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23 अक्टूबर से बदल रहा बांकेबिहारी मंदिर का समय, जानें नए दर्शन समय की पूरी जानकारी

मथुरा वृंदावन में 23 अक्तूबर बृहस्पतिवार को भाई दूज पर्व से जन-जन के आराध्य भगवान श्री बांकेबिहारी जी महाराज के मंदिर में दैनिक दर्शन समय व भोगराग में बदलाव हो जाएगा। ठाकुरजी की शीतकालीन सेवाओं का दौर आरंभ होने पर सुबह-शाम की दर्शन समयसारिणी के साथ ही प्रभु को परोसे जाने वाले भोग पदार्थों में भी मौसम के अनुरूप परिवर्तन कर दिया जाएगा। ठाकुर जी की विलक्षण सेवाविधि पर प्रकाश डालते हुए सेवायत आचार्य विप्रांश बल्लभ गोस्वामी बताते हैं कि विश्वविख्यात श्री बांकेबिहारी मंदिर में होली बाद भाई दूज से दिवाली तक ग्रीष्मकालीन एवं दिवाली बाद भाई दूज से होली तक शीतकालीन सेवाओं की परिपाटी निभाई जाती है। सेवायत के अनुसार उसी परंपरा का पालन करते हुए भैयादूज पर्व से भगवान को होने वाले सर्दीले अहसास का ध्यान रखते हुए उन्हें परोसी जानी वाली भोग सामग्री में गर्म तासीर वाले पदार्थों मेवाओं व केसर की मात्रा बढ़ा दी जाएगी।  ठाकुरजी को दोनों वक्त अर्पित किए जाने के लिए तैयार चंदन में पर्याप्त केसर मिलाया जाएगा। माखन-मिश्री दूधभात और रात्रि दूध में भी उत्तम किस्म की पंचमेवा तथा केसर मिलाई जाने लगेगी। सर्दी से बचाने के लिए ठाकुरजी को हल्की सिल्क की पोशाकों की जगह शनील, बेलवेट, मोटी मखमल की अस्तरदार पोशाकें पहनाई जाएंगी। गर्म तासीर के इत्रों से होगी मालिश सर्द मौसम में आराध्य को गर्मी का आनंद देने के लिए सुबह, दोपहर, संध्या व रात्रि में अर्थात पूरे दिन में चार बार केसर, कस्तूरी, हिना, ऊद, मस्क, अंबर आदि गर्म तासीरी इत्रों से मालिश की जाएगी। दोपहर एवं रात्रि में शयन के वक़्त श्रीबांकेबिहारी जी महाराज को शनील की मोटी रजाई ओढ़ाई जाएगी। कुछ दिनों बाद ठंड का प्रकोप बढ़ने पर शयन बेलाओं में भगवान को मखमल-शनील का मोटा टोपा पहनाया जाने लगेगा। इसी के साथ चांदी की सिगड़ी में कच्चे कोयले की धीमी अग्नि सुलगाकर प्रभु को तप्तसुख पहुंचाया जाएगा।  

OTP पर निर्भर सुरक्षा: Mappls ने लॉन्च किया इंजन लॉक, चोरी पर पड़ेगा बड़ा अंकुश

नई दिल्ली ZOHO के मैसेजिंग ऐप Arattai की तरह ही अब स्वदेसी मैप Mappls को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रमोट किया है. इसके बाद से ही इसके शेयर में करीब 10 परसेंट का उछाला आया है. लेकिन यहां हम कंपनी के शेयर नहीं बल्कि Mappls का एक ऐसा खास फीचर बताने जा रहे हैं, जो आपकी कार चोरों से दूर रखने का काम करेगा.  Mappls ऐप के अंदर Immobiliser नाम का फीचर दिया है. इस फीचर का इस्तेमाल करके आप आसानी से अपनी कार के इंजन को रिमोटली बंद कर सकते हैं. इसके लिए आपको पासवर्ड या OTP एंटर करना होगा.  MapMyIndia ने तैयार किया Mappls  Mappls को MapMyIndia ब्रांड ने तैयार किया है. मैप माय इंडिया के मार्केट में कई GPS कार ट्रैकर मौजूद हैं, जिनमें से कुछ प्रोडक्ट के अंदर आपको कार चोरी होने से बचाने की सर्विस मिलती है.  स्वदेसी Mappls ऐप के साथ ये ट्रैकर कंपेटेबल होते हैं. ऐसे में यूजर्स चाहें तो पूरा सेटअप कराने के बाद अपनी कार के इंजन को घर बैठे ऑफ कर सकते हैं. इसमें फ्यूल ऑफ आदि हो जाता है. कार के ECU को कंट्रोल करता है इम्मोबिलाइजर     दरअसल, कार के अंदर इम्मोबिलाइजर होता है, जो इंजन को ऑन करने में मदद करता है. दरअसल, कार की चाबी के अंदर एक ट्रांस्पोंडर चिप होती है.      ये चिप इंजन के कंट्रोल यूनिट (ECU) को एक खास कोड भेजता है. जब ECU कोड को वेरिफाई करता है और कोड सही होने के बाद सिस्टम इंजन को ऑन होने की परमिशन देता है.     अगर कोड गलत या मिशिंग होता है तो कार का ECU सिस्टम फ्यूल सप्लाई को रोक देता है, जिससे कार का इंजन ऑन नहीं होता है.   इम्मोबिलाइजर ऐसे काम करता है  सबसे पहले तो अपनी कार में Mappls या किसी अन्य कंपनी का GPS ट्रैकर इंस्टॉल कराना होगा, जिनमें गाड़ी का इंजन स्विच ऑफ करने करने का फीचर मिलता है. जीपीएस ट्रैकर कार में लगे इम्मोबिलाइजर को कमांड देता है, जिसके बाद कार का इंजन, फ्यूल सप्लाई और स्टार्टर बंद हो जाते हैं.  मोबाइल ऐप पर मिलता है एक्सेस  मोबाइल ऐप Mappls पर जीपीएस ट्रैकर का एक्सेस मिलता है. इसकी मदद से आप कार की लोकेशन, इंजन ऑन होने पर नोटिफिकेशन्स देख सकते हैं. अगर कोई चोरी-छिपे कार को ऑन करता है तो मोबाइल पर तुरंत अलर्ट आ जाता है.  रिएक्टिवेशन का भी फीचर  कार के इंजन को अगर आपने रिमोटली ऑफ किया था और जब आपको सुरक्षित तौर पर कार रिकवर हो जाती है. तो आपको रिएक्टिवेशन को ऑन करना होगा. इसके बाद आप कार के इंजन को ऑन करके उसे चला सकते हैं.

गाय की डकार पर टैक्स, हरियाली बढ़ाने पर राहत! डेनमार्क की पर्यावरण बचाने वाली नई नीति

कोपेनहेगन जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए डेनमार्क सरकार ने एक अनोखा कानून बनाया है. इसका नाम है “फ्लैटुलेंस टैक्स” यानी गायों द्वारा छोड़ी गई गैस पर टैक्स. यह कानून 18 नवंबर 2024 को घोषित किया गया था. इसके अनुसार, 2030 से डेनमार्क के किसानों को अपनी गायों और सूअरों की डकार और गैस उत्सर्जन पर टैक्स देना होगा. 2030 में किसानों को प्रति टन मीथेन पर 300 डेनिश क्रोनर (लगभग 24,100 रुपये) टैक्स देना होगा. 2035 तक यह राशि बढ़कर 750 क्रोनर (लगभग 10,000 रुपये) हो जाएगी.  पेड़ लगाने पर मिलेगी 60 फीसदी की छूट हालांकि, अगर किसान पेड़ लगाकर उत्सर्जन (emissions) कम करेंगे तो उन्हें 60% की छूट मिलेगी. यह टैक्स गाय और भैंसों से निकलने वाली मीथेन गैस को कम करने के लिए लगाया गया है. मीथेन एक ग्रीनहाउस गैस है, जो कार्बन डाइऑक्साइड से कई गुना ज्यादा खतरनाक है. एक गाय रोजाना करीब 500 लीटर मीथेन छोड़ सकती है.  न्यूजीलैंड ने भी 2022 में लगाया था टैक्स संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में जानवरों से होने वाला उत्सर्जन कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग 12% है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर हम इस सदी के पहले आधे हिस्से में ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना चाहते हैं, तो 2030 तक मीथेन उत्सर्जन को 45% तक घटाना जरूरी है. इससे पहले न्यूजीलैंड ने भी 2022 में किसानों पर इसी तरह का टैक्स लगाने का ऐलान किया था, लेकिन 2024 में किसानों के विरोध के बाद इसे रद्द कर दिया गया.

हथियारों की खरीद पर सरकार आक्रामक, आधा डिफेंस बजट उड़ा, कई डील्स पेंडिंग में

नई दिल्ली भारतीय सेना को स्वदेशी और आधुनिक बनाने के लिए तेजी से निवेश किया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में रक्षा खरीद (कैपिटल एक्सपेंडिचर) के लिए 1,80,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. मात्र कुछ महीनों के भीतर ही रक्षा मंत्रालय ने इस पूरे आवंटन का 50 प्रतिशत से अधिक खर्च कर दिया है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष (FY) 2025-26 में मंत्रालय ने सितंबर 2025 के अंत तक कैपिटल एक्सपेंडिचर का 50% से अधिक उपयोग कर लिया है. कुल आवंटन 1,80,000 करोड़ रुपये में से 92,211.44 करोड़ रुपये (51.23%) खर्च किए जा चुके हैं. पिछले वित्तीय वर्ष में रक्षा मंत्रालय ने 1,59,768.40 करोड़ रुपये का 100% कैपिटल एक्सपेंडिचर खर्च किया था. लगातार की जा रही है खरीद रक्षा मंत्रालय के अनुसार, कैपिटल एक्सपेंडिचर का 50% से अधिक उपयोग करने से महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म जैसे एयरक्राफ्ट, शिप, पनडुब्बी, हथियार प्रणाली आदि की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित होगी, जो आने वाले वर्षों में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए अत्यंत आवश्यक है. अधिकतर खर्च एयरक्राफ्ट और एयरो इंजन पर किया गया है. इसके बाद लैंड सिस्टम्स, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर उपकरण, हथियार और प्रोजेक्टाइल पर खर्च हुआ है. कैपिटल एक्सपेंडिचर रक्षा क्षेत्र के लिए आवश्यक है, क्योंकि इसके तहत नए हथियारों की खरीद, अनुसंधान एवं विकास, और सीमा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास किया जाता है. स्वदेशीकरण पर फोकस अपने देश में बने हथियारों से देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में स्वदेशीकरण की मुहिम तेज़ी से आगे बढ़ रही है. वित्तीय वर्ष 2020-21 से ही रक्षा मंत्रालय घरेलू उद्योगों से खरीद के लिए धन आवंटित कर रहा है, जिससे ये उद्योग लगातार मजबूत हो रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2025-26 में घरेलू उद्योगों के लिए 1,11,544.83 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. अब तक घरेलू खरीद के लिए आवंटित राशि का 45% तक का महत्वपूर्ण खर्च दर्ज किया गया है. यह आवंटन रक्षा प्रौद्योगिकी और निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ MSMEs, स्टार्ट-अप्स आदि को इस क्षेत्र में आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया है. सशस्त्र बलों की सेवाओं के लिए पूंजीगत आवंटन में पिछले कई वर्षों से लगातार वृद्धि देखी जा रही है. पिछले पांच वर्षों में इसमें लगभग 60% की बढ़ोतरी हुई है.

भारत की ऐतिहासिक फाइटर जेट फैक्ट्री अब तेजस पर फोकस, रफाल और सुखोई के युग से आगे

नासिक भारत की वायु सेना को मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा बदलाव हो रहा है. नासिक शहर की वह बड़ी फैक्ट्री, जो पहले रूसी लड़ाकू विमानों को जोड़ने का काम करती थी, अब भारत के अपने बनाए विमानों पर ध्यान दे रही है. यह फैक्ट्री लगभग 1000 रूसी विमान बना चुकी है. अब यह तेजस लड़ाकू विमान और एचटीटी-40 ट्रेनर विमान बनाने में जुटी है. वहां से पहली बार स्वदेशी तेजस एलसीए एमके1ए विमान की उड़ान दिखेगी.  पुराने दिनों की यादें: रूसी विमानों का कारखाना नासिक की यह फैक्ट्री भारत का सबसे बड़ा लड़ाकू विमान बनाने वाला केंद्र है. यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का हिस्सा है. पहले यह फैक्ट्री सोवियत यूनियन (अब रूस) के डिजाइन वाले विमानों को जोड़ती थी. यहां से निकले विमान भारतीय हवाई सेना की ताकत बने.     मिग-21 का जादू: यह फैक्ट्री ने 575 मिग-21 विमान बनाए. मिग-21 को 'बाइसन' भी कहते हैं. यह छोटा लेकिन तेज विमान था, जो दुश्मनों को डराता था.     सु-30एमकेआई की ताकत: इसके अलावा, सु-30एमकेआई जैसे बड़े विमान भी यहां जोड़े गए. कुल मिलाकर, लगभग 1000 रूसी मूल के विमान इस फैक्ट्री से बने. ये विमान भारत को विदेश से मिले थे, लेकिन यहां जोड़कर तैयार किए जाते थे. इससे भारत की हवाई सेना मजबूत हुई, लेकिन अब समय बदल गया है. भारत अब खुद के विमान बना चुका है.  नया दौर: स्वदेशी विमानों की शुरुआत अब नासिक की फैक्ट्री को नया रूप दिया गया है. पुराने हैंगर (बड़े गोदाम जैसे कमरे) को साफ-सुथरा और आधुनिक बनाया गया. पुराने उपकरण हटा दिए गए. अब नए जिग्स, फिक्सचर और टूल्स लगाए गए हैं, जो भारतीय डिजाइन वाले विमानों के लिए हैं.     निवेश का जुगाड़: इस बदलाव पर 500 करोड़ रुपये खर्च हुए. फैक्ट्री का इलाका 13 लाख वर्ग फुट का है. यह बहुत बड़ा है.     तेजस एलसीए एमके1ए: यह भारत का अपना लड़ाकू विमान है. यह हल्का, तेज और चालाक है. नासिक में नई असेंबली लाइन बनी है. यहां पहले साल में 8 तेजस विमान बनेंगे. बाद में और तेजी से बनाए जा सकेंगे.     एचटीटी-40 ट्रेनर: यह बेसिक ट्रेनर विमान है. पायलटों को फाइटर जेट उड़ाना सिखाने के लिए. यह विमान पूरी तरह भारतीय डिजाइन का है. बेंगलुरु और नासिक दोनों जगह बन रहा है, ताकि जल्दी डिलीवरी हो. फैक्ट्री के अधिकारी कहते हैं कि नई लाइन पूरी तरह तैयार है. इसमें 30 से ज्यादा जिग्स हैं, जो विमान के मुख्य हिस्सों जैसे सेंटर फ्यूजलेज, फ्रंट फ्यूजलेज, रियर फ्यूजलेज, विंग्स और एयर इंटेक को जोड़ने के लिए हैं. उत्पादन की क्षमता: कितने विमान बनेंगे? भारत को हर साल ज्यादा विमान चाहिए. पुराने विमान जैसे मिग-21 को रिटायर कर दिया गया है. वायु सेना को 30-40 नए विमान सालाना चाहिए.     नासिक की भूमिका: यहां से 8 तेजस सालाना.     बेंगलुरु की मदद: वहां दो और लाइनें हैं. कुल मिलाकर, एचएएल 24 विमान सालाना बना सकेगी.     सु-30 का हिस्सा: फैक्ट्री का कुछ हिस्सा अभी भी सु-30एमकेआई के लिए है. जल्द 15 नए सु-30 के ऑर्डर पूरे होंगे. आत्मनिर्भरता की उड़ान नासिक की फैक्ट्री अब भारत की शान है. पहले रूसी जेट्स, अब स्वदेशी तेजस. यह बदलाव दिखाता है कि भारत अब खुद मजबूत हो रहा है. हवाई सेना को नई ताकत मिलेगी. आने वाले दिनों में और तेजी से उत्पादन होगा. 

पति की हरकतों ने बदल दी 12 करोड़ की जीत की खुशी, चीन की महिला ने तलाक का किया फैसला

नई दिल्ली कभी-कभी सोशल मीडिया पर ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसे देखकर लोगों के होश उड़ जाते हैं। ऐसे ही मामला चीन में देखने को मिला है, जहां एक व्यक्ति लॉटरी में 14 लाख डॉलर जीत गया। हालांकि इसके बाद वह बहक गया और उसके सिर पर नशा इस कदर चढ़ा कि अब उसकी पत्नी के साथ तलाक की भी नौबत आ चुकी है। यह मामला शेडोंग प्रांत के देझोऊ का है और इस जोड़े की शादी 2016 से हुई थी। लॉटरी में 14 लाख डॉलर जैसी भारी भरकम राशि जीतने के बाद उस व्यक्ति का बर्ताव पूरी तरह बदल गया। वो पूरा दिन जुआ खेलने लगा और महिला लाइव स्ट्रीमर्स को लाखों रुपये की टिप भी देने लगा। यही नहीं, उसने एक महिला स्ट्रीमर को 12 लाख युआन (लगभग 168,000 अमेरिकी डॉलर यानी 20.87 लाख रुपये) की टिप भी दी थी।   महिला ने पति के खिलाफ कोर्ट में तलाक की अर्जी दी यह पूरा हाल जब उसकी पत्नी ने देखा तो वह पूरी तरह गुस्सा हो गई, जिसके बाद उसने कोर्ट में तलाक की अर्जी दी है। पत्नी ने जब अपने पति का फोन देखा तो उसने पाया कि वह एक महिला स्ट्रीमर से 'हनी' कहकर बात कर रहा था। इससे महिला और भी ज्यादा गुस्सा हो गई। युआन ने बताया कि पहले तो वह भी अपने पति की तरह बहुत खुश हुई जब उसने उसे खुशखबरी सुनाई और कहा कि वह इन पैसों से अपनी पसंद की कोई भी चीज खरीद सकती है। कार्ड में नहीं थी कोई राशि उन्होंने उसे एक बैंक कार्ड भी दिया, जिसमें कथित तौर पर तीन मिलियन युआन (420,000 अमेरिकी डॉलर) की राशि थी, जिसे वे खर्च कर सकते थे। अपने पति के प्रति विश्वास के कारण युआन ने खाते में शेष राशि की जांच नहीं की, बल्कि कार्ड को दराज में रख दिया। युआन को बाद में पता चला कि उसके पति द्वारा दिए गए कार्ड में कोई धनराशि नहीं थी।

कार मालिकों की चिंता बढ़ी: E20 पेट्रोल नुकसान और पॉलिसी कवरेज की खामियां

नई दिल्ली  भारत में E20 फ्यूल को बढ़ावा देने की मुहिम अब कार मालिकों और बीमा कंपनियों के लिए नई चुनौती बनती जा रही है। पेट्रोल वाहनों के मेंटेनेंस खर्च पिछले दो महीनों में दोगुना हो गया है। अगस्त में यह खर्च 28% था, जो अक्टूबर में बढ़कर 52% तक पहुंच गया। यह जानकारी लोकलसर्कल्स के एक सर्वे में सामने आई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले से ही महंगे पेट्रोल दामों से परेशान ग्राहकों पर इन बढ़े हुए खर्चों ने आर्थिक दबाव बढ़ा दिया है। कार मालिकों की प्रतिक्रिया सर्वे में कई वाहन मालिकों ने कहा कि अगर E20 फ्यूल को ऑप्शनल रखा जाए और इसकी कीमत 20% कम की जाए, तो वे इसका समर्थन करेंगे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि यह भावना पर्यावरण विरोधी नहीं है, बल्कि वाहन मालिकों पर अचानक थोपे गए बदलाव के कारण उत्पन्न हुई है। बीमा में नई समस्याएं बीमा विशेषज्ञों का मानना है कि E20 फ्यूल के कारण होने वाले नुकसान अक्सर मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर नहीं होते। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर किसी वाहन को E20 फ्यूल से नुकसान हुआ, तो इसे रासायनिक जंग या मैकेनिकल घिसावट माना जाता है, न कि दुर्घटना। ऐसे मामलों में बीमा कवरेज आमतौर पर लागू नहीं होता। हालांकि, अगर इंजेक्टर खराब होने से इंजन में आग लगती है, तो यह विवाद का मामला बन सकता है। स्पष्ट पॉलिसी की जरूरत विशेषज्ञों का कहना है कि बीमा पॉलिसी में बदलाव की आवश्यकता है, ताकि इथेनॉल से जुड़े नुकसान और अपवादों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जा सके। ऐसा न होने पर भविष्य में यह विवादों का कारण बन सकता है कि कौन-सा नुकसान बीमा में कवर होगा और कौन-सा नहीं।   सरकार का रुख केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि E20 फ्यूल पर आ रही शिकायतें गलत जानकारी पर आधारित हैं। सरकार का दावा है कि E20-कंपैटिबल वाहन 2023 से ही उपलब्ध हैं और इथेनॉल कार्यक्रम भारत के स्वच्छ ईंधन, कम आयात, और किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को आगे बढ़ाता है। E20 फ्यूल में 20% इथेनॉल और 80% पेट्रोल होता है। इसे अप्रैल 2023 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ शहरों में शुरू किया गया था, और अब पूरे देश में लागू कर दिया गया है।  

भारत-मिस्र साझेदारी: इलेक्ट्रिक वाहनों और फिनटेक में दोनों देशों के लिए बड़ा फायदा

नई दिल्ली  एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत और मिस्र के बीच रणनीतिक वार्ता इलेक्ट्रिक वाहनों, खाद्य सुरक्षा, रक्षा, टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स में सहयोग की अपार संभावनाओं के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को बढ़ाएगी। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के वेस्ट एशियन स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर मुदस्सिर कमर को कोट करते हुए अरब न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दोनों देशों के बीच स्टार्टअप्स, रिन्यूएबल एनर्जी, एआई, फिनटेक, इलेक्ट्रिक वाहन, खाद्य सुरक्षा आदि जैसे उभरते और विशिष्ट क्षेत्रों सहित संबंधों को बेहतर बनाने की अपार संभावनाएं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश, ऊर्जा और रक्षा संबंध सहयोग के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। मिस्र खासकर स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र के माध्यम से स्थानीय बाजार की जरूरतों को पूरा करने और निर्यात का विस्तार करने के लिए भारतीय कंपनियों द्वारा निवेश के लिए उत्सुक है, जो व्यापक निवेश प्रोत्साहन और विभिन्न कर और सीमा शुल्क छूट प्रदान करता है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को दोनों देशों के बीच अपनी पहली रणनीतिक वार्ता के बाद कहा कि भारत और मिस्र स्टार्टअप्स, फिनटेक, साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सहयोग बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। मिस्र के विदेश मंत्री डॉ. बद्र अब्देलाती दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता की सह-अध्यक्षता की। विदेश मंत्री जयशंकर ने 2023 में भारत-मिस्र रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के बाद से गहन सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, समुद्री और आतंकवाद-रोधी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने अरब न्यूज को बताया कि दोनों पक्ष डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, फिनटेक, फार्मास्यूटिकल्स, स्टार्ट-अप और इनोवेशन के साथ-साथ रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश की संभावनाओं का पता लगाने पर सहमत हुए। स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र को भारतीय कंपनियों के लिए एक प्रमुख निवेश अवसर बताते हुए, मिस्र के विदेश मंत्री अब्देलाती ने कहा कि यह अंतरमहाद्वीपीय राष्ट्र लाल सागर के उत्तर-पश्चिम में स्वेज की खाड़ी के किनारे एक भारतीय औद्योगिक क्षेत्र बनाने का इच्छुक है।

गरीबों के लिए खुशखबरी! सरकार ने दी 1.41 लाख नए घरों को मंज़ूरी, 14 राज्यों में बदलेगी किस्मत

नई दिल्ली शहरी गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए राहत भरी खबर आई है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 के अंतर्गत देश भर में 1.41 लाख नए मकानों के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। इस नई मंज़ूरी के साथ, अब तक इस योजना के तहत 10 लाख से अधिक घरों को स्वीकृति मिल चुकी है। यह पहल देश के उन लाखों परिवारों के लिए उम्मीद की एक नई किरण है, जो लंबे समय से एक सुरक्षित और स्थायी छत का सपना देख रहे हैं। 14 राज्यों को मिला लाभ, सीएसएमसी ने दी स्वीकृति यह निर्णय हाल ही में आयोजित सेंट्रल सैंक्शनिंग एंड मॉनिटरिंग कमेटी (CSMC) की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता आवास और शहरी मामलों के सचिव स्रीनिवास कटिकिथाला ने की। इस अहम बैठक में योजना की प्रगति की समीक्षा की गई और तय किया गया कि घरों के निर्माण कार्य को तेज़ी से पूरा किया जाए। जिन 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बार लाभ मिला है, उनमें शामिल हैं: असम, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, पुदुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, मेघालय, हरियाणा, ओडिशा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश। सिर्फ घर नहीं, बेहतर जीवन का वादा सरकार का ध्यान केवल मकान बनवाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इन घरों के आसपास जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर — जैसे कि सड़कें, सार्वजनिक परिवहन, और संचार की सुविधाएं भी विकसित हों। इसका उद्देश्य है कि इन घरों में रहने वाले लोगों को सिर्फ छत नहीं बल्कि बेहतर जीवनशैली भी मिले। सचिव कटिकिथाला ने साफ तौर पर कहा कि मकानों के लिए ऐसे स्थान चुने जाएं जहाँ बुनियादी सुविधाएं पहले से उपलब्ध हों या जल्दी विकसित की जा सकें। इससे लाभार्थियों को जीवन यापन में सहूलियत होगी और उन्हें रोज़मर्रा की परेशानियों से नहीं जूझना पड़ेगा। PMAY-Urban 2.0: मकसद और दृष्टिकोण यह योजना केवल एक मकान देने की कोशिश नहीं है, बल्कि सामाजिक समानता और सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है। PMAY-Urban 2.0 का मूल उद्देश्य है कि शहरी इलाकों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर तबके को एक स्थायी और सुरक्षित आवास मुहैया कराया जाए।  

दुबई की सड़कों पर AI की सख्ती, ट्रैफिक उल्लंघन पर तुरंत एक्शन

दुबई  एआई यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI – Artificial Intelligence) का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है। दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग काम के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब एक शहर में एआई का इस्तेमाल बिल्कुल ही हटके काम के लिए किया जाने वाला है। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि कहाँ और कैसे होगा यह? आइए जानते हैं। दुबई में अब एआई रखेगा ट्रैफिक पर नज़र संयुक्त अरब अमीरात – यूएई के शहर दुबई में एआई का इस्तेमाल ट्रैफिक पर नज़र रखने के लिए किया जाएगा। दुबई में सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए एआई से चलने वाले इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम की शुरुआत की गई है। दुबई पुलिस ने ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए AI का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. दुबई की सड़कें अब अत्याधुनिक रडार तकनीक से लैस हैं, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से छह अलग-अलग ट्रैफ़िक उल्लंघनों का पता लगाने में सक्षम हैं. KTC इंटरनेशनल नामक कंपनी ने इन रडार को बनाया है. इसकी मदद से ट्रैफिक कानूनों का सख्ती से पालन कराया जा सकेगा और सड़क सुरक्षा में सुधार होगा. KTC इंटरनेशनल के CO इयाद अल बरकावी के मुताबिक ये रडार ड्राइव करते हुए मोबाइल फोन का उपयोग करना, अचानक लेन बदलना, सीट बेल्ट न पहनना, अनुचित लेन अनुशासन और विंडशील्ड पर अवैध रंग चढ़ाना जैसे उल्लंघनों की पहचान कर सकता है. शोर करने वाले वाहनों पर लगेगी लगाम रडार के साथ एक दूसरी AI तकनीक का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है, जो व्हीकल के ज्यादा शोर का पता लगाना में सक्षम है, जिससे रडार की क्षमता और बढ़ गई है. अल बरकावी ने कहा, AI-संचालित रडार सटीकता के साथ उल्लंघनों की पहचान करता है, उदाहरण के लिए ये कम रोशनी में भी कपड़ों और सीट बेल्ट के बीच अंतर कर सकता है. कई तरह के उल्लंघनों पर लगेगी लगाम इसके अलावा ये रडार लेन डिसिप्लिन, डिस्ट्रेक्ट ड्राइविंग जैसे फोन चलाना, विंडो टिंटिंग के साथ-साथ फुटपाथ पर चलने वाले लोगों की सुरक्षा का भी ख्याल रखेगा. जिसमें पैदल यात्रियों के लिए क्रॉसिंग पर वाहनों की निगरानी करना शामिल है. दुबई के शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर की तारीफ करते हुए, अल बरकावी ने कहा कि रडार का डिज़ाइन अमीरात के उन्नत सड़क नेटवर्क को और बेहतर करता है. उन्होंने कहा, “10 लेन तक के राजमार्गों के साथ ये सिस्टम व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं.” प्रभावी के साथ पॉर्टेबल भी यह रडार प्रभावी होने के साथ-साथ पॉर्टेबल भी है. इसे आसानी से बैरियर पर लगाया जा सकता है और पुलिस की जरूरत के हिसाब से कही भी ले जाया जा सकता है, जो ट्रैफिक कंट्रोल की बदलती जरूरतों के अनुकूल है. इस रडार को चार महीने के परीक्षण के बाद सड़कों पर तैनात किया है, कंपनी का दावा है कि ये सटीकता से उल्लंघनों का पता लगाता है. ये तो वक्त बताया कि ये दुबई के लिए कितना कारगर साबित होता है, अगर सब ही रहा तो ये दुनिया के अलग-अलग देशों में भी डिप्लॉय किया जा सकता है.