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एशियाई युवा खेल: रंजना ने पैदल चाल स्पर्धा में रजत पदक जीता

रिफा  भारतीय युवा एथलीट रंजना यादव ने बृहस्पतिवार को यहां एशियाई युवा खेलों में लड़कियों की 5,000 मीटर पैदल चाल स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। इस भारतीय खिलाड़ी ने 23 मिनट 25.88 सेकेंड के समय से दूसरा स्थान हासिल किया जबकि चीन की लियू शियी 24:15.27 सेकेंड के समय से उनसे आगे पहले स्थान पर रहीं। कोरिया की जियोंग चायेओन ने 25:26.93 सेकेंड के समय से कांस्य पदक जीता। ⁠एशियाई युवा खेलों में एथलेटिक्स में यह भारत का पहला पदक था। इससे देश के कुल पदकों की संख्या दो रजत और चार कांस्य हो गई। भारत ने अभी तक कुराश में एक रजत और दो कांस्य के अलावा ताइक्वांडो में दो कांस्य पदक जीते हैं।  

सोनम वांगचुक की पत्नी ने SC में पूछा: क्या अब हमारे अधिकार खत्म हो गए हैं?

नई दिल्ली राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत ऐहतियातन हिरासत में रखे गए ऐक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने राज्य और केंद्र की एजेंसियों पर मौलिक अधिकार हनन करने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट में की गई शिकायत में गीतांजलि ने आरोप लगाया है कि जब वह जोधपुर जेल में बंद अपने पति से मिलने जा रही थीं, तब खुफिया ब्यूरो और राजस्थान पुलिस के लोगों ने उनका पीछा किया और पति से मिलने के दौरान उन पर कड़ी निगरानी रखी। दायर शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य और उसकी एजेंसियां ​​उनके हर कदम पर नजर रखती हैं, हस्तक्षेप करती हैं और यहाँ तक कि उन्हें खिड़कियों पर पर्दे लगाकर गाड़ियों में ले जाती हैं। उन्होंने अदालत से सवाल किया कि क्या NSA के तहत प्रतिबंधित व्यक्ति के परिवार के सदस्य की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और कहीं भी आने-जाने की आजादी का अधिकार समाप्त हो जाता है। हवाई अड्डे पर उतरते ही रोक लिया गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट को विस्तार से बताया है कि कैसे इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों और राजस्थान पुलिस के अधिकारियों ने 7 अक्टूबर और 11 अक्टूबर को जोधपुर सेंट्रल जेल में अपने पति से मिलने जाने के दौरान उन्हें हवाई अड्डे पर उतरते ही रोक लिया था। उन्होंने एक हलफनामा दायर कर शिकायत की है कि दोनों यात्राओं के दौरान एजेंसियों के आचरण से भारत के एक स्वतंत्र नागरिक के रूप में उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार प्रभावित हुए हैं। पति से मुलाकात के दौरान मेरे साथ रहे उन्होंने अदालत को बताया, "जैसे ही मैं प्लेन से उतरी और जोधपुर हवाई अड्डे से बाहर आई, वैसे ही आईबी और राजस्थान पुलिस के अधिकारी मेरे पास आ गए और मुझे अपनी कार में बैठने को कहा, जिसकी खिड़कियों पर सफेद पर्दे लगे थे। इससे सबकुछ ओझल हो गया। फिर वे मुझे मुलाकात के लिए जेल ले गए। ये अधिकारी मुझे जेल अधीक्षक के कार्यालय ले गए और पूरी मुलाकात के दौरान मेरे साथ रहे। हर मुलाकात से पहले, वे मुझसे मेरी यात्रा का विवरण और जोधपुर में मेरे ठहरने का समय पूछते थे।" जोधपुर में किसी और से मिलने नहीं दिया मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि गीतांजलि ने आरोप लगाया है कि जब वह पति सोनम वांगचुक से मिल रही थीं, तब पूरी मुलाकात के दौरान दो अधिकारी नजदीक में बैठे रहे और उनकी पूरी बात सुनते रहे। इतना ही नहीं अधिकारियों ने कानूनी सहायता के लिए पति के निर्देशों वाले नोट्स की तस्वीरें भी खींचीं। गीतांजलि ने आरोप लगाया है कि उन्हें जोधपुर में किसी और से मिलने नहीं दिया गया और जेल से निकलते ही उन्हें रेलवे स्टेशन तक ले जाया गया, जबकि ट्रेन खुलने में काफी समय था। उन्होंने कहा कि उनके एस्कॉर्ट भी उनके साथ ट्रेन में चढ़े और जोधपुर से आगे दो घंटे तक यात्रा करते रहे। बाद मेड़ता रोड जंक्शन पर उतर गए। पिछले महीने हुई थी वांगचुक की गिरफ्तारी बता दें कि सोनम वांगचुक को पिछले सितंबर में लेह में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA), 1980 के तहत 26 सितंबर को हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर रखी है। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।  

भाईदूज हमारी संस्कृति की आत्मा, भाई-बहन के स्नेह और अपनत्व का है प्रतीक: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

बहनों की मुस्कान ही सरकार की पूंजी है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव भाईदूज हमारी संस्कृति की आत्मा, भाई-बहन के स्नेह और अपनत्व का है प्रतीक सरकार बहनों के सम्मान, सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए निरंतर कर रही है काम बहनें लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती का हैं समग्र रूप लाड़ली बहना योजना है बहनों की समृद्धि का सीधा मार्ग अब तक 29 किश्तों में सरकार ने बहनों को दिए हैं करीब 45 हजार करोड़ रूपए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास पर बहनों के साथ मनाया भाईदूज पर्व भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भाईदूज हमारी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह पर्व भाई और बहन के सहोदर स्नेह, परस्पर अपनत्व का प्रतीक है। भाईदूज भाई-बहन के पवित्र बंधन के नैसर्गिक संरक्षण और पारिवारिक जीवन मूल्यों को मजबूत बनाता है। यह पर्व भारतीय समाज की उस देशज परम्परा का निर्वहन है, जहां बहन के स्नेह में भाई का नैतिक दायित्व और जीवन पर्यन्त रक्षा का संकल्प निहित होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाईदूज का यह पर्व न केवल भाई-बहन के स्नेह का उत्सव है, बल्कि सामाजिक एकता, नारी सम्मान के साथ हमारे पारिवारिक जीवन मूल्यों के संरक्षण का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर में आयोजित (भातृ द्वितीया/यम द्वितीया) भाईदूज के विशेष कार्यक्रम में बहनों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बहनों के साथ आत्मीय संवाद कर सभी को भाईदूज की शुभकामनाएं दीं। प्रदेश की बहनों के साथ संवाद के दौरान उनसे राज्य सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों और भावी प्राथमिकताओं की जानकारी भी साझा की। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे लाड़ली बहनों के रूप में 1 करोड़ 26 लाख से अधिक बहनें मिली हैं। हम बहनों के जीवन में नई रोशनी, नई खुशी जोड़ रहे हैं। प्रदेश की सभी लाडली बहनों को अब हर माह 1500 रुपए मिलेंगे। बहनों के लिए सरकार के खजाने में कोई कमी नहीं है। बहनों के शब्द और उद्गार सुनकर अभिभूत हूं। हमारी बहनें लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती का समग्र रूप हैं। मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा प्रदेश है, जहां लाड़ली बहना योजना से हमारी बहनें हर महीने राखी और भाईदूज मनाती हैं। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना प्रदेश की बहनों की समृद्धि का सीधा मार्ग है। किसी भी जरूरत के वक्त लाड़ली बहनों को इस योजना से बड़ा संबल और सहयोग मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की लाड़ली बहनों को हमारी सरकार अब तक 29 किश्तों में करीब 45 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि दे चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों की मुस्कान ही मध्यप्रदेश की और हमारी सरकार की जमा पूंजी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भाईदूज के पावन पर्व पर सभी लाड़ली बहनों पर पुष्पवर्षा कर भाईदूज की बधाई देकर मुख्यमंत्री निवास में आत्मीय स्वागत किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित बहनों ने मुख्यमंत्री को तिलक लगाया, साफा पहनाया, नारियल भेंट कर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बहनों को उपहार भेंट दी और मिठाई खिलाकर आभार जताया। कार्यक्रम में मौजूद लाड़ली बहनों ने भाई-बहन के प्रेम और स्नेह पर केन्द्रित निमाड़ी लोकगीत गाये, नृत्य किया और परम्परागत स्वर लहरियों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम स्थल को अपनत्व से भाव-विभोर कर दिया। लाड़ली बहनों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का तिलक कर उनकी दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहनों का आशीर्वाद सदैव सरकार के साथ है। इसी कारण हम निर्भय होकर काम कर पाते हैं। आज बड़े सौभाग्य का दिन है। प्रदेश का मुख्यमंत्री निवास बहनों का घर बना है। बहनों के माध्यम से दो परिवार एक साथ जुड़ते हैं। बहनों का हृदय विशाल है। वे शादी के बाद नए घर में जाकर नए माता-पिता के साथ रहती हैं। सनातन संस्कृति में उन्हें जगदंबा और लक्ष्मी का रूप कहा जाता है। वे परेशानी के समय परिवार के साथ सदैव चट्टान की तरह खड़ी रहती है। प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी बहनों की ताकत 2029 में और बढ़ेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर वीरांगनाओं को भी याद करते हुए कहा कि रानी दुर्गावती ने अपने शौर्य के बल पर मुगलों के साथ 52 युद्ध लड़े। रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लोहा लिया और रानी अवंति बाई लोधी जैसी अनेक देवियों ने देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भाई दूज का पर्व भगवान श्रीकृष्ण और उनकी प्यारी बहन सुभद्रा के परस्पर स्नेह सहित यमराज और उनकी बहन से जुड़ी एक कहानी से प्रारंभ होता है। जो रक्षाबंधन का महत्व है, वही भाईदूज का भी महत्व है। राज्य सरकार ने रोजगारपरक नीति तैयार कर बहनों को उद्योग में काम करने पर 5 हजार रुपए की राशि अतिरिक्त सहायता के रूप में देने का निर्णय लिया है। अगर बहनें अपना उद्योग स्थापित करें, तो उन्हें 2 प्रतिशत की छूट अलग से दी जा रही है। बहनों के नाम पर मकान, दुकान और जमीन की रजिस्ट्री कराने पर अलग से छूट दिये जाने का प्रावधान है। बहनें अपना उद्योग स्थापित करें और समृद्ध बने। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश की लाड़ली बहनों को नि:शुल्क आवास प्रदान किए। उनका खुद का घर नहीं है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में देशभर में बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास बहनों के लिए सदैव खुला है। मुख्यमंत्री निवास बहनों का अपना मायका है। सैकड़ों बहनों ने अपनी चरण रज से आज फिर मेरे आंगन को धन्य कर दिया है। ईश्वर हमारी सभी बहनों का घर खुशियों से भर दे। आप हमारी लाड़ली और हम आपके लाड़ले बने रहें। यह ऐतिहासिक भाईदूज मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों को समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, शिक्षा और स्वावलंबन को अपनी नीति के केंद्र में रखा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, महिला स्व-सहायता समूहों के सशक्तिकरण, मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना जैसी योजनाओं से महिलाओं के जीवन स्तर में व्यापक सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रदेश की हर बहन आत्मनिर्भर … Read more

छत्तीसगढ़ रजत जयंती पर विशेष लेख :सुशासन की नई पहल: समयबद्ध छात्रवृत्ति से शिक्षा की राह हुई आसान

 डॉ. ओम प्रकाश डहरिया,   सहा. जनसम्पर्क अधिकारी  रायपुर, मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय की विशेष पहल पर राज्य के शैक्षणिक संस्थानों, आश्रम-छात्रावासों और तकनीकी एवं प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृत्ति का भुगतान निर्धारित समय-सीमा में उनके बैंक खाते में ऑनलाईन होने से अब उक्त वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा की राह आसान हो गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने हाल ही में मंत्रालय, महानदी भवन से इन वर्गों के लगभग 2 लाख विद्यार्थियों के बैंक खातों में 84.66 करोड़ रूपए की शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृत्ति ऑनलाईन अंतरित की है। उल्लेखनीय है कि विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति और छात्रवृत्ति ऑनलाईन भुगतान की शुरूआत मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के हाथों पहली बार 10 जून 2025 को हुई। राज्य में संचालित सभी प्री. मैट्रिक छात्रावासों एवं आश्रमों में प्रवेशित बच्चों को शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व ही शिष्यवृति की प्रथम किश्त राशि 77 करोड़ रूपए एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में अध्ययनरत छात्रों हेतु भोजन सहाय की प्रथम किश्त के रूप में राशि 8.93 करोड़ रूपए, इस प्रकार कुल 85 करोड़ रूपए की राशि जारी कर एक अभिनव पहल की गई थी। इसके ठीक बाद दूसरे चरण में 17 जून 2025 को 8370 विद्यार्थियों को छात्रवृति की राशि 6.2 करोड़ रूपए का ऑनलाइन अंतरण किया गया था। मुख्यमंत्री श्री साय के हाथों आश्रम-छात्रावासों के 1 लाख 86 हजार 50 विद्यार्थियों को शिष्यवृति की द्वितीय किश्त की राशि 79 करोड़ 27 लाख रूपए एवं पो. मैट्रिक छात्रवृत्ति के 12 हजार 142 विद्यार्थियों को 5 करोड़ 38 लाख 81 हजार रूपए उनके बैंक खातों में राशि अंतरित की गई है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शिक्षा को सबके लिए आसान बनाने  के उद्देश्य से अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग तथा कमजोर वर्गों के छात्र-छात्राओं की शिक्षा चिंता की और उन्होंने आदिमजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित आश्रम -छात्रावास में रहकर शिक्षा अध्ययन कर रहे के बच्चों के शिक्षा को आसान बनाने के लिए यह नयी पहल की है। आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम के नेतृत्व और विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा के गहन प्रयासों से  कमजोर वर्गाें के विकास एवं उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने बिना रूकावट के शिक्षा ग्रहण हेतु सुविधा प्रदान करने का यह प्रयास सार्थक हो रहा है। आदिम जाति कल्याण विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा के प्रयासों से प्री. मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति तथा शिष्यवृत्ति भुगतान के लिए नयी व्यवस्था में माह जून, सितंबर, अक्टूबर एवं दिसंबर में विद्यार्थियों को अब ऑनलाईन भुगतान किया जा रहा है। इस पहल से विद्यार्थियों को शैक्षणिक अध्ययन के दौरान होने वाली आर्थिक समस्या से निजात मिली है। यहां यह उल्लेखनीय है कि इस नयी व्यवस्था से पूर्व विद्यार्थियों को दिसंबर एवं फरवरी-मार्च में वर्ष में एक बार छात्रवृति एवं शिष्यवृति की राशि प्रदान की जाती थी।   दरअसल आश्रम छात्रावास में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थी हो या यहां रहकर अध्ययन कर चुके विद्यार्थी हो अथवा आश्रम छात्रावासों में रहकर उच्च पदों में कार्य कर रहे विद्यार्थी क्यों न हो। वे समय पर स्कॉलरशिप नहीं मिलने के कारण की परेशानियों से भलीभांति वाकिफ हैं। वास्तव में एक विद्यार्थी को अध्ययन सामग्री क्रय करने के लिए जब पैसे की जरूरत हो उस वक्त छात्रवृत्ति और शिष्यवृत्ति की राशि उनके बैंक खातों में पहुंचना बेहद महत्वपूर्ण होता है। छात्रावासी विद्यार्थियों की इस परेशानी को दूर करने के लिए प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा सहित विभागीय अमलों ने संवेदनशीलता के साथ कितनी मशक्कत की होगी यह किसी से छिपा नहीं है। इसी का परिणाम है कि विभाग आश्रम छात्रावास के बच्चों के छात्रवृत्ति के लिए की गई तय सीमा से लाखों विद्यार्थियों को लाभ मिलना लाजिमी है। छात्रावास में रहने वाले बच्चों की अधिकतर आवश्यकताएँ सरकार द्वारा पूरी की जाती हैं, लेकिन छात्रवृत्ति उन्हें व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने की स्वतंत्रता देती है। इससे वे किताबें, स्टेशनरी व अन्य जरूरी सामान स्वयं खरीद सकते हैं। जब यह सहायता समय पर मिलती है, तो विद्यार्थी बिना किसी चिंता के अपनी पढ़ाई जारी रख पाते हैं और उनका ध्यान पढ़ाई से भटकता नहीं है। समय पर छात्रवृत्ति मिलने से बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। समय पर छात्रवृत्ति मिलने से न केवल बच्चों की शैक्षिक यात्रा आसान होती है, बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा की ओर बढ़ने का प्रोत्साहन भी मिलता है। वे यह सोचने लगते हैं कि यदि अभी उन्हें सहायता मिल रही है तो आगे भी मिलेगी, जिससे वे कॉलेज या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की ओर अग्रसर होते हैं। इससे राज्य में एक शिक्षित, आत्मनिर्भर और जागरूक युवा पीढ़ी का निर्माण होता है। अंत में, यह कहा जा सकता है कि विद्यार्थियों को निर्धारित समय पर स्कॉलरशिप देने की प्रक्रिया से छत्तीसगढ़ में समावेशी शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में आसान होगी।

वर्ल्ड कप धमाका: मंधाना और रावल ने जड़े शतक, भारत का स्कोर 240 पार

इंदौर आईसीसी महिला वर्ल्ड कप के लीग मुकाबले में भारत ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ बड़ी साझेदारी निभाई है। ओपनर स्मृति मंधाना (109) और प्रतिका रावल (100*) ने शानदार शतकीय पारी खेलते हुए 212 रन की साझेदारी की। खबर लिखे जाने तक भारत का स्कोर 38.3 ओवरों में एक विकेट पर 240 रन है। उनके साथ जेमिमा रोड्रिग्स 15 रन बनाकर क्रीज़ पर हैं। प्रतिका रावल ने इस मैच में वनडे में सबसे तेज़ 1,000 रन बनाने के रिकॉर्ड की बराबरी की। इससे पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया की लिंडसे रीलर के नाम था, जिन्होंने 23 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की थी। भारत के लिए यह मैच टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने की दौड़ में बेहद अहम है। टूर्नामेंट में भारत ने शुरुआती दो मुकाबले जीतकर शानदार शुरुआत की थी, लेकिन इसके बाद लगातार तीन मैचों में हार का सामना करना पड़ा है।

किसान ने ₹40 हजार के सिक्कों से की स्कूटी की खरीदारी, शोरूम मालिक भी हुआ भावुक

जशपुर छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला मुख्यालय में मेहनत की कमाई का एक अद्भुत दृश्य सामने आया, जिसने देवनारायण होंडा शोरूम में मौजूद सभी लोगों को हैरान कर दिया. यहाँ एक किसान अपने परिवार के साथ स्कूटी खरीदने पहुंचा, लेकिन भुगतान का तरीका सबसे हटकर था. किसान ने स्कूटी की कीमत का एक बड़ा हिस्सा सिक्कों में चुकाया. वह बोरे में भरकर 10 और 20 रुपये के सिक्के लेकर आया था, जिनकी कुल कीमत 40 हज़ार रुपये थी. किसान ने बताया कि उसने ये पैसे पिछले 6 महीनों की कड़ी मेहनत से बचाकर इकट्ठे किए थे. खास बात यह रही कि सिक्कों की इस बड़ी राशि को गिनने में शोरूम के कर्मचारियों को घंटों का समय लगा. स्कूटी की बाकी की राशि का भुगतान किसान ने नोटों में किया. किसान की सादगी और उसकी कड़ी मेहनत से प्रभावित होकर, शोरूम के मालिक आनंद गुप्ता ने एक मिसाल पेश की. आनंद गुप्ता ने न सिर्फ खुशी-खुशी इन सिक्कों को स्वीकार किया, बल्कि किसान की मेहनत को सम्मान देते हुए किसान परिवार को स्कूटी के साथ एक खास उपहार भी भेंट किया. यह कहानी न केवल स्कूटी खरीदने के एक अनोखे तरीके को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि मेहनत की कमाई का मूल्य कितना बड़ा होता है.

डिप्टी सीएम साव, मंत्री केदार और मंत्री चौधरी ने राज्योत्सव व प्रधानमंत्री के नवा रायपुर प्रवास की तैयारियों को लेकर अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

रायपुर. उप मुख्यमंत्री अरुण साव  उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज नवा रायपुर स्थित विश्राम भवन में वन एवं पर्यावरण मंत्री केदार कश्यप तथा वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी के साथ राज्योत्सव तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नवा रायपुर प्रवास की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने राज्योत्सव की तैयारियों में जुटे अधिकारियों के साथ विभिन्न व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री साव ने अधिकारियों को संपूर्ण आयोजन में किसी भी तरह की कोताही न बरतते हुए पूरी क्षमता और योग्यता से समय पूर्व सभी तैयारियां सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की स्थापना के रजत जयंती वर्ष में राज्योत्सव पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आगमन को ऐतिहासिक और यादगार बनाना है। इसके लिए तैयारियों में कोई कोर-कसर न छोड़ें। प्रधानमंत्री के प्रवास के दौरान सभी कार्यक्रमों के भव्य और सुव्यवस्थित आयोजन के लिए तेजी से कार्य करते हुए सभी व्यवस्थाओं को मूर्त रूप दें। उप मुख्यमंत्री  साव तथा मंत्रीद्वय केदार कश्यप और ओ.पी. चौधरी ने राज्योत्सव के लिए विभिन्न व्यवस्थाओं के प्रभारी अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्यक्रम स्थल पर सेक्टर्स की स्थिति, बैठक क्षमता, परिक्रमा पथ के लोकेशन एवं सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। बैठक में पुलिस बल की तैनाती, पार्किंग व्यवस्था व पेयजल व्यवस्था के साथ ही वीवीआईपी सेक्टर की क्षमता, सुव्यवस्थित पहुंच मार्ग तथा सभी कार्यक्रमों के व्यवस्थित आयोजन की रुपरेखा पर भी विस्तार से चर्चा हुई। आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव अंकित आनंद, रायपुर के कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, रायपुर नगर निगम के आयुक्त विश्वदीप और लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता वी.के. भतपहरी भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

क्या Google Maps आपकी हर मूवमेंट देख रहा है? जानें इसे कैसे रोके!

 नई दिल्ली आप किस रेस्टोरेंट में बैठकर खाना खाए या आपने किस पेट्रोल पंप से अपने गाड़ी में तेल भरवाया, ये सारी बातें किसी को पता चले या न चले लेकिन Google Maps को जरूर पता चल जाता है. अब आपके मन में सवाल जरूर उठ रहा होगा कि क्या सच में ऐसा होता है, तो इसका जवाब है हां. होता यूं है कि एंड्रॉयड फोन्स में गूगल के ज्यादातर ऐप्स पहले से इंस्टॉल होते हैं. इनमें से एक है गूगल मैप्स, जिसे ज्यादातर लोग नेविगेशन के लिए इस्तेमाल करते हैं. लेकिन यही गूगल मैप्स को ये तक पता होता है कि आप किस दिन, किस वक्त और कहां गए थे. दरअसल, गूगल आपकी हर मूवमेंट और एक्टिविटी पर नजर रखता है. अगर आप चाहें तो इसे ऐसा करने से रोक सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कैसे Google Maps पर लोकेशन हिस्ट्री कैसे बंद करें? सबसे पहले अपने फोन में Google Maps ऐप को ओपन करिए. अब स्क्रीन के ऊपर दाई तरफ दिख रही अपनी प्रोफाइल फोटो या नाम पर टैप करें. यहां आपको कई ऑप्शन मिलेंगे, उनमें से ‘Your Timeline’ वाले पर क्लिक करें. टाइमलाइन खुलने के बाद, दाई ओर ऊपर बने तीन डॉट्स (⋮) पर टैप करें और Location & Privacy Settings में जाएं. अब यहां अगर आपको ‘Timeline is On’ फीचर ऑन दिखे, तो इसे तुरंत ऑफ कर दें. अगर ‘Timeline is On’ रहेगा, तो Google Maps आपकी हर मूवमेंट ट्रैक करता रहेगा. यानी आप कब, कहां गए उसकी जानकारी सेव होती रहेगी. इस सेटिंग को बंद करने के बाद Google Maps आपकी लोकेशन हिस्ट्री सेव नहीं करेगा, मतलब गूगल को अब ये पता नहीं चलेगा कि आप किस समय कहां गए थे. एंड्रॉयड यूजर्स के लिए सेटिंग्स में जाएं > लोकेशन > और इसे ऑफ कर दें. iPhone यूजर्स के लिए सेटिंग्स में जाएं > प्राइवेसी > लोकेशन सर्विसेज > और इसे ऑफ कर दें.

दीपक कहाँ जलाएँ? वास्तु के हिसाब से सही जगह जानें और पाएँ सकारात्मक ऊर्जा

दीपक (दीया) को घर में जलाना न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार यह सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और सुख-शांति लाने का एक सशक्त उपाय है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में दीपक जलाना सिर्फ धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि घर में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा लाने का एक शक्तिशाली उपाय है। सही दिशा, सही समय और सही प्रकार का दीपक जलाकर आप अपने घर और परिवार को नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षित रख सकते हैं। दीपक और सकारात्मक ऊर्जा वास्तु शास्त्र में माना जाता है कि दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा (प्राण ऊर्जा) का संचार करता है। घर के मुख्य प्रवेश द्वार या पूजा स्थान में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा, रोग और तनाव दूर होते हैं। दीपक की लौ सकारात्मक कंपन पैदा करती है, जिससे परिवार में खुशहाली और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। घर में दीपक जलाने का सही स्थान उत्तर और पूर्व दिशा: वास्तु अनुसार, घर के उत्तर या पूर्व दिशा में दीपक जलाना शुभ होता है। यह धन, सफलता और उन्नति को आकर्षित करता है। पूजा स्थान: मंदिर या पूजा स्थल में दीपक जलाना सर्वोत्तम माना गया है। मुख्य द्वार के पास: घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर दीपक रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। दीपक के प्रकार और उनका महत्व तिल का दीपक: समृद्धि और आर्थिक स्थिरता लाता है। घी का दीपक: स्वास्थ्य, मानसिक शांति और परिवार में सौहार्द बढ़ाता है। मिट्टी का दीपक: साधारण घरों में शुभता और सकारात्मक वातावरण के लिए उत्तम। दीपक जलाने का समय सुबह और संध्या: घर के उत्तर या पूर्व दिशा में दीपक सुबह और संध्या के समय जलाना शुभ होता है। त्योहार और व्रत: देव दिवाली, कार्तिक पूर्णिमा या किसी भी धार्मिक अवसर पर दीपक जलाना अत्यंत फलदायी माना गया है। वास्तु और आध्यात्मिक लाभ घर में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य बढ़ता है। परिवार में सकारात्मक संबंध और मन की शांति बनी रहती है। नकारात्मक ऊर्जा और अशुभ प्रभावों से सुरक्षा मिलती है।

दरभंगा पुलिस में हड़कंप: 8 महिला कर्मियों पर गिरी कार्रवाई, SSP का बड़ा कदम

दरभंगा बिहार के दरभंगा जिले में कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में आठ महिला पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है एवं उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की जा रही है।   इन पुलिसकर्मीयों पर गिरी गाज वरीय पुलिस अधीक्षक जगुन्नाथ रेड्डी जलारेड्डी ने गुरूवार को बताया कि बिहार विशेष सैन्य पुलिस बल-13 दरभंगा के आठ महिला पुलिस कर्मियों को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि 19 अक्टूबर को दीपावली, काली पूजा एवं छठ पूजा में विधि-व्यवस्था संधारण के लिए विश्वविधालय थाना क्षेत्र में कंचन कुमारी, सुरूची कुमारी, संगीता कुमारी, बाबुल कुमारी, रैयाम थाना क्षेत्र में श्वेता, कोमल कुमारी, नीतु कुमारी तथा बहादुरपुर थाना क्षेत्र में ममता कुमारी को ड्यूटी पर प्रतिनियुक्त किया गया था। सूत्रों ने बताया कि संबंधित थानाध्यक्षों द्वारा औचक जांच के कम में उपरोक्त सभी महिला सिपाही अपने-अपने कर्तव्य स्थल पर अनुपस्थ्ति पायी गई। इस संबंध में थानाध्यक्ष विश्वविधालय, थानाध्यक्ष रैयाम तथा थानाध्यक्ष बहादुरपुर द्वारा उपरोक्त सभी महिला पुलिसकर्मी के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने के संबंध में वरीय पुलिस अधीक्षक दरभंगा को प्रतिवेदन दिया गया था, जिसके आधार पर सामान्य जीवन यापन भत्ता पर सभी आठ महिला पुलिसकर्मियों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने के लिए समादेष्टा (बिहार विशेष सैन्य पुलिस को प्रतिवेदन भेजा गया है।