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सुप्रीम कोर्ट की मुहर, सिमी पर लगा प्रतिबंध बना रहेगा

नई दिल्ली  सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें सिमी के प्रतिबंध को और पांच साल बढ़ाने के आदेश को चुनौती दी गई थी। दरअसल न्यायाधिकरण ने अपने एक फैसले में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर और पांच साल तक और प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने, न्यायाधिकरण के 24 जुलाई 2024 को दिए गए आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।  केंद्र सरकार ने 29 जनवरी 2024 को सिमी पर और पांच साल प्रतिबंध जारी रखने का फैसला किया। इसके बाद गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 के तहत न्यायाधिकरण का गठन किया गया। सिमी को पहली बार साल 2001 में प्रतिबंधित घोषित किया गया। उस वक्त केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी। उसके बाद से इस संगठन पर प्रतिबंध जारी है। सिमी की स्थापना 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुई थी। जमीयत ए इस्लामी हिंद में विश्वास रखने वाले युवाओं और छात्रों ने सिमी का गठन किया था।  चुनाव चिन्ह विवाद पर अगस्त में होगी सुनवाई चुनाव चिन्ह विवाद पर शिवसेना यूबीटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगस्त में सुनवाई करेगा। शिवसेना यूबीटी ने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है। स्पीकर ने धनुष बाण चुनाव चिन्ह को एकनाथ शिंदे गुट को देने का आदेश दिया था। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि यह मामला लंबे समय से लंबित है और अब इस पर असमंजस की स्थिति को जारी रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती।  पीठ ने शिवसेना यूबीटी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि हम मामले की सुनवाई अगस्त में तय कर रहे हैं। सिब्बल ने कहा कि राज्य में निकाय चुनाव होने हैं, ऐसे में वे चाहते हैं कि मामले पर जल्द सुनवाई हो। हालांकि एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने जल्द सुनवाई का विरोध किया और कहा कि अदालत पहले ही कह चुकी है कि वे जल्द सुनवाई नहीं कर सकते।

खूबसूरती के मापदंड पर सवाल: सांवली मॉडल ने समाज के तानों से तंग आकर दी जान

तमिलनाडु मिस डार्क क्वीन कहे जाने वाली  26 साल की सैन राहेल अब इस दुनिया में नहीं रही। तमिलनाडु 2019 का खिताब जीतने वाली मॉडल ने नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली।  मॉडल की मौत के बाद एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने अपने इस कदम  के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से सांवली त्वचा वाले लोगों, खासकर महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव के बारे में बात की थी। पूर्व मिस पुडुचेरी और फैशन उद्योग में समावेशिता की पैरोकार सन रेचल गांधी का शनिवार को जवाहरलाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (JIPMER) में निधन हो गया। 26 वर्षीय रेचल ने कथित तौर पर 5 जुलाई को नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था।  इलाज के दौरान राहेल की तबीयत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। रेचल को फैशन उद्योग में बाधाओं को तोड़ने और विविधता की पैरवी करने के लिए जाना जाता था। उन्होंने कम उम्र में ही अपनी मां को खो दिया था, उनका पालन-पोषण उनके पिता गांधी ने किया जिन्होंने मॉडलिंग में करियर बनाने के उनके सपनों का समर्थन किया। त्वचा के रंग को लेकर उद्योग के पूर्वाग्रहों को चुनौती देते हुए, रेचल रंगभेद के खिलाफ एक सशक्त आवाज बनकर उभरीं और 'गोरी त्वचा' के मानकों के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए पहचान हासिल की। रेचल ने लंदन, जर्मनी और फ्रांस में अंतर्राष्ट्रीय मॉडलिंग प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया और महिला सुरक्षा के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, हाल ही में विवाहित रेचल कथित तौर पर अवसाद से जूझ रही थी। 5 जुलाई को, उसने कथित तौर पर नींद की गोलियों का ओवरडोज़ ले लिया और उसके पिता उसे पहले पुडुचेरी के सरकारी अस्पताल ले गए। बाद में उसे एक निजी अस्पताल और फिर जिपमर ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जून में महंगाई छह साल के सबसे निचले स्तर पर, खाने-पीने के सामान सस्ते होने से राहत

नई दिल्ली जून महीने के रिटेल महंगाई घटकर 2.10% पर आ गई है। ये 77 महीने का निचला स्तर है। इससे पहले जनवरी 2019 में ये 2.05% रही थी। वहीं मई 2025 में ये 2.82% और अप्रैल 2025 में रिटेल महंगाई 3.16% पर थी। खाने-पीने के सामान की कीमतों में लगातार नरमी के कारण रिटेल महंगाई घटी है। आज यानी 14 जुलाई को रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी किए हैं। रिटेल महंगाई फरवरी से RBI के लक्ष्य 4% से नीचे है। महंगाई (Inflation) के मोर्चे पर देश की जनता के लिए एक अच्छी खबर आई. सरकार की ओर से जून महीने में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation In June) का आंकड़ा जारी किया गया, जो राहत भरा है. दरअसल, मई के 2.82 फीसदी की तुलना में जून में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) गिरकर 2.10 फीसदी पर आ गई और ये आंकड़ा महंगाई का छह साल का निचला स्तर है. खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी का असर महंगाई पर देखने को मिला है. दूध, मसाले, दाल और सब्जियों समेत अन्य चीजों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है.  खाद्य महंगाई घटने का असर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से सोमवार को महंगाई दर के आंकड़े जारी करते हुए कहा गया है कि CPI में ये गिरावट खाद्य महंगाई दर (Food Inflation) में आई बड़ी कमी के चलते देखने को मिली है. जून महीने में खासतौर पर सब्जियों, दालों और इससे संबंधित उत्पादों के साथ ही मांस और मछली, अनाज, चीनी और मिठाई, दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स के अलावा मसालों की कीमतें घटी हैं.  जून में खाने-पीने के सामानों की कीमत घटी     महंगाई के बास्केट में लगभग 50% योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है। इसकी महीने-दर-महीने की महंगाई 0.99% से घटकर माइनस 1.06% हो गई है।     जून महीने में ग्रामीण महंगाई दर 2.59% से घटकर 1.72% हो गई है। वहीं शहरी महंगाई 3.12% से घटकर 2.56% पर आ गई है। 2019 के बाद सबसे कम महंगाई सरकार की ओर से Inflation के आंकड़े जारी करते हुए बयाता गया मई की तुलना में जून महीने में खुदरा महंगाई दर 72 बेसिस पॉइंट कम हुई है और यह जनवरी 2019 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम है और ये लगातार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4 फीसदी के मध्यम अवधि टारगेट से नीचे बनी हुई है. ये लगातार पांचवां महीना है, जबकि Retail Inflation इस दायरे से नीचे है. वहीं देश में लगातार 8वें महीने खुदरा महंगाई दर सेंट्रल बैंक की अपर लिमिट 6% से नीचे रही है.इस बीच ग्रामीण महंगाई दर -0.92% और शहरी क्षेत्रों में महंगाई -1.22% है.  RBI ने जताया है ये अनुमान गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल की शुरुआत से अब तक लगातार तीन बार ब्याज दरों में कटौती (Repo Rate Cut) किया है और जून महीने में हुई एमपीसी बैठक के बाद इसमें 50 फीसदी कटौती का ऐलान किया गया था, जिसके बाद ये 5.5 फीसदी रह गया है. RBI ने रेपो रेट कट का ऐलान करते हुए कहा था कि महंगाई में उल्लेखनीय कमी आई है और उम्मीद है कि यह जारी रहेगी. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने FY26 के लिए अपने खुदरा महंगाई दर (CPI) पूर्वानुमान को अप्रैल के 4% से संशोधित करते हुए 3.70% फीसदी कर दिया था.  विश्लेषकों का मानना है कि जरूरी सामानों की बेहतर आपूर्ति और सरकार द्वारा खाद्य भंडार के बेहतर प्रबंधन ने कीमतों में बढ़ोतरी को कंट्रोल करने में मदद मिली है.  महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है? महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी। CPI से तय होती है महंगाई एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मैन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें भी होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 300 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है।  

हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गाइडलाइन जरूरी बताई

नई दिल्ली सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ FIR दर्ज कराने वाले वजाहत खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लोगों के लिए भी सोशल मीडिया पोस्ट पर गाइडलाइन की जरूरत बताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिक खुद संयम क्यों नहीं रख सकते? सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मोल समझना चाहिए. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो राज्य हस्तक्षेप करेगा. कोई नहीं चाहता कि राज्य हस्तक्षेप करे. उचित प्रतिबंध सही हैं, यह 100% पूर्ण अधिकार नहीं हो सकता, लेकिन नागरिक इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं. वे बस एक बटन दबाते हैं और सब कुछ ऑनलाइन पोस्ट हो जाता है. ऐसे मामलों से क्यों अदालतें पटी पड़ी हैं? नागरिकों के लिए क्यों ना दिशा निर्देश हों? हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने तीन अन्य राज्यों में वजाहत खान को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि बढ़ा दी. खान को पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों में दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई पर रोक लगा दी थी  जस्टिस बीवी नागरत्ना ने अमेरिका का दिया उदाहरण जस्टिस बी वी नागरत्ना ने नागरिकों के लिए नियमन और दिशा-निर्देश बनाने की वकालत की और केंद्र तथा राज्य सरकारों से इस पर विचार करने को कहा. जस्टिस नागरत्ना ने अमेरिका का उदाहरण दिया, जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ बोलने की विषय-वस्तु पर भी ध्यान दिया जाता है. जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि राय रखना एक बात है, लेकिन उसे किसी खास तरीके से कहना एक दुरुपयोग है. कभी-कभी यह अभद्र भाषा के संदर्भ में अदालत में नहीं आएगा. नागरिकों के बीच भाईचारा होना चाहिए, तभी यह सारी नफ़रत कम होगी.  पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों में गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी. आरोपी वजाहत खान ने अपने खिलाफ कई राज्यों में दर्ज मुकदमों को एक जगह ट्रांसफर किए जाने की मांग की है. वजाहत खान के खिलाफ असम , पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई है. शर्मिष्ठा पनोली का क्या है मामला कोलकाता पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर गुरुग्राम से शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया था. सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर पर आरोप है कि उसने सांप्रदायिक टिप्पणियों वाला एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें दावा किया गया था कि बॉलीवुड अभिनेता ऑपरेशन सिंदूर पर चुप्पी साधे हुए हैं. इसके बाद कोलकाता की एक अदालत ने पनोली को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सोशल मीडिया ‘कंटेंट क्रिएटर' शर्मिष्ठा पनोली की गिफ्तारी ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी थी. कई लोग उसकी गिरफ्तारी को जायज ठह रहे थे तो कई नाजायज. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर कई लोग शर्मिष्ठा के समर्थन में नजर आए तो कुछ उनके खिलाफ. कंटेंट क्रिएटर की गिरफ्तारी पर बंगाल सरकार और पुलिस दोनों की आलोचना भी हुई. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी पश्चिम बंगाल पुलिस से सोशल मीडिया ‘कंटेंट क्रिएटर' शर्मिष्ठा पनोली के मामले में "न्यायसंगत" कार्रवाई करने की अपील की थी. इस मामले में जमकर सियासत भी हुई. बेंच ने कहा कि नफरती भरे भाषणों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है, लेकिन ये भी सुनिश्चित करने की जरूरत होगी कि किसी की भी बोलने की आजादी को कुचला न जाए. लोगों को भी अभिव्यक्ति की अधिकार का महत्व समझना चाहिए. यह अधिकार बेशकीमती है. बेंच ने कहा कि लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मूल्य समझना चाहिए. राज्य को हर बार बीच में आकर कार्रवाई करनी पड़े, ये स्थिति नहीं होनी चाहिए. हेट स्पीच जैसे कंटेंट पर कुछ नियंत्रण ज़रूरी है. आम नागरिकों को भी ऐसे कंटेंट को शेयर करने, प्रमोट या लाइक करने से बचना चाहिए.  वजहात खान को कोर्ट से मिली राहत  वजहात खान के वकील ने कोर्ट में पुराने ट्वीट्स के लिए माफी मांगी. वकील ने कहा कि मेरी शिकायत ही मेरे लिए मुश्किल बनते जा रही है. मैंने इसके लिए माफी मांग ली है. लेकिन मैं बस यही चाहता हूं कि कोर्ट देखे कि FIR वाकई उन्हीं ट्वीट्स से जुड़ी है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि हर बार नया FIR और जेल में डालने का क्या मतलब है? इससे कोई समाधान नहीं निलकलेगा. कोर्ट की बड़ी टिप्पणी न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि अब पोस्ट डिलीट करने का कोई मतलब नहीं है, एक बार जो इंटरनेट पर चीजें डल जाती हैं वो हमेशा के लिए रहती हैं. अभिव्यक्ति की आजादी बहुत ही अहम मौलिक अधिकार है. लेकिन इसका दुरुपयोग करने से बस अदालतों में भीड़ बढ़ती है.  पिछली सुनवाई में क्या हुआ? 24 जून को हुई पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एजी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने केंद्र सरकार और असम, दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था. यह नोटिस वजाहत खान की याचिका पर दिया गया था, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज सभी FIR को एक साथ जोड़ने की मांग की गई. वजाहत खान पर क्या आरोप हैं? वजाहत खान पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट किए जो कथित तौर पर धार्मिक घृणा और साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ावा देते हैं. उनके खिलाफ कई राज्यों में FIR दर्ज हुई हैं. 9 जून को वजाहत खान को गिरफ्तार किया गया था. एक FIR में वे पुलिस हिरासत में हैं और दूसरी FIR में न्यायिक हिरासत में.

आज होगा शुभांशु का पुनर्जन्म सा आगमन, माता-पिता ने भोलेनाथ को कहा धन्यवाद

नई दिल्ली भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिन बाद सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापसी करेंगे। शुभांशु  Axiom-4 मिशन के तहत तीन अन्य साथियों के साथ अंतरिक्ष यात्रा पर हैं। कुछ ही घंटे में उनका सफर वापस पृथ्वी के लिए शुरू होने वाला है। इधर, लखनऊ में शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला और मां आशा शुक्ला बेसब्री से बेटे के लौटने का इंतजार कर रहे हैं। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में पिता ने कहा कि हम काफी उत्साहित हैं। बेटे के स्वागत के लिए तैयार हैं। आज शाम को अनडॉकिंग होगी। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि उनका मिशन पूरा हो गया है। सभी को उनके लौटने का इंतजार है। उन्होंने आगे कहा कि हम सुबह मंदिर गए। घर पर भी पूजा-अर्चना की। हमने भोलेनाथ से प्रार्थना की है कि वे हमें आशीर्वाद दें कि बेटा और उसके साथ पृथ्वी पर सुरक्षित उतरें। हमें उन पर बहुत गर्व है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारा बेटा इतनी ऊंचाइयों को छुएगा। हमें लगता है कि हम भाग्यशाली हैं कि हमारे घर ऐसा बेटा पैदा हुआ। जिसके नाम से हम लोग जाने जाते हैं। शुभांशु की मां आशा कहती हैं कि हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा करें। जल्द से जल्द धरती पर वापस आकर हमसे मिलें। हम उनका भव्य स्वागत करेंगे।  हमारा बच्चा सकुशल वापस आ जाए: शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला ने कहा कि हम बहुत उत्साहित हैं। हमें यह जानकर बहुत अच्छा लग रहा है कि हमारा बच्चा 17-18 दिनों बाद वापस आ रहा है… अगर हमारा बस चलता, तो हम उससे मिलने वहां दौड़ पड़ते। लेकिन यह संभव नहीं है। बहुत उत्साह है… आज भगवान शिव के लिए एक खास दिन है। हम सुबह जल्दी उठे और मंदिर गए। हमने भगवान शिव का अभिषेक किया। हमने भगवान से प्रार्थना की कि हमारा बच्चा सकुशल वापस आ जाए और धरती पर उतरने के बाद उसे कोई नुकसान न पहुंचे। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की बहन शुचि मिश्रा ने कहा कि आज फिर से हम वही भावनाएं महसूस कर रहे हैं जो उस दिन थीं जब वह मिशन पर गए थे। जब वह वापस आएंगे तो हम खूब जश्न मनाएंगे। हर दिन हम प्रार्थना करते थे और ईश्वर का धन्यवाद करते थे। जब हमने उनसे बात की, तो वह बहुत खुश लग रहे थे… एक पायलट और अब एक अंतरिक्ष यात्री होने के नाते, उन्होंने हमारे देश की अलग ही खूबसूरती देखी होगी और इसमें कोई शक नहीं कि 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा'। बता दें, चालक दल 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार सायं 4:35 बजे आईएसएस से अनडॉक होगा और 15 जुलाई, मंगलवार को भारतीय समयानुसार सायं 3 बजे कैलिफोर्निया के तट के निकट प्रशांत महासागर में उतरेगा। रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर चालक दल के सदस्यों के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया, जहां शुभांशु शुक्ला ने एक भावपूर्ण भाषण दिया जिसमें उन्होंने अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के प्रसिद्ध शब्दों को दोहराया और कहा कि आज का भारत अभी भी सारे जहां से अच्छा दिखता है। उन्होंने यह टिप्पणी उस समय की जब चालक दल के सदस्यों ने अंग्रेजी और अपनी मूल भाषाओं में विदाई भाषण दिया। शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला ने कहा कि घर पर उनके स्वागत की जोरदार तैयारी की जाने वाली है। उन्होंने कहा, "हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वह अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा करें और जल्द से जल्द धरती पर वापस आएं और हमसे मिलें। हम उनका भव्य स्वागत करेंगे।" इससे पहले शुभांशु शुक्ला अपने क्रू मेंबर्स के साथ दावत करते हुए दिखाई दिए थे, जिसकी तस्वीरें आईएसएस से देखने को मिली थी। 14 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक का सारा शेड्यूल जानकारी के लिए बता दें कि शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम 14 जुलाई के दिन 4:35 बजेIST पर ISS से अलग हो जाएगी। 15 जुलाई के दिन कैलिफोर्निया के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडान होने की उम्मीद की जा रही है। 18 दिनों के बाद वो वापस धारती पर लौटेंगे। Ax-4 चालक दल में कमांडर पैगी व्हिटसन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पायलट शुभांशु शुक्ला, पोलैंड के यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोस्ज़ "सुवे" उज़नांस्की-विस्न्यूस्की और HUNOR (हंगेरियन टू ऑर्बिट) अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपु शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के वक्त शुभांशु शुक्ला ने पेट्री डिश में मूंग और मेथी उगाई। इसकी तस्वीरें उन्होंने शेयर भी की।

सुरक्षा व्यवस्था खतरे में? सिविल एविएशन सिक्योरिटी एजेंसी में कर्मचारियों की भारी कमी

अहमदाबाद अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे के बाद हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल पैदा हुए हैं. 12 जून को हुए इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी और शुरुआती जांच में टेकऑफ के तुरंत बाद प्लेन की दोनों इंजन के बंद होने की बात सामने आई है. इस बीच इंडिया टुडे की ओर से दायर की आरटीआई के जवाब में खुलासा हुआ है कि नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) में कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है. चार साल से 30% पद खाली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सिविल एविएशन सिक्योरिटी ब्यूरो में स्वीकृत पदों के बावजूद सैकड़ों पद खाली हैं. साथ ही बीते तीन साल में खाली पदों को भरने की दिशा में बहुत कम सुधार हुआ है. सिक्योरिटी ब्यूरो में खाली पदों की दर लगातार चार साल से 30 फीसदी से भी ज्यादा है. यह जानकारी इंडिया टुडे को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली है. अहमदाबाद में हाल ही में हुए एअर इंडिया विमान हादसे ने इन खुलासों को काफी अहम बना दिया है, जो भारत की सिविल एविएशन इंडस्ट्री की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार इस एजेंसी की महत्वपूर्ण कमजोरियों को बताते हैं. इंडिया टुडे की ओर से आरटीआई के तहत हासिल आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 30 जून, 2025 तक, बीसीएएस में 598 स्वीकृत पद हैं, लेकिन सिर्फ 371 ही भरे गए हैं, जिससे 227 पद रिक्त हैं. कई वर्षों से ब्यूरो में कर्मचारियों की शॉर्टेज बनी हुई है. जून 2025 तक 227 पद खाली थोड़े-बहुत बदलाव के बावजूद खाली पदों की दर कम से कम तीन साल से 30 फीसदी के ऊपर बनी हुई है. यानी, हर दस सुरक्षा पदों पर कम से कम तीन रिक्त पद हैं. नवीनतम आंकड़ों (जून 2025) के मुताबिक फिलहाल 227 रिक्त पद हैं, जो पिछले चार साल में सबसे ज्यादा हैं. यह सिर्फ छह महीने पहले की तुलना में चिंताजनक वृद्धि है. सिक्योरिटी ब्यूरो में लगातार स्वीकृत पदों (595 से 598) में बढ़ोतरी हुई है, बावजूद इसके भरे गए पदों की संख्या में कमी आई है. इससे पता चलता है कि बढ़ती सुरक्षा जरूरतों के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया पिछड़ रही है. लगभग हर पांच में से दो पद खाली हैं, इसलिए वर्तमान कर्मचारियों पर संभवतः काम का बहुत ज्यादा बोझ है, जिसका असर इमरजेंसी प्रतिक्रिया से लेकर नियमित निरीक्षण तक, हर चीज पर पड़ सकता है. हवाई सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल ये आंकड़े सिर्फ नौकरशाही के फ़ुटनोट नहीं, बल्कि एक व्यवस्थागत समस्या की तरफ इशारा करते हैं. एयर ट्रैफिक बढ़ने और नए खतरों के सामने आने के साथ, बीसीएएस की क्षमता की परीक्षा हो रही है. इन खुलासों से एक अहम सवाल उठता है कि क्या भारत का सिविल एविएशन इतने सारे कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में काम कर सकता है? हाल ही में अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया हादसे ने विमानन सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ा दी है, लेकिन आरटीआई के नतीजे एक गंभीर और सतत मुद्दे की ओर इशारा करते हैं. इससे साफ है कि भारत की अहम एविएशन सिक्योरिटी एजेंसी कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रही है.

नितिन गडकरी बोले सिस्टम में ऐसे लोग चाहिए जो सरकार को जवाबदेह बनाएं

नागपुर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि समाज में कुछ ऐसे लोग भी होने चाहिए, जो सरकार के खिलाफ अर्जी दाखिल कर सकें। उन्होंने नागपुर में दिवंगत प्रकाश देशपांडे स्मृति कुशल संगठक पुरस्कार कार्यक्रम के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि लोक प्रशासन में अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी है कि किसी भी गलती पर अदालत का रुख किया जाए। अदालत के माध्यम से प्रशासन में अनुशासन बनाए रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि समाज में कुछ लोग ऐसे होने चाहिए, जो सरकार के खिलाफ अदालत में अर्जी दाखिल कर सकें। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से नेता अनुशासन में रहते हैं। नितिन गडकरी ने कहा कि कई बार सरकार में बैठे मंत्री भी वह काम नहीं कर पाते हैं, जो अदालत के आदेश पर हो जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जनता को लुभाने की राजनीति नेताओं और मंत्रियों के आड़े आती है और वे जनहित में कदम नहीं उठा पाते। इस दौरान उन्होंने ऐसे कई लोगों के उदाहरण भी दिए, जिन्होंने सरकार के खिलाफ ही किसी मामले में अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन में अनुशासन बनाए रखने के लिए यह जरूरी चीज है। नितिन गडकरी ने कहा कि कई बार ऐसा हुआ है कि जब लोग अदालत गए तो सरकार को अपने किसी फैसले से पीछे हटना पड़ा।

वैवाहिक झगड़ों में गुप्त ऑडियो रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल संभव: सुप्रीम कोर्ट का मार्गदर्शन

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वैवाहिक मामलों को लेकर अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में पति-पत्नी की बातचीत की गुप्त रिकॉर्डिंग को बतौर साक्ष्य कोर्ट में स्वीकार्य किया जा सकता है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि पति-पत्नी का एक-दूसरे पर नजर रखना इसका सबूत है कि विवाह मजबूत नहीं चल रहा है। इसलिए रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल न्यायिक कार्यवाही में किया जा सकता है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि पति-पत्नी के बीच गुप्त बातचीत साक्ष्य अधिनियम की धारा 122 के तहत संरक्षित है और इसका इस्तेमाल न्यायिक कार्यवाही में नहीं किया जा सकता। पीठ ने निचली अदालत के आदेश को बहाल रखा और कहा कि वैवाहिक कार्यवाही के दौरान रिकॉर्ड की गई बातचीत पर ध्यान दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पारिवारिक न्यायालय से रिकॉर्ड की गई बातचीत का न्यायिक संज्ञान लेने के बाद मामले को आगे बढ़ाने को कहा। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि पति-पत्नी द्वारा एक-दूसरे की बातचीत रिकॉर्ड करना अपने आप में इस बात का सबूत है कि उनका विवाह मजबूत नहीं चल रहा है और इसलिए इसका इस्तेमाल न्यायिक कार्यवाही में किया जा सकता है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने कहा कि अगर शादी इस मुकाम पर पहुंच गई है कि पति-पत्नी एक-दूसरे पर सक्रिय रूप से नजर रख रहे हैं, तो यह अपने आप में टूटे हुए रिश्ते का लक्षण है और उनके बीच विश्वास की कमी को दर्शाता है। बठिंडा की पारिवारिक अदालत ने रिकॉर्डिंग को माना था सबूत बठिंडा की एक पारिवारिक अदालत ने अपने फैसले में पति को क्रूरता के दावों के समर्थन में अपनी पत्नी के साथ हुई फोन कॉल की रिकॉर्डिंग वाली एक कॉम्पैक्ट डिस्क का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। पत्नी ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी और तर्क दिया था कि रिकॉर्डिंग उसकी जानकारी या सहमति के बिना की गई थी और यह उसकी निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था पारिवारिक अदालत का फैसला उच्च न्यायालय ने पत्नी की याचिका स्वीकार की और साक्ष्य को अस्वीकार्य करार देते हुए कहा कि गुप्त रिकॉर्डिंग निजता का स्पष्ट उल्लंघन है और कानूनी रूप से अनुचित है। हाईकोर्ट ने कहा था कि कुछ तर्क दिए गए हैं कि इस तरह के साक्ष्य की अनुमति देने से घरेलू सौहार्द और वैवाहिक संबंध खतरे में पड़ जाएंगे क्योंकि इससे पति-पत्नी पर जासूसी को बढ़ावा मिलेगा। इससे साक्ष्य अधिनियम की धारा 122 के उद्देश्य का उल्लंघन होगा।

काम पर निकले थे, लौटे नहीं: आंध्र प्रदेश में ट्रक पलटने से 9 मजदूरों की दर्दनाक मौत

 अन्नमय्या अन्नमय्या जिले में रात दर्दनाक हादसा हो गया। आमों से लदा एक ट्रक पलट गया जिससे 9 मजदूरों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हैं। मृतकों में 5 महिलाएं शामिल हैं। घायलों को राजमपेट के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह हादसा पुल्लमपेटा मंडल के रेड्डी चेरुवु कट्टा में हुआ, जो कडपा शहर से लगभग 60 किमी दूर है। पुलिस के अनुसार, आमों के ढेर के ऊपर बैठे मजदूर ट्रक पलटने से उसके नीचे दब गए। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रक चालक इस हादसे में बच गया। ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि सामने से आ रही कार से टक्कर से बचने की कोशिश में नियंत्रण खो दिया। रेलवे कोडुरु और तिरुपति जिले के वेंकटगिरी मंडल के 21 दिहाड़ी मजदूर एसुकापल्ली और आसपास के गांवों में आम तोड़ने गए थे। ट्रक आमों के साथ रेलवे कोडुरु बाजार जा रहा था और मजदूर इसके ऊपर बैठे थे। हादसे में मजदूर 30-40 टन आमों के नीचे दब गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी की मदद से बचाव कार्य शुरू किया। 8 मजदूरों की मौके पर ही मौत ट्रक और आमों के ढेर के नीचे दबने से 8 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। इनकी पहचान गज्जाला दुर्गैया, गज्जाला लक्ष्मी देवी, गज्जाला रमना, गज्जाला श्रीनु, राधा, वेंकट सुब्बम्मा, चित्तेम्मा और सुब्बा रत्नम्मा के रूप में हुई। मुनिचंद्र की मौत राजमपेट के अस्पताल में हुई। घायलों को बेहतर इलाज के लिए कडपा के रिम्स में शिफ्ट किया गया है। परिवहन मंत्री मंडिपल्ली रामप्रसाद रेड्डी और जिला प्रभारी मंत्री बीसी जनार्दन रेड्डी ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी शोक व्यक्त करते हुए घायलों के लिए बेहतर इलाज और मृतकों के परिवारों के लिए सहायता की मांग की।

नेशनल हेराल्ड मामला: ED की चार्जशीट पर फैसला सुरक्षित, 29 जुलाई को आएगा आदेश

नई दिल्ली  नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े एक मामले में जल्द ही कोर्ट का फैसला आ सकता है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ दाखिल ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान को लेकर बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट 29 जुलाई को इस मुद्दे पर आदेश सुनाएगा। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि आदेश 29 जुलाई को सुनाया जाएगा। गांधी परिवार के अलावा, ईडी ने सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन, डॉटेक्स मर्चेंडाइज और सुनील भंडारी को भी आरोपी बनाया है। मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किए गए पैसे! ईडी ने आरोप लगाया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) – नेशनल हेराल्ड के पब्लिशर्स, जिसकी कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक है। इसकी संपत्तियों को कथित धोखाधड़ी से अधिग्रहित किया गया है। इससे मिले पैसे यंग इंडियन नामक कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किए गए। दावे के मुताबिक गांधी परिवार इस कंपनी में बहुसंख्यक शेयरधारक है। साजिश के तहत ट्रांसफर किए गए शेयर ईडी का कहना है कि एजेएल की संपत्ति अवैध रूप से हासिल करने के लिए एक आपराधिक साजिश के तहत एजेएल के शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर किए गए। ईडी के मामले में शेयरों की कीमत, एजेएल की अचल संपत्तियां और उनसे मिला किराया, कथित तौर पर अपराध की इनकम है। संपत्ति हड़पने के लिए कर्ज का इस्तेमाल सुनवाई के दौरान, कांग्रेस नेता ने ईडी के उन आरोपों का खंडन किया कि यंग इंडियन का इस्तेमाल ऋण के बदले एजेएल की संपत्ति हड़पने के लिए किया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि यह ऋण एजेएल को ऋण मुक्त करने के लिए दिया गया था।