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हरियाणा: औरंगपुर गांव में पिता-पुत्र की हत्या, आरोपी बेटा अशोक पुलिस के हत्थे चढ़ा

झज्जर  झज्जर-गुरुग्राम मार्ग के गांव औरंगपुर (Aurangpur) में करीब ढाई माह पहले हुई पिता और बेटे की हत्या (Father-Son Murder) का खुलासा हुआ है। पुलिस ने आरोपी अशोक (Ashok) को गिरफ्तार कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है। हत्या के शिकार 80 वर्षीय खजान सिंह (Khajan Singh) और उनके 30 वर्षीय बेटे संजय (Sanjay) थे। पुलिस के अनुसार, हत्या का कारण जमीनी विवाद (land dispute) था। इस दोहरे हत्याकांड को खजान सिंह के एक अन्य बेटे अशोक ने अंजाम दिया। डीसीपी क्राइम अमित दहिया (DCP Crime Amit Dahiya) ने प्रेस वार्ता में बताया कि आरोपी ने करीब ढाई माह पहले दोनों के शवों को मकान के पिछले हिस्से में खेत में जलाया और अवशेष को खुर्द-बुर्द करके जुताई कर दिया, ताकि कोई सबूत हाथ न लगे। हत्या का मुख्य कारण खजान सिंह की पुस्तैनी जमीन और खरीदी गई चार एकड़ भूमि बताया गया। अशोक को शक था कि पिता यह जमीन संजय के नाम कर सकते हैं। पुलिस ने बताया कि रिमांड के दौरान आरोपी से हत्या में इस्तेमाल हथियारों (weapons used in the murder) की बरामदगी और क्राइम सीन रिक्रिएट (crime scene recreation) की जाएगी। इसके अलावा जांच यह भी कर रही है कि और कौन-कौन लोग इस जघन्य अपराध में शामिल थे। उन्होंने बताया कि एक ही स्थान पर रहते हुए परिवार के अन्य लोगों ने इस मामले में ढाई माह तक चुप्पी आखिर क्यों साधे रखी यह जांच का विषय है। जैसे-जैसे जांच आगे बढे़गी तो मामले की सभी परतें भी खुलती चली जाएगी। उन्होंने आरोपी अशोक को मीडिया के सामने भी पेश किया। अशोक की गिरफ्तारी के बाद परिवार के अन्य सदस्यों पर भी पुलिस की नजर । डीसीपी ने कहा कि मामले की सभी परतें उजागर करने के लिए पूरी गंभीरता से जांच जारी है।

अबकी बार अंतागढ़: 20 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष किया आत्मसमर्पण

कांकेर सुरक्षा बलों के लगातार बढ़ते दबाव और सरकार के बेहतर पुनर्वास नीति का असर एक बार फिर देखने को मिला है. आज अंतागढ़ क्षेत्र में सक्रिय 20 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. अंतागढ़ के बर्रेबेड़ा गांव से 20 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. यह एएसपी आशीष बंसोड और एसडीओपी शुभम तिवारी के प्रयासों का परिणाम है. कुछ दिन पहले कामतेड़ा कैंप में 50 नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण किया था. ताड़ोकी पुलिस नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने में जुटी है. नक्सलियों का समर्पण अंतागढ़ क्षेत्र के नक्सलमुक्त होने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.

HIV संक्रमित खून चढ़ाने का मामला: सीएम हेमंत सोरेन ने लिया संज्ञान, सिविल सर्जन को किया निलंबित

चाईबासा चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने पर सीएम हेमंत ने पश्चिमी सिंहभूम सिविल सर्जन समेत अन्य संबंधित पदाधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया है। सीएम हेमंत ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने की सूचना पर पश्चिमी सिंहभूम सिविल सर्जन समेत अन्य संबंधित पदाधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया है। पीड़ित बच्चों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी तथा संक्रमित बच्चों का पूरा इलाज भी राज्य सरकार द्वारा कराया जाएगा।" दरअसल, आरोप है कि चाईबासा में स्थानीय ब्लड बैंक द्वारा थैलेसीमिया से पीड़ित 7 वर्षीय बच्चे को एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ाया गया। जब बच्चे को HIV पॉजिटिव आया तो इस बात का खुलासा हुआ।  

DGP ने थानेदारों को बताया जनता से जुड़ने का तरीका, कानून के साथ जागरूकता भी जरूरी

चंडीगढ़  हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने राज्यभर के सभी थाना प्रभारियों (एसएचओ) को सख्त लेकिन प्रेरक लहजे में पत्र लिखा है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि हर थाना अपने क्षेत्र में 31 अक्तूबर तक राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करे। पत्र में डीजीपी ने स्पष्ट किया है कि पुलिस की असली ताकत जनता का विश्वास है, और यह विश्वास सिर्फ शब्दों से नहीं, कर्मों से हासिल किया जा सकता है। डीजीपी सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि थाना केवल एक भवन नहीं, बल्कि कानून और सुरक्षा की पहली चौकी है। उन्होंने कहा – ‘आपके पास वर्दी, लाठी, बंदूक और कानून की ताकत है। यह शक्ति जनता की रक्षा के लिए है, भय पैदा करने के लिए नहीं। अगर आपके इलाके में ठग, बदमाश और अपराधी चैन की सांस ले रहे हैं, तो यह आपकी नाकामी है।’ डीजीपी ने चेतावनी दी कि किसी भी थाना प्रभारी के क्षेत्र में अपराध बढ़ा या जनता का भरोसा टूटा, तो उसकी जवाबदेही तय होगी। उन्होंने कहा कि थाने की मेज़ पर बैठने से पुलिसिंग नहीं होती, थाने से निकलकर गलियों, स्कूलों, चौपालों में जाना ही सच्ची पुलिसिंग है। नशे और इंटरनेट के जाल में फंसा युवा पत्र में ओपी सिंह ने युवाओं के बीच फैलती नशाखोरी और ऑनलाइन ठगी पर चिंता जताई। उन्होंने थानेदारों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों और कॉलेजों में जाकर विद्यार्थियों से संवाद करें। उन्होंने कहा कि आज का युवा इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप की आभासी दुनिया में उलझ रहा है। उन्हें समझाइए कि जीवन मोबाइल में नहीं, मैदान में है। वे खेलें, नाचें, गाएं, जिएं, लेकिन जिएं अपने सपनों के लिए, नशे के लिए नहीं। डीजीपी ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे किसी महंगी गाड़ी के इंजन में चीनी डालने से इंजन जाम हो जाता है, वैसे ही नशे का ज़हर शरीर और दिमाग को जकड़ देता है। ड्रग्स यानी नशा, इंसान की नसों को नहीं, उसकी पीढ़ियों को खत्म करता है। जन-जागरूकता कार्यक्रम बनें पुलिस-जन सहयोग का जरिया डीजीपी ने थानेदारों से कहा कि वे शाम के समय सामुदायिक सभाएं, नुक्कड़ नाटक, गीत-संगीत, खेलकूद और संवाद कार्यक्रम आयोजित करें। इनमें विद्यार्थियों, शिक्षकों, पंचायत प्रतिनिधियों और आम नागरिकों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों के चित्र और वीडियो (चित्रांकन और चलचित्र) भी बनाए जाएं और पुलिस मुख्यालय को भेजे जाएं ताकि आने वाली डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस में उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शित किया जा सके। डीजीपी ने कहा कि जो थाने जनता से जुड़ेंगे, वही पुलिस की पहचान बनाएंगे। ‘एक नन्हा शम्मा…’, बदलाव की शुरुआत थाने से ही अपने पत्र के अंत में डीजीपी सिंह ने एक प्रेरक शेर का उल्लेख किया – ‘एक नन्हा शम्मा अंधेरे में जलाया सिखाया, सुबह होने के माहौल को बनाया सिखाया।’ उन्होंने लिखा कि हर थाने में यह छोटा-सा दीपक जलना चाहिए – एक आशा, एक सुरक्षा और एक बदलाव का प्रतीक बनकर। डीजीपी ने कहा कि यदि हर थाना अपनी जिम्मेदारी निभाएगा तो हरियाणा पुलिस देश की सबसे जवाबदेह और जनहितैषी पुलिस बनकर उभरेगी।

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में कहा – नगर निगम अंबिकापुर के प्लास्टिक मुक्त संकल्प से बदली शहर की तस्वीर

प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाके में देशी श्वान की उपलब्धि का किया जिक्र – विस्फोटक का पता लगाकर की जवानों की सुरक्षा रायपुर, ‘मन की बात’ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवाचारों और माओवाद उन्मूलन के संकल्प का उल्लेख होना प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंबिकापुर के ‘गार्बेज कैफे’ और भारतीय नस्ल के श्वानों की उपलब्धि का विशेष उल्लेख किए जाने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे पूरे प्रदेश के लिए सम्मान बताया। मुख्यमंत्री ने आज राजधानी रायपुर के शांति नगर में ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण का श्रवण किया। मुख्यमंत्री साय ने छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘मन की बात’ देशभर में हो रहे नवाचारी, प्रेरणादायी और जनहितकारी कार्यों को जोड़ने वाला एक विशेष मंच है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वालों प्रयासों को राष्ट्रीय पहचान दिलाता है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ का उल्लेख होना प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने अंबिकापुर नगर निगम की अनूठी पहल ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की, जिसने प्लास्टिक मुक्त शहर की दिशा में एक मिसाल कायम की है। यहाँ प्लास्टिक कचरा देने वालों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है — यह पहल स्वच्छता, पुनर्चक्रण और सामाजिक संवेदना का अद्भुत उदाहरण बन चुकी है।अम्बिकापुर में शहर से प्लास्टिक कचरा साफ करने के लिए एक अनोखी पहल की गई है। अम्बिकापुर में गार्बेज कैफे चलाए जा रहे हैं। ये ऐसे कैफे हैं, जहाँ प्लास्टिक कचरा लेकर जाने पर भरपेट खाना खिलाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति एक किलो प्लास्टिक लेकर जाए उसे दोपहर या रात का खाना मिलता है और कोई आधा किलो प्लास्टिक ले जाए तो नाश्ता मिल जाता है। ये कैफे अम्बिकापुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चलाता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने त्योहारों की बढ़ी रौनक, सामाजिक एकता के प्रतीक छठ पर्व और नए आत्मविश्वास से आगे बढ़ते भारत की भावना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि माओवादी गतिविधियों के सिमटते प्रभाव पर गर्व का अनुभव होता है। डबल इंजन की सरकार के मजबूत संकल्प से देश में शांति और सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से अब मूलभूत सुविधाएं सुदूर गाँवों तक पहुँच रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है। इस बार उन इलाकों में भी खुशियों के दीप जले हैं, जहाँ कभी माओवादी आतंक का अंधेरा छाया रहता था। उन्होंने कहा कि लोग उस माओवादी आतंक का जड़ से खात्मा चाहते हैं जिसने उनके बच्चों के भविष्य को संकट में डाल दिया था। साय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों में भारतीय नस्ल के श्वानों को शामिल किए जाने के निर्णय की भी सराहना की। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में एक देशी श्वान ने 8 किलो विस्फोटक का पता लगाकर जवानों की जान बचाई। यह सिद्ध करता है कि भारतीय नस्ल के श्वान अधिक अनुकूल, दक्ष और विश्वसनीय हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रकृति संरक्षण पर भी विशेष जोर देते हुए सभी नागरिकों से पेड़ लगाने का आग्रह किया और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय नवाचारों को जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर इसे उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया। उन्होंने इसे राष्ट्रप्रेम की अमर अभिव्यक्ति बताते हुए प्रत्येक नागरिक से इसके गौरवगान में स्वस्फूर्त रूप से सहभागिता करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा के पुण्य स्मरण के साथ जनजातीय अधिकारों और स्वतंत्रता संग्राम में उनके सर्वोच्च योगदान को नमन किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस उन महान जननायकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिवस है, जिन्होंने देश की आज़ादी और सम्मान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की है कि वे अपने आसपास हो रहे नवाचारों और सकारात्मक प्रयासों को अवश्य साझा करें, ताकि अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लेकर समाजहित में योगदान दे सकें। मुख्यमंत्री ने पुंगनूर नस्ल की गायों को खिलाया चारा ‘मन की बात’ कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुंगनूर नस्ल की गायों को चारा खिलाया और उनकी विशेषताओं की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश में पाई जाने वाली यह विशेष नस्ल अपनी अनूठी शारीरिक बनावट और विशिष्ट गुणों के कारण प्रसिद्ध है। कार्यक्रम में विधायक पुरन्दर मिश्रा, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष शंभूनाथ चक्रवर्ती, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे।

संगरूर के चन्नो में पराली के डंप में लगी भीषण आग

संगरूर  संगरूर जिले के चन्नो गांव में शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि को पराली के डंप (stubble dump) में भीषण आग लग गई। इस हादसे में करीब 120 ट्रॉलियों की पराली जलकर राख हो गई। पराली ढेर के मालिक रणजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने 13 बीघा जमीन पट्टे पर लेकर पराली का डंप तैयार किया था। रात लगभग 11 बजे के बाद अचानक आग लगने की जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत पुलिस चौकी चन्नो को सूचना दी और चौकी प्रभारी से बात कराने के लिए गांव के सरपंच ने भी प्रयास किया, लेकिन रातभर कोई भी पुलिस कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने इसके बाद दमकल विभाग (fire brigade) को सूचना दी, जिसके बाद 20–25 मिनट में चार फायर गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। फायर कर्मियों ने पूरी रात आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन सुबह 8 बजे तक भी आग पूरी तरह नहीं बुझाई जा सकी। फिलहाल दो फायर गाड़ियां मौके पर आग पर काबू पाने का प्रयास जारी रखे हुए हैं। रणजीत सिंह का कहना है कि यह आग किसी शॉर्ट सर्किट (short circuit) से नहीं लगी, बल्कि किसी शरारती तत्व (mischievous element) द्वारा लगाई गई प्रतीत होती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई अधिकारी या पुलिसकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस घटना की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

दूध पाउडर घोटाले में बड़ी कार्रवाई, बाल गोपाल योजना के पांच कर्मचारी निलंबित

जयपुर राजस्थान में पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के तहत वितरित दूध पाउडर की कालाबाजारी करने वाले सरकारी स्कूल के पांच शिक्षकों को निलंबत कर दिया है।  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर  इस मामले में  तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार, राजस्थान सिविल सेवा (CCA) नियम 1958 की धारा 13(1) के तहत निलंबित अधिकारियों में शामिल हैं —     शीला बलई (शिक्षिका, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जाटों की ढाणी, गंगावास, कल्याणपुर),     सुरेश कुमार (प्रबोधक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, नागनेशियों की ढाणी, गंगावास, कल्याणपुर),     मंगलाराम (वरिष्ठ शिक्षक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, भारी नगर, बावड़ी, जोधपुर),     पप्पूराम गोदारा (व्याख्याता, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, नागाणा फांटा, बालोतरा), और     राजेश मीणा (प्रधानाध्यापक, मनमोरों की ढाणी)। जांच समिति को स्कूल शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के अधीन कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। समिति चार दिन में दुरुपयोग की शिकायतों की पुष्टि, साक्ष्य संकलन और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। अगर जांच में अन्य अधिकारी या शिक्षक शामिल पाए गए, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) और खंड शिक्षा अधिकारियों (BEO) को निर्देश दिया है कि तीन दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट सौंपें। साथ ही पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (PEEO) और शहरी क्लस्टर प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (UCEEo) को प्रत्येक दो विद्यालयों का निरीक्षण कर राज्यभर के लगभग 22,500 स्कूलों की स्थिति की रिपोर्ट देने को कहा गया है। स्कूल शिक्षा सचिव कृष्ण कुनाल ने बताया कि सभी स्कूलों में स्टॉक का भौतिक सत्यापन करने के भी आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा, “अगर सत्यापन के दौरान कोई अनियमितता पाई गई, तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के तहत सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को स्किम्ड मिल्क पाउडर से तैयार गरम दूध पिलाया जाता है, ताकि बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हो सके। इस योजना से वर्तमान में लगभग 57 लाख छात्र लाभान्वित हो रहे हैं, जिस पर सरकार हर साल करीब ₹722 करोड़ रुपये खर्च करती है।

हापुड़ में योगी का अनाउंस्ड दौरा: गंगा पूजन और अफसरों के साथ हुई रणनीति मीटिंग

हापुड़  यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अचानक से हापुड़ पहुंच गए। दोपहर 01:20 बजे हेलीकाप्टर से उतरने के बाद वह सीधे गढ़मुक्तेश्वर गए, जहां पर उन्होंने गंगा में दूध चढ़ाकर पूजा-अर्चना की। बाद में उन्होंने आरती में भाग लिया। इसके बाद वह पैदल कार्तिक मेले के मुख्य द्वार पर पहुंचे और पैदल ही कुछ दुकानों का निरीक्षण किया। बाद में उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक शुरू कर दी। मुख्यमंत्री का गढ़मुक्तेश्वर पहुंचने पर अधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया। गढ़मुक्तेश्वर की पावन धरा में इन कार्तिक मास के प्राचीन गंगा मेले का आयोजन हो रहा है। मेले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने का कार्यक्रम शनिवार देर शाम को अधिकारियों को मिला था। जिसके बाद अधिकारियों ने मेला स्थल के पास में हैलीपेड से लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए थे। रविवार सुबह से ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों में जुटे हुए थे। रविवार दोपहर 01:20 बजे मुख्ययमंत्री का हैलीकॉप्टर हैलीपैड पर पहुंचा। जहां पर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। मुख्यमंत्री हैलीपेड से सीधे गंगा घाट पर पहुंचे। जहां पर उन्होंने दूध चढ़ाया और पूजा में भाग लिया। इसके बाद उन्होंने गंगा की आरती की। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्तिक मेले के लिए बनाए गए मुख्य द्वार पर पहुंचे और पैदल ही दुकानों का निरीक्षण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के साथ में समीक्षा बैठक शुरू कर दी।  

क्रिकेट सिटी में कलंक! विदेशी महिला खिलाड़ियों के साथ बदसलूकी से सन्न हुआ इंदौर

इंदौर जिस इंदौर की पहचान मां अहिल्या की नगरी के रूप में होती है, जिस शहर की पहचान देश स्वच्छता के कारण हो, उस शहर पर अकील खान नाम के मनचले की हरकतों बदनामी के छींटे डाल दिए। इंदौर की सराफा चौपाटी पर आधी रात को महिलाएं बिना किसी संकोच के पारंपरिक भोजन का स्वाद लेने पहुंचती हों, वहां दिनदहाड़े आस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों से छेड़छाड़ से पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सहित पूरा शहर स्तब्ध है। उनमें घटनाक्रम को लेकर रोश भी है। भारतीय टीम की पूर्व कप्तान और मप्र क्रिकेट संगठन की प्रबंधकारिणी सदस्य संध्या अग्रवाल दुखी हैं। कहती हैं, इंदौर बहुत शालीन शहर है। देश-दुनिया में इसका बड़ा नाम है। यहां सफलता के साथ सभी मैचों का आयोजन हुआ। खिलाड़ियों ने प्रशंसा की, लेकिन एक घटना ने नाम खराब किया। एक व्यक्ति की हरकत ने शहर का नाम बदनाम किया।   यह भी गौर किया जाना चाहिए कि क्या दोनों खिलाड़ियों ने सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन किया था और वे टीम प्रबंधन या सुरक्षा अधिकारी को जानकारी देकर गई थीं। पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बिंदेश्वरी गोयल ने कहा- इंदौर की पहचान महिला सशक्तीकरण के लिए होती है। मां अहिल्या ने यहीं पर पहली बार महिला सेना का गठन किया था। यह बहुत दुखद घटना है। इंदौर में ऐसा कभी नहीं हुआ। इससे खिलाड़ियों के मन में शहर की खराब छवि बनती है, जबकि हमारा इंदौर ऐसा नहीं है। एक व्यक्ति की हरकत से पूरे शहर के बारे में धारणा नहीं बनना चाहिए। घटना की आलोचना होनी चाहिए पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर चित्रा बाजपेयी कहती हैं, इंदौर महिलाओं के लिए सुरक्षित शहर है। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ हुई घटना दुखद है और इसकी आलोचना होना चाहिए। एक मनचले की हरकत ने सभी को स्तब्ध किया है। इस घटना ने हमें सोचने पर विवश किया है कि महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव जगाना जरूरी है। इंदौर में सिर्फ महिला क्रिकेटर ही नहीं, विभिन्न खेलों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ी भी आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ हुए व्यवहार से आहत हैं। हॉट स्पॉट पर हुई छेड़छाड़ की घटना घटना रोबोट चौराहे से थोड़ी दूर की है। इस स्थान को पुलिस ने हॉट स्पॉट के रूप में घोषित किया था। सब्जी मंडी के पास तो खजराना पुलिस चेकिंग अभियान भी चला चुकी है। विदेशी खिलाड़ियों के आगमन के बाद भी पुलिस की अनुपस्थिति निगरानी सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है। डीसीपी जोन-2 अमरेंद्र सिंह के अनुसार आरोपित से पूछताछ की जा रही है। जवानों के भरोसे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इंटेलिजेंस एडीसीपी प्रमोद सोनकर ने 17 अक्टूबर को ड्यूटी चार्ट तैयार करवाया था। इसमें विजय नगर एसीपी आदित्य पटले को पर्यवेक्षण अधिकारी बनाया गया था। पटले का स्थानांतरण हो चुका है। उनके स्थान पर राजकुमार सराफ प्रभारी एसीपी हैं। रेडिसन ब्लू होटल में खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए दोपहर दो बजे से रात दस बजे तक एएसआई आरएस मावई, प्रधान आरक्षक शीतलराव और महिला आरक्षक आयुषी की ड्यूटी लगाई गई थी। दूसरी शिफ्ट में एएसआई किशोर खेड़ेकर और आरक्षक प्रमोद व अर्पिता की ड्यूटी लगाई गई थी। रेडिसन ब्लू होटल विजयनगर थाना अंतर्गत आता है। थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल ने विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा में गंभीरता नहीं दिखाई। सेल्फी लेने के बहाने छेड़छाड़ पुलिस सूत्रों ने बताया अकील ने आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ सेल्फी लेने के बहाने छेड़छाड़ की है। हालांकि खिलाड़ियों ने कथनों में इससे इन्कार किया है। पुलिस का दावा है कि आरोपित ने एक खिलाड़ी के साथ हरकत की थी। पुलिस ने घटना के सीसीटीवी फुटेज भी ले लिए हैं।  

गलत आरोपों में फंसे जशनप्रीत के लिए इंसाफ की गुहार, सुखबीर बादल से परिवार की मुलाकात

डबवाली अमेरिका के सान बर्नार्डिनो काउंटी में सड़क हादसे के मामले में गलत आरोपों में घिरे पंजाब के दीनानगर के गांव पुराना शाला के 21 वर्षीय अमृतधारी सिख युवक जशनप्रीत सिंह के समर्थन में न्याय की मांग को लेकर उसके परिवार ने आज शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से मुलाकात की। इस मामले को लेकर सुखबीर सिंह बादल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से अपील की है कि जशनप्रीत सिंह के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। जशनप्रीत के परिजनों ने गांव बादल स्थित निवास पर हुई सुखबीर बादल से मुलाकात में बताया कि जशनप्रीत एक मेहनती, समझदार और धार्मिक युवक है, जिस पर नशे के प्रभाव में वाहन चलाने का आरोप पूरी तरह झूठा है। उनका कहना था कि टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट गलत तरीके से तैयार की गई हैं और उनकी पुनः जांच की आवश्यकता है। इस मौके पर अकाली दल के हलका इंचार्ज कमलजीत सिंह चावला भी मौजूद थे। सुखबीर बादल ने हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति भी गहरी संवेदना प्रकट की और अमेरिकी प्रशासन से ईमानदारी व निष्पक्षता के साथ मामले की जांच करने की अपील की। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने अमेरिकी अदालत में बिना दस्तार जशनप्रीत की तस्वीरें सामने आने को बेहद दुखद और सिख पहचान का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि विदेशों में रह रहे हर सिख को अपनी धार्मिक पहचान और मर्यादा के सम्मान का पूरा अधिकार है।