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मोहन सरकार का ग्रीन ड्राइव: अब विधायकों को EV लोन पर मोटा सब्सिडी लाभ

भोपाल प्रदेश सरकार ने 16वीं विधानसभा (दिसंबर 2023-2028) के सदस्यों को वाहन खरीदने पर ब्याज अनुदान देने का निर्णय लिया है। पहली बार इलेक्ट्रिक वाहन को योजना में शामिल किया है। तीस लाख रुपये तक का इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सदस्य को चार प्रतिशत ब्याज देना होगा। शेष ब्याज सरकार चुकाएगी पर यह अधिकतम छह प्रतिशत तक होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलेगा छह प्रतिशत ब्याज अनुदान 15 लाख रुपये से अधिक का पेट्रोल-डीजल वाला वाहन खरीदने पर सरकार केवल दो प्रतिशत ब्याज चुकाएगी। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश में विधायकों को वाहन खरीदने पर ब्याज अनुदान देने की योजना कोरानाकाल में बंद हो गई थी। इसके बाद इसे प्रारंभ नहीं किया गया। जबकि, सदस्य इसकी लगातार मांग कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव से बात की और प्रस्ताव तैयार करके संसदीय कार्य विभाग ने वित्त विभाग को भेजा, जहां इसमें कटौती कर भेजा गया। संसदीय कार्य विभाग ने चार प्रतिशत ब्याज अनुदान देना प्रस्तावित किया था लेकिन वित्त विभाग ने इसे दो हिस्से में बांट दिया। यदि कोई विधायक 15 लाख रुपये तक का वाहन खरीदता है तो उसे चार प्रतिशत ब्याज चुकाना होगा। शेष ब्याज सरकार देगी लेकिन 15 से 30 लाख रुपये तक का वाहन खरीदने पर सरकार केवल दो प्रतिशत ब्याज अनुदान देगी। बाकी पूरा ब्याज विधायक को ही चुकाना होगा। ब्याज अनुदान पांच वर्ष तक ही दिया जाएगा। योजना में इलेक्ट्रिक वाहन की नई श्रेणी जोड़ी गई है। इसमें यह प्रविधान किया है कि 30 लाख रुपये तक का वाहन विधायक खरीदता है तो चार प्रतिशत ब्याज उसे चुकाना होगा। शेष ब्याज अधिकतम छह प्रतिशत तक सरकार चुकाएगी। आवास ऋण पर ब्याज अनुदान का मामला लंबित उधर, विधायक द्वारा आवास के लिए ऋण लेने पर ब्याज अनुदान देना भी प्रस्तावित है। सदस्य सुविधा समिति इसका भी प्रस्ताव संसदीय कार्य विभाग के माध्यम से सरकार को दी चुकी है। इसमें आवास ऋण की अधिकतम सीमा 25 से बढ़ाकर 50 लाख करना प्रस्तावित किया है क्योंकि महंगाई बढ़ने के कारण आवास भी महंगे हुए हैं। वित्त विभाग ने 25 लाख रुपये तक चार ब्याज सदस्य द्वारा देने और शेष सरकार द्वारा अनुदान के रूप में चुकाने के साथ 50 लाख रुपये तक के ऋण पर सरकार द्वारा दो प्रतिशत ब्याज अनुदान देना प्रस्तावित है। कैबिनेट के अन्य निर्णय सागर जिले की मालथौन तहसील में व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खंड स्तर का नया पद और उनके अमले अंतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के छह पद सृजित किए जाएंगे।  

भाई दूज के मौके पर बॉबी देओल का इमोशनल पोस्ट, कहा– बहनों से दूरी आज भी खलती है

मुंबई इसमें कोई दो राय नहीं है कि देओल परिवार में परिवार के प्रति गहरा प्रेम है और त्यौहार अक्सर भावनाओं को उभार देते हैं। भाई दूज के मौके पर एक्टर बॉबी देओल भावुक हो जाते हैं क्योंकि वह अपने भाई-बहनों, खासकर अपनी दो बहनों, विजेता और अजीता के साथ प्यारे बॉन्ड को याद करते हैं। बॉबी देओल ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, 'हम चार भाई-बहन हैं- मेरे भैया अजय (सनी देओल), फिर मेरी बहनें विजेता और अजेता, और मैं सबसे छोटा हूं। हम एक संयुक्त परिवार में पले-बढ़े हैं और सबका साथ बहुत अच्छा लगता था। हर दिन स्कूल के बाद, हम बाहर खेलने निकल पड़ते थे। वो कितने बेफिक्र और खुशनुमा दिन होते थे और मैं अक्सर सोचता हूं कि काश मैं उन्हें दोबारा जी पाता।' बॉबी देओल बहनों पर बोले सबसे छोटा होने के नाते, बॉबी को बेशक सबसे ज्यादा लाड़-प्यार मिला। वह कहते हैं, 'मुझे भी काफी लाड़-प्यार मिला। हमारे बीच भी झगड़े होते थे, जैसे सभी भाई-बहनों के बीच होते हैं, लेकिन हम हमेशा एक-दूसरे का ख्याल रखते थे। खासकर स्कूल में, मेरी बहनें अक्सर मेरा होमवर्क पूरा करने में मेरी मदद करती थीं। मुझे हमेशा उनकी देखभाल का फायदा मिलता था।' अलग जगहों पर रहते हैं भाई-बहन एक्टर आगे कहते हैं, 'अब जब हम सब बड़े हो गए हैं और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं, तो मुझे एहसास हुआ है कि यह रिश्ता कितना अनमोल है, लेकिन हम पहले से कहीं ज्यादा करीब हैं। हम एक-दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते हैं, हम एक-दूसरे की बहुत परवाह करते हैं और चाहे कितनी भी दूरी क्यों न हो, हम हमेशा एक-दूसरे के साथ रहते हैं।' वह उदास होकर कहते हैं कि काश उनके और उनकी बहनों के बीच की शारीरिक दूरी कम हो जाती। हालांकि, वह शुक्रगुजार हैं कि इतनी दूरी के बावजूद, उनका रिश्ता अब भी मजबूत है। बहनों से कैसे मिलते हैं बॉबी देओल बॉबी ने कहा, 'काश मैं अपनी बहनों के साथ बचपन की तरह ज्यादा करीब रह पाता, लेकिन यही तो जिंदगी है। शुक्र है कि तकनीक हमें जोड़े रखती है। हम लगभग हर दिन वीडियो कॉल करते हैं। विजेता दिल्ली में रहती है, इसलिए मैं उससे अक्सर मिल पाता हूं। अजीता विदेश में रहती है और जब भी वह मुंबई आती है या मुझे उसके पास जाने का मौका मिलता है, हम मिलते हैं।'

प्रदेश के विभिन्न अंचलों के विद्यार्थी स्थानीय संस्कृति एवं लोक कलाओं का करेंगे प्रदर्शन

राज्य स्तरीय कला उत्सव 24 अक्टूबर से भोपाल में भोपाल  स्कूल शिक्षा विभाग का दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव शुक्रवार 24 अक्टूबर से प्रात: 10 बजे भोपाल में शुरू होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल के विद्यार्थियों को अपनी कला, संस्कृति और विरासत को मंच प्रदान करना है। कार्यक्रम कलियासोत, कोलार रोड के मध्यप्रदेश भूमि एवं जल प्रबंधन संस्थान (वाल्मी) में आयोजित होगा। दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव में प्रदेश के विभिन्न अंचलों से स्कूल के लगभग 250 विद्यार्थी अपनी प्रस्तुति देंगे। इन विद्यार्थियों का चयन 9 संभागों में विद्यार्थियों द्वारा श्रेष्ठ प्रस्तुति के आधार पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हुआ है। उत्सव में मालवी एवं बुंदेली लोक गीत, बरेदीं बधाई, धीमी राय, गौर नृत्य के साथ अंचल से जुड़ी लोक नृत्य की प्रस्तुतियाँ दी जायेंगी। विद्यार्थी नाटक एवं कहानी कथा पर आधारित वाचन प्रस्तुत करेंगे। कला उत्सव की विशेषता रानी दुर्गावती एवं रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर आधारित लघु ना‍टिकाएँ रहेंगी। कला उत्सव में वादन की श्रेणी में विद्यार्थी बाँसुरी, सितार, तबला, टिमकी, ढोलक और तुरा जैसे पारम्परिक वाद्य यंत्रों के माध्यम से संगीत की अद्भुत प्रस्तुतियाँ देंगे। मध्यप्रदेश की धरती सदैव कला की जननी रही है। भीमबेटका और इसकी गुफाएँ प्राचीन चित्रकला की साक्षी हैं। उत्सव में विद्यार्थी पिथौरा, गोंड कला एवं मालवा पेंटिंग पर आधारित अपनी चित्रकृतियाँ प्रदर्शित करेंगे। मूर्तिकला, चित्रकला तथा स्थानीय खेल और खिलौनों पर आधारित प्रतियोगिताएँ भी इस उत्सव का विशेष आकर्षण रहेंगी। राज्य स्तरीय कला उत्सव-2025 का समापन 25 अक्टूबर को होगा। उद्घाटन सत्र में स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षाविद मौजूद रहेंगे। 

तूफान अलर्ट: 23 से 26 अक्टूबर तक इन 4 राज्यों में भारी बारिश, बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी स्कूल बंद

नई दिल्ली  23 से 26 अक्टूबर तक कई राज्यों में भारी बारिश का खतरा बना हुआ है, जिससे जनजीवन प्रभावित होने की संभावना है। पूर्वोत्तर मानसून की सक्रियता के चलते तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश समेत कई दक्षिणी राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई हैं और प्रशासन सतर्कता बरत रहा है। आइए जानें इस मौसमी स्थिति के बारे में विस्तार से।  दक्षिणी भारत में पूर्वोत्तर मानसून ने अपनी पूरी ताकत दिखाना शुरू कर दिया है, जिससे तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से बाधित कर दिया है। बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है और धान की फसलें जलमग्न हो गई हैं। मौसम विभाग (IMD) ने तमाम प्रभावित इलाकों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए हाई अलर्ट मोड में सभी विभागों को सतर्क रहने को कहा है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में बारिश का कहर जारी है, जहां सुरक्षा को देखते हुए सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। चेन्नई के अलावा तंजावुर, तिरुवारुर, नागपट्टिनम, कडलूर, विलुपुरम, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और कारैकल जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। बुधवार को इन इलाकों में भारी वर्षा दर्ज की गई। केमबरमबक्कम, पुझल (रेड हिल्स) और पूंडी बांध से अतिरिक्त जल निकासी की जा रही है ताकि शहर में बाढ़ की स्थिति न बन सके। चेन्नई नगर निगम ने राहत कार्यों को मजबूत करते हुए 106 राहत रसोईयों की व्यवस्था की है। ओडिशा भी भारी बारिश की मार झेल रहा है, जहां अगले चार दिनों तक गरज-चमक के साथ तेज आंधी-तूफान के आसार जताए गए हैं। मौसम विभाग ने बताया कि यह अचानक मौसम में बदलाव दो लगातार बन रहे निम्न दबाव क्षेत्रों की वजह से हो रहा है। पुरी, खोरधा, नयागढ़, गंजाम, गजपति, रायगड़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नबरंगपुर जिलों में बारिश और तेज हवाओं की संभावना है। वहीं, आंध्र प्रदेश के तिरुपति में बुधवार को हुई जोरदार बारिश से कई सड़कों पर दो से तीन फुट तक पानी जमा हो गया। प्रकाशम, नेल्लोर, कडप्पा, अन्नमय्या, तिरुपति और चित्तूर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है और राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF) को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वहीं, दूसरी ओर पहाड़ी इलाकों में ठंड का असर बढ़ता जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति और मनाली में बर्फबारी हुई है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। लाहौल-स्पीति के टैबो में न्यूनतम तापमान माइनस 0.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो राज्य में सबसे ठंडा स्थान है। हिमाचल के विभिन्न इलाकों में हल्की बारिश भी हुई है। मनाली में 12 मिमी, भरमौर में 11.5 मिमी, कीलॉन्ग में 6 मिमी, भुंतर में 3.6 मिमी, सेओबाग में 4 मिमी, पलमपुर में 2 मिमी और कुकुमसेरी में 1.2 मिमी बारिश दर्ज की गई।

एमएसएमई फॉर भारत सम्मेलन: मध्यप्रदेश का एमएसएमई पंडाल बना सभी के आकर्षण का केन्द्र

सैण्डस्टोन से निर्मित भगवान श्रीराम की मूर्ति ने मन मोहा भोपाल  नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में “एमएसएमई फॉर भारत” सम्मेलन में मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल को काफी सराहना मिल रही है और लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। ग्वालियर के (ओडीओपी) एक जिला-एक उत्पाद के तहत सैण्डस्टोन की दो इकाइयों श्री साईं राम स्टोन और सेंचुरी स्टोन – की कलाकृतियां स्टॉल में प्रदर्शित की गई हैं। स्टॉल पर प्रदर्शित सेंचुरी स्टोन से स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाई गई भगवान श्रीराम की मूर्ति ने सभी का मन मोहा और निवेशकों, उद्योगपतियों और उद्यमियों का विशेष ध्यान आकर्षित किया। मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा इस महत्वपूर्ण आयोजन में विशेष रूप से भागीदारी की गई। विभाग के सहायक संचालक श्री अर्पित पवार ने राज्य में संचालित विभिन्न योजनाओं, औद्योगिक नीतियों और निवेश अवसरों के बार में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य की नई औद्योगिक नीति और स्टार्टअप नीति ने युवाओं को स्व-रोजगार की दिशा में प्रेरित किया है। सम्मेलन का आयोजन एक मीडिया संस्थान द्वारा किया गया। इस अवसर पर केंद्र और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों, उद्योग विशेषज्ञों, उद्यमियों तथा नीति निर्माताओं ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की संभावनाओं और चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।  

टेम्पर्ड से लेकर नैनो ग्लास तक: कौनसा स्क्रीन प्रोटेक्टर देता है सबसे बेहतर सुरक्षा?

  नई दिल्ली  आजकल हर किसी के पास स्मार्टफोन है और उसे सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है। फोन गिरने से स्क्रीन पर खरोंच या टूटने का डर रहता है। स्क्रीन प्रोटेक्टर इस समस्या से बचाने में मदद करता है। लोग अलग-अलग रेंज में स्क्रीन प्रोटेक्टर लगवाते हैं, जिनकी कीमत भी अलग-अलग होती है। बाजार में कई तरह के स्क्रीन प्रोटेक्टर उपलब्ध हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि ये स्क्रीन प्रोटेक्टर कैसे होते हैं और इनमें से कौनसा स्क्रीन प्रोटेक्टर बेस्ट है। टेम्पर्ड ग्लास टेम्पर्ड ग्लास स्क्रीन प्रोटेक्टर सबसे मजबूत होता है। यह फोन को गिरने और खरोंच से अच्छी तरह बचाता है। कुछ टेम्पर्ड ग्लास में खास फीचर्स भी होते हैं, जैसे कि ब्राइटनेस कम करने वाली तकनीक या प्राइवेसी तकनीक, जो दूसरों को आपकी स्क्रीन देखने से रोकती है। इसका नुकसान यह है कि यह थोड़ा मोटा होता है, जिससे फोन की स्क्रीन पर फर्क नजर आ सकता है। थर्मोप्लास्टिक पॉलीयूरेथेन (TPU) टीपीयू एक तरह का प्लास्टिक स्क्रीन प्रोटेक्टर है। यह छोटी-मोटी खरोंच और हल्की रगड़ से स्क्रीन को बचाता है। अगर आपकी चाबी से स्क्रीन पर हल्की खरोंच पड़ जाए, तो टीपीयू उसे समय के साथ ठीक कर सकता है। यह स्क्रीन को किनारे से किनारे तक कवर करता है, लेकिन इसका रंग थोड़ा फीका हो सकता है और यह छूने में बहुत चिकना नहीं होता। पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट (PET) पीईटी प्लास्टिक से बने स्क्रीन प्रोटेक्टर हल्के और पतले होते हैं। इन्हें लगाने के बाद आपको शायद ही पता चले कि फोन पर कुछ लगा है। लेकिन ये ज्यादा सुरक्षा नहीं देते। अगर आपके फोन की स्क्रीन घुमावदार है, तो यह पूरे किनारे को कवर नहीं करता। ये सस्ते होते हैं, लेकिन सुरक्षा के मामले में कमजोर हैं। नैनो लिक्विड नैनो लिक्विड स्क्रीन प्रोटेक्टर खास तरह का लिक्विड होता है, जो स्क्रीन पर लगाया जाता है। यह सिलिकॉन डाइऑक्साइड से बना होता है और खरोंच व बैक्टीरिया से बचाता है। इसे किसी भी फोन पर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह ज्यादा सुरक्षा नहीं देता। इसे हटाना भी मुश्किल होता है, क्योंकि यह स्क्रीन पर सूख जाता है। कौनसा स्क्रीन प्रोटेक्टर सबसे अच्छा है? यह आपके बजट, फोन के मॉडल, और आपकी जरूरतों पर निर्भर करता है। अगर आप ज्यादा सुरक्षा चाहते हैं, तो टेम्पर्ड ग्लास सबसे अच्छा है। यह महंगा होता है, लेकिन खरोंच और टूटने से बचाने में सबसे बेहतर है। अगर आप सस्ता और हल्का ऑप्शन चाहते हैं, तो टीपीयू या पीईटी प्लास्टिक प्रोटेक्टर चुन सकते हैं, लेकिन ये कम सुरक्षा देते हैं।

‘दोस्ती दुष्कर्म का लाइसेंस नहीं’—दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका ठुकराई

नई दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। साथ ही, उसके इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि दोनों दोस्त थे। न्यायालय ने कहा कि दोस्ती पीड़िता के साथ बार-बार बलात्कार करने, उसे बंधक बनाने या बेरहमी से पीटने का लाइसेंस नहीं देती। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा ने बाल यौन अपराध निवारण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी और कहा कि आरोपी अभी तक जांच में शामिल नहीं हुआ है, जबकि उसकी अग्रिम जमानत याचिका पहले चार बार या तो वापस ले ली गई है या खारिज कर दी गई है। कोर्ट ने कहा, "आवेदक की ओर से यह तर्क कि आवेदक और शिकायतकर्ता मित्र थे और इसलिए यह सहमति से संबंध का मामला हो सकता है, इस अदालत द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता।" न्यायाधीश ने 17 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा, "यदि संबंधित पक्ष मित्र भी थे, तो भी मित्रता आवेदक को पीड़िता के साथ बार-बार बलात्कार करने, उसे अपने मित्र के घर में बंधक बनाने तथा उसकी निर्दयतापूर्वक पिटाई करने की अनुमति नहीं देती, जैसा कि प्रथम दृष्टया शिकायतकर्ता ने अपने बयान में बताया है… जिसकी पुष्टि मेडिकल रिकॉर्ड से भी होती है।" नाबालिग लड़की की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, वह आरोपी को कई वर्षों से पड़ोसी के रूप में जानती थी। उसने आरोप लगाया कि वह उसे अपने दोस्त के घर ले गया, जहां उसने उसके साथ मारपीट की और बार-बार उसका यौन उत्पीड़न किया और किसी को भी घटना के बारे में बताने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। आरोपी ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि एफआईआर दर्ज करने में 11 दिन की देरी हुई थी, तथा उसने यह भी कहा था कि उसके और पीड़िता के बीच संबंध सहमति से बने थे। अभियुक्त की देरी की दलील को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, "स्वाभाविक रूप से, उक्त घटना के डर और आघात के कारण ही शिकायतकर्ता ने शुरू में अपने माता-पिता को घटना के बारे में बताने से परहेज किया था। अतः, उपरोक्त परिस्थितियों और वर्तमान मामले में लगाए गए आरोपों की गंभीर प्रकृति को देखते हुए न्यायालय पाता है कि अग्रिम जमानत देने का कोई मामला नहीं बनता। तदनुसार, वर्तमान आवेदन मान्य है।  

छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान बनेगा ‘जशपुर जम्बूरी 2025’

रायपुर छत्तीसगढ़ का पर्वतीय और हरियाली से आच्छादित जिला जशपुर एक बार फिर उत्सव, संस्कृति और रोमांच का केंद्र बनने जा रहा है। यहाँ आगामी 6 से 9 नवम्बर 2025 तक आयोजित होने वाले ‘जशपुर जम्बूरी 2025’ में प्रदेश और देशभर से पर्यटक प्रकृति की गोद में रोमांचक अनुभवों, जनजातीय परंपराओं और सामुदायिक उत्सव के रंगों का आनंद लेंगे।  यह आयोजन प्राकृतिक सौंदर्य, जनजातीय परंपराओं और आधुनिक रोमांच का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगा। प्रकृति की गोद में चार दिन का उत्सव जशपुर अपनी प्राकृतिक सुंदरता, झरनों, पहाड़ियों और हरे-भरे जंगलों के कारण पहले से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इन चार दिनों में यह जिला उत्साह, उमंग और अनूठे अनुभवों का जीवंत मंच बन जाएगा। देशभर से आने वाले सैलानी यहां रोमांचक खेलों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और जनजातीय लोकपर्वों की रंगीन झलक का आनंद लेंगे। हॉट एयर बलून और पैरामोटरिंग का रोमांच इस वर्ष का सबसे बड़ा आकर्षण रहेगा हॉट एयर बलून और पैरामोटरिंग शो, जिसमें प्रतिभागी मधेश्वर पहाड़ियों के ऊपर से उड़ान भरकर जशपुर की भव्यता को नई ऊँचाई से देख सकेंगे। नीले आसमान और हरी वादियों का यह संगम एक अविस्मरणीय अनुभव बनेगा। कयाकिंग, एटीवी और मोटर बोटिंग से मिलेगा एडवेंचर का आनंद फेस्टिवल में कयाकिंग, मोटर बोटिंग और एटीवी राइड्स जैसी गतिविधियाँ रोमांच प्रेमियों को अपनी सीमाओं को परखने का अवसर देंगी। झरनों की धारा में कयाकिंग और जंगलों के बीच मिट्टी के रास्तों पर एटीवी चलाने का रोमांच हर आगंतुक के लिए यादगार रहेगा। फॉरेस्ट ट्रेकिंग और प्राकृतिक अनुभव प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेष फॉरेस्ट ट्रेकिंग ट्रेल्स तैयार की गई हैं। घने पेड़ों के बीच, फूलों की महक और पक्षियों की चहचहाहट में चलना जशपुर की जैव विविधता से गहरा जुड़ाव कराएगा। यह पर्यावरण और पर्यटन के बीच सामंजस्य का प्रतीक है। खुले आसमान तले स्टार गेज़िंग सेशन्स रात्रिकालीन आयोजनों में स्टार गेज़िंग सेशन्स विशेष आकर्षण होंगे। तारों से सजे जशपुर के निर्मल आसमान में सैकड़ों नक्षत्रों को निहारने का अनुभव आगंतुकों को अद्भुत शांति और विस्मय का एहसास कराएगा। लोककला, संगीत और बोनफायर नाइट्स से सजेगा हर शाम का माहौल हर शाम बोनफायर नाइट्स में जनजातीय लोकनृत्य, संगीत और हँसी से भरी संध्याएँ होंगी। पारंपरिक गीतों की धुन और आग की लपटों के बीच साझा होती मुस्कानें इस आयोजन को आत्मीयता का नया अर्थ देंगी। फेस्टिवल में स्थानीय व्यंजनों का विशेष स्टॉल आकर्षण का केंद्र रहेगा। स्थानीय पारंपरिक पकवानों के स्वाद से पर्यटक छत्तीसगढ़ की मिट्टी की असली महक महसूस करेंगे। ‘जशपुर जम्बूरी’ केवल एक पर्यटन आयोजन नहीं, बल्कि जनजातीय गौरव और सांस्कृतिक आत्मसम्मान का उत्सव भी है। पारंपरिक हस्तशिल्प, लोककला प्रदर्शनी और आदिवासी परिधानों की झलक इस आयोजन को विशिष्ट बनाएगी। जशपुर प्रशासन और पर्यटन विभाग ने पर्यटकों की सुविधा के लिए ठहरने, खानपान, सुरक्षा और स्वच्छता की संपूर्ण व्यवस्था की है।  डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी बढ़ेगी पहचान इस आयोजन में देशभर से एडवेंचर प्रेमी, फोटोग्राफर, ट्रैवल ब्लॉगर और इनफ्लुएंसर भाग लेंगे, जिससे जशपुर की पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल माध्यमों से और सशक्त होगी।  "हमारा प्रयास है कि जशपुर की प्रकृति और संस्कृति को राष्ट्रीय पहचान मिले। जशपुर जम्बूरी 2025’  न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को प्रखर करेगा, बल्कि पर्यटन, उद्यमिता और सामुदायिक सहभागिता को नई ऊर्जा देगा। यह आयोजन राज्य के लिए गौरव और विकास दोनों का प्रतीक बनेगा। ऐसे आयोजन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए अवसर भी पैदा करते हैं। जशपुर के लोग जितने सादगीपूर्ण हैं, उतने ही उत्साही और साहसी भी हैं।  ‘जशपुर जम्बूरी’ जैसे आयोजन इस क्षेत्र की पहचान को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित कर रहे हैं। यह फेस्टिवल छत्तीसगढ़ को ‘एडवेंचर टूरिज्म हब’ के रूप में आगे  बढ़ाएगा।" – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

सिख सैनिकों की दाढ़ी-मूंछ पर टिप्पणी से मचा बवाल, अमेरिकी मंत्री पर राजनीतिक दबाव

वाशिंगटन  अमेरिका में सिख समुदाय के सैनिकों की चिंताओं को उजागर करते हुए एक प्रमुख सांसद ने रक्षा मुख्यालय पेंटागन से अपील की है कि वह सभी सैन्य कर्मियों के दाढ़ी-मूंछ मुंडवाने की अनिवार्यता संबंधी नीति पर पुनर्विचार करे। उन्होंने कहा कि बाल और दाढ़ी न कटवाना सिख धर्म का मूल सिद्धांत है। अमेरिकी कांग्रेस सदस्य थॉमस आर. सुवोजी ने हाल ही में रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ को लिखे पत्र में कहा कि सिखों ने पहले और दूसरे विश्व युद्ध सहित पीढ़ियों से अमेरिकी सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘सिखों के लिए देश की सेवा करना एक पवित्र कर्तव्य है, जो ‘संत-सिपाही' आदर्श का प्रतीक है। सिख धर्म में केश न काटना और दाढ़ी रखना ईश्वर के प्रति भक्ति का प्रतीक है।'' सुवोजी ने कहा कि सैन्य अनुशासन और वर्दी मानकों का महत्व है लेकिन धार्मिक या चिकित्सीय आधार पर छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिख, मुस्लिम और अफ्रीकी-अमेरिकी समुदाय के कुछ सदस्य चिंतित हैं कि यदि ‘‘दाढ़ी प्रतिबंध'' बिना किसी अपवाद के लागू हुआ, तो वे सेना में सेवा नहीं कर पाएंगे।   पिछले महीने अमेरिकी जनरल और अधिकारियों को संबोधित करते हुए हेगसेथ ने कहा था, ‘‘हम अपने बाल कटवाने जा रहे हैं, दाढ़ी मुंडवाने जा रहे हैं और मानकों का पालन करने जा रहे हैं… गैर-पेशेवर दिखने का युग खत्म हो गया है। अब दाढ़ी वाले लोग नहीं रहेंगे।'' यह अपील ऐसे समय में की गयी है जब सुवोजी और रिपब्लिकन सांसद यंग किम ने पिछले सप्ताह द्विदलीय भारतीय-अमेरिकी विरासत प्रस्ताव पेश किया। यह प्रस्ताव दिवाली के उपलक्ष्य में पेश किया गया। यह प्रस्ताव भारतीय-अमेरिकियों के योगदान की प्रशंसा करता है और विविध धार्मिक समुदायों के खिलाफ नफरत व हिंसा की घटनाओं की निंदा करता है।    

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने दैनिक समय के संपादक के निधन पर व्यक्त किया शोक

भोपाल उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने दैनिक समय, शहडोल के संपादक श्री चन्द्रशेखर त्रिपाठी शास्त्री के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि स्व. त्रिपाठी शास्त्री का निधन पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। समाज और क्षेत्र के विकास में उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने एवं शोकाकुल परिवार को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।