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छत्तीसगढ़ को आयुष्मान योजना में मिला टॉप स्टेट का खिताब, 97% अस्पताल कर रहे काम

रायपुर  प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) में शानदार प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ को 'सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य' का राष्ट्रीय सम्मान मिला है। यह सम्मान भोपाल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के CEO सुनील कुमार बर्नवाल ने राज्य नोडल एजेंसी (SNA) की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला और प्रोजेक्ट डायरेक्टर (ऑपरेशन) धर्मेंद्र गहवाई को दिया। छत्तीसगढ़ में PM-JAY के तहत पंजीकृत 97% अस्पताल सक्रिय हैं, जो देश में सबसे अधिक है। लगातार काम कर रहा राज्य मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में आयुष्मान भारत योजना को एक महत्वपूर्ण एजेंडा के रूप में शामिल किया था और सभी कलेक्टर्स को जिलों में योजना की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए थे। राज्य नोडल एजेंसी ने हाल के महीनों में कई अहम कदम उठाए हैं। इनमें संदिग्ध दावों की पहचान कर फील्ड ऑडिट करना, क्लेम प्रोसेसिंग के समय को कम करना, सभी हितधारकों को ट्रेनिंग देना, स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट (SAFU) टीम को मजबूत करना और अस्पतालों के साथ लगातार बातचीत करना शामिल है। जनवरी 2025 में NHA की समीक्षा बैठक में छत्तीसगढ़ में संदिग्ध दावों की संख्या ज्यादा पाई गई थी, जिस पर राज्य नोडल एजेंसी ने तुरंत कार्रवाई की। 45 अस्पतालों पर की थी कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जनवरी-फरवरी 2025 के बीच राज्य के 52 अस्पतालों का अचानक निरीक्षण किया। योजना के नियमों का पालन न करने पर 45 अस्पतालों पर कार्रवाई की गई, जो अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। इसके अलावा, 32 हजार से ज्यादा मामलों में फील्ड ऑडिट किए गए, जिससे फर्जी दावों को रोका जा सका और दावे निपटाने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया। मुख्य एजेंडा में शामिल थी योजना स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया की अध्यक्षता में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की तिमाही समीक्षा बैठक में PM-JAY को मुख्य एजेंडा बनाया गया। स्टेट नोडल एजेंसी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी के नेतृत्व में जिलों की मासिक समीक्षा बैठकें भी शुरू की गईं। जिलों को हर दिन की उपलब्धियों के आधार पर फीडबैक और दिशा-निर्देश दिए जाने लगे। अस्पतालों की समस्याओं को दूर करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और निजी अस्पतालों के साथ नियमित बैठकें हो रही हैं। अस्पतालों की समस्या का भी समाधान हाल ही में NHA विशेषज्ञों की मौजूदगी में एक कंसल्टेशन भी हुआ, जिसमें अस्पतालों की समस्याओं का समाधान किया गया, सुझाव लिए गए और उन्हें योजना की नई प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। इन प्रयासों से संदिग्ध दावों की संख्या में भारी कमी आई है। जहां पहले हर हफ्ते 2,000 से ज्यादा संदिग्ध दावे आते थे, वहीं अब यह संख्या 500 से कम हो गई है। क्लेम अप्रूवल का समय भी घटकर 7-10 दिन रह गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में PM-JAY के तहत पंजीकृत 97% अस्पताल सक्रिय हैं। यह पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश (62%) और देश के औसत (52%) से काफी ज्यादा है।  

नवजात के सीने पर लिखी शर्मनाक जानकारी, हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य अधिकारियों को लगाई फटकार, परिजनों को मुआवजा

बिलासपुर   छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राजधानी रायपुर के डा. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में नवजात शिशु के सीने पर 'इसकी मां एचआइवी पाजिटिव है' लिखी तख्ती लगाने की घटना को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने इसे अमानवीय और असंवेदनशील कृत्य बताते हुए राज्य सरकार को नवजात के माता-पिता को दो लाख का मुआवजा चार सप्ताह के भीतर देने का आदेश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने मंगलवार को दिया। अदालत ने इस मामले को स्वतः संज्ञान में लेकर सुनवाई की थी। क्या है मामला? एक खबर प्रकाशित हुई थी कि रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में एक नवजात के सीने के पास तख्ती लगाई गई थी, जिस पर लिखा था 'इसकी मां एचआइवी पाजिटिव है।' यह दृश्य देखकर पिता व स्वजन रो पड़े थे। खबर सामने आने के बाद हाई कोर्ट ने तत्काल मामले का संज्ञान लिया और मुख्य सचिव को जांच कर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। मुख्य सचिव ने पेश की रिपोर्ट मुख्य सचिव ने कोर्ट में व्यक्तिगत हलफनामा पेश किया। इसमें बताया गया कि चिकित्सा शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई थी, जिसने घटना की जांच कर रिपोर्ट सौंपी है। राज्य सरकार ने यह भी बताया कि, एचआइवी/एड्स (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल) Act, 2017 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों को गोपनीयता बनाए रखने और भेदभाव रोकने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। स्वास्थ्यकर्मियों को संवेदनशील बनाने के लिए नियमित प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कोर्ट ने कही सख्त बातें हाई कोर्ट ने कहा कि, किसी भी सरकारी अस्पताल द्वारा मरीज की पहचान और बीमारी सार्वजनिक करना निजता और गरिमा के अधिकार का उल्लंघन है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित है। अदालत ने कहा कि, इस तरह की हरकत न केवल असंवेदनशील है बल्कि असंवैधानिक भी। यह मरीज और उसके परिवार के जीवन को सामाजिक कलंक में धकेल सकती है। अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि, माता-पिता को दो लाख का मुआवजा चार सप्ताह में अदा किया जाए। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए कड़े दिशा-निर्देश और संवेदनशीलता प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर 2025 को होगी, जिसमें अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।  

रायपुर : प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से हर घर बन रहा ऊर्जा घर

रायपुर प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से हर घर बन रहा ऊर्जा घरभारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने हेतु प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना एक क्रांतिकारी पहल सिद्ध हो रही है। यह योजना देश के प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ एवं सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। योजना के अंतर्गत घरों की छतों पर सौर पैनल स्थापित कर निःशुल्क बिजली प्राप्त की जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी, पारदर्शी आवेदन प्रक्रिया तथा सरल तकनीकी व्यवस्था के कारण यह योजना आम नागरिकों के लिए अत्यंत सुलभ बन गई है। इस योजना से न केवल बिजली बिल में बचत हो रही है, बल्कि हरित ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में भी उल्लेखनीय कमी आई है। राज्य में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में यह योजना जनआंदोलन का रूप ले चुकी है। कोरबा जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिक इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। जिले के श्री शंकर पुरी एवं श्री टेकराम मरावी जैसे लाभार्थियों ने अपने घरों की छतों पर सौर पैनल स्थापित कर न केवल बिजली बिल को शून्य किया है, बल्कि ऊर्जा उत्पादक बनकर आत्मनिर्भरता की दिशा में उदाहरण प्रस्तुत किया है। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना अब केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि हर भारतीय की भागीदारी से संचालित हरित क्रांति बन चुकी है।

उत्तर बस्तर कांकेर में गृह निर्माण मंडल की पहल, वैध और विकसित कॉलोनी में भवन का सुनहरा अवसर

उत्तर बस्तर कांकेर : गृह निर्माण मंडल दे रहा वैध व विकसित कॉलोनी में भवन प्राप्त करने का सुनहरा अवसर उत्तर बस्तर कांकेर मनुष्य की चार मूलभूत आवश्यकताओं में एक है- सुविधायुक्त आवास। कम आय वाले परिवारों को खुद का आवास तैयार करने में काफी परेशानियों और वित्तीय लागत से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा जिले में अटल विहार योजना द्वारा कम लागत में सर्वसुविधायुक्त आवास तैयार कर आम लोगों के सपनों को साकार किया जा रहा है। इसके तहत कांकेर नगर के रामनगर कांकेर में मण्डल द्वारा कॉलोनी विकसित की गई है। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल प्रक्षेत्र कोण्डागांव के संपदा अधिकारी ने बताया कि नगरपालिका सीमा क्षेत्र में प्रयास आवासीय विद्यालय के समीप मण्डल द्वारा विकसित एवं राज्य प्रवर्तित अटल विहार योजना रामनगर कांकेर में 354 नग विभिन्न श्रेणियों के भवनों का निर्माण एवं विकास कार्य किया जाना है। योजना के प्रारंभिक चरणों में 216 नग भवनों निर्माण कर विक्रय किया जा चुका है और 33 नग भवनों का निर्माण प्रगति पर है। जिले मे अटल विहार योजना के तहत कॉलोनी विकसित की गई, जो पूर्णताः की ओर है। उन्होंने बताया कि कॉलोनी का विकास कार्य भी पूर्णता की ओर है तथा निर्मित व विक्रित सभी भवनों में आबंटी निवासरत हैं। शेष 105 नग भवनों का निर्माण शीघ्र किया जाएगा, जिसका पंजीयन/बुकिंग जारी है। कांकेर शहर के भीतर विकसित कॉलोनी में भवन क्रय करने का यह अच्छा अवसर है। निर्माण हेतु प्रस्तावित भवनों जिनमें सीनियर एम.आई.जी. का ऑफसेट मूल्य 39.24 से 44.13 लाख के बीच है। इसी प्रकार जूनियर एम.आई.जी. भवनों का ऑफसेट मूल्य 30.35 लाख से 34.83 लाख रूपए है। भवनों की पंजीयन/बुकिंग भवन मूल्य का 10 प्रतिशत है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा अटल आवास योजना के तहत ग्राम कराठी भानुप्रतापपुर में कॉलोनी विकसित की गई है। योजना के प्रथम चरण में 126 नग अटल आवास भवनों का निर्माण कर विक्रय किया जा चुका है। निर्मित व विक्रित सभी भवनों में आबंटी निवासरत हैं तथा 87 नग ईडब्ल्यूएस भवनों का पंजीयन/बुकिंग जारी है। भानुप्रतापपुर में विकसित कॉलोनी में भवन क्रय करने का यह अच्छा अवसर है। ईडब्ल्यूएस भवन का ऑफसेट मूल्य 6.75 लाख रूपए तथा इसकी धरोहर राशि 25 हजार रूपए निर्धारित है। संपदा अधिकारी ने जानकारी दी है कि भवनों का आबंटन ऑनलाइन ऑफर के माध्यम से स्ववित्तीय आधार पर किया जाएगा। भवन क्रय करने हेतु किसी भी प्रकार की जानकारी हेतु मण्डल की वेबसाइट www.cghb.gov.in टोल फ्री नं. 18001216313 अथवा उपसंभाग कार्यालय इमलीपारा हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी कांकेर में या मोबाइल नं. +91-8109135551, +91-7697192220, +91-9770233073 से संपर्क किया जा सकता है।

रायपुर में शुरू हुई दामिनी एवं मेघदूत एप, अब आकाशीय बिजली और मौसम की पूरी खबर आपके मोबाइल पर

रायपुर दामिनी (Damini) भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक मोबाइल ऐप है जो लोगों को आकाशीय बिजली गिरने से पहले सचेत करता है, जिससे जान-माल की हानि को कम किया जा सके। यह ऐप मौसम विभाग के उपकरणों जैसे इसरो सैटेलाइट और रडार सेंसर का उपयोग करता है और उपयोगकर्ता के स्थान के 20-40 किलोमीटर के दायरे में बिजली गिरने से पहले अलर्ट भेजता है। इसी प्रकार मेघदूत ऐप एक मोबाइल एप्लिकेशन है जो किसानों को मौसम-आधारित कृषि सलाह देता है। यह ऐप किसानों को स्थानीय मौसम पूर्वानुमान, तापमान, वर्षा और आर्द्रता जैसी जानकारी के साथ-साथ फसल की सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक सलाह प्रदान करता है। भारत सरकार के दामिनी एप एवं मेघदूत एप के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए  हैं। प्रदेश में आए दिन आकाशीय बिजली की घटना घटित होने के कारण अधिक संख्या में जन एवं पशु हानि की सूचना प्राप्त होती है। दामिनी एप के माध्यम से आकाशीय बिजली का पूर्वानुमान में आवश्यक तैयारी, उपाय आदि की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसी तरह मेघदूत एप मुख्य रूप से मौसम पूर्वानुमान (तापमान, वर्षा की स्थिति, हवा की गति एवं दिशा इत्यादि)से संबंधित है, जिससे किसान अपने क्षेत्र की मौसम से संबंधित पूर्वानुमान की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।  आपदा के समय नागरिकों को तत्काल सहायता पहुँचाने हेतु जारी टोल फ्री आपदा सहायता नंबर 1070 के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं। एप के उपयोग के संबंध में जिला, तहसील तथा ग्रामों में निवासरत पटवारी, सरपंच, सचिव, शासकीय शिक्षक, आशा कार्यकर्ता के माध्यम से वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार तथा कोटवार के द्वारा मुनादी करवाकर मोबाइल फोन पर डाउनलोड करवाने के लिए जनसामान्य को जागरूक किया जाएगा। किसानों की फसलों का कवच बन रहा हैं मेघदूत एप मौसम विभाग में मेघदूत नाम का एक ऐप विकसित किया गया है जो किसान की फसलों का सुरक्षा कवच साबित हो रहा है। मेघदूत ऐप डिजिटल इंडिया के तहत किसानों को तकनीक से जोडने के लिए भारत सरकार द्वारा लांच किया गया है। इसका उपयोग बेहद सरल है, इसके माध्यम से मौसम की जानकारी के आधार पर किसानों को फसल जोखिम प्रबंधन से संबंधित सलाह मिलती है। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से किसानों को डाउनलोड करना होगा और फिर अपने मोबाइल नंबर से पंजीकरण करके मौसम की जानकारी का अलर्ट पा सकते हैं। आकाशीय बिजली से किसानों को दामिनी एप से मिलेगी सुरक्षा दामिनी एपके माध्यम से किसानों को आकाशीय बिजली से बचाव के तरीकों के संबंध में आधे घंटे पहले ही सूचना उपलब्ध हो जाएगी। इस एप पर रजिस्ट्रेशन करने के उपरांत किसान की लोकेशन के अनुसार उस स्थान से 40 किलोमीटर के दायरे में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी के बारे में ऑडियो संदेश एवं एसएमएस के माध्यम से अलर्ट मिलेगा।

श्यामा को मिली नई पहचान, सेंट्रिंग प्लेट के व्यवसाय से हर महीना 50 हजार की आय

आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर: रायपुर की श्यामा सिंह बनीं ‘लखपति दीदी’, बनीं कई महिलाओं की रोल मॉडल रायपु कभी आर्थिक तंगी से जूझने वाली सरगुजा जिले के ग्राम पंचायत नवानगर की श्रीमती श्यामा सिंह आज अपने क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन आज ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ा रहा है। बिहान योजना के माध्यम से लखपति दीदी श्रीमती श्यामा सिंह ने अपने जीवन में आर्थिक संबल की नई राह बनाई है।          हर बहन-बेटी अच्छी तरह जानती है कि जब वो कमाने लगती है तो कैसे उसका अधिकार बढ़ जाता है। घर-परिवार में उसका सम्मान बढ़ जाता है। जब किसी बहन की कमाई बढ़ती है तो परिवार के पास खर्च करने के लिए पैसे भी ज्यादा जुटते हैं। एक बहन का भी लखपति दीदी बनना, पूरे परिवार का भाग्य बदल रहा है।  श्रीमती श्यामा की लखपति दीदी सफर          सरगुजा जिले की श्रीमती श्यामा, विकास महिला स्वयं सहायता समूह की सक्रिय सदस्य हैं, जो महामाया आजीविका संगठन और रोशनी आजीविका संघ, दरिमा क्लस्टर के अंतर्गत कार्यरत है। वे बताती हैं कि पहले उनके पास कोई काम नहीं था, न ही स्थायी आमदनी का कोई साधन था। उन्होंने बताया कि बिहान योजना से जुड़ने के बाद उन्हें काफी आत्मविश्वास मिला जिससे आर्थिक सशक्तिकरण की राह भी खुली। इस योजना के तहत उन्हें समूह बैठकों और प्रशिक्षण शिविरों में विभिन्न आजीविका गतिविधियों की जानकारी दी गई। इसी दौरान उन्हें सेंट्रिंग प्लेट के व्यवसाय के बारे में भी बताया गया, श्यामा ने अपने समूह से 95 हजार रुपए का ऋण लेकर 30 सेंट्रिग प्लेट के साथ व्यवसाय की शुरुआत की। शुरुआत में काम छोटा था, पर मेहनत और लगन से आज उन्होंने इस कार्य को एक सफल व्यवसाय में बदल दिया है। श्रीमती श्यामा की हर महीने 50 हजार रुपए आमदनी          आज उनके पास पांच रूम का पूरा सेटअप जिसमें 152 सेंट्रिग प्लेट है। लखपति दीदी श्रीमती श्यामा सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के स्वीकृत आवासों में सेट्रिंग प्लेट किराए पर दिया जा रहा है, जिससे हर महीने लगभग उन्हें 50 हजार रुपए तक की आमदनी हो रही है। उनका कहना है कि पहले मेरे पास कोई भी रोजगार नहीं था। बिहान योजना से जुड़ने के बाद मुझे प्रशिक्षण मिला, आत्मविश्वास बढ़ा और मैंने खुद का काम शुरू किया। आज मैं अपने परिवार का सहारा बन चुकी हूँ। उन्हें  प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2024-25 में आवास की भी स्वीकृति मिली, जो कि निर्माणाधीन है, जिससे उनकी खुशी दोगुनी हो गई है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया। महिला सशक्तिकरण मिसाल          लखपति दीदी श्रीमती श्यामा सिंह का यह सफर न केवल उनके आत्मविश्वास और मेहनत की कहानी है, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं की सशक्तिकरण यात्रा का सजीव उदाहरण है। बिहान योजना के माध्यम से ऐसी हजारों महिलाएं अपने गांवों में स्वरोजगार स्थापित कर रही हैं, जिससे न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर रही है बल्कि गांव के अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिल रही है।

कोहरे के कारण 66 दिन तक नहीं चलेगी सारनाथ एक्सप्रेस, यात्रियों को झटका

रायपुर  उत्तर भारत में ठंड के मौसम में घने कोहरे की आशंका को देखते हुए रेलवे ने दुर्ग-छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस को तीन महीनों में कुल 66 दिन रद्द करने का फैसला लिया है।यह ट्रेन 1 दिसंबर 2025 से 15 फरवरी 2026 तक अलग-अलग तिथियों में दोनों दिशाओं से नहीं चलेगी। इससे प्रयागराज, बनारस और छपरा जाने वाले यात्रियों की यात्राएं प्रभावित होंगी, क्योंकि यह ट्रेन उन मार्गों की प्रमुख कनेक्टिविटी मानी जाती है। उत्तर पूर्व रेलवे ने 15159 (छपरा-दुर्ग) और 15160 (दुर्ग-छपरा) सारनाथ एक्सप्रेस की सेवाएं कोहरे के पूर्वानुमान के आधार पर स्थगित करने का निर्णय लिया है। निर्धारित तिथियों के अलावा अन्य दिनों में यह ट्रेन सामान्य समय-सारणी के अनुसार चलती रहेगी। इन तारीखों पर नहीं चलेगी ट्रेन छपरा से दुर्ग आने वाली सारनाथ एक्सप्रेस (15159) – दिसंबर: 1, 3, 6, 8, 10, 13, 15, 17, 20, 22, 24, 27, 29, 31 – जनवरी: 3, 5, 7, 10, 12, 14, 17, 19, 21, 24, 26, 28, 31 – फरवरी: 2, 4, 7, 9, 11, 14 दुर्ग से छपरा जाने वाली सारनाथ एक्सप्रेस (15160) – दिसंबर: 2, 4, 7, 9, 11, 14, 16, 18, 21, 23, 25, 28, 30 – जनवरी: 1, 4, 6, 8, 11, 13, 15, 18, 20, 22, 25, 27, 29 – फरवरी: 1, 3, 5, 8, 10, 12, 15 रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि यात्रा की योजना बनाते समय इन तिथियों की जांच अवश्य करें। जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक ट्रेनों की बुकिंग समय पर करा लें, ताकि यात्रा में बाधा न आए।

सेमरा में 23-24 अक्टूबर को जिला स्तरीय पशु-पक्षी प्रदर्शनी और प्रतियोगिता का आयोजन

गौरेला पेंड्रा मरवाही पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के सौजन्य से जिला स्तरीय पशु पक्षी प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता का आयोजन ग्राम सेमरा में स्वामी आत्मानंद स्कूल के पास 23 और 24 अक्टूबर को सुबह समय 10 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक आयोजित किया जा रहा है। प्रतियोगिता में सभी कृषको एवं पशुपालको से आग्रह किया गया है कि अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाएं। 23 अक्टूबर को प्रदर्शनी का उद्घाटन, वतस्य एवं कृषकों से परिचर्चा होगी। 24 अक्टूबर को विभिन्न प्रजाति, नस्ल, आयु समूह तथा उपयोगिता आधारित पशु पक्षी प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें दुधारू गाय भैंस प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, उन्नत बछिया प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, स्वस्थ बछड़ा बछिया प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, सांड प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, बैल भैंस प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, मुर्गी बतख, जापानी बटेर पक्षी प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, उन्नत बकरा बकरी प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, उन्नत सूकर प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता और विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार  विजेताओं को वितरण किया जाएगा।

मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बुजुर्गों के साथ मनाई खुशियों भरी दीवाली

ममता और स्नेह के दीपों से झिलमिलाया वृद्धाश्रम, बुजुर्गों के चेहरों पर लौटी मुस्कान रायपुर, दीपावली के अवसर पर महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने माना रायपुर स्थित  वृद्धाश्रम पहुँचकर वहाँ निवासरत वरिष्ठ नागरिकों के साथ दीवाली पर्व की खुशियाँ साझा कीं। उन्होंने स्वयं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की और बुजुर्गों को मिठाई, नए वस्त्र एवं उपहार प्रदान किए। वृद्धजनों के बीच बैठकर उन्होंने आत्मीय संवाद किया और उनके स्वास्थ्य तथा आवश्यकताओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि हमारे ये वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज की अमूल्य धरोहर हैं। इनके अनुभव और आशीर्वाद से ही समाज की नींव मजबूत होती है। शासन का प्रयास है कि वृद्धजन सम्मानपूर्वक और आत्मसम्मान के साथ जीवन व्यतीत करें। कार्यक्रम के दौरान वृद्धाश्रम परिसर को दीपों और रंगोलियों से सजाया गया था। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों ने मिलकर बुजुर्गों के साथ दीप जलाए।      मंत्री राजवाड़े ने वृद्धाश्रम में उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि बुजुर्गों की देखभाल में किसी प्रकार की कमी न रहे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार वृद्धजनों के कल्याण हेतु वृद्धजन सेवा योजना, पेंशन सुविधा, स्वास्थ्य जांच शिविर, मानसिक-सामाजिक परामर्श केंद्र जैसी योजनाओं का प्रभावी संचालन कर रही है। राजवाड़े ने कहा कि दीवाली केवल दीपों का पर्व नहीं, बल्कि संवेदनाओं को साझा करने का अवसर है। उन्होंने युवाओं से भी अपील की कि वे इस पावन पर्व पर अपने आसपास के बुजुर्गों से मिलें, उनका आशीर्वाद लें और उन्हें अपनत्व का अहसास कराएँ।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धरती आबा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कलेक्टर चंदन त्रिपाठी को किया सम्मानित

रायपुर, देश की राजधानी नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ‘राष्ट्रीय कॉन्क्लेव ऑन आदि कर्मयोगी अभियान’ में छत्तीगसढ के कोरिया जिले ने एक बार फिर अपनी विकास यात्रा से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित इस भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कोरिया जिले की कलेक्टर चंदन त्रिपाठी को सम्मानित किया। इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम एवं राज्यमंत्री दुर्गा दास उइके भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा को भी राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति के हाथों सम्मान प्राप्त हुआ। 154 जनजातीय ग्रामों में विकास की नई मिसाल ‘धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के अंतर्गत कोरिया जिले के 154 जनजाति बहुल ग्रामों,  बैकुंठपुर ब्लॉक के 138 और सोनहत ब्लॉक के 16 ग्रामों में लगभग 38 हजार जनजातीय परिवारों को शासन की 17 विभागों की 25 योजनाओं का लाभ दिलाया गया है। शिविरों और डोर टू डोर अभियानों के माध्यम से लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड, पीएम जन धन योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम उज्जवला, जाति-निवास प्रमाण पत्र, वनाधिकार पट्टा, राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम आवास योजना, सिकल सेल टेस्टिंग, सुकन्या समृद्धि योजना तथा पीएम विमान बीमा योजना जैसे योजनाओं से जोड़ा गया। समयबद्ध क्रियान्वयन और मैदानी स्तर पर नवाचारों के चलते यह पहल जनसहभागिता का प्रतीक बनी है। राष्ट्रीय स्तर पर नवाचारों की सराहना छत्तीसगढ के कोरिया जिले के जनजातीय अंचलों में किए जा रहे प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना जिले के लिए गर्व की बात है। यह सम्मान नवाचार, जनसहभागिता और सतत विकास की दिशा में कोरिया की उपलब्धियों का प्रतीक है। बस्तर से सरगुजा तक हर जनजातीय परिवार को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए- साय  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा श्यह सम्मान हमारे उन कर्मयोगियों की पहचान है जिन्होंने जनजातीय सशक्तीकरण को धरातल पर साकार किया है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बस्तर से सरगुजा तक हर जनजातीय परिवार को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए और उन्हें हर स्तर पर सशक्त किया जाए। योजनाओं की रोशनी को जन-जन तक पहुंचाना ही सुशासन छत्तीसगढ़ शासन में आदिम जाति विकास मंत्री एवं कोरिया जिले के प्रभारी मंत्री रामविचार नेताम ने कहा यह उपलब्धि हमारे अधिकारियों, फील्ड स्टाफ और जनप्रतिनिधियों की मेहनत का परिणाम है, जिन्होंने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद योजनाओं की रोशनी को जन-जन तक पहुँचाया है, उन्होंने कहा कि जन-जन तक योजनाओं को पहुंचाना व लाभ मिलना ही सुशासन है।