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रमा एकादशी 2025: 17 अक्टूबर को है व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा का सही तरीका

कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि में एकादशी का व्रत रखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की आराधना करने से धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. बता दें कि रमा एकादशी को कार्तिक शुक्ल एकादशी भी कहा जाता है. इस बार यह व्रत 17 अक्टूबर को रखा जाएगा. जानते हैं व्रत का शुभ मुहूर्त, कथा, और उपाय के बारे में. रमा एकादशी व्रत तिथि और मुहूर्त  पंचांग के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. एकादशी तिथि की शुरुआत 16 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 17 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 12 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. 17 अक्टूबर को उदयातिथि मान्य रहेगी, इसलिए 17 अक्टूबर को रमा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त  अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. अमृत काल मुहूर्त सुबह 11 बजकर 26 मिनट से दोपहर 1 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. पारण का समय 18 अक्टूबर 2025, सुबह  6 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.  रमा एकादशी पूजन विधि  7 अक्टूबर की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. स्नान के बाद स्वच्छ, पीले या सफेद वस्त्र धारण करें, क्योंकि ये दोनों रंग भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रिय हैं. पूजा स्थल को शुद्ध कर गंगाजल का छिड़काव करें. अब दीप प्रज्वलित करें और भगवान विष्णु के समक्ष बैठकर व्रत का संकल्प लें. पूजा प्रारंभ करते समय भगवान विष्णु का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शुद्ध जल) से अभिषेक करें. इसके बाद उन्हें पीला चंदन, अक्षत (चावल), मौली (रक्षा सूत्र), पुष्प, तुलसीदल, मेवा अर्पित करें.  भगवान विष्णु की पूजा के पश्चात माता लक्ष्मी की भी विधिवत पूजा करें. उन्हें कमल पुष्प, गुलाब या पीले फूल अर्पित करें. पूजन के बाद रमा एकादशी व्रत कथा अवश्य सुनें या पढ़ें. अंत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की संयुक्त आरती करें. आरती के पश्चात परिवार के सभी सदस्य “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जप करें.  व्रतधारी दिनभर उपवास रख सकते हैं. अगले दिन द्वादशी तिथि को प्रातः पूजा कर ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद को दान दें, उसके बाद व्रत का पारण करें.  रमा एकादशी पूजा मंत्र  ॐ नमोः नारायणाय॥ ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥ दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।। रमा एकादशी उपाय  रमा एकादशी के दिन काली चींटियों को आटा या चीनी खिलाने की परंपरा अत्यंत शुभ मानी जाती है. यह उपाय रुके हुए कार्यों को पूर्ण करने वाला माना जाता है. रमा एकादशी पर देवी लक्ष्मी की पूजा में कुछ विशेष वस्तुएं चढ़ाने का विधान है. इस दिन माता को मखाना, खीर, कमल का पुष्प, बताशा, कौड़ी और सुगंधित धूप-दीप अर्पित करें. मखाना और खीर समृद्धि और शुद्धता का प्रतीक हैं. कमल का पुष्प माता लक्ष्मी का प्रिय फूल है, जो वैभव और शांति लाता है. बताशा मिठास और सौहार्द का प्रतीक है. कौड़ी को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है; इसे अर्पित करने से आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है.  रमा एकादशी व्रत कथा  पौराणिक कथा के अनुसार, राजा मुचुकुन्द, जो अत्यंत पराक्रमी और धर्मपरायण थे, उन्होंने अपने जीवन में कई बार युद्ध और पाप कर्मों से मुक्ति के लिए भगवान विष्णु का शरण लिया. एक दिन देवर्षि नारद उनके दरबार में आए और उन्हें रमा एकादशी का व्रत करने की महिमा सुनाई. उन्होंने बताया कि यह व्रत भगवान विष्णु और देवी रमा (लक्ष्मी) को प्रसन्न करने वाला है, जो जीवन के समस्त कष्टों से मुक्ति देता है. राजा मुचुकुन्द ने श्रद्धा पूर्वक यह व्रत किया. इसके प्रभाव से वे न केवल पापों से मुक्त हुए, बल्कि उन्हें स्वर्गलोक की प्राप्ति भी हुई. कहा जाता है कि इसी दिन देवी लक्ष्मी स्वयं विष्णु के साथ पृथ्वी पर आती हैं और भक्तों को धन, वैभव और सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं. 

साफ-सफाई करते समय इन 5 चीजों को कभी बाहर मत फेंकें, दिवाली पर बढ़ती है खुशहाली

दिवाली का त्यौहार नजदीक आते ही हर घर में साफ-सफाई का दौर शुरू हो जाता है। लोग अपने घर की हर चीज को नया और चमकदार बनाने में लग जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सफाई करते वक्त कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें भूलकर भी घर से नहीं निकालना चाहिए? माना जाता है कि ये वस्तुएं घर में लक्ष्मीजी का वास बनाए रखती हैं और सुख-समृद्धि लाती हैं। अगर इन्हें गलती से भी बाहर फेंक दिया जाए, तो मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। आइए जानते हैं, ऐसी कौन-सी चीजें हैं जिन्हें दीपावली की सफाई के दौरान घर से कभी नहीं निकालना चाहिए। शंख या कौड़ी दिवाली की सफाई के दौरान पूजा के सामान में अगर पुराना शंख या कौड़ी मिल जाए तो उसे भूलकर भी फेकना नहीं चाहिए। क्योंकि ये दोनों ही चीजें माता लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती हैं। ऐसे में मान्यता है कि इन्हें घर से बाहर निकालने पर, मां लक्ष्मी भी चली जाती हैं। झाड़ू झाड़ू का संबंध भी माता लक्ष्मी से है। दिवाली की सफाई के दौरान झाड़ू को भी घर से नहीं फेंकना चाहिए। दिवाली का दिन मां लक्ष्मी को खुश करने का दिन होता है। ऐसे में जब झाड़ू को घर से बाहर फेंका जाता है तो लक्ष्मी रूठ कर चली जाती है। इसलिए दीपावली की सफाई में झाड़ू को भूलकर भी ना फेंके। लाल कपड़े अक्सर लोग दीपावली के सफाई के दौरान पुराने कपड़े भी घर से बाहर निकाल देते हैं। लेकिन अगर अपने घर में कहीं पर भी लाल कपड़ा रखा हुआ है, तो उसे दीपावली की सफाई के दौरान भूल कर भी घर से बाहर ना करें या किसी को ना दें। लाल कपड़े को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और इसमें मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए दीपावली की सफाई के दौरान भूल कर भी लाल कपड़े को घर से बाहर नहीं निकालना चाहिए। पुराने सिक्के अगर आपको पुराने सिक्के मिल जाए, जिनका इस्तेमाल भले ही आज के दौर में नहीं होता है, लेकिन फिर भी उन्हें दीपावली की सफाई के दौरान घर से बाहर ना निकालें। दरअसल सिक्के पुराने हो या नए दोनों में ही मां लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में दीपावली के समय में इन्हें घर से बाहर निकालना यानी मां लक्ष्मी को घर से बाहर निकालना है, और इससे घर में दरिद्रता आती है।

लक्ष्मी आगमन से पहले करें ये सफाई, घर से बाहर करें अलक्ष्मी की निशानियां!

वास्तु शास्त्र के अनुसार दिवाली से पहले घर की सफाई और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना बेहद जरूरी माना जाता है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आगमन होता है और घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार दीवाली के दौरान घर अशुभ चीजों को रखने से नेगेटिव वाइब्स का वास होता है, इसलिए दिवाली से पहले घर से अशुभ चीजों को बाहर का रास्ता दिखाएं। आइए जानते हैं कि दिवाली से पहले किन अशुभ चीज़ों को घर से बाहर निकाल देना चाहिए वास्तु के अनुसार टूटा हुआ फर्नीचर, आईना, बर्तन या इलेक्ट्रॉनिक सामान नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं। ये घर में दरिद्रता और अशांति को आकर्षित करते हैं। इन्हें तुरंत हटा दें। टूटा हुआ शीशा घर में टूटा हुआ शीशा रहना शुभ नहीं माना जाता। इससे नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए दिवाली से पहले टूटे हुए शीशे को घर से बाहर करें। पुराने कपड़े और जूते-चप्पल बहुत पुराने या फटे कपड़े, जूते-चप्पल नकारात्मक तरंगों के वाहक होते हैं। इन्हें घर में रखने से मन अशांत रहता है और तरक्की में बाधा आती है। अगर घर में फटे-पुराने जूते चप्पल हैं, तो उन्हें भी दीवाली की सफाई के दौरान घर से बाहर करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, फटे-पुराने जूते चप्पल को घर में रखने से दुर्भाग्य आता है और मां लक्ष्मी का आगमन नहीं होता। इसलिए इस दिवाली पर घर में भूलकर भी फटे-पुराने जूते चप्पल न रखें। बंद घड़ियां वास्तु के अनुसार बंद घड़ियां रुकी हुई प्रगति और समय की रुकावट का प्रतीक हैं। इन्हें या तो ठीक करवाएं या घर से बाहर करें। घर में बंद घड़ी को नहीं रखना चाहिए। बंद घड़ी को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इससे व्यक्ति को करियर और आर्थिक तंगी का समस्या का सामना करना पड़ सकता है। सूखे और मुरझाए पौधे सूखे पौधे या मुरझाए फूल जीवन ऊर्जा को कमजोर करते हैं। इन्हें हटाकर हरे-भरे पौधे लगाएं, ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। पुरानी झाड़ू वास्तु के अनुसार पुरानी झाड़ू दरिद्रता का प्रतीक होती है। दीवाली से पहले झाड़ू बदलना शुभ माना जाता है। नई झाड़ू को घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में छिपाकर रखें। बेकार के कागज़ और टूटी मूर्तियां पुराने बिल, बेकार कागज़, या टूटी देवी-देवताओं की मूर्तियां घर में नहीं रखनी चाहिए। यह लक्ष्मी जी के आगमन में बाधा डालती हैं। इन्हें सम्मानपूर्वक विसर्जित करें। मंदिर में किसी देवी-देवता की खंडित प्रतिमा (टूटी हुई) है, तो उसे नदी में विसर्जित कर दें। एक्सपायर कॉस्मेटिक या दवाइयां एक्सपायर चीज़ें स्थिर नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती हैं। इन्हें हटाने से स्वास्थ्य और ऊर्जा में सुधार होता है।   मकड़ी के जाले और धूल-मिट्टी दीवाली से पहले घर में कोनों, छत और दीवारों की अच्छी सफाई करें। मकड़ी के जाले नकारात्मक शक्तियों के प्रवेश द्वार माने जाते हैं। बेकार इलेक्ट्रॉनिक सामान जो इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं लंबे समय से खराब हैं, उन्हें घर में रखना ऊर्जा प्रवाह को बाधित करता है। इन्हें हटा दें या रीसायकल करें। पुराने रिश्तों और झगड़ों की यादें फोटो, पत्र या ऐसी चीजें जो पुराने दुःख या विवादों की याद दिलाती हैं, उन्हें घर से हटा दें। इससे मानसिक शांति और नई ऊर्जा आती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दिवाली से पहले घर की भौतिक और ऊर्जात्मक सफाई दोनों आवश्यक हैं। जब घर अशुभ वस्तुओं से मुक्त होता है, तब ही माता लक्ष्मी की कृपा, धन, और सौभाग्य का वास होता है।

नेगेटिव एनर्जी से बचना है? अपनाएं ये फेंगशुई उपाय, घर में आएगी खुशहाली

घर की सजावट आदि के लिए हम कई तरह की चीजें रखते हैं। फेंगशुई में माना गया है कि कुछ विशेष वस्तुओं को घर में रखने से आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सकती है, साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। चलिए जानते हैं कि वह चीजों कौन-सी हैं। लगाएं ये तस्वीरें फेंगशुई के मुताबिक आपको अपने घर में सूर्योदय, पहाड़, झरने और घोड़ों की तस्वीर लगाने से विशेष लाभ मिल सकता है। इससे व्यक्ति के लिए समृद्धि और सफलता की संभावनाएं और भी बढ़ जाती हैं। फेंगशुई के अनुसार, घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में परिवार की मुस्कुराती हुई तस्वीरें लगाने से रिश्तों में मजबूती आती है। रख सकते हैं ये पौधे फेंगशुई में माना गया है कि घर में बांस का पौधा रखने से समृद्धि में इजाफा होता है। इसे आप उस स्थान पर रखें जहां घर के सदस्य एक साथ बैठते हों। इसके साथ फेंगशुई के अनुसार, घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में मनी प्लांट का पौधा लगाना भी काफी शुभ माना गया है। इससे आर्थिक स्थिरता बनी रहती है। पैसों की समस्या से मिलेगी राहत फेंगशुई में कछुए को धन और समृद्धि का प्रतीक के रूप में देखा जाता है। ऐसे में आप फेंगशुई के मुताबिक कछुए की मूर्ति को घर की उत्तर दिशा में रख सकते हैं। इससे धन संबंधी समस्याओं में राहत देखने को मिल सकती है। इसके साथ ही घर में फव्वारा या एक्वेरियम रखने पर भी आपको बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। इसे रखने के लिए घर की उत्तर या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) को सबसे उत्तम माना गया है। नेगेटिवि एनर्जी रहेगी दूर फेंगशुई में माना गया है कि विंड चाइम सिर्फ घर की सुंदरता बढ़ाने का काम नहीं करता, बल्कि पॉजिटिव एनर्जी को भी बढ़ाता देता है। इससे नेगेटिवि एनर्जी का प्रभाव कम होता है और पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है। ऐसे में आपको अपने मुख्य द्वार या खिड़कियों पर विंड चाइम जरूर लगाना चाहिए।  

प्रदोष काल के बाद लक्ष्मी पूजन शुभ, जानिए इस बार कब और कैसे मनाई जाएगी दीपावली

इस वर्ष दो अमावस्या तिथियों के कारण दीपावली की तारीख को लेकर क्षेत्र में असमंजस बना हुआ था। सीहोर के विद्वान ब्राह्मणों ने शास्त्रानुसार स्पष्ट किया है कि 20 अक्तूबर सोमवार को ही दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। पंडित जी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार वही तिथि श्रेष्ठ मानी जाती है, जिसमें प्रदोष काल में अमावस्या व्याप्त हो। प्रदोष काल में ही लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ धर्मशास्त्रों में प्रदोष काल अर्थात सूर्यास्त के पश्चात का समय को लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। 20 अक्तूबर को यह काल अमावस्या तिथि के अंतर्गत आ रहा है, जिससे इस दिन का पूजन शुभ और फलदायी माना गया है। दो दिन पूजन में दोष नहीं, पर पर्व एक दिन ही पंडित शर्मा ने बताया कि यदि कोई साधक 21 अक्तूबर को भी पूजन करता है तो इसमें कोई दोष नहीं, क्योंकि लक्ष्मी पूजन एक विशेष आराधना है। किंतु पर्व का उत्सव एक ही दिन 20 अक्तूबर को शास्त्रसम्मत माना गया है। तिथि गणना के अनुसार 20 को प्रदोष में अमावस्या ज्योतिष गणना के अनुसार 20 अक्तूबर को अमावस्या दोपहर 3:44 बजे से प्रारंभ होकर 21 अक्तूबर सायं 4:50 तक रहेगी। मंगलवार को सूर्यास्त 5:54 पर होने से उस दिन सूर्यास्त के पूर्व ही अमावस्या समाप्त हो जाएगी। इसलिए 20 अक्तूबर की रात्रि को ही प्रदोष व्यापिनी अमावस्या का पूर्ण प्रभाव रहेगा। नक्तव्रत पारण का विधान भी 20 को ही संभव नक्तव्रत पारण जो लक्ष्मी पूजन का एक आवश्यक भाग है, ये केवल 20 अक्तूबर को ही संभव है। इसी कारण मुख्य दीपोत्सव का आयोजन इसी दिन किया जाएगा। पंडितों के अनुसार इस रात्रि में लक्ष्मी-गणेश पूजन कर दीपदान करने से समृद्धि की प्राप्ति होती है।पंडित गणेश शर्मा के अनुसार  “नक्तव्रत पारण”  दो शब्दों से मिलकर बना है। नक्त अर्थात रात्रि व्रत अर्थात उपवास या संयम का नियम। इसका अर्थ है, दिन भर उपवास रखकर रात्रि में पारण यानि भोजन ग्रहण करना। इस व्रत में व्यक्ति पूरे दिन जल, फल या एकदम निराहार रहकर रात्रि में, जब शुभ मुहूर्त आता है या पूजा सम्पन्न होती है, तब भोजन करता है। दीपावली की रात लक्ष्मी माता का आगमन माना गया है। इस दिन लक्ष्मी पूजन  के पहले अनेक श्रद्धालु नक्तव्रत का संकल्प लेते हैं। इसका उद्देश्य होता है शुद्ध तन-मन से देवी लक्ष्मी की आराधना करना, और पूजा के पश्चात् ही अन्न ग्रहण करना। 23 अक्तूबर को भाई दूज का पर्व दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का समापन 23 अक्तूबर को भाई दूज के साथ होगा। बहनें अपने भाइयों के दीर्घायु होने की कामना करते हुए तिलक करेंगी और प्रेमपूर्वक भोजन कराएंगी। 

आज किसका चमकेगा भाग्य? 16 अक्टूबर 2025 का दैनिक राशिफल पढ़ें मेष से मीन तक

मेष राशि- आज मेष राशि के जातक आप ऊर्जा से भरपूर रहेंगे और आज कुछ अलग कर सकते हैं। हालांकि आपके खर्चे बढ़ेंगे, लेकिन आपकी इनकम में भी वृद्धि होगी। माता-पिता की सेहत में सुधार होगा। ऑफिस में आपकी जिम्मेदारियां बढ़ने की संभावना है। जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बिताएंगे। वृषभ राशि- आज आपके जीवन में कई खुशनुमा पल आएंगे। बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। आर्थिक लाभ की संभावना है। इमोशनल रूप से आप परेशान हो सकते हैं, जीवनसाथी के साथ समय बिताएं। अटके हुए काम पूर्ण हो सकते हैं। व्यावसायिक सफलता मिल सकती है। मिथुन राशि- आज आपको अपने मूड में बदलाव करने की जरूरत है। किसी करीबी व्यक्ति के साथ वाद-विवाद हो सकता है, इसलिए शांत रहें। रोमांस रोमांचक रहेगा। शादीशुदा जातक ऑफिस रोमांस से बचें, वरना रंगे हाथ पकड़े जा सकते हैं। आप आज अपने जीवनसाथी के साथ अपने जीवन का सबसे अच्छा दिन बिताएंगे। कर्क राशि- आज आपको धन कमाने के अवसर प्राप्त होंगे। जीवनसाथी के साथ अनबन हो सकती है लेकिन शाम तक सब अच्छा हो जाएगा। ऑफिस में आपको अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का मौका मिलेगा। यात्रा में लाभ हो सकता है। कार्यस्थल पर किसी सीनियर का सहयोग आपको महत्वपूर्ण टास्क में सफलता दिला सकता है। सिंह राशि- आज आपकी सेहत अच्छी रहेगी। धन के मामले में सतर्कता बरतने की जरूरत है। आज कोई करीबी आपसे उधार मांग सकता है, जिससे आपको आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है। यात्रा को फिलहाल के लिए टाल दें। जीवनसाथी के साथ एक शानदार दिन गुजारेंगे। व्यापारिक स्थिति अच्छी होगी। कन्या राशि- आज आपको अपनी फीलिंग्स पर कंट्रोल रखने की जरूरत है। परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं, मन प्रसन्न रहेगा। कारोबारियों को आज अच्छी खबर मिल सकती है। कड़ी मेहनत आज रंग लाएगी और नौकरी करने वाले जातकों को मनमुताबिक परिणाम मिलेंगे। धन की स्थिति अच्छी रहेगी। तुला राशि- आज आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आपकी करियर में उन्नति हो सकती है। परिवार की समस्याओं को सुलझाने के लिए आज का दिन अनुकूल रहने वाला है। आप अपने लक्ष्यों की ओर शांति से आगे बढ़ेंगे और सफलता हासिल करेंगे। वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। वृश्चिक राशि- आज आपको मानसिक परेशानी से छुटकारा मिलेगा। निवेश से दूर रहें। प्यार में निराशा आपको परेशान नहीं करेगी। आज खर्चों के कारण आपके जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते में खटास आ सकती है। आर्थिक बजट बनाकर चलें, वरना भविष्य में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। धनु राशि- आज आपको अपनी पर्सनल व प्रोफेशनल परेशानियों का समाधान मिलेगा। आप बचत करना शुरू कर सकते हैं, जिससे भविष्य में आर्थिक स्थिरता प्राप्त होगी। ऑफिस में अनुभवी लोगों का मार्गदर्शन मिलेगा। दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताएंगे। वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा। मकर राशि- आज आपको परिवार के साथ समय बिताकर अपने मूड में बदलाव करने की जरूरत है। सिंगल जातकों का सामना किसी सच्चे इंसान से हो सकता है। अपनों का साथ मिलेगा। जीवन में सुख-समृद्धि के आने से मन प्रसन्न रहेगा। कार्यस्थल पर परिणाम आपके मुनमुताबिक रहेंगे। लेकिन आज आपको अपने दोस्तों से मिलने के लिए भी समय निकालना चाहिए। कुंभ राशि- आज ऑफिस में आपकी ग्रोथ में अड़चनें आ सकती हैं। आपको अपने धन निवेश और बचत के बारे में अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की जरूरत है। किसी भी तरह की जल्दबाजी से बचें, वरना नुकसान हो सकता है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। व्यावसायिक रूप से आप अच्छे रहेंगे। धन की स्थिति पहले से बेहतर होगी। मीन राशि- आज का दिन आपके लिए खुशनुमा रहने वाला है। जीवनसाथी के साथ एक यादगार शाम बिताएंगे। व्यापार में मुनाफा होगा। नौकरी करने वाले जातकों को अच्छे अवसरों की प्राप्ति हो सकती है। आज विद्यार्थियों को परीक्षा के डर को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए, आपकी कोशिशें जरूर सकारात्मक परिणाम देंगी।

वास्तु के अनुसार डाइनिंग टेबल पर क्या न रखें: बचने के टिप्स

घर में यदि आपने डायनिंग टेबल को गलत दिशा में रखा है। या उस पर आप कुछ ऐसी चीजें रखते हैं, जो वहां नहीं रखनी चाहिए, तो इससे वास्तु दोषलगता है। इसकी वजह से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। आर्थिक परेशानी की स्थिति बन सकती है। इसके अलावा करियर और वैवाहिक जीवन में भी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। तो देर किस बात की है। चलिए जानते हैं कि डायनिंग टेबल को किस दिशा में रखना चाहिए। उस पर क्या चीजें नहीं रखनी चाहिए। ऐसी जगह लगाएं डायनिंग टेबल     परिवार एकता और सुख-शांति के लिए डाइनिंग टेबल को घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।     डाइनिंग टेबल को दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए। उसके उसके चारों ओर पर्याप्त जगह हो।     खाना खाते समय इस तरह से बैठना चाहिए कि किसी भी सदस्य का मुंह दक्षिण दिशा में नहीं हो।     डाइनिंग टेबल पर हमेशा साफ-सुथरी और स्वच्छ हो और उसके आस-पास कोई भी नकारात्मक ऊर्जा नहीं हो। डाइनिंग टेबल ये चीजें नहीं रखें घर के डाइनिंग टेबल पर  दवाएं नहीं रखना चाहिए। बीमार व्यक्ति के साथ यह घर के अन्य सदस्यों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसके अलावा कटलरी सेट को खाने के बाद डायनिंग टेबल से हटा देना चाहिए। नुकीली चीजों जैसे कांटे, कैंची और चाकू को खाने के बाद वहां से हटा देना चाहिए। डाइनिंग टेबल पर चाबियां रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। लिहाजा, उन्हें सही जगह पर वॉरडोब के अंदर या चाभियां टांगने की जगह पर व्यवस्थित तरह से रखें। डाइनिंग टेबल पर बिना उपयोग की चीजें या गंदी चीजें नहीं रखनी चाहिए। इसके अलावा डाइनिंग टेबल पर बाहर से लाया गया सामान जैसे बैग, किताबें, आदि नहीं रखनी चाहिए। क्लीनिंग से जुड़े सामान जैसे डस्टर, पोंछा, आदि को भी डाइनिंग टेबल पर नहीं रखना चाहिए। यदि आप इन छोटी-छोटी लेकिन काम की बातों का ध्यान रखेंगे, तो घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहेगी।  

शनि वक्री का असर: दिवाली पर इन 4 राशियों की बढ़ेगी आर्थिक स्थिति

दिवाली 2025 पर शनि देव की वक्री चाल एक दुर्लभ खगोलीय घटना है। वृषभ, मिथुन, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए यह समय विशेष रूप से धन, करियर, निवेश और सामाजिक मान-सम्मान लाने वाला होगा। इस अवसर पर अपने कर्म, पूजा और उपाय को सही दिशा में केंद्रित करें, ताकि शनि देव की कृपा से अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। दिवाली पर शनि देव वक्री क्यों हैं खास ? साल 2025 की दिवाली 20 अक्टूबर को ग्रहों की चाल में एक दुर्लभ योग बन रहा है। शनि देव वक्री होंगे और वह मीन राशि में स्थित होंगे। शनि देव न्याय और कर्मफल के देवता हैं और उनकी उल्टी चाल यानी वक्री स्थिति जीवन में पुराने अटके मामलों को सुलझाने, आर्थिक लाभ और करियर में तरक्की के संकेत देती है। जब यह ग्रह दिवाली जैसे बड़े पर्व के दिन वक्री होते हैं, तो इसका प्रभाव और भी गहरा माना जाता है। यह दुर्लभ योग कुछ राशियों के लिए धन, यात्रा और सामाजिक मान-सम्मान के नए अवसर लेकर आ सकता है। वृषभ राशि – आर्थिक लाभ और सुख-सुविधा इस दिवाली वृषभ राशि वालों के लिए अचानक धन लाभ के योग बन रहे हैं। पुराना अटका पैसा वापस मिल सकता है या नए स्त्रोतों से आय के मार्ग खुलेंगे। करियर: प्रमोशन, नई जिम्मेदारी या बड़ा प्रोजेक्ट मिल सकता है। घर-परिवार: कोई पुरानी इच्छा पूरी होगी, जिससे घर में सुख और संतोष बढ़ेगा। मिथुन राशि – व्यापार और नौकरी में अवसर मिथुन राशि के जातकों के लिए यह दिवाली व्यापार और नौकरी दोनों में लाभकारी रहेगी। लाभ: नई डील, निवेश या व्यापार में मुनाफा। नौकरी: बेरोजगारों को नौकरी मिल सकती है, कार्यरत लोग बेहतर अवसर पाएंगे। विशेष: प्रॉपर्टी, लोहा, तेल, खनिज या काली वस्तुओं से जुड़े व्यवसाय में लाभ। मकर राशि – संपत्ति, सम्मान और सुख चूंकि मकर राशि के स्वामी स्वयं शनि देव हैं, उनकी वक्री स्थिति सकारात्मक परिणाम देगी। धन: नई प्रॉपर्टी, गाड़ी या घर की खरीदारी में सफलता। संबंध: विवाहित जीवन में मधुरता और नई ऊर्जा। सामाजिक जीवन: मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि। कुंभ राशि – आर्थिक वृद्धि और सामाजिक सम्मान कुंभ राशि वालों को इस दिवाली धन आगमन के नए स्रोत मिल सकते हैं। वित्त: आय में वृद्धि, निवेश के लिए अनुकूल समय। सुख और संतुलन: जीवन में खुशियां, आत्मविश्वास और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। 

धनतेरस: खरीदारी के साथ करें ये 5 उपाय, बढ़ेगी मां लक्ष्मी की शुभता

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है और इसी दिन से दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है। इस शुभ दिन मां लक्ष्मी, कुबेर और यमराज की पूजा की जाती है। धनतेरस पर नई वस्तुएं खरीदने के साथ ही कुछ विशेष उपाय करने से धन-धान्य की वृद्धि, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। आइए जानते हैं धनतेरस पर किए जाने वाले 5 अचूक उपाय, जो मां लक्ष्मी की कृपा दिला सकते हैं। कुबेर और लक्ष्मी पूजन धनतेरस पर सूर्यास्त के बाद 13 दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके बाद कुबेर देव और तिजोरी की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा में धूप, दीप, चंदन, नैवेद्य, फूल और फल अर्पित करें। फिर श्रद्धापूर्वक मंत्र जपें: ‘यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय दापय स्वाहा।’ यह मंत्र धन की वृद्धि और आर्थिक स्थिरता लाता है। तिजोरी में चांदी का सिक्का या लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति रखना भी शुभ है। लौंग का जोड़ा अर्पित करें धनतेरस से दिवाली तक मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान रोज एक जोड़ा लौंग अर्पित करना चाहिए। यह छोटा सा उपाय आर्थिक तंगी को दूर करता है। मान्यता है कि लौंग की सुगंध मां लक्ष्मी को आकर्षित करती है, जिससे घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती। लौंग को पूजा के बाद तिजोरी में रखने से धन का प्रवाह बना रहता है। तिजोरी में मां लक्ष्मी की तस्वीर धनतेरस पर तिजोरी या गल्ले में मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर लगाएं, जिसमें वे कमल पर विराजमान होकर धन की वर्षा कर रही हों। यह तस्वीर समृद्धि और स्थायी सुख का प्रतीक मानी जाती है। तस्वीर के पास एक घी का दीपक जलाएं और लाल फूल अर्पित करें। इस उपाय से घर में धन की बरकत होती है और आर्थिक समस्याएं कम होती हैं। मुख्य द्वार पर शुभ प्रतीक घर का मुख्य द्वार सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है। धनतेरस पर हल्दी और चावल को पीसकर पेस्ट बनाएं और इससे मुख्य द्वार पर ‘ॐ’ का चिन्ह बनाएं। यह मां लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक है। इसके साथ, द्वार पर रंगोली बनाना और तोरण लगाना भी शुभ माना जाता है। यह उपाय घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता लाता है। शंख से शुद्धिकरण धनतेरस पर कार्यों में बाधाओं या धन की कमी को दूर करने के लिए दक्षिणावर्ती शंख में स्वच्छ जल भरकर घर के चारों ओर छिड़कें। पूजा से पहले और बाद में यह प्रक्रिया करें। साथ ही, चीनी, बताशा, खीर और चावल का दान करें। यह नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है और मां लक्ष्मी के आगमन का मार्ग प्रशस्त करता है। शंख की ध्वनि घर को शुद्ध करती है। धनतेरस केवल खरीदारी का दिन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और आर्थिक समृद्धि का अवसर है। कुबेर-लक्ष्मी पूजन, लौंग अर्पण, लक्ष्मी तस्वीर, शुभ प्रतीक और शंख शुद्धिकरण – नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं। इन उपायों को श्रद्धा और विधि-विधान से करने पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और घर में धन-धान्य, सुख-शांति का वास होता है।

धनतेरस पर क्या खरीदें? ज्योतिषी ने बताई शुभ और अशुभ वस्तुओं की पूरी लिस्ट

अक्टूबर का महीना चल रहा है और अक्टूबर के इसी महीने में दिवाली का त्यौहार भी है जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. बाजार पूरी तरह से गुलजार हैं, एक अलग ही रौनक देखने को मिल रही है. सारे व्यापारी तैयारी करके बैठे हुए हैं कि इस बार दिवाली के त्यौहार में अच्छा खासा व्यापार किया जाएगा. धनतेरस में लोग तरह-तरह के सामान की खरीदी करते हैं लेकिन इस बार कुछ लोग कंफ्यूजन में भी हैं कि इस बार के धनतेरस में वो लोहे से जुड़ी सामग्री खरीदें या न खरीदें क्योंकि धनतेरस इस बार शनिवार को पड़ रही है. ऐसी मान्यता है कि शनिवार को लोहा नहीं खरीदा जाता. ज्योतिषाचार्य दूर कर रहे हैं कंफ्यूजन. धनतेरस में बड़ा कन्फ्यूजन धनतेरस की तैयारी इन दिनों जोर-शोर से चल रही है, बाजार पूरी तरह से गुलजार हैं. व्यापारी भी धनतेरस को लेकर तैयारी कर चुके हैं लेकिन इस बार धनतेरस को लेकर लोगों में कंफ्यूजन भी है. क्योंकि इस बार की धनतेरस 18 अक्टूबर को पड़ रही है और 18 अक्टूबर को शनिवार का दिन भी पड़ रहा है, जिसके चलते लोग कंफ्यूज हैं कि शनिवार को लोहे से जुड़ी सामग्री वो खरीद सकते हैं या नहीं खरीद सकते हैं. ज्योतिषाचार्य से जानिए क्या लोहा खरीदना सही है? ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस बार उनके पास कई ऐसे लोग आ रहे हैं जो यह पूछ रहे हैं कि शनिवार के दिन धनतेरस है और ऐसे में लोहे से जुड़ी सामग्री की खरीदी वो कैसे करें. वे बताते हैं कि "जिस तरह से दशहरा के दिन पंचक रहता है लेकिन उस दिन दसों दिशाएं खुली रहती हैं सभी शुभ काम होते हैं, इसी तरह धनतेरस के दिन भी भले ही शनिवार पड़ रहा है, लेकिन शनि का कोई दोष नहीं लगेगा, उस दिन हर सामग्री पर लक्ष्मी जी का निवास होता है, फिर चाहे लोहा हो, सोना हो, चांदी हो, तांबा हो, पीतल हो.   'लोहा खरीदने पर नहीं लगेगा शनि का दोष' ऐसे में अगर धनतेरस के दिन आप लोहे से जुड़ी सामग्री खरीद रहे हैं, तो बिल्कुल चिंतित ना हों, शनि का कोई दोष नहीं लगेगा बल्कि मां लक्ष्मी का आपके घर में आगमन होगा. घर में बरक्कत होगी और जिस उद्देश्य के साथ आप धनतेरस में खरीदी कर रहे हैं, आपके उस उद्देश्य की पूर्ति होगी.