samacharsecretary.com

शीश महल में नया चेहरा: सरकारी अतिथि गृह और सार्वजनिक कैफेटेरिया जल्द खुलने वाला

नई दिल्ली दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित विवादास्पद सरकारी आवास, जिसे 'शीश महल' के नाम से जाना जाता है, अब एक नए स्वरूप में नजर आएगा। दिल्ली की भाजपा सरकार ने इस बंगले को एक राजकीय अतिथि गृह (स्टेट गेस्ट हाउस) में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। इस अतिथि गृह में आम जनता के लिए एक फूड आउटलेट (भोजनालय) भी खोला जाएगा। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने शनिवार को इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि सिविल लाइंस स्थित इस बंगले को एक सार्वजनिक सुविधा केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव लगभग अंतिम चरण में है। योजना के अनुसार, परिसर में एक कैफेटेरिया स्थापित किया जाएगा, जहाँ अन्य राज्यों के भवनों की तरह पारंपरिक व्यंजन परोसे जाएंगे और यह सुविधा आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सरकार बंगला नंबर 6 को राजकीय अतिथि गृह में बदलने के निर्णय के करीब है। इसका उपयोग अन्य राज्यों के अतिथि गृहों की भांति ही किया जाएगा, जहाँ बैठकें आयोजित हो सकेंगी और प्रशिक्षण कार्यशालाओं के लिए आने वाले अधिकारी व मंत्री भुगतान के आधार पर ठहर सकेंगे।" इस प्रस्ताव के तहत परिसर में पार्किंग स्थल, प्रतीक्षा कक्ष और अन्य आवश्यक सुविधाओं का भी निर्माण किया जाएगा। हालांकि, इस योजना को अभी उच्च अधिकारियों से अंतिम मंजूरी मिलनी शेष है। फिलहाल, इस बंगले के रखरखाव के लिए लगभग 10 कर्मचारियों की एक टीम तैनात है, जो नियमित रूप से साफ-सफाई और विद्युत उपकरणों का संचालन सुनिश्चित करती है। गौरतलब है कि यह बंगला अपने नवीनीकरण में हुए कथित अत्यधिक खर्च और अनियमितताओं को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों के केंद्र में रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाते हुए 'शीश महल' की संज्ञा दी थी। वर्ष 2022 में, दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा बंगले के नवीनीकरण में हुई कथित अनियमितताओं और अत्यधिक लागत की जांच भी शुरू की थी। सरकार के इस नए कदम को उस विवादित अध्याय को समाप्त कर संपत्ति का सार्वजनिक उपयोग सुनिश्चित करने की एक पहल के रूप में देखा जा रहा है।  

राहुल का विदेशी मंचों पर भरोसा BJP के लिए सिरदर्द, ‘भारत-विरोधी संस्कारों’ का आरोप

नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शनिवार को कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का भारत की धरती से अधिक भरोसा विदेशी मंचों पर जताना उनके ‘भारत-विरोधी संस्कारों’ को दर्शाता है। सचदेवा ने एक्स पोस्ट में राहुल गांधी के हालिया बयानों की आलोचना करते हुए लिखा कि लोकतंत्र पर भाषण देने से पहले उन्हें अपनी पार्टी का इतिहास देखना चाहिए। इमरजेंसी की याद आज भी भारत की आत्मा में जिंदा है। भारत को कमजोर बताने वाले आपके बयान हर देशवासी के आत्मसम्मान पर प्रहार हैं।  सचदेवा ने कहा कि भारत आज आत्मविश्वास के साथ विश्व मंच पर खड़ा है, लेकिन राहुल उस आत्मविश्वास को तोड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक मतभेद से आगे बताते हुए कहा, “यह विरोध नहीं, वतन से वैर है; यह राजनीतिक मतभेद नहीं, बल्कि मानसिक दिवालियापन है।” भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सचदेवा ने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र में विरोध जरूरी है, लेकिन देश की बदनामी कतई स्वीकार्य नहीं। बार-बार भारत की धरती से ज्यादा भरोसा विदेशी मंचों पर जताना आपके भारत-विरोधी संस्कारों की निशानी है। आप अब अपमान के प्रतीक बन चुके हैं।  

इतिहास रचा दिल्ली में: 27 साल बाद सनातनी सरकार, रेखा गुप्ता ने किया खुलासा

नई दिल्ली दिल्ली में बहुत कुछ पहली बार हो रहा है। 27 साल बाद कोई सनातनी सरकार आई है। दिल्ली के लोगों का दुख-दर्द कम करने की चिंता भी किसी सरकार ने पहली बार की है। यह कहना था दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता था। जिन्होंने दिल्ली सरकार की ओर से की जा रहीं छठ पर्व की तैयारियों के बारे में बताने के दौरान ये कहा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांवड़ का त्योहार कितनी भव्यता के साथ संपन्न हुआ। अभी रामलीला भी सभी ने देखी, कितने जोरों शोरों से हर एक सुविधा दिल्ली सरकार ने दी। ऐसा ही इंतजाम दुर्गा पंडालों को लेकर भी किए गए।  छठ पर्व पर भी उतनी ही भव्यता के साथ सारी सुविधाएं दिल्ली सरकार प्रदान करेगी। सभी विभाग अपने कामों को मुस्तैदी कर रहे हैं। हजारों की संख्या में छठ के घाट तैयार किए जाएंगे और लाखों लोग भक्तजन पूजा करेंगे। उन्होंने कहा कि सालों बाद यमुना किनारे छठ मनाई जाएगी। सरकार इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, इस बार छठ व्रतियों को सुंदर और एतिहासिक छठ पर्व मनाने का मौका मिले। पल्ला से लेकर ओखला तक जहां-जहां आबादी है, वहां दिल्ली सरकार छठ घाट तैयार करेगी। इसके अलावा शहर के अंदर भी हजार से ज्यादा प्वाइंट छठ पूजा के लिए बनाए जाएंगे। इस बार सुंदर और विशिष्ट छठ मनाई जाएगी।  छठ पर्व को लेकर किसी भी प्रकार की व्यवस्था की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार है, उसके बाद यहां की स्वच्छता की जिम्मेदारी भी दिल्ली सरकार की है। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि मैं ये मानती हूं, छठ के अर्घ्य से यमुना किसी भी हाल में गंदी हो ही नहीं सकती। यह एक पवित्र त्योहार है। स्वच्छता का त्योहार है। प्रकृति का त्योहार है, प्रकृति के साथ मिलकर लोग पूजा करें।  

गुरमीत सिंह सूरा ने सराहा दिल्ली सरकार का कदम, दिव्यांगों को हर महीने सहायता राशि

नई दिल्ली दिव्यांगजनों को हर माह ₹6,000 की आर्थिक सहायता देने के दिल्ली सरकार के निर्णय को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शाहदरा जिले के वरिष्ठ नेता गुरमीत सिंह सूरा ने एक "बेहतरीन फैसला" बताया है। गुरमीत सिंह सूरा ने कहा कि यह योजना 'ट्रिपल इंजन सरकार' के जनहितकारी कार्यों का प्रमाण है, जिसके फायदे अब दिल्ली की जनता को मिलने शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस योजना की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया था कि इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों को केवल आर्थिक मदद देना नहीं है, बल्कि उन्हें सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता प्रदान करना है, क्योंकि वे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और उन्हें गरिमापूर्ण जीवन जीने का पूरा हक है। यह विशेष वित्तीय सहायता उन पात्र दिव्यांगजनों को दी जाएगी जिन्हें उच्च सहयोग की आवश्यकता है। इस योजना के तहत दी जाने वाली ₹6,000 की मासिक राशि सीधे लाभार्थी के आधार-लिंक्ड बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी।  गुरमीत सिंह सूरा ने बताया कि यह पैसा देखभाल सहायक के खर्च, फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी, ऑक्युपेशनल थेरेपी, मनोवैज्ञानिक परामर्श और अन्य आवश्यक सहायक उपकरणों पर होने वाले खर्चों में मदद करेगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस योजना को सामाजिक भागीदारी और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली पहल बताया, जिससे परिवारों पर इलाज और देखभाल का पड़ने वाला भारी बोझ कम होगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन करुणा के नहीं, बल्कि समाज के सक्रिय और सम्मानित नागरिक हैं। इस योजना को दिल्ली कैबिनेट की पिछली बैठक में हरी झंडी मिल चुकी है, और इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की जाएगी। सूरा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लगभग आठ माह के कार्यकाल में जनहित में लिए गए अनेक फैसलों की सराहना की।  

अरविंद केजरीवाल का गोवा ऐलान: मंच से माफी और दिल्ली की रणनीति एक साथ!

गोवा  आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को गोवा के माएम में आम आदमी पार्टी के ऑफिस का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोवा की बीजेपी पर सरकार पर खूब निशाना साधा और गोवा की जनता को लूटने का आरोप लगाया। इसी के साथ उन्होंने एक दिल्ली वाला एक दांव भी खेला। उन्होंने दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर मायेम में भी एक क्लिनिक खोलने का वादा किया है जिसमें इलाज से लेकर दवा तक हर चीज फ्री होगी। अरविंद केजरीवाल ने कहा, आपको कोई भी समस्या हो, आप हमारे पास आइए। हम आपकी समस्याओं को दूर करायेंगे। अब 2 सप्ताह बाद माएम विधानसभा में एक क्लीनिक भी खोला जाएगा, यहां बीमारियों का मुफ्त इलाज किया जाएगा। आज यहां हमारा विधायक और सरकार नहीं है तो इतना काम कराया जा रहा है तो जब हमारी सरकार होगी तब कितना काम कराया जाएगा। अपने भाषण के दौरान अरविंद केजरीवाल ने भरे मंच से माफी भी मांगी। ये माफी कार्यक्रम में उनके देरी से पहुंचने को लेकर थी। उन्होंने कहा, मुझे पता है कि आप लोग काफी देर से इंतजार कर रहे थे लेकिन वह सही समय पर इसलिए नहीं पहुंच पाए क्योंकि जिस रास्ते से उन्हें आना था वहां सड़क की हालत बहुत खराब थी। अरविंद केजरीवाल ने आगे गोवा के सीएम पर निशाना साधते हिए आरोप लगाया कि माएम से वह अपनी पत्नी को चुनाव में उतार सकते हैं। उन्होंने कहा, अब सुनने में आ रहा है कि CM प्रमोद सावंत अपनी पत्नी को माएम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने वाले हैं। इन्हें वोट तो जनता से चाहिए लेकिन MLA बनाने के लिए इन्हें केवल अपना परिवार दिखाई देता है। गोवा के ऊपर कुछ चंद परिवारों ने कब्जा किया हुआ है। यह गोवा के लोगों के लिए नहीं बल्कि अपनी जेबें भरने और जनता को लूटने के लिए चुनाव लड़ते हैं।  

बेकाबू हिस्ट्रीशीटर ने कोर्ट में किया हंगामा, सिर्फ अंडरवियर पहनकर शराब-सिगरेट के साथ पेश हुआ

नई दिल्ली दिल्ली में कोर्ट की कार्यवाही में बाधा डालने का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार किया है जो सिगरेट और शराब पीते हुए अंडरवियर पहनकर कोर्ट की सुनवाई में पेश हुआ। इस संबंध में कोर्ट के रिकॉर्ड कीपर ने शिकायत दर्ज कराई थी। दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही कोर्ट की सुनवाई में बाधा डालने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह सिगरेट और शराब पीते हुए अंडरवियर में सुनवाई में पेश हुआ था। पुलिस ने बताया कि गोकुलपुरी निवासी 32 साल का मोहम्मद इमरान एक हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ दिल्ली भर में लूट, झपटमारी और अन्य अपराधों के 50 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।तीस हजारी कोर्ट के रिकॉर्ड कीपर अंशुल सिंघल की शिकायत पर 22 सितंबर को मामला दर्ज किया गया था। नार्थ दिल्ली के डीसीपी राजा बंठिया ने एक बयान में कहा कि आरोप है कि 16 और 17 सितंबर को एक अज्ञात व्यक्ति अकीब अखलाक नाम से अदालत की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुआ। वह सिगरेट और शराब पीते हुए अपने अंडरवियर में दिखाई दिया। बार-बार जाने के निर्देश दिए पर भी वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौजूद रहा, जिससे कोर्ट की कार्यवाही में व्यवधान पैदा हुआ। इसकी शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। आईपी एड्रेस और कॉल डेटा रिकॉर्ड की जांच से पता चला कि संदिग्ध ने कई फर्जी ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया था और बार-बार स्थान बदलता रहा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थानीय खुफिया जानकारी और तलाशी के जरिए टीम ने आरोपी को पुराने मुस्तफाबाद स्थित चमन पार्क से ढूंढ निकाला। टीम ने उसके घर से उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान इमरान ने स्वीकार किया कि उसे वेबएक्स वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग प्लेटफॉर्म के बारे में एक परिचित से पता चला। उसने कबूल किया कि वर्चुअल सुनवाई के दौरान वह अंडरवियर पहनकर सुनवाई में शामिल हुआ। इस दौरान उसने सिगरेट पी और शराब का भी सेवन किया। पुलिस ने आरोपी द्वारा अपराध में इस्तेमाल किया गया एक मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड और एक राउटर बरामद किया है। स्कूल छोड़ने वाला और पूर्व एयर कंडीशनर मैकेनिक इमरान पहले भी जेल जा चुका है। वह सितंबर 2021 में रिहा हुआ था। रिहा होने के बाद से उसने कथित तौर पर नशीली दवाओं और शराब की लत को पूरा करने के लिए फिर से क्राइम करने लगा।  

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ रजत जयंती वर्ष में हास्य योग उत्सव, मनाएं हंसते-हंसते स्वस्थ भारत

नई दिल्ली हास्य योग केंद्र (भारत) वर्ष 2025 में अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है और इस उपलक्ष्य में संस्था ने वर्षभर चलने वाले रजत जयंती समारोहों की घोषणा की है। संस्था इस अवसर को ‘हंसते-हंसते स्वस्थ भारत का उत्सव’ के रूप में मना रही है। देशभर में आयोजित किए जा रहे विविध कार्यक्रमों के माध्यम से हास्य योग के माध्यम से तनावमुक्त जीवनशैली और सकारात्मक सोच का संदेश दिया जा रहा है। राजधानी दिल्ली में 4 से 6 अक्टूबर तक रजत जयंती महोत्सव का भव्य आयोजन होगा। इस अवसर पर मुख्य कार्यक्रम 4 अक्टूबर को आईटीओ स्थित प्यारेलाल भवन में आयोजित किया जाएगा, जहां हास्य योग गुरु जितेन कोही के सान्निध्य में विशेष सत्र रखा गया है। समारोह की प्रमुख आकर्षण मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता होंगी, जिन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। संस्था द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रजत जयंती वर्ष के तहत देशभर के विद्यालयों, कारागारों, वृद्धाश्रमों, सामाजिक संगठनों तथा कॉर्पोरेट प्रतिष्ठानों में विशेष हास्य योग सत्र और जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। रायपुर, इलाहाबाद, अहमदाबाद, पुणे, नैनीताल, रांची, कानपुर, बनारस, पिलखुवा और दिल्ली सहित अनेक शहरों में दो दिवसीय हास्य योग शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। दिल्ली में 5 अक्टूबर की सुबह 6 से 8 बजे तक रोहिणी स्थित डिस्ट्रिक्ट पार्क में विशाल हास्य योग शिविर आयोजित होगा, जिसमें सैकड़ों प्रतिभागी भाग लेंगे। इसके साथ ही 5 से 7 अक्टूबर तक राजधानी के विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों की श्रृंखला भी चलेगी। संस्था के संस्थापक जितेन कोही ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जीवनशैली में हंसी एक प्राकृतिक औषधि का कार्य करती है। ‘हास्य योग’ योग की एक अनूठी विधा है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। संस्था का उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना है कि नियमित हास्य योग अभ्यास से जीवन में ऊर्जा, सकारात्मकता और आत्मसंतोष बढ़ता है। गौरतलब है कि हास्य योग आंदोलन की शुरुआत दिल्ली के एक पार्क से हुई थी, जो आज देश के 19 से अधिक राज्यों और कई विदेशी देशों तक फैल चुका है। वर्तमान में देशभर में 400 से अधिक निःशुल्क हास्य योग कक्षाएं प्रतिदिन संचालित की जा रही हैं, जिनसे हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। संस्था का कहना है कि रजत जयंती वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि यह समाज में खुशहाली, एकता और स्वास्थ्य के प्रति जनचेतना जगाने का अभियान भी है — ताकि भारत को ‘हंसते-हंसते स्वस्थ राष्ट्र’ के रूप में स्थापित किया जा सके।  

वॉरंट मिलने के बाद अलका लांबा ने कोर्ट में छोड़ा खास मैसेज, जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली  पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अलका लांबा शनिवार को राजधानी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने पेश हुईं, जहां उन्होंने अदालत से जमानत ले ली। दरअसल निषेधाज्ञा उल्लंघन से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने उनके खिलाफ वॉरंट जारी कर दिया था, जिसके बाद वह अदालत में पेश हुईं, जहां अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए उन्हें समन जारी किए थे। हालांकि कई समन जारी होने के बाद भी वह अदालत में पेश नहीं हुईं, जिसके कारण कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वॉरंट जारी कर दिया, तब जाकर लांबा शनिवार को राउज एवेन्यू अदालत में पेश हुईं और वहां से जमानत हासिल कर ली। हालांकि जमानत मिलने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया था कि मेरे खिलाफ वॉरंट जारी हुआ है साथ ही उन्होंने खुद को सोनम वांगचुक के साथ रखने की गुजारिश भी की थी। इससे पहले कोर्ट ने जब उन्हें समन जारी किए थे तो वह अदालत में पेश नहीं हुईं थीं और उन्होंने दो मौकों पर पेशी से छूट मांग ली थी। इसके बाद, अदालत ने 24 सितंबर को उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया था। तब जाकर वह आज अदालत में पेश हुईं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक (एसीजेएम) वैभव चौरसिया की कोर्ट ने शनिवार को अलका लांबा को जमानत दे दी और अभियोजन पक्ष को आरोपपत्र की एक प्रति उन्हें देने का निर्देश दिया। अदालत ने आरोपों पर दलीलें सुनने के लिए मामले को 15 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया है। यह मामला जंतर-मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान निषेधाज्ञा के कथित उल्लंघन से संबंधित है, जिसमें 2024 के आम चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू करने की मांग की गई थी। इस मामले में कांग्रेस की इस महिला नेता के खिलाफ साल 2024 में संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज की गई थी। लांबा ने कहा था- प्लीज वांगचुक जी के साथ रखना उधर इस मामले को लेकर अलका लांबा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया, 'मेरे खिलाफ वॉरंट जारी हुआ है, प्लीज़ सोनम वांगचुक जी के साथ ही रखना, बहुत कुछ सीखने को मिलेगा- संघर्ष जारी रहेगा…लड़ेंगे और जीतेंगे।' हालांकि लांबा की ये तम्मना पूरी नहीं हो सकी और अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए उनकी गिरफ्तारी का रास्ता बंद कर दिया।  

छठ पर्व पर मुख्यमंत्री का विशेष दौरा, घाटों की तैयारियों का लिया जायजा

नई दिल्ली दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को बोट से यमुना नदी के प्रवेश बिंदु पल्ला गांव से लेकर आईटीओ के नजदीक स्थित हाथी घाट तक विभिन्न छठ घाटों का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ दिल्ली के कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह और कपिल मिश्रा के अलावा लक्ष्मी नगर से विधायक अभय वर्मा और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।  इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना तट पर महापर्व छठ की तैयारियों को लेकर सरकार पूरी गंभीरता और युद्धस्तर पर काम में जुटी है। आज पल्ला गांव से लेकर हाथी घाट तक लगभग तीन घंटे तक विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण किया और बोट से यमुना जी के किनारों का विस्तृत सर्वे किया।  उन्होंने कहा कि यह जमीनी सर्वेक्षण केवल व्यवस्थाओं की समीक्षा नहीं, बल्कि दिल्ली में एक भव्य और सुव्यवस्थित छठ आयोजन सुनिश्चित करने की ठोस नींव है। यह पर्व उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के भाइयों-बहनों को दिल्ली की मिट्टी से जोड़ता है और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त करता है। संबंधित विभागों को साफ-सफाई, घाटों के निर्माण, सुरक्षा और अन्य सभी सुविधाओं की रूपरेखा शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई के छठ मईया की पूजा-अर्चना कर सकें। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने छठ को यमुना से दूर कर दिया था। यमुना किनारे इस बार आस्था के महापर्व छठ का भव्य आयोजन होगा। उनकी सरकार पल्ला गांव से लेकर ओखला तक छठ के आयोजन की तैयारियों में पूरी निष्ठा और तत्परता से जुटी है। जब यमुना के घाटों पर लाखों श्रद्धालु डूबते सूरज और उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे तब वह क्षण हर श्रद्धालु के लिए अविस्मरणीय बने, यही हमारा संकल्प और प्रयास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में पूर्वांचलवासियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, इसलिए उनकी धार्मिक आस्था व सुविधा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में यमुना के प्रवेश स्थल पल्ला से लेकर अंतिम स्थल ओखला तक दोनों किनारों पर छठ पर्व का आयोजन किया जाएगा। इन दोनों किनारों पर जहां भी छठ पर्व के लिए समतल किनारे उपलब्ध होंगे, वहां सरकार की ओर से व्रतधरियों को समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। छठ घाटों को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं।  उल्लेखनीय है कि छठ पर्व की तैयारियों को लेकर 29 सितंबर को मुख्यमंत्री ने दिल्ली सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पल्ला से लेकर वजीराबाद तक के किनारों पर विशेष व्यवस्था के साथ ही आईटीओ, ओखला जैसे पुराने स्थलों पर भी व्यवस्थाएं और दुरुस्त करने का निर्देश अधिकारियों को दिया था।  मुख्यमंत्री ने छठ पूजा के दौरान घाटों की सफाई व स्वच्छता के साथ धूल से बचाने के लिए पानी का छिड़काव, पुलिस व ट्रैफिक पुलिस को सुरक्षा व यातायात व्यवस्था चौकस रखने के आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग को छठ पर्व से पूर्व यमुना से जलकुंभी निकालने के भी आदेश जारी किए गए हैं। इस बार इन स्थलों पर प्रकाश की विशेष व्यवस्था की जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।  मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में यमुना के किनारो के अलावा मुनक नहर, मुंगेशपुर ड्रेन के अलावा कृत्रिम तालाबों में भी छठ पूजा आयोजित की जाती है। राजधानी में कुल मिलाकर 929 स्थलों पर पूजा-अर्चना की जाती है। इन स्थलों पर सरकार की ओर से समुचित व्यवस्थाएं की जाएंगी। अगर किसी संस्थान को एनओसी चाहिए तो उसे भी बिना किसी परेशानी से उसे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे विशेष स्थान भी चिन्हित किए जाएंगे जहां छठ पूजा का विशेष आयोजिन किया जाएगा।  मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अगर यमुना में अतिरिक्त पानी की जरूरत होती तो हरियाणा सरकार से निवेदन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व पूर्वांचलवासियों की आस्था और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है और इसे पूरी श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह तैयार है।   

ग्रीन पटाखों की नई नीति: उत्पादन की अनुमति, लेकिन बेचने पर प्रतिबंध बरकरार

नई दिल्ली  दुर्गा पूजा और नवरात्रि के बाद अब दिवाली की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर इलाके में हरियाणा और पंजाब में जलने वाले पराली से प्रदूषण का खतरा बढ़ने लगा है. वहीं, दिवाली में जलने वाले पटाखों से होने वाले प्रदूषण को लेकर भी चिंता बनी हुई है. राष्ट्रीय राजधानी में 1 जनवरी, 2025 से पूरे वर्ष के लिए सभी प्रकार के पटाखों पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध है. इसके साथ ही राजधानी में पटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन हाल में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखा निर्माताओं को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली सीजन से पहले दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रीन पटाखों के निर्माण की अनुमति दे दी है, लेकिन एनसीआर क्षेत्र में उनकी बिक्री पर रोक लगा दी है. सीजेआई बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (नीरी) और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पेसो) से वैध प्रमाणन वाले निर्माताओं को उत्पादन जारी रखने की अनुमति दी है, बशर्ते वे एक वचनबद्धता प्रस्तुत करें कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कोई बिक्री नहीं होगी. लेकिन इससे यह असमंजस बना हुआ है कि ग्रीन पटाखे के बनाने की अनुमति तो मिल गई है, लेकिन बिक्री नहीं होगी, तो फिर बनाने का क्या मतलब है? इसे लेकर ग्रीन पटाखों के निर्माता सवाल उठा रहे हैं. 8 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, टिकीं निगाहें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार, निर्माताओं और विक्रेताओं सहित सभी हितधारकों से परामर्श करने और 8 अक्टूबर, 2025 को होने वाली अगली सुनवाई पर अदालत के समक्ष एक संतुलित नीति पेश करने का भी निर्देश दिया गया है. इससे अब लोगों की निगाहें आठ अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई है.   हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले पटाखों पर केवल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश में प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था. एमसी मेहता मामले की सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने टिप्पणी की, “अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है, तो उन्हें पूरे देश में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए…” उन्होंने कहा था कि जो भी नीति होनी चाहिए, वह अखिल भारतीय स्तर पर होनी चाहिए. हम केवल दिल्ली के लिए नीति नहीं बना सकते क्योंकि वे देश के कुलीन नागरिक हैं. मैं पिछले साल सर्दियों में अमृतसर गया था, और वहां प्रदूषण बदतर था. इससे पहले नवंबर 2024 में, दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बीच भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि ‘कोई भी धर्म ऐसी किसी भी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता, जो प्रदूषण में योगदान दे या लोगों के स्वास्थ्य से समझौता करे. जानें दिल्ली सरकार का क्या है आदेश दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में 1 जनवरी, 2025 से पूरे वर्ष के लिए सभी प्रकार के पटाखों पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. पटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है. पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर स्थायी प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हैं. आदेश में आगे कहा गया है, “दिल्ली में, विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में, गंभीर वायु प्रदूषण होता है और पार्टिकुलेट मैटर सांद्रता (पीएम 2.5 और पीएम 10) जैसे प्रदूषकों का स्तर वायु गुणवत्ता के निर्धारित मानकों से कहीं अधिक है. वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 19 की उप-धारा (1) के अंतर्गत संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली को वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया गया है.”   आदेश में कहा गया है कि त्योहारों के मौसम में पटाखे जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है. इसलिए, दिल्ली सरकार ने वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत 2020 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. अक्टूबर से जनवरी के महीनों के दौरान वायु गुणवत्ता में गिरावट की पिछली घटनाओं को देखते हुए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध है. इसके साथ ही पटाखों के फोड़ने (ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से वितरण सहित) और उन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.