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भोपाल की बड़ी झील लबालब, भदभदा डैम के गेट खोलने की तैयारी में प्रशासन

भोपाल  नागरिकों के लिए राहत भरी खबर है। लगातार हो रही बारिश के चलते बड़ी झील का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अगर इसी तरह बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो जुलाई महीने के अंत तक भदभदा डैम के गेट खोले जा सकते हैं। रविवार दोपहर तक झील का जलस्तर 1660.10 फीट दर्ज किया गया, जबकि इसका फुल टैंक लेवल 1666.80 फीट है, जिस पर गेट खोले जाते हैं। नगर निगम ने संभावित स्थिति को ध्यान में रखते हुए भदभदा डैम पर दो इंजीनियरों की 24 घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी लगा दी है। ये इंजीनियर लगातार झील के जलस्तर की निगरानी कर रहे हैं और पल-पल की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे रहे हैं। यह स्थिति न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि जल आपूर्ति के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। भोपाल सहित पूरे प्रदेश में मानसून सक्रिय है और कई डैम पहले ही ओवरफ्लो हो चुके हैं। भोपाल में भी रोजाना अच्छी बारिश दर्ज की जा रही है, जिससे जलस्रोतों में भरपूर पानी एकत्र हो रहा है। यदि बारिश का यही रुख बना रहा, तो कुछ ही दिनों में बड़ी झील का जलस्तर फुल टैंक लेवल को छू सकता है, जिससे भदभदा डैम के गेट खोलने की नौबत आ सकती है। कोलांस नदी के कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश से भर रही झील वाटर वर्क्स के इंजीनियर अजय सिंह सोलंकी के मुताबिक, झील के जलस्तर में बढ़ोतरी का मुख्य कारण कोलांस नदी के कैचमेंट एरिया में हो रही भारी बारिश है। यह नदी मुख्यतः सीहोर जिले से बहती है और इसका पानी राजधानी की बड़ी झील तक पहुंचता है। पिछले एक सप्ताह से इसी कारण झील के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। तिघरा समेत कई डैम उफान पर, एमपी में रेड अलर्ट   मौसम विभाग (IMD) ने मध्यप्रदेश में रेड अलर्ट जारी किया है, अगले 24 घंटों में कई जिलों में अत्यधिक बारिश होने की संभावना है. ग्वालियर स्थित तिघरा (Tigra) डैम का जलस्तर अब 737.80 फिट तक पहुंच चुका है, जो इसकी अधिकतम क्षमता 740 फ़ीट के बेहद करीब है. यदि बारिश इसी गति से जारी रही, तो डैम के तीनों गेट खोलने पड़ेंगे. इसकी आशंका के कारण, प्रशासन ने ग्राम तिघरा, कैथा, तालपुरा, महिदपुर, पृथ्वीपुर, कुलैथ, अगरा भटपुरा, दुगनावली, तिलघना (ग्वालियर) और पहाड़ी, जखौदा, बानमोर (मुरैना) को अलर्ट घोषित कर मुनादी की है. लोगों को नदी के किनारे और निचले इलाकों में जाने से मना किया गया है. भारी बारिश से बाढ़ की आशंका, तिघरा समेत कई डैम उफान पर, एमपी में रेड अलर्ट मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. रीवा, सतना और जबलपुर में मूसलाधार बारिश की संभावना है, जबकि इंदौर, मंदसौर, सागर और छिंदवाड़ा में भी भारी वर्षा का अनुमान है. इस दौरान तेज हवाओं और बिजली गिरने की चेतावनी भी दी गई है. प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने और राहत शिविरों की व्यवस्था शुरू कर दी है. भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने ग्वालियर-चंबल, जबलपुर, रीवा, सागर, इंदौर, उज्जैन और होशंगाबाद संभागों के लिए भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है. प्रशासन ने संबंधित जिलों को रेड अलर्ट पर रखा है और नदी-नालों के आसपास बसे गांवों में सतर्कता के निर्देश जारी किए हैं. अगले 24 से 48 घंटे प्रदेश के लिए संवेदनशील माने जा रहे हैं. मौसम विभाग ने 15 जुलाई तक भारी बारिश का दौर जारी रहने की संभावना जताई है. तिघरा डैम का जलस्तर खतरे के निशान को पार ग्वालियर-चंबल संभाग में बारिश का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है. तिघरा डैम का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और इसे किसी भी वक्त खोला जा सकता है. डैम के आसपास के गांवों – कैथा, कुलैथ, तालपुरा, और पृथ्वीपुर समेत दर्जनों बस्तियों में बाढ़ की आशंका जताई गई है. जिला प्रशासन ने SDRF और नगर निगम की टीमें अलर्ट पर रखी हैं और गांवों में मुनादी करवाई जा रही है. रीवा, सागर और जबलपुर में भारी बारिश उधर रीवा और सागर संभाग में भी बारिश का जोर बना हुआ है. खेतों में जलजमाव और ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकानों पर खतरा गहराने लगा है. कई जगहों पर दीवारें गिरने की घटनाएं सामने आई हैं. प्रशासन ने इन क्षेत्रों में लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है. जबलपुर में अत्यधिक बारिश के आसार हैं. नर्मदा समेत सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. चेतावनी के तहत निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है. घाटों और तटीय इलाकों में जाने से मना किया गया है. इंदौर, उज्‍जैन, मंदसौर, छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम में बारिश का कहर इंदौर, उज्जैन और मंदसौर में गरज-चमक के साथ तेज बारिश का दौर जारी है. इन इलाकों में कई जगहों पर सड़कें पानी में डूब गई हैं और ट्रैफिक प्रभावित हुआ है. उज्जैन और रतलाम के पिकनिक स्पॉट्स और झरनों पर लोगों की भीड़ को रोकने के लिए पुलिस तैनात की गई है. छिंदवाड़ा और होशंगाबाद संभाग में भी मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है. तवा, डेनवा और अन्य नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. ग्रामीण इलाकों में कुछ स्कूल बंद कर दिए गए हैं और प्रशासन ने एहतियातन लोगों को उफनते नालों से दूर रहने की सलाह दी है. बड़ी झील के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी     बड़ी झील के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कोलांस नदी के कैचमेंट में अच्छी बारिश हो रही है। इसका फायदा बड़ी झील को मिल रहा है। – उदित गर्ग, अधीक्षण यंत्री, जलकार्य शाखा  

पाठ्यक्रम में होगा बड़ा बदलाव, छात्रों को सिखाई जाएगी अपने राज्य की विरासत और भूगोल

भोपाल  मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम पर फोकस होने की वजह से स्कूलों के विद्यार्थियों को प्रदेश के इतिहास, भूगोल, संस्कृति और सामाजिक-आर्थिक ढांचे की पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाती। ऐसे में तय हुआ है कि पाठ्यक्रम का 25 से 30 प्रतिशत हिस्सा मध्य प्रदेश के इतिहास, भौगोलिक-सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक परिवेश पर केंद्रित रहेगा। दरअसल, मध्य प्रदेश के स्कूलों में भाषा को छोड़कर अन्य सभी विषयों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम चलता है। अब प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने विभाग के अधिकारियों को एनसीईआरटी के लिए पत्र लिखकर इस योजना के मुताबिक बदलाव करने की अनुमति मांगने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने यह निर्देश हाल में हुई नई शिक्षा नीति 2020 की टास्क फोर्स समिति की बैठक में दिए। मंत्री ने कहा कि प्रदेश की स्कूली शिक्षा में भी प्रदेश का इतिहास, धरोहर, सांस्कृतिक विरासत समेत अन्य स्थानीय पाठ्यक्रम शामिल होना चाहिए। एनसीईआरटी की पुस्तकों में 25 से 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम मध्य प्रदेश का होना चाहिए। एनसीईआरटी से अनुमति मिलने के बाद पाठ्यक्रम समिति स्थानीय स्तर का पाठ्यक्रम प्रदेश की स्कूली शिक्षा की किताबों में शामिल करेंगे। नए पाठ्यक्रम को राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद (एससीईआरटी) की ओर से तैयार किया जाएगा। एससीईआरटी एकल इकाई बनेगी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को मजबूत किए जाने के लिए संचालक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। यह एकल इकाई के रूप में कार्य करेगी। इसके लिए एससीईआरटी को मजबूत करना होगा। अब बच्चे पढ़ेंगे अपने वीरों की कहानियां स्कूल एजुकेशन में नया अध्याय शुरू हो गया है. अब कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को महाराणा प्रताप, वीर दुर्गादास, शिवाजी और दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तियों की कहानियां पढ़ाई जाएंगी. इस नए सिलेबस का मकसद बच्चों में अपने राज्य के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति के प्रति गर्व और आत्मविश्वास पैदा करना है. राजस्थान सरकार ने नई पीढ़ी को अपनी ऐतिहासिक जड़ों से जोड़ने के लिए शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है. अब कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को एक नया सिलेबस पढ़ाया जाएगा जिसमें राज्य के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और महापुरुषों के योगदान को प्रमुखता दी गई है. यह बदलाव 2025-26 के नए शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा. आइए जानें School Syllabus Change के बारे में विस्तार से.

आज मंगलवार 15 जुलाई 2025 का पढ़ें दैनिक राशिफल

मेष राशि- मेष राशि वालों के लिए आज का दिन बेहद रोमांटिक साबित हो सकता है। आपके जीवन में काफी महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। लंबे समय से कमिटेड लोगों को शादी के लिए फैमिली का सपोर्ट मिल सकता है। वृषभ राशि- वृषभ राशि वालों के लिए दिन अच्छा रहेगा। आज हाई एनर्जी के साथ आप सभी टास्क को पूरा करेंगे। सिंगल लोगों को प्रपोज करने के लिए अभी एक दो दिन का इंतजार करना चाहिए। सेहत पर ध्यान दें। लव लाइफ में रोमांस बढ़ाने पर विचार करें। मिथुन राशि- मिथुन राशि वालों के लिए दिन शुभ रहने वाला है। किसी डील से भारी मात्रा में धन का आगमन हो सकता है। व्यापारियों को पार्टनरशिप करते दौरान सोच समझकर जरूरी डिसीजन लेने की सलाह दी जाती है। कर्क राशि- आज का दिन थोड़ा बिजी-बिजी फील हो सकता है। अत्यधिक कार्यभार के चलते आपकी पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ के बीच बैलेंस बिगड़ सकता है। तनाव को कम करने की कोशिश करें। सिंह राशि- सिंगल और मैरिड कपल्स की आज की लव लाइफ भी शानदार रहेगी। आज का आपका दिन उतार-चढ़ाव से भरपूर साबित हो सकता है। आपकी फाइनेंशियल सिचुएशन डगमगा सकती है। कन्या राशि- आज का दिन काम को भूलकर थोड़ा एन्जॉय करने का दिन है। फाइनेंशियल सिचुएशन आपकी स्ट्रांग रहने वाली है। स्वास्थय संबंधी छोटी-मोटी प्रॉब्लम हो सकती है। काम का प्रेशर कम लें। तुला राशि- आज का दिन इन्वेस्टमेंट करने के लिए शुभ नहीं माना जा रहा है। अपने शरीर के संकेतों को इग्नोर न करें। आपका का दिन पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर रहने वाला है। आज आपको आलस नहीं सताएगा। वृश्चिक राशि- आज का दिन बदलावों से भरपूर रहने वाला है। करियर तौर पर कोई नया प्रोजेक्ट या इन्वेस्टर मिल सकता है, जो आपके लिए फायदेमंद होगा। लव के मामले में सिंगल्स की क्रश से मुलाकात हो सकती है। धनु राशि- आज परिवार के साथ भी समय बिताएं। आज का दिन थोड़ा हलचल भरा साबित हो सकता है। लव लाइफ में प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशन निकालने पर फोकस रखें। वाद-विवाद से दूरी बनाएं। मकर राशि- आज सेहत के मामले में दिन बढ़िया है। खर्च को कंट्रोल में रखने की जरूरत है। आपका दिन खुशनुमा रहने वाला है। अपने पार्टनर को डेट पे ले जाने के लिए प्लान करें। स्ट्रेस कम लें। कुंभ राशि- आज का दिन प्रोडक्टिव रहने वाला है। बॉडी को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज या योग करें। साथ ही पॉजिटिव सोच भी रखें। कुछ महिलाओं को अपनी लव लाइफ टॉक्सिक लगेगी और वे इससे बाहर निकलना भी पसंद करेंगी। मीन राशि- आज पैसों के मामले में भाग्य आपके साथ है। आज आप डेडलाइन के भीतर ही सारे टास्क कंप्लीट कर लेंगे। धन आगमन के योग हैं लेकिन खर्चों को लेकर सावधान रहने की जरूरत भी है।

अहमदाबाद विमान हादसे में अमेरिकी साजिश? पायलटों पर ठीकरा और बोइंग को बचाने की कोशिश!

अहमदाबाद  अहमदाबाद प्लेन क्रैश के करीब 1 महीने बाद आई शुरुआती जांच रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि विमान का फ्यूल स्विच बंद होने की वजह से यह दुर्घटना हुई है। एएआईबी की रिपोर्ट यह बताती है कि दुर्घटनाग्रस्त बोइंग विमान 787 ड्रीमलाइनर का फ्यूल स्विच बंद होने होने की वजह से दो पायलटों के बीच भ्रम पैदा हुआ जो शायद दुर्घटना की वजह बनी। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि दुर्घटना के समय एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि आपने फ्यूल स्विच क्यों बंद कर दिया है? इस पर दूसरे पायलट ने यह जवाब दिया कि उसने बंद नहीं किया है। संभवत: पायलटों ने फ्यूल स्विच को फिर से चालू कर दिया हो, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। एएआईबी की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि फ्यूल स्विच बंद होने की स्थिति में विमान के दोनों इंजन में फ्यूल का प्रवाह बंद हो गया, जो दुर्घटना की बड़ी वजह हो सकता है। वहीं, बोइंग की इस मामले में फिर सफाई आई है कि अमेरिका की सरकारी एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और बोइंग ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि बोइंग प्लेन के फ्यूल स्विच लॉक एकदम सेफ हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं क्या यह अमेरिकी सरकार की साजिश है, जो वह बोइंग को बचा रही है?  आइए-समझते हैं। बोइंग और अमेरिकी एजेंसी ने क्या दी है सफाई FAA ने कहा है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच का डिजाइन, लॉकिंग फीचर्स, बोइंग के अलग-अलग विमानों में एक ही है। फिर भी हम इसे खतरे की स्थित नहीं मानते, जिसके लिए किसी भी बोइंग विमान मॉडल पर एयरवर्थनेस डायरेक्टिव देने की जरूरत पड़े। FAA और बोइंग की यह नोटिफिकेशन 11 जुलाई को अहमदाबाद-लंदन प्लेन क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद सामने आई, जिसमें इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच पर सवाल उठाए गए थे। फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के इंजन में फ्यूल के बहाव को कंट्रोल करते हैं। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर अमेरिकी सरकार बोइंग को क्यों बचा रही है। 6 साल में 2 बार बदला गया था थ्रस्ट कंट्रोल मॉड्यूल एयर इंडिया ने 2019 में बोइंग के निर्देश के बाद पिछले 6 सालों में अहमदाबाद-लंदन बोइंग 787-8 फ्लाइट के थ्रस्ट कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) को दो बार बदला था। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को बताया कि अहमदाबाद-लंदन प्लेन में TCM को 2019 और 2023 में बदला गया था। TCM में फ्यूल कंट्रोल स्विच होते हैं, जो प्लेन क्रैश हादसे की जांच का केंद्र बन गए हैं। क्योंकि 12 जून को अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट में ये स्विच टेकऑफ के तुरंत बाद बंद हो गए थे। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर कंपोजिट कार्बर फाइबर से बने हैं बोइंग 787 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग ने बनाया है। ये लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और पुराने बोइंग 767 को रिप्लेस करने के लिए लाया गया। ये फ्यूल-एफिशिएंट विमान है। इस विमान का 50% हिस्सा कार्बन फाइबर जैसे कम्पोजिट मटेरियल से बना है, जो इसे हल्का और मजबूत बनाता है। वहीं, ड्रीमलाइनर की खिड़कियां किसी भी कॉमर्शियल विमान में सबसे बड़ी हैं। केबिन का प्रेशर 1,900 मीटर की ऊंचाई जैसा रखा जाता है, जिससे ऑक्सीजन 8% ज्यादा रहती है और थकान कम होती है। केबिन में रंग बदलने वाली LED लाइट्स हैं, जो टाइम जोन बदलने का असर कम करती हैं। बोइंग की बैटरी में आ चुकी है खराबी की बात बोइंग 787 ड्रीमलाइनर अपनी सहायक बिजली इकाई (APU) के लिए और इलेक्ट्रॉनिक उड़ान प्रणालियों के लिए बैकअप के रूप में लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग करता है। इन बैटरियों को उनके हाई एनर्जी डेंसिटी और लॉन्ग लाइफ साइकिल के लिए चुना गया था। हालांकि, वे सुरक्षा मुद्दों से जुड़े रहे हैं, जिसमें ओवरहीटिंग और आग लगना शामिल है, जिसके कारण 2013 में पूरे 787 बेड़े को अस्थायी रूप से ग्राउंडेड कर दिया गया था। सितंबर 2012 में तत्कालीन सरकारी स्वामित्व वाली एयर इंडिया लिमिटेड (AIL) के बेड़े में शामिल होने के तुरंत बाद सभी छह नए बोइंग 787 'ड्रीमलाइनर्स' के बैच को उनकी लिथियम-आयन बैटरी की खराबी के कारण चार महीने से अधिक समय (17 जनवरी, 2013 से 4 जून, 2013 तक) के लिए रोक दिया गया था। बोइंग के विमानों की बैटरी में शॉर्ट सर्किट नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 2017 की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया था। कुल मिलाकर एआईएल ने मेसर्स बोइंग से 27 बी-787-800 विमानों का ऑर्डर दिया था। हाई एनर्जी डेंसिटी और लॉन्ग लाइफ के लिए चुने गए विमान में लिथियम ऑयन बैटरियों का इस्तेमाल सहायक बिजली इकाई (APU) को शुरू करने और इलेक्ट्रॉनिक उड़ान प्रणालियों के लिए बैकअप पावर प्रदान करने के लिए किया गया था। हालांकि, शॉर्ट-सर्किट या उच्च परिचालन तापमान होने पर वे आग लगने जैसे अंतर्निहित सुरक्षा जोखिम हैं। उस वक्त सीएजी ने विमान के मैकेनिकल खामी बताई गई थी। जनवरी 2013 में दो नए ड्रीमलाइनर 787-8 विमान जापान की दो एयरलाइन कंपनियों के बेड़े में शामिल किए गए थे। इनमें लगी लीथियम आयन (Li-Ion) बैटरी में आग लगने से इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी। इसके बाद अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 3 महीने के लिए दुनिया भर में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी थी। बोइंग ने फिर अपने बैटरी सिस्टम में सुधार किया। बोइंग के विमानों में खराबी की भी बात आई 2020 से 2022 के दौरान ड्रीमलाइनर में कई बार मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट की खबरें आईं। दरअसल, ड्रीमलाइनर एक वाइड-बॉडी पैसेंजर प्लेन है। इसके हिस्से अलग-अलग बनते हैं, जिन्हें बाद में जोड़ा जाता है। इस दौरान कई विमानों में बॉडी के जोड़े गए हिस्सों में ज्यादा गैप की शिकायत आई। बॉडी में इस्तेमाल होने वाले कार्बन-फाइबर के हिस्सों को भी ठीक से नहीं जोड़ा गया था। बॉडी का झुकाव भी ठीक नहीं था। 2020 से 2022 के दौरान बोइंग ने एयरलाइंस को ड्रीमलाइनर की डिलीवरी रोक दी। अमेरिकी संस्था FAA ने निगरानी बढ़ाई और कई दूसरी कंपनियों को एयरक्राफ्ट डिलीवर करने की मंजूरी दी। बोइंग ने भी माना कि ड्रीमलाइनर की मैन्युफैक्चरिंग में कई तरह की गड़बड़ी थी। हालांकि, बोइंग का दबाव अमेरिकी सरकार पर … Read more

सुप्रीम कोर्ट की मुहर, सिमी पर लगा प्रतिबंध बना रहेगा

नई दिल्ली  सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें सिमी के प्रतिबंध को और पांच साल बढ़ाने के आदेश को चुनौती दी गई थी। दरअसल न्यायाधिकरण ने अपने एक फैसले में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर और पांच साल तक और प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने, न्यायाधिकरण के 24 जुलाई 2024 को दिए गए आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।  केंद्र सरकार ने 29 जनवरी 2024 को सिमी पर और पांच साल प्रतिबंध जारी रखने का फैसला किया। इसके बाद गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 के तहत न्यायाधिकरण का गठन किया गया। सिमी को पहली बार साल 2001 में प्रतिबंधित घोषित किया गया। उस वक्त केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी। उसके बाद से इस संगठन पर प्रतिबंध जारी है। सिमी की स्थापना 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुई थी। जमीयत ए इस्लामी हिंद में विश्वास रखने वाले युवाओं और छात्रों ने सिमी का गठन किया था।  चुनाव चिन्ह विवाद पर अगस्त में होगी सुनवाई चुनाव चिन्ह विवाद पर शिवसेना यूबीटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगस्त में सुनवाई करेगा। शिवसेना यूबीटी ने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है। स्पीकर ने धनुष बाण चुनाव चिन्ह को एकनाथ शिंदे गुट को देने का आदेश दिया था। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि यह मामला लंबे समय से लंबित है और अब इस पर असमंजस की स्थिति को जारी रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती।  पीठ ने शिवसेना यूबीटी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि हम मामले की सुनवाई अगस्त में तय कर रहे हैं। सिब्बल ने कहा कि राज्य में निकाय चुनाव होने हैं, ऐसे में वे चाहते हैं कि मामले पर जल्द सुनवाई हो। हालांकि एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने जल्द सुनवाई का विरोध किया और कहा कि अदालत पहले ही कह चुकी है कि वे जल्द सुनवाई नहीं कर सकते।

खूबसूरती के मापदंड पर सवाल: सांवली मॉडल ने समाज के तानों से तंग आकर दी जान

तमिलनाडु मिस डार्क क्वीन कहे जाने वाली  26 साल की सैन राहेल अब इस दुनिया में नहीं रही। तमिलनाडु 2019 का खिताब जीतने वाली मॉडल ने नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली।  मॉडल की मौत के बाद एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने अपने इस कदम  के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से सांवली त्वचा वाले लोगों, खासकर महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव के बारे में बात की थी। पूर्व मिस पुडुचेरी और फैशन उद्योग में समावेशिता की पैरोकार सन रेचल गांधी का शनिवार को जवाहरलाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (JIPMER) में निधन हो गया। 26 वर्षीय रेचल ने कथित तौर पर 5 जुलाई को नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था।  इलाज के दौरान राहेल की तबीयत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। रेचल को फैशन उद्योग में बाधाओं को तोड़ने और विविधता की पैरवी करने के लिए जाना जाता था। उन्होंने कम उम्र में ही अपनी मां को खो दिया था, उनका पालन-पोषण उनके पिता गांधी ने किया जिन्होंने मॉडलिंग में करियर बनाने के उनके सपनों का समर्थन किया। त्वचा के रंग को लेकर उद्योग के पूर्वाग्रहों को चुनौती देते हुए, रेचल रंगभेद के खिलाफ एक सशक्त आवाज बनकर उभरीं और 'गोरी त्वचा' के मानकों के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए पहचान हासिल की। रेचल ने लंदन, जर्मनी और फ्रांस में अंतर्राष्ट्रीय मॉडलिंग प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया और महिला सुरक्षा के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, हाल ही में विवाहित रेचल कथित तौर पर अवसाद से जूझ रही थी। 5 जुलाई को, उसने कथित तौर पर नींद की गोलियों का ओवरडोज़ ले लिया और उसके पिता उसे पहले पुडुचेरी के सरकारी अस्पताल ले गए। बाद में उसे एक निजी अस्पताल और फिर जिपमर ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

विधानसभा परिसर में पौधरोपण कर मुख्यमंत्री ने दिया स्वच्छ पर्यावरण का संदेश

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर स्थित नवीन विधानसभा परिसर में विधिवत पूजा-अर्चना कर गुलमोहर का पौधा रोपित किया। मुख्यमंत्री साय 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' वृक्षारोपण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप सहित मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्य एवं विधानसभा के सभी सदस्यों ने भी गुलमोहर का पौधारोपण किया। कार्यक्रम में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, विधानसभा सचिव दिनेश शर्मा, अपर मुख्य सचिव (वन) ऋचा शर्मा, छत्तीसगढ वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोंपज संघ अनिल साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण कुमार पाण्डेय,मुख्य वन संरक्षक राजू अगासमणि भी उपस्थित थे।

चिकित्सा सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए अधोसंरचना विकास और मानव संसाधन उपलब्धता समयसीमा में हो : उप मुख्यमंत्री शुक्ल

  उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में दिए निर्देश भोपाल उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय में प्रदेश के चिन्हित चिकित्सा महाविद्यालयों में ऑन्को सर्जरी विभाग की स्थापना के प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था एवं विशेषज्ञ मानव संसाधन की उपलब्धता समय से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने ग्वालियर चिकित्सा महाविद्यालय में सीटीवीएस (हृदय बायपास सर्जरी) विभाग की स्थापना हेतु प्रक्रियागत कार्यवाही को गति देने पर बल दिया। उन्होंने इंदौर चिकित्सा महाविद्यालय में पीडियाट्रिक मेडीसिन एवं नियोनैटोलॉजी विभाग की स्थापना कार्य को भी प्राथमिकता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से नर्सिंग पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए नियमों में आवश्यक संशोधन कर भर्ती मांग पत्र शीघ्र प्रेषित करने के निर्देश दिए। बैठक में मेडिकल कॉलेजों में कैथ लैब की स्थापना के कार्यों की समीक्षा कर उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता से कार्यवाही करें, जिससे हृदय रोगियों को सुलभ उपचार मिल सके। उन्होंने अत्याधुनिक चिकित्सकीय उपकरण खरीदी के कार्यों की समीक्षा की और समस्त औपचारिकताओं की समय से पूर्ति कर समयबद्ध रूप से प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव तथा आयुक्त चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।  

दिग्गज अभिनेत्री सरोजा देवी का 87 वर्ष की उम्र में निधन

चेन्नई, तमिल सिनेमा ने एक महान हस्ती को खो दिया है। दिग्गज अभिनेत्री बी. सरोजा देवी का 87 वर्ष की उम्र में सोमवार को बेंगलुरु के मल्लेश्वरम स्थित उनके निवास पर उम्र से संबंधित बीमारियों के कारण निधन हो गया। सात जनवरी 1938 को बेंगलुरु में जन्मी सरोजा देवी दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग, विशेष रूप से तमिल और कन्नड़ सिनेमा में एक जाना-माना नाम थीं। छह दशकों से अधिक के अपने करियर में, उन्होंने लाखों प्रशंसकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी। सरोजा देवी ने अपने करियर में कन्नड़, तमिल, तेलुगु और हिंदी भाषाओं में 200 से ज्यादा फिल्में की थीं। वह तमिल सिनेमा की प्रमुख अभिनेत्री थीं, जिन्होंने नडोडी मन्नन (1958), थाई सोल्लई थट्टाधे और एंगा वीट्टू पिल्लई जैसी उल्लेखनीय फिल्मों में काम किया। उन्होंने एम.जी. रामचंद्रन के साथ लगातार 26 हिट फिल्में दीं। उन्होंने कम उम्र में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की और अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से जल्दी ही प्रसिद्धि हासिल की। उन्होंने कई प्रतिष्ठित फिल्मों में काम किया और अपने समय के दिग्गज अभिनेताओं के साथ जोड़ी बनाई। उनकी ऑन-स्क्रीन मौजूदगी और बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें व्यापक प्रशंसा दिलाई और वह अपने युग की सबसे प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में से एक बन गईं। अपने शानदार करियर के दौरान सरोजा देवी ने सिनेमा में अपने योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए, जिनमें 1969 में पद्म श्री, 1992 में पद्म भूषण और बैंगलोर विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट उपाधि शामिल हैं। उनकी विरासत आज भी उभरते हुए अभिनेताओं और अभिनेत्रियों को प्रेरित करती है और उनकी फिल्में आज भी सराही जाती हैं। उनके निधन की खबर ने फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ा दी है। प्रशंसक, सहकर्मी और शुभचिंतक उनके उल्लेखनीय जीवन और करियर को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। दिग्गज अभिनेता रजनीकांत ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'लाखों प्रशंसकों के दिलों पर राज करने वाली महान अभिनेत्री सरोजा देवी अब हमारे बीच नहीं रहीं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।'  

स्वाद में मीठा, सेहत में जानलेवा – जलेबी और समोसा सिगरेट जितने खतरनाक!

नागपुर  भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने समोसा, जलेबी और लड्डू जैसे लोकप्रिय भारतीय नाश्तों को लेकर एक निर्देश जारी किया है। मंत्रालय ने अब सिगरेट की तरह इन नाश्तों को भी एक स्वास्थ्य चेतावनी के साथ परोसने की योजना बनाई है। इस कदम का उद्देश्य देश में बढ़ते मोटापे और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर लगाम लगाना है। मोटापे की बढ़ती समस्या स्वास्थ्य मंत्रालय के आंतरिक दस्तावेजों के अनुसार, भारत में मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य बीमारी बनती जा रही है। मंत्रालय की मानें तो साल 2050 तक भारत में 44.9 करोड़ लोग मोटापे से ग्रस्त हो जाएंगे। जिससे भारत अमेरिका के बाद इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित देश बन सकता है। वर्तमान में, हर पांच में से एक शहरी वयस्क मोटापे का शिकार है। बच्चों में मोटापे की बढ़ती दर, गलत खानपान की आदतें और शारीरिक गतिविधियों की कमी ने इस चिंता को और भी बढ़ा दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के केंद्रीय संस्थानों जैसे कि नागपुर के AIIMS, को निर्देश दिया है कि वे 'तेल और शुगर बोर्ड' (Oil and Sugar Boards) लगाएं। इन बोर्डों पर खाद्य पदार्थों में मौजूद छिपे हुए फैट और चीनी की मात्रा की स्पष्ट जानकारी लिखें। समोसा, जलेबी, लड्डू, वड़ा पाव, पकोड़ा जैसे तले हुए और चीनी से भरपूर नाश्तों को इस सूची में शामिल किया गया है। मंत्रालय का मानना है कि इन खाद्य पदार्थों में उच्च मात्रा में ट्रांस-फैट, संतृप्त वसा और चीनी की अधिक मात्रा होती है। जो मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का प्रमुख कारण हैं। ऐसे में सरकार कैफे, रेस्तरां और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर मेन्यू कार्ड्स और पैकेजिंग पर स्वास्थ्य चेतावनी छापने की योजना बना रही है।  क्या बोले कार्डियॉलजिस्ट AIIMS नागपुर के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें यह आदेश मिल गया है और वे कैंटीन और सार्वजनिक जगहों पर ये बोर्ड लगाने की तैयारी कर रहे हैं। कार्डियॉलजिक सोसाइटी ऑफ इंडिया की नागपुर शाखा के अध्यक्ष डॉ. अमर अमाले ने कहा, 'यह खाने की चीज़ों पर लेबल लगाने की शुरुआत है, जो सिगरेट की चेतावनी जितनी ही ज़रूरी होगी।' उन्होंने आगे कहा कि हम सालों से कह रहे हैं कि चीनी और ट्रांस फैट अब नए तंबाकू हैं। लोगों को यह जानने का हक है कि वे क्या खा रहे हैं। भारत बनने वाला है दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोटापा का केंद्र सरकार की चिट्ठी में कुछ डराने वाले आंकड़े दिए गए हैं। इसमें बताया गया है कि 2050 तक 44.9 करोड़ से ज़्यादा भारतीय या तो ज़्यादा वज़न वाले होंगे या मोटापे का शिकार हो जाएंगे। इससे भारत दुनिया में मोटापे का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा। शहरों में पहले से ही हर पांच में से एक वयस्क ज़्यादा वज़न वाला है। बच्चों में मोटापे की बढ़ती समस्या भी चिंता का विषय है, जिसका कारण खराब खानपान और सुस्त जीवनशैली है। 'चीनी और तला भोजन दे रहा बीमारियां' अधिकारियों का कहना है कि यह पहल गैर-संचारी रोगों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग से लड़ने का एक हिस्सा है। इन बीमारियों का सीधा संबंध ज़्यादा चीनी और तेल वाले भोजन से है। एक बार लगने के बाद, ये बोर्ड सरकारी दफ्तरों और संस्थानों में चुपचाप खड़े संतरी की तरह काम करेंगे। ये लोगों को याद दिलाएंगे कि दिखने में मासूम लड्डू में इतनी चीनी हो सकती है कि वह आपकी सेहत के लक्ष्यों को बर्बाद कर दे। पीएम के फिट इंडिया अभियान का हिस्सा वरिष्ठ मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा कि यह खाने पर पाबंदी लगाने के बारे में नहीं है। लेकिन अगर लोगों को पता चले कि एक गुलाब जामुन में पांच चम्मच चीनी हो सकती है, तो वे दूसरी बार खाने से पहले सोच सकते हैं। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'फिट इंडिया' अभियान को आगे बढ़ाता है। इसमें उन्होंने तेल के इस्तेमाल में 10% की कटौती करने की बात कही थी। अब नागपुर उस संदेश को सबसे आगे रखने के लिए तैयार है, भले ही इसका मतलब ऑफिस के स्नैक काउंटर पर कुछ अजीब नज़रों का सामना करना पड़े। इसलिए, अगली बार जब आप किसी सरकारी कैंटीन में समोसे के लिए हाथ बढ़ाएं, तो हैरान न हों अगर पास में एक रंगीन बोर्ड धीरे से कहे, समझदारी से खाएं। आपका भविष्य आपको धन्यवाद देगा। यह पहल लोगों को स्वस्थ रहने के लिए जागरूक करने की एक कोशिश है। सरकार चाहती है कि लोग खाने-पीने की चीज़ों में मौजूद चीनी और तेल की मात्रा के बारे में जानें और अपनी सेहत का ख्याल रखें। समोसा, जलेबी और लड्डू ही क्यों चुने गए? अब सोचने वाली बात यह है कि सिर्फ समोसा, जलेबी और लड्डू को ही क्यों चुना गया। तो बताते चले समोसा, जलेबी और लड्डू भारतीय संस्कृति में लोकप्रिय खाद्य पदार्थ हैं। चाय के साथ यग घर पर आए मेहमानों के लिए अक्सर समोसा परोसा जाता है। कोई भी शुभ अवसर हो तो मुंह मीठा करने के लिए लड्डू और जलेबी खाई जाती है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इन सभी खाद्य पदार्थों में मौजूद उच्च कैलोरी, तेल, और चीनी इन्हें स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा बनाती है। समोसा: तेल में तला हुआ, जिसमें मैदा और आलू या मांस की स्टफिंग होती है, जो ट्रांस-फैट और कैलोरी से भरपूर होता है। जलेबी: चीनी की चाशनी में डूबी जलेबी में अत्यधिक शुगर होती है, जो मधुमेह और वजन बढ़ने का कारण बन सकती है। लड्डू: घी और चीनी से बने लड्डू में संतृप्त वसा और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इन खाद्य पदार्थों की लोकप्रियता और रोजमर्रा के खानपान में इनका व्यापक उपयोग इन्हें चेतावनी सूची में शामिल करने का प्रमुख कारण है।