सबसे सस्ती नई कारों में शामिल हो गई है। इसकी ऊंची सीटिंग पोजिशन ड्राइवर को आगे का अच्छा व्यू देती है। इसमें पेट्रोल और सीएनजी दोनों ऑप्शन मौजूद हैं। मारुति सुजुकी वैगनआर फैमिली कारों में भरोसेमंद नाम Maruti Suzuki Wagon R (मारुति सुजुकी वैगनआर) अब सिर्फ 5 लाख रुपये एक्स-शोरूम कीमत से शुरू हो रही है। इसका टॉल-बॉय डिजाइन, ज्यादा स्पेस वाला केबिन और मारुति का सर्विस नेटवर्क इसे फैमिली खरीदारों के लिए बेस्ट डील बनाते हैं। इसमें सीएनजी और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स समेत कई ऑप्शन मिलते हैं। टाटा टियागो Tata Tiago (टाटा टियागो) अपनी मजबूत बिल्ड क्वालिटी, सेफ्टी फीचर्स और मॉडर्न डिजाइन के लिए हमेशा तारीफ पाती रही है। अब इसकी शुरुआती कीमत 4.57 लाख रुपये से शुरू होती है। जो लोग बजट में रहते हुए भी स्टाइल और सुरक्षा चाहते हैं, उनके लिए टियागो एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें कई पावरट्रेन और गियरबॉक्स मिलते हैं। खास बात यह है कि यह सीएनजी के साथ ऑटोमैटिक गियरबॉक्स वाला देश का पहला मॉडल है। रेनो क्विड एसयूवी जैसा लुक और बजट-फ्रेंडली कीमत वाली Renault Kwid (रेनो क्विड) अब करीब 4.30 लाख रुपये से शुरू हो रही है। इसके एसयूवी-प्रेरित डिजाइन, टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट और आसान ड्राइविंग फीचर्स ने इसे शहरी ग्राहकों की पसंद बना दिया है। इसमें 1.0-लीटर पेट्रोल इंजन के साथ 5-स्पीड मैनुअल और AMT दोनों ऑप्शन मिलते हैं। 

2 लाख करोड़ में 125 नई स्वदेशी लड़ाकू विमानों का निर्माण, भारत बढ़ाएगा अपनी ताकत

नई दिल्ली भारत ने अमेरिका, रूस और चीन की तरह अपना खुद का पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर बनाने के सपने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। रक्षा मंत्रालय को भारत के अगले पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के विकास और निर्माण के लिए 7 भारतीय कंपनियों से बोलियां मिली हैं। यह विमान एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) कार्यक्रम का हिस्सा होगा। L&T, HAL, Adani Defence, Tata Advanced Systems Ltd और Kalyani Strategic Systems जैसी बड़ी कंपनियां इसमें शामिल हैं। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अनुसंधान और विकास कार्यक्रम है। इसका मुख्य लक्ष्य 2030 के दशक के मध्य तक भारत का मुख्य हवाई मंच बनने वाले नए, पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाना है। इन बोलियों की जांच पूर्व DRDO मिसाइल वैज्ञानिक ए. शिवथानु पिल्लई की अध्यक्षता वाली एक समिति करेगी। यह कार्यक्रम एक प्रतिस्पर्धी मॉडल पर आधारित है। इसमें घरेलू निजी कंपनियां और स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाएं एक-दूसरे से मुकाबला करेंगी। कंपनियों को AMCA डिजाइन को अपनाने की तकनीकी क्षमता और उत्पादन का पर्याप्त अनुभव दिखाना होगा। बोली लगाने वाली सात कंपनियों में से सरकार दो का चयन करेगी। इन कंपनियों को पांच मॉडल बनाने के लिए 15,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके बाद विमान बनाने के अधिकार दिए जाएंगे। क्या है प्लान? एएमसीए 2 लाख करोड़ रुपये की विनिर्माण परियोजना है, जिसके तहत 125 से अधिक लड़ाकू जेट विमान बनाए जाने हैं। इन विमानों के 2035 से पहले वायुसेना में शामिल होने के लिए तैयार होने की उम्मीद नहीं है। हालांकि, ऐसा होते ही भारत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों वाले देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। मई 2025 तक केवल संयुक्त राज्य अमेरिका (F-22 और F-35), चीन (J-20) और रूस (Su-57) के पास ही ये विमान हैं। एएमसीए क्या है? भारत का पहला पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान एकल सीट वाला दो इंजन वाला जेट होगा, जिसमें उन्नत स्टील्थ कोटिंग्स और आंतरिक हथियार कक्ष होंगे, जैसे कि अमेरिकी और रूसी विमानों एफ-22, एफ-35 और एसयू-57 में होते हैं। इसकी परिचालन क्षमता 55,000 फीट होने की उम्मीद है और यह आंतरिक हिस्सों में 1,500 किलोग्राम हथियार और बाहरी हिस्सों में 5,500 किलोग्राम अतिरिक्त हथियार ले जा सकेगा। एएमसीए संभवतः 6,500 किलोग्राम अतिरिक्त ईंधन ले जा सकेगा। दूसरे वर्जन में लगेगा देसी इंजन रिपोर्ट से पता चलता है कि इसके दो संस्करण होंगे। भारत को उम्मीद है कि दूसरे संस्करण में स्वदेशी रूप से विकसित इंजन होगा, जो संभवतः पहले संस्करण में लगे अमेरिकी निर्मित GE F414 से अधिक शक्तिशाली होगा। यह एक बेहद कुशलऔर गुप्त बहुउद्देशीय लड़ाकू जेट होगा। इसमें 21वीं सदी में विकसित प्रमुख तकनीक को शामिल किया गया जाएगा। यह परिचालन में सबसे आधुनिक लड़ाकू जेट हैं। इसमें बेहतर युद्धक्षेत्र सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है, जो पायलट को युद्ध क्षेत्र और दुश्मन लड़ाकों के बारे में विस्तृत जानकारी देता है, साथ ही उन्हें बढ़त दिलाने वाली हर चीज भी देता है। सेना को आधुनिक हथियार दे रहा भारत भारत अपने सैनिकों को आधुनिक हथियार देना चाहता है। इसी कड़ी में यह कदम उठाया गया है। भारत ने अप्रैल में फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान का समुद्री संस्करण खरीदने के लिए 63,000 करोड़ रुपये का सौदा किया। 2031 तक आपूर्ति किए जाने वाले ये विमान पुराने रूसी मिग-29के की जगह लेंगे। वायु सेना पहले से ही 36 राफेल-सी लड़ाकू विमानों का संचालन कर रही है। पिछले एक दशक में भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित विमान वाहक पोत, युद्धपोत और पनडुब्बियां भी लॉन्च की हैं। इसके साथ ही लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण भी किया है। राजनाथ सिंह ने भारत में निर्मित हथियारों के उत्पादन को बढ़ावा देने और निर्यात से राजस्व बढ़ाने के लिए 2033 तक कम से कम 100 बिलियन डॉलर के नए घरेलू सैन्य हार्डवेयर अनुबंधों का भी वादा किया है।

आरएसएस पर पूर्व राष्ट्रपति की सफाई: दो चिकित्सकों से मिला जीवन बदलने का अनुभव, संगठन में नहीं कोई भेदभाव

नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित सालाना दशहरा उत्सव में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि संघ में जातीय भेदभाव नहीं होता, जबकि देश में एक बड़े वर्ग में यह भ्रांति है कि यहां जातीय भेदभाव किया जाता है। नागपुर के ऐतिहासिक रेशमबाग मैदान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके जीवन में नागपुर की दो महान विभूतियों का अहम योगदान है। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी जिंदगी पर दो डॉक्टरों की अमिट छाप रही है। उनमें एक हैं डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे हैं डॉ. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर। उन्होंने कहा कि उनके जीवन निर्माण में इन दोनों महान विभूतियों का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक हैं, जबकि डॉ. आंबेडकर ने इस देश को समृद्ध संविधान दिया, जिसकी बदौलत वह एक आमजन होते हुए भी देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंच सके। कोविंद ने कहा कि डॉ. आंबेडकर की चिंताएँ और विचार प्रक्रिया डॉ. हेडगेवार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसी ही थी। उन्होंने कहा कि जैसे आंबेडकर ने समाज के सभी वर्गों को जोड़ने पर जोर दिया था, उसी तरह संघ भी एकात्मता स्तोत्र के जरिए यही संदेश देता है। उन्होंने कहा कि संघ की समावेशी दृष्टि इसका प्रमाण है। कोविंद ने आगे कहा कि हमारी इस एकता के आधार को बाबा साहब आंबेडकर ने inherent cultural unity (अंतर्निहित सांस्कृतिक एकता) कहा है। उन्होंने कहा कि हमें इसी सांस्कृतिक सामूहिक एकता की आधारशिला को कभी नहीं भूलना चाहिए। अटलजी को भी किया याद पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने संघ की स्थापना के लिए सबसे शुभ और सार्थक दिन चुना। अपने संबोधन के दौरान पूर्व राष्ट्रपति ने डॉक्टर हेडगेवार से लेकर मोहन भागवत तक संघ के अब तक के सफर में सरसंघचालकों के योगदान भी गिनाए। अपने संबोधन के दौरान रामनाथ कोविंद ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को उद्धृत किया और एक सम्मेलन का उल्लेख करते हुए कहा कि अटल जी ने दलित विरोधी आरोपों पर स्पष्ट किया था कि हम मनुस्मृति के नहीं, बल्कि भीम स्मृति के अनुयायी हैं और यही भारत का संविधान है। भीम स्मृति से तात्पर्य संविधान से है, जिसका निर्माण बाबा साहब आंबेडर ने किया था। संघ से कब हुआ पहला परिचय? कोविंद ने अपने जीवन के उन पलों को भी याद किया जब संघ से उनका पहली बार परिचय हुआ था। उन्होंने कहा कि 1991 में वह कानपुर के घाटमपुर विधानसभा सीट से उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे। तब वह भाजपा के उम्मीदवार थे। उसी समय चुनाव प्रचार के दौरान संघ के अधिकारियों और स्वयंसेवकों से उनका पहली बार परिचय हुआ था। कोविंद ने कहा कि संघ के लोगों ने जातिगत भेदभाव से रहित होकर उनका चुनाव प्रचार किया था। उन्होंने दो टूक कहा कि संघ में जातीय आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता बल्कि संघ सामाजिक एकता का पक्षधर रहा है। कोविंद ने कहा कि उनकी जीवन यात्रा में स्वयंसेवकों के साथ जुड़ाव और मानवीय मूल्यों से बड़ी प्रेरणा मिली है और इसका उल्लेख उन्होंने अपनी आत्मकथा में किया है, जो इस साल के अंत तक प्रकाशित हो जाएगी।  

वृद्धजनों के लिए खुशखबरी: चार बड़े शहरों में स्थापित होंगे PPE मॉडल वृद्धाश्रम, प्रदेश में सियान गुड़ी का निर्माण

रायपुर सेवा पखवाड़ा 2025 के तहत अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का राज्य स्तरीय आयोजन आज रायपुर के जोरा स्थित कृषि महाविद्यालय परिसर के कृषि मंडपम में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि अध्यक्षता समाज कल्याण एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वृद्धजनों के लिए कई अहम घोषणाएं की। उन्होंने बताया कि समाज कल्याण विभाग की ओर से ‘सियान गुड़ी’ बनाई जाएगी, जो जगह-जगह स्थापित की जाएंगी। जिन वृद्धजनों को घर में ठीक से सुविधा नहीं मिल पाती, उन्हें सियान गुड़ी में सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके साथ ही प्रदेश के चार बड़े शहरों में PPE मॉडल पर वृद्धाश्रम बनाए जाएंगे। रायपुर के अंदर भी एक विशेष सेंटर स्थापित किया जाएगा, जहां पर वृद्धजनों को जो भी चीजें सरकार मुहैया कराती है, उनका मरम्मत किया जाएगा। जब उन्हें फोन व्हीलचेयर दिया जाता है, वह खराब होता है तो उन्हें जगह-जगह भटकना पड़ता है। इस सेंटर के खुलने से उन्हें फायदा होगा।

ठंडी हवा में रहना बन सकता है नुकसानदेह! आंखों की ड्राईनेस से बचने के उपाय

बुलंदशहर अक्टूबर माह शुरू हो गया है और गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में एसी (एयर कंडीशनर) बराबर चलाया जा रहा है। एसी की ठंडी हवा में रहने की आदत आंखों पर भारी पड़ रही है। एसी की ठंडी हवा आंखों का पानी सोख रही है। ड्राई आई सिंड्रोम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आंखों के डाक्टरों के पास पहुंचने वाले 20 प्रतिशत मरीज इसी बीमारी के शिकार हैं। कल्याण सिंह राजकीय मेडिकल कालेज के चिकित्सा अधीक्षक डा. धीर सिंह ने बताया कि नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में हर रोज 150 से 180 तक मरीज पहुंचते हैं। इनमें से 20-25 मरीज ड्राई आई सिंड्रोम के हैं। इस तरह एक महीने में लगभग 600 से 750 मरीज पहुंच रहे हैं, जबकि तीन महीने में यह आंकड़ा 2250 तक पहुंच गया। इस सिंड्रोम के सर्वाधिक शिकार कामकाजी लोग हैं। जिनकी उम्र 30 से 50 साल के बीच है। इनमें से अधिकतर वह लोग हैं, जोकि एसी में अधिक समय बिताते हैं। साथ ही ये स्क्रीन टाइम भी अधिक लेते हैं।   मरीजों की केस हिस्ट्री के मुताबिक वे एक दिन में औसतन पांच से सात घंटे का स्क्रीन टाइम ले रहे हैं। इसमें चार घंटे लैपटाप या कंप्यूटर और दो से तीन घंटे मोबाइल पर बिता रहे हैं। यह दोनों कारण आंखों को सुखाकर दिक्कतें देने लगे हैं। बच्चों और बड़ों दोनों में मिल रही यह समस्या  मेडिकल कालेज की नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. दिव्या वर्मा का कहना है कि एयर कंडीशनर ठंडी हवा देने के लिए हवा से नमी सोख लेता है। आसपास का वातावरण शुष्क हो जाता है। इससे आंखें सूख जाती हैं। इसके अलावा खराब खानपान, कम पानी पीना, अधूरी या पर्याप्त नींद न लेना, प्रदूषण भी ड्राईनेस को बढ़ा रहा है। बीते 15 सालों में यह बीमारी लगातार बढ़ रही है। छोटे बच्चों से लेकर कामकाजी तक ड्राई आई सिंड्रोम से पीड़ित हैं। उन्हें तब पता चलता है जब बीमारी बहुत बढ़ जाती है। इन लक्षणों पर हो जाएं सतर्क डाक्टरों के अनुसार ड्राई आई सिंड्रोम के मुख्य लक्षणों में आंखों में पानी आना, चिपकना, आंख में कुछ पड़ा महसूस होना, करकराहट, आंखों में चुभन, लाल आंखें हैं। ध्यान रहे कि सिंड्रोम में आंख का पानी कम और ज्यादा बनना दोनों शामिल है। डायबिटीज, थायराइड और किसी अन्य स्थाई बीमारी वालों को यह दिक्कत जल्दी होती है। दवाओं से सर्जरी तक की नौबत अगर रोग को पहली स्टेज में पकड़ लिया जाए तो दवाइयां और ड्राप से ठीक किया जा सकता है। लेकिन, इसके लिए कोर्निया विशेषज्ञ के पास जाना ही ठीक रहेगा। रोग पकड़ने के लिए स्क्रीनिंग बेहद जरूरी है। महज आंखों को देखकर ही इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। एक बार अगर रोग बिगड़ गया तो सर्जरी की नौबत भी आ सकती है। बचाव के उपाय एसी की हवा सीधे शरीर पर नहीं आनी चाहिए। तापमान को शरीर से एक-दो डिग्री नीचे रखें। खुले या एसी के बंद स्थान पर चश्मा पहनने से बचाव होता है। पर्याप्त पानी पीते रहें, इसकी कमी से भी आंखें सूख जाती हैं। कंप्यूटर, मोबाइल पर काम करते समय पलकें झपकाते रहें।

टीम इंडिया को मिली बड़ी सफलता, सिराज ने किंग को बोल्ड कर वेस्टइंडीज को दिया तीसरा झटका

नई दिल्ली  भारत बनाम वेस्टइंडीज दो मैच की टेस्ट सीरीज का पहला मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जा रहा है। वेस्टइंडीज के कप्तान रोस्टन चेज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है। मेहमान टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। मोहम्मद सिराज ने पारी के चौथे ओवर में तेजनारायण चंद्रपॉल को आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद जसप्रीत बुमराह ने 20 के स्कोर पर वेस्टइंडीज को दूसरा झटका कैंपबेल के रूप में दिया है। सिराज ने ब्रैंडन किंग को बोल्ड करके तीसरी सफलता भारत को दिलाई। बता दें, शुभमन गिल ने बताया कि वह दो तेज गेंदबाजों और तीन स्पिनर्स के साथ मैदान पर उतरेंगे। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज होंगे। वहीं स्पिन डिपार्टमेंट का भार उप-कप्तान रवींद्र जडेजा के साथ कुलदीप यादव और वॉशिंगटन सुंदर उठाएंगे। टीम में नीतिश रेड्डी ऑलराउंडर की भूमिका अदा करेंगे।    सिराज ने किंग को किया बोल्ड मोहम्मद सिराज ने खतरनाक नजर आ रहे ब्रैंडन किंग को क्लीन बोल्ड करके वेस्टइंडीज को तीसरा झटका दिया। वे 15 गेंदों में 3 चौकों की मदद से 13 रन बनाकर आउट हुए। सिराज की ये इस पारी की दूसरी सफलता दी। अंदर आती गेंद को किंग ने छोड़ दिया था और गेंद सीधे स्टंप्स पर जा लगी। सिराज-बुमराह का कहर 9 ओवर के बाद वेस्टइंडीज का स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 34 रन है। बुमराह और सिराज लगातार वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों से सवाल पूछ रहे हैं। जसप्रीत बुमराह ने दिलाई दूसरी सफलता जसप्रीत बुमराह ने कैंपबेल को आउट कर वेस्टइंडीज को दूसरा झटका दिया है। कैंपबेल कॉट बिहाइंड आउट हुए। हालांकि भारत को किस्मत का साथ भी मिला। गेंद कैंपबेल के बैट और पैड दोनों पर लगी थी, मगर अंपायर ने पाया कि दूसरी स्पाइक बैट की है तो उन्होंने फैसला भारत के हित में सुनाया। सिराज ने वेस्टइंडीज को दिया पहला झटका चौथा ओवर लेकर आए मोहम्मद सिराज ने तेजनरायण चंद्रपॉल को अपने जाल में फंसाया और विकेट के पीछे ध्रुव जुरेल ने शानदार कैच पकड़ा। भारत को 12 के स्कोर पर पहली सफलता मिली।

‘तीसरी आँख’ से निगरानी: पटना में पर्व पर सुरक्षित मनाया जाएगा दुर्गा पूजा और विजयादशमी

पटना दुर्गा पूजा और विजयादशमी के अवसर पर पटना को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए प्रबंध किए गए हैं। पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की 'तीसरी आँख' यानी अत्याधुनिक कैमरों से शहर के पूजा पंडालों, मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों की 24 घंटे बारीकी से निगरानी की जा रही है। किसी भी संदिग्ध या आकस्मिक गतिविधि की स्थिति में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से त्वरित कारर्वाई सुनिश्चित होगी। सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ-साथ यह तकनीकी व्यवस्था श्रद्धालुओं को निश्चिंत वातावरण प्रदान करेगी। विजयादशमी के अवसर पर गांधी मैदान में उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए वहाँ अस्थायी कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है। इस कंट्रोल रूम में जिला प्रशासन एवं बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा व्यवस्था और यातायात पर निरंतर नज़र रखी जाएगी। पूरे शहर में लगे 69 पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से नागरिकों को लगातार सुरक्षा, स्वच्छता और भीड़ प्रबंधन से जुड़े संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। पूजा पंडालों और प्रमुख स्थलों पर लोगों को दिशा-निर्देश और सावधानियों से अवगत कराया जा रहा है। 415 स्थानों पर 3300 से अधिक कैमरे पटना शहर के 51 स्थानों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स स्थापित किए गए हैं। आकस्मिक परिस्थिति में 'हेल्प ' बटन दबाते ही कॉल सीधे इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जुड़ जाएगी, जिससे तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर परियोजना के अंतर्गत पटना शहर में कुल 415 स्थानों पर 3300 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं।

रेल सुधार: SECR के 15 स्टेशनों में 298 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग

रायपुर संरक्षित रेल परिचालन को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में रेलवे बोर्ड द्वारा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की एक महत्वपूर्ण परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है. इस स्वीकृति के तहत बिलासपुर रेल मंडल के अंतर्गत शेष 15 पैनल इंटरलॉकिंग (पीआई) स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई) प्रणाली स्थापित की जाएगी. इस कार्य पर लगभग 298.60 करोड़ की लागत आएगी. इन 15 स्टेशनों में बिश्रामपुर, कमलपुरग्राम, अंबिकापुर, मौहारी, हरद, पाराडोल, कोतमा, बिजुरी, करंजी, मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी, घुटकू, कलमीटार, लैंको एवं कुसमुंडा शामिल हैं. भारतीय रेल की स्वदेशी ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच के सफल क्रियान्वयन हेतु इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली का समावेश अत्यंत आवश्यक है. इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली न केवल ट्रेन परिचालन को अधिक संरक्षित बनाएगी बल्कि यह कवच प्रणाली के साथ सीधे तौर पर एकीकृत होकर वास्तविक समय (रियल टाइम) डेटा साझा करने में सक्षम होगी. रेलवे बोर्ड द्वारा दी गई इस स्वीकृति के पश्चात बिलासपुर मंडल के इन 15 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और कवच प्रणाली का संयुक्त संचालन रेलवे संरक्षा मानकों को और मजबूत करेगा तथा यात्रियों को सुरक्षित एवं निर्बाध रेल यात्रा सुनिश्चित करेगा. इससे मिलने वाले प्रमुख लाभ     ट्रेन संचालन की अधिक संरक्षा और दक्षता     कवच प्रणाली के साथ सहज एकीकरण     तेज ट्रेन नियंत्रण और आकस्मिक स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया     सम्पूर्ण नेटवर्क की विश्वसनीयता और कायर्कुशलता में वृद्धि

23 साल का इतिहास दांव पर: वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत का अजेय रिकॉर्ड बचाएगी नई पीढ़ी

अहमदाबाद नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुरुवार से शुरु हो रहे पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 23 साल से टेस्ट मैचों में अजेय भारत इस बार भी जीत के प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगा। इंग्लैंड में धमाकेदार वापसी करने वाले युवा कप्तान शुभमन गिल, केएल राहुल, रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी खिलाड़ियों का साथ पाकर टीम की कमान संभालेंगे। नए खिलाड़ी साई सुदर्शन, देवदत्त पडिक्कल और नितीश रेड्डी टीम में शामिल हैं। भारत की बल्लेबाजी लाइनअप में गहराई और बहुमुखी प्रतिभा है। राहुल और यशस्वी जायसवाल ओपनिंग करेंगे, सुदर्शन तीसरे नंबर पर, गिल चौथे नंबर पर, रेड्डी, ध्रुव जुरेल, वाशिंगटन सुंदर, अक्षर पटेल और खतरनाक स्पिनर कुलदीप यादव निचले क्रम में हैं। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज का गेंदबाजी आक्रमण भी खतरनाक है।  बुमराह अपनी गेंदबाजी से, मोहम्मद सिराज अपनी आतिशी गेंदबाजी से और स्पिनर बीच के ओवरों में दमदार प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं जो कि वेस्टइंडीज के अनुभवी बल्लेबाजों को भी परेशान कर सकता है। वेस्टइंडीज की चुनौती इसलिए बहुत बड़ी है, क्योंकि टीम में शमर जोसेफ और अल्जारी जोसेफ नहीं हैं। ऐसे में जेडन सील्स तेज गेंदबाजी का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि कप्तान रोस्टन चेज, शाई होप, ब्रैंडन किंग और जॉन कैंपबेल को किसी तरह टीम को संभालना होगा। टीम के अधिकांश खिलाड़ियों ने 15 से कम टेस्ट मैच खेले हैं। पिच की बात की जाये तो यहां शुरुआत में रन बनते हैं लेकिन धीरे-धीरे यह टर्न लेती है और बाद में बल्लेबाजों के लिए मुश्किल हो जाती है, खासकर चौथी पारी में। पहली पारी का औसत स्कोर 347 है, दूसरी पारी का 353 है। भारत की संभावित एकादश:- केएल राहुल, यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन, शुभमन गिल (कप्तान), नितीश रेड्डी, ध्रुव जुरेल (विकेट कीपर), वाशिंगटन सुंदर, अक्षर पटेल, मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव। वेस्टइंडीज की संभावित एकादश:- टेगनरीन चंद्रपॉल, जॉन कैंपबेल, ब्रैंडन किंग, एलिक एथनाज, रोस्टन चेज (कप्तान), शाई होप (विकेट कीपर), जस्टिन ग्रीव्स, जोहान लेयने, जोमेल वारिकन, जेडन सील्स और एंडरसन फिलिप।