samacharsecretary.com

तेजस्वी यादव पर बरसे पूर्व विधायक — RJD से दिया इस्तीफा, कहा अब पार्टी में मेरी जगह नहीं रही

बिहार बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक उठा पटक का दौर जारी है। इसी बीच राजद को एक बड़ा झटका लगा है। नवादा से दो बार के विधायक रहे प्रकाश वीर ने राजद पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके पीछे का कारण उन्होंने तेजस्वी यादव से मनमुटाव को बताया है। नवादा विधायक प्रकाश वीर ने इस्तीफा देने को लेकर कहा कि तेजस्वी यादव ने यात्रा के दौरान उन्हें नहीं बुलाया था, जिस बात का उन्हें बुरा लगा था। इसके बाद से ही प्रकाश वीर ने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया था। प्रकाश वीर के इसकी जानकारी ट्वीट कर दी।   विधायक के पद से इस्तीफा देने के बाद आरजेडी नेता ने कहा, "मैंने विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया है। वह (आरजेडी नेता तेजस्वी यादव) एक बार नवादा में यात्रा के लिए गए थे, लेकिन उन्होंने हमें आमंत्रित नहीं किया, इसलिए हम नहीं गए। भीड़ में से किसी ने चिल्लाया, 'तेजस्वी भैया, प्रकाश वीर को हटाओ', इससे मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची। अब आरजेडी में वापस जाने का कोई सवाल ही नहीं है।" समझना है बिहार की राजनीति तो भूलकर भी मिस न करें ये सीरीज बता दें कि प्रकाश वीर के अब जेडीयू में जाने की संभावना जतायी जा रही है। हालांकि इसे लेकर उन्होंने कहा कि इसका फैसला क्षेत्र की जनता करेगी। उन्होंने कहा कि जनता के लिए कुछ भी करेंगे। वहीं शुक्रवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी प्रेस वार्ता के दौरान कहा भी था राजद में जल्द की भगदड़ मचने वाली है। जिसके हाज 2 बार के विधायक रादज के पुराने नेता रहे प्रकाश वीर के पार्टी छोड़ने से दिलीप जायसवाल की बात सच होती नजर आ रही है। वहीं अब देखना यह है कि आने वाले समय में ऐसी और कोई घटना हो सकती है क्या।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव एमएसएमई सम्मेलन करेंगे शुभारंभ

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार 13 अक्टूबर को होटल ताज भोपाल में एमएसएमई सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। सम्मेलन में उद्यमियों और स्टार्टअप को अनुदान तथा सहायता राशि का सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरण किया जाएगा। सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप उपस्थित रहेंगे। वर्चुअली कार्यक्रम से प्रदेश के सभी जिले भी जुड़ेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 3 औद्योगिक क्षेत्रों, 3 नवीन कार्यालय भवनों की वर्चुअली आधारशिला रखेंगे। सम्मेलन में एमएसएमई एवं ओएनडीसी के मध्य एमओयू किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव "मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना'' के हितग्राहियों को हितलाभ वितरण करेंगे। साथ ही उद्यमियों को औद्योगिक क्षेत्रों में भूखण्ड वितरण भी करेंगे। सम्मेलन में नव उद्यमी और स्टार्टअप्स अपने अनुभव साझा करेंगे।

जाति प्रमाण पत्र मामले में खंडवा के विधायक कंचन तन्वे को न्यायालय ने दिया समर्थन

जबलपुर हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने खंडवा से भाजपा विधायक कंचन तन्वे को राहत प्रदान की है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता का वह आवेदन निरस्त कर दिया है, जिसमें विधायक के जाति प्रमाण पत्र की वैधता की सत्यता परखने के लिए राजस्व रिकार्ड तलब किए जाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता को उक्त आवेदन पूर्व में पेश करना था। जब मामले में मुद्दे तय हो गए और आवेदक ने अपनी गवाही समाप्त कर दी, तब उक्त आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता। उक्त मत के साथ न्यायालय ने आवेदन निरस्त कर मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित कर दी। याचिका खंडवा के आंबेडकर वार्ड निवासी कुंदन मालवीय की ओर से दायर की गई है।   आवेदक का कहना है कि तन्वे वर्ष 2023 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित खंडवा सीट से भाजपा की उम्मीदवार थी। आरोप है कि अनावेदिका ने जो जाति प्रमाण पत्र पेश किया है, वह वैध नहीं, क्योंकि उक्त जाति प्रमाण पत्र का कोई प्रकरण क्रमांक नहीं है, न ही उसकी शासकीय कार्यालय में कोई फाइल है। इतना ही नहीं उक्त प्रमाण पत्र में पिता की जगह पति का नाम दर्ज है। याचिका में मांग की गई कि झूठा जाति प्रमाण पत्र पेश करने पर निर्वाचन शून्य घोषित किया जाना चाहिए। मामले में पूर्व में हुई गवाही के बाद आवेदक की ओर से जाति प्रमाण पत्र की सत्यता के लिए राजस्व रिकार्ड तलब किए जाने का आवेदन पेश किया गया था।

Diwali 2025 तारीख फिक्स: इस दिन करें मां लक्ष्मी की आराधना, मिलेगा अधिक फल

ग्वालियर इस वर्ष में कार्तिक अमावस्या पर श्रीमहालक्ष्मी के पूजन और दीपदान को लेकर भ्रम की स्थिति है। भ्रम का कारण सोमवार व मंगलवार को अमावस्या तिथि का होना है। ज्योतिष विद्वानों ने इस भ्रम की स्थिति को दूर करते हुए 20 अक्टूबर सोमवार को श्रीमहालक्ष्मी पूजन को श्रेष्ठ फलदायी होने के साथ शास्त्र सम्मत बताया है। ज्योतिषाचार्य पं रवि शर्मा ने बताया कि इस दिन प्रदोष काल में अमावस्या की उपस्थिति केवल 14 मिनट की है। यह अवधि एक घटिका (24 मिनट) से भी बहुत कम है। पूजा के कर्मकाल के लिए इतनी अल्पअवधि को केवल 'स्पर्श मात्र' ले सकते हैं। यह दीपावली हेतु पर्याप्त आधार प्रदान करने योग्य नहीं।   धर्मसिंधु का निर्णय सूत्र जब ऐसी स्थिति उत्पन्न हो कि एक दिन पूर्ण व्याप्ति हो और दूसरे दिन न हो, तो धर्मसिंधु का निम्नलिखित सूत्र निर्णय को अंतिम रूप देता है: पूर्वत्रैवप्रदोषव्याप्तौलक्ष्मीपूजादौपूर्वा अभ्यंगस्नानादौपरा॥ अर्थात यदि केवल पूर्व पहले दिन ही प्रदोष काल में अमावस्या की व्याप्ति हो, तो लक्ष्मी पूजन आदि पूर्व पहले दिन ही करना चाहिए। अभ्यंग स्नान आदि अगले दिन किया जा सकता है। 20 अक्टूबर को 'पूर्वत्रैव प्रदोषव्याप्ति' (केवल पहले दिन प्रदोष व्याप्ति) है, अगले दिन केवल स्पर्श मात्र है इसलिए लक्ष्मी पूजन इसी दिन होगा। उपरोक्त सभी शास्त्रीय प्रमाणों, तर्कों और पंचांग के गणितीय विश्लेषण से यह निर्विवाद रूप से सिद्ध होता है कि दीपावली का मुख्य पर्व, लक्ष्मी-गणेश पूजन और दीपदान 20 अक्टूबर, सोमवार को ही करना शुभ, मंगलकारी और शास्त्र सम्मत है। 21 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या की व्याप्ति एक घटिका भी न होने के कारण उसे लक्ष्मी पूजन के लिए ग्रहण नहीं किया जा सकता। वह दिन अमावस्या के स्नान दान और श्राद्ध कर्मों के लिए मान्य होगा। 20 अक्टूबर, सोमवार सूर्यास्त: लगभग पांच बजकर 42 मिनट प्रदोष काल का आरंभ: पांच बजकर 42 मिनट से अमावस्या तिथि का आरंभ पांच बजकर 45 मिनट से इस दिन प्रदोष काल के आरंभ से लेकर संपूर्ण रात्रि तक अमावस्या तिथि की अखंड और संपूर्ण व्याप्ति है। यह लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे आदर्श और शास्त्र सम्मत स्थिति है। 21 अक्टूबर , मंगलवार सूर्यास्त: लगभग पांच बजकर 41 मिनट से प्रदोष काल: आरंभ पांच बजकर 41 मिनट से अमावस्या तिथि की समाप्ति पांच बजकर 55 मिनट पर इस दिन प्रदोष काल में अमावस्या की उपस्थिति केवल 14 मिनट की है। यह अवधि एक घटिका (24 मिनट) से भी बहुत कम है। पूजा के कर्मकाल के लिए इतनी अल्प अवधि को केवल 'स्पर्श मात्र' ले सकते हैं। यह दीपावली हेतु पर्याप्त आधार प्रदान करने योग्य नहीं।

नवंबर में नगर निगम उपचुनाव: जानें कौन बदल सकता है दिल्ली का सियासी समीकरण

नई दिल्ली आठ माह से रिक्त पड़ी निगम की सीटों पर जल्द ही उप चुनाव की घोषणा होगी। राज्य चुनाव आयोग की तैयारियां अंतिम दौर में है। सबकुछ ठीक रहा तो अगले माह के तीसरे या चौथे सप्ताह में चुनावों को संपन्न करा लिया जाएगा। इसी बीच चुनाव आयोग ने तय किया है कि 12 निगम की सीटों पर उप चुनाव में नामांकन की तारीख तक मतदाता सूची को ही मान्य माना जाएगा। त्योहारों, परीक्षाओं और कानून व्यवस्था की गहन समीक्षा के बाद तारीखों की घोषणा की जाएगी। चूंकि दीपावली और भैया दूज और छठ पर्व इसी माह संपन्न हो जाएंगे और अगले माह बिहार विधानसभा चुनाव भी है। इसलिए पूरी संभावना है कि निगम के उप चुनाव की तारीख नंवबर के आखिरी सप्ताह में हों। दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार उप चुनावों की तैयारी के लिए जिला-निर्वाचन अधिकारी, चुनाव पर्यवेक्षक, निर्वाचन अधिकारी, सहायक निर्वाचन अधिकारी के रूप में दिल्ली सरकार और नगर निगम के अधिकारियों को नियुक्त किया जा चुका है। साथ ही, जल्द ही व्यय पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त करेगा। आईटी के कर्मचारियों का भी प्रशिक्षण भी जारी है। आयोग ने कहा कि नागरिकों की सुविधा के लिए निगम चुनाव दिल्ली एप के माध्यम से दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों व्हीलचेयर के लिए ऑनलाइन अनुरोध, मतदान केंद्र तक पिकअप व ड्राॅप जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा।   चुनाव से संबंधित मंजूरी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम भी शुरू किया जाएगा। आयोग ने बताया कि उप चुनावों के लिए विभिन्न विभागों के साथ बैठकें की जा रही है। शनिवार को पुलिस आयुक्त के साथ भी इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैठक हुई। अब जल्द ही मुख्य सचिव के साथ बैठक होगी ताकि जल्द से जल्द उप चुनाव हो सके। भाजपा और आप के लिए परीक्षा, कांग्रेस के लिए वापसी का मौका दिल्ली नगर निगम की 250 कुल सीटों में से 11 सीटें विधानसभा चुनाव में पार्षदों के विधायक बनने से रिक्त हुई थी जबकि एक सीट पार्षद के सांसद बनने से वर्ष 2024 से रिक्त हैं। ऐसे में कुल 12 सीटों में भाजपा के पास 9 जबकि आप के पास तीन सीटें थी। इसलिए इस चुनाव में भाजपा और आप की अग्निपरीक्षा होगी। जबकि कांग्रेस के पास अपनी वापसी का मौका है। इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी भी अगर चुनाव में जाती है तो उसका का भी यह लिटमस टेस्ट होगा। जिन 12 सीटों पर चुनाव होना हैं उसमें शालीमार बाग बी सीट सीएम रेखा गुप्ता की सीट भी है। वह विधायक बनने से पूर्व इसी सीट से पार्षद थीं।   किन सीटों पर मजूबूत है भाजपा मुंडका, शालीमार बाग, द्वारका बी, ग्रेटर कैलाश, नारायणा, ढिचाऊं कलां किन सीटों पर 'आप' है मजबूत चांदनी महल, चांदनी चौक, दक्षिणपुरी किन सीटों पर हो सकता है कड़ा मुकाबला विनोद नगर, संगम विहार, अशोक विहार भाजपा को और मजबूत स्थिति बनाने का है मौका दिल्ली नगर निगम की सत्ता पर फिलहाल भाजपा काबिज है लेकिन 12 सीटों पर उप चुनाव से उसकी स्थित और मजबूत हो सकती है। क्योंकि नौ सीटें तो पहले ही भाजपा जीती थी ऐसे में नौ सीटों पर फिर से चुनाव जीतती है तो उसकी स्थिति निगम में और मजबूत हो जाएगी। इसका फायदा उससे अगले वर्ष स्थायी समिति सदस्य के लिए रिक्त होने वाले पदों के चुनाव में भी हो सकता है। क्योंकि 18 में नौ सदस्य अगले वर्ष सेवानिवृत्त ड्रा के माध्यम से हो जाएंगे। पुनः चुनाव होने पर जोन और सदन में उसे लाभ होगा। 238 में से 99 सीटें आप के पास हैं जबकि 115 भाजपा की है और कांग्रेस के पास आठ सीटें हैं। इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी के पास 16 सीटें हैं।  

आजम खां से मुलाकात के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने खोला राजनैतिक मंथन, कहा- ‘सब कुछ हो सकता है’

लखनऊ अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के शनिवार को रामपुर पहुंचने पर राजनीतिक गलियारे में खलबली मच गई। रामपुर में उन्होंने समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में प्रमुख रहे आजम खां से उनके आवास पर भेंट की। मुलाकात के संबंध में स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया। आजम खां से मुलाकात के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने आजम के खिलाफ कार्रवाई को राजनीतिक द्वेष भावना वाला बताने के साथ सरकार बनने पर कार्रवाई करने वाले को परिणाम भुगतने की धमकी भी दी। उन्होंने कहा कि आजम खां पर राजनीतिक द्वेष भावना से कार्रवाई की गई है। स्वामी प्रसाद ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर भी तंज कसा और कहा कि इस सरकार में उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। बेरोजगारी तो चरम सीमा पर है। सरकार का प्राइमरी स्कूल बंद करने का फैसला बहुत ही निंदनीय है। उन्होंने बरेली में बीते दिनों हुए बवाल के बारे में कहा कि भाजपा के इशारे पर तो यह सारा उपद्रव सोची-समझी साजिश के तहत कराया गया था। स्वामी प्रसाद ने कहा कि भाजपा तो हिंदू और मुस्लिम की राजनीति करती है। योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में ‍उत्तर प्रदेश में मुसलमान को लगातार टारगेट किया जा रहा है। यहां पर तो मस्जिदों को बुलडोजर से ध्वस्त किया जा रहा है। अखिलेश और आजम खां की मुलाकात पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव बेहद अवसरवादी हैं और आजम साहब से भेंट करने के बाद उनका संवेदनशील होना को घड़ियाली आंसू जैसा है। इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य का आजम खां के आवास के बाहर पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खां ने स्वागत किया। स्वामी प्रसाद दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर आजम खान के आवास टंकी नंबर पांच, घेर मीर बाज खान पहुंचे। सपा, बसपा और भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ आजम खां ने घर के अंदर अकेले में मुलाकात की।  

फेस्टिवल सीजन में यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं, उत्तराखंड की ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट

देहरादून त्योहारी सीजन में ट्रेनों के आरक्षित टिकट को लेकर मारामारी शुरू हो गई है। देहरादून से पूर्वांचल रूट पर जाने वाली अधिकांश ट्रेनों में सीटें फुल हो गई हैं। आगामी दीपावली और छठ पर्व के दौरान ट्रेनों में लंबी वेटिंग चल रही है। देहरादून से बिहार होते हुए हावड़ा जाने वाली कुंभ एक्सप्रेस के स्लीपर कोच दीपावली से छठ पर्व तक नो रूम है। यानी इसके वेटिंग भी जारी होना बंद हो गए हैं। हालांकि थर्ड एसी और एसी फर्स्ट व सेकेंड में टिकट मिलने की गुंजाइश है। देहरादून से हावड़ा, गोरखपुर, मजफ्फरपुर, लखनऊ, कोटा, नई दिल्ली, काठगोदाम, अमृतसर और प्रयागराज सहित कई शहरों के लिए रोज करीब 13 ट्रेन रवाना होती हैं। शिक्षा का केंद्र होने के कारण देहरादून में बाहरी छात्र-छात्राएं काफी हैं। साथ ही शहर से सटे सिडकुल में भी बिहार-बंगाल के श्रमिकाें की संख्या अधिक हैं। त्योहारों के दौरान जब यह सब एक साथ अपने-अपने घराें को रवाना होते हैं, तो ट्रेनों के आरक्षित टिकट को लेकर मारामारी शुरू हो जाती है। इससे बचने के लिए बहुत से लोग महीनों से पहले बुकिंग कराना शुरू कर देते हैं। इस साल भी दीपावली और छठ पर्व पर यही हाल है। पूर्वांचल रूट की ट्रेनों में लंबी वेटिंग चल रही है। बिहार-बंगाल रूट की ट्रेन का हाल कुंभ एक्सप्रेस का स्लीपर कोच 17 से 27 अक्टूबर तक नो रूम है। एसी सेकेंड में अलग-अलग तिथियों पर लंबी वेटिंग है। एसी फर्स्ट में 10 और एसी थर्ड में 100 से अधिक वेटिंग है। देहरादून से मुजफ्फरपुर जाने वाली दून-मुजफ्फपुर एक्सप्रेस के थर्ड एसी में 15 से 29 अक्टूबर तक 30 से अधिक वेटिंग चल रही है। एसी फर्स्ट में पांच और एसी सेकेंड में 15 से अधिक वेटिंग है। जबकि स्लीपर नो रूम हो चुका है। गोरखपुर जाने वाली राप्ती-गंगा एक्सप्रेस के एसी सेकेंड में 18 से 20 अक्टूबर तक लंबी वेटिंग है। छठ के दौरान 25 व 27 अक्टूबर को सीट मिलने की गुंजाइश है। स्लीपर में 70 से अधिक वेटिंग है। एसी थर्ड में 10 से अधिक वेटिंग है। एसी फर्स्ट अभी खाली है। वंदेभारत में मिल सकती है सीट लखनऊ जाने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस 18 अक्टूबर के आसपास पैक है। लेकिन 20 से 24 अक्टूबर के बीच आरक्षित टिकट मिल सकता है। कोटा जाने वाली नंदा देवी एक्सप्रेस में 18 से 20 अक्टूबर तक लंबी वेटिंग है। लेकिन 20 से 22 अक्टूबर तक सीट मिल सकती है। इसी तरह दिल्ली जाने वाली मसूरी और जनशताब्दी एक्सप्रेस में 20 अक्टूबर को आरक्षित टिकट मिलने की गुंजाइश है। अन्य तिथियों में यह भी पैक है। – बनारस जाने वाली जनता एक्सप्रेस की सभी श्रेणियों में 18 से 27 अक्टूबर तक लंबी वेटिंग है। – प्रयागराज जाने वाली लिंक एक्सप्रेस की सभी श्रेणियों में 18 से 27 अक्टूबर तक लंबी वेटिंग है और कुछ तिथियों में यह नो रूम भी है।  

सावधान! बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे नकली चांदी के सिक्के, त्योहारी खरीदारी में बरतें सतर्कता

भिंड. त्योहारों के मौसम में जहां बाजारों में रौनक बढ़ती है, वहीं अब मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए हैं। सर्राफा बाजार में इन दिनों मिलावटी और नकली चांदी के सिक्कों की खुलेआम बिक्री हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि असली चांदी में जस्ता मिलाकर ऐसे सिक्के तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें सामान्य खरीदार पहचान नहीं पाते। जांच के बगैर न करें खरीदारी त्योहारों पर लोग धार्मिक कारणों से चांदी के सिक्के खरीदते हैं। लेकिन इस बार बाजार में ऐसे सिक्के बड़ी मात्रा में खपाए जा रहे हैं जिनमें 92.5 या 999 हॉलमार्क नहीं होता। विशेषज्ञों की मानें तो चांदी के सिक्के खरीदते समय सबसे पहले हॉलमार्क और फर्म की सील देखनी चाहिए। प्रमाणित दुकान से ही खरीदारी करें और हमेशा रसीद अवश्य लें, ताकि धोखाधड़ी की स्थिति में शिकायत की जा सके। अक्सर पुराने या एंटीक सिक्कों के नाम पर मिलावटी धातु वाले सिक्के दिए जा रहे हैं। इससे बचने के लिए सिक्कों का बारकोड स्कैन करें और मार्का जांच अवश्य करें। सोना-चांदी के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी अशोक धर्मकांटा के संचालक अशोक सोनी बताशा बाजार के अनुसार इस बार त्योहारी सीजन में सोने-चांदी के दामों ने आम खरीदारों की जेब पर भारी असर डाला है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को चांदी का भाव ₹1,65,000 प्रति किलो तक पहुंच गया। दो साल पहले तक जो सोने की लोंग ₹500 से ₹800 में मिल जाती थी, अब उसकी कीमत ₹2000 से ₹2500 तक हो गई है। इसी तरह चांदी की पायलें, जो पहले ₹1500 से ₹2000 में मिल जाती थीं, अब ₹4000 से ₹4500 तक बिक रही हैं। त्योहार की चमक पर पड़ा असर दामों में इस बढ़ोतरी और नकली चांदी की बढ़ती बिक्री से सर्राफा व्यापारी भी मायूस हैं। उनका कहना है कि दीपावली जैसे बड़े पर्व पर भी इस बार बाजार में वह रौनक नहीं दिख रही जो हर साल देखने को मिलती थी। ग्राहकों से अपील सतर्क रहें, प्रमाणित खरीदारी करें – विशेषज्ञों और सर्राफा व्यापारियों ने ग्राहकों से अपील की है कि वे लालच या जल्दबाजी में खरीदारी न करें। हमेशा प्रमाणित दुकानों से ही सोने-चांदी के सिक्के और जेवर खरीदें। हॉलमार्क, सील, रसीद और बारकोड जांचें, ताकि नकली या मिलावटी धातु से बचा जा सके।

ग्वालियर को मिला तोहफा, रेलवे बोर्ड बनाएगा नैरोगेज म्यूजियम को पर्यटन हब

ग्वालियर.  रेलवे बोर्ड की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेरिटेज आशिमा मेहरोत्रा और डिप्टी डायरेक्टर हेरिटेज राजेश कुमार ने तानसेन रोड स्थित पुराने एरिया मैनेजर कार्यालय में बने नैरोगेज म्यूजियम का निरीक्षण किया। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस म्यूजियम का निरीक्षण कर इसे संवारने के निर्देश दिए थे, वहीं भाजपा नेता सुधीर गुप्ता ने भी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार को ज्ञापन सौंपकर इस म्यूजियम को नागपुर नैरोगेज म्यूजियम की तर्ज पर विकसित करने की मांग की थी। इसके बाद गुरुवार को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने इस म्यूजियम का निरीक्षण किया। इस दौरान एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आशिमा मेहरोत्रा ने नैरोगेज हेरिटेज संग्रहालय के साथ ही लोको शेड का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस हेरिटेज बिल्डिंग को रेनोवेशन की जरूरत है। इसके अलावा संग्रहालय के तौर पर विकसित करने की स्थिति में बिल्डिंग में वर्तमान में संचालित होने वाले एडीईएन, एडीईई तथा एसीएम आफिस को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। हेरिटेज बिल्डिंग के पास जीर्ण-शीर्ण क्वार्टर को हटाकर वहां म्यूजियम का विस्तार किया जा सकता है। पर्यटक स्थल की तरह यह विस्तार नागपुर नैरोगेज हेरिटेज म्यूजियम की तरह होगा इसमें बच्चों की टाय ट्रेन चलाने का भी विकल्प रखा जा सकता है। वहीं, सिंधिया स्टेट के हेरिटेज सैलून कोच, इंजन तथा नैरोगेज ट्रेन से संबंधित सभी उपकरण को यहां शोकेस किया जा सकता है। डिजिटल स्क्रीन और आडियो विजुअल के माध्यम से रेलवे हेरिटेज नैरोगेज ट्रेन का इतिहास दिखाने की भी संभावना है। संग्रहालय को ऐतिहासिक रूप देने के साथ ही यहां फोटो गैलरी और कैफेटेरिया का भी निर्माण किया जा सकता है। सिंधिया स्टेट के दौर में 1885 में निर्मित नैरोगेज म्यूजियम ऐतिहासिक महत्व रखता है। इस अवसर पर प्रयागराज से मुख्य चल शक्ति अभियंता आरडी मौर्य, एडीआरएम नंदीश शुक्ला, सीडब्लूएम शिवाजी कदम, सीनियर डीएमई गौरव यादव, एडीईएन अजीत मिश्रा, स्टेशन डायरेक्टर वीके भारद्वाज एवं प्रयागराज तथा झांसी के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। नैरोगेज ट्रैक का भी किया निरीक्षण, बोर्ड को देंगे रिपोर्ट वहीं रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने घोसीपुरा से लेकर मोतीझील तक नैरोगेज ट्रैक का भी निरीक्षण किया। लंबे समय से शहर में नैरोगेज हेरिटेज ट्रेन चलाने की मांग की जा रही है। ऐसे में, रेलवे के अधिकारियों ने इसका भी गहनता से सर्वे किया। हालांकि अभी इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर बोर्ड को सौंपी जाएगी और अंतिम निर्णय वहीं से होगा।  

रमा एकादशी पर करें ये उपाय, शिवलिंग पर चढ़ाकर पाएं कष्टों से राहत

रमा एकादशी का व्रत बहुत विशेष माना जाता है. हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है. एकादशी के सभी व्रत जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित हैं. हर माह में दो एकदाशी व्रत पड़ते हैं. इसमें एक एकादशी का व्रत कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष रखा जाता है. कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकदाशी के रूप में जाना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो भी भगवान विष्णु का सच्चे भक्तिभाव से पूजन और व्रत करता है, उसका जीवन खुशियों से भर जाता है. उस पर भगवान की कृपा बनी रहती है. इस पवित्र तिथि पर देवों के देव महादेव भगवान शिव की पूजा का भी विधान है. कहा जाता है कि इस दिन शिवलिंग पर कुछ खास चीजें चढ़ाने से जीवन क कष्टों से छुटकारा मिलता है, तो आइए जानते हैं इसके बारे में. शमी के फूल रमा एकादशी के दिन शिवलिंग पर शमी के फूल चढ़ाने चाहिए. ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. साथ ही साधक को रोग-दोष और जीवन के दुखों और कष्टों से छुटकारा मिलता है. कच्चे चावल और काले तिल इस पावन दिन पर शिवलिंग पर कच्चे चावल में थोड़े से काले तिल मिलाकर चढ़ाना चाहिए. फिर उन्हीं चावल में मिले तिल को किसी जरूरतमंद को दान दे देना चाहिए. ऐसा करने नकारात्मक उर्जा से मुक्ति मिलती है. साथ ही व्यक्ति शनि दोष से भी मुक्त होता है. गाय का घी रमा एकादशी के दिन गाय के शुद्ध घी से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से बिमारियों से लाभ मिलता है. बेलपत्र और शहद भगवान शिव को बेलपत्र अति प्रिय हैंं. रमा एकादशी के दिन इसे शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से सभी पापों का नाश हो जाता है. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय बेल पत्र पर थोड़ा-सा शहद लगाकर चढ़ाना चाहिए. इससे आरोग्य प्राप्त होता है.