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राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी 18 नवंबर से भोपाल में, 700 छात्र दिखाएंगे अपनी खोजों का कमाल

भोपाल राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का 52वां आयोजन श्यामला हिल्स स्थित क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान में 18 नवम्बर से भोपाल में होगा। प्रदर्शनी में देश के विभिन्न राज्यों के 700 बाल वैज्ञानिक सहभागिता करेंगे। प्रदर्शनी में प्रतिदिन 5 हजार से अधिक विद्यार्थी और नागरिकों के शामिल होने का अनुमान लगाया गया है। प्रदर्शनी का समापन 23 नवम्बर को होगा। स्कूल शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक स्कूल शिक्षा मंत्री  उदय प्रताप सिंह ने राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के आयोजन एवं व्यवस्थाओं के संबंध में बैठक ली। मंत्री  सिंह ने कहा कि आयोजन के दौरान ऐसी व्यवस्था की जाये जिससे देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले विभिन्न प्रतिभागी मध्यप्रदेश की संस्कृति और परम्पराओं से परिचित हो सके। बैठक में आवास एवं परिवहन व्यवस्थाओं पर भी चर्चा हुई। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आयोजन के संबंध में उपयोगी सुझाव दिये। कार्यक्रम के आयोजन में एनसीईआरटी का सहयोग रहेगा। प्रतिभागी विद्यार्थी समाज तथा पर्यावरण की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिये वैज्ञानिक विचारों को सृजन कर इसके लिये आयोजन के दौरान शाम को होने वाले सत्र में प्रतिभागी विद्यार्थियो को देश की ख्याती प्राप्त वैज्ञानिक विचारों को साझा करने के लिये मैनिट, आयशर महाविद्यालय एवं अन्य ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक संस्थाओं के वैज्ञानिकों को आमंत्रित किये जाने पर चर्चा की गई।  

सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ महिलाओं को आत्मविश्वास और सशक्तीकरण का नया रास्ता दिखा रही योगी सरकार

मिशन शक्ति 5.0 योगी सरकार की जागरूकता चौपालों से गांव-गांव बुलंद हो रही महिलाओं की आवाज  सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ महिलाओं को आत्मविश्वास और सशक्तीकरण का नया रास्ता दिखा रही योगी सरकार दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा के सामाजिक दुष्प्रभावों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने में जुटी योगी सरकार  स्थानीय पुलिस, आशा बहुएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम प्रधान और स्वयंसेवी संस्थाएं कर रही सक्रिय भागीदारी  मिशन शक्ति 5.0 के तहत अबतक 15.50 लाख से अधिक लोगों तक पहुंच चुकी है योगी सरकार लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का मिशन शक्ति 5.0 अभियान नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की दिशा में नया इतिहास रच रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 17 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में 'जागरूकता चौपाल' कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो गया है। इन चौपालों का उद्देश्य दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जन-जागरूकता फैलाना और महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों से अवगत कराना है। योगी सरकार की यह पहल न केवल नारी सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रही है, बल्कि ग्रामीण समाज में समानता और संवेदनशीलता की संस्कृति को मजबूत कर रही है। मिशन शक्ति 5.0 के तहत जागरूकता चौपालें दहेज उन्मूलन और घरेलू हिंसा की रोकथाम पर केंद्रित हैं। इन चौपालों में महिलाओं, किशोरियों, पुरुषों और समुदाय के प्रतिनिधियों को दहेज और घरेलू हिंसा के सामाजिक दुष्प्रभावों की जानकारी दी जा रही है। विशेषज्ञ वक्ता और विभागीय अधिकारी 'घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005' और 'दहेज निषेध अधिनियम, 1961' को सरल भाषा में समझा रहे हैं। महिलाओं को बताया जा रहा है कि वे किसी भी हिंसा को सहन न करें, बल्कि महिला हेल्पलाइन 181 और वन स्टॉप सेंटर्स के जरिए त्वरित सहायता प्राप्त करें।  चौपालों के माध्यम से दी जा रही महिला केंद्रित योजनाओं की जानकारी इन चौपालों में स्थानीय पुलिस, आशा बहुएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम प्रधान और स्वयंसेवी संस्थाएं सक्रिय भागीदारी कर रही हैं। महिलाएं और किशोरियां अपने अनुभव साझा कर रही हैं, जिससे सामुदायिक सहानुभूति का माहौल बन रहा है। चौपालों में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, वन स्टॉप सेंटर और समग्र महिला सुरक्षा योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है। यह प्रयास ग्रामीण समुदायों तक सरकारी सेवाओं की पहुंच बढ़ाने और विश्वास स्थापित करने में कारगर साबित हो रहा है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 22 सितंबर से 16 अक्टूबर 2025 तक मिशन शक्ति 5.0 के तहत 15.50 लाख लोगों को जागरूक किया गया, जिसमें महिलाएं, पुरुष, बालक और बालिकाएं शामिल हैं। नारी सुरक्षा और स्वावलंबन का राष्ट्रीय मॉडल बन रहा उत्तर प्रदेश योगी सरकार की यह पहल नारी सशक्तीकरण को केवल नीति तक सीमित नहीं रख रही, बल्कि इसे एक सामाजिक आंदोलन का रूप दे रही है। हर चौपाल से नारी गरिमा की आवाज बुलंद हो रही है, जो समाज में समानता और सम्मान की नई संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। मिशन शक्ति 5.0 के जरिए उत्तर प्रदेश नारी सुरक्षा और स्वावलंबन का राष्ट्रीय मॉडल बन रहा है।  महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा कि दहेज और घरेलू हिंसा का अंत केवल कानून से नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना से संभव है। मिशन शक्ति की जागरूकता चौपालें हर गांव में संवाद शुरू कर रही हैं, ताकि हर महिला को यह भरोसा मिले कि राज्य सरकार उनके साथ है।

श्रीसन फार्मा पर बढ़ी मुश्किलें, प्रोपिलीन ग्लायकॉल की खरीद का कोई बिल नहीं मिला

भोपाल  मध्य प्रदेश के तीन जिलों में 24 बच्चों की जान लेने वाले 'कोल्ड्रिफ' कफ सीरप को बनाने में उद्योगों में उपयोग होने वाला प्रोपेलीन ग्लायकाल मिलाए जाने की जांच की जा रही है। दरअसल, इसी आरोप में श्रीसन फार्मा कंपनी की केमिकल एनालिस्ट के. माहेश्वरी को गिरफ्तार किया गया है। इसी बीच मध्य प्रदेश एसआइटी की जांच में सामने आया है कि कफ सीरप बनाने में उपयोग होने वाले प्रोपेलीन ग्लायकाल का बिल ही कंपनी से गायब है, जबकि एसआईटी की पूरी जांच इसी पर टिकी है कि इस केमिकल के आपूर्तिकर्ता को औषधीय उपयोग वाले प्रोपेलीन ग्लायकाल का आर्डर दिया गया था या औद्योगिक उपयोग वाले का। यदि आपूर्तिकर्ता ने औषधीय की जगह औद्योगिक उपयोग वाला प्रोपेलीन ग्लायकाल दिया होगा, तो उसे भी आरोपित बनाया जा सकता है। एनालिस्ट को तीन दिन के लिए रिमांड पर सौंपा एसआईटी की एक टीम केमिकल एनालिस्ट के. माहेश्वरी को लेकर बुधवार को छिंदवाड़ा जिले के परासिया पहुंची। यहां उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से तीन दिन के लिए रिमांड पर सौंप दिया गया। पुलिस यहां माहेश्वरी से यह जानने की कोशिश करेगी कि कंपनी में गुणवत्ता जांच में क्या लापरवाही हुई। असली जिम्मेदार कौन है। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के नियमों की कहां अनदेखी की गई है। सूत्रों के अनुसार, एसआईटी ने माहेश्वरी से कोल्ड्रिफ कप सीरप की गुणवत्ता जांच रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन वह रिपोर्ट नहीं दी गई। इस बात पर संदेह है कि सीरप की टेस्टिंग कराई गई थी या नहीं। उल्लेखनीय है कि कफ सीरप में डायथिलीन ग्लायकाल (डीइजी) की मात्रा 48.6 प्रतिशत मिली थी, जिसकी मान्य सीमा 0.1 प्रतिशत है। डीइजी के कारण ही बच्चों की जान चली गई। इस मामले में अब तक कफ सीरप लिखने वाले डॉ. प्रवीण सोनी, कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन और के माहेश्वरी सहित पांच आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। केमिकल एनालिस्ट को कोर्ट में गुपचुप प्रस्तुत किया विषाक्त कफ सीरप से मृत 24 बच्चों में से 15 परासिया ब्लाक के थे। इस कारण क्षेत्र के लोगों में श्रीसन फार्मा के अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध बेहद गुस्सा है। सुरक्षा की दृष्टि से एसआईटी ने बुधवार रात में केमिकल एनालिस्ट के. माहेश्वरी को न्यायालय में प्रस्तुत किया। बता दें कि इसके पहले एसआईटी कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को तमिल नाडु से गिरफ्तार कर छिंदवाड़ा लेकर आई थी। कोर्ट में प्रस्तुत करने के दौरान भीड़ उमड़ पड़ी थी, जिसमें पीड़ित परिवारों के लोग भी थे। लोग 'फांसी दो' के नारे भी लगाए थे। यही कारण है माहेश्वरी के मामले में पुलिस कोई जोखिम नहीं उठाना चाह रही थी। श्रीसन फार्मा के विरुद्ध अब तक ये की गईं कार्रवाई     एक अक्टूबर- मप्र के औषधि नियंत्रक ने तमिल नाडु के औषधि नियंत्रक को पत्र लिखकर श्रीसन फार्मा के कांचीपुरम स्थित प्लांट का निरीक्षण करने की मांग की।     दो से तीन अक्टूबर- तमिल नाड़ु औषधि प्रशासन विभाग ने प्लांट का निरीक्षण किया, जिसमें 364 कमियां मिलीं। प्लांट में उत्पादन बंद कराया गया।     पांच अक्टूबर- परासिया थान में कंपनी के संचालक व अन्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई।     आठ अक्टूबर- मध्य प्रदेश पुलिस ने कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को फरार घोषित कर 20 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया।     नौ अक्टूबर- एसआईटी ने रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया।     10 अक्टूबर- रंगनाथन को छिंदवाड़ा के परासिया कोर्ट में प्रस्तुत कर 10 दिन (20 अक्टूबर) पुलिस रिमांड पर लिया गया।     13 अक्टूबर- कंपनी का उत्पादन लाइसेंस स्थायी तौर पर तमिल नाडु औषधि प्रशासन विभाग ने रद कर दिया।  

मानसून के जाते ही छत्तीसगढ़ में बदला मौसम, ठंड की दस्तक शुरू

रायपुर दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई के साथ ही छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदलने लगा है। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर के अनुसार, शुक्रवार यानी 17 अक्टूबर को प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा। आसमान में हल्के बादल जरूर रहेंगे, लेकिन बारिश के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने बताया कि गुरुवार, 16 अक्टूबर को दक्षिण-पश्चिम मानसून की पूरे देश से वापसी हो गई। इसके साथ ही पूर्वोत्तर मानसून सक्रिय हो गया है और उसकी वर्षा गतिविधियां तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, तटीय आंध्रप्रदेश, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल-माहे में शुरू हो गई हैं। प्रदेश में फिलहाल किसी बड़े मौसम तंत्र का प्रभाव नहीं है। हालांकि, उत्तरी झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में औसत समुद्र तल से लगभग 3.1 किलोमीटर ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, लेकिन इसका असर छत्तीसगढ़ पर नहीं पड़ेगा। गुरुवार को प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस राजनांदगांव में दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस अंबिकापुर में रहा। तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है और आने वाले 24 घंटों में भी मौसम शुष्क रहेगा। दो दिन में हल्की बारिश के आसार रायपुर शहर के लिए स्थानीय पूर्वानुमान के अनुसार, शुक्रवार को आसमान आंशिक रूप से मेघमय रहेगा। अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। दो दिनों के बाद प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर साधा निशाना, कहा- अपना रहे हैं अंग्रेजों की नीति

हमारा संकल्प, 'एक भारत श्रेष्ठ भारत', कांग्रेस-सपा का 'फूट डालो, हुकूमत करो' : योगी आदित्यनाथ  प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर साधा निशाना, कहा- अपना रहे हैं अंग्रेजों की नीति – 31 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन – 1 से 26 नवंबर तक हर विधानसभा में निकलेगी ‘एकता पदयात्रा’ – बाबा साहब आंबेडकर को समर्पित 26 नवंबर को मनाया जाएगा संविधान दिवस – हर जिले से पांच युवाओं की टोली गुजरात में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी तक पदयात्रा में होगी शामिल – सीएम योगी बोले- “फूट डालो और राज करो” की नीति अपनाकर विपक्ष तोड़ रहा समाज – मुख्यमंत्री ने हर जिले में आयोजित स्वदेशी मेले में पार्टी के नेताओं को जाने और उत्पाद खरीदने का किया आग्रह 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोहराया संकल्प लखनऊ  सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह अभियान को लेकर राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और इंडी गठबंधन अंग्रेजों की “फूट डालो और राज करो” नीति को आज भी अपनाए हुए हैं। ये दल समाज में जाति, पंथ और मजहब के आधार पर फूट डालने का काम कर रहे हैं ताकि देश की एकता और अखंडता कमजोर हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश आज़ाद हो रहा था, तब अंग्रेजों ने भारत को कई हिस्सों में बांटने की साजिश रची थी। उनकी कोशिश थी कि भारत कभी एक न हो सके। लेकिन लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी अद्भुत दूरदृष्टि और दृढ़ इच्छाशक्ति से 563 रियासतों को भारत गणराज्य में विलय कर राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि आज उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक जो भारत एकजुट दिखता है, वह सरदार पटेल की देन है। इसलिए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्ष से हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। सीएम योगी ने कहा कि भाजपा और केंद्र व राज्य की सरकारें सरदार पटेल के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के सपने को साकार करने के लिए कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष समाज को बांटने की राजनीति कर रहा है, तब भाजपा की जिम्मेदारी है कि एकता और अखंडता के संदेश को हर गांव और हर विधानसभा तक पहुंचाया जाए। यूनिटी मार्च और राष्ट्रीय एकता दिवस का कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने बताया कि 31 अक्टूबर को ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन पूरे प्रदेश में होगा। इसके बाद 1 नवंबर से 26 नवंबर तक हर विधानसभा क्षेत्र में 8 से 10 किलोमीटर लंबी ‘एकता पदयात्रा’ निकाली जाएगी। इसमें आर्मी के रिटायर्ड जवान, अन्नदाता, श्रमिक, भाजपा के अनुशांगिक संगठन, एनएसएस, एनसीसी, स्काउट गाइड सभी को जोड़ा जाएगा। यात्रा के दौरान 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम' और 'नेता जी सुभाष चंद्र बोस अमर रहें' के जयघोष गूंजेंगे। हर दो किलोमीटर पर पड़ाव होगा, जहां समाज से संवाद कायम करते हुए एकता का संदेश दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ औपचारिकता नहीं होना चाहिए, बल्कि हर कार्यकर्ता को इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। बूथ स्तर से लेकर जिला पदाधिकारी तक सभी को सक्रिय होना होगा। बाबा साहब को समर्पित संविधान दिवस और युवा पदयात्रा सीएम योगी ने बताया कि 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाएगा, जो बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है। इस दिन प्रत्येक जिले से पांच युवाओं को दिल्ली भेजा जाएगा, जहां से वे गुजरात में होने वाली पदयात्रा में शामिल होंगे। यह यात्रा 26 नवंबर से 6 दिसंबर तक चलेगी, ताकि युवा देशभर में सरदार पटेल और बाबा साहब दोनों के योगदान से प्रेरणा ले सकें। ‘विकसित भारत’ और ‘स्वदेशी उत्पादों’ पर जोर मुख्यमंत्री ने कहा कि 1946-47 में जो अंग्रेज भारत की अखंडता को तोड़ना चाहते थे, आज वही भारत ब्रिटेन को पछाड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बनेगा, यह हर भारतीय का संकल्प होना चाहिए। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि त्योहारों पर स्वदेशी उत्पाद खरीदें। इससे स्थानीय कारीगरों, महिला समूहों और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम स्वदेशी खरीदते हैं, तो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं। इस अवसर पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, संगठन महामंत्री धर्मपाल, संयोजक संजय राय, प्रदेश उपाध्यक्ष देवेश कोरी, बीजेपी प्रदेश मंत्री शंकर लोधी समेत बड़ी संख्या में प्रदेश पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और संगठन से जुड़े कार्यकर्ता उपस्थित रहे।    

राजनीति और विवाद: तेज प्रताप यादव की संपत्ति व आपराधिक रिकॉर्ड पर एक नजर

वैशाली  बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है। इसी क्रम में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बृहस्पतिवार को वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से जनशक्ति जनता दल के प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन के साथ दाखिल हलफनामे में तेज प्रताप ने अपनी संपत्ति, शिक्षा और लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी साझा की है। हलफनामे के अनुसार, तेज प्रताप यादव के पास कुल 2.88 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसमें 91.65 लाख रुपये की चल संपत्ति और 1.96 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है। वर्ष 2020 में उन्होंने कुल 1.22 करोड़ रुपये की चल और 1.6 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति घोषित की थी, यानी उनकी संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में मामूली वृद्धि हुई है। तेज प्रताप यादव ने बताया कि उन पर कुल आठ आपराधिक मामले लंबित हैं। इनमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं 147, 149, 188, 307, 333, 353, 427 और 504 शामिल हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ SC/ST Act और Epidemic/Disaster Management Act की धाराओं के तहत भी मुकदमे दर्ज हैं। हालांकि, इन मामलों में से किसी में भी उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। हलफनामे में तेज प्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय का कोई विवरण शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि दोनों के बीच तलाक का मामला इस समय पटना की पारिवारिक अदालत में विचाराधीन है। तेज प्रताप यादव पहले वर्ष 2020 तक महुआ सीट से राजद के टिकट पर विधायक रहे थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें हसनपुर सीट से उम्मीदवार बनाया था। शैक्षिक योग्यता के अनुसार, तेज प्रताप यादव ने वर्ष 2010 में इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उन्होंने यह परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना से संबद्ध राममोहन राय सेमिनरी +2 स्कूल से पास की थी। इससे स्पष्ट होता है कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद राजनीति में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू की।

राजस्थान में सियासी हलचल, बिहार के स्टार प्रचारकों की घोषणा से मची खलबली

 जयपुर बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की है उसने राजस्थान की सियासत में हडकंप मचा दिया है। पार्टी ने गुरुवार शाम बिहार चुनावों के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई दिग्गजों को शामिल किया गया है। इस सूची में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, असम और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों को भी जगह दी गई है। लेकिन इस बार राजस्थान से किसी भी केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे या वरिष्ठ नेता को स्टार प्रचारक नहीं बनाया गया, जिससे राजनीतिक हलकों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश में गुरुवार शाम से ही कयासों के दौर चल पड़े हैं क्या गुजरात पेटर्न पर राजस्थान में भी कुछ बड़ा बदलाव होने वाला है।  क्यों अहम है राजस्थान की भागीदारी? बिहार में राजस्थानी मूल के वोटर्स और व्यापारिक समुदाय का अच्छा खासा प्रभाव है। राज्य के हर बड़े शहर में मारवाड़ी व्यापारी समुदाय सक्रिय है। पूर्व में भाजपा राजस्थान के नेताओं को बिहार में प्रचार के लिए भेजती रही है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेता पूर्व चुनावों में प्रचार में सक्रिय रहे हैं। वसुंधरा राजे को स्टार प्रचारकों में शामिल नहीं किए जाने को लेकर भी काफी चर्चाएं हैं। हालांकि राजे इन दिनों राजस्थान में पूरी तरह सक्रिय नजर आ रही हैं। वे न सिर्फ राजस्थान के दौरे कर रही हैं बल्कि सोशल मीडिया पर अपने कार्यकाल की योजनाओं का प्रचार भी कर रही हैं।  स्टार प्रचारक नहीं, लेकिन ग्राउंड पर मौजूद हैं राजस्थानी नेता हालांकि इस बार किसी नेता को स्टार प्रचारक नहीं बनाया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, राजस्थान बीजेपी के कई नेता और कार्यकर्ता बिहार में सक्रिय हैं। राजेंद्र राठौड़ सहित कई वरिष्ठ नेता पिछले दो हफ्तों से बिहार में चुनावी प्रचार, जनसंपर्क और संगठनात्मक काम में जुटे हुए हैं। सियासी संकेत और अटकलें राजस्थान को पूरी तरह नजरअंदाज किए जाने पर सियासी विश्लेषक इसे पार्टी के भीतर बदलते समीकरणों से जोड़ कर देख रहे हैं। कुछ इसे केंद्रीय राजनीति में राजस्थान नेताओं के कम होते प्रभाव की ओर भी इशारा मान रहे हैं। जबकि राजस्थान से कई वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री भाजपा के संगठनात्मक ढांचे में प्रभावी भूमिका निभाते हैं। अब देखना यह होगा कि चुनावी रणनीति में इस बदलाव के पीछे पार्टी का क्या तर्क सामने आता है और क्या राजस्थान की अनदेखी का कोई असर बिहार चुनाव में देखने को मिलेगा।  

MP कैडर के IAS अरुण पिथोड़े को सीएक्यूएम में अहम भूमिका, केंद्र सरकार में पहले से कार्यरत

भोपाल  मध्यप्रदेश कैडर के ईमानदार और सरल स्वभाव के आईएएस अधिकारी तरुण पिथोड़े को केंद्र में नई जिम्मेदारी मिली है। उन्हें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) में मेंबर सेक्रेट्री बनाया गया है। पिथोड़े अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में अभी मिनिस्ट्री ऑफ एनवायर्नमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज में जॉइंट सेक्रेटरी हैं। बता दें कि वर्ष 2009 बैच के आईएएस अधिकारी तरुण पिथोड़े की नियुक्ति को एप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट ने अप्रूवल दे दिया। पिथोड़े अगले पांच साल तक इस जिम्मेदारी को निभाएंगे। यह जिम्मेदारी उनकी लीडरशिप केपेसिटी के अनुसार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए रणनीतियां बनाने के लिए की गई है। इससे पहले वह राजगढ़, सीहोर, बैतूल और भोपाल के कलेक्टर के रूप में भी जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुके हैं। कौन हैं तरुण पिथोड़े तरुण कुमार पिथोड़े मध्य प्रदेश कैडर के 2009 बैच के आईएएस हैं। वर्तमान में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। पिथोड़े एमपी के छिंदवाड़ा जिले के छोटे इलाके पसरिया से आते हैं। उनकी स्कूली शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से हुई। इसके बाद भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलेक्ट्रॉनिक एवं संचार इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। सॉफ्टवेयर इंजीनियर से कलेक्टर तक का सफर पिथोड़े ने अपने करियर की शुरूआत जीई इंडिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में अपना करियर शुरू किया। आईएएस बनने से पहले उन्होंने कुछ समय तक मध्य रेलवे में सहायक सिग्नलिंग और दूरसंचार इंजीनियर के रूप में काम किया। वह बचपन से कलेक्टर बनने का सपना देखा करते थे। इसके लिए उन्होंने 2008 की यूपीएससी की परीक्षा में आल इंडिया लेवल पर सातवीं और महाराष्ट्र में प्रथम रैंक हासिल करने के बाद कलेक्टर बने। एमपी कैडर के अधिकारी का बढ़ता कद गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही प्रीति मैथिल को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किए जाने के आदेश जारी किए गए थे। प्रीति को ट्राइबल को-आपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राइफेड) में डिप्टी जनरल मैनेजर बनाया गया। 2009 बैच की आईएएस अधिकारी प्रीति मैथिल की ट्राइफेड में प्रतिनियुक्ति पर पांच साल के लिए पदस्थापना की गई है। प्रीति मैथिल मंडला, सागर और रीवा की कलेक्टर रह चुकी हैं। वे मुख्यमंत्री सचिवालय, किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग में भी संचालक और अपर सचिव के पद पर काम कर चुकी हैं। वहीं, 10 दिन पहले 2009 बैच की ही आईएएस अधिकारी सूफिया फारुकी वली को भारतीय खाद्य निगम में एमपी रीजन में जनरल मैनेजर के रूप में पदस्थ किया जा चुका है। यह अफसर भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में हैं मार्च 2025 में प्रियंका दास, पंकज जैन, प्रवीण सिंह अढायच, अगस्त में तन्वी सुंद्रियाल, सितंबर में नीरज कुमार सिंह की पदस्थापना केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर की जा चुकी हैं। एमपी कैडर के 6 अधिकारी केंद्रीय मंत्रियों के यहां विशेष सहायक के रूप में काम कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश की पदस्थापना 2024 में हुई है।  

फिर एक्टिव हुआ भोपाल प्रशासन, भीख मांगने वालों को SDM-DSP ने क्या समझाया?

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भीख मांगना और देना दोनों अपराध हैं। 3 फरवरी 2025 को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इसके आदेश जारी किए थे। इन आदेशों के बाद एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। पहले तो कुछ दिनों तक प्रशासन खूब मुस्तैद दिखा था, लेकिन बाद में कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। अब कुछ महीने बाद फिर जिला प्रशासन भीख मांगने वालों पर कड़ाई करते दिख रहा है। भिक्षा मांगने वालो पर एक्शन लेने के लिए अफसर भोपाल की सड़कों पर उतरे। अफसरों ने व्यापमं चौराहे पर कार्रवाई की। यहां कई लोगों को भिक्षावृत्ति करने से रोका। वहीं, गुटखा-पाउच बेचते हुए महिला को रोका। कलेक्टोरेट में बैठक होने के बाद एमपी नगर एसडीएम एलके खरे और एसीपी मनीष भारद्वाज पुलिस बल के साथ अलग-अलग इलाकों में सख्ती बरतते दिखाई दिए। यह है आदेश आपको बता दें कि कलेक्टर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत आदेश जारी किया था। साथ ही भिखारियों के लिए कोलार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रहने-खाने की व्यवस्था की गई है। भोपाल में एक भिखारी पर 26 जनवरी की रात एफआईआर दर्ज हुई थी। एमपी नगर थाने में यह मामला दर्ज हुआ था। इससे पहले इंदौर में भी ऐसा ही आदेश लागू किया गया था। भीख न देने पर बदतमीजी दरअसल, एक नागरिक ने भीख न देने पर भिखारी द्वारा की गई बदतमीजी की शिकायत की थी। पुलिस ने भिखारी को पकड़ा और पूछताछ की। जमानती धारा होने के कारण उसे नोटिस देकर छोड़ दिया गया। इस घटना के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए भीख मांगने और देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। भिक्षावृत्ति करने वालों के लिए पुनर्वास भिखारियों के पुनर्वास के लिए भी व्यवस्था की गई है। कोलार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को भिक्षुक गृह बनाया गया है। यहां भिखारियों के रहने, खाने-पीने की व्यवस्था होगी। उन्हें यहां आश्रय दिया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि इससे भिखारियों को भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे एक सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे। यह कदम शहर की सुंदरता और सुरक्षा दोनों के लिए जरूरी है। इससे नागरिकों को भीख मांगने वालों से होने वाली परेशानी से भी निजात मिलेगी।

अस्पताल ने सरोगेसी के नाम पर किया छल, उपभोक्ता आयोग ने लगाया जुर्माना और लौटाई पूरी रकम

भोपाल  मरीज और डॉक्टर के बीच रिश्ता भरोसे का होता है। अगर कोई डॉक्टर या अस्पताल मरीज को धोखा देता है तो वह वित्तीय नुकसान ही नहीं, भरोसे को भी ठेस पहुंचाता है। भोपाल उपभोक्ता आयोग ने ऐसे ही एक मामले में ऐतिहासिक फैसला देते हुए एक अस्पताल को मरीज से ली गई पूरी रकम लौटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही उसे क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश दिया है। अस्पताल ने मरीज को सरोगेसी के नाम पर धोखा दिया था। दरअसल, चूनाभट्ठी निवासी एक दंपती को 15 वर्षों के वैवाहिक जीवन में कोई संतान नहीं थी। बावड़िया कला स्थित पुष्पांजलि सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और डॉ. वर्षा जैन के यहां सरोगेसी से संतानसुख का विज्ञापन देखकर वे वहां पहुंचे। उनका परीक्षण करने के बाद डॉक्टर ने सरोगेसी की सलाह दी। बताया गया कि इस प्रक्रिया पर नौ लाख रुपये का खर्च आएगा। एक बार सफल नहीं हुआ तो यह प्रक्रिया तीन बार की जाएगी। उसके बाद एक अनुबंध कराया गया। दूसरी महिला मिलने पर बताने की बात कही बताया गया कि गर्भधारण के लिए उदयपुर से एक महिला को बुलाकर अस्पताल के पहले तल पर रखा गया है। उस महिला से दंपती को कभी मिलने नहीं दिया गया। बाद में कहा गया कि सरोगेसी के लिए आई महिला का गर्भपात हो गया है। वह कभी मां नहीं बन पाएगी। दंपती से कहा गया कि दूसरी महिला मिलने पर उन्हें बताया जाएगा, लेकिन फिर ऐसा हुआ ही नहीं। कई महीनों बाद भी जब अस्पताल से सूचना नहीं आई तो दंपती ने अपने पैसे वापस मांगे। अस्पताल ने अपना पता बदल दिया। शाहपुरा थाने में शिकायत हुई तो अस्पताल संचालक ने कह दिया कि उसने सरोगेसी का काम छोड़ दिया है। दो साल परेशान होने के बाद 2022 में पीड़ित महिला ने आयोग में याचिका लगाई। चिकित्सकीय उपेक्षा से इन्कार सुनवाई के दौरान अस्पताल संचालक का कहना था कि उनके द्वारा कोई चिकित्सकीय उपेक्षा या लापरवाही नहीं की गई है। उनके द्वारा सभी कार्य बीमित हैं। इस कारण बीमा कंपनी उत्तरदायी होगा। बीमा कंपनी ने कहा कि ये सभी प्रक्रियाएं बीमा के अंतर्गत नहीं आती हैं। 3.75 लाख देने का आदेश सुनवाई के बाद आयोग की अध्यक्ष गिरीबाला सिंह व सदस्य अंजुम फिरोज ने अस्पताल को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार का दोषी माना। उन्होंने अस्पताल को आदेश दिया कि वह दो महीने के भीतर दंपती को तीन लाख 75 हजार रुपये अदा करे। इसमें ढाई लाख रुपये इलाज पर हुआ खर्च और एक लाख 25 हजार रुपया मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए तय हुआ।