samacharsecretary.com

जुलाई में लाडली बहना योजना के 1500 रुपये आएगे खाते में, 250 रुपये रक्षाबंधन पर देंगे

भोपाल मध्य प्रदेश सरकार लाडली बहनों (MP Ladli Behan Yojana) को दीपावली से हर महीने 1500 रुपये देने जा रही है. फिलहाल उन्हें 1250 रुपये महीने मिलते हैं. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ये ऐलान किया है. हालांकि विपक्ष का मनना है कि इस खर्च से पहले से ही लाखों करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार का वित्तीय प्रबंधन और गड़बड़ हो जाएगा. दीवाली से लाडली बहनों को मिलेंगे 1500 रुपये मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि 3000 रुपये देने का ऐलान बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में किया था. हमने कहा है डंके की चोट पर कहा है और इसे पूरा करेंगे. यह योजना पहले 1000 रुपए प्रति माह से शुरू हुई थी. फिर हमने इसे 1250 रुपए किया, 250 रुपये रक्षाबंधन पर देंगे, दीवाली से 1500 चालू कर देंगे. बहुत सी लाभार्थियों को लेकर यह भी संशय है कि जुलाई में आने वाली लाडली बहना योजना की 26वीं किस्त में कितना पैसा खाते में आएगा? क्या 25वीं किस्त की तरह इस बार भी 1250 रुपये ही खाते में आएंगे? क्या 250 रुपये के शगुन के लिए महिलाओं को अगस्त तक का इंतजार करना होगा? चलिए आप ज्यादा परेशान न हों, हम आपके लिए इन सवालों के जवाब लेकर आए हैं। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक लाभार्थियों को जुलाई में ही गुड न्यूज मिल जाएगी। इस वजह से जुलाई में आएंगे 1500 रुपये लाडली बहना योजना की 26वीं किस्त में महिलाओं को 1250 नहीं बल्कि 1500 रुपये मिलेंगे। मतलब जुलाई में ही रक्षा बंधन का शगुन मिल जाएगा। दरअसल यह पैसा जुलाई में इसलिए आ रहा है क्योंकि रक्षा बंधन 9 अगस्त को है। जबकि लाडली बहना योजना का पैसा खाते में 10 से 15 तारीख के बीच में ही ट्रांसफर किया जाता है। ऐसे में अगर अतिरिक्त 250 रुपये का भुगतान अगस्त में करने की योजना बनाई जाती तो लाडली बहनों को यह लाभ रक्षा बंधन के बाद ही मिल पाता। इसलिए सरकार ने यह एक्स्ट्रा पैसा जुलाई में ही देने का फैसला कर लिया है। अक्टूबर से हर महीने मिलेंगे 1500 रुपये मध्य प्रदेश की महिलाओं को महज दो महीने ही 1250 रुपये की किस्त से संतोष करना पड़ेगा। इसके बाद उन्हें हर महीने 1500 रुपये मिलने शुरू हो जाएंगे। सीएम ने ऐलान किया है कि दिवाली से महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जाएंगे। इसका मतलब हुआ कि जुलाई में 1500 रुपये मिलने के बाद सिर्फ अगस्त और सितंबर में ही 1250 रुपये मिलेंगे। अक्टूबर से हर महीने 1500 रुपये मिलने शुरू हो जाएंगे। मुख्यमंत्री के मुताबिक हर साल पैसा बढ़ाकर 2028 तक लाभार्थी महिलाओं को 3000 रुपये हर महीने मिलने शुरू हो जाएंगे। कब शुरू होंगे नए रजिस्ट्रेशन हालांकि लाडली बहना योजना के नए रजिस्ट्रेशन को लेकर अभी तक सरकार की ओर से कोई अपडेट नहीं दी जा रही है। 2023 के बाद से ही नए रजिस्ट्रेशन बंद पड़े हैं। ऐसे में लाखों महिलाएं लिस्ट में अपना नाम नहीं जुड़वा पा रही हैं। अभी जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक फिलहाल सरकार की नए रजिस्ट्रेशन खोलने की योजना नहीं है। लाडली बहनों को दिवाली पर तोहफा     अब हर महीने मिलेंगे1500 रुपये     राज्य पर पड़ेगा 310 करोड़ मासिक भार     सालाना खर्च 22 हजार करोड़ के पार     योजना की शुरुआत 1000 से हुई थी     2023 में बढ़कर हुई 1250 रुपये     अब दिवाली से मिलेंगे1500 रुपये     योजना में 1.27 करोड़ लाभार्थी     कर्ज़ में डूबी सरकार पर सवाल     राज्य पर कुल कर्ज़ 4.31 लाख करोड़ रुपये     5 साल में कर्ज़ 115% बढ़ा      संकल्प पत्र में 3000 रुपये प्रति माह का वादा पूरा होगा  3,000 रुपये देने का वादा मध्यप्रदेश सरकार दीपावली से लाडली बहनों को 1250 रुपये की जगह 1500 रुपये महीना देगी. इस बढ़ोतरी से राज्य पर हर महीने करीब 310 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा, जिससे सालाना खर्च 22,000 करोड़ के पार पहुंच जाएगा. ये योजना 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले शुरू की गई थी और इसे बीजेपी की सत्ता वापसी का सबसे बड़ा चुनावी दांव माना गया. योजना की शुरुआत 1,000 प्रति माह से हुई थी, जिसे बाद में अक्टूबर 2023 में 1,250 कर दिया गया था. अब इसे दिवाली से 1,500 रुपये करने की घोषणा हुई है. सरकार का वादा है इस राशि को धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह तक पहुंचाया जाएगा.     योजना की शुरूआत में 1.29 करोड़ महिलाओं को योजना का लाभ मिला     अक्तूबर 2023 में संख्या 1.31 करोड़ तक पहुंच गई     अब ये संख्या 1.27 करोड़ है, सरकार ने खुद विधानसभा में माना है कि योजना में फिलहाल नए नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं,  हालांकि उम्र और दूसरी शर्तों के आधार पर नाम कट रहे हैं 5 साल में बढ़ा 115 फीसदी कर्ज मध्यप्रदेश सरकार का बजट 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपए है. सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान अब तक 9500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है. कुल कर्ज की राशि बढ़कर लगभग 4 लाख 31 हजार 740 करोड़ रुपए हो गई है. पांच साल पहले राज्य पर करीब 2 लाख करोड़ का कर्ज था यानी 5 साल में राज्य का कर्ज लगभग 115 फीसदी बढ़ चुका है.

चार्जिंग अधोसंरचना के लिये केन्द्र सरकार से मिलेगी 100 प्रतिशत राशि

प्रदेश के शहरी मार्गों पर 582 इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत 6 शहरों  में 582 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिये प्रस्ताव तैयार  चार्जिंग अधोसंरचना के लिये केन्द्र सरकार से मिलेगी 100 प्रतिशत राशि भोपाल  प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा देने के लिये मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2025 तैयार की गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा परिवहन कर में छूट और अनुदान दिये जाने की भी व्यवस्था की गई है। प्रदेश के बड़े शहरों में सार्वजनिक परिवहन सेवा के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बस सेवा को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। वर्तमान में इंदौर में शहरी मार्गों पर 80 इलेक्ट्रिक बसों को संचालन किया जा रहा है। फेम योजना के अंतर्गत 40 और अमृत योजना 1.0 में 40 बसें संचालित हो रही हैं। 582 इलेक्ट्रिक बसों के चलाने का प्रस्ताव ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत 6 शहरों  में 582 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिये प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया था, जिसे केन्द्रीय शहरी मंत्रालय नई दिल्ली से स्वीकृति मिल गयी है। इंदौर में 150, भोपाल में 100, ग्वालियर में 100, जबलपुर में 100, सागर में 32 एवं उज्जैन में 100 इलेक्ट्रिक बसों को चलाने का प्रस्ताव है। प्रदेश के 6 शहरों में बस संचालन के लिये नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा निविदा जारी कर बस संचालकों का चयन किया जा चुका है। पीएम ई-बस सेवा के अंतर्गत बस डिपो अधोसंरचना निर्माण के लिये भी प्रस्ताव तैयार किया गया है, इसमें 60 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार द्वारा और शेष 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदाय की जायेगी। इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग अधोसंरचना निर्माण के लिये केन्द्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत राशि प्रदान की जायेगी। नगरीय निकायों द्वारा बस डिपो एवं चार्जिंग स्टेशन निर्माण के लिये प्राक्कलन तैयार कर राज्य स्तरीय संचालन समिति से अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है। अनुमोदन के बाद प्रस्ताव केन्द्रीय शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा गया है। भोपाल एवं जबलपुर शहर द्वारा बस डिपो अधोसंरचना निर्माण के लिये निविदा जारी की जा चुकी है। प्रदेश के शहरों में लाइट इलेक्ट्रिक व्हीकल के संचालन को बढ़ावा देने के लिये भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर शहर में 34 चार्जिंग स्टेशन पर 190 चार्जिंग पाइंट लगाये गये हैं।    

उत्तर प्रदेश में नेपियर घास किसानों की बदलेगी किस्मत, लाभार्थी किसानाें को मुफ्त मिलेंगी घास की जड़ें

लखनऊ  घास लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को हजारों रुपये दे रही है. केवल रुपये ही नहीं, बल्कि घास लगाने के लिए घास की जड़ें भी उपलब्ध कराई जा रही है. घास भी कोई सामान्य घास नहीं है, बल्कि अफ़्रीकन प्रजाति की है. अगर आपके पास भी घास लगाने के लिए जमीन है तो सरकार आपको आर्थिक मदद करेगी. दरअसल, योगी सरकार द्वारा नेपियर घास की खेती को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की जा रही है. इस घास से बिजली उत्पादन होगा. अगर आप घास को लगाते हैं तो सरकारी मदद मिलने के साथ-साथ मोटी कमाई भी कर सकते हैं. नेपियर घास अफ्रीकन प्रजाति की घास है. नेपियर घास का वैज्ञानिक नाम Pennisetum purpureum है. नेपियर घास पशुओं के चारे के तौर पर इस्तेमाल की जाती है. विशेषकर दूध देने वाले पशुओं के लिए यह घास बेहद लाभदायक होती है. इस घास में प्रोटीन भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. यदि पशू नेपियर घास का सेवन करते हैं तो पशुओं का दुग्ध उत्पादन बढ़ता है. साथ ही तेज़ी के साथ शारीरिक विकास होता है. मार्केट में नेपियर घास की काफी डिमांड बतायी जाती है. उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए एक और खास योजना लाने की तैयारी है। इस योजना के लागू होने से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। यूपी सरकार की इस योजना के तहत हाइब्रिड नेपियर घास (इसे हाथी घास भी कहा जाता है) की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार की ओर से इसके लिए अनुदान भी मिलेगा। इस योजना का मकसद है कि प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़े और जानवरों को साल भर हरा चारा मिलता रहे। यूपी सरकार किसानों के साथ चारा बनाने वाली संस्थाओं को भी हाइब्रिड नेपियर घास उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। अभी इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सिर्फ प्रयागराज में शुरू किया गया है। यह एक 'Buy Back' योजना है, जिसमें किसानों को 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से ग्रांट मिलेगी। इस योजना के तहत सरकार की ओर से हाइब्रिड नेपियर घास की जड़ किसानों को मुहैया कराई जाएगी और उसके बाद सरकार ही दोगुने दाम पर किसानों से घास खरीदेगी। अभी इतने लोगों को मिलेगा लाभ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.एन. यादव ने बताया कि सरकार ने पहली बार प्रयागराज में यह योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को नेपियर घास उगाने के लिए 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की ग्रांट दी जाएगी। जिले में 10 लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। ये लाभार्थी किसान, किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूह या गौशाला चलाने वाले लोग हो सकते हैं। चारे की कमी नहीं होगी नेपियर घास को किसान इसे अपने जानवरों को हरे चारे के रूप में खिला सकते हैं। यह घास दूध देने वाले जानवरों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह प्रोटीन सेभरपूर हरा चारा है। इससे जानवरों का दूध बढ़ता है। डेयरी मालिक आमतौर पर 12 रुपये प्रति किलो की दर से सूखा भूसा खरीदते हैं। जबकि इस हरे चारे को उगाने का खर्च सिर्फ 50 पैसे प्रति किलो है। इन योजनाओं से किसान हर महीने हजारों रुपये कमा सकते हैं। वे यह घास डेयरी फार्म मालिकों को बेच सकते हैं। नेपियर चारा बैंक योजना: बता दें कि पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालकों के दुधारू पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए नेपियर चारा बैंक की योजना चलायी गई है. किसान, स्वयं सहायता समूह, पंजीकृत गौशाला, गो आश्रयस्थल, FPO और स्वयंसेवी संस्था इसका लाभ ले सकते हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के पास 0.2 हेक्टेयर सिंचित भूमि होना आवश्यक है. गाजियाबाद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ एस पी पांडे के मुताबिक, इस योजना के तहत गाजियाबाद में 10 लाभार्थियों का चयन किया जाएगा. भारतीय चयनित लाभार्थी को खेत की तैयारी के लिए 4 हज़ार रुपए भुगतान किए जाएंगे. लाभार्थी को नैपी और घास की जड़ें उपलब्ध कराई जाएंगी. एक साल के बाद लाभार्थी से दोगुनी जड़ें ली जाएंगी, जो अगले साल चयनित लाभार्थियों को वितरित की जाएगी. यदि योजना के लिए 10 से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं तो मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा. इसके बाद पहले आओ पहले पाओ के आधार पर 10 योग्य लाभार्थियों का चयन होगा. नेपियर घास केवल पशुओं के चारे के तौर पर ही नहीं बल्कि बिजली उत्पादन के लिए भी इसका प्रयोग किया. नेपियर घास की खासियत: एक बार नेपियर घास लगाने पर कई सालों तक उपज देती है. नेपियर घास काफी तेजी के साथ बढ़ती है. जिससे साल में 5-7 बार कटाई की जा सकती है. नेपियर घास को लगाने के बाद खाद या फिर बार-बार पानी देने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है. एक एकड़ भूमि में नेपियर घास लगाने से सालाना 300 टन से अधिक की पैदावार होती है. क्या है नेपियर घास नेपियर घास गन्ने की तरह दिखती है। मूल रूप से थाईलैंड में पाई जाने वाली इस घास की खास बात है कि इसे बंजर जमीन और खेतों की सीमाओं पर भी उगाया जा सकता है। इसकी खासियत यह है कि यह सिर्फ 20-25 दिनों में पानी की मदद से तैयार हो जाती है। एक एकड़ में लगभग 300-400 क्विंटल घास का उत्पादन होता है। कटाई के बाद इसकी शाखाएं अपने आप फिर से बढ़ने लगती हैं। इस तरह, एक बार लगाने के बाद इसे दस साल तक उगाया जा सकता है। यही मुख्य कारण है कि इसे कम लागत में अधिक आय वाली फसल कहा जाता है। यह किसानों और पशुपालकों दोनों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद है।

मोहन सरकार का एक जगह सभी ऑफिस की योजना, अरेरा हिल्स को सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर डेवलप किया जाएगा

भोपाल  करीब 43 साल पहले 9.56 करोड़ रुपए खर्च कर बनाए गए सतपुड़ा और विंध्याचल भवन को तोड़कर अरेरा हिल्स क्षेत्र को दिल्ली के सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर डेवलप किया जाएगा। री-डेंसिफिकेशन प्रोजेक्ट के तहत यह जिम्मेदारी मप्र हाउसिंग बोर्ड को सौंपी गई है। करीब 4 महीने में बोर्ड ने इसका कंप्रेहेंसिव प्लान तैयार कर लिया है। हालांकि, इस प्लान पर अंतिम मुहर आज  बुधवार को वल्लभ भवन में होने वाली मुख्य सचिव की बैठक में लगेगी। फिलहाल बोर्ड का प्लान है कि वल्लभ भवन के इर्द-गिर्द अलग-अलग खंडों में कई भवन बनाए जाएंगे और इन्हीं में भोपाल के सभी एचओडी स्तर के दफ्तर संचालित किए जाएंगे। इससे पहले सतपुड़ा-विंध्याचल भवन को तोड़कर दोगुने क्षेत्र में बनाने की योजना भोपाल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (बीडीसी) ने बनाई थी। जिसे मुख्यमंत्री ने नामंजूर कर दिया था। 43 साल पहले… 9.56 करोड़ खर्च कर बनाए गए थे सतपुड़ा-विंध्याचल भवन     नगरीय विकास एवं आवास विभाग के एसीएस संजय शुक्ला ने बताया कि सतपुड़ा- विंध्याचल भवनों को तोड़कर वहां नए भवनों के निर्माण का एक समग्र (कंप्रेहेंसिव) प्लान मप्र हाउसिंग बोर्ड ने तैयार किया है। प्रस्तावित योजना पर अंतिम निर्णय आगामी बैठक के बाद लिया जाएगा।     मेट्रो का रूट भी: इस क्षेत्र को दो तरफ से ऑरेंज और ब्लू मेट्रो का रूट भी मिलेगा।     वल्लभ भवन और इसके आसपास 8 ऐसी झुग्गी बस्तियां हैं, जिनमें 32 हजार लोग रहते हैं। इनमें पत्रकार कॉलोनी के पास मालवीय नगर, ओम नगर-2,3, भीम नगर, वल्लभ नगर-1,2, राजीव नगर व अर्जुन नगर शामिल हैं। यहां 9197 हाउस होल्ड हैं।

10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा व्रत, जानें स्नान-दान और व्रत करने की सही डेट और टाइम

हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाता है। यह दिन गुरुओं को समर्पित है। भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया गया है, क्योंकि गुरु ही शिष्य को ज्ञान का मार्ग दिखाते हैं और उसे अज्ञान के अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाते हैं, तो आइए इस आर्टिकल में इस पावन दिन (Guru Purnima 2025 Date) से जुड़ी सभी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं। गुरु पूर्णिमा 2025 डेट और टाइम  हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि 10 जुलाई को रात 01 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 11 जुलाई को रात 02 बजकर 06 मिनट पर होगा। ऐसे में 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा (Kab Hai Guru Purnima 2025) का पर्व मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा का धार्मिक महत्व  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। वेद व्यास जी को हिंदू धर्म के सबसे महान गुरुओं में से एक माना जाता है, जिन्होंने महाभारत जैसे महान ग्रंथों की रचना की। इस दिन उनके जन्मोत्सव को व्यास पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। यह तिथि उन सभी गुरुओं के लिए है, जिन्होंने हमारे जीवन को दिशा दी है, चाहे वे माता-पिता हों, शिक्षक हों, या कोई ऐसा व्यक्ति जिसने हमें ज्ञान प्रदान किया हो। गुरु पूर्णिमा पूजा विधि      इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और पवित्र स्नान करें।     इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें, अगर ऐसा मुश्किल है तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।     साफ कपड़े पहनें।     घर के मंदिर को साफ करें।     एक वेदी पर अपने गुरु की प्रतिमा स्थापित करें।     गुरु के समक्ष घी का दीपक जलाएं।     उन्हें सफेद चंदन, अक्षत, फूल, जनेऊ, फल, मिठाई आदि चीजें चढ़ाएं।     अंत में गुरु की आरती करें और उनका आशीर्वाद लें।     अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें और जीवन में सही मार्ग पर चलने का संकल्प लें।     इस दिन अपने गुरु द्वारा दिए गए मंत्र का जाप या 'ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः', 'ॐ ब्रह्म बृहस्पतये नमः' जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं।     इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या शिक्षा से जुड़ी वस्तुओं का दान जरूर करें।  

पीएम Modi की विदेश नीति को नई दिशा देने की तैयारी, पीएम की सबसे लंबी राजनयिक यात्रा, BRICS में लेंगे हिस्सा

पीएम मोदी की त्रिनिदाद व टोबैगो की ऐतिहासिक यात्रा न सिर्फ 180 वर्षों की विरासत से जुड़ी हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ दिनों के डिप्लोमैटिक दौरे पर आज रवाना होंगे, यात्रा से पहले चर्चा में ये कुर्सी  पीएम Modi की विदेश नीति को नई दिशा देने की तैयारी, पीएम की सबसे लंबी राजनयिक यात्रा, BRICS में लेंगे हिस्सा नई दिल्ली  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 2 जुलाई, 2025 से 5 देशों की यात्रा के लिए रवाना होने वाले हैं. 2 जुलाई से शुरू होने वाली पीएम की ये यात्रा 9 जुलाई को पूरी होगी. पीएम के इस दौरे में दो महाद्वीप भी शामिल हैं. इस दौरे में प्रधानमंत्री घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा करने वाले हैं. इस यात्रा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर प्रधानमंत्री 4 दिनों तक ब्राजील में रहेंगे. 11 सालों के अपने कार्यकाल में पीएम मोदी दूसरी बार 5 देशों के दौरे पर जा रहे हैं. इससे पहले साल 2016 में उन्होंने 5 देशों को दौरा किया था, जिसमें अमेरिका, स्विट्जरलैंड, अफगानिस्तान, मैक्सिको और कतर देश शामिल था. 2 जुलाई से पीएम की ये यात्रा घाना से शुरू होगी. भारत के प्रधानमंत्री 30 साल बाद घाना का दौरा करने वाले हैं. 2 से 3 जुलाई तक पीएम मोदी यहां घाना के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के राजनीतिक और आर्थिक सम्बन्धों पर चर्चा करेंगे.     ऐतिहासिक यात्रा न सिर्फ 180 वर्षों की विरासत से जुड़ी हुई पीएम मोदी का इस कैरेबियाई देश का दौरा इसलिए भी कई मायनों में अहम है, क्योंकि 180 साल पहले भारतीयों ने समुद्री रास्ते से पहली बार इस धरती पर कदम रखा था। पीएम मोदी के दौरे को लेकर प्रवासी भारतीयों में जबरदस्त उत्साह है। विदेश मंत्रालय में सचिव नीना मल्होत्रा ने सोमवार को मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि इस दौरे के दौरान पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कांगालू और प्रधानमंत्री कमला पर्साड-बिसेसर से मुलाकात करेंगे। वे देश की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय के साथ संवाद का भी आयोजन होगा। इस देश की कुल जनसंख्या का लगभग 45% हिस्सा भारतीयों का है। जहाज पर सवार होकर पहुंचे थे 225 भारतीय करीब 180 साल पहले 30 मई 1845 को भारत से रवाना हुए 'फतेह-अल-रज़ाक' नामक जहाज ने त्रिनिदाद और टोबैगो के तट पर 225 भारतीय गिरमिटिया मजदूरों को उतारा था। भारतीयों का इस देश में यह पहला दौरा था। ये लोग गिरमिटिया मजदूर के रूप में ब्रिटिश उपनिवेश में काम करने भेजे गए थे। तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन भारत का प्रधानमंत्री उसी धरती पर आधिकारिक यात्रा पर पहुंचेगा। ब्रिटिश शासन के दौरान चीनी और कैरेबियाई गन्ना बागानों में सस्ता श्रम जुटाने के लिए भारत से मजदूरों को भेजा गया था। फतेह-अल-रज़ाक से त्रिनिदाद पहुंचे पहले भारतीयों में ज़्यादातर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से थे। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों भारतवंशी पीएम मोदी की यह यात्रा इसलिए भी विशेष है, क्योंकि कैरेबियाई देश में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों भारतवंशी महिलाएं हैं, वे स्वयं को "भारत की बेटियां" बताती हैं। विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेता न सिर्फ भारत की विरासत से जुड़ी हैं, बल्कि भारत के साथ राजनयिक और विकास सहयोग को नई दिशा देने को लेकर उत्सुक हैं। द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा पीएम मोदी के दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, फार्मा, अक्षय ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी। इसके अलावा, खेल, शिक्षा और सांस्कृतिक संबंध भी एजेंडे में शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने बताया, “दोनों देश एक विस्तृत सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।” प्रधानमंत्री मोदी को त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद में संयुक्त सत्र को संबोधित करने का विशेष सम्मान मिलेगा। साथ ही, प्रधानमंत्री कमला बिसेसर पीएम मोदी के सम्मान में औपचारिक रात्रिभोज का भी आयोजन करेंगी। घाना के साथ भारत के अच्छे सम्बन्ध घाना पश्चिम एशिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में से एक है. साथ ही घाना के साथ भारत के व्यापारिक सम्बन्ध काफी अच्छे हैं. भारत और घाना के बीच द्विपक्षीय व्यापार 3,137.29 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें भारत से सोने का आयात काफी ज्यादा होता है. इसके अलावा भारत की कई कंपनियों ने घाना में कृषि, विनिर्माण, निर्माण, शिक्षा, फार्मास्यूटिकल्स, आईसीटी और ऑटोमोटिव जैसी कंपनियों में भी काफी पैसे निवेश किए हैं. घाना के बाद पीएम इस देश की करेंगे यात्रा घाना के बाद पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो का दौरा करेंगे. त्रिनिदाद और टोबैगो में लगभग 40 से 45 प्रतिशत भारतीय प्रवासी निवास करते हैं. त्रिनिदाद और टोबैगो कैरिबियन क्षेत्र का पहला देश बन गया है, जिसने भारत के यूपीआई प्लेटफॉर्म प्रोजेक्ट को अपने देश में मंजूरी दी है. 4 जुलाई को पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो से अर्जेंटिना जाएंगे. भारत का अर्जेंटिना में कुल निवेश 1.2 बिलियन अमरीकी डॉलर है. पीएम मोदी अर्जेंटिना में वहां के प्रमुख क्षेत्रों, जैसे आर्थिक, रक्षा, खनिज, तेल और गैस, परमाणु ऊर्जा, विज्ञान पर चर्चा कर सकते हैं. 4 दिनों तक ब्राजील में रहेंगे पीएम मोदी उसके बाद 5 से 8 जुलाई तक प्रधानमंत्री ब्राजील की यात्रा पर रहेंगे और वहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. पीएम मोदी अपने कार्यकाल में चौथी बार ब्राजील की यात्रा करने वाले हैं. पीएम यहां राष्ट्रपति लूला से वैश्विक स्तर में सुधार, शांति और सुरक्षा, एआई, जलवायु परिवर्तन और हेल्थ सहित कई मुद्दों पर बात करेंगे. नामीबिया की यात्रा करेंगे पीएम मोदी अपनी यात्रा के आखिरी दौरे में पीएम मोदी नामीबिया पहुचेंगे. नामीबिया में पीएम मोदी की पहली यात्रा होगी. साथ ही मार्च में पदभार संभालने के बाद नामीबिया के राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी की भारत देश से पहली द्विपक्षीय वार्ता होगी. हालांकि भारत और नामीबिया के बीच व्यापार में तेजी आई है. भारत और नामीबिया के बीच व्यापार बढ़कर 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गया है, जो दोनों देशों के सम्बन्धों को मजबूत करने का काम करता है. PM मोदी की विदेश यात्रा से पहले चर्चा में क्यों ये कुर्सी इस दौरे से पहले एक कुर्सी भी चर्चा में आ गई है. खास बात यह है कि विदेशी सरजमीं के संसद में रखी इस कुर्सी पर … Read more

बुधवार 02 जुलाई 2025 बदल जाएगी इन राशियों की किस्मत

मेष राशि- आज आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहने वाली है। भाई-बहनों की मदद से आज आपको धन लाभ होगा। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। अपनों के सहयोग से कारोबार में गति आ सकती है। कार्यस्थल पर सीनियर्स आपके काम की तारीफ करेंगे। वृषभ राशि- आज आप अपने माता-पिता को गर्व महसूस करा सकते हैं। नौकरी पेशा करने वालों को नौकरी में उन्नति मिल सकती है। जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। व्यावसायिक लाभ के संकेत हैं। गुस्से पर काबू रखें और भावुकता पर भी कंट्रोल रखें। मिथुन राशि- आज आपकी सेहत अच्छी रहने वाली है। किसी खास व्यक्ति से मुलाकात होने से मन प्रसन्न रहेगा। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अपना पैसा उधार देकर आप राहत महसूस करेंगे। विदेशी व्यापार से जुड़े लोगों को आज मनचाहा परिणाम मिलने की उम्मीद है। नौकरीपेशा जातक आज कार्यस्थल पर अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग कर सकते हैं। कर्क राशि- आज आपको मानसिक रूप से शांति मिलेगी। किसी महत्वपूर्ण कार्य में सफलता पा सकते हैं। जीवनसाथी के साथ खास समय बिताने का मौका मिलेगा। व्यापारियों को किसी अपने से खास सलाह मिल सकती है। किसी खास व्यक्ति से कोई सरप्राइज मिल सकता है। सिंह राशि- आज आपको किसी बात को लेकर मानसिक दबाव महसूस हो सकता है। धन को लेकर स्थिति अच्छी रहेगी। जीवनसाथी के साथ मिलकर किसी परेशानी से बाहर आ सकते हैं। यह उन बेहतरीन दिनों में से एक होगा जब आपकी क्रिएटिविटी अपने चरम पर होगी। कारोबार में विस्तार हो सकता है। कन्या राशि- आज आपको निराशा घेर सकती है, इसलिए सकारात्मक लोगों की संगति में रहें। कार्यस्थल पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताएंगे। अविवाहित जातकों के लिए विवाह प्रस्ताव आ सकते हैं। शादीशुदा लोग आज आप अपने जीवन का सबसे अच्छा समय अपने जीवनसाथी के साथ बिताएंगे। आर्थिक रूप से दिन अच्छा रहने वाला है। तुला राशि- आज कार्यस्थल पर सीनियर्स आपके काम की तारीफ करेंगे। अगर आप पैसों से जुड़े किसी मामले में फंसे थे तो आज कोर्ट आपके पक्ष में फैसला सुना सकता है। आपको आर्थिक लाभ होगा। पार्टनरशिप में किए गए व्यापार में लाभ के संकेत हैं। आज आप अपने जीवनसाथी को गलत समझ सकते हैं, जिसके कारण आप पूरे दिन परेशान रह सकते हैं। वृश्चिक राशि- आज आपको कोई महत्वपूर्ण फैसला लेने से बचना चाहिए। आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। पर, मन परेशान हो सकता है। धैर्यशीलता बनाए रखें। शैक्षिक कार्यों में सफल रहेंगे। सेहत का ध्यान रखें। पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी। आज कार्यस्थल पर आपकी मुलाकात किसी प्रभावशाली व्यक्ति से हो सकती है। धनु राशि- आज जीवनसाथी के साथ अच्छी व शांत शाम बिता सकते हैं। किसी शुभ समाचार की प्राप्ति से मन प्रसन्न रहेगा। कार्यस्थल पर आप अपने लक्ष्यों को पाने में सफल रहेंगे। रिश्तों में सुधार होगा। धन संबंधी परेशानियां दूर होंगी। नौकरी में बदलाव का मन बना रहे हैं, तो अच्छे प्रस्ताव मिल सकते हैं। मकर राशि- आज आपको लंबी दूरी की यात्रा से बचना चाहिए और अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए। बच्चों की सेहत पर नजर रखें। ऑफिस में सभी के साथ अच्छा व्यवहार करें, वरना सीनियर्स नाराज हो सकते हैं। धन संबंधी चुनौतियां आएंगी लेकिन आप उन्हें हल करने में सक्षम रहेंगे। कुंभ राशि- आज आप मानसिक परेशानियों से बाहर आने में सफल रहेंगे। आज लाभ मिलने की प्रबल संभावना है। घरेलू मामलों को निपटाने के लिए अच्छा दिन है। आज आपका मन प्रसन्न तो रहेगा। पर, धैर्यशीलता बनाए रखें। जीवन साथी की सेहत का ध्यान रखें। माता का साथ मिलेगा। संतान की ओर से सुखद समाचार मिल सकता है। मीन राशि- आज अपने पुराने एक्सरसाइज रूटीन पर बने रहें, शारीरिक रूप से फिट रहेंगे। आर्थिक स्थिति में सुधार होने से आपका मन प्रसन्न रहेगा। कारोबार की स्थिति में सुधार होगा। आज आपके पास अपने जीवनसाथी के साथ बिताने के लिए पर्याप्त समय होगा।

जून में GST राजस्व में गिरावट दर्ज, पिछले महीने के मुकाबले घटा कलेक्शन

नई दिल्ली  बीते जून महीने में एक बार फिर ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन में उछाल आया। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन जून में 6.2 प्रतिशत बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। एक साल पहले इसी महीने में यह 1,73,813 करोड़ रुपये था। हालांकि, मई 2025 में कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपये के पार था। इस लिहाज से कलेक्शन में गिरावट आई है। क्या कहते हैं आंकड़े मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक घरेलू लेनदेन से ग्रॉस रेवेन्यू जून में 4.6 प्रतिशत बढ़कर करीब 1.38 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात से जीएसटी राजस्व 11.4 प्रतिशत बढ़कर 45,690 करोड़ रुपये रहा। ग्रॉस सेंट्रल जीएसटी यानी सीजीएसटी जून में 34,558 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी राजस्व 43,268 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी राजस्व करीब 93,280 लाख करोड़ रुपये रहा। इसी तरह, उपकर से राजस्व 13,491 करोड़ रुपये रहा। इस बीच, जून में कुल रिफंड 28.4 प्रतिशत बढ़कर 25,491 करोड़ रुपये हो गया। अप्रैल में बना था रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन पिछले महीने यानी मई में 2.01 लाख करोड़ रुपये रहा। इस वर्ष अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। कहने का मतलब है कि लगातार दो महीने तक कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा था। जीएसटी के 8 साल यह भी दिलचस्प है कि आज यानी एक जुलाई 2025 को जीएसटी लागू हुए आठ साल पूरे हो गए हैं। वित्त मंत्रालय ने एक रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए कहा है कि जीएसटी लागू होने के पहले वर्ष (नौ महीने) में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 7.40 लाख करोड़ रुपये था। पिछले कुछ वर्षों में इसमें तेजी से वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रॉस कलेक्शन रिकॉर्ड 22.08 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो सालाना आधार पर 9.4 प्रतिशत की वृद्धि है। सालाना जीएसटी राजस्व लगभग तीन गुना हो गया है। यह वित्त वर्ष 2017-18 के सात लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 22 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।  

ईरान की ट्रंप को चेतावनी: ‘फोड़ देंगे ई-मेल बम’, जानें क्या है 100GB डेटा लीक का मामला

नई दिल्ली ईरान और अमेरिका के बीच चल रहे तनावपूर्ण माहौल के बीच ईरान से जुड़े एक हैकिंग समूह ने अमेरिका को धमकी दी है कि वह 100 गीगाबाइट बैच का ईमेल लीक कर देगा। धमकी में ईरानी समूह ने कहा है कि इन इमेल्स में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार रोजर स्टोन और वाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ सूसी विल्स सहित उनके लंबे समय के सहयोगियों के बीच के संवाद शामिल हैं, जिसे उसने चुराए थे। रॉयटर्स ने बताया है कि 2024 में राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान एक साइबर अटैक समूह ने दावा किया था कि उसके पास लगभग 100 गीगाबाइट ईमेल हैं जिन्हें वह लीक कर सकता है। मीडिया के अनुसार, हालांकि, फर्जी नाम रॉबर्ट के तहत काम करने वाले हैकर्स ने ईमेल की सामग्री या उन्हें कब जारी करने की योजना के बारे में जानकारी नहीं दी है। समूह ने पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले भी कुछ ईमेल जारी किए थे। रॉयटर्स को हैकर ने बताया कि उसके पास ट्रम्प की वकील लिंडसे हॉलिगन और स्टॉर्मी डेनियल्स के ईमेल अकाउंट्स के भी विवरण हैं। स्टॉर्मी डेनियल्स वही एडल्ट फिल्मों की अभिनेत्री हैं, जिसे कथित तौर पर ट्रंप के साथ संबंधों का खुलासा नहीं करने और मुंह बंद रखने के लिए ट्रंप की तरफ से 130,000 डॉलर का भुगतान किया गया था। घटनाक्रम क्यों है अहम? यह घटनाक्रम ऐसे वक्त पर सामने आया है, जब अमेरिका ने कुछ दिनों पहले ही ईरान- इजरायल युद्ध के दौरान ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर 30,000 पाउंड के बंकर बस्टर बम गिराए हैं। इन हमलों के बाद ट्रंप ने दावा किया था कि ईरान के परमाणु टिकाने पूरी तरह से तबाह हो गए हैं और भविष्य में ईरान संवर्द्धन कार्यक्रम आगे नहीं बढ़ा सकता। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था (IAEA)के प्रमुख से रविवार को कहा कि अमेरिकी और इजरायली हमले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने में विफल रहे हैं। IAEA प्रमुख ने ये भी कहा है कि अब कुछ ही महीनों में ईरान फिर से यूरेनियम संवर्धन कर सकता है। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी उठा था मामला रॉयटर्स के मुताबिक, ईरानी हैकर्स ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित होने के बाद चुराए गए ईमेल डेटा को लीक करने की कोई योजना नहीं थी लेकिन 12 दिनों के ईरान-इजरायल संघर्ष और उस दौरान अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले ने उसे अपना फैसला बदलने को मजबूर कर दिया है। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी बाइडेन प्रशासन ने इस लीक कांड के पीछे ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के तीन सदस्यों का हाथ बताया था लेकिन ईरान ने इन सबसे इनकार किया था। ध्यान भटकाने और बदनाम करने की कोशिश दूसरी तरफ, यू.एस. साइबरसिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (CISA) के प्रवक्ता मार्सी मैकार्थी ने कहा है कि यह शत्रुतापूर्ण विदेशी अभियान ध्यान भटकाने, बदनाम करने और विभाजन करने की एक कोशिश है। मैकार्थी ने कहा कि कथित रूप से चुराई गई सामग्री असत्यापित सामग्री है और उसका इस्तेमाल कर शत्रु शोषण करने की धमकी दे रहा है। CISA प्रवक्ता ने कहा कि जल्द बी इसके दोषियों को ढूंढ़ लिया जाएगा और उन्हें न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाएगा।  

UNSC की कुर्सी पर पाकिस्तान! क्या भारत के खिलाफ उठेगा अंतरराष्ट्रीय मोर्चा?

इस्लामाबाद  भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान ने मंगलवार से जुलाई 2025 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता संभालनी शुरू कर दी है। सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तान के दो साल के कार्यकाल का हिस्सा है। पाकिस्तान जनवरी 2025 में दो साल के कार्यकाल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया था। पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में भारी समर्थन के साथ सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया और उसे 193 में से 182 वोट मिले थे। सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता का पद मासिक आधार पर 15 सदस्यों के बीच वर्णानुक्रम में बदलता रहता है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद ने सरकारी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) के संवाददाता से कहा, ''पाकिस्तान की अध्यक्षता पारदर्शी, समावेशी और उत्तरदायी होगी।'' राजदूत इफ्तिखार जुलाई में प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सुरक्षा परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने कहा कि वह जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य, दुनिया में बढ़ती अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरों, बढ़ते संघर्षों और गहराते मानवीय संकटों से पूरी तरह अवगत हैं। जुलाई में अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान, पाकिस्तान बहुपक्षवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, तथा संयुक्त राष्ट्र-इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) सहयोग पर दो उच्चस्तरीय कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा। उन्होंने कहा कि ये विषय बहुपक्षवाद, निवारक कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने में क्षेत्रीय संगठनों के साथ सहयोग जैसी साझा प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करते हैं। साथ ही, पश्चिम एशिया की स्थिति तथा अफ्रीका, यूरोप, एशिया और लैटिन अमेरिका के घटनाक्रमों सहित प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। राजदूत इफ्तिखार पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस से मिल चुके हैं और उन्हें जुलाई में सुरक्षा परिषद की कार्य योजना के बारे में जानकारी दे चुके हैं। पाकिस्तानी राजदूत ने एक साक्षात्कार में कहा, ''एक ऐसे देश के रूप में जिसने लगातार बातचीत और कूटनीति की वकालत की है, पाकिस्तान सुरक्षा परिषद के काम में सैद्धांतिक और संतुलित दृष्टिकोण लाता है। यह संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रयासों में पाकिस्तान के योगदान पर आधारित होगा।'' इससे पहले, पाकिस्तान 2012-13, 2003-04, 1993-94, 1983-84, 1976-77, 1968-69 और 1952-53 के दौरान सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य था। हिंदुस्तान के लिए कैसे खतरा? पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को गहरे जख्म दिए हैं। इसका बदला अब वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनकर कर ले सकता है। आशंका जताई जा रही है कि इस महीनेभर के दौरान पाकिस्तान भारत के खिलाफ नैरेटिव बनाने की कोशिश कर सकता है। भारत ने पिछले दिनों सिंधु जल संधि को रोककर पाकिस्तान को बूंद-बूंद के लिए तरसा दिया है, जिसके बाद से ही वह भारत के सामने पत्र लिखकर गिड़गिड़ा रहा है। ऐसे में यूएनएससी की अध्यक्षता मिलने के बाद वह इस स्टेज से भारत के खिलाफ झूठी बातें बोलकर फायदा उठाने की कोशिश कर सकता है। हालांकि, भारत भी मुंहतोड़ जवाब देना जानता है और समय-समय पर उसे बेनकाब भी करता आया है।