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सरकार ने शुरू की CJI की नियुक्ति प्रक्रिया, अगले चीफ जस्टिस बनने वाले चेहरे पर लगी नज़र

नई दिल्ली  सीजेआई बीआर गवई के बाद देश का अगला चीफ जस्टिस कौन होगा, इसकी प्रक्रिया केंद्र सरकार ने शुरू कर दी है। सीजेआई गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले तक नए सीजेआई के नाम का चयन हो जाना है। जस्टिस सूर्यकांत अगले सीजेआई के रेस में हैं और उनका बनना लगभग तय है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया से वाकिफ लोगों ने बताया कि जस्टिस गवई से उनके उत्तराधिकारी का नाम बताने वाला लेटर आज शाम या शुक्रवार को दिया जाएगा। मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के अनुसार, जो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जजों की नियुक्ति, ट्रांसफर और पदोन्नति को गाइड करने वाले डॉक्यूमेंट्स का एक सेट है, उसमें कहा गया है कि भारत के चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज की होनी चाहिए, जिन्हें पद संभालने के लिए फिट माना जाए। केंद्रीय कानून मंत्री सही समय पर भारत के जाने चीफ जस्टिस से उनके अगले चीफ जस्टिस की नियुक्ति के लिए सिफारिश मांगेंगे। आमतौर पर, यह लेटर मौजूदा सीजेआई के 65 साल की उम्र में रिटायर होने से एक महीने पहले भेजा जाता है। जस्टिस सूर्यकांत सीजेआई गवई के बाद सबसे सीनियर जज हैं और अगले सीजेआई बनने की सबसे ज्यादा संभावना है। एक बार नियुक्त होने के बाद, जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को अगले सीजेआई बन जाएंगे और 9 फरवरी, 2027 तक लगभग 15 महीने तक इस पद पर रहेंगे।  

दिल्ली में महिलाओं को बड़ी राहत: नाइट शिफ्ट की मिली इजाजत, लेकिन माननी होंगी ये सख्त शर्तें

नई दिल्ली दिल्ली सरकार ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में महिला कर्मचारियों को उनकी अनिवार्य लिखित सहमति के साथ नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक कर्मचारी को ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन और अधिकतम 48 घंटे प्रति सप्ताह ड्यूटी का अधिकार होगा। इसके अलावा, आंतरिक शिकायत समितियां (ICCS) भी गठित की जानी होंगी। दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में नाइट शिफ्ट में महिला कर्मचारियों को नियुक्त करने के नगर सरकार के प्रस्ताव को इस वर्ष के प्रारंभ में उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा मंजूरी दी गई थी। दिल्ली सरकार के श्रम विभाग द्वारा हाल ही में जारी अधिसूचना में दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1954 के तहत महिलाओं को रोजगार देने तथा उनके रोजगार की शर्तों से संबंधित दो प्रविष्टियां जोड़ी गईं। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि महिला कर्मचारियों को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति होगी, लेकिन इसके लिए उनकी लिखित सहमति अनिवार्य होगी।   अधिसूचना में कहा गया है कि किसी भी कर्मचारी को किसी भी दिन नौ घंटे (भोजन और आराम के समय सहित) से अधिक और सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसमें कहा गया है कि नियोक्ता उन सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा, संरक्षा और परिवहन के संबंध में उपयुक्त व्यवस्था करेंगे, जिन्हें ओवरटाइम या नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, किसी भी कर्मचारी को लगातार पांच घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अधिसूचना में कहा गया है, "पात्र कर्मचारियों को दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1954 की धारा 8 के तहत सामान्य दर से दोगुनी दर पर ओवरटाइम मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। शिफ्ट में काम, यदि कोई हो, इस तरह से किया जाएगा कि किसी भी कर्मचारी को केवल रात की शिफ्ट में काम करने के लिए मजबूर न किया जाए।" महत्वपूर्ण बात यह है कि महिला श्रमिकों को नियुक्त करने वाले प्रत्येक नियोक्ता को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत आईसीसी का गठन करना होगा।  

‘दोस्ती दुष्कर्म का लाइसेंस नहीं’—दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका ठुकराई

नई दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। साथ ही, उसके इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि दोनों दोस्त थे। न्यायालय ने कहा कि दोस्ती पीड़िता के साथ बार-बार बलात्कार करने, उसे बंधक बनाने या बेरहमी से पीटने का लाइसेंस नहीं देती। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा ने बाल यौन अपराध निवारण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी और कहा कि आरोपी अभी तक जांच में शामिल नहीं हुआ है, जबकि उसकी अग्रिम जमानत याचिका पहले चार बार या तो वापस ले ली गई है या खारिज कर दी गई है। कोर्ट ने कहा, "आवेदक की ओर से यह तर्क कि आवेदक और शिकायतकर्ता मित्र थे और इसलिए यह सहमति से संबंध का मामला हो सकता है, इस अदालत द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता।" न्यायाधीश ने 17 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा, "यदि संबंधित पक्ष मित्र भी थे, तो भी मित्रता आवेदक को पीड़िता के साथ बार-बार बलात्कार करने, उसे अपने मित्र के घर में बंधक बनाने तथा उसकी निर्दयतापूर्वक पिटाई करने की अनुमति नहीं देती, जैसा कि प्रथम दृष्टया शिकायतकर्ता ने अपने बयान में बताया है… जिसकी पुष्टि मेडिकल रिकॉर्ड से भी होती है।" नाबालिग लड़की की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, वह आरोपी को कई वर्षों से पड़ोसी के रूप में जानती थी। उसने आरोप लगाया कि वह उसे अपने दोस्त के घर ले गया, जहां उसने उसके साथ मारपीट की और बार-बार उसका यौन उत्पीड़न किया और किसी को भी घटना के बारे में बताने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। आरोपी ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि एफआईआर दर्ज करने में 11 दिन की देरी हुई थी, तथा उसने यह भी कहा था कि उसके और पीड़िता के बीच संबंध सहमति से बने थे। अभियुक्त की देरी की दलील को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, "स्वाभाविक रूप से, उक्त घटना के डर और आघात के कारण ही शिकायतकर्ता ने शुरू में अपने माता-पिता को घटना के बारे में बताने से परहेज किया था। अतः, उपरोक्त परिस्थितियों और वर्तमान मामले में लगाए गए आरोपों की गंभीर प्रकृति को देखते हुए न्यायालय पाता है कि अग्रिम जमानत देने का कोई मामला नहीं बनता। तदनुसार, वर्तमान आवेदन मान्य है।  

बिहार चुनाव से पहले सिग्मा गैंग पर बड़ी कार्रवाई, डीजीपी बोले—दहशत फैलाने की फिराक में था सरगना रंजन पाठक

नई दिल्ली दिल्ली के रोहिणी में बिहार और दिल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में चार कुख्यात अपराधी मारे गए, जिनमें मोस्ट वांटेड गैंगस्टर रंजन पाठक भी शामिल था. डीजीपी बिहार ने 'आजतक' को बताया कि यह गैंग चुनाव में दहशत फैलाने की साजिश रच रहा था. रंजन पाठक और उसका गैंग सिग्मा एंड कंपनी पिछले छह वर्षों में बिहार के सीतामढ़ी और आसपास के इलाकों में कई बड़े अपराधों को अंजाम दे चुका था. डीजीपी बिहार ने फोन पर बताया कि यह गैंग चुनाव के दौरान बड़ी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में था. रंजन पाठक और उसके साथी कॉन्ट्रैक्ट किलर के रूप में काम करते थे. इनके खिलाफ सीतामढ़ी पुलिस लंबे समय से तलाश में थी.  डीजीपी ने कहा कि रंजन और उसका गैंग लगातार 5 बड़े हत्याकांड अंजाम देकर इलाके में दहशत फैलाता रहा. हर हत्याकांड के बाद लोगों में दहशत और आक्रोश पैदा होता था, जिससे स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बढ़ गई थी. यह गैंग सिग्मा एंड कंपनी के नाम से जाना जाता था. हाल के दिनों में इस गैंग ने गणेश शर्मा की हत्या की थी. गणेश शर्मा उस इलाके के ब्रह्मर्षि समाज के जिला अध्यक्ष थे, उनकी हत्या से समाज में तनाव फैल गया था. डीजीपी बिहार ने कहा कि जानकारी मिली थी कि यह गैंग मर्डर के बाद दिल्ली में जाकर छिप जाता है. इसी इनपुट के आधार पर बिहार पुलिस ने दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के साथ संपर्क किया और ऑपरेशन को अंजाम दिया. रंजन पाठक और उसका गैंग लंबे समय से बिहार पुलिस के लिए गंभीर चुनौती बन चुका था. एनकाउंटर के दौरान चार जवानों की बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी गोली बता दें कि पुलिस के इनपुट मिला था कि गैंग दिल्ली में मौजूद है. इसके बाद दिल्ली और बिहार पुलिस ने  22 और 23 अक्टूबर की दरमियानी रात लगभग 2:20 बजे बताए गए स्थान पर पहुंचकर चेकिंग शुरू की. यह बहादुर शाह मार्ग पर डॉक्टर अंबेडकर चौक से पंसाली चौक तक यह घटना हुई. पुलिस ने बदमाशों का पीछा किया. इस दौरान पुलिस और बदमाशों के बीच जबरदस्त गोलीबारी हुई, जिसमें चारों बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बाद उन्हें तुरंत इलाज के लिए रोहिणी स्थित डॉ. बीएसए अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. एनकाउंटर के दौरान दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अरविंद, SI मनीष और SI नवीन समेत 4 जवानों की बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगी है. जानकारी के मुताबिक, 22 और 23 अक्टूबर की दरम्यानी रात करीब 2:20 बजे दिल्ली के रोहिणी स्थित बहादुर शाह मार्ग पर डॉक्टर अंबेडकर चौक और पंसाली चौक के बीच यह मुठभेड़ हुई. पुलिस टीम को इलाके में अपराधियों के मूवमेंट की सूचना मिली थी. इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की विशेष टीम ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन चलाया. मुठभेड़ के बाद सभी आरोपियों को रोहिणी स्थित डॉ. बीएसए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने बताया कि मारे गए अपराधी बिहार में कई हत्या, लूट और फिरौती के मामलों में वॉन्टेड थे. बिहार के डीजीपी विनय कुमार के मुताबिक, इन बदमाशों के पास से AK 47 सहित कई घातक हथियार बरामद हुए हैं. यह गैंग बिहार-नेपाल में कई वारदात को अंजाम दे चुका है. बिहार में वारदात को अंजाम देने के बाद ये सभी नेपाल में छुप जाते थे. कौन था रंजन पाठक? 25 वर्षीय रंजन पाठक बिहार के सीतामढ़ी जिले के सुरसंड थाना क्षेत्र के मलहई गांव का रहने वाला था. वह लंबे समय से फरार चल रहा था और उस पर पहले 25,000, बाद में 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था. रंजन पाठक ‘सिग्मा’ नाम के एक कुख्यात गिरोह का सरगना था, जिसने बिहार के सीमावर्ती जिलों सीतामढ़ी, शिवहर और मधुबनी में दहशत फैला रखी थी. सिग्मा गैंग बिहार का एक उभरता हुआ आपराधिक गिरोह था, जो तस्करी, सुपारी किलिंग और फिरौती जैसे मामलों में सक्रिय था. पुलिस के अनुसार, यह गैंग पिछले कुछ वर्षों से नेपाल की सीमा के पार भी सक्रिय था. गिरोह के सदस्य अक्सर नेपाल भाग जाते थे, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता था. इस गैंग ने सीतामढ़ी जिले में कई बड़ी हत्याओं को अंजाम दिया था. इनमें सबसे चर्चित ब्रह्मर्षि सेना के पूर्व जिलाध्यक्ष गणेश शर्मा की हत्या है. इसके अलावा मदन कुशवाहा और आदित्य सिंह की हत्या में भी रंजन पाठक और उसके साथियों का नाम सामने आया था. इन घटनाओं के बाद से यह गिरोह पुलिस के रडार पर था. एनकाउंटर में मारे गए कौन-कौन अपराधी दिल्ली पुलिस ने जिन चार अपराधियों को एनकाउंटर में मारा, उनकी पहचान इस प्रकार हुई… रंजन पाठक, पिता मनोज पाठक, निवासी मलहई, थाना सुरसंड, जिला सीतामढ़ी, बिहार (25 वर्ष) बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी, पिता सुखला देवी, निवासी रतनपुर, थाना बजपट्टी, जिला सीतामढ़ी, बिहार (25 वर्ष) मनीष पाठक, पिता अरविंद पाठक, निवासी मलहई, थाना सुरसंड, जिला सीतामढ़ी, बिहार (33 वर्ष) अमन ठाकुर, पिता संजीव ठाकुर, निवासी शेरपुर, करावल नगर, दिल्ली (21 वर्ष) पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये चारों कई गंभीर आपराधिक मामलों में फरार और वांछित थे. इन पर हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी जैसे दर्जनों केस दर्ज थे. क्या है क्राइम कुंडली? बिहार पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि सिग्मा गैंग का नेटवर्क केवल सीतामढ़ी तक सीमित नहीं था. यह गिरोह नेपाल के जनकपुर और विराटनगर तक सक्रिय था. नेपाल में इनके ठिकाने थे, जहां से ये अपराध की योजना बनाते थे और बिहार में वारदात अंजाम देकर वापस नेपाल भाग जाते थे. हाल के महीनों में, पुलिस ने इनके कई ठिकानों पर छापे मारे थे लेकिन गैंग का सरगना रंजन पाठक बार-बार बच निकलता था. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बताया कि उन्हें बिहार पुलिस से इनपुट मिला था कि रंजन पाठक और उसके साथी दिल्ली में फर्जी पहचान के साथ छिपे हुए हैं और किसी बड़ी वारदात की तैयारी में हैं. जैसे ही टीम ने इन्हें रोकने की कोशिश की, अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की. फिलहाल एनकाउंटर की जांच जारी है और पुलिस यह पता लगा रही है कि रंजन पाठक दिल्ली में किसके संपर्क में था और क्या … Read more

कैंसर का अनदेखा कारण: शराब – हार्वर्ड के एक्सपर्ट्स ने बताया क्यों मॉडरेट ड्रिंकिंग भी सुरक्षित नहीं

नई दिल्ली  शराब पीने वाले अक्सर पीने का बहाना खोजते हैं। इतना ही नहीं उन्हें समझाना भी मुश्किल होता है। पीने वाले अक्सर यह लॉजिक देते हैं कि वह थोड़ी पीते हैं या ओकेजनल ड्रिंकर हैं। अब हार्वर्ड ट्रेन्ड गैस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट ने बताया है कि शराब पीने का शरीर पर क्या असर होता है। उन्होंने बताया कि रोजाना शराब पीने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक हो सकती है। महीने में एक बार पीने वालों पर खतरा हार्वर्ड और एम्स ट्रेंड गेस्ट्रो डॉक्टर सौरभ सेठी अपने इंस्टाग्राम पर लोगों को अवेयर करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि शराब पीने के कैसे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है, जो लोक कभी-कभी पीते हैं उनको भी। डॉक्टर ने बताया, जो लोग महीने में एक बार पीते हैं उनकी नींद की क्वॉलिटी खराब हो जाएगी। डिहाइड्रेशन होगा। वीकली पीने वालों पर असर हफ्ते में एक बार पीने से लीवर में दिक्कतें शुरू हो जाएंगी। नींद की क्वॉलिटी खराब हो जाएगी। जबरदस्त डिहाइड्रेशन होगा। हफ्ते में तीन-चार बार हफ्ते में तीन से चार बार पीने से स्ट्रेस हॉरमोन कॉर्टिसॉल बढ़ेगा। इंसुलिन रेजिस्टेंस के लक्षण बढ़ेंगे यानी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाएगा। मेटाबॉलिजम धीमा पड़ेगा यानी पेट निकलेगा। चर्बी और मोटापा बढ़ने लगेगा और मेटाबॉलिजम से जुड़ी समस्याएं शुरू हो जाएंगी। रोजाना पीने वालों पर असर रोजाना पीने वालों का लीवर डैमज होगा। यहां तक कि लीवर फेल भी हो सकता है। मेटाबॉलिजम पूरी तरह से बिगड़ जाएगा। लीवर, पैंक्रिआज और ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाएगी। एक बूंद से ही शुरू होता खतरा लैंसेट पब्लिक हेल्थ में WHO की रिपोर्ट में भी पहले यह बात छप चुकी है कि शराब की कोई भी मात्रा सेफ नहीं होती। आप कम मात्रा में पिएं या लंबे गैप पर यह आपके शरीर पर खराब असर डालती है। एल्कोहल कितना भी महंगा या कितने भी अमाउंट में हो यह कैंसर का खतरा बढ़ाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि शराब की एक बूंद से खतरा शुरू हो जाता है। जितनी ज्यादा मात्रा होगी खतरा उतना बढ़ जाएगा। कई तरह के कैंसर के अलावा शराब पीने से डायबिटीज और हार्ट अटैक का रिस्क भी बढ़ जाता है।

चैटजीपीटी एटलस लॉन्च: अब दुनिया की जानकारी सिर्फ एक क्लिक दूर!

नई दिल्ली ओपनएआई ने एक नए एआई-पावर्ड वेब ब्राउजर चैटजीपीटी एटलस लॉन्च किया है, जिसे कि यूजर्स के इंटरनेट इस्तेमाल करने के तरीके को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए डिजाइन किया गया है। पूरी तरह से चैटजीपीटी पर आधारित इस ब्राउजर का उद्देश्य ट्रेडिशनल वेब ब्राउजिंग के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मर्ज करना है, जिससे एक सहज और इंटरैक्टिव ऑनलाइन एक्सपीरियंस मिलता है। कंपनी का कहना है कि एटलस अब मैकओएस यूजर्स के लिए वैश्विक स्तर पर उपलब्ध है और जल्द ही विंडोज, आईओएस और एंड्रॉयड पर भी उपलब्ध होगा। मूल रूप से एटलस चैटजीपीटी को एक्सटेंशन के रूप में जोड़ने के बजाय सीधे ब्राउजर के अंदर प्लेस करता है। नया टैब पेज एक चैट विंडो और एक ट्रेडिशनल सर्च बार दोनों का काम करता है, जिससे यूजर्स वेबसाइट ब्राउज कर सकते हैं, एआई-जनरेटेड जवाब पा सकते हैं और रेगुलर सर्च रिजल्ट सब कुछ एक ही जगह कर सकते हैं। यूजर्स चैट इंटरफेस को छोड़े बिना लिंक, इमेज, वीडियो और समाचारों के बीच स्विच कर सकते हैं। चैटजीपीटी एटलस की सबसे बड़ी खासियत इसकी ऑप्शनल ब्राउजर मेमोरी है। कंपनी का कहना है कि यूजर्स के पास एआई द्वारा याद रखे जाने वाले कंटेंट को लेकर पूरा कंट्रोल होगा। वे डेटा क्लियर कर सकते हैं और प्राइवेटली ब्राउज भी कर सकते हैं। डिफॉल्ट रूप से, ब्राउजिंग सामग्री का इस्तेमाल मॉडल ट्रेनिंग के लिए तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कि यूजर ऑप्ट-इन करने का विकल्प नहीं चुन लेते। एक और बड़ा अपग्रेड 'एजेंट मोड' की शुरुआत है, जो चैटजीपीटी को सीधे ब्राउजर के अंदर ही एक्शन लेने की अनुमति देता है। उदाहरण के लिए, यह टॉपिक पर रिसर्च कर सकता है, टैब खोल सकता है, डेटा निकाल सकता है, और यहां तक कि रेसिपी से शॉपिंग कार्ट बनाने के लिए इंस्टाकार्ट जैसी सर्विस के साथ इंटरैक्ट भी कर सकता है। प्रोडक्ट लीड एडम फ्राई ने बताया कि इसका मतलब है कि एटलस अब रिजर्वेशन या फ्लाइट बुक करने और यहां तक कि किसी भी डॉक्यूमेंट को एडिट करने में मदद कर सकता है। ब्राउजर में कर्सर चैट नाम से एक फीचर मिलता है, जो यूजर्स को किसी भी टेक्स्ट को हाइलाइट करने की सुविधा देता है। जैसे ईमेल को लेकर यूजर चैटजीपीटी से इसे रिराइट और रिफाइन करने की सुविधा पा सकता है। ऑल्टमैन ने एटलस को इंटरनेट के इस्तेमाल के एक नए तरीके की ओर एक कदम बताया, जहां चैट एक्सपीरियंस वेब नेविगेशन का एक स्वाभाविक हिस्सा बन जाता है। उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में लोग जिस तरह से इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे, वेब ब्राउजर में चैट का एक्सपीरियंस एक बेहतरीन उदाहरण हो सकता है।"

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का प्रकोपः वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंची

नयी दिल्ली  हरियाणा के कुछ हिस्सों में बुधवार को वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब में यह 'खराब' श्रेणी में रही। वहीं, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता जहरीली हो चुकी है। दिल्ली में सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 335 रहा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 0 से 50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच को 'मध्यम', 201 से 300 के बीच को 'खराब', 301 से 400 के बीच को 'बहुत खराब' तथा 401 से 500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 382 रहा। नारनौल और जींद में भी AQI 367 रहा जो के 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। CPCB के समीर ऐप के अनुसार 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता वाले अन्य स्थानों में चरखी दादरी (362), रोहतक (358), यमुनानगर (347), फतेहाबाद (320) और बल्लभगढ़ (318) शामिल हैं। हरियाणा में 'खराब' एकक्यूआई वाले स्थानों में बहादुरगढ़ (272), गुरुग्राम (290), करनाल (243), भिवानी (298), फ़रीदाबाद (218), कैथल (237), करनाल (243), कुरूक्षेत्र (226) और सोनीपत (285) शामिल हैं। पंजाब के अमृतसर में सुबह नौ बजे AQI 253, जालंधर में 261, पटियाला में 207 और लुधियाना में 234 दर्ज किया गया। वहीं चंडीगढ़ में एकक्यूआई 169 दर्ज किया गया।   कोलकाता, हावड़ा में वायु गुणवत्ता ‘खराब' कोलकाता और हावड़ा शहर में बुधवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘‘खराब'' रही। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि जादवपुर स्थित वायु निगरानी स्टेशन पर सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 (पीएम 2.5) और बल्लीगंज में 141 (पीएम 2.5) था। सिंथी क्षेत्र में रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय में AQI 142 दर्ज किया गया जबकि कोलकाता के निकट स्थित न्यू टाउन में यह 165 था। उन्होंने बताया कि सुबह नौ बजे फोर्ट विलियम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 था, जबकि निकटवर्ती हरित क्षेत्र विक्टोरिया में वायु गुणवत्ता सूचकांक 242 रहा। रवींद्र सरोवर वायु निगरानी स्टेशन पर सुबह नौ बजे AQI 128 दर्ज किया गया। मंगलवार को जादवपुर में AQI 207 था जबकि बल्लीगंज में यह 213 था, जो सोमवार आधी रात के क्रमशः 159 और 134 से काफी अधिक है। मंगलवार आधी रात को हावड़ा के बेलूर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 213 था, जबकि हावड़ा के शिबपुर बॉटनिकल गार्डन क्षेत्र के कथित हरित बफर क्षेत्र में भी यह 195 था। हावड़ा के औद्योगिक शहर घुसुरी में सुबह नौ बजे AQI 179 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक 151 से 200 के बीच ‘खराब', 201 से 300 के बीच ‘बहुत खराब' और 300 से ऊपर ‘गंभीर' श्रेणी में रखा जाता है। पर्यावरणविदों ने दावा किया कि सोमवार और मंगलवार को महानगर में आधी रात तक पटाखे फोड़े जाने के कारण हवा में महीन प्रदूषक कण घुल गए। डब्ल्यूबीपीसीबी के अधिकारी ने कहा, ‘‘AQI के बिगड़ने को सीधे तौर पर पटाखे फोड़ने से नहीं जोड़ा जा सकता। AQI पिछले साल से कम है। इसके अलावा नीरी द्वारा अनुमोदित हरित पटाखों का ज्यादातर इस्तेमाल किया गया।'' अधिकारी ने कहा, ‘‘AQI में किसी भी तरह की गिरावट के लिए मौसम को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, क्योंकि बारिश या दक्षिणी हवाओं के अभाव में गर्म और आर्द्र परिस्थितियों के बीच प्रदूषक हवा में मौजूद रहते हैं…।'' उन्होंने कहा कि वे परिणामों का विश्लेषण कर रहे हैं। पर्यावरणविद् सोमेन्द्र मोहन घोष ने आरोप लगाया कि कोलकाता और हावड़ा में सोमवार और मंगलवार की शाम को आधी रात तक तेज आवाज वाले पटाखे फोड़े गए, जो पीसीबी द्वारा दी गई रात आठ बजे से 10 बजे तक की समय-सीमा से कहीं अधिक था।

प्रदूषण से बेहाल राजधानी, लेकिन कृत्रिम वर्षा अब भी अधर में

नई दिल्ली दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब स्तर पर पहुंच गया है। हवा की बहुत कम गति और पटाखों के कारण पलूशन के स्तर में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई। दिल्ली और उसके समीपवर्ती इलाकों में धुंध छाई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दीवाली के दिन यानी रविवार शाम 4 बजे एक्यूआई 345 दर्ज किया गया। दिल्ली का एक्यूआई मंगलवार को रात 10 बजे 344 अंक रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली कृत्रिम बारिश का इंतजार कर रही है लेकिन इसके लिए भी एक मौसम का अनुकूल होना जरूरी है। कृत्रिम बारिश की तैयारी लेकिन किस बात का इंतजार? दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में पलूशन को काबू करने के लिए दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश कराने पर काम कर रही है। लेकिन ऐसा तभी किया जाएगा जब मौसम विभाग (IMD) बादलों और नमी की उपयुक्त स्थिति देखते हुए इसकी मंजूरी देगा। माना जा रहा है कि मौसम विभाग दिल्ली में कृत्रिम बारिश के लिए मंजूरी तभी देगा जब बादलों की आवाजाही भरपूर दिखेगी। दिल्ली एनसीआर से रूठे बदरा मौसम विभाग की मानें तो मौजूदा वक्त में दिल्ली एनसीआर से बादल रूठे हुए हैं। इस हफ्ते बादलों के आने की संभावनाओं के बारे में भी दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में कृत्रिम बारिश के लिए अनुकूल मौसम का इंतजार है। मौसम विभाग भी इसकी मंजूरी तभी देगा जब परिस्थितियां अनुकूल हों। अन्यथा यह प्रयास बेकार जाएगा। मजबूत पश्चिमी विक्षोभ से ही उम्मीद मौसम विभाग के अनुसार, ताजा पश्चिमी विक्षोभ बेहद कमजोर है। इसका मैदानी इलाकों पर प्रभाव नहीं देखा जाएगा। ऐसे में राहत के लिए दिल्ली का इंतजार बढ़ सकता है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मजबूत पश्चिमी विक्षोभ से ही दिल्ली एनसीआर में बारिश की उम्मीदें लगाई जा सकती हैं। ऐसे में नजरें मौसम के रुख पर रहेंगी। बादलों का इंतजार इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंज़िंदर सिंह सिरसा ने भी कृत्रिम बारिश पर सरकार की योजना को दोहराया। लेकिन उनका कहना भी साफ था कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश तभी कराई जा सकती है जब आसमान में बादलों की मौजूदगी हों। क्यों नहीं करा रहे कृत्रिम बारिश? सिरसा ने कहा कि लोग हमसे पूछ रहे हैं कि हम क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश क्यों नहीं करा रहे हैं? मैं बताना चाहता हूं कि जब बादल आते हैं तब कृत्रिम बारिश कराई जाती है। ऐसे में जिस दिन बादल आएंगे हम कृत्रिम बारिश करा देंगे। ऐसे में अब दिल्ली पलूशन से निजात के लिए बादलों का इंतजार कर रही है। 675 पर PM2.5 का लेवल दिल्ली में मंगलवार को दिवाली के बाद बीते चार वर्षों में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। दिवाली की रात प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा और PM2.5 का लेवल 675 तक पहुंच गया। दिवाली के एक दिन बाद इसकी एक्यूआई रेड जोन में पहुंच गई। दिवाली को शाम 4 बजे दिल्ली का औसत AQI 345 के साथ बेहद खराब श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया जबकि 2024 में यह 330, 2023 में 218, 2022 में 312 और 2021 में 382 रहा। दिल्ली में मंगलवार को एक्यूआई सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक 350 से ऊपर रहा।

दिल्लीवासियों के लिए बड़ी खबर: प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियां होंगी बंद

नई दिल्ली दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। 1 नवंबर से राजधानी में प्रदूषण फैलाने वाले व्यावसायिक वाहनों (कमर्शियल व्हीकल्स) का प्रवेश पूरी तरह से बंद रहेगा। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को यह फैसला लिया और आदेश दिया कि सभी बॉर्डर पॉइंट्स पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि कोई गाड़ी नियम तोड़कर न घुसे। सीएक्यूएम की 25वीं बैठक में यह तय किया गया कि अब दिल्ली में सिर्फ BS-VI, CNG, LNG या इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही माल ढोने के लिए प्रवेश कर पाएंगी। हालांकि, दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-IV श्रेणी की हल्की, मझोली और भारी गाड़ियां को थोड़ी राहत दी गई है। उन्हें 31 अक्तूबर 2026 तक अस्थायी रूप से चलने की अनुमति दी जाएगी। पराली जलाने पर अब सख्त कानूनी कार्रवाई सीएक्यूएम ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश (एनसीआर क्षेत्र) और राजस्थान के जिलों के अधिकारियों को अब सीधा अधिकार दिया गया है कि अगर कोई अधिकारी पराली जलाने पर कार्रवाई नहीं करता, तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसका मकसद है कि खेतों में पराली जलाने की घटनाओं पर तुरंत रोक लगाई जा सके। पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों पर फिलहाल राहत सीएक्यूएम ने यह भी कहा कि 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को हटाने वाले अपने पुराने आदेश को फिलहाल स्थगित रखा जाएगा। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के बाद किया गया है जिसमें अदालत ने इन गाड़ियों के मालिकों पर जबरदस्ती कार्रवाई रोकने के आदेश दिए हैं। सर्दियों के लिए एक्शन प्लान की समीक्षा बैठक में आयोग ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों के विंटर एक्शन प्लान की भी समीक्षा की। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों को आदेश दिया गया है कि वे फसलों के अवशेष के प्रबंधन को और सख्ती से लागू करें और निगरानी बढ़ाएं ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके। ग्रीन पटाखों पर भी नियंत्रण के आदेश सीएक्यूएम ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि ग्रीन पटाखों की बिक्री केवल 18 से 20 अक्तूबर तक ही एनसीआर के चुने हुए स्थानों पर हो सकेगी। वहीं, पटाखे फोड़ने की अनुमति सिर्फ दिवाली की रात और उसके पहले की शाम कुछ तय घंटों में ही होगी। CPCB और राज्य बोर्ड करेंगे निगरानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को निर्देश दिया गया है कि वे 14 से 25 अक्तूबर के बीच वायु गुणवत्ता पर नजर रखें। इसके साथ ही उन इलाकों से रेत और पानी के सैंपल भी लिए जाएंगे जहां पटाखों का अधिक उपयोग होता है। सभी एजेंसियों को कहा गया है कि वे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपायों की लगातार समीक्षा करें। और उन्हें सख्ती से लागू करें ताकि सर्दियों में दिल्ली की हवा और जहरीली न बने।

स्कूलों में जल्द शुरू होगी AI एजुकेशन, जानें शिक्षा मंत्रालय की योजना

नई दिल्ली  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की धमक अब दुनिया भर में महसूस की जा रही है-और भारत भी इससे अछूता नहीं रहना चाहता। लंबे समय से स्कूल शिक्षा में AI को शामिल करने की मांग उठ रही थी, जिसे लेकर अब केंद्र सरकार ने कमर कस ली है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय देशभर के स्कूलों में कक्षा 3 से AI एजुकेशन लागू करने की रूपरेखा तैयार कर रहा है। माना जा रहा है कि ये बदलाव शैक्षणिक सत्र 2025-26 से नजर आने लगेंगे। सभी विषयों के छात्रों के लिए होगी AI शिक्षा मंत्रालय की योजना के तहत AI एजुकेशन केवल तकनीकी या विज्ञान के छात्रों तक सीमित नहीं रहेगी। कक्षा 3 से ऊपर की सभी कक्षाओं के छात्रों को AI की मूल समझ दी जाएगी। यानी हर विषय के विद्यार्थी को इसका हिस्सा बनना होगा। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि AI एजुकेशन को अनिवार्य बनाया जाएगा या वैकल्पिक रखा जाएगा। स्कूल शिक्षा सचिव ने दी अहम जानकारी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आने वाले दो से तीन वर्षों में छात्रों और शिक्षकों को AI तकनीक से जोड़ने के लिए तेजी से कदम उठाने होंगे। उन्होंने बताया कि देशभर के एक करोड़ से अधिक शिक्षकों को AI शिक्षा से प्रशिक्षित करना बड़ी चुनौती होगी। इस दिशा में एक पायलट प्रोजेक्ट पहले से चल रहा है, जिसके तहत शिक्षकों को पाठ योजनाएं तैयार करने में AI टूल्स का इस्तेमाल सिखाया जा रहा है। लक्ष्य है- शिक्षक और शिक्षार्थी, दोनों को डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करना। फिलहाल 9वीं से 12वीं तक वैकल्पिक विषय के रूप में इस समय AI एजुकेशन केवल CBSE स्कूलों में शामिल है। देशभर के 18,000 से अधिक CBSE स्कूलों में कक्षा 6 के बाद 15 घंटे का AI स्किल मॉड्यूल उपलब्ध है। वहीं कक्षा 9 से 12 तक AI एक वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है।   खत्म हो जाएंगी नौकरियां नीति आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, AI के बढ़ते उपयोग से करीब 20 लाख पारंपरिक नौकरियां समाप्त हो सकती हैं। लेकिन, अगर देश में सही AI इकोसिस्टम तैयार हो जाए, तो करीब 80 लाख नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं। यानी, आने वाला समय सिर्फ पढ़ाई ही नहीं- रोज़गार की दिशा भी बदलने वाला है।