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पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार मामला, कोर्ट में पेश हुई चार्जशीट

गुड़गांव सीएलयू के नाम पर 30 से 50 करोड़ रुपए मांगने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं वर्तमान कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप तय हो गए हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो ने नारनौल में एएसजे हर्षाली चौधरी की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। एसीबी ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत राव नरेंद्र सिंह को आरोपी बनाया है।    एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं वर्तमान में हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह द्वारा धर्मेंद्र कुहाड़ से पलवल में 30 एकड़ जमीन की सीएलयू यानी चेंज ऑफ लैंड यूज कराने की ऐवज में 30 से 50 करोड़ रुपए की मांग की थी। इसकी शिकायत धर्मेंद्र कुहाड़ द्वारा स्टिंग ऑपरेशन करके ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली थी। धर्मेंद्र ने स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो/ऑडियो रिकॉर्डिंग को इनेलो के विधायक रामपाल माजरा को दे दिया। पूर्व विधायक रामपाल माजरा द्वारा एक शिकायत लोकायुक्त को साल 2014 में दी थी। लोकायुक्त द्वारा शिकायत को जांच के लिए भारतीय पुलिस सेवा के विक्रम राजा को सौंपा था।   शिकायत की जांच की अंतिम रिपोर्ट 27 अप्रैल 2015 को लोकायुक्त हरियाणा को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट पर लोकायुक्त द्वारा ेस दर्ज करने के लिए 16 दिसंबर को चीफ सेक्रेटरी को सिफारिश की गई थी। चीफ सेक्रेटरी ने एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक को केस दर्ज करने की सिफारिश की थी। इस पर 29 जनवरी 2016 को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत केस दर्ज कर लिया। मामले की जांच पूरी करने के बाद अब एंटी करप्शन ब्यूरो ने मामले में चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी है।   

फ्री सफर पर ब्रेक! डीजल न मिलने से पंजाब रोडवेज की बसें थमीं, लोग फंसे रास्ते में

पठानकोट पंजाब सरकार की ओर से महिलाओं के लिए शुरू की गई मुफ्त बस यात्रा योजना अब संकट में घिरती नजर आ रही है। इस योजना के तहत पंजाब रोडवेज पर 1200 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया हो चुका है। साथ ही, बसों को चलाने के लिए डीजल तक उपलब्ध नहीं है। पठानकोट रोडवेज डिपो में डीजल खत्म होने के कारण शुक्रवार को चक्का जाम हो गया, जिससे चंडीगढ़, अमृतसर, जालंधर और गुरदासपुर जैसे विभिन्न रूटों पर बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। इससे यात्रियों, खासकर महिलाओं और छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पठानकोट बस अड्डे पर यात्रियों की भीड़ जमा हो गई।रोडवेजड बसों के न चलने से कई लोगों को निजी बसों का सहारा लेना पड़ा। छात्राओं और महिलाओं को किराया देकर यात्रा करनी पड़ी, जिससे सरकार की मुफ्त यात्रा योजना पर सवाल उठने लगे। पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन के प्रधान जोगिंद्र पाल सिंह लवली ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अब रोडवेज डिपो को डीजल के लिए बजट तक नहीं मिल रहा। पठानकोट डिपो में डीजल की कमी के कारण बसें खड़ी हैं और कुछ रूटों पर जो बसें चलीं, वे कल के बचे हुए डीजल से चलाई गईं। इन बसों में भी ओवरलोडिंग की समस्या देखी गई। जोगिंद्र पाल ने बताया कि सरकार मुफ्त बस सेवा का दावा तो कर रही है, लेकिन इसके लिए जरूरी बजट जारी करने में नाकाम रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किलोमीटर स्कीम को बरकरार रख रही है, जिसका टेंडर 31 अक्टूबर को फिर से खोला जाएगा। यूनियन ने इस टेंडर का विरोध करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यह स्कीम रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। यात्रियों ने भी सरकार से नाराजगी जताई। उनका कहना है कि मुफ्त यात्रा का वादा तो किया गया, लेकिन बसें ही नहीं चल रही हैं। हमें मजबूरी में किराया देकर निजी बसों में जाना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में “जीरो पावर्टी अभियान” को एक मिशन के रूप में संचालित करने का लिया है संकल्प

लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में “जीरो पावर्टी अभियान” को एक मिशन के रूप में संचालित करने का संकल्प लिया है। उनके विजन का लक्ष्य स्पष्ट है—राज्य के हर गरीब परिवार को सरकारी योजनाओं का सम्पूर्ण लाभ दिलाना, ताकि कोई भी परिवार बुनियादी सुविधाओं से वंचित न रहे। इसके तहत पहले चरण में जहां सात प्रमुख योजनाओं (राशन कार्ड, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना) के माध्यम से चिन्हित परिवारों को आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया था, वहीं अब दूसरा चरण और अधिक व्यापक होने जा रहा है। अभियान के दूसरे चरण में अब प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, जलजीवन मिशन, विद्युत कनेक्शन, शिक्षा तथा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य प्रत्येक गरीब परिवार को ऊर्जा, स्वच्छता, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन की बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। हर गरीब को सम्मानजनक जीवन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि “जीरो पावर्टी” केवल योजना न रहे, बल्कि एक सामाजिक संकल्प बन जाए। उनका स्पष्ट संदेश है कि यह अभियान न सिर्फ लाभ पहुंचाने का प्रयास है, बल्कि “गरीबी के चक्र को स्थायी रूप से तोड़ने” का एक मॉडल है, जो उत्तर प्रदेश को गरीबीमुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम साबित होगा। यह अभियान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस “योगी मॉडल ऑफ डेवलपमेंट” की मिसाल है, जिसमें विकास केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि हर गरीब परिवार के जीवन में दिखता है। जहां प्रधानमंत्री मोदी का “सबका साथ, सबका विकास” नारा है, वहीं मुख्यमंत्री योगी का विजन उसे धरातल पर “जीरो पावर्टी” के रूप में साकार कर रहा है। योजनाओं का मिलेगा लाभ तो जीवन होगा खुशहाल दूसरे चरण में अटल आवासीय योजना भी अभियान का अहम हिस्सा है। इसके तहत निराश्रित बच्चों को सुरक्षित आवासीय शिक्षा से जोड़ा जा रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। वहीं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत कमजोर वर्ग की बालिकाओं को उनके विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी। इसी तरह, मुख्यमंत्री का निर्देश है कि सभी अनाथ बच्चों को बाल सेवा योजना में नामांकित किया जाए, जिससे उन्हें योजना का लाभ मिल सके। परिवार के सभी बच्चों का स्कूल में नामांकन सुनिश्चित हो और यदि नामांकन न हुआ हो तो तत्काल कराया जाए। साथ ही, सभी पात्र परिवारों को उज्ज्वला कनेक्शन दिए जाने पर भी जोर है, ताकि घरेलू महिलाएं सेफ कुकिंग फ्यूल का उपयोग सुनिश्चित कर सकें। वहीं, एसबीएम ग्रामीण के तहत सभी हाउसहोल्ड में सैनिटरी टॉयलेट्स की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है। जलजीवन मिशन के अंतर्गत सभी घरों में स्वच्छ पेयजल और इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन योजना के अंतर्गत समस्त पात्रों को रेगुलर इलेक्ट्रिसिटी प्रदान करने का लक्ष्य है। गरीबी की पहचान और समग्र सुधार जीरो पावर्टी के तहत चिन्हीकरण में उन परिवारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिनके पास कृषि भूमि नहीं है, पक्का मकान नहीं है, या जिनके सदस्य वृद्ध, निराश्रित, अनाथ अथवा दिव्यांग हैं। साथ ही शिक्षा और रोजगार के अवसरों से वंचित युवाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है। यह मॉडल “डेमोग्रॉफी, असेट ओनरशिप और एजूकेशन एंड एंप्लॉयबिलिटी” के तीन स्तंभों पर आधारित है, जो गरीबी के मूल कारणों को दूर करने की दिशा में ठोस कदम है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर के सभी अधिकारी इस अभियान को अपनी जिम्मेदारी समझें और 100% कवरेज सुनिश्चित करें।

सफाई का जायजा लेने बुड्ढा नाला पहुंचे राज्यपाल, अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश

लुधियाना  पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया शुक्रवार को लुधियाना में ताजपुर रोड स्थित बुड्ढा नाला पहुंचे। उन्होंने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा बुड्ढा नाले की सफाई के लिए चलाए जा रहे अभियान का जायजा लिया। बता दें कि बुड्ढा नाले का प्रदूषण सतलुज नदी के जरिए मालवा से लेकर राजस्थान तक कहर बरपा रहा है। गुलाब चंद कटारिया खुद राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए वे लगातार इस अभियान की समीक्षा कर रहे हैं। वे इस मुद्दे पर चंडीगढ़ में अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं और कई बार घटनास्थल का दौरा भी कर चुके हैं। आज के दौरे के दौरान राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने बुड्ढा नाले की सफाई के काम का जायजा लिया। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इस मौके पर उनके साथ राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल भी मौजूद थे। 

छठ पूजा की तैयारी जोरों पर, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद संभाली कमान

नई दिल्ली  दिल्ली में आस्था के महापर्व छठ की तैयारी पूरे जोश और श्रद्धा के साथ जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कई छठ घाटों का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि सरकार छठ की तैयारियों के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और विधायक संदीप सहरावत ने शुक्रवार को पहले भव्य पोचनपुर छठ घाट का उद्घाटन किया और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, "पूरी दिल्ली में लगभग 1,500 स्थानों पर छठ घाट बनाए गए हैं और सभी तैयारियां जोरों पर हैं। इसके अलावा, यमुना नदी के किनारे कई किलोमीटर तक 17 अलग-अलग स्थानों पर विशेष घाट बनाए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को छठ पूजा करने के लिए उचित सुविधाएं मिल सकें।" भाजपा विधायक संदीप सहरावत ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हमारी मुख्यमंत्री ने पोचनपुर छठ घाट का उद्घाटन किया और स्वयं सभी तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी तैयारियों की समीक्षा की। मैं मुख्यमंत्री को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।" इसके बाद, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया, जिसमें छठ घाट, 153 गलियां, सीवर व पानी की लाइनें और गणेश नगर कॉम्प्लेक्स में एक पुलिया शामिल है। उन्होंने धोबी समुदाय के लोगों को इलेक्ट्रिक आयरन बांटे और भाजपा की ओर से यमुना घाटों पर किए गए इंतजामों के बारे में बताया, जिससे पूर्वांचल के लोग बिना किसी परेशानी के छठ पूजा कर सकें। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "यह घाट न सिर्फ पूर्वांचली भाई-बहनों की आस्था का प्रतीक है, बल्कि दिल्ली के सांस्कृतिक गौरव और सहभागिता की पहचान भी बनेगा।" मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लिखा, "भाजपा सरकार के नेतृत्व में जिस समर्पण और संवेदनशीलता से छठ महापर्व की तैयारियां की जा रही हैं, वह अभूतपूर्व है। इस बार यमुना किनारे जब हमारी बहनें सूर्य देव को अर्घ्य देंगी, तो वे स्वच्छ और निर्मल जल में खड़ी होकर अपनी प्रार्थनाएं अर्पित करेंगी। यह नया घाट दिल्ली में आस्था और विकास के संगम का प्रतीक है।"

सावधान! रांची के 26 घाट घोषित किए गए Dangerous, नगर निगम ने दी चेतावनी

इस बार छठ पूजा की शुरुआत शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 को होगी और समापन मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 को प्रातः कालीन अर्घ्य के साथ होगा। झारखंड में छठ पूजा की बड़ी ही धूम होती है। वहीं, छठ पूजा से पहले रांची के 26 घाट खतरनाक घोषित कर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक रांची में इस बार मानसून के दौरान रिकॉर्ड तोड़ बारिश होने के कारण शहर के कई तालाबों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे में 74 घाटों में से 26 को हाई रिस्क जोन घोषित किया गया है। कहा जा रहा है कि इन घाटों में सीढ़ियों से उतरते ही 7 से 8 फीट तक पानी है, जो व्रतधारियों और श्रद्धालुओं के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। नगर निगम ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर एनडीआरएफ जवानों की तैनाती की मांग की है। वहीं, नगर निगम ने अपील की है कि श्रद्धालु चिह्नित सुरक्षित घाटों पर ही पूजा करें और बच्चों या बुजुर्गों को पानी के गहरे हिस्से में न ले जाएं। बैरिकेडिंग पार करना सख्त वर्जित है। कांके डैम, हातमा तालाब, तिरिल बस्ती कोकर तालाब, जोड़ा तालाब बरियातू, भाभा नगर तालाब, कोकर टुनकी टोला तालाब, रिम्स, जेल तालाब, चडरी तालाब, करमटोली तालाब, हटनिया तालाब, नक्षत्र वन, बड़ा तालाब, अरगोड़ा तालाब, मधुकम तालाब, कटहल गोंदा तालाब, सरोवर नगर डैम साइड, भट्टा गढ़ा, हेहल तालाब, जगन्नाथपुर तालाब, धुर्वा डैम, धुर्वा छोटा डैम, बटन तालाब, स्वर्णरेखा घाघरा घाट, नामकुम तेतरी टोली, कैलाश नगर, नामकुम सिपाही पुल, जोजार नामकुम, हुंडरू तालाब।

हरियाणा में बढ़ेगी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री की रफ्तार, सरकार ने E-CMS इंसेंटिव पर लिया बड़ा फैसला

चंडीगढ़ हरियाणा केन्द्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) के तहत निवेश आकर्षित कर प्रदेश को ’इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग’ के एक प्रमुख हब के रूप में विकसित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। इस दिशा में राज्य जल्द ही अपनी ईसीएमएस पॉलिसी के तहत नई प्रोत्साहन योजनाएं शुरू करेगा, जिनमें निवेशकों को वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आज यहां एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास को गति देने राज्य में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने की रणनीतियों की समीक्षा की गई। नई मसौदा ‘ईसीएमएस पॉलिसी’ के तहत पूंजीगत एवं परिचालन खर्च की प्रतिपूर्ति, ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर व्यय, प्रौद्योगिकी अधिग्रहण, क्षमता निर्माण, अनुसंधान एवं नवाचार सुविधाओं के विकास हेतु समर्थन जैसे अनेक प्रोत्साहन प्रस्तावित हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य बड़े निवेश आकर्षित करना, रोजगार के नए अवसर सृजित करना और वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन में राज्य की भागीदारी को मजबूत करना है। उन्होंने बताया कि देश में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन वर्ष 2015 से अब तक 17 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ा है, जबकि डिजाइन और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम अभी विकास के शुरुआती चरण में है। वर्तमान में हरियाणा देश के कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में लगभग 2.9 प्रतिशत (0.8 बिलियन यूएसडी) का योगदान दे रहा है और इस क्षेत्र में लगभग 1.3 मिलियन रोजगार का सहयोग करता है। रस्तोगी ने कहा कि लक्षित नीतिगत सहयोग, रणनीतिक निवेशक सहभागिता और आईएमटी सोहना में प्रस्तावित इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर जैसे सक्षम बुनियादी ढांचे के निर्माण से राज्य के योगदान को बढ़ाने की अपार सम्भावनाएं हैं। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार की ’ईसीएमएस योजना’ के अंतर्गत कई तरह के लाभ दिए जाते हैं। इनमें 1 से 25 प्रतिशत तक टर्नओवर-लिंक्ड और पूंजी निवेश आधारित लाभ शामिल हैं। आंध्र प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे प्रगतिशील राज्यों की तर्ज पर हरियाणा ’अतिरिक्त टॉप-अप इंसेंटिव देने की संभावनाएं तलाश रहा है, ताकि ईसीएमएस-अनुमोदित निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति और मजबूत हो सके। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को इस संबंध में विस्तृत योजना तैयार करने और तत्परता से निवेशकों से संपर्क साधने के निर्देश दिए। इसके तहत 10 नवंबर तक उन 11 आवेदकों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की जाएंगी, जिन्होंने प्रदेश में ईसीएमएस-अनुमोदित मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने में रुचि दिखाई है। इसके अतिरिक्त, 50 अन्य कंपनियों से भी संपर्क किया जाएगा, जिन्होंने अभी तक अपनी परियोजना का स्थान निर्धारित नहीं किया है। बेहतर समन्वय और निवेशक सुविधा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रत्येक संभावित निवेशक के लिए समर्पित रिलेशनशिप मैनेजर नियुक्त करेगी। ये अधिकारी भूमि की पहचान, नियामक स्वीकृतियांे, विभागीय समन्वय और इंसेंटिव प्रक्रिया से जुड़ी सहायता प्रदान करेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि हरियाणा का दृष्टिकोण सुविधाजनक एवं प्रतिस्पर्धात्मक, दोनों तरह का होगा ताकि राज्य में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की स्थापना के लिए अनुकूल इकोसिस्टम विकसित हो सके। बैठक में नागरिक संसाधन सूचना विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी. अनुपमा तथा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक यश गर्ग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

अब 4 आरोपी FIR में दर्ज: ASI संदीप लाठर आत्महत्या मामले का नया खुलासा

रोहतक  आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि उसके ठीक एक हफ्ते बाद रोहतक साइबर सेल में तैनात एएसआई संदीप लाठर ने भी खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी लेकिन मरने से पहले उन्होंने चार पेज का सुसाइड नोट व लगभग 6:30 मिनट का एक वीडियो बनाया था, जिसमें उन्होंने विभाग में भ्रष्टाचार को उजागर किया था। साथ ही उस वक्त के एसपी नरेंद्र बिजरानिया को ईमानदार तो आईपीएस वाई पूरन कुमार को भ्रष्ट अधिकारी बताया था, जिससे दुखी होकर आत्महत्या कर ली थी तो वहीं, परिजनों की शिकायत पर वाई पूरन कुमार की पत्नी उनके भाई अमन रतन, गनमैन सुशील के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी लेकिन अब इस मामले में एक और नया मोड़ आ गया।  दरअसल FIR की कॉपी में तीन नहीं बल्कि 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। जिन लोगों के खिलाफ FIR की गई है इसमें नया नाम आईजी ऑफिस में तैनात SIS सुनील कुमार का है। 4 नामजद और एक अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। FIR की कॉपी मीडिया के सामने आने से चारों तरफ हलचल मच गई है। दरसल पुलिस ने FIR की कॉपी पूरी तरह से मीडिया से दूर रखी। वह इसलिए कहीं लोगों के बीच में आपसी टकराव न हो जाए और यह मामला जातीय रंग न ले ले।   दूसरी ओर मृतक के भाई संजय चेयरमैन ने कहा है कि उसका भाई भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है और वह पूरा ईमानदार व्यक्ति था। इस सारे मामले की सिटिंग जज से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वाई पूरन कुमार के परिवार को भी न्याय मिलना चाहिए। उनके साथ भी अन्याय न हो और मामले की जांच होगी, तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा।  इन चार लोगों के खिलाफ FIR गौरतलब है कि मृतक संजय संदीप लाठर की पत्नी संतोष की शिकायत पर सदर थाना में वाई पूरण कुमार की पत्नी अमनीत पी कौर, उनके भाई अमन रतन वाई पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार और आईजी ऑफिस में तैनात SIS सुनील कुमार चारों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज हुई है तो वहीं, FIR में एक अन्य के खिलाफ भी शिकायत दी गई है। दूसरी ओर संजय चेयरमैन ने कहा कि इसमें और अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं जो जांच के बाद सामने आएंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तनोट माता मंदिर में टेका माथा, मांगा देशवासियों की खुशहाली का आशीर्वाद

जैसलमेर  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जैसलमेर के दौरे पर हैं। वह शुक्रवार को जैसलमेर स्थित तनोट माता मंदिर गए और माता के दर्शन किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जैसलमेर के तनोट माता मंदिर में दर्शन कर आत्मिक शांति और आशीर्वाद का अनुभव हुआ। इस मंदिर की ऊर्जा अत्यंत अद्भुत और अलौकिक है। राजनाथ सिंह ने मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की और देश की सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए माता से आशीर्वाद मांगा। तनोट माता मंदिर का भारतीय सेना से गहरा ऐतिहासिक संबंध रहा है। 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के दौरान यह मंदिर सैनिकों के लिए आस्था और प्रेरणा का प्रतीक बना रहा। रक्षा मंत्री की यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रही बल्कि उन्होंने इसे देश की सीमाओं पर तैनात जवानों की अदम्य भावना और राष्ट्रभक्ति को समर्पित बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 23 अक्टूबर की शाम को राजस्थान के जैसलमेर पहुंचे थे। यहां उन्होंने सेना के बड़ाखाना के दौरान सैनिकों के साथ बातचीत की। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि अब भारत के खिलाफ कोई भी दुस्साहस करने से पहले पाकिस्तान को दो बार सोचना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन 'सिंदूर' के तहत पाकिस्तान को कड़ी संदेश दिया है। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, केवल रुका हुआ है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि किसी भी दुस्साहस की स्थिति में उसे और भी कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। हमारे पायलटों ने सिर्फ भारत की ताकत का एक नमूना दिखाया है; यदि अवसर मिला तो वे हमारी असली क्षमता प्रदर्शित करेंगे। राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर देते हुए कि देश के विरोधी कभी निष्क्रिय नहीं रहते हैं, सशस्त्र बलों से सदैव सतर्क एवं पूरी तरह तैयार रहने और उनकी गतिविधियों के विरुद्ध उचित व प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण को साकार करने में सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक केवल सीमाओं के रक्षक ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत भी हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, ''यह सदी भारत की है, भविष्य हमारा है। आत्मनिर्भरता की दिशा में जो प्रगति हमने की है, उससे पूर्ण विश्वास है कि हमारी सेना निस्संदेह विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में अपना स्थान रखती है।'' राजनाथ सिंह ने सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि रक्षा तैयारियों को सुदृढ़ करने के लिए सीमा क्षेत्रों में तीव्र गति से विकास गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

दीवाली से पहले पटाखा कारोबारियों का गुस्सा फूटा, पुलिस पर लगाया आरोप

जालंधर  शहर में पटाखा कारोबारियों और पुलिस के बीच जारी विवाद बरकरार रहा। दीवाली के बाद पुलिस द्वारा जारी किए गए नोटिसों के विरोध में पटाखा व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के पूर्व विधायक के.डी. भंडारी को साथ लेकर डी.सी.पी. नरेश डोगरा से मुलाकात की और सभी 20 नोटिस उनके हवाले कर दिए। पटाखा व्यापारियों का नेतृत्व प्रधान विकास भंडारी, प्रधान रवि महाजन और प्रधान संजीव बाहरी ने किया। व्यापारियों ने साफ कहा कि वे कोई स्पष्टीकरण नहीं देंगे, बल्कि पुलिस को ही अपने नोटिस वापस लेने होंगे। इस दौरान भंडारी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब इस वर्ष दिवाली दो दिन अर्थात 20 और 21 अक्तूबर को मनाई गई, तो पुलिस ने सिर्फ 20 अक्तूबर तक का ही लाइसेंस क्यों जारी किया? उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के चलते 21 तारीख को भी दीवाली और बंदीछोड़ दिवस मनाया गया, ऐसे में व्यापारियों का दुकानें खोलना स्वाभाविक था। भंडारी ने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए, न कि त्यौहार के दिन मेहनतकश व्यापारियों को परेशान करने पर। उन्होंने साफ कहा कि पुलिस को यह नोटिस वापस लेने ही होंगे । गौरतलब है कि इस विवाद की गूंज डी.जी.पी. गौरव यादव तक भी पहुंची। पूर्व विधायक के.डी. भंडारी ने सीधे डी.जी.पी. से फोन पर बात कर जालंधर पुलिस की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई थी। सूत्रों के अनुसार डी.जी.पी. के हस्तक्षेप के बाद ही जालंधर पुलिस इस मामले में नरम पड़ी दिखी। इस मामले में जब डी.सी.पी. नरेश डोगरा से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया ।