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सीआईए फिरोजपुर की बड़ी कार्रवाई, भारी मात्रा में हेरोइन और कैश बरामद, दो आरोपी दबोचे गए

फिरोजपुर  फिरोजपुर सीआईए स्टाफ ने पांच किलो हेरोइन व 29 लाख रुपये ड्रग्स मनी समेत दो तस्करों को काबू किया है। इनके पास से तीन मोबाइल भी बरामद हुए हैं। पकड़े गए आरोपी की पहचान साजन वासी बस्ती आवा और रमेश वासी गांव नौरंगके लेली वाला के तौर पर हुई है। थाना सिटी पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।  नार्को-टेरर नेटवर्क का भंडाफोड़: अंकुश कपूर मास्टरमाइंड, 8 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 2020 के अंतरराष्ट्रीय नार्को-आतंकी गठजोड़ मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। पाकिस्तान से समुद्री मार्ग के जरिए गुजरात में ड्रग्स की तस्करी के मामले में यह कार्रवाई की गई है। ड्रग्स की कमाई लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकी संगठन को फंडिंग के लिए इस्तेमाल होनी थी।  एनआईए ने दायर अपनी आठवीं पूरक चार्जशीट में यह स्पष्ट किया है कि यह साजिश इटली बेस्ड सिमरनजीत सिंह संधू, ऑस्ट्रेलिया निवासी तनवीर बेदी और भारत में अंकुश कपूर ने रची थी। चार्जशीट अहमदाबाद की एनआईए विशेष अदालत में एनडीपीएस एक्ट और यूए (पी) एक्ट की धाराओं के तहत दाखिल की गई है। इसके अलावा आरोपियों में पाकिस्तान के नागरिक तारिक उर्फ भाईजान, गगनदीप सिंह अरोड़ा, तमन्ना गुप्ता, सुखबीर सिंह उर्फ हैप्पी और अनवर मसीह भी शामिल हैं। जांच में सामने आया कि पाकिस्तान से करीब 500 किलोग्राम हेरोइन गुजरात लाई गई थी, जिसे आगे पंजाब भेजा गया था। इस ड्रग्स की बिक्री से मिली रकम लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होती थी। एनआईए की जांच में पता चला कि यह नार्को-टेरर नेटवर्क गुजरात, दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ समेत कई राज्यों में फैला था, जो आगे  इटली, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, पाकिस्तान, ईरान और थाईलैंड जैसे देशों तक फैला हुआ था। जांच के अनुसार, अंकुश कपूर भारत में नार्को-टेरर सिंडिकेट का मुख्य संचालक था, जिसकी पंजाब में तस्करी के जमीनी संचालन, लॉजिस्टिक्स, स्टोरेज और स्थानीय वितरण की जिम्मेदार थी। सिमरनजीत इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड था, जो अवैध ड्रग्स की सप्लाई, स्टोरेज, प्रोसेसिंग और फंडिंग का काम देखता था। तनवीर बेदी ने अंतरराष्ट्रीय हवाला चैनलों के जरिए आतंकी समूह की भारत में गतिविधियों के लिए फंडिंग की। वहीं फरार गगनदीप सिंह अरोड़ा बड़ी धनराशि के स्थानांतरण में शामिल था। अब तक इस मामले में कुल 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि आठ आरोपी फरार हैं। एनआईए फरार आरोपियों की तलाश में है, ताकि इस सिंडिकेट को खत्म करने के साथ ड्रग्स तस्करी और आतंकवाद के गठजोड़ को समाप्त किया जा सके। 

बच्चों से भरी बस हादसे का शिकार, 12 बच्चे घायल, ग्रामीणों ने लगाया सड़क जाम

सवाई माधोपुर जिले के शिवाड़-ईसरदा मार्ग पर बुधवार को हुए एक भयानक सड़क हादसे में बच्चों को लेकर जा रही एक निजी स्कूल की बस अनियंत्रित होकर बजरी से भरे डंपर में जा टकराई और पलट गई। हादसे के समय बस में लगभग 40 बच्चे सवार थे। टक्कर के बाद बस में चीख-पुकार मच गई। करीब 12 बच्चों को चोटें आई हैं। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। बच्चों को बस से बाहर निकालकर उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राहत की बात है कि किसी बच्चे को गंभीर चोट की सूचना नहीं है और सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है। हादसे के बाद ग्रामीणों में भारी रोष फैल गया। उनका आरोप है कि इलाके में बजरी के डंपर तेज रफ्तार और लापरवाही से चलते हैं, जिसके कारण यह हादसा हुआ। गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया और अन्य डंपरों को रोक लिया। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को शांत कराने तथा यातायात बहाल करने के प्रयास किए। पुलिस ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

सहारा शहर को सील करने के फैसले पर रोक के लिए कंपनी पहुंची हाईकोर्ट

लखनऊ  सहारा ने नगर निगम द्वारा सहारा शहर में लीज पर दी गई जमीनों और उन पर बनी संपत्तियों में हस्तक्षेप को चुनौती दी है। याचिका 8 अक्तूबर को न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति अमिताभ कुमार राय की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध है। याचिका में नगर निगम द्वारा 8 और 11 सितंबर 2025 को जारी किए गए आदेशों को रद्द करने का आग्रह किया गया है। सहारा ने याचिका में कहा है कि इस मामले में सिविल कोर्ट में पहले से ही स्थगन आदेश लागू है। इसके अलावा, आर्बिट्रेशन की कार्यवाही में भी नगर निगम को सहारा के पक्ष में लीज एग्रीमेंट बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन नगर निगम ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। कंपनी का यह भी आरोप है कि कार्रवाई करने से पहले उसे सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया गया। याचिका के अनुसार, नगर निगम ने 22 अक्टूबर 1994 और 23 जून 1995 को गोमती नगर में सहारा को जमीन पट्टे पर दी थी। सहारा ने इन जमीनों पर 2480 करोड़ रुपए की लागत से 87 आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियां विकसित की हैं। दशकों से विवादों में है यह जगह, बन सकती है विधानसभा? सहारा शहर शुरू से ही विवादों में रहा। नगर निगम से लीज मिलने के तीन साल बाद ही कानूनी विवाद शुरू हो गया था, जो 27 साल तक चलता रहा। ऐसे में आवासीय योजना कभी परवान नहीं चढ़ सकी और करोड़ों का लीज रेंट भी नगर निगम को नहीं मिला। नगर निगम ने सहारा हाउसिंग कंपनी को 130 एकड़ जमीन आवासीय योजना और 40 एकड़ ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए 30 साल की लीज पर दी थी। यह अनुबंध महज 100 रुपये के स्टांप पेपर पर किया गया था, लेकिन तीन साल बाद लीज शर्तों के उल्लंघन पर तत्कालीन नगर आयुक्त दिवाकर त्रिपाठी ने इसे निरस्त करने का नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद मामला अदालत में चला और साल तक अटका रहा। करीब 10 साल पहले जब सहारा की स्थिति सुधरी तो लीज रजिस्टर्ड की गई और संशोधन भी हुआ। एलडीए में मानचित्र भी पास करने के लिए भेजा गया। सहारा ने 15 आवंटियों की सूची भी दी, ताकि यह साबित कर सके कि योजना पर काम चल रहा है, लेकिन वे आवंटी कभी सामने नहीं आए और उनके नाम पर लीज डीड भी नहीं हो सकी। सेबी के दखल और कानूनी उलझनों के चलते योजना ठप पड़ गई। लीज की अवधि पूरी होने के बाद नगर निगम ने जमीन पर कब्जा ले लिया है। सहारा सिटी की जमीन पर अब क्या बनेगा, इसे लेकर कई अटकलें हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार नई विधानसभा भवन के लिए करीब 200 एकड़ जमीन की तलाश लंबे समय से कर रही है। ऐसे में नगर निगम की 170 एकड़ और एलडीए की 75 एकड़ जमीन को मिलाकर करीब 245 एकड़ क्षेत्र यहां उपलब्ध है। यह जगह लोकेशन और आवागमन दोनों के लिहाज से उपयुक्त मानी जा रही है।  

पंजाब में बाढ़ राहत पर दोबारा मंथन, चीफ सेक्रेटरी की मीटिंग जारी; केंद्र से मांगे 1600 करोड़

चंडीगढ़  पंजाब में बाढ़ से कितना नुकसान हुआ है, इसके लिए अब सरकार नए सिरे से स्टडी कर मेमोरेंडम तैयार कर रही है। इसको लेकर पंजाब के चीफ सेक्रेटरी के.ए.पी. सिन्हा आज (8 अक्टूबर) के.आई.पी. सिंह और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मीटिंग कर रहे हैं।  जल्दी ही इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। सिंचाई मंत्री वरिंदर कुमार गोयल का कहना है कि प्रधानमंत्री खुद हेलिकॉप्टर से स्थिति का जायजा ले चुके हैं। उनका कहना है कि 1,600 करोड़ की बात बीच में रह गई है। पहले टोकन मनी तो भेज दें। पंजाब को इस समय मदद की जरूरत है। 1987 के बाद आई भीषण बाढ़ पंजाब में 1987 के बाद पहली बार भीषण बाढ़ आई है। इस वजह से राज्य के 23 जिलों में नुकसान हुआ है। सरकार का अनुमान है कि 20,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। स्कूल, कॉलेजों से लेकर लोगों के घर तक बह गए हैं। 60 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ प्रभावितों के लिए पंजाब सरकार ने दिवाली तक मुआवजा देने का ऐलान तक किया है। वहीं, राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा खुद प्रधानमंत्री ले चुके हैं। उन्होंने 10 सितंबर को पंजाब का दौरा किया था। वह बाढ़ प्रभावितों से मिले थे। इस दौरान उन्होंने फौरी मदद के रूप में 1,600 करोड़ रुपए का ऐलान किया था, जबकि कहा था कि एसडीआरएफ के 13,000 करोड़ रुपए पंजाब के पास हैं। जिसको लेकर पंजाब की राजनीति गरमा गई है। केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है। ​​​​दिल्ली में गृहमंत्री से मिले थे पंजाब के सीएम भगवंत मान ने 30 सितंबर को गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी। करीब 25 मिनट की मीटिंग चली थी। इस दौरान उन्होंने पंजाब में हुए नुकसान के बारे में बताया था। साथ ही पंजाब की मदद करने के लिए कहा था। सीएम ने मीडिया से कहा था कि गृहमंत्री ने विश्वास दिलाया है कि पंजाब को हर संभव मदद दी जाएगी।

माओवादियों का 15 अक्टूबर का बंद, पुलिस सतर्क मोड में

रांची प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने बुधवार यानी 8 अक्टूबर से झारखंड में ‘प्रतिरोध सप्ताह’ की घोषणा की है. संगठन की ओर से 15 अक्टूबर को बंद भी बुलाया गया है. इस बंद के मद्देनजर पुलिस ने संवेदनशील स्थानों और यातायात मार्गों पर सशस्त्र बलों की तैनाती के साथ राज्य भर में सुरक्षा कड़ी कर दी है. पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. महानिरीक्षक (संचालन) माइकल राज ने बताया कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन के सप्ताहभर के विरोध और बंद के दौरान सुरक्षा के लिए सख्त इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 12 बटालियन और झारखंड सशस्त्र पुलिस (जेएपी) व भारतीय आरक्षित वाहिनी (आईआरबी) की 20 टीमें तैनात की गई हैं. शांति और सुरक्षा बनाए रखना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्य भर में शांति और सुरक्षा बनाए रखना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है. हमने सामान्य आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील स्थानों, सरकारी कार्यालयों और रेल तथा सड़क नेटवर्क सहित यातायात मार्गों पर अतिरिक्त बल तैनात किए हैं.’’ राज ने कहा कि पुलिस बिहार, छत्तीसगढ़ के अलावा पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे जिलों में संभावित प्रभावों से निपटने के लिए भी तैयार है. अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील राज्य पुलिस ने मंगलवार को जारी एक बयान में जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और बिना किसी डर के अपनी दैनिक गतिविधियां जारी रखने का आग्रह किया है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि लगातार तलाशी अभियान और वांछित माओवादियों के खात्मे और आत्मसमर्पण के रूप में हालिया सफलता ने वामपंथी चरमपंथियों पर लगाम लगायी है. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उनकी मौजूदगी सारंडा जंगल के कुछ इलाकों और झारखंड के लातेहार एवं चतरा के कुछ हिस्सों तक ही सीमित है.’’

पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री को बड़ा झटका, राजवीर जवंदा ने हादसे के 11 दिन बाद तोड़ा दम

मोहाली  पंजाबी गायक राजवीर जवंदा का इलाज के दौरान निधन हो गया है। बुधवार सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। बाइक एक्सीडेंट में घायल जवंदा मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। 27 सितंबर को पंजाबी सिंगर जवंदा का पंचकूला के पिंजौर में बीएमडब्ल्यू बाइक से एक्सीडेंट हुआ था। उनका अंतिम संस्कार कल जगरांव में होगा।  पिंजौर-नालागढ़ रोड पर सेक्टर-30 टी पॉइंट के पास बाइक से आ रहे पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा सांडों की लड़ाई की वजह से हादसे का शिकार हो गए थे। सिंगर बद्दी से पिंजौर आ रहे थे। अचानक सांड आगे आने पर उनकी बाइक अनियंत्रित हुई और हाईवे पर गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे में राजवीर जवंदा को सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई थीं। एक्सीडेंट के बाद से ही राजवीर लाइफ सपोर्ट पर थे।   2014 में निकाली थी पहली एलबम 2014 में मुंडा लाइक मी एल्बम से राजवीर ने अपने कैरियर की शुरुआत की और 2016 में कली जवंदे दी से उन्हें पहचान मिली। 2017 में मुकाबला और कंगणी जैसे गाने हिट हुए। इसके बाद पटियाला शाही पग, केसरी झंडे, लैंडलॉर्ड, सरनेम समेत कई सुपरहिट गाने दिए। 2018 में पंजाबी फिल्म सूबेदार जोगिंदर सिंह से उन्होंने एक्टिंग डेब्यू किया और काका जी, जिंद जान, मिंदो तहसीलदारनी, सिकंदर 2 जैसी फिल्मों में अभिनय किया। गायकी के लिए छोड़ी पुलिस की नौकरी राजवीर के पिता कर्म सिंह पंजाब पुलिस में एएसआई थे। राजवीर भी 2011 में पंजाब पुलिस में कॉन्स्टेबल बने और जगरांव में ड्यूटी की। लेकिन 2019 में उन्होंने सिंगिंग करियर को आगे बढ़ाने के लिए नौकरी छोड़ दी। जवंदा को था बाइक राइडिंग का शौक गांव आने पर राजवीर बच्चों को मिठाइयां बांटते थे। उन्हें बाइक राइडिंग का शौक था और हाल ही में उन्होंने 27 लाख की बीएमडब्ल्यू बाइक खरीदी थी। इसी बाइक से शिमला जाते वक्त उनके साथ हादसा हुआ। सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई। राजवीर के दादा और पिता का निधन हो चुका है। वे अपनी पत्नी अशविंदर कौर, बेटी हेमंत कौर और बेटे दिलावर सिंह के साथ रहते थे। गांव की सरपंच रह चुकी हैं मां राजवीर जवंदा के लुधियाना स्थित पैतृक गांव पौना और आसपास के इलाकों में दुआओं का दौर जारी था। गांव के लोग गुरुद्वारा साहिब में अखंड पाठ और अरदास कर उनकी सलामती की अरदास कर रहे थे। राजवीर जवंदा की मां परमजीत कौर गांव की सरपंच रह चुकी हैं। बचपन में ही दूरदर्शन की शूटिंग के दौरान उनकी गायकी की तारीफ हुई और वहीं से उनका संगीत के प्रति झुकाव शुरू हुआ। जगरांव से पढ़ाई पूरी कर उन्होंने पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला से थिएटर एवं टेलीविजन में एमए किया।   

भारतीय वायुसेना का 93वां स्थापना दिवस: शक्ति, शौर्य और समर्पण का प्रदर्शन, प्रधानमंत्री ने दी बधाई

गाजियाबाद वायुसेना दिवस पर मुख्य आयोजन गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर किया जाएगा। यह पहला अवसर है, जब वायुसेना इस आयोजन को दो हिस्सों में कर रही है। हिंडन एयरबेस पर वायुसैनिकों की परेड और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का उद्बोधन होगा। वायुसेना आज अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर बुधवार सुबह ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर वायुसेना को बधाई दी। मुर्मू ने लिखा, "वायुसेना दिवस पर सभी वायु योद्धाओं, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को हार्दिक बधाई दी।" वहीं, पीएम मोदी ने कहा, "भारतीय वायुसेना वीरता, अनुशासन और सटीकता की प्रतीक है। उन्होंने हमारे आकाश की सुरक्षा में, अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी, महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी उनकी भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। उनकी प्रतिबद्धता, व्यावसायिकता और अदम्य साहस पर प्रत्येक भारतीय को गर्व है।" दूसरी तरफ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद सभी गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पहुंचे, जहां वायुसैनिकों की परेड का आयोजन हुआ। वायुसेना प्रमुख ने परेड का निरीक्षण किया और वायुसैनिकों से सलामी ली। इसके बाद उनका उद्बोधन होगा। गौरतलब है कि वायुसेना दिवस पर मुख्य आयोजन गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर किया जा रहा है। यह पहला अवसर है, जब वायुसेना इस आयोजन को दो हिस्सों में कर रही है। हिंडन एयरबेस पर वायुसैनिकों की परेड और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का उद्बोधन हो रहा है, जबकि लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टरों के हवाई करतब का प्रदर्शन 9 नवंबर को गुवाहाटी में किया जाएगा। हिंडन पर इस बार मिग-21 भी खड़ा नजर आया। छह दशक की सेवा के बाद यह विमान पिछले ही दिनों वायुसेना से रिटायर हुआ है। हालांकि, इस दौरान राफेल और सुखोई-30 जैसे मारक एयरक्राफ्ट भी लोगों के मुख्य आकर्षण का विषय होंगे, जिन्होंने पाकिस्तान को मजा चखाने में अहम भूमिका निभाई। गुवाहाटी में फ्लाई पास्ट की ये है वजह इस साल वायुसेना दिवस पर हिंडन में फ्लाई पास्ट न होने की वजह राजधानी क्षेत्र का बढ़ता एयर ट्रैफिक है। फ्लाई पास्ट आयोजित करने की सूरत में अभ्यास के लिए भी कुछ दिन एयर ट्रैफिक बाधित करना पड़ता। इसके अलावा सघन आबादी क्षेत्र होने के कारण यहां बर्ड हिट का अंदेशा हमेशा बना रहता है। इसीलिए फ्लाई पास्ट को गुवाहाटी शिफ्ट किया गया है। गुवाहाटी का मौसम भी इन दिनों फ्लाई पास्ट के अनुकूल नहीं है, लिहाजा इसके लिए 9 नवंबर का दिन चुना गया है।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरु रामदास के प्रकाश पर्व पर किया नमन

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिख पंथ के चतुर्थ गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व पर उनके पावन चरणों में नमन किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सेवा, प्रेम और त्याग के प्रतीक गुरु रामदास का सम्पूर्ण जीवन सभी के लिए प्रेरणा का अक्षय स्रोत है। उनकी दिव्य शिक्षाओं के आलोक से मानवता के कल्याण के लिए करुणा, सेवा और समरसता के मार्ग सदैव प्रकाशमान रहेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय वायुसेना दिवस पर शुभकामनाएं दी

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत के गौरव, आकाश के अभेद प्रहरी भारतीय वायुसेना के सभी जवानों और उनके परिजनों को 'भारतीय वायु सेना दिवस' की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 'नभः स्पृशं दीप्तम्' मंत्र के साथ चाहे सीमाओं की सुरक्षा हो या आपदा के समय लोगों को राहत पहुंचाना, देश के वायु वीरों ने हमेशा अपने शौर्य, साहस और त्याग के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेवा की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी। इस वर्ष भारतीय वायुसेना अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है।

कैंसिलेशन चार्ज हटाया, रेल टिकट रद्द करने पर अब नहीं लगेगी कोई फीस

नई दिल्ली  अब अगर आपकी यात्रा की तारीख बदल जाए तो टिकट रद्द करने और कैंसिलेशन चार्ज देने की टेंशन नहीं रहेगी. भारतीय रेलवे ने एक नया नियम लागू करने की घोषणा की है जिसके तहत यात्री अपनी कन्फर्म ट्रेन टिकट की तारीख बिना किसी रद्दीकरण शुल्क (cancellation fee) के बदल सकेंगे. यह सुविधा जनवरी 2026 से लागू होगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बताया कि इस नई पॉलिसी का मकसद यात्रियों को ज्यादा लचीलापन और सुविधा देना है. फिलहाल अगर किसी को अपनी यात्रा स्थगित करनी होती है, तो टिकट रद्द करनी पड़ती है और उसका शुल्क भी देना पड़ता है. नई व्यवस्था से यह झंझट खत्म हो जाएगा और यात्री आसानी से अपनी यात्रा की तारीख बदल पाएंगे. कैसे काम करेगी नई सुविधा नई व्यवस्था के तहत यात्री अपनी टिकट की तारीख केवल तब बदल सकेंगे जब नई तारीख पर सीट उपलब्ध होगी. अगर नई टिकट का किराया पुरानी से ज्यादा होगा तो यात्री को किराये का अंतर देना होगा. लेकिन अगर किराया समान है या कम है, तो किसी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा. रेलवे ने बताया कि इस सुविधा का लाभ सिर्फ उन्हीं टिकटों पर मिलेगा जो कन्फर्म होंगी. यानी वेटिंग या आरएसी टिकटों पर फिलहाल यह सुविधा लागू नहीं होगी. यात्रियों को क्या फायदा होगा यह कदम रेलवे के यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. पहले टिकट रद्द करने पर बेस फेयर का 25 से 50 प्रतिशत तक कैंसिलेशन चार्ज कट जाता था, लेकिन अब यात्री सिर्फ तारीख बदलवाकर बिना नुकसान के यात्रा कर सकेंगे. इस फैसले से उन यात्रियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जिनकी योजनाएं अचानक बदल जाती हैं. चाहे ऑफिस मीटिंग आगे बढ़े या पारिवारिक वजह से यात्रा टल जाए, अब टिकट दोबारा खरीदने की जरूरत नहीं होगी. क्या है रेलवे का मकसद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि रेलवे यात्रियों को “ट्रैवल फ्रेंडली” अनुभव देने की दिशा में लगातार सुधार कर रहा है. डिजिटल टिकटिंग सिस्टम के विस्तार के साथ अब यात्रियों को ज्यादा नियंत्रण और सुविधा देने की कोशिश की जा रही है. रेलवे सूत्रों के मुताबिक, इस फैसले के बाद बुकिंग सिस्टम और आईआरसीटीसी (IRCTC) प्लेटफॉर्म में तकनीकी बदलाव किए जाएंगे ताकि यात्री आसानी से ऑनलाइन ही अपनी यात्रा की तारीख बदल सकें.